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Tuesday, September 20, 2016

चाहे मोदी जी हों या मनमोहन सिंह , कोई पाकिस्तान से सीधे युद्ध नहीं छेड़ेगा , जानिये क्या है कारण, कुछ लोग कह रहे है कि एवार्ड वापसी क्यों नहीं , तो क्या हम पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन उससे सभी रिश्ते ख़त्म नहीं कर सकते

चाहे मोदी जी हों या मनमोहन सिंह , कोई पाकिस्तान से सीधे युद्ध नहीं छेड़ेगा ,  जानिये क्या है कारण,
कुछ लोग कह रहे है कि एवार्ड वापसी क्यों नहीं , तो क्या हम पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन उससे सभी रिश्ते ख़त्म नहीं कर सकते


भारत पाकिस्तान के साथ सीधे युद्ध नहीं करेगा, इसके क्या कारण है -

आजकल सामान्यतः कोई देश किसी भी दुश्मन देश पर सीधे आक्रमण नहीं करता, और युद्ध कूटनीतिक और प्रॉक्सी वार आधारित होते हैं
पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं और हिंदुस्तान के पास भी।

युद्ध होगा तो पाकिस्तान का भले ही नामो निशान मिट जाए, लेकिन हिंदुस्तान को भी अपार नुक्सान होगा।
पाकिस्तान के पास तो पहले से ही कोई काम धंधा नहीं है, और आतंकवाद का उद्योग धंधा जोरो से फल फूल रहा है,
तो एक बर्बाद इकोनॉमी से लड़ने में कोन सी होशियारी है,

इसको ऐसे लेते हैं कि एक परिवार काफी सुविधा संपन्न है, आर्थिक और ताकत की दृष्टि दोनों से ही संपन्न है,
और एक परिवार झोपड़ पट्टी में रहता है, जो मुख्यत: लड़ाई झगड़ा करता रहता है,
अब दोनों परिवारों में किसी बात पर अनबन हो जाती है,
तो क्या संपन्न परिवार उस झोपड़ पट्टी वाले परिवार पर धावा बोल दे,
ये भी मान लेते है कि संपन्न परिवार जीत सकता है, लेकिन क्या कीचड पर पत्थर फेंके बगैर वैकल्पिक रास्ते नहीं अपनाये जा सकते।

सरकार से बाहर रह कर बोलना बहुत आसान होता है, लेकिन जब जिम्मेदार कुर्सी पर होते है तो हर कदम सोच समझ कर उठाने होते हैं।


कुछ लोग कह रहे की अब एवार्ड वापसी वाली गैंग कहाँ हैं,
एवार्ड वापसी से क्या होगा?

उस से बेहतर तो पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन कर उससे सभी तरह के रिश्ते ख़त्म कर दें।
पाकिस्तान में दूतावास बंद किया जाए, और यहाँ भी पाकिस्तानी दूतावास बंद कर दिया जाए।

देश के ऊपर से कोई पाकिस्तानी विमान न उड़े,
पाकिस्तान में आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाए।

यूनाइटेड नेशंस को पाकिस्तान की करतूतें बताते हुए प्रतिबन्ध लगाने की तब तक गुजारिश की जाए, जब तक वह आतंकी शिविरों को ख़त्म नहीं करता, और आतंकी संघठनो पर प्रतिबन्ध नहीं लगाता

पाकिस्तान के साथ सिंधु समझौता रद्द कर पानी देना बंद कर दिया जाए तो उसकी तो हालात खस्ता हो जायेगी

आजकल रूस हिंदुस्तान का समर्थन कर रहा है, यह अच्छी बात है वास्तव में रूस हमारा पारंपरिक मित्र है लेकिन यह भी है कि रूस की इकोनॉमी मुख्यत: हथियार बेचने पर आधारित थी, और हिंदुस्तान एक बड़ा देश है तो और हथियार आगे रूस से खरीदने की सम्भावना को देखते हुए वह तो पुरजोर कहेगा कि युद्ध करो,

हिंदुस्तान को अपने हितों को देखते हुए उचित फैसले लेने न की आवेश में आकर जल्दबाजी में कोई कदम उठाये।

मसलन अब हिंदुस्तान भी परोक्ष रूप से प्रॉक्सी वार  हमले कर सकता है, सीमा पर सीज फायर के उल्लंघन भी हो सकते है आतंकियों को सबक सिखाने के लिये।

पाकिस्तान भी कभी सीधे युद्ध नहीं चाहेगा, क्योंकि उसे बेहद नुक्सान उठाना पड़ेगा, लेकिन वह छद्म युद्ध की चाल बाजी नहीं छोड़ने वाला, भारत को भी उसी की चाल से जवाब देना चाहिए, और सेना ने आज ही सीमा पर कई आतंकियों को ढेर कर दिया है


IBN7 पर एक लेखक ने निम्न विचार दिए है -
1-पाकिस्तान के साथ सभी तरह के राजनीतिक और कूटनीतिक रिश्तों को तत्काल स्थगित कर दिए जाएं। भारत अविलंब पाकिस्तान का अपना दूतावास बंद करे और सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को वापस पाकिस्तान भेज दे।



2-पाकिस्तान से 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्ज़ा छीनकर उसे 'शत्रु राष्ट्र' घोषित करे। इससे भारत के आर्थिक हित पाकिस्तान से थोड़े ज्यादा ज़रूर प्रभावित होंगे, लेकिन राष्ट्रीय अस्मिता के लिए इतना घाटा बर्दाश्त करना होगा।







3-पाकिस्तान के ज्यादातर विमान भारतीय वायु सीमा से होकर ही गुज़रते हैं। भारत पाकिस्तानी विमानों के भारत से होकर गुजरने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दे। जब पाक विमानों को लंबे समुद्री मार्ग से होकर जाना पड़ेगा तो उसकी अर्थव्यवस्था घुटनों के बल आ जाएगी। 1971 के युद्ध में बांग्लादेश की घेराबंदी के दौरान यह काम भारत सफलतापूर्वक कर चुका है।



4-पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर की बातचीत को हतोत्साहित किया जाए ।



5-पाकिस्तान में आयोजित सार्क सम्मेलन का भी भारत को बहिष्कार करना चाहिए।



6-भारत को बलूचिस्तान की आज़ादी के समर्थन का अभियान सिर्फ धन्यवाद-ज्ञापन तक सीमित न रह जाए। भारत को उनकी नैतिक, आर्थिक और कूटनीतिक मदद और उसके विद्रोही नेताओं को भारत में शरण देने के अलावा वैश्विक स्तर पर उसका समर्थन तेज कर देना चाहिए।







7-पाक अधिकृत कश्मीर चूंकि भारत का अभिन्न अंग है, इसलिए उसके सांसदों के लिए आबादी के हिसाब से संसद में सीटें सुरक्षित कर दी जाएं। जब तक उस पर भारत का कब्ज़ा बहाल नहीं हो जाता, राष्ट्रपति पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों को संसद में नामित करें।



8-भारत पाकिस्तान में रहने वाले हाफ़िज़ सईद, मसूद अज़हर, लखवी, दाऊद सहित अपने सभी वांछित आतंकियों पर भारी ईनाम की घोषणा करे और इसे दुनिया भर में प्रचारित करे।







9-पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित कराने का अभियान पूरे सबूतों के साथ भारत को संयुक्त राष्ट्र सहित दुनिया भर में तेज कर देना चाहिए। इससे भारत को कम से कम यह तो पता लग ही जाएगा कि आतंक के ख़िलाफ़ उसकी लड़ाई में दुनिया के कितने देश उसके साथ खड़े हैं।



10-और अंतिम सुझाव थोड़ा अमानवीय ज़रूर लग सकता है, लेकिन जब सारे उपाय असफल सिद्ध हो जाएं तो सिन्धु नदी समझौते को रद्द कर पाकिस्तान को पानी बंद करना सबसे कारगर उपाय होगा! पाकिस्तान की कृषि का बड़ा हिस्सा सिन्धु नदी के पानी पर ही निर्भर है। भारत के इस क़दम से पाक की कृषि व्यवस्था चौपट हो जाएगी।




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