PSTET : तीसरे दिन भी टंकी पर डटे रहे
रोजगार की मांग कर रहे टीईटी पास बेरोजगार अध्यापकों का आंदोलन मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। नतीजतन तीसरे दिन भी दो दर्जन अध्यापक लहरा धूरकोट की वाटर वर्क्स की टंकी पर डटे रहे, जबकि अन्य साथियों का बठिंडा-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे पर धरना-चक्का जाम भी जारी रहा।
उधर, जहां 17 किसान मजदूर समेत विभिन्न संगठनों ने अध्यापकों के संघर्ष का समर्थन किया है, वहीं गांव लहरा धूरकोट के इलाके की दो अन्य पंचायतों में इस संघर्ष के प्रति रोष पनपने लगा है। वहीं आज इस संघर्ष में अध्यापकों के अभिभावकों ने भी शिरकत की। बताया जाता है कि पानी की टंकी पर चढ़े हर्ष कुमार खन्ना की प्रचंड गर्मी के चलते तबीयत बिगड़ गई।
चक्का जाम किए बैठे अध्यापकों को संबोधित करते हुए यूनियन के चेयरमैन अमनदीप, महासचिव रघवीर एवं कोर कमेटी सदस्य प्रिंस अरोड़ा ने दोहराया कि जब तक अध्यापक परीक्षा पास अध्यापकों को नियुक्ति पत्र देने का भरोसा नहीं दिया जाता अथवा मुख्यमंत्री स्तर की बातचीत तय नहीं होती, उनका संघर्ष जारी रहेगा। यूनियन ने सरकार को चुनौती देते कहा कि अगर सरकार का खजाना खाली है तो बिना वेतन भी तीन-तीन महीने नौकरी करने को तैयार हैं।
भाकियू के प्रांतीय नेता बूटा सिंह बुर्ज गिल, लोक मोर्चा के महासचिव जगमेल सिंह व किसान नेता काका कोटड़ा ने कहा कि सरकार अध्यापकों के मसले का तुरंत निराकरण करे। इधर तीन गांवों की पंचायतों ने आवाजाही बहाल करने की मांग उठाई है। सरपंच प्रीतम सिंह, सरपंच सुखपाल सिंह, सरपंच राजपाल सिंह, मेंबर पंचायत निरंग सिंह, नंबरदार मलकीत सिंह आदि के हस्ताक्षरयुक्त इस मांग पत्र में उन्होंने अपनी तकलीफ बताते कहा कि सड़क जाम होने से भारी वाहन गांव की गलियों से गुजर रहे हैं जिससे गांव की पुलियों, गलियों का नुकसान हो रहा है, वहीं बड़ा हादसा की आशंका भी बराबर बनी हुई है।
News : Jagran (5.6.12)