माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक रिमांड पर(UPTET : Former Director, MSP Sanjay Mohan on Police Remand)
कानपुर, हमारे संवाददाता: टीईटी में कथित रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किए गये माध्यमिक शिक्षा परिषद उ.प्र. के पूर्व निदेशक संजय मोहन को पूछताछ व रुपयों की बरामदगी के लिए अकबरपुर पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया है। उनकी जमानत प्रार्थना पत्र भी अदालत में दाखिल किया गया, जिस पर 18 फरवरी को सुनवाई होगी।
अकबरपुर पुलिस ने पूर्व निदेशक को तीन दिन के रिमांड पर लेने के लिए गुरुवार को जिलाजज रमाबाई नगर अली जामिन की अदालत में प्रार्थनापत्र दिया। पुलिस ने दलील दी कि 12 फरवरी को आरोपी पूर्व निदेशक के बयान लिए गए थे जिसमें उन्होंने टीईटी के अभ्यर्थियों से लिए गये 35 लाख रुपये और बरामद कराने के साथ ही घूसकांड में शामिल शिक्षा विभाग के दूसरे बड़े अधिकारियों के नामों का खुलासा करने की भी बात कही थी, लिहाजा रुपयों की बरामदगी व शिक्षा विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता के बारे में पूछताछ जरूरी है। बचाव पक्ष की ओर से लखनऊ बेंच के अधिवक्ता उपस्थित हुए और अपना पक्ष रखने की गुजारिश की, जिस पर डीजीसी क्रिमिनल शंभूनाथ यादव ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पुलिस रिमांड पर सुनवाई के वक्त मुलजिम को सुने जाने का अधिकार नहीं है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि अभियुक्त को अपना अधिवक्ता रखने का अधिकार है। इस पूरे मामले पर सुनवाई के बाद अदालत ने पूर्व निदेशक संजय मोहन को दो दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया। इस दौरान उनके साथ एक अधिवक्ता भी मौजूद रहेगा। पुलिस शुक्रवार सुबह उन्हें माती जेल से निकालेगी और 19 फरवरी की सुबह 8 बजे तक उन्हें जेल में दाखिल कर दिया जाएगा।
कानपुर, हमारे संवाददाता: टीईटी में कथित रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किए गये माध्यमिक शिक्षा परिषद उ.प्र. के पूर्व निदेशक संजय मोहन को पूछताछ व रुपयों की बरामदगी के लिए अकबरपुर पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया है। उनकी जमानत प्रार्थना पत्र भी अदालत में दाखिल किया गया, जिस पर 18 फरवरी को सुनवाई होगी।
अकबरपुर पुलिस ने पूर्व निदेशक को तीन दिन के रिमांड पर लेने के लिए गुरुवार को जिलाजज रमाबाई नगर अली जामिन की अदालत में प्रार्थनापत्र दिया। पुलिस ने दलील दी कि 12 फरवरी को आरोपी पूर्व निदेशक के बयान लिए गए थे जिसमें उन्होंने टीईटी के अभ्यर्थियों से लिए गये 35 लाख रुपये और बरामद कराने के साथ ही घूसकांड में शामिल शिक्षा विभाग के दूसरे बड़े अधिकारियों के नामों का खुलासा करने की भी बात कही थी, लिहाजा रुपयों की बरामदगी व शिक्षा विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता के बारे में पूछताछ जरूरी है। बचाव पक्ष की ओर से लखनऊ बेंच के अधिवक्ता उपस्थित हुए और अपना पक्ष रखने की गुजारिश की, जिस पर डीजीसी क्रिमिनल शंभूनाथ यादव ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पुलिस रिमांड पर सुनवाई के वक्त मुलजिम को सुने जाने का अधिकार नहीं है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि अभियुक्त को अपना अधिवक्ता रखने का अधिकार है। इस पूरे मामले पर सुनवाई के बाद अदालत ने पूर्व निदेशक संजय मोहन को दो दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया। इस दौरान उनके साथ एक अधिवक्ता भी मौजूद रहेगा। पुलिस शुक्रवार सुबह उन्हें माती जेल से निकालेगी और 19 फरवरी की सुबह 8 बजे तक उन्हें जेल में दाखिल कर दिया जाएगा।