एेकेडमिक सीनेट ने जेईई में बदलाव का फैसला रद्द किया, खुद कराएगा अपना एंट्रेंस
आईआईटी कानपुर की सिब्बल को चुनौती
IIT Kanpur Against New Model of Selection process Through Academic Marks. And for better transparency IITK wants to conduct admission test on its own NOT through CBSE Board
क्या है विरोध की वजह
सीनेट ने वर्ष 2013 से जेईई में बदलाव के उनके प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का बदलाव मंजूर नहीं है। देश में 44 स्टेट बोर्ड हैं। सबकी मूल्यांकन प्रक्रिया अलग है। इन सभी के अंकों का फार्मूला समान करना संभव नहीं। ऐसे में इंटरमीडिएट के अंकों को जेईई में चयन का आधार बनाना ठीक नहीं
कानपुर। ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) में बदलाव के मानव संसाधन विकास मंत्रालय और आईआईटी काउंसिल के फैसले को आईआईटी, कानपुर की ऐकेडमिक सीनेट ने खारिज कर दिया है। सौ सदस्यों वाली सीनेट ने कहा है कि आईआईटी, कानपुर की सीटें जेईई से नहीं भरी जाएंगी। संस्थान अपनी अलग प्रवेश परीक्षा कराएगा। अन्य आईआईटी भी चाहें तो इसमें शामिल हो सकते हैं। परीक्षा में देशभर के विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे। पूरा ब्योरा जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए कमेटी गठित कर दी गई है, जो 2013 की प्रवेश परीक्षा की तैयारियों में जुट गई है। कमेटी का चेयरमैन डॉ. नीरज मिश्रा को बनाया गया है। प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने का अधिकार सीनेट को ही मिला है, जो हर साल कमेटी नामित करके परीक्षा कराएगी। सीनेट के फैसले की जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दे दी गई है।
आईआईटी, कानपुर के निदेशक और सीनेट के चेयरमैन प्रोफेसर संजय गोविंद धांडे की अगुवाई वाली ऐकेडमिक सीनेट ने शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को यह तगड़ा झटका दिया।
•अन्य आईआईटी को भी शामिल होने का दिया प्रस्ताव
•देशभर के विद्यार्थी ले सकेंगे भाग, पूरा ब्योरा जल्द
2013 से आईआईटी, एनआईटी और एआईईईई की एक प्रवेश परीक्षा कराई जाए। मेरिट बनाते समय जेईई में मिले अंकों के साथ ही छात्र को 12वीं में मिले अंकों का 40 फीसदी वेटेज दिया जाए। यह परीक्षा सीबीएसई कराए।
क्या है विरोध की वजह
सीनेट ने वर्ष 2013 से जेईई में बदलाव के उनके प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का बदलाव मंजूर नहीं है। देश में 44 स्टेट बोर्ड हैं। सबकी मूल्यांकन प्रक्रिया अलग है। इन सभी के अंकों का फार्मूला समान करना संभव नहीं। ऐसे में इंटरमीडिएट के अंकों को जेईई में चयन का आधार बनाना ठीक नहीं। सीबीएसई से परीक्षा कराने में पेपर आउट होने का भी खतरा है
प्रवेश परीक्षा को आईआईटी अपने क्षेत्र से बाहर नहीं जाने देगा। सीबीएसई से प्रवेश परीक्षा कराने की सोच गलत है। उसकी देखरेख में होने वाले एआईईईई के पेपर आउट हो चुके हैं। - सीनेट
सीनेट के निर्णय को नहीं दी जा सकती चुनौती
सीनेट के निर्णय को मंत्रालय या काउंसिल द्वारा चुनौती नहीं दी जा सकती है क्योंकि बदलाव के सभी अधिकार सीनेट के पास सुरक्षित हैं। सीनेट के अनुसार सिब्बल के प्रस्तावित बदलाव के हिसाब से 2012 की प्रवेश परीक्षा में शामिल लाखों छात्र-छात्राएं को आगामी 2013 की प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए दोबारा इंटरमीडिएट की परीक्षा देनी पड़ेगी, जो गलत है
News Source : Amar Ujala (9.6.12)
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