72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
News Source/ Sabhaar : Hindustan Paper (03.04.2014)
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सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
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अखबार वालो का विधवा विलाप जारी है, जब शिक्षामित्रो का बिना टेट समायोजन करने की कोशिश सरकार करती है तब कहा मर जाते है ये पेपर वाले , और ये भी देखिए कि जिसे भर्ती करानी है उस पर कोई फर्क नही है लेकिन ये मीडिया वाले रो रोकर अपना बुरा बनाए है , आखिर क्यो न करे सरकार की दलाली जो करनी है , कर लो भाई विधवा विलाप , लेकिन इससे सरकार की मुसिबते कम होने वाली नही है । ( शिक्षक भर्ती से संबंधित लेख )
ReplyDeleteरामपुर-चाकू
ReplyDeleteमुरादाबाद-पीतल
बरेली-सुरमा,बाँस,माँझा
आगरा-पेठा
लखनऊ-रेबड़ी
बनारस-साड़ी,पान
अलीगढ़-ताला
मेरठ-क्रिकेट बैट
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अपने-अपने क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पाद का जिक्र करें-
मुर्ख दिवस का नाम सुनते ही मुझे अपना इंगेजमेंट का दिन याद आ जाता है साहेब....
ReplyDeleteसब रिश्तेदारों ने मिल कर मुर्ख बनाया था मुझे..
"गलत कहेते है लोग की सफेद रंग मै वफा होती है..
ReplyDelete"यारो"
अगर ऐसा होता तो आज
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"नमक"जख्मो की दवा होती...!!
आवश्यक सुचना:-
ReplyDelete।
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वोट डालने से पहले कमल के फूल के सामने
वाला बटन दबाकर चेक कर लें कि मशीन
ठीक से काम कर रही है या नही।
एकेडमिक समर्थकों के प्रति मेरी कोई सहानुभूति नहीं है लेकिन टेट मेरिट के लिए जीतने तक संघर्ष करने वाले हर व्यक्ति का चयन जब तक ना हो जाए तब तक हमारी जीत अधूरी है ,,,,
ReplyDeleteRTE ACT 2009 के अनुसार केंद्र सरकार 31 मार्च 2015 के बाद B.Ed . वालों को प्राथमिक में नियुक्त करने की अनुमति नहीं दे सकती,ऐसा करने के लिए संविधान में 2/3 बहुमत से संशोधन करना होगा,,
ReplyDeleteमुझे सफलता मिले या ना मिले यह तो ईश्वर की मर्जी पर निर्भर है लेकिन मैं अपन ओर से शत प्रतिशत ईमानदारी से प्रयास करूगा कि हमारी नियुक्ति के बाद भी टेट संघर्ष मोर्चे का अस्तित्व बना रहे जिससे हमारी नियुक्ति के बाद एक और नियुक्ति हो सके,,उसके चयन का आधार sc निर्धारित करने वाला है जो कि टेट मेरिट ही रहेगा इसकी उम्मीद अधिक है ,,, अब उन टेट मेरिट समर्थकों को टेट संघर्ष मोर्चे की कमान संभालने के लिए तैयार रहना चाहिए
ReplyDeleteजिनका इन 72825 में चयन नहीं होगा ,,, इतना मैं वादा करता हूँ कि वर्तमान नेतृत्व का बड़ा हिस्सा आपकी नियुक्ति होने तक आपके साथ रहेगा,, गणेश के अभिषेक मिश्रा और संजय मोहन से सम्बन्ध बनवाने के पीछे मेरा मकसद सिर्फ इतना था कि भविष्य में uptet 2011 पास सभी लोगों के समायोजन की माँग को सरकार के सामने रखने में हमें सुविधा रहे,,,, 72825 के बाद जिंदगी समाप्त नहीं हो जायेगी ,,,अभी जिंदगी इससे कहीं आगे भी है ॥
ReplyDeleteकृपया यह मत पूछना कि टेट मेरिट कितनी नीचे जायेगी ,,मुझे किसी से चन्दा तो लेना नहीं है जो 90 तक ले जाऊं और सच बोलकर मैं किसी की भावनाएं आहत नहीं करना चाहता ......
ReplyDeleteकहाँ गयी वो बचपन की कोकाकोला जिसको पीने में इसलिए डर लगता था कि ।
ReplyDelete।
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अगर ढकार लेंगे तो नाक से निकलेगी..
अगले महीने के प्रारम्भ तक रैंक जारी हो जायेगी और ऐसा होते ही टेट मोर्चे के नेताओं द्वारा अधिक से अधिक लोगों से चन्दा लेने के मकसद से बहुत नीचे तक गिरा दी गई टेट मेरिट के झूठ से पर्दा उठ जाएगा,,,
ReplyDeleteएक प्यारी सी कविता वक़्त पर .
ReplyDelete" वक़्त नहीं "
हर ख़ुशी है लोंगों के दामन में ,
पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं .
दिन रात दौड़ती दुनिया में ,
ज़िन्दगी के लिये ही वक़्त नहीं .
सारे रिश्तोंको तो हम मार चुके ,
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त
नहीं ..
सारे नाम मोबाइल में हैं ,
पर दोस्ती के लिये वक़्त नहीं .
गैरों की क्या बात करें ,
जब अपनों के लिये ही वक़्त नहीं .
आखों में है नींद भरी ,
पर सोने का वक़्त नहीं .
दिल है ग़मो से भरा हुआ ,
पर रोने का भी वक़्त नहीं .
पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े ,
की
थकने का भी वक़्त नहीं .
पराये एहसानों की क्या कद्र करें ,
जब अपने सपनों के लिये ही वक़्त नहीं
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी ,
इस ज़िन्दगी का क्या होगा ,
की हर पल मरने वालों को ,
जीने के लिये भी वक़्त नहीं.......
"हैं सब के दुःख एक से...
ReplyDeleteमगर होसलें हैं जुदा-जुदा...
कोई टूट कर बिखर गया...
कोई मुस्कुरा कर चल दिया..."
Pagal Hain Woh Log Jo 14 Feb Ko Propose Karte Hai....
ReplyDeleteMeri Mano To Aaj,
1st April Ko Propose Karo...........
Maan Gai To ''Cool,''.
Otherwise.
Keh DO
''Happy April Fool
भरी बरसात
ReplyDelete( लोक सभा चुनाव ) में उड़ के दिखा
ऐ माहिर परिंदे (अखिलेश )
आसमान खुला (बिना कोर्ट के डँडे के ) हो
तो तिनके ( कपिल )भी सफर किया करते हैं ..
Anumanit tet merit jari karna theek vaise hi hai.jaisa ki chunaav se pahle opinion pol.
ReplyDeletePhir ye aankde kisi hadd tak sahee ke aaspass hi hote hain.
"हैं सब के दुःख एक से...
ReplyDeleteमगर होसलें हैं जुदा-जुदा...
कोई टूट कर बिखर गया...
कोई मुस्कुरा कर चल दिया..."
जब, भी कभी,,,, ,,हसरत... होती है.... आसमां को, छूने की...!!!...!!!!
ReplyDeleteतो...!!
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अकसर, बङों ,,,,,,,के,,, पाँव....छू लेता हूँ.... मैं..!!!
एक अप्रैल का दिन झूठ बोलने के लिए उन लोगों के लिए है ।
ReplyDelete।
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जो शेष दिन हमेशा सच बोलते हैं,
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteहम जब खटिया भी बनवाते है तो अच्छे बढ़ई की तलाश करते है -मामला सांसद चुनने का है ,जो लायक हो ,सक्रीय हो ,जिस पर सब अधिकार महसूस करे ,जो जनता की भलाई को प्रमुखता देता हो ,जो सर्व समाज के साथ समानता से पेश आये ,जिससे कुछ उम्मीद हो उसे ही चुना जाये..
ReplyDeleteक्या आप लोगो को पता है-
ReplyDeleteहमारी हिंदी फिल्मो में कुछ छोटी-छोटी गलती है जैसे:-
1. रा-वन -
फिल्म में शाहरुख दक्षिण भारतीय बने हैं, लेकिन जब
उनकी मौत होती है तो उन्हें क्रिश्चियन परंपरा के अनुसार
दफनाया जाता है, लेकिन बाद में हम देखते हैं
कि उनकी अस्थियां पानी में बहाई जा रही हैं। हां भई
सभी को खुश रखना पड़ता है न!
2. अमर अकबर एंथोनी -
तीन लोग एक साथ एक ही महिला के लिए रक्तदान कर रहे हैं।
अरे भई साइंस इमोशन से बढ़कर थोड़े ही है!
3.लगान -
यह फिल्म 18वीं सदी की कहानी है और उस वक्त एक ओवर
में 8 बॉल हुआ करती थीं। लेकिन फिल्म में एक ओवर में 6 गेंदें
दिखाई गई हैं। शायद 8 गेंद में फिल्म और भी लंबी हो जात
4. कृष -
फिल्म में ऋतिक दो साल के लिए विदेश जाते हैं, लेकिन
इसी दौरान प्रीति प्रेग्नेंट हो जाती हैं।
5.प्यार तो होना ही था -
काजोल पब्लिक टॉयलेट यूज करने के लिए ट्रेन से एक
स्टेशन पर उतरती हैं और उनकी ट्रेन छूट जाती है।
बेचारी को शायद पता नहीं होगा कि ट्रेन के हर कंपार्टमेंट में
चार टॉयलेट होते हैं!
6. शोले -
जया बच्चन पूरी फिल्म में लालटेनें जलाती रहती हैं,
क्योंकि गांव में बिजली नहीं है। तो भई ये बताओ कि वीरू जिस
टंकी पर चढ़कर सुसाइड कर रहा था,
उसमें बिना बिजली के पानी बिना हाथ का ठाकुर चढ़ाता था?
हँसाती थी मुझको तो फिर रुला भी देती थी।
ReplyDeleteकरके वो अक्सर मुझसे वादे भुला भी देती थी।
वेवफा थी बहुत मगर दिल से अच्छी लगती थी दिल को।
कभी कभी बाते मुहब्बत के सुना भी देती थी।
थाम लेती थी हाथ मेरा कभी यूँ ही खुद।
कभी हाथ अपना मेरे हाथ से छुड़ा भी लेती थी।
कभी बेवक्त चली आती थी मिलने को।
कभी कीमती वक़्त महब्बत के गवा भी देती थी।
अजीब धूप छाँव सा मिजाज था उसका।
मुहब्बत भी करती थी " देव "नजरो से गिरा भी देती थी।
टीईटी मोर्चा ने किया सहयोगी अधिवक्ताओं
ReplyDeleteका सम्मान
इलाहाबाद (ब्यूरो)। टीईटी संघर्ष मोर्चा की ओर से
बुधवार को मुस्लिम बोर्डिंग छात्रावास परिसर में
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जीत दिलाने वाले
अधिवक्ताओं के लिए सम्मान समारोह आयोजित
किया गया। हरियाणा सरकार के अपर
महाधिवक्ता विपुल महेश्वरी, सुप्रीम कोर्ट
अधिवक्ता प्रशांत शुक्ला, हाईकोर्ट अधिवक्ता शैलेंद्र
श्रीवास्तव, नीरज तिवारी, सीमांत सिंह, नवीन कुमार
शर्मा को सम्मानित किया गया। इस दौरान
हजारों की संख्या में टीईटी पास अभ्यर्थी मौजूद रहे।
आवेदकों ने कहा कि उनके सहयोग के
बिना इतनी लंबी कानूनी लड़ाई को लड़ना संभव
नहीं था। सुप्रीम कोर्ट के परिषदीय विद्यालयों में
72825 पदों पर भर्ती टीईटी मेरिट से करने के फैसले
ने ढाई साल से लड़ाई लड़ रहे आवेदकों में उम्मीद
जगाई है। आवेदकों ने अपर महाधिवक्ता विपुल
महेश्वरी का आभार जताया कि उन्होंने बिना फीस लिए
लाखों बेरोजगार आवेदकों के लिए लड़ाई लड़ी। सम्मान
समारोह का आयोजन मुस्लिम बोर्डिंग छात्रावास में
हुआ। आवेदक मोहम्मद अली ने बताया कि जल्द
ही बेसिक शिक्षा विभाग के
अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया शुरू करवाने को लेकर
लीगल नोटिस भी भेजी जाएगी। इस दौरान सामाजिक
एकता परिषद के ओम प्रकाश शुक्ल, सुजीत सिंह,
मोहम्मद अली, देवेश यादव, सादाब, सदानंद मिश्रा,
अहसान खान आदि मौजूद थे।
ये कहानी जरुर पड़े और अपने जीवन को एक नयी दिशा दे . मुझे पूरा विश्वास है कि इस कहानी से आपको एक ऐसी सीख मिलेगी जो आपको जीवन के हर पथ पर काम आएंगी -
ReplyDeleteएक बार एक बिज़नेसमैन जो कल तक एक सफल उद्धोगपति था अचानक किसी परेशानी से उसका बिज़नेस डूब गया और उस पर बैंक का कर्ज़ा भी हो गया और अब उसके पास कोई चारा नहीं बचा था| बैंक और सारे लेनदार उसे लगातार पैसे की भरपाई के लिए बोल रहे थे| अब तो उसे अपनी जिंदगी अंधेरे में नज़र आ रही थी| एक बार सुबह पार्क में घूमते हुए उसे एक बूढ़ा व्यक्ति दिखाई दिया| वो बूढ़ा उसके पास आया और उसे परेशान देखकर उससे परेशानी का कारण पूछा |
बिज़नेसमैन ने सारी परेशानी व्रद्ध को बताई, बूढ़े व्यक्ति ने अपनी जेब से अपनी चेकबुक निकाली और एक चेक साइन कर के उसको दिया और कहा कि इससे तुम अपना बिज़नेस फिर से शुरू कर सकते हो और एक साल बाद मुझे ठीक इसी जगह इसी समय मिलना और मुझे मेरे पैसे वापस कर देना | यह कहते हुए बूढ़ा वहाँ से दूर चला गया| बिज़नेसमैन ने जब अपने हाथ में रखे चेक पर नज़र डाली तो वह हैरान रह गया क्यूंकी वो बूढ़ा कोई मामूली व्यक्ति नहीं था उस चेक पर सर वारेन बफ़ेट(एक मशहूर अमेरिकन उद्धयोगपति) के साइन थे और चेक की रकम थी $500,000| उसको खुद पर यकीन नहीं हुआ कि खुद वारेन बफ़ेट ने आकर मेरी परेशानी हल की है | फिर उसने सोचा की ये रकम बैंक और लेनदारों को देने की बजाए वो पहले अपने बिज़नेस को बचाने के लिए संघर्ष करेगा और इमरजेंसी में ही उस चेक का प्रयोग करेगा |
अब तो बिना किसी डर के वह फिर से अपना बिज़नेस बचाने में जुट गया क्यूंकी उसे पता था कि अगर कोई परेशानी होगी तो मैं चेक की मदद से बच सकता हूँ | बस फिर क्या था उसने जी तोड़ मेहनत की और एक बार फिर से अपने बिज़नेस को वापस खड़ा कर दिया | आज उस बात को एक साल पूरा हो चुका था और वह चेक भी आज तक ऐसे ही सही सलामत था |
अपना वादा पूरा करने के लिए बिज़नेसमैन जब पार्क में गया तो उसे वहाँ वही बूढ़ा व्यक्ति दिखाई दिया| जैसे ही वह उसके पास आया अचानक एक नर्स पीछे से आई और व्रद्ध को पकड़ के ले गयी और कहा कि वह एक पागलख़ाने से भागा हुआ पागल है जो खुद को हमेशा वारेन बफ़ेट बताता है, यह कहकर नर्स व्रद्ध को ले गयी|
अब वह आदमी एक दम आश्चर्य में था क्यूकी वह बूढ़ा ना तो बफ़ेट था और ना ही वह चेक असली था, जिस पर उसे इतना विश्वास था | उसकी आँखों में आँसू छलक आए क्यूकी उसने आज एक नकली रकम की वजह से जागे अपने आत्मविश्वास से आज सफलता प्राप्त कर ली थी जबकि वह पैसा कुछ था ही नहीं |
तो मित्रों, दुनियाँ मे कुछ भी असंभव नहीं है बस अपना आत्मविश्वश जगाने की ज़रूरत है और एक बार जब आप आत्मविश्वास से भरपूर हो जाएँगे तो दुनियाँ की कोई बंदिश आपको नहीं रोक सकती |
टेट मैरिट के आधार पर भर्ती पूरी करना एक मात्र विकल्प - न्याय विभाग
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिक्षक
ReplyDeleteभर्ती की तैयारी शुरू लखनऊ (ब्यूरो)। सरकार ने सुप्रीम
कोर्ट के आदेश पर 72,825
शिक्षकों की भर्ती की तैयारियां शुरू
कर दी हैं। बेसिक शिक्षा विभाग
ने आदेश के आधार पर
भर्ती प्रक्रिया का खाका खींचना शुरू कर दिया है। इसके बाद
भी यदि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के
आधार पर 12 सप्ताह तक
भर्ती प्रक्रिया पूरी न हो पाती है
तो शिक्षा विभाग चंद
दिनों की मोहलत देने का अनुरोध कर सकता है। उधर, राज्य शैक्षिक
अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद
(एससीईआरटी) ने डायटों से आवेदन
शुल्क वापस लेने
वालों का ब्यौरा मांगा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने सुप्रीम
कोर्ट के आदेश के आधार पर
भर्ती प्रक्रिया के लिए न्याय
विभाग से राय मांगी थी, इसमें
पूछा था कि क्या हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि न्याय विभाग में स्पष्ट कर दिया है
कि टीईटी मेरिट से भर्ती के
अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
इसके आधार पर
ही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू
किए जाने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा विभाग समय के अंदर
भर्ती करना चाहता है, लेकिन
यदि छुट्टियों और चुनाव के चलते
कुछ दिक्कतें आईं तो वह सुप्रीम
कोर्ट से कुछ समय और देने की मांग
कर सकता है। एससीईआरटी ने आवेदन शुल्क वापस
लेने वालों का मांगा ब्यौरा
Ladki wall par picture upload karke likhti hai:"
ReplyDeletehi friends kaisi lag rahi hoon..?? . . . . . . . . . .
Pappu:" tere baap ne 15-20 hazar ka mob.. Leke diya hai to ghar me 500rs ka sheesha bhi lagaya hoga.... Uss Mein dekh le, humse kya poochti hai bhootni' kahi ki..
प्राइमरी क्लास में मास्टर साहब गणित सिखा रहे थे.
ReplyDeleteमास्टर साहब – “बेटा, मान लो मैंने तुम्हें 10 लड्डू दिए !”
पप्पू – “क्यों मान लूँ … आपने तो मुझे एक भी नहीं दिया ?”
मास्टर साहब – “अरे मान ले न ! मानने में तेरे बाप का क्या जाता है ?”
पप्पू – “ठीक है …”
मास्टर साहब – “हाँ, तो उसमें से 5 तुमने मुझे वापस दे दिए …
तो बताओ तुम्हारे पास कितने लड्डू बचे ?”
पप्पू – “20 !!!”
मास्टर साहब – “कैसे ?”
पप्पू – “मान लीजिए ना ! मानने में का क्या जाता है !!!”
हमें तिलक क्यों लगाना चाहिए ?
ReplyDeleteया जब तिलक कोई और लगा रहा हो,
उस समय सिर पर हाथ क्यों रखना चाहिए ?
आइये जाने इसका वैज्ञानिक महत्व---
शायद भारत के सिवा और कहीं भी मस्तक पर तिलक लगाने की प्रथा प्रचलित नहीं है। यह रिवाज अत्यंत प्राचीन है। माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक के मध्य में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक ठीक इसी स्थान पर लगाया जाता है।
मनोविज्ञान की दृष्टि से भी तिलक लगाना उपयोगी माना गया है। माथा चेहरे का केंद्रीय भाग होता है, जहां सबकी नजर अटकती है। उसके मध्य में तिलक लगा
कर, विशेषकर स्त्रियों में, देखने वाले की दृष्टि को बांधे रखने का प्रयत्न किया जाता है।
स्त्रियां लाल कुंकुम का तिलक लगाती हैं। यह भी बिना प्रयोजन नहीं है। लाल रंग ऊर्जा एवं स्फूर्ति का प्रतीक होता है। तिलक स्त्रियों के सौंदर्य में अभिवृद्धि करता है। तिलक लगाना देवी की आराधना से भी जुड़ा है। देवी की पूजा करने के बाद माथे पर तिलक लगाया जाता है। तिलक देवी के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।
तिलक का महत्व
हिन्दु परम्परा में मस्तक पर तिलक लगाना शूभ माना जाता है इसे सात्विकता का प्रतीक माना जाता है विजयश्री प्राप्त करने के उद्देश्य रोली, हल्दी, चन्दन या फिर कुम्कुम का तिलक या कार्य की महत्ता को ध्यान में रखकर, इसी प्रकार शुभकामनाओं के रुप में हमारे तीर्थस्थानों पर, विभिन्न पर्वो-त्यौहारों, विशेष अतिथि आगमन पर आवाजाही के उद्देश्य से भी लगाया जाता है ।
मस्तिष्क के भ्रु-मध्य ललाट में जिस स्थान पर टीका या तिलक लगाया जाता है यह भाग आज्ञाचक्र है । शरीर शास्त्र के अनुसार पीनियल ग्रन्थि का स्थान होने की वजह से, जब पीनियल ग्रन्थि को उद्दीप्त किया जाता हैं, तो मस्तष्क के अन्दर एक तरह के प्रकाश की अनुभूति होती है । इसे प्रयोगों द्वारा प्रमाणित किया जा चुका है हमारे ऋषिगण इस बात को भलीभाँति जानते थे पीनियल ग्रन्थि के उद्दीपन से आज्ञाचक्र का उद्दीपन होगा । इसी वजह से धार्मिक कर्मकाण्ड, पूजा-उपासना व शूभकार्यो में टीका लगाने का प्रचलन से बार-बार उस के उद्दीपन से हमारे शरीर में स्थूल-सूक्ष्म अवयन जागृत हो सकें । इस आसान तरीके से सर्वसाधारण की रुचि धार्मिकता की ओर, आत्मिकता की ओर, तृतीय नेत्र जानकर इसके उन्मीलन की दिशा में किया गयचा प्रयास जिससे आज्ञाचक्र को नियमित उत्तेजना मिलती रहती है ।
तन्त्र शास्त्र के अनुसार माथे को इष्ट इष्ट देव का प्रतीक समझा जाता है हमारे इष्ट देव की स्मृति हमें सदैव बनी रहे इस तरह की धारणा क ध्यान में रखकर, ताकि मन में उस केन्द्रबिन्दु की स्मृति हो सकें । शरीर व्यापी चेतना शनैः शनैः आज्ञाचक्र पर एकत्रित होती रहे । चुँकि चेतना सारे शरीर में फैली रहती है । अतः इसे तिलक या टीके के माधअयम से आज्ञाचक्र पर एकत्रित कर, तीसरे नेत्र को जागृत करा सकें ताकि हम परामानसिक जगत में प्रवेश कर सकें ।
ReplyDeleteतिलक का हमारे जीवन में कितना महत्व है शुभघटना से लेकर अन्य कई धार्मिक अनुष्ठानों, संस्कारों, युद्ध लडने जाने वाले को शुभकामनाँ के तौर पर तिलक लगाया जाता है वे प्रसंग जिन्हें हम हमारी स्मृति-पटल से हटाना नही चाहते इन शुशियों को मस्तिष्क में स्थआई तौर पर रखने, शुभ-प्रसंगों इत्यादि के लिए तिलक लगाया जाता है हमारे जीवन में तिलक का बडा महत्व है तत्वदर्शन व विज्ञान भी इसके प्रचलन को शिक्षा को बढाने व हमारे हमारे जीवन सरल व सार्थकता उतारने के जरुरत है ?।
तिलक हिंदू संस्कृति में एक पहचान चिन्ह का काम करता है। तिलक केवल धार्मिक मान्यता नहीं है बल्कि कई वैज्ञानिक कारण भी हैं इसके पीछे। तिलक केवल एक तरह से नहीं लगाया जाता। हिंदू धर्म में जितने संतों के मत हैं, जितने पंथ है, संप्रदाय हैं उन सबके अपने अलग-अलग तिलक होते हैं।
- हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कोई भी पूजा-प्रार्थना तिलक बिना लगाये नहीं होती। सूने मस्तक को अशुभ माना जाता है। तिलक लगाते समय सिर पर हाथ रखना भी हमारी एक परंपरा है।
- धर्म शास्त्रों के अनुसार सुने मस्तक को अशुभ और असुरक्षित माना जाता है। तिलक लगाने के लिए अनामिका अंगुली शांति प्रदान करती है।
- मध्यमा अंगुली मनुष्य की आयु वृद्धि करती है।
- अंगूठा प्रभाव और ख्याति तथा आरोग्य प्रदान कराता है। इसीलिए राजतिलक अथवा विजय तिलक अंगूठे से ही करने की परंपरा रही है।
- तर्जनी मोक्ष देने वाली अंगुली है।
- ज्योतिष के अनुसार अनामिका तथा अंगूठा तिलक करने में सदा शुभ माने गए हैं। अनामिका सूर्य पर्वत की अधिष्ठाता अंगुली है। यह अंगुली सूर्य का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका तात्पर्य यही है कि सूर्य के समान, दृढ़ता, तेजस्वी, प्रभाव, सम्मान, सूर्य जैसी निष्ठा-प्रतिष्ठा बनी रहे।
- दूसरा अंगूठा है जो हाथ में शुक्र क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र ग्रह जीवन शक्ति का प्रतीक है। जीवन में सौम्यता, सुख-साधन तथा काम-शक्ति देने वाला शुक्र ही संसार का रचयिता है।
- जब अंगुली या अंगूठे से तिलक किया जाता है तो आज्ञा चक्र के साथ ही सहस्रार चक्र पर ऊर्जा का प्रवाह होता है। सकारात्मक ऊर्जा हमारे शीर्ष चक्र पर एकत्र हो साथ ही हमारे विचार सकारात्मक हो व कार्यसिद्ध हो। इसीलिए तिलक लगावाते समय सिर पर हाथ जरूर रखना चाहिए.
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जय हिंदुत्व ..
जय हिन्द ...
वन्देमातरम ....
विचारणीय !
ReplyDelete.
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आवश्यक !
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25 मार्च के बाद से मेरे मन एक विचार आ रहा है आप लोग भी अपनी राय अवश्य देँ । प्रत्येक जिले का संगठन इस बात का ध्यान रखेँ कि अपने किसी साथी को काउँस्लिँग मेँ किसी प्रकार की कोई परेशानी या विभाग द्वारा परेशान किया जाये तो पूरी टीम उसकी पूर्ण मदद करे । प्रत्येक व्यक्ति अपने पास मोर्चा के महत्वपूर्ण लोगोँ के मो.नं. रखेँ और तुरन्त सम्पर्क करेँ । कोई जायज व्यक्ति किसी कारण से चयन से न रह जाये या किसी विभागीय व्यक्ति के कारण ठगा न जाये ।
प्रोवेलम विद solution ---
ReplyDelete1.Provisional & CC SIX MONTHS के
लिये वैलिड होता है यदपि आपके फॉर्म में
दोनों 2011 के लगे हों अगर हो सके तो बाद में होने
वाली भागदौड़ से बचने के लिये अभी निकलवा लें,
CC कॉलेज का ही मान्य होगा जहाँ से आपने बीऐड
किया है ।
2. जाति और मूलनिबासी सर्टिफिकेट
computerised entry वाले होने चाहिए अगर
नहीं हैं तो अभी नये बनने को दे दें अगर काउंसलिंग
के समय बन जाते हैं तो दोनों साथ रखें नहीं बनते हैं
तो पुराने साथ रखें ।
3. अगर किसी के 10+ 2,10 +3 या बीऐड के
सर्टिफिकेट में FATHER NAME या अपने
NAME में माइनर स्पेलिंग मिस्टेक है तो एक
ऐफीडेविट तैयार करके रखें पर जांचकर्ता के मागने
पर ही दें वरना मासूम बने रहें ।
4. अगर फीस वापसी का आवेदन तो किया था पर
फीस वापस नहीं हुई तब फिर से फीस देने का कोई
औचित्त्य नहीं जिन्होंने फीस वापस ली है
उनका नाम उस डाइट में
लगा दिया जायेगा हो सकताहै साईट पर लिस्ट
भी आ जाये पर अभी वेट करना होगा कि बैसिक
विभाग क्या तरीका अपनाता है ।
5. अगर आपके पास फॉर्म भरने का कोई रिकॉर्ड
नहीं है जैसे स्लिप ऑफ़ स्पीड पोस्ट , ज़ेरॉक्स ऑफ़
DD एंड फॉर्म etc. पहली बात तो ये हैं की हाय-
तौबा मचाने और टेंसन लेने का कोई लाभ नहीं है
ठण्ड रखें और शंयम से काम लें ---
आपके सभी रिकॉर्ड डाएट में सुरक्षित हैं जहाँ तक
मुझे पता है 2011 में सभी रिकॉर्ड सॉफ्ट कॉपी में
भी सेव हो चुके थे , जहाँ आपने फॉर्म
भरा था वहां को मेरिट आने का इन्तजार करें और
लिस्ट में अपना नाम देखें और काउंसलिंग के लिये
तैयार रहें ।
अगर आपके डॉकूमेंट में कोई कमी रह जाती है
तो एक ऐफीडेबिट ले लिया जायेगा और दिये गये
समय में आपको प्रस्तुत करना होगा ।
उपरोक्त सलाह में सभी की जानकारी हम लोगों को है
पर हमारे दिमाग में जो तीरा सॉरी कीड़ा होता है
वो बेचेन किये रहता है तभी बार बार सलाह
की जरुरत होती है !
वाकी आपके पास टेंसन लेने के बहुत से कारण हैं
कुछ साथियों को तो बिना टेंसन लिये खाना ही हजम
नहीं होता है स्वं तो टेंसन लेते हैं
दूसरों को भी देते हैं ।
"ये बदमाश छिपकलियां बड़ी होशियारी से रात के अँधेरे में, मोटे मोटेकीड़ो को हज़म कर लेती है।और सुबह होते ही अपने गुनाहों को छिपाने के लिए, गांधी, लाल बहादुर शास्त्री , नेहरु, आदि की किसी तस्वीर के पीछे छिप
ReplyDeleteजाती है।"
ठीक ऐसी ही हालत बैसिक शिक्षा विभाग की है .
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25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट का decision आया था अब तक 9 दिन हो गये पर विभाग कुम्भकरण की नीद सो रहा था तब उम्मीद कर रहा है सुप्रीम कोर्ट भर्ती की समय सीमा बढाएगा,
छुट्टी का बहाना दे रहा है लगता है बैसिक
शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट की ठुकाई
का अनुभव नहीं है बैसिक विभाग जैसी छिपकलियों के सामने सुप्रीमकोर्ट मगरमच्छ है ।
मै इस सरकार को क्या नाम दूँ....
ReplyDelete.
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नौटंकी शुरु हो गयी फिर से...
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अब चुनाव आयोग से किस बात
की अनुमति माँगी जायेगी.........NCTE से
क्या कहना है भाई........सुप्रीम कोर्ट से
समय बढवाने की माँग की जायेगी......बात कुछ हजम नही हुई ......माम
ला फिर लटकाने की चाल
चली जा रही है...कुछ करना होगा और
जबरदस्त करना होगा..........
क्योंकि सरकार का डर्टी गेम प्लान तैयार
है.....
जय टेट
●72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए तैयारी शुरू
ReplyDelete*शासन ने की न्याय विभाग से बात
डेली न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करने के निर्देश के बाद शासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। भर्ती में कोई रुकावट न आए इसके लिए शासन ने न्याय विभाग से बातचीत कर ली है। हालांकि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री की ओर से लिया जाएगा। गौरतलब है कि 72825 शिक्षकों का मामला तत्कालीन मायावती सरकार के समय से लांबित है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने शिक्षकों की भर्ती टीईटी मैरिट के आधार पर करने का फैसला लिया था, लेकिन 2011 टीईटी परीक्षा में विवाद उत्पन्न होने की वजह से मामला विवादों में फंस गया था। वर्ष 2012 में आई सपा सरकार ने मायवती सरकार के फैसले को निरस्त कर दिया था। इस बीच मामला हाईकोर्ट चला गया था। वहां से टीईटी मैरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती का आदेश दिया गया था। लेकिन सपा सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। हालांकि उसे वहां से राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि यूपी सरकार टीईटी मैरिट के आधार पर ही तीन महीने के भीतर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करे। सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया समय 25 जून तक पूरा हो जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से और वक्त बढ़वाने की अपील करेगी। उधर बुधवार को एससीईआरटी ने सभी डायटों को पत्र भेजकर ऐसे अभ्यर्थियों का ब्यौरा मांगा है जिन्होंने शिक्षा भर्ती केसमय अपने पैसे वापस मांग लिए थे।
Umashanker Ji Soch Aapli Acchi Hai
ReplyDeleteAgar 2011 TET Base Marit ki Ladai aap age tak larege to Ho Sakata Hai 2012 BED Walon ka Akhilesh Sarkar Main Bhare Form ka Kucch Ho sake Kyoki Apase Badi Asha & Vishwash Hai.
Pl. SC main Pairwi Agali Vacancy ke liye Bhi Karwaye. Jai Tet Jai Bharat Jai Maan Vashno
Aap logo ne suna hoga ki kutte ki dum kabhi bhi sidha nahi hota hai. Ye gov bhi vahi hai baki aap loge samaghdar hai. Jai mata di.
ReplyDeleteitna pagal c.m or sarkar aaj tak india ke kisi bhi state me nahi bana
ReplyDeleteUma sankar g thanks for every thing which can u do for tet merit
ReplyDeleteUma sankar g thanks for every thing which can u do for tet merit
ReplyDeleteGalatiyon Se Juda Tu Bhi Nahi,
ReplyDeleteMai Bhi Nahi,
Dono Insaan hain,
Khuda Tu Bhi Nahi,
Mai Bhi Nahi ... !"
Tu Mujhe or Mai Tujhe Ilzaam Dete Hain Magar,
Apne Andar Jhankta Tu Bhi Nahi,Mai Bhi Nahi " ... !!
"Galat Fahmiyon Ne Kar Di Dono Mai Paida Dooriyan,
Warna Fitrat Ka Bura Tu Bhi Nahi,
Mai Bhi Nahi " ... !!!.....
कूष्माण्डा- देवी का चौथा स्वरूप कूष्माण्डा कहलाता है। अपनी मंद मुस्कान से अण्ड और ब्रहाण्ड को उत्पन्न करने के कारण इनकी प्रसिद्धि कूष्माण्डा के नाम से हुई। अपने हासे से ब्रहाण्ड का निर्माण करने के कारण ये सृष्टि में आदि शक्ति कहलाई।
ReplyDeleteइनका शरीर सूर्य की कांति के समान है। इनकी आठ भुजाएं हैं इसलिए ये अष्टभुजा भी कहलाती हैं। इनके दाहिनी ओर के हाथों में क्रमश:
कमण्डलु, धनुष, बाण और कमल सुशोभित हैं तथा बाई ओर के हाथ में अमृत कलश, जप माला, गदा और चक्र हैं। इनके कानों में सोने के आभूषण और सिर पर सोने का मुकुट है। ये सिंह पर विराजमान हैं। समस्त रोग, शोक के विनाश के लिए तथा आयु, यश, बल और आरोग्य की प्राप्ति के लिए नवरात्रा के चौथे दिन इनकी पूजा की जानी चाहिए।
jay mata di
In newspaper walo ka dimag dekho...
ReplyDelete1. Jab HC ne 15 amendment ko radd kar diya to kahe ka niyamawali me parivartan...
2. Abhi us din aaya tha ki mukhya sachiv ne basic aur nyay vibhag ke adhikario ke sath baithak ki.....ab ye haramkhore bata rahe hai ki nyay vibhag se rai mangi gayi hai.....kitne nyay vibhag hai UP mein aur kaun gaya tha wahaan??
3. Jab Ham logo ka vigyapan nirast hua tha (2012 mein) tab kisi ko dard nahi hua....ab jabse HC ne naya amendment radd kiya hai to in sabko pet me bahut dard ho raha hai....ray maangne chale gaye wo bhi bina humse puchhe bina kisi aandolan ke . . , . . .
4. Jab mamla court mein pending tha to nayi bharti (BTC ,urdu), gov. ne kyo kari?? ye nahi dikhta hai in salo ko .....
5. Chunav Aayog Aur NCTE dono ke hi orders HC aur SC me challengable hote hai... aur SC/HC unhe palat bhi sakte hai...lekin ye baat in sabki samajh se bahar hai....
Dosto, ye neech media, ruling party ka hi dusara chehra hoti hai, ye hame nahi bhoolna chahiye....apas mein ek dusare ki taang kheechna band karke hame ab aage ki karyawahi tay karni hogi....
Teri Talash Me Niklu To Bhi Kya Fayda. . .
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Tum Badal Gaye Ho . .
Kho Gaye Hote To koyi Our Baat hoti . .
~~देव~~
आज की तारीख में हमारे पास अपनी भर्ती कराने के लिए निम्न विकल्प मौजूद हैं .......
ReplyDelete1- हम 25 मार्च के आदेश को अपने इष्टदेव की मूर्ति या अन्य किसी प्रतीक के साथ रखकर सुबह शाम ऊपर वाले से प्रार्थना करें और तब तक ब्रत भी रखें कि 12 हफ़्तों में हमारी नियुक्ति करा दे ....
2- हम 20 नवम्बर के आदेश के बाद किये 20 मार्च 12 के आन्दोलन की भाँति एक और आन्दोलन करें ....
ReplyDelete3- हम अपने क्षेत्र के सपा प्रत्याशी एवं जिला अध्यक्षों से मिलें और उनसे पार्टी हाई कमान पर दबाव बनवाएं ,.....इस बार रणनीति के तहत ये माँग करें कि सरकार पहले हमारी नियुक्ति करे और बाद में शेष बचे uptet2011वालों की ,,अगर acd वाले साथ आने को तैयार होते हैं तो अच्छा है वरना अपने ही कुछ साथियों को नकली acd समर्थक बना दिया जाएगा .....सरकार को श्रेय चाहिए तो सार्वजनिक रूप से ले ले ।
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बाकी मतदान तो गोपनीय ही होगा .....
Maine pahle hi kaha tha umasankar ji.
ReplyDeleteKi aap logo ko jakar sarkar se bat karni chahie.
Agar wo ragi hai bharti karne ke lie to aap tet walo ko bhi compromise karna chahie warna ye bharti kabhi nahi hogi.
Kewal apni hi bat pat adig rahne se to kabhi nahi.
Ab sarkar ki samasya ko bhi dhyan dena padega ki bharti tet se to ho par isme new and old vigyapan dono ko shamil kiya jae aur bhi jo samasyae aa rahi unko bhait kar nibtaya jae tki koi objection na le. Aur samaya par bharti puri ho.
Nahi to sarkar kahi fas na jae islie wo kai bahane bana rahi hai.
Purane logo ko jinhone aavedan nahi kiya unhe new add me.mauka dekar bhai merit banai ja sakti jisme koi problem nahi aayegi.
अगर आप गाय पालना चाहते है तो कोई सब्सिडी नही मिलती है लेकिन अगर आप गौ-मांस बेचने के लिए कत्लखाने खोलते है तो केन्द्र सरकार आपको सब्सिडी मुहैया कराती हैँ और यहीँ वजह है कि आज भारत दुनियाँ का सबसे बड़ा गौ-मांस निर्यातक देश हैँ ..
ReplyDelete"इसलिए अबकी बार - मोदी सरकार "
जब बॉबी डॉर्लिंग पैदा हुआ तो डॉक्टर घरवालों से बोला- बधाई हो, धोका हुआ है।
ReplyDelete.
जब एकता कपूर पैदा हुई तो डॉक्टर घरवालों से बोला- बधाई हो, कौन हुआ जानने के लिए देखिए, अगला एपिसोड।
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जब प्रभू देवा पैदा हुआ तो डॉक्टर घरवालों से बोला- बधाई हो, बच्चा जब
हिलना बन्द करेगा तो चेक करके बताएगें कि क्या हुआ है।
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जब दया (CID) पैदा हुआ तो सारे डॉक्टरो ने भागकर हॉस्पिटल के सारे गेट बन्द कर दिए।
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जब सुरेश करमाड़ी पैदा हुआ तो डॉक्टर घरवालों से बोला- बधाई हो, घोटाला हुआ है। जांच जारी है।
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जब दिग्गविजय सिंह पैदा हुआ तो डॉक्टर घरवालों से बोला- ''बधाई हो,
आपके साथ मज़ाक हुआ है।''
इस पर बच्चा (दिग्गी) बीच मे ही बात काटते हुए बोला," इसमे BJP -RSS का हाथ है।"
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केजरीवाल के पैदा होने से पहले डॉक्टर घरवालों से बोला- बच्चा आ
नही रहा है, अन्दर धरने पर बैठा है।
अगर स्वामी रामदेव भी तथाकथित सेक्युलर धर्म के होते तो महारानी आधी रात मै उनपर लाठी चार्ज करवाने कि जगह , इमाम बुखारी कि तरह तलवे चाटने पहुच जाती , इसमें महारानी की नहीं हमारी गलती है कि हम क्यों यूनाइट नहीं है।
ReplyDeleteअभी तक मतदान को कानूनी रूप से अनिवार्य क्यों नहीं किया गया?
ReplyDeleteऐसा करने से क्या लाभ हानि होगी ?
Ye bhrti tet base pr he hogi kyuki akhi or uska departmnt tihaad jail na jane k mood mein hai waha jane se sabki fatti hai.
ReplyDeleteKuch log bade utavle ho rhe hai par jara soche k abhi govt ko jhtka laga hai 30000 volt ka. Bhai hosh aane do. Govt abhi ye planning kar rhi hai k. Bhrti jaldi se kaise ki jaye
ReplyDeleteKaise merit out kare (online ya offline)
Offline mein khoob problm hogi and online just abhi karwana possible nhi hai kyuki hamne offline apply kiya tha jiska saara data papers pr hai na ki computer mein.
ReplyDeleteComputer mein only tet k marks hai.
So jin logo ne apply kiya 2011 mein unke tet roll no marks acedmic record or dusri jaruri suchnao ko pahale computer feeding hogi uske baad jakar kuch merit out krne ka system shuru hoga.
ReplyDeleteSo plz electric shok se jhulsi hui govt ko thoda to time do yaar.......
ReplyDeleteAap kya soch rhe hai:-- K suprim court ka order aa chuka hai pr abhi tak kisi ne merit out karne ka councelling k shedule ki koi ghoshna nhi ki...
Ab tak to merit declare ho jani chahiye thi 1 may tak to hamko posting bhi mil jani chahiye thi.......dhirya rakkhe dhirya plz sab kuch hoga 12 saptah me pr dheere dheere
ReplyDeleteजय हिन्द
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Anjaam ki parwa hoti to main
"ishq" karna chhod deta.,
"Ishq me zid hoti hai or zid karna mujhe tum ne sikhaya hai.
uma ji mere pas m.ed.2006 ka cc hai dusre collage se kya fir naya banana padega
ReplyDeleteआपका वही सी॰ सी॰ चलेगा ।
ReplyDeleteफिर भी आप एक और बनवा लें कचहरी से ।
ReplyDeleteWhen Someone Hates U For No Reason..
ReplyDeleteSlap Him Hard..
And He Will Hate U For A Reason.
मोदी की लहर: सर्वे एजेंसियां
ReplyDeleteमोदी की लहर: अरविन्द केजरीवाल
मोदी की लहर: शरद पवार
मोदी की लहर: राज ठाकरे
मोदी की लहर: शिवसेना
मोदी की लहर: भाजपा
मोदी की लहर: प्रिंट मीडिया अखबार, पत्र-पत्रिकाएँ
मोदी की लहर: अमेरिका/चीन/जापान/श्रीलंका/बांग्लादेश/फट्टू पकिस्तान
मोदी की लहर: सारी सोशल मीडिया
मोदी की लहर: हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई सार भारत
मोदी की लहर: कार्पोरेट जगत
मोदी की लहर: सारी ब्यूरोक्रेसी
मोदी की लहर: भारत का कर्मचारी वर्ग
मोदी की लहर: भारत का मजदूर वर्ग
मोदी की लहर: अमीर से गरीब तक
मोदी की लहर: हर आम आदमी से ख़ास तक
मोदी की लहर: हर एक राज्य में सारे भारत मे
मोदी की लहर: कश्मीर से कन्याकुमारी तक
मोदी की लहर: अटक से कटक तक
मोदी की लहर: हर गाँव में
मोदी की लहर: हर गली मोहल्ले में
मोदी की लहर: हर घर घर में
मोदी की लहर: हर एक के दिल में दिमाग में
मोदी की लहर: हर एक की जुबान में
मोदी की लहर चलेगी अबकी बार मतदान में।।
अबकी बार सिर्फ और सिर्फ मोदी के नाम पर वोट डाला जायेगा।।
मोदी लाओ, देश बचाओ.
jahan par gundey kayam hain,samjho shasak mulayam hai.
ReplyDeletemulayam ki shiksha mitro ko dhamki vote do nahi to chunav ke bad regular teacher ke roop me niyukti nahi denge.
ReplyDeleteशौक तो हमेशा माँ-बाप के पैसो से पूरे होते हैं ।
ReplyDeleteअपने पैसो से तो अक्सर बस ज़रूरतें
ही पूरी हो पाती हैं......!!
सुनो अखिलेश
ReplyDeleteहम बनेंगें 'पीठासीन', तुम्हारी सरकार नहीं बननें
देंगें......
"अपनी रोशनी की बुलन्दी पर तुम अब मत इतराना ।
are bhai CC ka kya matlab hota hai . please clear it and write full form. i thing it is charecter cirtificate
ReplyDeleteचिराग तुम्हारा भी बुझेगा , 'हवा'
ReplyDeleteकिसी की नही होती ॥"
दो साल के तुम्हारे कारनामें.....
हम पूरी मास्टरी में याद रखेंगें...
अब हर चुनाव में हम 72825 हर बार गुल खिलायेंगें
हम याद रखेंगें.....
दो साल से टेट-बी.एड.उत्तीर्ण गुरुओं को खून के
ReplyDeleteआँसू रुलाये है तुमने
एक-एक बेरोजगारों की तनख्वाह के पाँच-पाँच लाख से
अधिक बचायें हैं तुमने
गुरुओं के गुरुर पर लखनऊ-इलाहाबाद में
लाठियाँ भजवायीं है तुमने
टेट उत्तीर्ण बेरोजगारों से आत्महत्या तक
करवायी है तुमने
मेधावियों की भावनाओं को सिर्फ फुटबाल बना कर
खेला है तुमने
बेरोजगारों से आवेदन के नाम पर अरबों लूटे हैं तुमने
बेरोजगारों को तड़पाकर दो साल से सिर्फ
मुस्कराया है तुमने
गरीब बेरोजगारों के खेत-जमीन गिरवी रखवाकर कर्ज
लदवायें हैं तुमने
महिलाओं के जेवर-गहने तक बेचवाकर आवेदन करवाये
हैँ तुमनें
रही हमारी बात....72825 और इससे जुड़े हम
सभी बेरोजगार...
ता-उम्र हम तुम्हें नहीं भूलेंगें....
हम भूल जायेंगें हर बात, मगर तुम्हारी सरकार
नहीं भूलेंगें
हम करेंगें हर इंसान से प्यार, मगर तुम्हारी दुत्कार
नही भूलेंगें
इसलिये
2017 व इसके बाद से आने वाले हर
चुनावों में.....72825 विद्यालयों/मतदान
केन्द्रों पर.....
हम बनेंगें 'पीठासीन', तुम्हारी सरकार नहीं बननें
देंगें......
Kya khub Kaha hai bhai umashankar Ji yahi aag hamare tet veero ke under bharna hai Jo apna hisab pura kare is nikami gov se. Jai maa vindhyavasini, jai baba vishwanath sada sahay.
DeleteUMA SHANKAR JI KYA PROVISINOL DEGREE KE KOI EXPIRE DATE HOTI H
ReplyDeleteumasankar ji ye modi modi ki rat lagana thik nahin he modi ko kewal media ne hi upar chadaya he. aur aap jaise andh samarthako ne halla macha rakha h.
ReplyDeleteare sabhi ko rajneeti pata h yaar 1 saal se modi modi.
modi kya kar dega.
1 des med sarab theka band karwa sakta h ...........NAHIN.
2 des se mahngai kam kar sakta he .................NAHIN.
3 des me meet aur maans ki dukane band karwa sakta he.........NAHIN.
4 kya modi ke aane ke baad des me ek bhi balatkar nahi hoga...........NAHIN.
5 modi bhrastachar rok lega ..........NAHIN.
6 modi sari berojgari khatam kar dega...........NAHIN.
AGAR PAKISATAN KUCH KAHTA HE TO MODI SEEDHA ISLAMABAAD ME TALWAR LEKAR LADAI KARNE CHALE JAYENGE.
AUR DES KO 50 SAAL PEECHE KAR KE HI DAM LENGE.
ESE CHEKHANE AUR CHILLANE SE KOI PM NAHI BAN JATA JANTA SAB JANTI HE AUR PICHLA SASAN BHI BJP KA DEKAH HE.
MODI PAHLE UP KE MAYA AUR MULAYAM SE TO NIBAT LEN.PM TO BAAD KI BAAT HE. AGAR KISI KO BURA LAGA HO TO SORRY BUT VICHAR KAREN MODI KYOOON..........
अमित सिंह जी
ReplyDelete180 दिन की होती है
लोग कहते हैं वो हँसते हँसते जो फांसी वाले तख्तो पर झूल गए, ।
ReplyDelete।
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और हम तो 2 साल से हँसना ही भूल गये नहीं तो हम भी झूल जाते ॥
मित्रोँ न्याय विभाग की स्पष्ट टिप्पणी" 72825 शिक्षकोँ की भर्ती अब टीईटी मेरिट पर हीँ सम्भव है" के बावजूद कुछ तकनीकि समस्याँए हैँ, जिससे शासनादेश मेँ कुछ विलम्ब हो सकता है, जैस-
ReplyDelete1. पुराने विज्ञापन के कुछ रिकार्ड्स का न मिलना ।
2. शुल्क वापस लेने वाले अभ्यर्थियोँ के लिए पुन: विज्ञापन ।
3. NCTE की समय सीमा
4. नये विज्ञापन मेँ सँग्रहित अपार धनराशि ।
5. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रदत्त मात्र 84 दिन ।
आदि ऐसे मुद्दे हैँ जिससे सरकारी महकमेँ मेँ भारी उथल-पुथल मचा हुआ है, फिर भी सचिवालय से प्राप्त सूचना के अनुसार, शासनादेश 15-04-14 के पूर्व जारी किया जा सकता है ।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर
ReplyDeleteप्राइमरी स्कूलों में 72,825
शिक्षकों की भर्ती का रास्ता तो साफ
हो गया है लेकिन शिक्षक
की स्थायी नौकरी से पहले
चयनित अभ्यर्थियों को छह महीने का प्रशिक्षण
लेना होगा। इस दौरान चयनितों को 7300 रुपए प्रतिमाह मानदेय
दिया जाएगा।
दरअसल प्राइमरी स्कूलों में
बीटीसी प्रशिक्षुओं
को ही शिक्षक के रूप में रखने का प्रावधान था। लेकिन
जुलाई 2011 में निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार
(आरटीई) कानून लागू होने के बाद
शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए
बीएड
डिग्रीधारियों की नियुक्ति का निर्णय
लिया गया।
चूंकि बीएड प्रशिक्षण प्राइमरी के
बच्चाों को पढ़ाने के लिए नहीं होता इसलिए चयन के
बाद प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया। यही कारण
था कि नियुक्ति प्रशिक्षु शिक्षकों के नाम से शुरू
की गई। चयनित अभ्यर्थियों को छह
महीने के प्रशिक्षण के बाद सहायक अध्यापक पद
पर समायोजिन किया जाना था।
पुराने विज्ञापन के आधार पर भर्ती के
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब बेसिक
शिक्षा विभाग के अफसर प्रशिक्षण
की तैयारी में भी जुटे हैं।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद
(एनसीटीई) द्वारा अनुमोदित प्रशिक्षण
सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अभ्यर्थियों की मौलिक
नियुक्ति अध्यापक सेवा नियमावली 1981 एवं 12वें
संशोधन 2011 के प्रावधानों के अंतर्गत
की जाएगी।
विज्ञापन में क्या था प्रावधान
जनपदवार विद्यालयों में तैनाती के बाद निर्धारित संख्या में
चरणबद्ध रूप से श्रेष्ठता के आधार पर (आरक्षण को दृष्टिगत
रखते हुए) बैचवार अभ्यर्थियों को छह माह के प्रशिक्षण पर
संबंधित जनपद के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में
भेजा जाएगा, जिसमें से तीन माह का क्रियात्मक
प्रशिक्षण अभ्यर्थी द्वारा अपने
तैनाती वाले विद्यालय में ही प्राप्त
करना होगा।
News source- Hindustan News Paper
आज होने वाली शासन स्तर कि मीटिंग में जारी हो सकता है भर्ती प्रक्रिया का कार्यक्रम, न्याय विभाग ने कहा, टेट पर भर्ती के अलावा और कोई रास्ता नही, तो साथियों बने रहे,
ReplyDeleteयू पी सरकार को सहारा श्री से जरूर सबक लेना चाहिये , आज भी सुप्रीम कोर्ट मेँ उनको राहत नही मिली , इसी तरह इस सरकार के किसी प्रतिनिधि को भी जेल मे बैठा कर के भर्ती पूरी करायेगी माननीय उच्चतम न्यायालय तब समझ मे आ जायेगा !!
ReplyDeleteशिक्षामित्रो वोट नही दिया तो नियमित नही करेंगे --- मुलायम सिंह
ReplyDeleteये तो हर तरफ से गए , अब तो इन्हे यूपी से साफ़ होना पड़ेगा ॥
लखनऊ. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव लोकसभा चुनावों में जीतने के लिए इतने आतुर दिखे कि आदर्श चुनावी आचार संहिता की धज्जियां भी उड़ा डालीं। मुलायम सिंह ने चुनावों में समाजवादी पार्टी को वोट न देने पर शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की धमकी दे डाली।
ReplyDelete१) सपा का असली चेहरा सामने आया।
ReplyDelete२) शिक्षा मित्रों को सपा की खुली चुनौती।
३) पूरे होते वादाे में एक वादा और पूरा हो सकता है।
४) शिक्षा मित्र अपना वादा पूरा करें नहीं तो मुलायम अपना वादा पूरा कर देंगे ।
BHAI EK KAHAVAT H KI JAB GIDAD KE DIN KHARAB AATE H TO VO GAAV KI TARAF BHAGTA H VAHI HALL AAJ MULLAYAM AUR AKALLESS KA HO GYA H.SACH HI TO H VINASHKALE VIPREET BUDDI....
ReplyDeleteS.P KI HALAT IS TIME AISI HO GYI H JAISE BINA DUPATTE KI KOI OURAT ACHANAK SAAMNE AYE APNE JETH SE APNA MUH CHHIPANE KE LIYE APNI GHAGHRI KO UPAR UTHAKAR APNA MUH CHHIPANE KA PRAYATN KARTI H...
ReplyDeleteS.P KI HALAT IS TIME AISI HO GYI H JAISE BINA DUPATTE KI KOI OURAT ACHANAK SAAMNE AYE APNE JETH SE APNA MUH CHHIPANE KE LIYE APNI GHAGHRI KO UPAR UTHAKAR APNA MUH CHHIPANE KA PRAYATN KARTI H...
ReplyDeleteधमकी से वोट भी मिलते है ? चुनाव बाद स्पष्ट हो जाएगा ।
ReplyDeleteवोट न देने पर लेपटाप और बेरोजगारी भत्ता वापस होगा और ऐसी योजनाओं को बंद कर दिया जाएगा ?? इसकी औपचारिक घोषणा कब और कौन करेगा ??
ReplyDelete1. प्रोविजनल डिग्री मात्र छ: माह के लिए वैध है, अत: डिग्री न हो तो इसे जरुर बनवा लेँ ।
ReplyDelete2. निवास एवं जाति का अँकन कम्प्यूटर मेँ
होना चाहिए अन्यथा अवैध माना जाएगा ।
3. चरित्र प्रमाण पत्र अब आपके बीएड कालेज से नहीँ बनेगा, इसे आप क्षेत्रीय राजपत्रित अधिकारी अथवा ग्राम प्रधान से बनवा लेँ ।
4. NCTE लेटर के लिये आप यदि कालेज न
जाना चाहेँ तब http:// www.nrcncte.org/ RecResult.aspx?s t=Uttar+Pratdes hपर जाकर अपना कालेज सर्च करेँ और प्रमाण पत्र डाउन लोड करके प्रिँट आउट कर लेँ । कालेज जाने की कोई आवश्यकता नहीँ है ।
शिक्षामित्रो को उनके नेताओँ ने कहीं का नही छोड़ा । अगर टेट सहित समायोजन की माँग की होती तो यह दिन नही देखना पड़ता ।
ReplyDeleteमेरे सभी मित्रों को शुभ प्रभात! अभी से इतनी धमा चौकड़ी मचाने की क्या जरूरत है ,,,,,जिसको देखो काउंसलिंग कराने के लिये बेताब है ,,,,,ज्यादातर पोस्टों में सिर्फ एक ही बात कि मेरे इतने नम्बर हैं ,,,क्या मेरा होगा ?????? अरे यह सब करने के लिये अभी बहुत समय है । वर्ष 2007 की 60,000 हजार विशिष्ट बीटीसी काउंसलिंग आफलाइन ही हुयी थी जो कि 2009 तक भी पूर्ण नहीं हो सकी थी । इसलिये अभी से इतना कूदने की आवश्यक्ता नहीं है । मात्र सुप्रीम कोर्ट से आदेश प्राप्त कर लेने से ही हमारा उद्देश्य समाप्त नहीं हो जाता ,,,,,अभी इनको हमारी नियुक्ति के लिये दुबारा कैबिनट बैठानी पड़ेगी और जो 12 वां संशोधन,,,जो इन्होने अपने हाथों से समाप्त किया था ,,,,,टेट का जयकारा लगाते हुये दुबारा बहाल करना पड़ेगा,,,,कैबिनटकी मुहर लगने के पश्चात ही उससे सम्बन्धित शासनादेश जारी होगा .....................जब शासनादेश आ जाये तब समझिये कि अब कोई बाधा नहीं है..............और तब हर्ष उल्लास से पार्टी मनाइये .....लेकिन अभी वह समय नहीं आया है ,,,अभी हमको इस सरकार पर किसी भी प्रकार से दबाव बनाकर शासनादेश जारी करवाना है ,,,,,,,,,एक बात और स्पष्ट समझ लीजिये कि कोई भी कार्य through proper channel ही सम्भव है और कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्य इन्ही को करना है,,,,,,यह जब इसको करेंगे तभी हमारी नियुक्ति सम्भव है....... इसलिये ,,,,,,,,,,बाकी सब छोड़कर पहले इसकी व्यवस्था का प्रयास करें कि हमारा शासनादेश शीघ्र आये । और हाँ जो यह सोच रहे हैं कि यह तो सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश है .......तो इसका ज्वलंत उदाहरण सुब्रत राय सहारा के माध्यम से आपके सामने है ........सहारा समूह ने साफ कहा है कि 10 हजार करोड़ हम नहीं देंगे चाहे जमानत दो या न दो........दूसरे,,,,,,,,,,जो मुलायम सिंह शिक्षा मित्रों को खुली चुनौती दे सकता है कि वोट दो नहीं तो नौकरी नहीं दूँगा ...........तो अगर उसका एक अधिकारी 2 महीने के लिये जेल भी चला जायेगा तो उसकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा । संजय सिंहा जेल जाने के बाद अगले विधानसभा चुनाव में सपा के प्रत्याशी के रूप में नौकरी छोड़ विधायक का चुनाव लड़ते नजर आयेंगे । इसलिये अभी से पगलायें मत और सब मिलकर यह प्रयास करें कि यह हमारा कार्य शीघ्र अतिशीघ्र करें ।
ReplyDeleteधन्यवाद
jitendra g aap sayad mujhe dharam ka sayad kattar samarthak maan loge per aap bhi modi ka virodh tab tak hi ker rehe h jab tak desh m hindu h.dusri baat m muzaaffarnagar hinsa m apno ko khoya h esliye aap sirf mujh se aakar poochiye ki m modi ko kyu vote du wo bjp goverment hi thi jisne kargil ki ladai m desh ka samman badhaya tha.sayad aap k to kargill ki ladai bhi yaad nahi hogi mere esliye yaad h kyuki usme mere fufa g saheed bachan singh the fir bhi baat kerte ho securialism ki are jab desh ka momdan ek hokar bjp ka virodh ker sakta tab bhi aap jaise unke talwe chaatte ho
ReplyDeleteUmasankar ji aap kis city se h.
ReplyDeletebalyan ji kargil ke samay agar congress ke sarkar hoti to kya des pakistan ka gulam hota....are yar esi koi baat nehi he.
ReplyDeleteaapke saath jo hua im very simpethilise with you. but modi ki jagah maya ku nahi ek dalit akeli lady.aur itna sangharsh. hamari bharti ko lekar modi ne kitana bolla kuch nhi.
aapke sath jo hua uske karan aap des ko hindu aur muslim me nahi baant sakte.it is a exident but with politics.
thanku umashankar ji:)
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