युपी टेट और एक सुखद सुबह का आसार
(UPTET - Article by Mr Subhan)
कहते है की जब मंजिल करीब होती है तब गलती करने की सम्भावना बढ़ जाती है . आज युपी टेट वालों को कुछ इसी तरह की परिश्तिथियों का सामना करना पर रहा है.
कल कन्नौज की जनसभा में युपी टेट अभ्यर्थियों के लिए मानिये मुख्मंत्री अखिलेश सिंह यादव जी के मुख से निकले वाक्य "टेट अभ्यर्थी आन्दोलन न करें, हम उनकी मदद करने जा रहे हैं " , ने निश्चित रूप में इस तपती गर्मी में ठंडी हवा के झोंके के सामान रहत पहुचाई है. निश्चित रूप से ये मुख्या मंत्री की इच्छा शक्ति ही पर्दर्शित करती है.
युपी टेट सर्व प्रथम मानिये मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद् देना चाहेंगे की देर से सही उन्होंने हमारी पीर को समझा और हमें न्याय देने की तरफ पहला कदम बढाया जोकि युपी की समाजवादी सलकर का एक सराहनीये कदम है. सर्कार के इस कदम से निश्चित रूप उन 270000 परिवारों की दुआवों का लाभ इस समाजवादी सर्कार को अवश्य मिलेगा जो आने वाले लोकसभा चुनाव में इन्हें देखने को मिलेगा.
यहाँ हम ये भी कह सकते हैं की मुख्मंत्री का ये कदम राजनीती से पेरेरित हो सकता है. लेकिन हमें ये भी नहीं भोलना चाहिए की सर्कार पर कई तरफ से दबाव भी है फिर चाहे वो केंद्र सरकार का वेतन न देना, शिक्षा का अधिकार, sikhshakon की कमी आदि. हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए की ये वही सर्कार है जिसने मायावती के फैसलों को पलटने में जरा भी देर नहीं लगाई.
कुछ लोगों में ये भी confusion है की मुख्या मंत्री द्वारा गतिठ कमिटी को हरी झंडी मिली. दोस्तों हरी झंडी हमेशा सकारात्मक का परतीक होता है.
युपी टेट अभ्यर्थी समाजवादी सरकार के दुश्मन नहीं हैं ;क इन्हें किसी पागल कुत्ते ने नहीं कटा है की ये आये दिन सर्कार की कानून व्यवस्था को बिगारने लखनऊ में आ जाते हैं. निश्चित रूप से ये इन्सान की पर्वृति में होता है की जो उसे रोजी-रोटी का सहारा देता है वो उसका उधारी बनकर जीवन भर उनका गुर-गान करता है और वहीँ दूसरी ओर जो इन्सान उसके पेट पर लत मारता है, उसे वो जिंदगी भर माफ़ नहीं करता है.
युपी टेट अभ्यर्थी उन युपी टेट परतिनीधियों का भी धन्यवाद् देना चाहेंगे जिन्होंने हमेशा हमारी उर्जा को जीवित रखने के लिए समय-समय पीजे आवश्यक कार्य किये और इतना बड़ा आन्दोलन तथा संगठन खड़ा करके दिखा दिया. यधपि उन्हें उन शेर की खालों में छिपे गिद्रों से तरह-तरह की नकारात्मक बातें भी सुनने को मिलती रहीं लेकिन हमारे पर्तिनिधियों ने न तो उन गिदारों की बातो को सुना और उनको पहचान कर उन्हें बहार का रास्ता भी दिखाया और अपने रास्तों पर से कभी भी विचलित नहीं हुए.
मुझे लखनऊ का वो पहला अनशन आज भी याद है जब उन 8 टेट पर्तिनिधियों को प्रशासन की तरफ से ये धमकी मिली की ये 270000 भले अध्यापक बन जाये पर हम लोग तुम 8 लोगों को अध्यापक नहीं बनने देंगे. मै होता तो शायद किनारा पकड़ लेता पर ये डटें रहें. आप लोगों का ये योगदान हमेशा याद रखा जायेगा.
मीडिया ने भी हमें जगाने का काम किया. विशेष तौर पर अमर उजाला जिन्हें हम टेट वाले प्यार से अमर उछाला भी कहते हैं , ने हमें नींद से जगाने , संगठन बनाने और इतना बड़ा आन्दोलन करने में विशेष योगदान दिया. अब ये मत पूछिएगा की कैसे क्यूंकि ये हम टेट वाले ही जानते हैं.
और लास्ट बट नॉट डा लीस्ट मुस्कान जी का भी धन्यवाद् करना चाहेंगे जिन्होंने अपनी मेहनत से इतने व्यापक ब्लॉग डीके संचालन पूरी सफलता के साथ किया. निश्चित रूप से मुस्कान जी योगदान अति महत्व पूर्ण हैं.
युपी टेट प्रतिनिधिओं के लिए कुछ सुझाव :
(1) हमें अति शीघ्र मानिये मुख्या मंत्री जी को प्रदेश स्तर पर यूपी के प्रत्येक जिलों से युपी टेट अभ्यर्थी को जहात देने के लिए उन्हें एक बधाई एवं धन्यवाद् पत्र, ज्ञापन के रूप में भेजना चाहिए.
(२) प्रत्येक जिले में मीटिंग करके मीडिया के माध्यम से मुख्मंत्री जी को धन्यवाद् देना चाहिए जिस तरह शिक्षा मित्रो ने किया था और आज सरकार उनके साथ क्या कर रही है ये किसी से छुपा नहीं है .
(३) शिक्षा मित्रो से हमारी कोई लड़ाई नहीं है. सरकार उन्हें अगर नियमित कर रही है तो हमें उससे कोई आपति नहीं है.
(४) अति शीघ्र प्रत्येक जिलों को मीटिंग प्रदेश स्तर इज बुलाई जाये.
(५) युपी टेट अभ्यर्थी कृपया भरकाने वाले तत्वों से अपने को बचा कर रखें तथा प्रतिनिधिओं की बात ही सुने.
(६) हमें ये समझना चाहिए की जब सूबे का मुख्यमंत्री भरी सभा के बीच इस तरह का वाक्य बोलता है तो कहीं कहीं हमारे लिए ये एक मेसेज है की हमारे लिए कुछ अच्छा होने जा रहा है.
उक्त बातों पर विशेष रूप से ध्यान दें. ये समय थोरा सा माहोल को समझने का है. एक बने रहिये क्यूंकि हमारी एकता में ही हमारी जीत है जोकि बहुत करीब आ चुकी है. बस हमें अपना सययम बना कर रखना है.
धन्यवाद्
आपका अपना साथी
सुभानाल्लाह (सुभान )
गोरखपुर
9935907083