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Tuesday, April 23, 2013

INDIAN AIR FORCE JOIN AS AIRMEN IN GROUP 'X' (TECHNICAL) TRADES


Sarkari Naukri Damad India. Latest Upadted Indian Govt Jobs - http://sarkari-damad.blogspot.com
INDIAN AIR FORCE

INVITES APPLICATIONS FROM UNMARRIED MALE CANDIDATES FOR SELECTION TEST IN AUGUST 2013 TO JOIN AS AIRMEN IN GROUP 'X' (TECHNICAL) TRADES



Last date for receipt of applications at the Central Airmen Selection Board is 23 MAY 2013 including candidates from North Eastern Region (Arunachal Pradesh, Assam, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Tripura), Sikkim, Andaman & Nicobar and Lakshadweep Islands. Applications should be sent to the Post Box Address as mentioned below by ORDINARY POST ONLY.  APPLICATIONS SENT BY
REGISTERED/ SPEED POST/ COURIER WILL NOT BE ACCEPTED



1.   Indian Air Force invites applications from UNMARRIED MALE INDIAN CITIZENS(citizens
of Nepal are also eligible) for Selection Test in August 2013 to join as Airmen in Group ‘X’
(Technical) Trades. THE SELECTION TEST IS NOT FOR SELECTION AS COMMISSIONED
OFFICERS /PILOTS / NAVIGATORS.

ELIGIBILITY CRITERIA
2.   Educational Qualification
(a) Passed Intermediate/ 10+2/Equivalent Examination with Mathematics, Physics
and English with minimum 50% marks in aggregate and 50% marks in English.
                                                                 OR
(b) Three year Diploma Course in Engineering  (Mechanical/Electrical/Electronics
/Automobile/Computer Science/Instrumentation Technology/Information
Technology) from a Government recognised Polytechnic Institute with minimum 50% marks
in overall aggregate and 50% marks in English in Diploma or in Intermediate/
Matriculation, if English is not a subject in Diploma.  

Note:  Exact aggregate
percentage of marks upto first place of decimal for all subjects as mentioned in the Marks
Sheet of Intermediate/10+2/equivalent Diploma (For example, 49.9% should NOT be rounded
off to 50%).
3. Date of Birth Block.   Candidate should be born between 01 SEPTEMBER 1993 to 30 DECEMBER 1996 (both days inclusive).
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UP News / Allahabad University Recruitment शिक्षक भर्ती इलाहाबाद विवि


UP News / Allahabad University Recruitment शिक्षक भर्ती इलाहाबाद विवि

विवि में 15 जून तक साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी करने का दावा

 अधिकतर विभागों में शिक्षकों के लिए साक्षात्कार हो भी चुका है। ऐसे में अब सिर्फ कार्य परिषद की बैठक का इंतजार है

विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती के लिए पिछले साल ही आवेदन मांगे गए थे। भर्ती प्रक्रिया भी पिछले साल पूरी हो जानी थी लेकिन लगातार विवाद के कारण प्रक्रिया लंबी खींच गई। हालांकि अब सभी विवाद दूर हो चुके है। साक्षात्कार के बाद संगीत, समाजशास्त्र समेत एक दर्जन से अधिक विभागों का रिजल्ट लिफाफे में बंद हो चुका है। रिजल्ट घोषित करने के लिए दो बार कार्य परिषद की बैठक भी बुलाई गई लेकिन दोनों ही दफे सदस्यों ने आपत्ति उठा दी। इससे बैठक टालनी पड़ी। हालांकि अब मई में फिर बैठक की कवायद की जा रही है। विधि, मध्य एवं आधुनिक इतिहास, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान समेत कई विषयों के लिए इंटरव्यू चल रहा है। इसी महीने इनका भी रिजल्ट तैयार होने की उम्मीद है। मई में बैठक होती है तो उसमें इन विषयों के परिणाम भी घोषित किए जाने की संभावना है

मानवशास्त्र, पत्रकारिता, भूगोल, गांधी स्टडीज आदि विषयों के लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी कर साक्षात्कार की तैयारी है। इसी महीने या मई प्रथम सप्ताह तक साक्षात्कार पूरा होने की बात कही जा रही है। सेलेक्शन प्रक्रिया से जुड़े एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया कि संस्कृत, दर्शन शास्त्र, अंग्रेजी, हिन्दी, दृश्य कला आदि विभागों के लिए भी सेलेक्शन कमेटी बुलाने से पहले की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। एक्सपर्ट मिल गए तो मई में इन विभागों के लिए भी सेलेक्शन कमेटी की तारीख घोषित कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अड़चन नहीं आई तो जून के पहले सप्ताह तक सभी विषयों के रिजल्ट तैयार कर लिए जाएंगे।

योग्य उम्मीदवार नहीं मिले -
विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कई विभागों में प्रोफेसर के पद खाली रह जाएंगे। गणित, विज्ञान के अन्य विषयों, विधि समेत अधिकतर सब्जेक्ट के लिए सीट के बराबर भी योग्य उम्मीदवार नहीं मिले।

 इलाहाबाद विवि कर्मचारी भर्ती का भी रास्ता साफ
नियमित भर्ती नहीं हुई, तकरीबन सवा सौ पद कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद खाली
विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की भर्ती का रास्ता साफ होता दिख रहा है। 
कमेटी ने  नियमावली तैयार कर ली है। इसे कार्य परिषद की आगामी बैठक में रखा जाएगा



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UP News : अब नहीं होगी ईओ ( EO) के पद पर पदोन्नति


UP News : अब नहीं होगी ईओ ( EO) के पद पर पदोन्नति
रिक्त सभी पदों पर होगी सीधी भर्ती,संशोधित की जा रही है नियमावली

लखनऊ। स्थानीय निकायों में अधिशासी अधिकारी (ईओ) के पद पर पदोन्नति देने की व्यवस्था समाप्त करने की तैयारी है। निकायों में रिक्त ईओ के सभी पदों पर अब सीधी भर्ती की जाएगी। इसके लिए नगर निकाय केंद्रीयत सेवा नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। स्थानीय निकाय निदेशालय ने इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। शीघ्र ही इस पर कैबिनेट से मंजूरी लेने की तैयारी है। निदेशालय का मानना है कि ईओ क्लास टू का पद है और इस पद पर पदोन्नति नहीं दी जानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश में निकायों का बहुत महत्व है। शहरी क्षेत्रों में लोगों को जनसुविधा देने के साथ सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी इसके पास ही है। निकाय में नगर पंचायत, पालिका परिषद और नगर निगम आते हैं। नगर पंचायत सबसे निचली श्रेणी में आते हैं। नगर निगम केंद्रीयत सेवा नियमावली में दी गई व्यवस्था के मुताबिक नगर पंचायतों में 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती तथा 50 फीसदी पदों पर पदोन्नति देने का प्रावधान है। पदोन्नति पाने वाले ईओ को पहली तैनाती नगर पंचायतों में ही दी जाती है। इसके बाद वरिष्ठता के आधार पर श्रेणी तीन, श्रेणी दो व श्रेणी एक स्तर का अधिशासी अधिकारी बनाया जाता है। श्रेणी एक स्तर के अधिशासी अधिकारियों को बड़ी पालिका परिषदों का ईओ बनाया जाता है और इस स्तर के अधिकारी की तैनाती जब नगर निगमों में होती है, तो उसे सहायक नगर आयुक्त का पदनाम दिया जाता है।
स्थानीय निकाय निदेशालय का मानना है कि चूंकि ईओ का पद राजपत्रित अधिकारी के समान है। केंद्रीयत सेवा नियमावली की धारा 31 में इसका प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा उप नगर आयुक्त और अपर नगर आयुक्त के सभी पदों को पहले की तरह से पदोन्नति से ही भरने का प्रावधान रहेगा


News Source : Amar Ujala (23.4.2013)
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In Govt. of India, Many class 2 / Group B posts are filled through Direct Recruitment as well as Departmental Promotions ( LDC Exams) etc.

However it is good to fill posts through Direct Recruitments as there are many qualified youths who are waiting for job.

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UPTET / RTE : बेहतर निगरानी प्रणाली से सुधरेगी


UPTET / RTE : बेहतर निगरानी प्रणाली से सुधरेगी शिक्षा
केवल स्कूल खोलने और शिक्षक नियुक्त करने से नहीं चलेगा काम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पर्याप्त संख्या में सरकारी स्कूल हैं। बजट की कमी नहीं है। कमी है तो शिक्षकों और बेहतर मैनेजमेंट की। राज्य सरकार को शिक्षा में सुधार के लिए निगरानी प्रणाली के साथ बेहतर मैनेजमेंट की व्यवस्था करनी चाहिए। यही नहीं एक शिक्षा मिशन का अलग से गठन किया जाना चाहिए। यह मिशन शिक्षा में सुधार के साथ निगरानी व्यवस्था और गुणवत्तायुक्त शिक्षा के बारे में सुझाव दे, जिसे सरकार अमल में लाए। यह कहना है राज्य शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति प्रो. आर. गोविंदा का। वे सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जितना काम यूपी में होना चाहिए, नहीं हो पा रहा है।
प्रो. आर. गोविंदा ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून इसलिए बनाया गया कि बच्चों को शिक्षा का हक मिल सके। इसके बावजूद सभी बच्चे इस हक से वंचित हैं। केवल स्कूल खोलने और शिक्षक नियुक्त करने से काम नहीं चलेगा। इसके लिए बेहतर निगरानी प्रणाली की जरूरत है। शिक्षक स्कूलों में क्या करता है, बच्चों को पढ़ाने के लिए उसे सामग्री मिल रही है या नहीं, इसे भी देखने की जरूरत है। सरकार यह कहकर नहीं बच सकती कि उसके पास संसाधन की कमी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम कानून नहीं बल्कि उम्मीद है। इसको ध्यान में रखकर ही इसका खाका तैयार किया गया है। बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले, इसके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य की गई है, लेकिन इसमें बैठने वाले अधिकतर फेल हो रहे हैं
कॉलेजों में शिक्षकों की कमी का कारण अलग ःप्रो. आर. गोविंदा कहते हैं कि प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी का कारण कुछ और है तो डिग्री कॉलेजों में कुछ और। डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया काफी जटिल है। इस प्रक्रिया में भी सुधार की जरूरत है, ताकि उच्च शिक्षण संस्थाओं में भी शिक्षकों की कमी दूर हो सके





News Source : Amar Ujala (23.4.2013)
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Education is Chief Defense of Country.

Basic Education is Primary and Foremost thing which needs High Quality. And no compromise should be taken with it.

Nation require qualified and efficient youth power to impart better services to public and development of country.

Many teacher in Primary Schools do not know proper spellings, maths, science etc. And TET type examination are good to improve quality in education. Other parameters also require to maintain quality in education.

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Monday, April 22, 2013

UPTET / Shiksha Mitra News : शिक्षामित्रों पर टीईटी थोपने का आरोप


UPTET Shiksha Mitra News : शिक्षामित्रों पर टीईटी थोपने का आरोप

जंतर-मंतर पर 12 जून से विरोध-प्रदर्शन

देवरिया : उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री अनिल कुमार यादव ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय केंद्रशासित राज्यों के बराबर नहीं हुआ और उन्हें टीईटी से मुक्त नहीं रखा गया, तो आगामी 12 जून से संसद का घेराव किया जाएगा

उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्र टीईटी को लेकर भ्रमित न हों। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा शिक्षामित्रों के संबंध में कोई आदेश अब तक नहीं दिया गया है और न ही उनके खिलाफ कोई याचिका दायर की गई है। यदि ऐसा आदेश आता भी है, तो संघ सर्वोच्च न्यायालय की शरण लेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों की नियुक्ति नहीं होनी है, बल्कि समायोजन होना है। शिक्षामित्रों की नियुक्ति दो सितंबर 2001 से एक जुलाई 2009 के मध्य हुई है, जबकि आईटीई सितंबर 2009 में लागू हुआ है। इस संबंध में एनसीटीई निदेशक ने राज्य सरकार को पहले ही अपने पत्र में शिक्षामित्रों को पैरा टीचर मानते हुए टीईटी से मुक्त रखने का आदेश दिया था। इसको लेकर राज्य सरकार आदेश भी जारी कर चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार एनसीटीई का काला कानून शिक्षामित्रों पर थोपने का प्रयास कर रही है, जिसे कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा



News Source / Sabhaar : Jagran ( 22.4.2013)
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Triple Judgement may be arrive shortly that TET is COMPULSORY To Become Teacher OR NOT.

However it looks TET is compulsory as per NCTE reply / and matter presented in Triple Bench Allahabad.

But till judgement not comes, We can not say anything and we have to wait for decision of High court.
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UPTET 2013


UPTET 2013


Kya UPTET 2013 mein UPTET pass logo ko dobara exam dene ki permission rahegee.


Kyunki CTET mein bhee aisa hee hota hai.

Aur NCTE ne joda hua hai ki -
TET exam mein marks increase karne ke liye dobara se beth sakte hain aur
iske marks ka selection mein weightage liya ja sakta hai

to UPTET 2013 exam sirf PATRTA PARIKSHA RAHEGEE YA
Fir Selection cum Eligibility Test

Aap log comment ke jariye mehtvpoorn sujhaav/ rai / jaroooree jankaree share karen

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Sunday, April 21, 2013

UPTET : टीइटी से मुक्त नहीं हुए शिक्षामित्र तो आंदोलन


UPTET : टीइटी से मुक्त नहीं हुए शिक्षामित्र तो आंदोलन

 संत कबीर नगर :

आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष बृजेश चौधरी ने कहा कि बिना मतलब शिक्षा मित्रों का आरटीआइ के तहत टीइटी के संबंध में प्रश्न पूछा जा रहा है। शिक्षा मित्रों को टीइटी देने के लिए मजबूर करना अनुचित है। इससे मुक्ति नही दी गई तो वृहद आंदोलन छेड़ा जाएगा।

उक्त बातें जिलाध्यक्ष ने रविवार को खलीलाबाद में बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति शिक्षा मित्र के प्रशिक्षण को लेकर बीमार पड़ रहे जो चपरासी भी पास नही कर पाएं है। हजारों शिक्षा मित्रों के जीवन को बेवजह विवादित कर रहे है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने जो जवाब आरटीआइ के तहत दिया कि शिक्षा मित्रों को टीइटी देना पड़ेगा। इसका विरोध किया जाएगा। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आंदोलन किया जाएगा।

बैठक में हनुमान चौरसिया, रामकरन यादव, जालंधर प्रसाद, वीर बहादुर सिंह, रामराज पाल, उमाकांत, संजय यादव, दुर्गा यादव, शोभनाथ यादव, चंद्र भान यादव, प्रफुल्ल दूबे आदि उपस्थित थे



News Source/Sabhaar : Jagran /जागरण(Updated on: Sun, 21 Apr 2013 07:41 PM (IST))
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What will do UP state government, if TET matter is binding with Central Govt. /Gazette Notification of GoI.

Jab TET maamla Kendra Sarkar Se Sanchalit Hai aur Bharat ki Asadharan Rajpatra mein anivarya kiya hua hai to UP kee rajya sarkar ismein kya karegee.

Ab Allahabad HC kee triple bench ka judgement aaye to usko dekhen ki vhe Non-TET ke favor mein aata hai ki nahin.

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UPTET : टीईटी को लेकर असमंजस में युवा


UPTET : टीईटी को लेकर असमंजस में युवा

निज प्रतिनिधि, एटा: शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर शासन स्तर पर फिर शुरू हुई सुगबुगाहट के बीच युवा असमंजस से गुजर रहे हैं। पूर्व में परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके अभ्यर्थी भी अभी तक परीक्षा को लेकर फाइनल निर्णय न हो पाने को लेकर गफलत में हैं, वहीं नए सिरे से आयोजित होने वाली परीक्षा को लेकर भी उधेड़बुन शुरू हो गई है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद शिक्षक भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को पात्रता परीक्षा अनिवार्य किए जाने के बाद बसपा शासन में हुई परीक्षा परिणाम घोषित होने के बावजूद भी अभी विवादों और न्यायालय के दर पर ही दस्तक दे रही है। हालांकि बसपा शासन में हुई पात्रता परीक्षा में जिले के भी 20 हजार से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण तो हो गए, लेकिन परीक्षा में घपलेबाजी को लेकर पहले न्यायालय और फिर शासन की जांच अभी भी परीक्षा अटकी होने के कारण उत्तीर्ण होकर भी एक बड़ा युवाओं का तबका नौकरी से अछूता तो है ही, वहीं भाग्य को भी कोस रहा है। पूर्व की परीक्षा को अभी हरी झंडी न्यायालय ने नहीं दी। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित कराने को लेकर हाल ही में तय किए गए मसौदे के बाद पहले ही परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके युवाओं के सामने असमंजस के हालात हैं। इस तबके में फिलहाल इसको लेकर बहस तेज हो गई है, पहले से परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके यह अभ्यर्थी अब नई परीक्षा में सम्मलित हों या नहीं। पूर्व की परीक्षा विवादों में है। ऐसे में परीक्षा निरस्त न हो जाए या फिर दूसरी परीक्षा में भी सम्मलित होने का मौका हाथ से न निकल जाए, असमंजस अभ्यर्थियों में नजर आ रहा है। शास ने 25 अप्रैल तक पुन: पात्रता परीक्षा कराने के लिए विज्ञप्ति जारी करने की घोषणा की है

पिछले साल टीईटी उत्तीर्ण कर चुके प्रवीन तिवारी का कहना है, अपनी पात्रता साबित करने के बाद भी उनका भविष्य अंधेरे में है। फिलहाल यह परीक्षा भी देंगे, पहले की परीक्षा का कोई भरोसा नहीं। संजीव दिवाकर का कहना है, सरकार पूर्व टीईटी पर पहले निर्णय स्पष्ट करे, उसके बाद ही दूसरी परीक्षा कराई जाए। अन्यथा पहले परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले के बर्बाद हुए समय की भरपाई कैसे हो पाएगी। अन्य तमाम टीईटी भी यही चाहते हैं कि सरकार पहले पूर्व टीईटी पर निर्णय को फाइनल टच दे, तभी दूसरी परीक्षा कराए



News Source : Jagran (Updated on: Sun, 21 Apr 2013 06:46 PM (IST))
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Kataksha / Confusing News -
Jab B. Ed vaale UPTET 1-5 ke liye eligible hee nahin honge to vo doabara se exam kaise de sakenge.

aur UPTET 2011 6-8 vala exam vivaadon mein raha nahin.

Media kafee saree important news detaa hai, aur Jagran Paper highly reputed hai North India mein aur bahut saaree important jaankariyan dee hain, lekin is news par abhyarthee savaal uthaa rahe hain ki isme dee gayee / etah jile ke candidtae ko puree jaankaree kar lenee chahiye.

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UPTET / NCTE : Who Have Power to Set Minimum Qualification for Appointment of Teachers As Per RTE Act

UPTET / NCTE : Who Have Power to Set Minimum Qualification for Appointment of Teachers As Per RTE Act

According to - Bharat Ka Asadharan Rajpatra (Gazette of India Extra Ordinary ) -




Source : http://ncte-india.org/Norms/RTE-1.pdf
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NCTE is Acadmic Authority made by the Central Govt. of India to implement RTE Act.

And NCTE prescribes TET is Minimum and Essential Qualification to Become Teacher under RTE Act for class - 1 to 8th
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UPTET : टी ई टी मेरिट और 72825 शिक्षकों की भर्ती


UPTET : टी ई टी मेरिट और 72825  शिक्षकों की भर्ती 


पिछले दो सालों में लाखों अभ्यर्थीयों ने शिक्षक भर्ती में बड़े उतार चड़ाव देखे 

माया शासन काल में टी ई टी परीक्षा से पूर्व कई याचिकाएं इसके विरोध में पडी ,कुछ में बगेर टी ई टी  के भर्ती की मांग की गयी , कुछ में अकादमिक अंकों के आधार पर भर्ती की मांग की गयी । 
और इस तरह की सभी विरोध की याचिकाएं ख़ारिज हो गयी 

बी . एड  धारकों के लिए भर्ती की समय सीमा एन सी टी ई द्वारा १ जनवरी 2012 निर्धारित की गयी थी तब सभी लोगो को लग रहा था कि भर्तियाँ जल्द ही हो जायेंगी । 

बीच बीच में कुछ रुकावटें आयी , जिसमें ५ जिलों के बजाये समस्त उत्तर प्रदेश के जिलों में भर्ती का अवसर देने की बात आयी ,फिर परिणाम संसोधन की बात आयी और इन सभी  का निस्तारण भी हो गया । 

लेकिन तभी एक महारथी कपिल यादव ने एक ऐसी  याचिका डाली , जिसका हल न्यायलय को निकालने में तारिख दर तारिख देनी पडी । 

अचानक समय ने करवट बदली चुनावी मौसम  का बिगुल बज गया और उत्तर प्रदेश की सरकार बदल गयी । 

अब टी ई टी परीक्षा की जांच और उसमें धांधली की बातें भी उठने लगी थी , अभ्यर्थी भय ग्रस्त थे कि अब उनके भविष्य का क्या होगा । 

कई अभ्यर्थीयों का कहना था कि हमने तो परीक्षा अपनी मेहनत से पास की हैं और हमारे पास ओ एम् आर प्रतिलिपि हमारी बेगुनाही का सबूत है जिसने धांधली की उसको पकड़ना चाहिए । 

इस दोरान किसी भी अभ्यर्थी का नाम धांधली में सामने नहीं आया , हालाँकि टी ई टी परीक्षा आयोजित करने वाले निदेशक , संजय मोहन का नाम  टी ई टी अंक बढाने के एवज में  रूपए लेने देने में आ गया था । 

अभ्यर्थी सशंकित होने लगे की अब उनके भविष्य का क्या होगा 
उसके बाद भी ऐसी कोई  खबर नहीं आयी कि उसने किन अभ्यार्थीयों के अंक बढवाये । 

बीच बीच में यह भी ख़बरें उठी कि टी ई टी एक पात्रता परीक्षा है और इसके अंको का उपयोग चयन में करना गलत है 

समय गुजरता गया , और  राज्य सरकार ने धांधली को न्यून करने को लेकर टी ई टी को सिर्फ पात्रता परीक्षा मानने का अध्यादेश जारी कर दिया और भर्ती का आधार टी ई टी मेरिट की जगह अकादमिक अंको को बना दिया । 

लेकिन इसको देखते हुए मेहनती अभ्यर्थीयों का तर्क था की उनका क्या कसूर , उन्होंने तो मेहनत से परीक्षा उत्तीर्ण की और अकादमिक अंको से चयन उनकी भर्ती पर प्रतिकूल  प्रभाव डालेगा । 
और क्या गारंटी कि कोई नयी परीक्षा धांधली प्रूफ होगी । ये भी तर्क सामने आया कि बोर्ड परीक्षाओं में भी नक़ल इत्यादि होती है तो अकादमिक भर्ती भी पूर्णतया धांधली रहित कैसे हैं । 

एक और बात सामने आयी कि क्या चयन प्रणाली बीच में बदलना सही है । 

दुसरी तरफ कई अकादमिक अंको द्वारा भर्ती सपोर्टर द्वारा कहा जाने लगा की टी ई टी परीक्षा से ४ दिन पूर्व उनको पता लगा था कि टी ई टी अंको से चयन होगा और धांधली वाली परीक्षा के अंकों  से चयन का क्या मतलब । 
मगर ये दोनों ही बातें इन तर्कों पर सही नहीं है -
१. एन सी टी ई ने स्पष्ट रूप से टी ई टी परीक्षा के बारे में बताया है की  -
टी ई टी परीक्षा चयन की गारंटी नहीं लेकिन इसके अंको को चयन में वेटेज दिया जाये , उदाहरनार्थ -
सी टी ई टी परीक्षा से पूर्व , अभ्यार्थीयों को नहीं पता होता की कोन  सी चयन संस्था इसके अंकों को कितना वेटेज देगी ,
जैसा की एस एस ए चंडीगढ़ ने हाल ही में शिक्षक भर्ती के दोरान सी टी ई टी परीक्षा के अंको को ५ ० प्रतिशत वेटेज देने की घोषणा की थी 
२. दुसरी तरफ एन सी टी ई ने ये भी स्पष्ट किया था , कि परीक्षार्थी अंक सुधार  हेतु परीक्षा में पुन : बेठ  सकते हैं । 
किसी पात्रता परीक्षा में एक बार उत्तीर्ण होने के बाद परीक्षा में पुन : बेठने का क्या मतलब 
३. कई राज्यों ने भर्ती के दोरान टी ई टी अंकों को वेटेज देने की घोषणा  की थी 

अब दुसरी बात (जो की इस बीच सूनी गयी ) , अगर धांधली पाई जाती है तो इसको हल करने के लिए -
अ ) धांधली /धांधली में लिप्त लोगो को हटाया जाये  या फिर 
बी) परीक्षा का पुन : आयोजित किया जाये 
अन्यथा टी ई टी परीक्षा में मेहनती और अच्छे अंक धारियों'कि नियुक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है 

इसके बाद समय बढता गया और नया विज्ञापन सामने आया -
जिसमें अकादमिक अंको को चयन का आधार बनाया गया 

इस भर्ती के दोरान भी कई' अड्चानो ने जन्म लिया -
१. कई लोग जो पिछले विज्ञापन में पात्र थे पर नया विज्ञापन में उम्र बढने के कारण अपात्र हो गया थे उन्होंने न्यायलय की शरण ले ली 
२. जो लोग पिछले आवेदन में अपना शुल्क जमा कर चुके थे उन्होंने दोबारा से शुल्क जमा करने की बात पर न्यायलय की शरण ली , और न्यायलय ने उनको राहत प्रदान करते हुए अपने आवेदन पूर्व वर्ती विज्ञापन की सुचना के साथ लखनऊ भेजने को कह दिया 
३ इलाहबाद उच्च न्यायलय की एक डबल बेंच ने अपने एक आदेश में टी ई टी की अनिवार्यता पर सवाल उठाते हुए , भर्ती में बगेर टी ई टी वालों को भी चयन में मोका देने की बात कही 
वहीं दुसरी और -
एक अन्य डबल बेंच ने अपने  आदेश में भर्ती के लिए टी ई टी जरुरी बताया 


मगर भर्ती प्रक्रिया जारी रही और उपरोक्त दोनों बातों को लेकर व पूर्व वर्ती विज्ञापन  की बहाली  को लेकर अभ्यर्थी न्यायलय की शरण में गए और उन्होंने भर्ती पर  स्टे ले  लिया , और न्यायलय ने धांधली को सतही जांच बताया 

तीसरे नम्बर पर आदेश एक दुसरे से विरोधाभाषी होने के कारण , इलाहबाद उच्च न्यायलय ने ट्रिपल बेंच नाम से संवेधानिक पीठ का गठन  किया जो की टीईटी वर्सस नॉन टीईटी को लेकर बताए कि भर्ती को लेकर टीईटी जरुरी है की नहीं ,अब  ट्रिपल बेंच(संवेधानिक पीठ ) में सुनवाई पूर्ण हो चुकी है और आदेश जल्द ही किसी भी दिन आ सकता है 

जिस तरह से सूचनाएँ सामना आ रही हैं, उसको देखते हुए लगता है -टी ई टी अनिवार्य है  

दुसरी तरफ न्यायमूर्ती हरकोली जी की अदालत में टी ई टी मेरिट वालों का पलड़ा भारी है 

कई अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार हैं 

भर्ती में और देरी बेसिक शिक्षा विभाग के लिए मुश्किलें खडी कर सकती है क्योंकि शिक्षा मित्र की भर्ती के लिए भी टी ई टी जरुरी है 
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Shiksha Mitra / RTI News: TET is MUST for Shiksha Mitra

Shiksha Mitra / RTI News: TET is MUST for Shiksha Mitra


Without TET (Teacher Eligibility Test) Qualification, Shiksha Mitra can not become Regular Teacher in UP



News Source / Sabhaar : Hindustan Epaper Lucknow (21.4.2013)
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As per sources , Above is already clarified by NCTE in Triple Bench Allahabad Highcourt that TET is Essential Qualification for ALL to Become Regular Teacher (RTE).

Wait for decision of Triple Bench, which may possible arrive on 24th April 2013.




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UPTET : बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी वालों की भर्ती रुकी


UPTET : बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी वालों की भर्ती रुकी


लखनऊ (ब्यूरो)। बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और दो वर्षीय उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षितों को सहायक अध्यापक बनाने की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। यह भर्ती प्रक्रिया अब टीईटी पर हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद शुरू की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग में हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी है। विभाग का मानना है कि जब तक टीईटी पर हाईकोर्ट से स्थिति साफ न हो जाए, तब तक भर्ती नहीं की जानी चाहिए
उत्तर प्रदेश में बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षित टीईटी पास करने के बाद सहायक अध्यापक बनने का इंतजार कर रहे हैं। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा था। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने इस पर सहमति दे दी थी। इस पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासनादेश जारी किया जाना था, लेकिन हाईकोर्ट में टीईटी का मामला लटक जाने की वजह से यह प्रक्रिया रोक दी गई है। अब यह तय किया गया है कि हाईकोर्ट से टीईटी का मामला साफ होने के बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। इसलिए बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और दो वर्षीय उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षितों को अभी शिक्षक बनने के लिए इंतजार करना होगा




News Source / Sabhaar : Amar Ujala (21.4.2013)
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UP Govt. is waiting for Allahabad Highcourt Triple Bench Decision on TET vs Non-TET, which may arrive shortly (in a week),
As  all related hearing process is already done and only Judgement is going to Deliver.

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Saturday, April 20, 2013

UPTET : यहां तो 'कुम्हार' ही अनाड़ी है


UPTET : यहां तो 'कुम्हार' ही अनाड़ी है!
   
UP Teacher Eligibility Test / Aur Milte Hain Anadee Teacher

जौनपुर: बच्चे मिंट्टी के घड़े के समान होते हैं। शिक्षक रूपी 'कुम्हार' अपने अनुभव व कड़ी मेहनत से उन्हें तराश कर मनचाहा आकृति देता है। यह जुमला वर्षो से सुनने को मिल रहा है। लेकिन जनपद की परिषदीय शिक्षा की हकीकत इससे इतर है। यहां तो 'कुम्हार' ही अनाड़ी है। देश भर में भले ही आरटीई लागू है लेकिन जनपद में आज भी जहां छात्र-शिक्षक का अनुपात 50 :1 है वहीं अस्सी फीसद उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू व हिन्दी के गुरुजी को गणित, विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के स्तर का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है

नगर के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विषय के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती पर गौर करें तो कुल 11 जूनियर हाईस्कूल में 795 छात्र पंजीकृत हैं। इन छात्रों को पढ़ाने के लिए 20 शिक्षक तैनात हैं। इनमें 12 शिक्षक उर्दू विषय के हैं। इन शिक्षकों को गणित, विज्ञान व अंग्रेजी विषय भी पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।

ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों की स्थिति तो और भी बदतर है। परिषदीय विद्यालयों में जहां छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षक नहीं हैं वहीं एक दर्जन से अधिक जूनियर हाईस्कूलों में ताला लटक गया है। अकेले रामपुर विकास खंड में जूनियर हाईस्कूल राजापुर, नोनरा, सिधवन, कोटिगांव सहित आधा दर्जन स्कूल दो साल से बंद हैं। यहां के बच्चे दूसरे गांव में शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं।

नियुक्त किए जाएंगे शिक्षक

जौनपुर: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने कहा कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए जिले में 1100 संविदा तथा एक हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। बीएसए ने बताया कि अभी शिक्षकों की पदोन्नति पर प्रतिबंध है। शासन से हरी झंडी मिलते ही गणित, अंग्रेजी व विज्ञान विषय के शिक्षकों की जूनियर हाईस्कूल में पदोन्नति की जाएगी।

जनपद के परिषदीय विद्यालयों की स्थिति:-

प्राथमिक स्कूल -2415

जूनियर हाईस्कूल-877

छात्रों की संख्या-4,72,567

कुल शिक्षक-7,149

शिक्षकों का रिक्त पद-2500

छात्र-शिक्षक अनुपात- 50 :1

भवन विहीन विद्यालय-09

जर्जर भवन में संचालित स्कूल-11

बंद विद्यालय-14


News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Sat, 20 Apr 2013 08:09 PM (IST))
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Ye Bahut Bada Durbhagya Hai, Ek Taraf Lakhon Uchh Prathmik UPTET pass Candidate Uplabdh Hain Aur Berojgaree Badee Huee Hai,

Dusree Taraf Anadi Teacher Dwara Basic Education Ka Bura Haal Hai.

Achhee Shiksha Kaise Mile

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UPTET / Allahabad High court : Overage Matter Case

UPTET / Allahabad High court : Overage Matter Case


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 30
Case :- WRIT - A No. - 18030 of 2013
Petitioner :- Smt.Bandana Srivastava
Respondent :- State Of U.P.Thru Secy & Ors.
Petitioner Counsel :- Shesh Kumar
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K.Yadav

Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J.
Heard Sri Shesh Kumar, learned counsel for the petitioner, Sri A.K. Yadav, learned counsel for respondent no. 3 and learned standing counsel for the remaining respondents.
Petitioner has qualified the Teacher Eligibility Test but unfortunately she has become overage for appointment as an Assistant Teacher. 
The Court cannot help the petitioner in any way as the Court has no power to alter the age limit fixed for appointment. This is the job of the legislature. 
The writ petition is dismissed.
Order Date :- 4.4.2013
Sandeep




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MHTET : Practising teachers need not take RTE eligibility test: govt


MHTET : Practising teachers need not take RTE eligibility test: govt

Maharashtra Teacher Eligibility Test News :

In what could be an attempt to dilute standards set for teachers under the Right To Education Act, the state government has said only new teachers need appear for the teachers’ eligibility test (TET), on July 28.


A fresh circular from the exam council, Pune, said currently-serving school teachers will not be required to appear for the TET. “The government has withdrawn the clause in the government resolution dated February 13 that all school teachers will have to clear TET by 2015,” said a senior education official.

According to the RTE Act, every teacher, those currently working in schools and those planning to join the profession, will have to clear the TET. The test aims to implement a national standard of teaching quality in schools across the country. While aspiring teachers will need a certificate showing they have cleared the test, those already working as teachers will have to pass the test to get a promotion or additional work responsibilities.

However, education experts feel all teachers should take the test, especially because they have fared poorly in similar government exams in the last two years.  HT had reported on April 7 that only 0.4% of city teachers who took the test in 2012 cleared it. “This shows that quality teaching is lacking in our schools across India. But without TET how will we identify substandard teachers?” said Arundhati Chavan, principal, Swayam Siddhi College of Education, Bhiwandi.

Experts said exempting current teachers would not improve the quality of teaching. “Teachers working for several years do not upgrade their knowledge. The new test would force them to study topics relevant to the current generation of students,” said Basanti Roy, former secretary of the state board, Mumbai division.

The decision to exempt currently-serving teachers was taken after teachers’ associations petitioned the state. “Teachers currently employed in schools have the required qualifications and have attended regular in-service training . So why should they appear for a separate test?” said Anil Bornare, secretary, Maharashtra Teachers’ Association.


News Source / Sabhaar : Hindustan Times  Mumbai, April 13, 2013
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Teacher Eligibility Test introduced to maintain Quality in Education, And it is highly needed to improve teachers quality else this test will be meaningless.

In Last CTET exam, Teachers perform badly in examination.

For future of child education, Quality in Education is Mandatory. We do not think it is ONLY A JOB, We Should think in terms of Future of Country / Child Education.

There are several other jobs, which can serve to them by compromising QUALITY.
But TEACHERS QUALITY SHOULD NOT BE COMPROMISE AT ANY COST, BECAUSE IT'S A NATION BUILDING JOB.

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JTET : Court accepts petition challenging teacher eligibility test pattern


JTET : Court accepts petition challenging teacher eligibility test pattern

Jharkhand Teacher Eligibility Test News : 

RANCHI: The Jharkhand High Court on Thursday accepted the petition filed by one RadheshyamSahu challenging the pattern teacher eligibility test (TET) based on which the examination is scheduled to be organized on April 26.

However, the court did not accept the petitioner's request to stop the state government from organizing the test on the scheduled date.



A division bench of Chief Justice Prakash Tatia and Justice Jaya Roy accepted the petition of Sahu in which he had challenged the patter of TET and government's decision to make regional language compulsory.

According to the petitioner's advocate Manoj Tandon, the court, however, said that if the points raised in the petition are found to be correct at end of trial then the government will have to return examination fee of the candidate who appears in the test.

"My client has challenged the decision of the state government to include regional language as it is against the guideline set by NCERT followed by all the state in the country," said Tandon.

The petitioner has also raised question on teaching in regional languages in schools and colleges in the state. In most of the schools and colleges there is no facility for teaching regional languages and if it is included in the TET most aspirants will fail to qualify the examination.

The court has asked the state government to file its reply on the point raised by the petitioner within three-weeks. The court has fixed June 11 for next date of hearing



News Source / Sabhaar : Times of India Epaper (19.4.2013) / TNN Apr 19, 2013, 04.00AM IST
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It means no stay happen on exam even if it is contrary to NCTE guidelines. 
What do u think, Any problem may come OR not ?
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PUBLIC SERVICE COMMISSION U.P., ALLAHABAD

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