/* remove this */

Monday, August 12, 2013

UPTET 2011 : टीईटी 2011 : 14 अगस्त की सुनवाई पर टिकी निगाहें


UPTET 2011 : टीईटी 2011 : 14 अगस्त की सुनवाई पर टिकी निगाहें

UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News



लंबित 72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला

इलाहाबाद हाईकोर्ट में ‘आर्डर’ सेक्शन की सूची में पहुंची सुनवाई

  बड़ौत : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी 2011) की मेरिट पर आधारित परिषदीय विद्यालयों में लंबित सहायक अध्यापक के रिक्त 72,825 पदों की भर्ती पर सुनवाई अंतिम चरण में है। आगामी 14 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट में डबल बेंच में होनी वाली सुनवाई पर हजारों अभ्यर्थियों की नजरें टिकी हैं। 1रविवार को पंचमुखी मंदिर में आयोजित प्रेसवार्ता में टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट में इस प्रकरण की सुनवाई अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। पूर्व में सुनवाई कर रही डबल बेंच से मामला दूसरी बेंच को स्थानांतरित होने के बाद इस प्रकरण पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। कोर्ट की सूची में ऑर्डर सेक्शन में लगे इस केस की सुनवाई गत छह अगस्त को नहीं हो पाई थी और आगामी तिथि 14 अगस्त दे दी गई थी

कहा कि हाल ही में पीसीएस भर्ती पूर्व विज्ञप्ति के आधार पर ही किए जाने से संबंधित आए कोर्ट के निर्णय के बाद हमारा पक्ष ओर मजबूत हुआ है और मेरिट पर आधारित टीईटी भर्ती के बहाल होने का पुख्ता आधार बना है। गौरतलब है कि बसपा सरकार ने शिक्षक भर्ती के चयन का आधार टीईटी की मेरिट को बनाया था, जबकि सपा सरकार ने इसमें परिवर्तन करते हुए इसे शैक्षिक आधार पर करने की नई विज्ञप्ति जारी की थी। इसके विरोध में अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए थे

मोर्च की आगामी बैठक 18 को

टीईटी संघर्ष मोर्च के जिला उपाध्यक्ष राम मेहर सिंह ने बताया कि मोर्च की बैठक 18 अगस्त को पंचमुखी मंदिर में आयोजित की जाएगी। इसमें10 सितंबर को लखनऊ में होने वाली प्रदेशव्यापी धरने पर विमर्श किया जाए


News Sabhaar : जागरण (12.8.13)

Read more...

TNTET : TET aspirants write to CM for marks relaxation


TNTET : TET aspirants write to CM for marks relaxation

Tamilnadu TET |Teachers Eligibility Test|Compulsory Education Act | RIght To Education Act | TNTET

Around 900 candidates appearing for this year’s Teacher Eligibility Test (TET) wrote to Chief Minister J Jayalalithaa to grant them relaxation of marks, in Chennai on Sunday. The candidates were at the valedictory event of the training programme for the SC/ST candidates appearing for the teacher eligibility test (TNTET) 2013 organised by the State Platform for Common School System (SPCSS) in association with the Tamil Nadu Untouchability Eradication Front (TNUEF) Dr Ambedkar Education - Employment Training Centre.

Speaking at the event, former director of the Directorate of Teacher Education, Research and Training A Panneerselvam said that earning high marks for the examination could not determine whether a candidate became a good teacher or not. A person becomes a good teacher only through practice, he said.

“What good is a test which has a pass percentage of less than 1 per cent?” he said referring to the TET. He said that teaching is a combination of psychological, social and various other soft skills and goes far beyond academics and marks.

He urged the candidates to strive to be good teachers and give special attention to first generation learners. These students will find it more challenging to grasp the lessons and the teachers will have to teach them several times to get the ideas through to them. He said that teachers play a key role in moulding great personalities. Many of the greatest personalities, from Ambedkar to Abdul Kalam, hold their teachers as their greatest role models, he said.

T K Rangarajan, MP, felicitated the resource persons at the training programme. He pointed out that education standards were going down with growing commercialisation. Teachers find it hard to even clear the doubts raised by students. Going to classes without planning or preparation has become a common practice among teachers, he said.

Though meant for the SC/ST students, the training programme included teachers from other castes in a 75:25 ratio.

TNUEF stated that the classes were open for all candidates who came forward to eradicate untouchability and annihilate caste.


News Source / Sabhhar : newindianexpress.com (12th August 2013)

Read more...

UPTET : टीईटी बेरोजगार मुखर, 10 को घेरेंगे विधानसभा


UPTET : टीईटी बेरोजगार मुखर, 10 को घेरेंगे विधानसभा


   

बस्ती: वर्तमान प्रदेश सरकार खुद को युवाओं को हितैषी बताकर अपने राजनीतिक स्वार्थ हल करने में लगी है। उसे युवा वर्ग के रोजगार के मुद्दे पर कोई पहल करने की नही सूझ रही है। यह बातें रविवार को टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगार संघर्ष मोर्चा की किसान डिग्री कालेज में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के जिलाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने कहा।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के प्रति सरकार की नीयत साफ नही है। यही कारण है प्राथमिक शिक्षा का स्तर नीचे गिर रहा है। 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2010 से आज तक पूरी नही हो पाई। जल्द प्रक्रिया शुरू होने पर मोर्चा द्वारा आगामी लोक सभा चुनाव में सपा सरकार का हर स्तर पर विरोध करेंगे।

साथ ही मोर्चा के लोगों से आगामी 10 सितंबर को लखनऊ में होने वाले धरना प्रदर्शन के लिए तैयार रहने की अपील की।

इस दौरान प्रमुख रूप से विनय पांडेय, राजेश पांडेय, विद्या सागर चौधरी, उमाशंकर अग्रहरी, बलराम यादव, अरविंद कुमार चौधरी, मो. इकबाल, राजेश कुमार यादव, उमेश चंद्र श्रीवास्तव, श्याम कुमार मौर्या, रवींद्र कुमार मौर्य, धर्मेद्र चौधरी, विवेक पांडेय, विनय पांडेय, शेषमणि, श्याम लाल पटेल आदि मौजूद रहे

News Sabhaar : Jagran (11.8.13)




Read more...

RTET Bumper Recruirment 20000 Vacancies: तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन चार सितंबर तक


RTET Bumper Recruirment 20000 Vacancies: तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन चार सितंबर तक

RTET / Rajasthan Teacher Eligibility Test News 

Grade 3rd Teacher Recruitment Last Date To Apply : 4 September 2013

बीकानेर। पंचायतराज विभाग ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 20 हजार पदों पर भर्ती के लिए ऑन लाइन आवेदन मांगें है। आवेदन की अंतिम तिथि चार सितंबर, 2013 रखी गई है। जिला परिषदों के जरिये होने वाली सीधी भर्ती प्रतियोगी परीक्षा-2013 के तहत बीकानेर जिले में 876 पदों के लिए परीक्षा होगी। जिसमें प्रथम स्तर में 437 और द्वितीय स्तर में 439 पदों के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगें गए है।

ऑन लाइन आवेदन की अंतिम तिथि चार सितंबर रात 12 बजे तक है मगर आवेदक को अंतिम तिथि से दो दिन पहले दो सितंबर शाम छह बजे तक परीक्षा शुल्क जमा करवा सकेंगे। कम से कम 18 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष आयु वर्ग के अभ्यर्थी भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे। आयु सीमा का आंकलन एक जनवरी, 2014 से किया जाएगा। आयु सीमा में छूट की जानकारी विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है



प्रदेश में बहुप्रतीक्षित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी। पंचायती राज विभाग ने प्रदेशभर में करीब 20 हजार पदों पर जिला परिषदों के जरिए आवेदन मांगे हैं। इसमें तृतीय श्रेणी अध्यापक के प्रथम स्तर के लिए 11 हजार और दूसरे स्तर के लिए 9 हजार पद तय किए है।

जोधपुर में सर्वाघित 2117 पदों पर भर्ती होगी। वहीं जयपुर जिले के लिए 953 पद निर्घारित किए गए है। जयपुर जिला परिषद ने तो रविवार शाम भर्ती का विज्ञापन भी जारी कर दिया। जयपुर में प्रथम स्तर के 489 व द्वितीय स्तर के 464 पद हैं। जयपुर में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू होगी, जो 4 सितम्बर तक चलेगी।

विभागीय सूत्रों के अनुसार जोधपुर के बाद बाड़मेर को भर्ती में प्राथमिकता पर रखा गया है। यहां 1696 पदों पर भर्ती होगी। इसके अलावा अजमेर में 329, टोंक 346, भीलवाड़ा 809, नागौर 840, कोटा 283, बारां 509, बूंदी 380, झालावाड़ 424, सीकर 245, दौसा 385, अलवर 918, भरतपुर 551, धौलपुर 1055, करौली 406, सवाईमाधोपुर 258, बीकानेर 876, चूरू 493, झुंझुनूं 200, श्रीगंगानगर 535, हनुमानगढ़ 344, पाली 393, जैसलमेर 424, जालोर 762, सिरोही 233, उदयपुर 1216, राजसमन्द 470, चित्तौडगढ़ 339, प्रतापगढ़ 354, डूंगरपुर 389 व बांसवाड़ा में 468 पदों पर भर्ती तय की गई है

Read more...

Plus 2 Shikshak Niyojan Bihar : Apply from 8th to 22nd August 2013


Plus 2 Shikshak Niyojan Bihar : Apply from 8th to 22nd August 2013



Read more...

BETET / STET News Bihar : 22 सितम्बर को होगी उर्दू की TET


BETET / STET News Bihar : 22 सितम्बर को होगी उर्दू की TET

STET  / BETET / Bihar Teacher Recruitment / Recruitment   


Read more...

Sunday, August 11, 2013

DOWNLOAD Your TGT And PGT ADMIT CARD http://upsessb.org/


UP TGT PGT / UPSESSB / UPMSSCB Recruitment Exam 2013

DOWNLOAD Your TGT And PGT ADMIT CARD--

http://upsessb.org/main/admit_card





T.G.T. Final Examination Date Advertisement No. 2/2011 25 August & 01 September 2013, P.G.T. Final Examination Date Advertisement No. 3/2011 08 September 2013.New - 
-


Uttar Pradesh Educationn Services Selection Board - TGT (Trained Graduate Teacher) Exam Scheme :-



Uttar Pradesh Educationn Services Selection Board - PGT (Post Graduate Teacher) Exam Scheme :-


See details here - http://upsessb.org/content/Examination%20Date%20TGT,%20PGT.jpg



See Your PGT Application Details Here :


***********************
See Your TGT Application Details Here :

***********************

Your TGT Application Rejected Form Details



********************
Likely Reason  to be rejected PGT applicants.

1. Blank DOB

2. Blank Center

3. No adv subject

4. No bank draft

5. No photo

6. Under age

http://upsessb.org/main/pgtreject
**************

List of likely reasons to be rejected TGT applicants.



************************

Read more...

BETET : महिलाओं के खाली पदों पर बहाल होंगे पुरुष शिक्षक


BETET : महिलाओं के खाली पदों पर बहाल होंगे पुरुष शिक्षक


STET  / BETET / Bihar Teacher Recruitment / Recruitment   


पटना : राज्य में नियोजन इकाइयों की लापरवाही एवं लेट-लतीफी से 1.68 लाख प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति में मजे कीदेरी हो रही है। ऊपर से एक नई मुसीबत यह कि महिला आरक्षित सीटों के लिए उम्मीदवारों की कमी सामने आ रही है। महिला आरक्षित कुल 84 हजार पद हैं। इसके विरुद्ध मात्र 37 हजार महिला अभ्यर्थी ही उपलब्ध हो पायी हैं। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि शेष 47 हजार रिक्तियों को पुरुष शिक्षकों से भरा जाएगा। इस संबंध में विभागीय स्तर पर प्रस्ताव तैयार है और उस पर शिक्षा मंत्री पीके शाही से मंजूरी भीमिल गई है।
राज्य सरकार ने शिक्षक नियोजन में 50 फीसद सीट महिलाओं के लिए आरक्षित कर रखी है। मगरमहिलाओं उम्मीदवारों की कमी से करीब 65 फीसद पद खाली रह जा रहे हैं। प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा के मुताबिक महिला आरक्षित खाली पदों को उसी आरक्षित कोटि के पुरुष अभ्यर्थियों से भरा जाएगा। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का आदेश भी है-यदि आरक्षित सीटों पर उम्मीदवार नहीं आते हैं तो उन पदों को सामान्य कोटि के उम्मीदवारों से भरा जाए। इसलिए प्रस्ताव पर विधि विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। इसके बाद महिला आरक्षित शेष खाली पदों को पुरुष अभ्यर्थियों से भरा जाएगा। इस संबंधमें जल्द ही विभागीय निर्देश नियोजन इकाइयों को दिया जाएगा।
उनके मुताबिक शिक्षकों के कुल 1.68 लाख पदों के विरुद्ध 1.05 लाख पद भर लिये जाएंगे। इसमें सरकार का प्रयास यह है कि महिला आरक्षित पदों को हर हाल में भरा जाए। इसके लिए प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग भी की है कि यदि महिला आरक्षित पद खाली रहते हैं तो उन्हें मौका दिया जाए। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आगामी 30 सितम्बर तक प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी

News Sabhaar : Jagran (11.8.13)

Read more...

Saturday, August 10, 2013

See news - Cabinet decision to increase retirement age deferredThe government may make the anouncement in the Prime Minister's 15 August address




See news -
Cabinet decision to increase retirement age deferredThe government may make the anouncement in the Prime Minister's 15 August address



See News : 
A proposal to increase the retirement age of government employees from 60 to 62 years came to the Cabinet on Thursday but a decision was deferred. The government might make the announcement in the Prime Minister’s Independence Day address, his last before general elections in 2014. The ministry of personnel, public grievances and pensions has proposed an increase in retirement age of government employees from 60 to 62 years, top sources confirmed.

There are around five million central government employees in India. The previous occassion the government raised the retirement age of central government employees was in 1998, from 58 to 60 years. The move is meant to ease the financial burden on the government in terms of its pension liabilities, sources said.

The retirement age of professors in all central universities was recently raised to 65 years. D L Sachdev, national secretary of the All India Trade Union Congress, said his union was totally against the increase of the retirement age beyond 60. It would hurt the youth, especially when the government is doing nothing to create jobs for them, Sachdev said.

Congress-affiliated Indian National Trade Union Congress national president Sanjeeva Reddy said his union had been demanding increase in the retirement age to 62 years and would welcome it.

Minister for Personnel, Public Grievances and Pensions V Narayanaswami had ruled out an increase in the retirement age to a question in Parliament in the winter session this year. An official in the ministry, when asked, refused to speak about it.


News Source / Sabhaar : business-standard.com ( 3.8.13) / http://www.business-standard.com/article/economy-policy/cabinet-decision-to-increase-retirement-age-deferred-113080201034_1.html
**********************************************************


Read more...

Declaration of UPTET 2013 Result | Download Uttar Pradesh TET Exam Results 2013 http://upbasiceduboard.gov.in


Declaration of UPTET 2013 Result | Download  Uttar Pradesh TET Exam Results 2013 http://upbasiceduboard.gov.in

We are first to Publish information of UPTET 2011 result, And we again prove by publishing details of UPTET 2013 result very soon.


Uttar Pradesh Basic Education Board (UPBEB) is going to publish Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test 2013 Result (UPTET 2013 Result) today . Those candidates who have appeared for UPTET 2013 Exam, they can see the result from today late evening / or in next 2-3 days.

There are around Six Lakh candidates have appeared for UPTET Exam 2013 and eagerly waiting for the UPTET 2013 Result. Now the wait is over now, it is expecting that UBBEB will published the UPTET 2013 Result Shortly.

Those candidates who have given Uttar Pradesh TET Exam 2013, they can see the result from today evening on the official web portal, so get ready with your admit card the result is about to come out.

How To See, Search, Save & Download UPTET 2013 Result from http://www.upbasiceducationboard.in/ t -
First of all you should open the official portal  -   http://upbasiceduboard.gov.in or http://www.upbasiceducationboard.in/ then click on Uttar Pradesh TET Result 2013, after that see your admit card for entering the roll number and fill it in to roll number box. Finally the result will show on your computer screen, take a print of your result and cut off marks.

*********************
This Blog was first to Publish information of UPTET 2011 result, And we again prove by publishing details of UPTET 2013 result very soon.

Keep visiting this Blog to Download UPTET 2013 Result.

Read more...

Upper Primary Teacher Recruitment UP : शासनादेश में उलझा अभ्यर्थियों का सपना


Upper Primary Teacher Recruitment UP : शासनादेश में उलझा अभ्यर्थियों का सपना

  
UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News

- जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति में आयु सीमा निर्धारण के बाद बढ़ीं मुश्किलें

- अब 35 वर्ष से अधिक के बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी नहीं कर सकते आवेदन

 गोरखपुर : शासन के निर्देशों ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को ही उलझा कर रख दिया है। आलम यह है कि टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद भी अभ्यर्थी शासनादेश और कोर्ट के बीच पिस रहे हैं। उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही है। अब नए शासनादेश से सैकड़ों बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के सपने उलझ कर रह गए हैं। 35 वर्ष से अधिक उम्र वाले अभ्यर्थी चाहकर भी जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के लिए आवेदन नहीं कर सकते। जबकि प्राथमिक विद्यालयों में 40 वर्ष तक की आयु सीमा निर्धारित है।

पिछले माह ही शासन ने जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान वर्ग के अध्यापकों की भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की आयु सीमा निर्धारित कर दी। शासन के अनुसार जल्द ही नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी निकाला जाएगा। नए निर्देश के अनुसार 21 से 35 वर्ष तक के बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही सहायक अध्यापकों के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे में 35 वर्ष तक या उसके बाद बीएड व टीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है। उनका कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयु सीमा 40 वर्ष है। यही नहीं उत्तर प्रदेश आयोग की सभी नियुक्तियों के अलावा पीसीएस, पीसीएस जे, लोअर सब आर्डिनेटर आदि भर्तियों में सामान्य वर्ग के लिए 40 वर्ष ही आयु सीमा निर्धारित की गई है।

बता दें कि, अभ्यर्थी अवधेश धर द्विवेदी और मनोज कुमार ने 35 वर्ष की उम्र में बीएड पूरा किया। इसके बाद उन्होंने टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) भी उत्तीर्ण की। ऐसे में उनकी उम्र 36 हो गई। वे खुश थे कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही उनकी भी तैनाती हो जाएगी। पर, नए शासनादेश ने उनके सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सिर्फ अवधेश और मनोज ही नहीं नए शासनादेश को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थी परेशान हैं। अधिकतर अभ्यर्थी बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। अंतिम समय में शिक्षक बनने का विचार आते ही बीएड आदि करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में उनकी आयु अधिकतम सीमा 35 वर्ष तक पहुंच जाती है


News Sabhaar : Jagran (9.8.13)
Read more...

Friday, August 9, 2013

About Maharana Pratap Great Warrior of India (Bharat ka Veer Putra)

About Maharana Pratap Great Warrior of India (Bharat ka Veer Putra)


Born: May 9, 1540
Died: January 19, 1597

Maharana Pratap was a ruler of Mewar, a state in north-western India. He belonged to the Sisodia clan of Suryavanshi Rajputs.

He was a staunch patriot. He saw Mughals as foreigners who had invaded India and that is why he refused to surrender. His own father Udai Singh had condemned the house of Man Singh for their marriage with unclean foreigners and Pratap Singh himself said that he would call Akbar only a 'Turk' and not an emperor. Also Pratap Singh's dogged resistance, even when he had to wander in the jungles of Aravallis and his persistent refusal to surrender even after being reduced to starvation while pursuing Haldighati, are indicative of an individual with a sacred mission rather than one who fought for power politics. His vow giving up all comforts of palace life till he recaptured his entire kingdom from the Mughals and his lifelong observance of that vow, speak to his steadfast patriotism and determination rather than a lust for power. Further proof of his beliefs is found in his repeated refusal to accept lucrative offers from Akbar in the shape of jagirs and subedaris

************
Some Interesting Facts About Maharana Pratap : -

What is weight of maharana pratap is bhala?



weight of  Maharana Pratap Bhala  - 80 Kg 
weight  of  Maharana Pratap’s Armor- 72 Kg 


Sword

A 25 kg weight sword was used by Rana Pratap. Rana Pratap use to carry two swords with him always. Before any fight he used to offer one sword to his opponent if he is not armed. The 2nd sword was to intimidate the enemy. Rana Pratap is known for his ability to be a weight lifter. And fighting with 2×25 Kg swords was a piece of cake for him. His height was around 7.5 feet and had a broad look.


If we add up the weight of Maharana’s Sword , armor, Bhala , Shield , and his two swords the weight becomes  206 kilograms , Ab Sochiye Itne weight Liye Maharana Pratap used fight Months and months ,to kitni taakat hogi .



What is height of maharana pratap ?

7 feet 5 inches
Facts collected from various sources through internet.

*****************


Rana Pratap was born at Kumbhalgarh on Sunday the May 9, 1540 to Maharana Udai Singh II and Maharani Javanta Bai Songara (Chauhan).some historians believe it to be “Juni Kacheri” near Pali District.Pratap was eldest of 25 brothers and 20 sisters.

Maharana Pratap got married to Ajabade(daughter of Rao Ram Rakh Panwar), at the age of 17 and were soon blessed by a son named Amar Singh.

Polygamy and maximum children were social necessity of the period owing to higher female population and high battle casualties. Rana Pratap had 17 sons and five daughters. The male-line descendants of Udai Singh II bear the patronymic "Ranawat". Maharana Pratap was Born in Pali-Marwar. His birth place known as Juni Kacheri.

In 1568, during the reign of Udai Singh II, Chittor was conquered by the Mughal emperor Akbar. The third Jauhar of Chittor transpired, with the ladies of the fort finding "safety from personal dishonour in the devouring element (fire)," while the remaining menfolk sallied forth to certain death in the battlefield



Maharana Udai Singh II died at the early age of 42 in “Gogunda”. Setting aside the established laws of “Primogenitor”, he proclaimed his favorite son “Jagmal” his successor,but his senior nobles wanted Pratap, the eldest son, to be their king.

During the coronation ceremony Jagmal was physically moved out of the palace and Pratap was made the 54th king in the lineage of Sisodia Rajputs. Pratap did not want to go against the wishes of his father but Rajput nobles convinced him that Jagmal was not fit to rule in the troubled times of the day. It was the beginning of a career of struggle and hardship.



Conflict (Mugals with Pratap) :

Though the chief reasons for resentment between Pratap Singh and Akbar, two very visionary rulers is unclear, it is now largely agreed that it had to do with disagreements over the status of Mewar within the Mughal Empire, were it to at all accept Mughal suzerainty. The tensions were further characterised by the fact that Babur and Rana Sanga, grandfathers to Akbar and Pratap respectively, had earlier bitterly contested the control over the Gangetic plains and the Doab. It is evident that there had been some measures of reconciliation, such as acceptance of ambassadors and representatives between the two courts. However, none of these could ever be taken to any logical end.

Chittorgarh (Chittor fort), Pratap's ancestral home, was under Mughal occupation. Living a life on the run, the dream of reconquering Chittor (and thus reclaiming the glory of Mewar) was greatly cherished by Pratap, and his future efforts were bent towards this goal.

Nearly all of Pratap's fellow Rajput chiefs had meanwhile entered into the vassalage of the Mughals. Even Pratap's own brothers, Shakti Singh and Sagar Singh, were serving Akbar. Indeed, many Rajput chiefs, such as Raja Man Singh of Amber (later known as Jaipur) were serving as army commanders in Akbar's armies and members of his council.

Akbar sent a total of six diplomatic missions to Pratap, seeking to negotiate the same sort of peaceful alliance that he had concluded with the other Rajput chiefs. Pratap roundly rebuffed every such attempt.

For the new capital-Udaipur, Maharana Udai Singh constructed a water reservoir–Udai Sagar in 1565. It was on its dam that in June 1573 Kunwar(Prince) Man Singh of Amber, as the emissary of Mughal Emperor Akbar, arrogantly demanded that Maharana Pratap should give up protocol and be present at the feast in his honour.

Pratap and Man Singh were of the same age, both were born on May 9, 1540, but one was king while the other a prince. Pratap, following the protocol, sent his son Kunwar Amar Singh to dine with Kunwar Man Singh Akbar's special envoy.This incident precipitated the Mughal-Mewar conflict.

(Man Singh was a Kunwar, his father Raja Bhagwan Das led another unsuccessful peace mission to Maharana Pratap in October 1573 at which Maharana Pratap was personally present).

Raja Bhagwan Das and Kunwar Man Singh won Kashmir for Mughals in 1586, that is Man Singh was NOT the Raja of Amber, later Jaipur, till 1586. Man Singh was confied the title of Mirza Raja in 1590.


Battle of Haldighati


On June 21, 1576 (June 18 by other calculations), the two armies met at Haldighati, near the town of Gogunda in present-day Rajasthan. While accounts vary as to the exact strength of the two armies, all sources concur that the mughal forces greatly outnumbered Pratap's men.

Pratap Attaking On Man Singh
The battle of Haldighati, a historic event in the annals of Rajputana, lasted only four hours. In this short period, Pratap's men essayed many brave exploits on the field. Folklore has it that Pratap personally attacked Man Singh: his horse Chetak placed its front feet on the trunk of Man Singh's elephant and Pratap threw his sphear; Man Singh hide under hauda, and the elephant driver was killed.

Myths indicate that to facilitate Pratap's escape, one of his lieutenants, a member of the Jhala clan, donned Pratap's distinctive garments and took his place in the battlefield. He was soon killed. Meanwhile, riding his trusty steed Chetak, Pratap was able to successfully evade captivity and escape to the hills.

Chetak was critically wounded on his left thigh by a mardana (Elephant Trunk Sword), with spear of weight 263 kg. while Pratap had attempted to nail down Man Singh. Chetak was bleeding heavily and he collapsed after jumping over a small brook a few kilometres away from the battle field. A famous couplet narrates this incident of the battle:

Aage nadiya padi apaar, ghoda kaise utare paar Rana ne socha is paar, tab tak chetak tha us paar

Lies the boundless river ahead, How will the horse cross it? While Rana was thinking still on this side (of river), Chetak was that side!

Pratap’s younger brother Shaktisingh who was fighting from the Mughal side (he had some disputes with Pratap at the time of Pratap’s coronation; hence he had defected and gone over to Akbar’s court) realized that his own brother was under threat.


It is said that Shakti Singh, Pratap's brother, who was fighting from side of Mughals, came to Pratap's side at this time and gave him his horse Unkar to escape, who also killed two Afghan horse riders, who had followed Pratap to the spot.



The battle of Haldighati has commanded a lasting presence in Rajasthani folklore, and the persona of Pratap Singh is celebrated in a famous folk song “O Neele Ghode re Aswar” (O Rider of the Blue Horse).

A monument to Chetak is at the site of the steed's death.

There is a famous folksong written on his life in Hills. "Are ghaas ri roti hi jad ban bilawdo le bhagyo".



While Pratap’s General donned Pratap’s clothing and armour, it went unnoticed thanks to the chaos of the war but for two Turkic people| Turk knights from the Mughal army. They could not communicate it with others in their group, due to linguistic barrier (the appropriate language would have been Persian, Marwari or Arabi).


Aftermath :

Pratap retreated into the hilly wilderness of the Aravallis and continued his struggle. His one attempt at open confrontation having thus failed, Pratap resumed the tactics of guerrilla warfare. Using the hills as his base, Pratap continued small raids and skirmishes against the outlying check-posts, fortresses and encampments of his adversaries; some of whom included the Hindu vassals appointed by the Mughals in the wake of Pratap Singh's defeat.

During Pratap's exile, he received much assistance from Bhamashah, a trusted general and aide of Pratap, who along with his brother Tarachand looted Mughal territory of Malwa and offered this large booty to Pratap to carry on his fight against Mughal. Bhamashah was promoted to post of Prime Minister after this by Pratap. The Bhil tribals of the Aravalli hills provided Pratap with their support during times of war and their expertise in living off the forests during times of peace.

With the large booty at his disposal, Pratap organized another attack and Battle of Dewar followed in which army of Mewar was victorious and Pratap was able to claim back much of the lost territories of Mewar, except Chittor.

Personal life

Rana Pratap had 11 Ranis and 17 sons and 5 daughters of which Amar Singh was eldest followed by Chanda Singh, Sahas Mal, Shekha Singh and others.[citation needed]

Final days :

Maharana Pratap died of injuries sustained in a hunting accident. He died at Chavand, which served as his capital,on 29 January 1597, aged fifty-seven.A chhatri, commemorating Pratap Singh's funeral, exists in Chavand and is an important tourist attraction today. It is said that as he lay dying, Pratap made his son and successor, Amar Singh, swear to maintain eternal conflict against the Mughals. Rana Pratap's son, Rana Amar Singh, fought 17 wars with the Mughals. After Mewar was depleted financially and in man-power he conditionally accepted them as rulers. The treaty between Amar Singh and Mughal King Jahangir had some obligations that fort of Chittor would not be repaired and Mewar would have to keep a contingent of 1000 horse in the Mughal service. Besides Amar Singh would not have to be present at any of the Mughal Darbars. At this time, many members of Maharana Pratap's family of Sisodias, band of loyal Rajputs became disillusioned by the surrender and left Rajasthan. This group included Rathores, Deora Chauhans, Pariharas, Tanwars, Kacchwaha and Jhalas. They are called Rors and settled mostly in Haryana, with some in Uttar Pradesh. Most notable amongst the migrated Sisodias are Mehtas in Haridwar area. They changed the name from Sisodia to Mehta in late 1700 as the locals honored them with this title due to their feats. The Mehtas uprooted a local nawab of Mohammedpura and renamed the town as Jwalapur.

Legacy

Most important of Pratap Singh's legacy was in the military field – after Haldighati, he increasingly experimented and perfected guerrilla warfare and light horse tactics. His innovative military strategy- use of scorched earth, evacuation of entire populations along potential routes of enemy march, poisoning of wells, use of mountain forts in Aravallis, repeated plunder and devastation of enemy territories along with harassing raids on enemy baggage, communications and supply lines- helped him recapture most of Mewar (except Chittor) by time of his death and enabled him to successfully tackled vastly stronger armies of Akbar. Harassing warfare perfected by Pratap Singh would in due course was adopted by Malik Ambar of Ahmednagar [18] who taught and deployed local Marathas to fight invading Mughal armies, thus preparing them for future warfare against Mughals. Though Pratap Singh failed to overcome Mughals in his lifetime, indirectly and in long run, his military techniques paved way for downfall of Mughal empire.

References : Wikipedia
Read more...

UPTET / Shiksha Mitra News : प्राथमिक स्कूलों में अब नहीं रखे जाएंगे शिक्षामित्र



UPTET / Shiksha Mitra News  : प्राथमिक स्कूलों में अब नहीं रखे जाएंगे शिक्षामित्र





Read more: http://joinuptet.blogspot.com/#ixzz2bSWxDjk7


इलाहाबाद (ब्‍यूरो)। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की नियुक्ति नहीं करने के सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट की मोहर लग गई है। तीन जजों की पूर्णपीठ ने इस विधिक प्रश्न का समाधान करते हुए कहा है कि दो जून 2010 का शासनादेश आने के बाद चयनित शिक्षामित्रों को नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं रहा। पूर्णपीठ ने यह भी तय किया कि चयन हो जाने का मतलब नियुक्ति पाने का हकदार होना नहीं है। दो जून के शासनादेश द्वारा प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की तैनाती की योजना वापस ले ली है। कोर्ट ने इसे सरकार का नीतिगत मामला बताते हुए कहा कि इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
हाईकोर्ट में सैकड़ों शिक्षामित्र अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर कहा कि वर्ष 2009-10 सत्र के लिए उनका चयन शिक्षामित्र के लिए किया गया। चयनित होने के बाद उनको न तो प्रशिक्षण पर भेजा गया और न ही नियुक्ति दी गई। प्रदेश सरकार ने दो जून 2010 को शासनादेश जारी कर शिक्षामित्रों की योजना ही वापस ले ली है। प्रकरण को एकल न्यायपीठ ने पूर्णपीठ के लिए इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए संदर्भित किया क्या शासनादेश जारी होने के बाद पूर्व में चयनित हो चुके शिक्षामित्रों को नियुक्ति पाने का अधिकार है अथवा नहीं। प्रदेश सरकार का कहना था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रभाव में आ जाने के कारण और एनसीटीई द्वारा न्यूनतम अर्हता निर्धारित कर देने के बाद शिक्षामित्र योजना को वापस लेने की आवश्यकता महसूस की गई। न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति प्रकाश कृष्ण और न्यायमूर्ति संजय मिश्र की पूर्णपीठ ने प्रकरण सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षामित्र नियमित कर्मचारी नहीं हैं। वह 11 माह की संविदा पर नियुक्त होते हैं और यदि उनका कार्य संतोषजनक रहा तो अगले सत्र के लिए पुन: 11 माह हेतु उनका कार्यकाल बढ़ा दिया जाता है। मौजूदा प्रकरण में याचीगण पूर्णरूप से चयनित नहीं हैं और यदि चयनित भी होते तो उससे नियुक्ति पाने का अधिकार उत्पन्न नहीं होता है। पूर्णपीठ ने इस निरीक्षण के बाद प्रकरण वापस एकल न्यायाधीश के पास भेज दिया है



News Sabhaar : अमर उजाला (9.8.13)


*********************************
प्रमोशन से पहले ट्रांसफर
प्रोन्नति का इंतजार कर रहे शिक्षकों ने जताई नाराजगी


इलाहाबाद। परिषदीय विद्यालयों के तकरीबन 400 शिक्षकों का प्रमोशन के पहले ही स्थानांतरण कर दिया गया है। शिक्षकों का स्थानांतरण व्यक्तिगत रूप किया गया है। प्रमोशन का इंतजार कर रहे शिक्षकों ने स्थानांतरण पर नाराजगी जताई है। शिक्षकों का कहना है कि नियम के अनुसार पहले प्रमोशन होता है उसके बाद ट्रांसफर की प्रक्रिया होती है। पहले स्थानांतरण किए जाने से प्रत्यावेदन देने वाले शिक्षकों को अच्छे स्कूल मिल जाएंगे। इन स्कूलों में सीटें भर जाने की पदोन्नत शिक्षकों को पिछड़े इलाकों के विद्यालयों में भेज दिया जाएगा।
विभागीय लोगों का कहना है कि 20 अगस्त तक ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए थे। इसलिए शिक्षकों का स्थानांतरण पहले कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार शर्मा का कहना है कि व्यक्तिगत रूप से शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। लिस्ट दो चार दिनों में जारी कर दी जाएगी। वहीं उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री देवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि स्थानांतरण हुआ है। लिस्ट में अगर गड़बड़ी हुई होगी तो निश्चित रूप से विरोध किया जाएगा। इसको लेकर उनके संगठन में पूरी तरह से एकता है।

काउंसलिंग के लिए पहुंचे शिक्षामित्र
इलाहाबाद(ब्यूरो)। शिक्षामित्रों के दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी प्रशिक्षण के तीसरे चरण की प्रक्रिया बृहस्पतिवार कांउसलिंग के साथ शुरू हो गई। काउंसलिंग के लिए सुबह से ही शिक्षामित्रों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। तीसरे चरण के प्रशिक्षण में 300 शिक्षामित्रों को शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए शिक्षामित्रों का यह आखिरी बैच होगा। शिक्षामित्रों की संख्या कम होने की वजह से प्रशिक्षण के लिए तकरीबन पांच केंद्र बनाए जाएंगे। शिक्षामित्रों को पूरी तैयारी के साथ आने के लिए कहा गया है। शासन की ओर से निर्देश है कि प्रशिक्षण या परीक्षा दोबारा नहीं कराए जाएंग। इसको ध्यान में रखकर ही शिक्षामित्र आएं


News Sabhaar : अमर उजाला (9.8.13)


Read more...

UPPSC : लोक सेवा आयोग पर चयन प्रक्रिया में ओवरलैपिंग फार्मूला लागू करने का आरोप 27 मई के बाद सभी साक्षात्कार पर सवाल


UPPSC : लोक सेवा आयोग पर चयन प्रक्रिया में ओवरलैपिंग फार्मूला लागू करने का आरोप
27 मई के बाद सभी साक्षात्कार पर सवाल

पीसीएस-2011 मेन्स, प्रवक्ता इतिहास एवं बीएड का परिणाम निरस्त करने के बाद तेज हुई मांग

इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से 27 मई को आरक्षण लागू करने के तरीके में किए गए बदलाव के बाद घोषित कई परिणाम निरस्त कर दिए गए हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि 27 मई के बाद हुए सभी साक्षात्कार और चयन को आयोग कब निरस्त करेगा। पीसीएस-2011 मुख्य परीक्षा, राजकीय डिग्री कॉलेज प्रवक्ता इतिहास एवं बीएड की अंतिम परीक्षा का परिणाम और अवर अभियंता के 543 पदों के लिए हुए साक्षात्कार को तो निरस्त कर दिया गया है। लेकिन अभी भी कई ऐसे परिणाम और साक्षात्कार हैं जो 27 मई के बाद हुए थे लेकिन निरस्त नहीं किए गए है
प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि लोक सेवा आयोग कुछ चुनिंदा भर्ती के परिणाम तो निरस्त कर रहा है परंतु अभी तक 27 मई के बाद और 26 जुलाई के पहले हुए सभी साक्षात्कार और चयन को निरस्त नहीं किया है। प्रतियोगी छात्रों ने जून-जुलाई में हुए सभी साक्षात्कार और चयन की प्रक्रिया को नए आरक्षण नियमों के तहत बताया है। प्रतियोगी छात्र मनोज मिश्र, अखिलेश श्रीवास्तव का कहना है कि आयोग ने जून में राजकीय डिग्री कॉलेज के लिए प्रवक्ता समाज शास्त्र, वाणिज्य, मनोविज्ञान और पीडब्ल्यूडी के जेई पदों के लिए साक्षात्कार करवाए थे। इन पदों के लिए साक्षात्कार में आमंत्रण के पहले दौर में ही ओवरलैपिंग करवाकर आयोग ने आरक्षण के नए नियम को लागू किया है। इन पदों का रिजल्ट रद्द करके नए सिरे से साक्षात्कार कराने की मांग प्रतियोगी छात्रों ने की है
आयोग ने जुलाई महीने में संस्कृति निदेशालय में क्षेत्र सहायक के पद पर साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया था। इसी प्रकार उच्च शिक्षा विभाग में प्रवक्ता माइक्रोबायोलॉजी, प्रवक्ता इतिहास, संस्कृति निदेशालय में संग्रहालयाध्यक्ष, वाणिज्यकर विभाग में सांख्यिकी अधिकारी और राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में रीडर पद के लिए साक्षात्कार हुआ था। प्रतियोगी छात्रों ने इन सभी पदों के रिजल्ट और साक्षात्कार को निरस्त कर नए सिरे से साक्षात्कार के लिए सूची बनाने की मांग की है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग ने इन सभी साक्षात्कार के लिए बुलावा भेजने में ही ओवरलैपिंग कराई है। ऐसे में यह आयोग के मानक के खिलाफ है।


News Sabhaar : Amar Ujala ( 9.8.13)




Read more...