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Tuesday, July 3, 2012

UPSESSB / UPMSSCB : टीजीटी-पीजीटी की चयन प्रक्रिया पर लगा विराम


UPSESSB / UPMSSCB  : टीजीटी-पीजीटी की चयन प्रक्रिया पर लगा विराम

इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष के काम काज पर रोक लगने के साथ ही माध्यमिक विद्यालयों में खाली पड़े शिक्षकों पदों के चयन पर विराम लग गया है। अध्यक्ष केकाम काज पर रोक के कारण चयन बोर्ड में प्रधानाचार्य पदों की चयन प्रक्रिया भी अटक गई है। इन पदों पर चयन की प्रक्रिया ठप होने से नए शैक्षिक सत्र में माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी होगी और साइंस, मैथ्स, अंग्रेजी समेत कई विषयों की पढ़ाई प्रभावित होगी

विवादों में अध्यक्ष -
चयन बोर्ड में अनियमितता का मामला पहली बार ‘अमर उजाला’ ने प्रमुखता से उठाया था। टीजीटी-पीजीटी में घोटाले का पर्दाफाश होने पर तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने जांच बैठा दी थी। जांच में फर्जी नियुक्ति के मामले पकड़े गए। सचिव माध्यमिक शिक्षा ने दस साल की भर्तियों पर जांच बैठा दी। जांच के कारण दो हजार चयनित शिक्षकों को ज्वाइनिंग नहीं मिली। इससे भी बड़ा विवाद टीजीटी-पीजीटी में अध्यक्ष और एक सदस्य के रिश्तेदारों के चयन पर हुआ। विवाद से दोनों का चयन निरस्त कर दिया गया और अध्यक्ष डॉ.आरपी वर्मा के खिलाफ जांच बैठा दी गई। दो दिन पहले शासन ने अध्यक्ष का कामकाज पर ही रोक लगा दी जिससे सारी भर्तियां प्रभावित हो गई हैं

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष के काम काज पर रोक लगने से संकट बढ़ा
दस में छह सदस्यों के पद खाली
चयन बोर्ड में पहले से ही 10 में से छह सदस्यों के पद खाली चल रहे हैं। एक सदस्य के काम पर रोक है। वर्तमान में तीन सदस्यों के जिम्मे चयन की जिम्मेदारी है। पद खाली होने और अध्यक्ष के खिलाफ जांच लंबित होने के बाद अब पूरी प्रक्रिया ठप पड़ गई है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरम के अभाव में अब चयन बोर्ड कोई भी चयन नहीं कर सकता।
ढाई लाख का चयन टला
•टीजीटी-पीजीटी में 2.50 लाख अभ्यर्थियों का चयन टला
•टीजीटी के लिए आवेदन करने वालों में लगभग 1.60 लाख अभ्यर्थी शामिल
•पीजीटी के लिए आवेदन करने वालों में लगभग 90 हजार अभ्यर्थी शामिल
•प्रदेश में इस समय लगभग साढ़े नौ हजार पद खाली
•लगभग 2200 शिक्षकों का प्लेसमेंट का मामला लटका
•टीजीटी के 1500 और पीजीटी के लगभग 700 चयनित शिक्षकों को नहीं मिली ज्वाइनिंग


Source : http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120703a_002174005&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20120703a_002174005 / Amar Ujala (3.7.12)
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In these days CORRUPTION is very very high and ONLY Culprits should be punished if they found guilty in investigation. Best way of selection is multilevel written examination through different bodies, Human interviewers weightage should be made to be with negligible effect.
After selection , If it is found candidates have shortcoming then necessary action can be taken & once again written examination should be conducted.
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Saturday, June 9, 2012

UPSESSB / UPMSSCB : माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में भ्रष्टाचार की जांच शुरू


UPSESSB / UPMSSCB : माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में भ्रष्टाचार की जांच शुरू


लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार और शिक्षकों के चयन में धांधली की जांच सरकार ने शुरू कर दी है। मामले की जांच प्रमुख सचिव गन्ना और चीनी उद्योग को सौंपी गई है। लिखित परीक्षा के आधार पर चयनित शिक्षकों के इंटरव्यू पर भी रोक लगा दी गई है। बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में शिक्षक दल द्वारा कार्यस्थगन की सूचना देने पर सत्ता पक्ष के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने सदन को यह जानकारी दी

शिक्षक दल के ओमप्रकाश शर्मा ने कार्यस्थगन की सूचना देते हुए बताया कि शासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के चयन के लिए गठित माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। दस-दस लाख रुपये लेकर ऐसे अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त किया जा रहा है जिन्होंने न तो लिखित परीक्षा दी और न ही इंटरव्यू। बोर्ड के अध्यक्ष के रिश्तेदारों की भी फर्जी तरीके से नियुक्तियां की गई हैं। इन फर्जी नियुक्तियों के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। अब तक 200 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है। रिश्वत के पैसे की बंदरबांट को लेकर बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों में दफ्तर में मारपीट भी हो चुकी है। नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि यह गंभीर प्रकरण है। बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों के काम पर सरकार रोक लगायेगी। सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर सरकार को प्रभावी कार्यवाही का निर्देश दिया

निर्दल समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल और चेत नारायण सिंह ने अनुदानित विद्यालयों में शिक्षकों की एकल स्थानांतरण व्यवस्था में आये गतिरोध की जानकारी देते हुए कार्यस्थगन की सूचना दी जिसे अस्वीकार करते हुए सभापति ने सूचना को आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार को संदर्भित किया। बसपा सदस्यों की ओर से कार्यस्थगन की दो और सूचनाएं दी गई। एक सूचना आगरा के बाह क्षेत्र में ग्राम प्रधान व बसपा कार्यकर्ता मुन्नालाल जाटव की हत्या से संबंधित थी। दूसरी घटना कांशीराम नगर के सोरों ब्लाक के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सत्यप्रकाश की हत्या के बारे में थी। दोनों सूचनाओं को अस्वीकार करते हुए सभापति ने दोनों प्रकरणों में सरकार को प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश दिया


News Source : Jagran.com (9.6.12) 
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Thursday, June 7, 2012

UPSESSB / UPMSSCB / PGT/TGT : चयन बोर्ड सदस्य के खिलाफ जांच बैठी


UPSESSB / UPMSSCB / PGT/TGT : चयन बोर्ड सदस्य के खिलाफ जांच बैठी


वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शासन ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्य डॉ. केशरी नंदन मिश्रा के खिलाफ जांच बैठा दी है। यह जांच प्रमुख सचिव चीनी विभाग संजीव नायर को सौंपी गई है। उनपर गंभीर शिकायतों और कदाचार का आरोप है।
सचिव शासन, पार्थ सारथी सेन शर्मा के 30 मई 2012 के पत्र में कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्य डॉ. केशरी नंदन मिश्रा के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली हैं। लिहाजा इन शिकायतों/कदाचार की जांच के लिए प्रमुख सचिव चीनी विभाग, संजीव नायर को जांच अधिकारी नामित किया जाता है। संजीव नायर को यह जांच एक माह के अंदर पूरी करके शासन को रिपोर्ट सौंपनी है। हालांकि इस पत्र में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि चयन बोर्ड के सदस्य डॉ. केशरी नंदन मिश्रा के ऊपर कैसे कदाचार के आरोप हैं व किस तरह की शिकायतें हैं। ज्ञातव्य है कि चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आरपी वर्मा के कार्यालय में घुसकर 20 अगस्त को हुई मारपीट के आरोप में डॉ. केशरी नंदन मिश्रा को नामजद किया गया था। घटना के एक माह बाद डॉ. मिश्र को चयन बोर्ड की बैठकों और साक्षात्कार से विरत कर दिया गया। अब शासन ने नए सिरे से जांच बैठा दी है। इस संबंध में डॉ. केशरी नंदन मिश्रा का कहना है कि मैने हमेशा से भ्रष्टाचार का विरोध किया है। मेरे रहते अध्यक्ष और सदस्य जो अपने भाई-बहन और सदस्य का चयन नहीं करा पाए वहीं अब मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। मैं इन सबसे डरने वाला नहीं हूं, सरकार चाहे तो मेरे खिलाफ सीबीआइ जांच करा ले


News Source : Jagran (7.6.12)
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Tuesday, June 5, 2012

UPMSSCB /UPSESSB: संस्कृत शिक्षकों की भर्ती में पेंसिल से नंबर बढ़ाने का मामला


UPMSSCB /UPSESSB: संस्कृत शिक्षकों की भर्ती में पेंसिल से नंबर बढ़ाने का मामला
नियमावली की आड़ में गर्दन बचाने की जुगत

•विभागीय जांच में परीक्षकों ने लिखित में जेडी के खिलाफ की शिकायत
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा टीईटी परीक्षा पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से लाखों रुपए लेकर नम्बर बढ़ाने में हुए घोटाले के बाद अब संस्कृत शिक्षकों की भर्ती में भी परत दर परत धांधली का मामला सामने के बाद अफसर नियमावली की आड़ में गर्दन बचाने में जुटे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अफसरों के साथ-साथ बाबूओं ने भी जमकर नम्बर बढ़ाने के मामले में धांधली की है। अब तक साक्षात्कार में सर्वाधिक धांधली किए जाने की शिकायत लखनऊ, बस्ती और आजमगढ़, गोरखपुर, फैजाबाद और देवीपाटन मंडल से मिली है।
लखनऊ मंडल में धांधली का खुलासा होने के बाद विभागीय जांच में पेंसिल से नम्बर दिए जाने के मामले में परीक्षकों ने साक्षात्कार समिति के सभापति व संयुक्त निदेशक (जेडी) के के गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया है। विभागीय जांच में परीक्षकों ने लिखित में जेडी के खिलाफ शिकायत की है। सदस्यों ने कहा है कि जेडी द्वारा मौखिक तौर पर पेंसिल से नम्बर दिए जाने का निर्देश दिया गया था
इधर, लखनऊ मंडल के जेडी विकास श्रीवास्वत द्वारा पेंसिल से नम्बर देने के मामले में पूछे जाने पर तत्कालीन जेडी व साक्षात्कार समिति के सभापति और वर्तमान में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त निदेशक के के गुप्ता ने यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद विनियमावली 2009 का हवाला देते हुए कहा है कि नम्बर देने के लिए कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि अभ्यर्थियों को पेन से ही नम्बर दिया जाएगा पेंसिल से नहीं।
यही नहीं गुप्ता ने साक्षात्कार के बाद लिफाफा बंद नहीं किए जाने के मामले में साक्षात्कार समिति की सदस्य सचिव रेखा रानी अग्रवाल को जिम्मेदार ठहराया है। गुप्ता ने कहा है कि साक्षात्कार के बाद अंकपत्रों को सील बंद करने की जिम्मेदारी समिति की सदस्य सचिव और उप निरीक्षक संस्कृत पाठशाला सदस्य सचिव रेखा अग्रवाल की थी।
बता दें कि शासन को शिकायत मिली थी कि मंडल स्तर पर हुए संस्कृत शिक्षकों के साक्षात्कार अफसरों ने अभ्यर्थियों को पास करने के लिए विभागीय नियमों को नजर अंदाज कर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए हैं।



News Source : Amar Ujala (5.6.12)
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Sunday, May 27, 2012

UPSESSB/ UPMSSCB/ TGT/PGT :टीजीटी-पीजीटी के तीन विषयों के रुके परिणाम घोषित


UPSESSB/ UPMSSCB/ TGT/PGT :टीजीटी-पीजीटी के तीन विषयों के रुके परिणाम घोषित


वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने शनिवार को प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) शारीरिक शिक्षा व प्रवक्ता (पीजीटी) के जीव विज्ञान व भूगोल का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की शनिवार को हुई बैठक में प्रधानाचार्यो के साक्षात्कार की तिथियां घोषित की दी गई हैं।

टीजीटी शारीरिक शिक्षा में 165 पद, पीजीटी भूगोल में 69 व जीव विज्ञान में 52 पद हैं। इन तीन विषयों के परीक्षा परिणाम हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के कारण रुका हुआ था। इसके बाद प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी।

अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में संस्था प्रधान पद के साक्षात्कार सबसे पहले फैजाबाद मंडल के होंगे। संस्थाप्रधान पदों के साक्षात्कार 25 जून से शुरू होकर 26 जुलाई के बीच होंगे। जिन मंडलों के विद्यालयों के संस्था प्रधान पदों के साक्षात्कार होने हैं उनमें चित्रकूट, बस्ती व मिर्जापुर मंडल शामिल हैं। बोर्ड ने एक पद पर सात अभ्यर्थियों को बुलाया है। साक्षात्कार के लिए चयन बोर्ड फिर से बुलावा पत्र भेजेगा।

पैनल भेजने का निर्णय

चयन बोर्ड की बैठक में टीजीटी-पीजीटी के पद पर चयनित अभ्यर्थियों के पैनल भेजने का निर्णय लिया गया। चयन बोर्ड सोमवार से संबंधित जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को पैनल सत्यापन के लिए भेजने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

न्यूज़ साभार - Jagran (26.5.12)
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Friday, May 25, 2012

UPSESSB / UPMSSCB / PGT/ TGT : चयन बोर्ड से नियुक्तियों पर लगी रोक हटी

UPSESSB / UPMSSCB / PGT/ TGT : चयन बोर्ड से नियुक्तियों पर लगी रोक हटी

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शासन ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा की जाने वाली नियुक्तियों पर लगी रोक गुरुवार को हटा ली। प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद शासन ने 16 मार्च 2012 को सभी विभागों में नियुक्त प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगने के बाद माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के संस्था प्रधानों के साक्षात्कार, टीजीटी-पीजीटी 2010 के पैनल भेजने की प्रक्रिया व टीजीटी-पीजीटी-2011 की परीक्षा संबंधी तैयारियां रुकी हुई थीं

विशेष सचिव, शासन एसएन प्रधान द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक हटाए जाने संबंधी आदेश में कहा गया है कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है। सरकार नहीं चाहती कि नए सत्र से विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो।

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव शेषमणि पांडेय ने बताया कि नियुक्तियों पर रोक हटने के बाद अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक व प्रवक्ता-2010 के पदों पर नियुक्त किए गए अभ्यर्थियों के पैनल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संस्था प्रधान पदों पर मांगे गए आवेदनकर्ताओंके साक्षात्कार की तिथियां भी अब जल्द घोषित कर दी जाएंगी प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक-2011 के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया भी अब शीघ्र शुरू की जाएगी। इस बार टीजीटी-पीजीटी के करीब 1800 पदों के लिए छह लाख के लगभग आवेदन आए हैं। बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2011 की परीक्षा तिथि व संस्था प्रधान के पद के लिए साक्षात्कार की तिथि तय करने के लिए शनिवार को बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने की उम्मीद है

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अटकी थी चयनित अभ्यर्थियों की सांसें
प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक के बाद बसपा सरकार में चयनित किए गए प्रशिक्षित स्नातक व प्रवक्ता के अभ्यर्थियों की सांसें अटकी हुई थीं। पैनल भेजने का काम रोक दिया गया था। इसके बाद अभ्यर्थियों को लग रहा था कि नियुक्ति प्रक्रिया में कोई पेंच न फंस जाए। यही कारण रहा कि पैनल भेजने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार चयन बोर्ड दफ्तर पर धरना प्रदर्शन भी किया था।
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जल्द घोषित होगी परीक्षा तिथि
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आरपी वर्मा ने बताया कि सचिव, शासन का नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक हटाने संबंधी पत्र मिलने के बाद शनिवार को बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। बैठक में टीजीटी-पीजीटी की परीक्षा व संस्था प्रधान के पदों पर साक्षात्कार की तिथियां तय की जाएंगी। उन्होंने बताया कि टीजीटी-पीजीटी की लिखित परीक्षा अगस्त अंतिम सप्ताह तक संभावित है

News : Jagran (25.5.12)
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Monday, April 30, 2012

UP Lectureres / Teachers : माध्यमिक के 1500 प्रवक्ताओं की जा सकती है नौकरी


UP Lectureres / Teachers : माध्यमिक के 1500 प्रवक्ताओं की जा सकती है नौकरी


स्कूलों में दस वर्षों में तैनात शिक्षकों की जांच में खुलासा
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कई बाबुओं पर भी कसा फंदा 


इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित लगभग 1500 सहायक अध्यापकों, प्रवक्ताओं की नौकरी जा सकती है। पिछले दस वर्षों में नियुक्त शिक्षकों के कागजात की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रदेश के 995 माध्यमिक स्कूलों में तैनात इन प्रवक्ताओं की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है। इन शिक्षकों में से कई ने तो चयन बोर्ड की परीक्षा के लिए आवेदन ही नहीं किए जबकि कुछ मुख्य परीक्षा में फेल हो गए, उसके बाद भी नियुक्ति पा ली। 

जांच में यह तथ्य सामने आया कि तीन सौ से अधिक ऐसे मामले हैं जिनके पत्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने आधिकारिक तौर पर जारी ही नहीं किए। इन शिक्षकों ने कुछ बाबुओं, सदस्यों के सहारे फर्जी नियुक्ति पत्र हासिल किए। कई मामलों में संबधित डीआईओएस दफ्तर के कुछ बाबुओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इस मामले में कई शिक्षकों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

नियुक्ति में गड़बड़ी के सर्वाधिक मामले इलाहाबाद मंडल, वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, झांसी, कानपुर और आगरा मंडलों में हैं। गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती में ही 580 फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति का मामला पकड़ा गया है। इलाहाबाद मंडल में 72, वाराणसी में 106, कानपुर में 129, झांसी में 37 नियुक्तियां फर्जी चिन्हित की गई हैं। मामले में जांच के लिए शासन ने पिछले साल दो कमेटियां बनाई थीं। सीबीसीआईडी के अलावा माध्यमिक शिक्षा अभियान की टीम भी जांच कर रही थी। जांच टीम के सदस्य और शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश दिवाकर ने बताया कि पूरी रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। अपने पक्ष में तथ्य पेश करने के लिए छह माह का समय देने के बाद उनकी बर्खास्तगी भी हो सकती है।

नौकरी के नाम पर झांसा

कुंडा (प्रतापगढ़)। उत्तर प्रदेश ग्रामीण स्वास्थ्य समिति के नाम से एक संस्था बनाकर स्वास्थ्य संबंधी नौकरी का दिवास्वप्न दिखाकर बेरोजगारों को लूटने का भांडा रविवार को फूट गया। समिति के लोग अपने मकसद में कामयाब होते इससे पहले वे प्रशासन के शिकंजे में आ गए।



बेरोजगारों को लूटने का भंडाफोड़



प्रतापगढ़ में नौकरी के नाम पर झांसा देने वाले गिरफ्त में 


कुंडा (प्रतापगढ़)। उत्तर प्रदेश ग्रामीण स्वास्थ्य समिति के नाम से एक संस्था बनाकर स्वास्थ्य संबंधी नौकरी का दिवास्वप्न दिखाकर बेरोजगारों को लूटने का भांडा रविवार को फूट गया। समिति के लोग अपने मकसद में कामयाब होते इससे पहले वे प्रशासन के शिकंजे में आ गए। रविवार देर रात तक समिति के अफसरों के ठिकाने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी छापेमारी करते रहे।
अखबारों में 27 मार्च 2012 को उक्त समिति ने विज्ञापन प्रकाशित कर स्वास्थ्य संबंधी कई पदों के लिए रिक्तियां दर्शाते हुए बेरोजगाराें से आवेदन मांगा था। आवेदन के साथ ही ड्राफ्ट भी मांगा गया था। समिति ने बेरोजगाराें को धोखा देने के लिए रिक्तियां सरकारी विज्ञापन की तर्ज पर निकाली थीं। इसके अधिकारियाें ने कुंडा प्रेमनगर निवासी मकदूम जायसवाल के मकान में अपना कार्यालय खोल रखा था। यहां आने वाले आवेदन को कार्यालय कर्मी अपने आवास शाहपुर गोपालगंज उठा ले जाते थे। विज्ञापन प्रकाशन के बाद मामला संज्ञान में आया तो सीएमओ ने डीएम को अवगत करा जालसाजी का अंदेशा जताया। डीएम के निर्देश पर एसडीएम कुंडा राम प्रकाश मिश्र, सीओ वीएस राणा, कोतवाल सर्वेश मिश्र ने रविवार देर रात कुंडा कस्बा स्थित समिति के कार्यालय पर छापा मारा। वहां से रजिस्टर, मुहर सहित तमाम अभिलेख बरामद हुए। कार्यालय में मौजूद लिपिक अजय केसरवानी सहित दो लोगाें को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उनकी निशानदेही पर अफसराें ने शाहपुर गोपालगंज स्थित एक घर में छापा मारा। वहां कंपनी का एक अधिकारी रहता था। वहां से चार बोरे में भरे आवेदन पत्र और ड्राफ्ट मिले। पुलिस के पहुंचते ही वहां रहने वाला समिति का अधिकारी भाग निकला। पकड़े गए दोनाें कर्मचारियाें को कुंडा कोतवाली ले जाया गया। आरोपियों से पूछताछ के बाद देर रात तक छापेमारी जारी रही।



News : Amar Ujala (30.4.12)
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सूबे के सैकड़ों इंटर कॉलेजों में अध्यापकों का है टोटा
जीआईसी में सात हजार शिक्षकों के पद हैं खाली


लखनऊ। सरकार के तमाम प्रयास के बावजूद कोर्ट केस के चक्कर में सूबे के माध्यमिक शिक्षा की स्थिति साल दर साल लचर होती जा रही है। सैकड़ों स्कूलों और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों का टोटा है। एक-एक शिक्षक के भरोसे इंटर कॉलेज चल रहे हैं, जबकि इन कॉलेजों में 13 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। यह खुलासा माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति विभाग को भिजवाई गई रिपोर्ट में किया गया है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार सूबे के करीब 600 राजकीय इंटर कॉलेजों में 7 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। यही स्थिति प्रिंसिपल के पद को लेकर है। इन स्कूलों में 80 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में प्रिंसिपल के पद खाली हैं। शिक्षकों के टोटा वाले कॉलेजों में पुराने राजकीय इंटर कॉलेज और अपग्रेडेड इंटर कॉलेज शामिल हैं। बता दें कि 20 अप्रैल को नियुक्ति विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों और सचिवों को पत्र लिखकर खाली पदों का विस्तृत ब्योरा भिजवाने के निर्देश दिए थे। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक के खाली पदों का ब्योरा भिजवाएं। उन्होंने यह भी कहा था पद खाली रहने और नियुक्ति नहीं होने के पीछे क्या कारण यह भी बताएं।


News : Amar Ujala (30.4.12)
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Monday, April 2, 2012

Investigation Starts for Selection of LT Grade GGIC Teachers / Lecturers in GIC


प्रवक्ता चयन की फाइलें खुलीं, जीआईसी में पिछले साल तीन हजार शिक्षकों की हुई थी तैनाती
( Investigation Starts for Selection of LT Grade GGIC  Teachers / Lecturers in GIC )

तीन अधिकारियों पर गंभीर आरोप 
इलाहाबाद। जीआईसी में पिछले बरस नियुक्त तीन हजार प्रवक्ताओं के चयन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। चयन प्रक्रिया और कुछ चयनित उम्मीदवारों को लेकर आपत्तियां की गई हैं। कुछ अभ्यर्थियों ने शिकायत की है कि प्रवक्ता चयन में चार सौ से अधिक उम्मीदवारों की नियुक्ति और तैनाती में फर्जीवाड़ा हुआ है। आरोप है कि शिकायतें दिसंबर में ही की गई थीं लेकिन तब माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन समेत विभाग के कुछ अन्य अधिकारियों ने इसे दबा दिया। नई सरकार के गठन के बाद अभ्यर्थियों की शिकायत पर जांच को कमेटी बना दी गई है। कमेटी ने प्रवक्ता चयन की फाइलें खंगालनी शुरू कर दी हैं
एलटी ग्रेड के तहत प्रदेश के नौ सौ से अधिक विद्यालयों में लगभग तीन हजार पदों पर प्रवक्ताओं के चयन सीधी भर्ती में किया गया था। राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ताओं का चयन लोक सेवा आयोग की तरफ से होता है लेकिन इन पदों पर सीधी भर्ती के तहत चयन किया गया जिसके कारण शुरू से ही इसे लेकर विवाद रहा। कई अभ्यर्थियों ने नाम, अंकपत्र सहित आरोप लगाए कि दसवीं, बारहवीं, स्नातक में काफी कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। यह भी आरोप लगे कि यूपी बोर्ड से पढ़ने वाली कई अभ्यर्थियों ने सीबीएसई या सीआईएससीई बोर्ड की मार्कशीट लगाई।
अभ्यर्थियों की मानें तो उन्होंने निदेशक संजय मोहन से मिलकर कई अभ्यर्थियों का ब्योरा दिया था लेकिन कोई जांच नहीं हुई। बाद में टीईटी विवाद के कारण यह मामला ठंडा पड़ गया। अभ्यर्थी मालविका अवस्थी, रागिनी सिंह, प्रियांशी, देविका मिश्रा, राधारानी, तूलिका तिवारी, फरहाना समेत 37 ने सरकार गठन के बाद फिर से आपत्ति की है। कमेटी के एक सदस्य माध्यमिक शिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तीन अधिकारियों पर गंभीर आरोप


News : Amar Ujala (2.4.12)

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UPMSSCB / UPSESSB : Investigation Starts for 3000 Lecturers Selection in GIC during Last 3 Years

प्रवक्ता चयन में हुई गड़बड़ी की जांच शुरू 
( UPMSSCB / UPSESSB : Investigation Starts for 3000 Lecturers / LT Grade Teachers Selection in GIC during Last 3 Years )

इलाहाबाद। राजकीय इंटर काॅलेजों में पिछले बरस नियुक्त तीन हजार प्रवक्ताओं के चयन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। चयन प्रक्रिया और कुछ चयनित उम्मीदवारों को लेकर गंभीर आपत्तियां की गई हैं। कुछ अभ्यर्थियों ने लिखित शिकायत की है कि प्रवक्ता चयन में चार सौ से अधिक उम्मीदवारों की नियुक्ति और तैनाती में फर्जीवाड़ा किया गया है। आरोप है कि शिकायतें पिछले साल दिसंबर में ही की गई थीं लेकिन तब माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन समेत विभाग के कुछ अन्य अधिकारियों ने इसे दबा दिया। अब नई सरकार के गठन के बाद अभ्यर्थियों ने नए सिरे से शिकायत की है जिस पर जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। कमेटी ने प्रवक्ता चयन की फाइलें खंगालनी शुरू कर दी हैं। 
एलटी ग्रेड के तहत प्रदेश के नौ सौ से अधिक विद्यालयों में लगभग तीन हजार पदों पर प्रवक्ताओं के चयन सीधी भर्ती में किया गया था। 
चयन लोक सेवा आयोग की तरफ से होता है लेकिन सीधी भर्ती से चयन किया गया जिसके कारण शुरू से ही इसे लेकर विवाद रहा


News : Amar Ujala (2.4.12)

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Monday, March 5, 2012

UPMSSCB / UPSESSB : Now PGT Result faces allegations of Cheating

अब पीजीटी रिजल्ट में भी अनियमितता
( UPMSSCB / UPSESSB : Now PGT Result faces allegations of Cheating)

इलाहाबाद। टीजीटी चयन परिणाम में गड़बड़ियों का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर एक और नतीजे में अनियमितता बरतने का आरोप लगा है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि चयन बोर्ड ने पीजीटी परिणाम में भी कई ऐसे प्रतिभागियों को सफल घोषित कर दिया है जो लिखित परीक्षा में असफल थे। दावा है कि गड़बड़ी पकड़े जाने के भय से बोर्ड ने संशोधन के नाम पर कुछ विवादित नाम तो हटा दिए लेकिन परिणाम में बड़ी संख्या में गड़बड़ियां हैं, जिन्हें ठीक नहीं किया गया। 
टीजीटी नतीजों में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद हुई जांच में पीजीटी के परिणाम में भी कुछ ऐसे नाम सामने आए जो लिखित परीक्षा में सफल नहीं थे। अभ्यर्थियों का दावा है कि हिन्दी, संस्कृत, इतिहास, समाजशास्त्र, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, वाणिज्य, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र, कृषि, शिक्षाशास्त्र के परिणाम की पूरी तरह से स्कैनिंग की तो इसमें बोर्ड के पदाधिकारियों, सदस्यों और कुछ पुराने सदस्यों के आश्रितों और रिश्तेदारों के नाम सामने आए। 
परीक्षा में शामिल संजय पांडेय, रामानुज, ओमप्रकाश मिश्र, आशुतोष, चंद्रशेखर आदि का दावा है कि टीजीटी में गड़बड़ी का खुलासा होते ही चयन बोर्ड अधिकारियों ने पीजीटी परिणाम में चुपचाप संशोधन किया और एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी के दो सगे रिश्तेदारों का नाम अंतिम चयन सूची से बाहर कर दिया लेकिन लगभग 20 और रोलनंबर्स को लेकर गड़बड़ियों के आरोप है, जिनके बारे में चयन बोर्ड ने कोई फैसला नहीं किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि पूरा परिणाम संशोधित न किया गया तो मामला शासन तक ले जाएंगे और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।


News : Amar Ujala (5.3.12)
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Sunday, March 4, 2012

UPMSSCB / UPSESSB, : Selection Board Accepted Their Faults, Corrected Their Mistakes

चयन बोर्ड ने मानी गलती, सुधारी 'भूल'
UPMSSCB / UPSESSB,  : Selection Board Accepted Their Faults, Corrected Their Mistakes

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने लिखित परीक्षा में पास हुए बिना अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों के मामले में अपनी गलती मान ली है। मामला हाईकोर्ट पहुंचने व तूल पकड़ता देख बोर्ड ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर पांच अभ्यर्थियों को चयनित लिस्ट से बाहर कर दिया है और पांच अभ्यर्थियों को अंतिम सूची में स्थान दिया है। इस गड़बड़ी के पीछे चयन बोर्ड ने कम्प्यूटर को दोषी करार दिया है। हालांकि अभ्यर्थी इस 'भूल' को सोची-समझी रणनीति का हिस्सा करार दे रहे हैं।
हाल ही में घोषित टीजीटी-पीजीटी के अंतिम परिणाम पर अंगुली उठने के बाद बोर्ड ने पूर्व में चयनित पांच अभ्यर्थियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इनमें एक सदस्य का बेटा भी शामिल है। जिन अभ्यर्थियों को बाहर किया गया है, उनमें टीजीटी सामाजिक विज्ञान का अनुक्रमांक 040900657, पीजीटी हिंदी का 110400379, पीजीटी मनोविज्ञान 081300084, पीजीटी समाजशास्त्र 111600287 व पीजीटी इतिहास का 030901724 शामिल है।
इनके स्थान पर बोर्ड ने टीजीटी सामाजिक विज्ञान में 110900258, पीजीटी हिंदी 020404926, पीजीटी मनोविज्ञान 031300245, पीजीटी समाजशास्त्र 101600526, पीजीटी इतिहास के 010944644 अनुक्रमांक के अभ्यर्थी को अंतिम रूप से चयनित किया गया है। संशोधित परिणाम बोर्ड की वेबसाइट यूपीएसईएसएसबी.ओआरजी पर अपलोड व चयन बोर्ड के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि अभ्यर्थियों ने कुछ ऐसे अभ्यर्थियों के चयन पर आपत्ति उठाई थी जो बिना लिखित परीक्षा पास किए अंतिम रूप से चयनित हो गए थे। परीक्षा परिणाम को लेकर अभ्यर्थियों ने चयन बोर्ड के बाहर हंगामा भी किया था। इसके बाद बोर्ड ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी थी। जांच समिति ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में इन पांच अभ्यर्थियों को बाहर करने का फैसला दिया।
इनसेट
प्रवक्ता अंग्रेजी का परिणाम घोषित :
 माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने बुधवार को प्रवक्ता अंग्रेजी का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया। प्रवक्ता अंग्रेजी में 101 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित घोषित किया गया है। सफल अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम बोर्ड की वेबसाइट पर भी देख सकते हैं।

Source : Jagran
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Tuesday, February 28, 2012

UPMSSCB /UPSESSB : Shortcut in Teachers Fake Selection spoils future of Many Candidates)


शार्टकट के फेर में फंसा कितनों का कैरियर

(UPMSSCB /UPSESSB : Shortcut in Teachers Fake Selection spoils future of Many Candidates)



मुरादाबाद। बैकडोर से इंट्री कितनी खतरनाक हो सकती है यह दो साल नौकरी कर चुके उन शिक्षकों की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है जिनका कैरियर तबाह हो गया। उन्होंने लाखों रुपये खर्च कर सुनहरे भविष्य का सपना देखा होगा लेकिन अब वह पैदल हैं। संभव है कि वह जान भी नहीं पाए हों कि उनकी नियुक्तियां फर्जी हो रही हैं। पैसा लेने वालों ने तो यही कहा होगा कि नियुक्ति सही हो रही है लेकिन वह घोटालों के जाल में इस कदर फंस गए कि निकल नहीं सकते। पिछले तीन सालों के मामले सामने तो मुरादाबाद में ही आ गए हैं। कितने सालों से यह फर्जी नियुक्तियां हो रही हैं यह तो जांच के बाद ही खुलेगा।
पिछले दिनों मुरादाबाद में फर्जी तरीके से नकली प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हथियाने वाले 13 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था। अब नया  मामला इंटर कालेज में भी आया है तो चौंकाने वाला है।
दरअसल यहां तो फेल को ही नियुक्ति दिला दी गई। अब यह कितने बड़े पैमाने पर हुआ है यह तो पता नहीं लेकिन कई सालों से यह खेल चल रहा है इसका पता इसलिए चल रहा है क्योंकि मुरादाबाद में जो फर्जी नियुक्तियां हुई हैं वह 2009 तक की है यानी इतने सालों में कई बार भर्तियां तो हुई होंगी। बोर्ड ने दस सालों की नियुक्तियों के रिकार्ड की जांच कर रहा है। माना जा रहा है कि ऐसे न जाने कितने शिक्षक बर्खास्तगी के दायरे में आएंगे।
मुरादाबाद। परिणाम देखकर आयोग के फैसले पर हमेशा चुप रह जाने वाले अभ्यर्थियों को यह घोटाला सुनकर निराशा हाथ लगेगी। वह तो डिजर्व करते थे लेकिन पैसों के फेर में उन्हें किनारे लगा दिया गया। निश्चित तौर पर जो असली थे वह भी पास हुए होंगे लेकिन उनके पैनल को आयोग में ही फाड़कर फेंक दिया गया होगा। अब  आयोग उनके लिए क्या फैसला करेगा बाद की बात है।
लाखों अभ्यर्थी टीजीटी और पीजीटी परीक्षा में बैठते हैं। बाद में उनमें छंटनी होकर इंटरव्यू काल होता है और फिर उनके नाम की लिस्ट जिलों में भेजी जाती है। कागजी खेल में माहिर सरगना यह होने नहीं देते और अपने नामों की सूची भेज देते हैं। जाहिर है कि इसके लिए पास हो चुके अभ्यर्थियों के नाम भी काटे जरूर जाते होंगे। लिस्ट में नाम न देखकर टापर अभ्यर्थी तो यही सोचता होगा कि उसकी कमी के कारण ही उसका चयन नहीं हुआ जबकि होता है उनके साथ खेल। ऐसे कितनों लोगों के फर्जी नाम काटे गए हैं यह जांच की जा रही है। अगर उनमें कुछ पास होंगे तो संभव है कि उन्हें नौकरी के लिए काल किया जाए।
आरएन इंटर कालेज मुरादाबाद
हरेंद्र सिंह -- 1 अगस्त 2010
पूनम रानी(प्रवक्ता) दो जून 2010
सेबा बानो (प्रवक्ता) - ज्वाइन नहीं गांधी स्मारक इंका सुरजन नगर
धीरेंद्र कुमार 11 नवंबर 2009
कृषक उपकारक इंटर कालेज सदरपुर मतलबपुर
कमलेश प्रताप चंदेल 156210
जयपाल सिंह 23 जनवरी 2010
देवेंद्र सिंह 25 जनवरी 2010
एसएस इंटर कालेज नरौली चंदौसी (भीमनगर)
सुनील मित्तल -- ज्वाइन नहीं किया
मार्कंडेय सिंह --- 12 जून 2010 


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UPMSSCB / UPSESSB : Big Scam in Recruitment of TGTs / PGT Teache

शिक्षकों की भर्ती में बड़ा घोटाला




मुरादाबाद। शिक्षकों की भर्ती में बड़े घोटाले का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। लिखित परीक्षा में फेल हो गए अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में न सिर्फ पास कर दिया गया बल्कि उनको नियुक्ति भी दे दी गई। इसके पीछे आयोग के ही किसी बड़े ‘गिरोह’ का हाथ होने का अंदेशा है। यहां के नौ फर्जी शिक्षक पकड़ में आए हैं आयोग ने नियुक्ति रद करने के साथ शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से शिक्षकों की भर्ती के लिए टीजीटी और पीजीटी की परीक्षा पिछले कई सालों से कराई जाती रही हैं। आयोग में सक्रिय घोटाले बाज लंबे समय से खेल कर रहे हैं। जिनसे सौदा हुआ ऐसे अभ्यर्थियों के फर्जी नाम जिलों में भेज दिए गए। यही नहीं जब डीआईओएस कार्यालय से सत्यापन के लिए पैनल आयोग को भेजा गया तो फिर उन्हें फर्जी सत्यापन कर लिया गया कि वही टीचर हैं जिनकी नियुक्ति हुई है। सितंबर 2011 में चयन बोर्ड ने पिछले दस सालों में नियुक्त टीचरों के पैनल के मूल नाम मांग लिए। जब उनका मिलान किया गया तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ क्योंकि इनकी नियुक्ति थी ही नहीं। मुरादाबाद में नौ शिक्षक पकड़े गए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि चयन बोर्ड से आदेश प्राप्त हो चुके हैं। इन लोगों के इनके खिलाफ एफआईआर के लिए तहरीर दी जा रही है।





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Saturday, February 18, 2012

UPMSSCB : 60 Fake Teachers trapped in Investigation

जांच में 60 फर्जी शिक्षक पकड़े गए
(UPMSSCB : 60 Fake Teachers trapped in Investigation)

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों के पैनल सत्यापन में 60 फर्जी शिक्षकों को पकड़ा है। इसमें से 30 शिक्षक फर्जी तरीके से समायोजन की ताक में थे, जबकि बाकी 30 शिक्षक बिना परीक्षा, साक्षात्कार के फर्जी तरीके से नियुक्ति के प्रयास में थे। फिलहाल 40 से अधिक शिक्षकों के खिलाफ डीआइओएस द्वारा एफआइआर दर्ज करवाई जा चुकी है, बाकी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। अभी भी कई जनपदों के पैनल सत्यापन बाकी हैं, जिसमें कुछ और फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने की उम्मीद है।
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UPMSSCB : TGT- PGT 1683 Candidates Successful

टीजीटी-पीजीटी में 1683 सफल
(UPMSSCB : TGT- PGT 1683 Candidates Successful)

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने शुक्रवार को प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) के तीन व प्रवक्ता (पीजीटी) के 14 विषयों के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए। टीजीटी व पीजीटी में कुल 1683 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। बोर्ड ने परीक्षा परिणाम को डिस्प्ले बोर्ड पर चस्पा कर दिया है। अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम बोर्ड की वेबसाइट यूपीएसईएस एसबी.ओआरजी पर भी देख सकते हैं।
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