UPTET : यूपीटीईटी परीक्षा कि क्या है सच्चाई
आजकल बहुत से केंडीडेट यूपीटीईटी परीक्षा के बारे मैं धांधली धांधली कहते हुए नजर आते हैं
मगर ये भी सामने आया है कि यूपीटीईटी परीक्षा मैं काफी सारे केंडीडेट के 100 से कम मार्क्स हैं और
गुणांक बेहद अच्छा ।
तो क्या ऐसे केंडीडेट ने परीक्षा में कम मार्क्स के लीए पैसे दीये थे ।
आखिर ऐसे कोन से कोलेज , यूनिवर्सिटी हैं जहां से अभ्यर्थीयों को अच्छे अंक मिले हैं ।
यूपीटीईटी परीक्षा में मेहनती अभ्यर्थीयों का क्या दोष ??
और अगर धांधली वास्तव में किसी केंडीडेट / केंडीडेटस ने की है तो ऐसे केंडीडेटस पर कानूनी कार्यवाही हुए
भर्ती से बाहर कर देना चाहिए (परन्तु आज भी लोगो को एक भी केंडीडेट का नाम नहीं पता जिसने पैसे देकर नंबर बद्वाये हैं )
और धांधली सुधार योग्य न होने पर एक परीक्षा दोबारा से कराई जा सकती है ।
और धांधली सुधार योग्य न होने पर एक परीक्षा दोबारा से कराई जा सकती है ।
मगर इस पर बहुत से लोगो का कहना है कि इस बात की गारंटी कोन लेगा कि परीक्षा 100% शुद्धता से संपन्न होगी ।
यू पी टी ई टी परीक्षा में गलत प्रश्नों के फायदे से काफी सारे अभ्यर्थीयों को टी ई टी पात्रता भी हासिल हुई परन्तु न्यूज़
पेपर में कुछ समय पहले इसको अनियमितता बताया गया था ।
इस अनियमतता में मेहनती छात्र का क्या दोष ??
अगर अनियमतता दूर करनी है तो भी टी ई टी मेरिट से भर्ती सही विकल्प है क्योंकि गलत प्रश्नों का फायदा सभी अभ्यर्थीयों को मिला था
टी ई टी (प्राइमरी) परीक्षा एन सी टी ई के निर्धारित मानकों के अनुरूप एक विशेष परीक्षा थी जो की प्राइमरी शिक्षकों को चुनने के लिए बनी थी और एन सी टी ई ने साफ़ साफ़ शब्दों में इसकी वेटेज लेने को लिखा था न कि किसी अकादमिक परीक्षा के अंको को ।
नोट - अकादमिक परीक्षा के अंकों को भी भर्ती में उपयोग मैं लिया जा सकता है परन्तु एन सी टी ई गाइड लाइन मैं इसके वेटेज का कोई उल्लेख नहीं है
इसके अंको को भी चयन मैं इस्तेमाल किया जा सकता है परन्तु भर्ती का आधार तय होने का बाद , और परीक्षा आदि होने का बाद , जिसने मेहनत से टी ई टी परीक्षा मैं अंक पाए उसका क्या दोष क्योंकि उसको तो नोकरी इन्ही अंको के आधार पर मिलने जा रही थी
सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यहाँ प्राइमरी शिक्षकों का चुनाव होना है न की किसी साइंटिस्ट /इंजिनियर /विषय विशेषज्ञ का और टी ई टी (प्राइमरी) परीक्षा प्राइमरी शिक्षकों को चुनने के लिए योग्यता मापन थी ।
जिस प्रकार बैंक क्लर्क के लिए क्लेरिकल एप्टीत्युड परीक्षा होती है , आफिसर्स के लिये अलग एप्टीत्युड परीक्षा होती है उसी प्रकार टी ई टी (प्राइमरी) परीक्षा प्राइमरी शिक्षकों को चुनने के लिए एप्टीत्युड परीक्षा है
मुझे लगता है कि अगर ये मामला देश की सर्वोच्च अदालत में जाता है -
तो उसका मत तो यही होगा कि अगर परीक्षा में धांधली है तो धांधली वालों को बाहर किया जाये
और अगर धांधली हटाई नहीं जा सकती तो परीक्षा उन्ही अभ्यर्थीयों की दोबारा से आयोजित की जाये ।
आखिर धांधली मैं ईमानदार अभ्यर्थी (जिसने मेहनत से मार्क्स प्राप्त किये) का क्या दोष ??