News: बुरहान वानी हिज़्बुल मुजाहिदीन का सैनिक था , और भारतीय सेना के साथ युद्ध में मारा गया
जब दो देशों का युद्ध होता है तो उसमें कई सैनिक मरते हैं , भले ही कई सैनिक दिल से भले हों लेकिन राष्ट्र की लड़ाई में उन्हें मरना पड़ता है
ऐसा ही बुरहान वानी के साथ हुआ , वह हिज़्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन का कमांडर था ।
हालाँकि कुछ ख़बरों में बताया है की उसका भाई सेना की कार्यवाही में मर गया, जिसमे सेना ने बताया की वह आतंवादी संघटन की मदद के लिए 3 युवाओं को भर्ती के लिए ले जा रहा था , और आर्मी ने ऑपरेशन को अंजाम देते हुए उसके भाई को मार गिराया ।
इसके बाद बुरहान वानी प्रतिशोध स्वरुप आक्रामक हो गया और कश्मीरी नोजवानो को हिजबुल मुजाहिदीन संघठन ज्वाइन करने के लिए उकसाने लगा ,
वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल होने लगी ।
बुरहानी वानी को पकड़ने /मारने के लिए उस पर 10 लाख रूपए का इनाम घोषित हो गया ।
और आख़िरकार सेना ने उसको मार गिराया ।
वस्तुत यह युद्ध बुरहान वानी और सेना के बीच नहीं था , यह युद्ध था हिज़्बुल मुजाहिदीन और भारतीय सेना के बीच ।
ऐसे युद्धों में कई बेकसूरों की जान चली जाती हैं ।
मुद्दा विचारधारा को लेकर है , कि क्या हिज़्बुल मुजाहिदीन सही काम कर रहा है या भारत देश ।
आखिर कश्मीर के अलगाव वादी आज़ादी की मांग कर रहे हैं, कल को हमारे देश में गांव , गली , शहर सभी आज़ादी की घोषणा करें , कहें की यहाँ हमारी आबादी ज्यादा है , यहाँ हमारी भाषा है , यह हमारा घर अलग देश है तो क्या होगा ।
बेहतर यही है की विरोध की नीति छोड़ सभी राष्ट्र विकास में योगदान दें
बुरहान वानी हिज़्बुल मुजाहिदीन का सैनिक था , और भारतीय सेना के साथ युद्ध में मारा गया
जब दो देशों का युद्ध होता है तो उसमें कई सैनिक मरते हैं , भले ही कई सैनिक दिल से भले हों लेकिन राष्ट्र की लड़ाई में उन्हें मरना पड़ता है
ऐसा ही बुरहान वानी के साथ हुआ , वह हिज़्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन का कमांडर था ।
हालाँकि कुछ ख़बरों में बताया है की उसका भाई सेना की कार्यवाही में मर गया, जिसमे सेना ने बताया की वह आतंवादी संघटन की मदद के लिए 3 युवाओं को भर्ती के लिए ले जा रहा था , और आर्मी ने ऑपरेशन को अंजाम देते हुए उसके भाई को मार गिराया ।
इसके बाद बुरहान वानी प्रतिशोध स्वरुप आक्रामक हो गया और कश्मीरी नोजवानो को हिजबुल मुजाहिदीन संघठन ज्वाइन करने के लिए उकसाने लगा ,
वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल होने लगी ।
बुरहानी वानी को पकड़ने /मारने के लिए उस पर 10 लाख रूपए का इनाम घोषित हो गया ।
और आख़िरकार सेना ने उसको मार गिराया ।
वस्तुत यह युद्ध बुरहान वानी और सेना के बीच नहीं था , यह युद्ध था हिज़्बुल मुजाहिदीन और भारतीय सेना के बीच ।
ऐसे युद्धों में कई बेकसूरों की जान चली जाती हैं ।
मुद्दा विचारधारा को लेकर है , कि क्या हिज़्बुल मुजाहिदीन सही काम कर रहा है या भारत देश ।
आखिर कश्मीर के अलगाव वादी आज़ादी की मांग कर रहे हैं, कल को हमारे देश में गांव , गली , शहर सभी आज़ादी की घोषणा करें , कहें की यहाँ हमारी आबादी ज्यादा है , यहाँ हमारी भाषा है , यह हमारा घर अलग देश है तो क्या होगा ।
बेहतर यही है की विरोध की नीति छोड़ सभी राष्ट्र विकास में योगदान दें
बुरहान वानी हिज़्बुल मुजाहिदीन का सैनिक था , और भारतीय सेना के साथ युद्ध में मारा गया