प्रेषक: Subhan Allah <subhanallah2007@gmail.com>
दिनांक: 8 जून 2012 10:24 pm
विषय: युपी टेट और यूपी में तूफ़ान की आहट
प्रति: Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>
कहते हैं की जो इन्सान आने वाले तूफ़ान को भांपकर, उससे बचने के उपाए निकाल ले , वही इन्सान बुद्धिमान होता है. वर्तमान में सूबे के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश सिंह यादव को इसी तरह की दूर-दर्शिता की आवश्यकता है. आज जिस तरह से भारत के अलग-अलग प्रदेशों के टेट अभ्यर्थियों की हालत हो रही है, उससे न सिर्फ यूपी में बल्कि पुरे भारत में एक तूफ़ान आने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. फिर चाहे वो यूपी में कई चरणों में हुए आन्दोलन हों या फिर पंजाब में पिछले ४ दिनों से इस तपती गर्मी में पानी की टंकी पर चढ़े टेट अभ्यर्थी हों या फिर अन्य राज्यों में हो रहे टेट अभ्यर्थीयों पर विभिन्न तरह के अत्याचार हों.
हम यहाँ सूबे में sikhcha के अधिकार और उससे होने वाले नुकशान के बारे में बाद में बात कर लेंगे, उसका तो बेडा गरक हो ही रहा है, उसके पहले उन लोगों की बात कर लेते हैं जिनके माध्यम से sikhsha के अधिकार को अमली जामा पहनाया जा सकता है. कहते हैं किसी ईमारत की नीव अगर मजबूत हो तो उस पर जो भी निर्मार होता है वो निश्चित रूप से उस ईमारत और उसमे रहने वाले व्यक्तियों के लिए मजबूती ही लाता है. पता नहीं क्यूँ सूबे के मुख्यमंत्री इस प्रदेश की ईमारत और अपने ठिकाने को इतना जर्जर बनाने पर तुले हैं.
निश्चित रूप पिछले ६ महीनो से जितनी भी पीड़ा टेट अभ्यर्थी भुगत रहें हैं, उसका हिसाब कोई नहीं दे सकता है. चाहे उनपर पुलिसे द्वारा लाठियों की बरसात हो या फिर सूबे की सरकार का ढिल-मुल रवय्या हो, हर तरफ से टेट अभ्यर्थियों का सोषर ही हो रहा है यधपि इन लोगों का कसूर क्या है ? अभी तक इस सवाल का जवाब ये खुद ही नहीं तलाश कर पा रहे हैं और न ही सूबे की सरकार ही इसका जवाब दे पा रही है.
कहते हैं की जब इन्सान के पास खोने के लिए कुछ न हो तो वो किसी के साथ कुछ भी कर सकता है. वर्त्तमान में टेट अभ्यर्थी कुछ इसी तरह की मनो-दशा से गुजर रहे हैं. इसका सबूत विधान मंडल एवं विधानसभा में विभिन्न पार्टियों द्वारा व्यक्त की गयी चिंता से साफ़ झलकता है. हालाँकि सूबे की सरकार पर इसका क्या असर पड़ा है ये देखना अभी बाकि है.
एक बात और यहाँ देखने वाली ये है की जितना गहरा झख्म टेट अभ्यर्थियों पर लगा है, उस तरह का मरहम अभी भी सूबे की सरकार की तरफ से नहीं मिला है बल्कि समय-समय पर विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से उस जख्म को गहरा ही किया गया है. सूबे की सरकार की टेट अभ्यर्थियों की तरफ से कुछ शक घर करके बैठा हुआ है जिसका जवाब टेट पीड़ितों को चाहिए-
१. आखिर क्यूँ नहीं सरकार कपिल देव को बुलाकर कोई बीच का रास्ता निकल रही है ?
२. आखिर क्यूँ कोर्ट तारीख पर तारीख दे रही है ?
३. जिस दिन सरकार की मीटिंग होती है उसके अगले दिन ही डेट कोर्ट क्यूँ दे रही है ?
४. सरकार कोर्ट में मामला चल रहा है कहकर अपना पल्ला क्यूँ झारने की कोसिश कर ही है ?
उपरोक्त सवालों का जवाब आज हर टेट अभ्यर्थियों को सूबे की सरकार से चाहिए.
मेरे पास कई लोगों के फ़ोन आये जिन्होंने आगामी १२ जून को एक दिन के दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले सांकेतिक धरने की विश्वसनीयता के बारे में पूछा गया. मेरा विचार है की जब आप दिल से मेहनत करते हैं तो आप को उसका फल भी मिलना चाहिए. बनारस से चली पदयात्रा ....अलग-लगा जिलों से होती हुयी अभी दिल्ली पहुचने वाली है. इस पद यात्रा के पीछे की मेहनत से सभी भली-भाती परिचित हैं.
एक दिन का ये सांकेतिक धरना उन टेट अभ्यर्थियों के लिए एक तरह से उपहार है. इसे एक अच्छा कदम कहना , कहीं से भी गलत नहीं होगा. कहते हैं की अगर किसी चीज को बंद करके रखा जाता है या उस चीज का प्रयोग नहीं किया जाता है तो उसपर जंग लग जाती है. हमें अपने आप पर जंग नहीं लगने देना है की जबतक हम अपनी मंजिल तक नहीं पहुच जाते हैं.
अंत में मै अपने टेट अभ्यर्थियों से ये कहना चाहूँगा की आप लोग धैर्य बना कर रखें, निसंदेह हम अपनी मंजिल के बहुत ही करीब है. अपनी उत्सुकता को बनाये रखें, कभी भी आर-पार की लड़ाई के लिए एक आह्वान पर खड़े होने के लिए तैयार रहें. आगामी १७ जून को प्रतियेक जिलों में एक मीटिंग बुलाई गयी है जिसमे हमारे पदाधिकारीगर्ण कुछ बातों पर निर्णय लेंगे जिसमे आगामी ०१ जुलाई को जो काम अभी तक हमने लखनऊ में किया है वो काम हम एक बार इलाहाबाद में करने पर विचार किया जायेगा ताकि ०२ जुलाई को हमारी न्यूज़ इलाहबाद के समाचार पत्रों में छपे और हमारे सम्मानित जज श्रीमान अरुण टंडन पर एक नैतिक दबाव पड़े और वो हमारी पीड़ा को समझकर , इस केस को जल्द से जल्द निस्तारित करें तथा २७२००० टेट अभ्यर्थियों की दुआओं का खजाना लेलें.
अंत में आप सब एक बार फिर से अपने पदाधिकारियों की बातों पर चलने के लिए तत्पर रहें. भर्मित न हो , बरगलाने वाले तत्वों से बचकर रहें, सकारात्मक सोच रखें. हम एक हैं इसीलिए हम अपनी मंजिल के करीब हैं और मै ये आशा करता हूँ की हम हमेशा एक रहेंगे. निश्चित रहिये जीत हमारी ही होगी और जो आप चाहेंगे वही होगा.
आपका अपना साथी
सुभानाल्लाह (सुभान )
गोरखपुर
9935907083
माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में भ्रष्टाचार की जांच शुरू Updated on: Fri, 08 Jun 2012 10:10 PM (IST)
ReplyDeleteजागरण ब्यूरो, लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार और शिक्षकों के चयन में धांधली की जांच सरकार ने शुरू कर दी है। मामले की जांच प्रमुख सचिव गन्नाऔर चीनी उद्योग को सौंपी गई है। लिखित परीक्षा के आधार पर चयनित शिक्षकों के इंटरव्यू पर भी रोक लगा दी गई है। बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में शिक्षक दल द्वारा कार्यस्थगन की सूचना देने पर सत्ता पक्ष के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने सदन को यह जानकारी दी।
शिक्षक दल के ओमप्रकाश शर्मा ने कार्यस्थगन की सूचना देते हुए बताया कि शासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के चयन के लिए गठित माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। दस-दस लाख रुपये लेकर ऐसे अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त कियाजा रहा है जिन्होंने न तो लिखित परीक्षा दी और न ही इंटरव्यू। बोर्ड के अध्यक्ष के रिश्तेदारों की भी फर्जी तरीके से नियुक्तियां की गई हैं। इन फर्जी नियुक्तियों के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। अब तक 200 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है। रिश्वत के पैसे की बंदरबांट को लेकर बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों में दफ्तर में मारपीट भी हो चुकी है।
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ReplyDeletesare chor up me hi bas gye..
ReplyDeleteTo,muskan mam jantar-mantar anumati ,wale post ko ap sab se upar rakhe taki sb ko pata chal paye ki mission BARAHA CHEYE BARAHA 12 6 12
ReplyDeletedosto
ReplyDeletedhairya banaye rakhen manjil karib hai logo ko means gov. ko sochne samjhne ka mouka de hamare u.p. mai job se jyada bijli pani ki samsya hai jis se hamara jeevan chalta hai aap ke pas agar paisa aur time hai to delhi jantar mantar jarur 12 june ko jaye is se hamari akta takat ka ahsas hoga jo hamari manjil pe jald se jald pahunchaiga mera delhi ke 200 ke aaspas rahne wale tet bhaiyo se nivedan hai wo is sabha mai jarur pahunche aur mayank ji ke sapno ko pura kare dr.amit agrahari 9452061561
Chhay mahine se har roj ye aas lagaye rahte hain ki ki kab sukhad samachar milega!
ReplyDeleteSubhan tumhe jb hindi likhne nhi aati to tu bachchon ko kya sikhayega...kahte hain kahte hain 10 baar likha hai..,bahut sare shabdon ki vartani galat likha hai,ek hi shabd 25 baar prayog me laya hai...jaise soobe,,,
ReplyDeleteurdu k shabdon ka jyada prayog karna ye spasht krta hai ki tuje shuddh avam parimarjit hindi nhi aati....
Dhany ho ap.
Kahte hain tet radd hoga ?
ReplyDeleteKahte hain tet se merit li jayegii ?
Kahte hai acd merit bnegi ?
Kahte han 80000 aur nye pad srijit hoge ?
Kahte hain ki tet+acd merit bnegi.
Kahte hai ki shighra madad milegi..?
Kahte hain crt ka aadesh milte hi prakriya chalu hogi...
Ved baaboo baruta kahte hain ki....aage aage dekho hota hai kya ?
Ab subhan bhai b kahte hai kahte hain ki ratt lgaye hain....vhi laptaganj k lallan baboo kahte hain ki hamse kisi ne kaha hi nhi...toh hm kahte hain je baat,la££an tap idea hai,,,delhi chalo
Are hum kahte hai tetian ko kuchh nahi milega. Milega to sirf...
DeleteDubey ji kisi ka majak udana achchhi bat nahi hai yahan sabko apne vichar vyakt karne ka adhikar hai
ReplyDeleteAkhilesh sarkar degi police S.I. Ki bharti me muslimo ko 18% arakshan.
ReplyDeleteSarkar ne muslimo ko kam arkshan diya sarkar ko muslim ki sankhya ke anusar dena chahiye arkshan. Reply
@Manoj ji,subhan ji ki abhivyakti to samajh liye n to phir kyo shabdo par ja rahe hai???
ReplyDeleteAkhilesh sarkar jab muslime sampraday ka etana khyal kar rahi hai to uptet me bhi to muslim varg ke candidates hai unka khyal kyo nahi kar rahi hai???
ReplyDeleteBhrstachri kisi ke sage nahi hote ye kewal muslimo ko lolypop de raha hai isse jyada kuchh bhi nahi
ReplyDeleteAkhiesh apni roti sek rha h. A muslmano k vote ko loksabha cunav me bhunana chahta hai...par a nasamajh a nhi janta ki jis tarh mayavati keval sc k vote se kabhi jeet ni skati vaise hi a nasamajh cm kbi b musalmano k vote se ni jeet sakta..agr vakai me up ko uttampradesh bnana hai toh abi se bjp ko jitnane ki prishthabhoomi taiyar ko...a sale jati pati ki rajneeti karte hai aur marti hai janta..jbse sp ki gov bni hai up se bijali gayab hai..ageage dekho karta hai kya...bhojpoori me ek kahavat hai..anhare k aage roye apan deeda khoye..
ReplyDeleteSarkar ko hilane ki baat karte sarkar ka koi kuchh nahi kar sakta hai agar aaj itne hi taktvar aur vidwvan the to sp ko vote dete nahi socha tha ki sp Bsp ki virodhi hai niyukti latak jayegi.
ReplyDeletepahle vote do fir gali do
sp sarkar sahi hai aur sahi kar rahi hai.
Apni peeth pe malish karbao ladhi khane ke liye.
good article by subhan.
ReplyDeletelagata hai Vikas SP ka khabri hai.
ReplyDeleteSahi kaha bhai agar sarkar naukari deti to khabri nahi banna pdta.
DeleteEK JAROORI SUCHNA
ReplyDeleteDELHI MAI SABHI TITIAN 12 JUNE KO ADHIK SE ADHIK SANKHYA MAI PAHUNCHE AUR SABHA KO SAFAL BANAWE AAP SABHI LEADER SE AGRAH HAI KI AAP EK GYAPAN KE SATH APNI BAT LIKH KE MANNIYE MULAYAM SINGH YADAV G KO DE WE WO JAMEEN SE JUDE NETA AUR SICHAK HAI WO HAMARI MADAD JARUR KARENGE ATAH SABHI DELHI MAI JUTNE WALE TET BHAI BAHAN SRI MULAYAM SINGH G SE JARUR MILE
dr.amit agrahari
9452061561
Uttra pradesh ka punh namkarnan sanskar hone bala hai Ullu Pradesh.
ReplyDeleteup ko ullu pradesh banane me apna sahyag de pahla kadam udhate hue tet merit ki mang chod AcD ki mang kare ,tet ki anivaryta samapt , bharti me merit niche se banai jaye, shiksha mitro ko teacher banne ke sthan par siksha adhikari banaya jay.
EK JAROORI SUCHNA
ReplyDeleteDELHI MAI SABHI TITIAN 12 JUNE KO ADHIK SE ADHIK SANKHYA MAI PAHUNCHE AUR SABHA KO SAFAL BANAWE AAP SABHI LEADER SE AGRAH HAI KI AAP EK GYAPAN KE SATH APNI BAT LIKH KE MANNIYE MULAYAM SINGH YADAV G KO DE WE WO JAMEEN SE JUDE NETA AUR SICHAK HAI WO HAMARI MADAD JARUR KARENGE ATAH SABHI DELHI MAI JUTNE WALE TET BHAI BAHAN SRI MULAYAM SINGH G SE JARUR MILE
dr.amit agrahari
9452061561
Mere bhaio yaha hindu musalman ki ladai na lade to behtar hoga hum sab ek h aur hame ladna h is bhrasht sarkar aur samaj se
ReplyDeletemr SUBHAN ye kapil se baat karke beech ka rarta nikale se kya matlab h.hame niyukit purva prakashit vigyapit ke chayan ke anusar chahiye.
ReplyDeletehttp://epaper.bhaskar.com/bathinda/181/09062012/cph/1/
ReplyDeletevacancy ke liye sabhi raajya sarkaaron evam kendra ko 2014 ka intezaar hai.
ReplyDeleteARE ghadwo jantar mantar me jakar bikh mangoge dekhana 50 logo se upar nahi pauchenge tet merit se bharti whai log kha rahe hai jinone paisa dekar number bhadwya hai soch rahe hai ki tet merit nahi lagegi to paisa dub jayega aur ye whai 27000 log hai jo ki halla macha rahe hai apni phid ki malish karwo kar jana chuki is bar ache se dhulai hogi bharti prakriya nirast hone do aur n
ReplyDeletekapil bhai sabhi ke jase nhi hai jo ap sabhi pr ugli utha rhe ho
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ReplyDeleteअरुण कुमार मिश्र, गोंडा
ReplyDeleteयहां शिक्षा ग्रहण करने में सबसे बड़ा गतिरोध शिक्षकों की कमी है। हर वर्ष स्कूल बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन शिक्षकों की संख्या घटती जा रही है। जिले में दो सौ परिषदीय विद्यालय पिछले एक साल से बंद हैं। वहीं आगामी 30 जून को 112 शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक व जूनियर स्तर तक की शिक्षा बेहाल है। गुणवत्ता की बात तब उठती है जब बच्चों को पढ़ाया जाए। जिले में 2752 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। 869 जूनियर तथा 1883 प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। 869 में 166 जूनियर विद्यालयों के बीते सत्र में ताले ही नहीं खुले। इसी तरह 28 प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं। यहां शिक्षामित्रों के सहारे पढ़ाई हो रही है। 30 जून को 112 शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसमें 66 विद्यालय शिक्षक विहीन हो जाएंगे। हर वर्ष शिक्षकों की घटती संख्या और स्कूलों की बढ़ती संख्या ने शैक्षिक गुणवत्ता को समाप्त कर दिया है। बीते वर्ष 364 प्राथमिक एवं 24 जूनियर हाईस्कूलों का निर्माण चल रहा है। 388 विद्यालय बिना शिक्षक के और तैयार हो रहे हैं। शिक्षकों के अभाव से परिषदीय विद्यालयों से बच्चों का पलायन शुरू हो गया है। हर वर्ष करीब 30 हजार बच्चों की कमी हो रही है। स्कूल कम थे तब बच्चों की संख्या अधिक थी। अब जब स्कूल अधिक हैं तो बच्चों की संख्या घटती जा रही है। स्कूलों में बच्चों के ठहराव के लिए मिड डे मील, छात्रवृत्ति, ड्रेस, बैग, नि:शुल्क किताबें, कार्य पुस्तिका सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है। हर असेवित बस्ती में स्कूल खोलने की कार्ययोजना बन रही है। शिक्षकों की कमी से सारी सुविधाएं बेकार साबित हो रही हैं। केवल लाभ पाने के लिए अभिभावक अपने बच्चों को बिना शिक्षक वाले स्कूलों में दाखिला नहीं दिलाना चाहते हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि शिक्षकों की कमी है। इसकी जानकारी शासन को भी है। हर वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों से विद्यालय खाली हो रहे हैं। शिक्षकों की भर्ती का निर्णय शासन को लेना है। कितने शिक्षक कम हैं इसकी सूचना भेजी जा चुकी है।
hamara pahela kam hai 12 june ke aandolan ko safal banana. hame iski jankari adik se adik logo tak pahuchani chahiye
ReplyDeletehame apne is sangarsh se adik se adik logo ko jorna hai . satiyo jaan laga do
ReplyDeleteabi nahi to kabhi nahi
ReplyDeletemai dilhi aauga
Bharti ke sirf 2 tareeke ho sakte hain- TET merit yaa acc merit. Agar hum ekjut rahe to hamaare selection kaa chance 50%, agar aapas mein ladkar bikhar gaye to chance 0%. Aaspaas ke raajyon mein bhi TETians pareshaan hain. Unhen bhi aandolan se jodaa jayee.
ReplyDelete12 JUN Delhi Jantar MAntar pe dharna me jaroor shamil ho....har ek TETIAN kam se kam 5 logon ke sath aye....doston aur relatives ko bhi le ke aao....
ReplyDeleteTETIANs Jindabad
Good evng friends,
ReplyDeleteChutkulle
Thoda hasna jaruri hai
1. दो बच्चों की मां तीसरी बार शादी कर रही थी, फेरो के वक्त छोटा बच्चा रोने लगा, तंग आकर मां बोली चुप हो जा वरना अगली शादी में नही लेकर
2. पत्नी (पति से)- मैंने तुम्हें बिना देखे शादी की..कैन यू बिलीव दैट? पति (पत्नी से)- और मेरी हिम्मत तो देखो.. मैंने तुम्हें देखने के बाद भी तुमसे शादी की..??? 3.ज्योतिष - तेरा नाम संता है संता - जी ज्योतिष - तेरा एक लड़का है, तूने अभी 5 किलो गेहूं खरीदे हैं। संता- आप तो अंतरयामी हो ज्योतिष - गधे, अगली बार कुंडली लाना राशन कार्ड नही।
4. राकेश - तुम्हारी बीवी के दांतों का दर्द ठीक हुआ कि नहीं ? विमल - हां, डॉक्टर को दिखाते ही ठीक हो गया। राकेश (हैरानी से)- अच्छा, कौन सी दवा से? विमल - दवा वगैरह कुछ नहीं। बस, डॉक्टर ने बताया कि यह बुढ़ापे की निशानी है, और उस दिन के बाद उसने दर्द की शिकायत ही नहीं की।
विक्की स्कूल जाते हुए बहुत रो रहा था। पिता - चुप हो जा, शेर के बच्चे कभी रोते हैं! विक्की - पापा शेर के बच्चे स्कूल भी नही जाते..?
Kitne arman the ki ye goverment jald hi hame teacher bana degi lekin ab to lagta hai sayad job 2013 me hi milegi.nyaypalika se bhi viswas uth gaya hai..,
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