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Tuesday, July 10, 2012

UPTET : टीईटी मोर्चा लखनऊ में 12 से छेड़ेगा आंदोलन


UPTET : टीईटी मोर्चा लखनऊ में 12 से छेड़ेगा आंदोलन


फतेहपुर। टीईटी उत्तीर्ण एकता मोर्चा की रविवार को नहर कालोनी में हुई बैठक में शैक्षिक योग्यता के आधार शिक्षकों की चयन व्यवस्था पर नाराजगी जताई गई। बैठक में सरकार के फैसले को न्यायालय की अवमानना करार दिया गया। मोर्चा ने टीईटी की मैरिट के आधार पर शिक्षकों का चयन न कराए जाने पर 12 जुलाई से लखनऊ में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया

बैठक की अध्यक्षता करते हुए संगठन के जिलाध्यक्ष राजेद्र चौधरी ने कहा सरकार ने शैक्षिक योग्यता के आधार पर शिक्षकों के चयन की बात कही है, जो सरासर गलत है। इस मामले को कोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है। कोर्ट ने साफ कहा था कि एनसीटीई का उल्लंघन शिक्षक चयन में कतई नहीं किया जा सकता है।


उन्होंने कहा कि शिक्षकों का चयन टीईटी की मैरिट के आधार पर ही किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया राज्य सरकार शिक्षक भर्ती चयन प्रक्रिया शुरू करने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। ऐसी हालत में टीईटी अभ्यर्थी बार-बार आंदोलन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अगर 11 जुलाई तक सरकार टीईटी अभ्यर्थियों की भर्ती को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो 12 जुलाई से लखनऊ में एक बार फिर प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। बैठक में अनिल, कपिल मनीष, फूल सिंह, योगेंद्र, राजकुमार, राजेश सैनी, संतोषपाल, अरुण कुमार, संदीप आदि मौजूद रहे

News Source : http://www.amarujala.com/city/Fatehpur/Fatehpur-85039-36.html / Amar Ujala ( 9.7.12)
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See also - 9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for 
appointment
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टी ई टी अंकों के  सुधार  / वृद्धी   हेतु  , अभ्यर्थी पुन : परीक्षा  में   बैठ  सकते -
See :
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score

अगर ये  ये पात्रता परीक्षा है, तो अंकों के सुधार का क्या मतलब 

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इलाहबाद हाई कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि -
टी ई टी अंकों से चयन , एन सी टी ई के नियमानुसार है व एक बार प्रक्रिया निर्धारित होने के बाद उसका बदला जाना पक्षपात पूर्ण है (जब गेम / प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो

See :http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2011/12/uptet-allahabad-highcourt-dismissed.html

9. So far as making of qualifying examination basis of selection is concerned, it is always permissible to the rules framing authority to determine the criteria for selection which may base on the merits of the candidate possessed in various academic qualifications or qualifying test or any other criteria which may otherwise be valid and once it is so determined, unless it can be said that the same amendment in the rule is contrary to any statutory provision or otherwise ultra vires or vitiated in law, the same cannot be interfered.
10. In the result, writ petition lacks merit. Dismissed.


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1. Learned counsel for petitioner, despite repeated query could not clarify as to why he has filed this writ petition and in what manner he intend to challenge the notification dated 7.9.2011 issued by Secretary, U.P. Government, Lucknow(Annexure 2 to writ petition). He contended that Teachers Eligibility Test conducted by Board of Secondary Education has not been conducted in accordance with guidelines laid down by National Council of Teachers Education along with its letter dated 11.2.2011 
a generalized and vague manner said that all the persons who have passed the examination are neither qualified nor suitable candidates. This is clearly a derogatory remark not only against the examining body but also against lacs of people who participated in the examination and passed the same. The statement is made in a most careless and reckless manner which, in my view, clearly amounts to abuse of process of laws and, therefore, the writ petition must be dismissed with exemplary cost

4. Since petitioner is not only guilty of making unfounded aspersions against examining body, but also against the persons who have passed the examination, he must pay exemplary cost. I quantify the cost to Rs. 4.5 lacs
5. The aforesaid amount shall be paid by petitioner to respondent no. 3 who, after receiving the amount, shall distribute the same amongst all the candidate who have passed the examination finally paying Rs. 1/- to each successful candidate
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12th Amendment is illegal, inasmuch as, it makes the marks obtained in Teacher Eligibility Test (hereinafter referred to as "T.E.T.") as the basis for including a person in the list to be prepared by the appointing authority after advertisement issued for appointment which is to be submitted to the Selection Committee though T.E.T. is only eligibility qualification and cannot be a basis for making selection
who have applied for appointment to the post of Assistant Teacher, shall be prepared and in that preparation of list, T.E.T. marks shall be the criteria. It is like a guideline for ascertaining zone of 
consideration and field of eligibility but by itself does not provide any guarantee for appointment. 


The Rules thus cannot be said to be contrary to NCTE 


guidelines. 
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UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यार्थियों ने किया संघर्ष का ऐलान


UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यार्थियों ने किया संघर्ष का ऐलान


रायबरेली कार्यालय : रविवार को विकास भवन में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यार्थियों ने बैठक की। जिसमें सरकार के शैक्षिक मेरिट द्वारा तथा कथित चयन के प्रस्ताव की निंदा की

बैठक में शशांक त्रिवेदी ने कहा कि सरकार युवाओं की भावनाओं से खेल रही है। उन्होंने कहा कि अभ्यार्थियों ने ईमानदारी से टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण की। लेकिन राजनीतिक कारणों से मुकर गयी। विक्रम सिंह ने कहा कि किसी भी कीमत पर अन्याय बर्दाश्त नही किया जायेगा। करूणेन्द्र मिश्र ने कहा कि प्रांतीय आह्वान पर 12 जुलाई को लखनऊ पहुंचकर अपनी आवाज बुलंद करनी है। बैठक में रीना, अंजली द्विवेदी, अर्चना, सुमन, प्रज्ञा, आकांक्षा, हरिमोहन, सतीश, सुनील, शोभित आदि थे


News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/raebareli-9449527.html / Jagran (9.7.12)
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TET Candidates are worried due to uncertain future and delayed matter.
Every time date is extended in court, and some times news comes - change in selection process, scam in TET
Candidates have fear that - If TET Exam cancel then what happens to their future.
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Monday, July 9, 2012

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों के बयान पर भड़के शिक्षामित्र

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों के बयान पर भड़के शिक्षामित्र

देवरिया: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की बैठक सोमवार को आयोजित की गई, जिसमें शिक्षामित्रों ने टीईटी अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए बयान की कड़े शब्दों में निंदा की

बैठक को संबोधित करते हुए संघ के प्रदेशीय मंत्री अनिल कुमार यादव ने कहा कि टीईटी सिर्फ अपने अधिकारियों की बात करें न कि शिक्षामित्रों का विरोध। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र अपने कार्यो के बल पर शिक्षक बनने जा रहे हैं न कि किसी की कृपा से। श्री यादव ने डायट पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 22 शिक्षामित्रों का प्रथम समेस्टर की परीक्षा न कराये जाने पर रोष जताते हुए तत्काल परीक्षा कराने की मांग की

मीडिया प्रभारी विनय कुमार ने कहा कि शिक्षामित्रों के मान-सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सदर ब्लाक में द्वितीय समेस्टर में प्रशिक्षण ले रहे 65 शिक्षामित्रों की प्रेक्टिकल कक्षाएं 18 व 19 जुलाई को बीआरसी पर होगी।

बैठक में प्रमुख रूप से विशुनदेव प्रसाद, सूरज श्रीवास्तव, मनोज गुप्ता, कौशल किशोर, संतोष विश्वकर्मा, कमलेश यादव, राजेश प्रसाद, राकेश मिश्रा, कमलाकर, कु.प्रतिभा, प्रियंका शुक्ला, रीना विश्वकर्मा तथा ममता आदि मौजूद थे।


News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/deoria-9452116.html / Jagran (9.7.12)
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On Face Book :
Amitabh Mishra ->>> Are aaj ka paper dekho guru,maine bayan diya tha ki regular snatak kaise training le rahe hai? Up service rule me aisa nai hai. Jald hi inpar special yachika h.c me dakhil ki jayegi. Ha ha ha


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टीईटी : छिनेगा 20 हजार मुस्लिम अभ्यर्थियों का हक!


टीईटी : छिनेगा 20 हजार मुस्लिम अभ्यर्थियों का हक!


टीईटी (उत्तीर्ण) संघर्ष मोर्चा ने किया दावा

एकेडमिक मेरिट का आधार बनेगी बाधा

जागरण संवाददाता, सहारनपुर : प्रदेश में एकेडमिक आधार पर टीईटी की भ‌र्त्ती से 20 हजार मुस्लिम अभ्यर्थियों का हक छीनने की तैयारी की जा रही है। प्राथमिक स्तर की परीक्षा में 2.70 लाख से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। यह दावा करते हुए टीईटी (उत्तीर्ण) संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि एकेडमिक प्रक्रिया से अंतहीन संघर्ष का दौर शुरू हो जायेगा

इन दिनों प्रदेश में टीईटी से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर लाखों परिवारों की निगाहें लगी हैं। इससे किसी को अपनी बेटी, किसी को बहू ओर किसी को बेटे व पति की तो किसी को पत्‍‌नी की नौकरी की आस बंधी है। बता दें कि तत्कालीन बसपा सरकार द्वारा घोषित प्रक्रिया में नियुक्ति का आधार टीईटी की मेरिट को बनाया गया था। प्रदेश की सपा सरकार द्वारा नियुक्ति के आधार में बदलाव की कसरत की जा ही है। नए बदलाव में एकेडमिक मेरिट का दांव खेलने की तैयारी चल रही है इसके साथ ही कानूनी दांवपेचों में उलझी प्रक्रिया को सुलझाने के लिए शासन स्तर पर मंथन भी तेज हो गया है

टीईटी(उत्तीर्ण)संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष संजय कुमार व मुजफ्फरनगर के अध्यक्ष फारूख हसन का दावा है कि टीईटी(प्राथमिक)उत्तीर्ण 2.70 लाख अभ्यर्थियों में 20 हजार मुस्लिम हैं लेकिन इसकी मेरिट से नियुक्ति का लाभ 80-85 फीसदी को ही मिल सकेगा। इनका कहना कि मोर्चा द्वारा प्रदेश भर में अभ्यर्थियों के बीच किए गए एक सर्वे के बाद यह बात सामने आई है। वह बताते हैं कि यदि सरकार ने टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा मानकर नियुक्ति का आधार एकेडमिक मेरिट कर दिया तो सबसे बड़ा नुकसान मुस्लिम अभ्यर्थियों को उठाना पड़ेगा और इससे मात्र एक से डेढ़ हजार को ही लाभ मिल पाएगा। अधिकांश सफल अभ्यर्थी यूपी बोर्ड से उत्तीर्ण हैं। एकेडमिक मेरिट का लाभ केवल सीबीएसई/आईसीएसई स्कूलों से शिक्षा ग्रहण करने वाले अभ्यर्थियों को ही मिल सकेगा। दूसरी ओर माना जा है कि नियुक्ति के आधार में बदलाव से एक ऐसे अंतहीन संघर्ष का दौर शुरू शुरू हो जायेगा जो अगली सभी टीईटी प्रक्रियाओं के दरवाजे बंद कर सकता है।

News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/saharanpur-9450275.html / Jagran-Saharanpur (9.7.12)
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In current process TET Merit is best option, As it is already decided.
For future process - If UP Govt. adopt scaling system (As it happens in IIT selection process, where 65% UP Board Candidate made equivalent to 78% CBSE Candidate) then UP Board candidate can have relief.


OR Multi Level exam can be used for selections.
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Change in process made a fear in candidates mind that matter may move into SC, and a further stay can create problems in selection.
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Sunday, July 8, 2012

RTET - Don't mix general & quota lists: HC


Don't mix general & quota lists: HC

Jaipur: Giving relief to general candidates who appeared in the Rajasthan Teachers’ Eligibility Test (RTET) in 2011, Rajasthan high court has ordered not to include the reserved category candidates in the general category in 3rd grade teacher’s recruitment process.

The court has ordered that the candidates who got less than 60% in RTET should not be included in the recruitment in the general candidates’ list.


The court has also issued show cause notices to state’s principal secretary of panchayati raj department and principal secretary education and others in this matter.

The order was passed by the single bench of justice Manish Bhandari during the preliminary hearing on a petition filed by one Prerna Joshi.

RTET was conducted on June 2, 2011 and the candidates of reserved category who had got less than 60% in the test were included in the list meant for general candidates.

Petitioners informed the court that the candidates of reserved category had already been benefitted in the eligibility norms for appearing in RTET.

It was argued that if they would not have been given relaxation in the eligibility norms the reserved category candidates would not have been included in the test.

The petitioner thus demanded that since they have taken benefit under reserved category they should now not be included in the general category. RTET which was held for the first time in the state has been marred by several issues.

Initially it was slated to be held in May 2011 but it was later organised in June.

Earlier also in September 2011 , the high court had ordered the state government not to issue pass certificate to the candidates belonging to OBC category securing less than 60 per cent marks in the test.

Petitioner had that time informed the court that as per the right to education law, no relaxation can be given to reserved category candidates in pass marks as this amounted to non-compliance of section 335 of the Indian Constitution.

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About News (Views of Blog Editor ) : -After all in Rajastha Grade 3rd Teacher Recruitment rules of reservation is followed.
As per rules - Top 50% Candidates are for General category ( In which any reserved category SC/ST/OBC can come and treated as General category candidate).
And after that lower 50% candidates vacancies are filled by Reserved category (SC/ST/OBC) and No General category candidate comes in this list.
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Pass marks for general Category in TET Examination is 60% and below 60% marks no GENERAL Category candidate can come.

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Suprme Court turn down Bihar Govt. decision regarding Teachers Appointment


Suprme Court turn down Bihar Govt. decision regarding Teachers Appointment


The appointments follow a prolonged legal battle between the job seekers and the state government which began in 2003, when the RJD was in power. The erstwhile government had advertised vacancies for 34,540 primary teachers but proceeded to appoint untrained teachers. Though there were 1.23 lakh applicants, around 29,000 candidates were rejected by the Staff Selection Commission after scrutiny.


The trained teachers challenged the eligibility criterion in the Patna High Court, which subsequently asked the state government to appoint only trained B.Ed teachers. The government appealed against the ruling in the SC. In 2007, the Nitish Kumar government promised in the SC that it would absorb all the trained teachers as more vacancies were available.


But when it started appointing the teachers on a contractual basis on a consolidated salary, the trained teachers moved the SC and demanded that they be appointed on a permanent basis with the prescribed pay scale. The SC again ruled in their favour.



See Judgment :-
Court : Supreme Court of India

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TNTET : Tamil Nadu Teacher Eligibility Test


TNTET : Tamil Nadu Teacher Eligibility Test takers worried over receipt of examination tickets

TRICHY: With the Teachers' Recruitment Board dispatching hall tickets to aspirants for the Tamil Nadu Teacher Eligibility Test (TNTET) scheduled on July 12, as many as 600 aspirants thronged the district educational offices (DEO) in Trichy and Musiri educational districts to confirm whether they would actually get their examination tickets on time.

A team of officials led by director of the TRB, A Shankar, visited the DEOs in Trichy and Musiri to meet aspirants in order to clarify their doubts about the examination.

Since the state government conducts the TNTET to shortlist eligible candidates for recruitment as teachers in schools, aspirants are supposed to take up the examination. The tests will be conducted separately for Diploma in Teacher Education (D.Ted) holders (Paper-I) and Bachelor of Education (B.Ed) candidates (Paper-II) on July 12. In Trichy, there are three educational districts namely Trichy, Musiri and Lalgudi.

Of the three educational districts, Trichy educational district topped the list with 21,239 eligible candidates including 8,136 for Paper-I and 13,103 for Paper-II. The number of applicants eligible to take up the exam in Musiri are 6,423 including 2,674 (Paper-I) and 3,749 (Paper-II). In Lalgudi, there are 3,468 candidates including 1,508 (Paper-I) and 1,960 (Paper-II).

Earlier, the TRB received filled-in applications through the DEOs of each educational district of the state from March 22 to April 12 this year. But many applications were incomplete. Hence the TRB had to reject 71 applications across the state, of which two applications were rejected from Trichy educational district.

Meanwhile, the TRB started dispatching hall-tickets to aspirants a few days back. As many of them did not receive hall-ticket, they got worried and thronged the DEO to clear their doubts.

When Shankar met the 350-odd aspirants in the Trichy DEO, the candidates asked whether all of them would receive the hall-ticket on time.

In reply, he promised that they would get the hall-ticket before the examination. Otherwise, they could download a confirmation about their eligibility to take up the test from the website. Then, they should affix their photograph which should be attested by a gazetted officer which can then serve as a hall ticket.

In Musiri DEO, more than 250 candidates turned out to meet the director. They were also worried over obtaining hall-tickets. However, Shankar assured them that they would get the hall-tickets before Saturday.

Source : http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2012-07-06/madurai/32565292_1_hall-tickets-aspirants-candidates
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Blog Editor View : It looks B Ed candidates are eligible for Paper - II (Upper Primary Level) Examination, And therefore NCTE Guidelines which defines - B. Ed candidates are eligible for Paper - I (Level - I , ie. for Primary Teacher) upto 1st Jan 2012 is not violated here.
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आंध्र में शून्य अंक पर भी इंजीनियरिंग में दाखिला


आंध्र में शून्य अंक पर भी इंजीनियरिंग में दाखिला

हैदराबाद। उत्तर भारत के इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्थानों में जहां सीटों को लेकर मारामारी है, वहीं आंध्र प्रदेश में शून्य अंक पाने वाले छात्रों को भी इंजीनियरिंग और कृषि पाठ्यक्रमों में दाखिला मिल रहा है। इस साल संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शून्य पाने वाले 78 में 22 छात्रों को दाखिला मिलेगा। ये सभी छात्र एससी-एसटी कोटे से हैं




राज्य के शिक्षा अधिकारियों के मुताबिक इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर एंड मेडिकल कॉमन इंट्रेस टेस्ट [ईएएमसीईटी] में बैठे इन छात्रों को प्रवेश मिलेगा, क्योंकि शून्य पाने के बावजूद 12वीं कक्षा में इन्होंने 40 ्रफीसद से ज्यादा अंक पाए हैं। इनमें से नौ छात्र इंजीनियरिंग, 13 छात्र एमबीबीएस के अलावा अन्य किसी कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। 2008 तक ऐसे छात्र एमबीबीएस में भी चयनित हो जाते थे। उसके बाद मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने कड़े मानक तय कर दिए।

News Source : http://www.jagran.com/news/national-zero-in-exam-in-andhra-you-can-still-get-admission-in-engineering-9444724.html



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Himachal Pradesh Government Going to Recruit Teachers on the Basis of TET Marks

Himachal Pradesh Government Going to Recruit Teachers on the Basis of TET Marks

See :




























Source : http://himachal.nic.in/eleedu/TGTcouncellingOnTETbasis_A1b.pdf

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RTET : शिक्षक भर्ती: टेट में 60% से कम अंक तो सामान्य वर्ग के पदों पर नहीं होगा चयन


शिक्षक भर्ती: टेट में 60% से कम अंक तो सामान्य वर्ग के पदों पर नहीं होगा चयन

जयपुर.थर्डग्रेड टीचर भर्ती (लेवल वन) में हाईकोर्ट ने सामान्य वर्ग के पदों पर आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों के चयन व नियुक्ति पर रोक लगा दी है, जिनके आरटेट परीक्षा में साठ प्रतिशत से कम अंक थे। अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव व प्रमुख पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

न्यायाधीश एम.एन.भंडारी ने यह अंतरिम आदेश प्रेरणा जोशी की याचिका पर दिया। इसमें कहा गया है कि थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा के लेवल वन में ऐसे अभ्यर्थियों का चयन सामान्य वर्ग में किया गया जिनके आरटेट में साठ प्रतिशत से कम अंक हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता।

तृतीय श्रेणी पीटीआई के लिए सीपीएड धारक ही योग्य : हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने तृतीय श्रेणी पीटीआई (शारीरिक शिक्षक) के लिए सीपीएड धारक अभ्यर्थियों को ही योग्य माना है। यह आदेश पीटीआई भर्ती 2008 को लेकर दिया गया है।

अदालत ने परिणाम भी नए सिरे से जारी करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सेवा नियमों में संशोधन की 9 दिसंबर, 2011 को जारी अधिसूचना को भी इस भर्ती में मानने से इनकार कर दिया। इस अधिसूचना में सरकार ने बीपीएड व डीपीएड धारकों को भी तृतीय श्रेणी पीटीआई के लिए योग्य माना था।

न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने यह आदेश प्रकाशचन्द मीणा व अन्य की याचिकाओं पर दिया। आरपीएससी ने 3 सितंबर 08 को द्वितीय व तृतीय श्रेणी पीटीआई के 567 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। ये सभी पद एससी और एसटी वर्ग के बैकलॉग के थे।

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UP : शिक्षकों के वेतन की जानकारी अगले महीने से ऑनलाइन


UP : शिक्षकों के वेतन  की  जानकारी अगले महीने से ऑनलाइन

सिर्फ एक क्लिक करो और - किसी भी शिक्षक की जॉइनिंग, वेतनमान, तैनाती, स्थायी पता और स्कूल में कार्य करने की अवधि की जानकारी की जा सकेगी |
कैबिनेट से मंजूरी के बाद इस संबंध में शीघ्र ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश के 1 लाख 7 हजार प्राथमिक और 45 हजार उच्च प्राथमिक स्कूलों में करीब साढ़े तीन लाख शिक्षक हैं। और अभी लगभग ३ लाख शिक्षकों के पद खाली हैं |

 अभी शिक्षकों का वेतन , उप विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से लेखाधिकारी कार्यालय में भेजा जाता है। इसके चलते शिक्षकों के वेतन वितरण में काफी समस्याएं आ रही हैं। इतना ही नहीं, वेतन व एरियर के भुगतान के एवज में बाबू सुविधा शुल्क की भी मांग करते हैं। शिक्षकों को होने वाली इन परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षकों के वेतन वितरण की व्यवस्था ऑनलाइन करने का फैसला किया है। कैबिनेट ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बेसिक शिक्षा विभाग इसके आधार पर शीघ्र ही शासनादेश जारी करेगा। अगले महीने तक शिक्षकों के वेतन का ब्यौरा ऑनलाइन हो जाएगा। इसी तरह रिटायर होने वाले शिक्षकों की पेंशन अब सीधे ट्रेजरी से देने की व्यवस्था लागू होगी।
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मेरे विचार -
सबसे बेहतर है - सभी विवरण ऑन लाइन होने चाहिए : छुट्टी , वेतन , प्रमोशन , ज्वाइनिंग , जन्म तारीख, योग्यता , किसी भी तरह के आवेदन इत्यादि , सेलरी को सीधे बैंक एकाउंट में जमा करना चाहिए |
यह प्रक्रिया केंद्र सरकार के लगभग सभी विभागों में चालू हो चुकी है , या चालू होने जा रही है , और ऐसी व्यवस्था राज्य सरकार को भी करनी चाहिए |
यहाँ तक की टी ई टी परीक्षा उत्त्तीर्ण करने वालों का भी , सभी प्रकार का डेटा ऑन लाइन किया जाना चाहिए 


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Saturday, July 7, 2012

यूपी निकाय चुनावों में बीजेपी ने मारी बाजी, एसपी फेल


यूपी निकाय चुनावों में बीजेपी ने मारी बाजी, एसपी फेल

लखनऊ।। यूपी में बीजेपी ने 12 नगर निगमों मे से 10 में जीत हासिल कर ली है। यूपी के निकाय चुनावों के रिजल्ट ने जहां एक ओर बीजेपी नेताओं को सीना फुलाने का दम दिया है, वहीं दूसरी ओर हाल ही में 100 दिन पूरी करने वाली समाजवादी हलकों में मायूसी फैला दी है। हाल ही में सौ दिन पूरे करने वाली अखिलेश सरकार के लिए ये चुनाव नतीजे काफी निराशाजनक हैं

अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक 12 नगर निगमों में बीजेपी ने आठ निगमों में जीत हासिल कर ली है, जबकि दो में उसे बढ़त मिली हुई है। मेरठ, आगरा, मुरादाबाद, अलीगढ़, गोरखपुर, लखनऊ, झांसी, वाराणसी, गाजियाबाद और कानपुर में बीजेपी के मेयर चुने जा चुके हैं



अखिलेश सरकार को करारा झटका
आगरा-लखनऊ में भी बीजेपी के कैंडिडेट मेयर चुनाव जीतने में सफल रहे। इन दोनों शहरों को अखिलेश यादव की ड्रीम सिटी माना जाता है। लखनऊ से दोबारा मेयर बनने वाले डॉ.दिनेश शर्मा ने अपनी जीत का सेहरा अटल बिहारी वाजपेयी के सिर पर बांधा और कहा कि लखनऊ ने एक बार फिर वाजपेयी जी का सम्मान बढ़ाया है


वहीं आगरा में भी बीजेपी मेयर उम्मीदवार इन्द्रजीत आर्य वोटों की गिनती के अंतिम चरण में वहां से बीएसपी समर्थित करतार सिंह को परास्त करने में सफल हुए। गाजियाबाद नगर निगम के मेयर पद चुनाव के अंतिम चरण की गणना में बीजेपी उम्मीदवार एसपी समर्थित प्रत्याशी से आगे निकल गए हैं। इन परिणामों से बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी की स्थिति काफी मजबूत हो गई है

News Source : http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/14735114.cms
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Some people are saying it is SEMI FINAL, And FINAL is Lok Sabha Election.
BJP is victorious in these elections and Congress losses heavily.
However BJP is facing Leadership Problem, And no powerful opposition of Congress in Lok Sabha.
A positive factor for Congress.
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RTE : खाली पड़े हैं शिक्षकों के 6.87 लाख पद

RTE : खाली पड़े हैं शिक्षकों के 6.87 लाख पद

6.87 Lakh Teachers Posts are Lying Vacant - 

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (एजेंसी)। सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत पिछले 10 साल में शिक्षकों के स्वीकृत पदों में अभी तक छह लाख 87 हजार पद नहीं भरे जा सके हैं
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी ने अब्दुल रहमान, सुशीला सरोज, पिनाकी मिश्रा, डीबी चंद्र गौडा, उषा वर्मा, कामेश्वर बैठा, कुंवरजीभाई मोहनभाई बावलिया और सीमा उपाध्याय के सवालों के जवाब में कहा कि सर्व शिक्षा अभियान में अतिरिक्त शिक्षकों को नियुक्त करने का प्रावधान है ताकि शिक्षा के अधिकार कानून में निर्धारित शिक्षक-छात्र अनुपात के मानदंडों को पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि 2001-02 से 2011-12 तक शिक्षकों के 19.14 लाख पद स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 31 दिसंबर, 2011 तक 12.26 लाख पद भरे जा सके हैं। इस तरह शिक्षकों के स्वीकृत पदों में अभी तक छह लाख 87 हजार पद नहीं भरे जा सके हैं

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शिक्षकों के स्वीकृत पदों में बिहार में दो लाख, उत्तर प्रदेश में 1.62 लाख, पश्चिम बंगाल में 80 हजार और मध्यप्रदेश में 79 हजार पद नहीं भरे जा सके हैं
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मेनका गांधी के सवाल के जवाब में बताया कि नौवीं कक्षा से आगे के स्तर पर व्यवयायिक शिक्षा पाठ्यक्रम पेश करने की पूरी तैयारी है और इस पर 2013 से अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम ढांचा (एनसीईक्यूएफ) तैयार किया है जिसे केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। इसे आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू किये जाने की योजना है। सिब्बल ने कहा कि डिग्री कालेजों में बीएससी व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी लागू करने की योजना बनाई गई है। इस विषय में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ चर्चा की गई है। इस विषय में कई उद्योगों के साथ भी चर्चा की गई है, जिसमें कपड़ा उद्योग, आटोमोबाइल उद्योग, मीडिया व मनोरंजन, विनिर्माण, आतिथ्य व पर्यटन आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने देश में 100 सामुदायिक कालेज स्थापित करने के लिए राज्यों के मंत्रियों को लिखा है और उनसे स्थान की पहचान करने को कहा है।
पीएन पुनिया और शीशराम ओला के सवाल के जवाब में सिब्बल ने बताया कि साल 2020 तक यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि स्कूलों में दाखिल कोई भी बच्चा बीच में अपनी पढ़ाई नहीं छोड़े। उन्होंने कहा कि जब तक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर ज्यादा बच्चियां पढ़ाई करने आगे
नहीं आएंगी, तब तक उच्च शिक्षा में उनकी हिस्सेदारी नहीं बढ़ेगी।

सिब्बल ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं नहीं होने की बात स्वीकार करती है और इस लिहाज से 12वीं पंचवर्षीय योजना में हर जिले में एक डिग्री कॉलेज खोलने का व ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 80 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने माडल स्कूल खोलने की योजना को आगे बढ़ाया है। इसके लिए अभी केंद्र एक तिहाई पैसा देता है। लेकिन यह पाया गया है कि इसके कारण राज्य सरकारों की ओर से कम प्रस्ताव सामने आते हैं। इसलिए अब हमने विचार किया है कि केंद्र सरकार इसके लिए 65 फीसद धन दे, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए केंद्र की हिस्सेदारी 90 फीसद हो।
निजी संस्थानों पर अंकुश लगाने के बारे में एक सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा कि सरकार ने शिक्षा कदाचार विधेयक बनाया है जिसे दोनों सदनों से पास कराया जाना है। इसके कानून बनने के बाद निजी संस्थानों की अनियमितताओं पर लगाम कसी जा सकेगी।
कार्मिक एवं लोक शिकायत राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि संघ लोक सेवा आयोग की ओर से बनाई गई समिति प्रतिष्ठित लोक सेवा परीक्षा के मौजूदा स्वरूप की समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि यूपीएससी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष अरुण एस निगावकर की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाई है जो सिविल सेवा परीक्षा (मुख्य) के मौजूदा स्वरूप की समीक्षा कर रही है और इसमें जरूरी बदलाव के संबंध में सुझाव देगी। उन्होंने कहा कि लेकिन अभी परीक्षा के वर्तमान प्रारूप में बदालाव का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने यह भी साफ किया कि उम्मीदवारों को 10 बार तक परीक्षा में बैठने देने का अवसर देने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है।
विदेश राज्यमंत्री ई अहमद ने भूदेव चौधरी के सवाल के जवाब में बताया कि विदेशों में स्थित विश्वविद्यालयों में भारतीय संस्कृति, इतिहास और दर्शन को पढ़ाने और समझने में काफी रुचि दिखाई जा रही है। उन्होंने बताया कि यूरोप, अफ्रीका, एशिया, उत्तरी अमेरिका के साथ लातिन अमेरिका में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) को भारत से जुड़े विविध आयामों पर अध्ययन के लिए शाखा स्थापित करने के काफी अनुरोध मिले हैं। उन्होंने बताया कि 2009-10 में आईसीसीआर ने 43 शाखाओं को सहयोग दिया, वहीं 2011-12 में आईसीसीआर से समर्थन प्राप्त शाखाओं की संख्या बढ़कर 93 हो गई। अभी इस संबंध में 62 नए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।


न्यूज़ साभार / News Source : http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/17793------687--  / Jansatt.com (26-April-12)
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As per news 1.62 lakh (sanctioned upto 2011-12 ) teachers vacancies in UP still not filled.
And hopefully, I felt it may be filled in coming months.
After that new 80,000 (Eighty Thousand) vacancies for teachers may be also sanctioned by Central Government (as permission requested by UP Govt.) 
And therefore combining above a great opportunity for teachers are waiting in UP to implement RTE.
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यूपी में बड़े स्तर पर होगी टीचरों की भर्ती


यूपी में बड़े स्तर पर होगी टीचरों की भर्ती

लखनऊ।। अखिलेश सरकार अब यूपी में बड़े पैमाने पर टीचरों की भर्ती शिरू करने वाली है। भर्ती पर निर्णय आगामी अगस्त महीने के पहले हफ्ते तक ले लिया जाना है

हाईकोर्ट ने भी इस मामले में भर्ती की राह को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार को मौका दिया है जिससे टीटीई उत्तीर्ण कैंडिडेट की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हो सके

इस समय कई हजार पद पर टीटीई उत्तीर्ण कैंडिडेट्स की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति को लेकर जारी विज्ञापन पर लगी रोक समाप्त हो चुकी है। हाईकोर्ट ने इसके लिए पारदर्शिता बरतने की सलाह अखिलेश सरकार को दी है और कहा है कि वह चार हफ्ते के भीतर अपनी योजना को कोर्ट के सामने रखे। सरकार को इसके लिए शपथ पत्र भी देना होगा

एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसपल सेक्रेट्री से लेकर मिनिस्टर तक यह चाह रहे हैं कि नई भर्ती का प्रोसेस जल्द शुरू हो और लोग बेराजगार नहीं रहें।

जज अरुण टंडन की कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई छह अगस्त को करेगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार इस मामले का न्याय विभाग अध्ययन कर रही है और वहां से रिपोर्ट आते ही अखिलेश सरकार भर्ती प्रक्रिया की जानकारी एवं प्रगति रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगी


News Source : http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/14717742.cms (6.7.12)
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According to NBT, A big recruitment of teachers will be started from August 2012, I felt 72825 PRT teachers recruitment already in continuation.
If SP Government will start recruitment on new 80,000 (Eighty Thousand) Primary Teacher Jobs, And approx. 40000 upper PRT jobs, then it will be superb opportunity for teachers.


Maya govt. started recruitment for 72825 teachers for PRT jobs, and goinf to start 26000 upper primary teacher jobs. And Government changed and command in SP Government.
Candidates expected Akhilesh Yadav (Yuva Leader) will announce recruitment bigger than this, As a YOUTH LEADER can take better decision for YOUTH.
Alrady 80000 more PRT jobs senctioned in addition to 72825 PRT Jobs.


More than 2.5 lakh regular teaching jobs are waiting for candidates in UP to implement Right to Education (RTE) Act.

For RTE , Expenditure (for schools running under RTE) incurred by State/ Central Govt. is -
 Central Govt : State Govt = 65%:35%




















Source : http://information.up.nic.in/View_Hindinews.aspx?id=57
मुख्यमंत्री ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से पैदा स्थिति को भी प्रधानमंत्री के सामने उठाया है। प्रदेश में लगभग 2.86 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। हर साल 12 हजार और रिक्त होने का आकलन है। प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीसी) ने बीएड धारकों को छह माह का प्रशिक्षण देकर एक जनवरी, 2012 तक शिक्षक पद पर नियुक्ति की छूट दी थी। कानूनी अड़चनों के चलते यह काम पूरा नहीं हो सका। लिहाजा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस छूट को बढ़ाकर 31 मार्च, 2015 तक करने की गुहार की है।

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नए सत्र में विशेष भर्ती से जुडे़ंगे 80 हजार पद

(UPTET : Good News  to All TET Pass Candidates, 80000 new vacancies shall be filled under RTE Act in UP)

इलाहाबाद। सहायक अध्यापक चयन प्रक्रिया पर ब्रेक से निराश, परेशान शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी! नए सत्र में शिक्षकों की विशेष भर्ती प्रक्रिया से 80 हजार और पद जुड़ जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने के सर्व शिक्षा अभियान की पहल के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसकी संस्तुति कर दी है तय किया गया है कि आचार संहिता खत्म होने के बाद सर्व शिक्षा अभियान की तरफ से प्रस्ताव एनसीटीई को भेजा जाएगा। नई चयन प्रक्रिया को विशेष भर्ती अभियान के तौर पर ही प्रस्तुत किया जाएगा लेकिन ये पद पहले से घोषित पदों से अलग होंगे। यह भी साफ है कि चयन का आधार टीईटी को ही बनाया जाएगा। प्रारूप बनाने वाले अधिकारियों का कहना है कि टीईटी के बाद बीएड या बीटीसी कोई मुद्दा नहीं रहा। एनसीटीई को सभी अधिनियमों की जानकारी देकर यही समझाया जाएगा ताकि चयन में आगे कोई विवाद न खड़ा हो। अधिकारियों की मानें तो वर्तमान में चल रही चयन प्रक्रिया भी एनसीटीई की समय सीमा के दायरे से मुक्त होगी। प्रस्ताव में यदि कोई बड़ा बदलाव न किया गया तो यह भी तय है कि नए पदों पर चयन टीईटी मेरिट से नहीं होगा। टीईटी को केवल आवेदन के लिए पात्र माना जाएगा। चयन के लिए या तो परीक्षा होगी या फिर पूर्व की डिग्रियों को आधार बनाया जाएगा।
प्रारूप तैयार करने वाली कमेटी के सदस्य, सर्व शिक्षा अभियान के सह समन्वयक और उप शिक्षा निदेशक नवनीत भदौरिया ने बताया कि आचार संहिता के मद्देनजर प्रारूप तैयार होने के बाद आगे की प्रक्रिया रोक दी गई है लेकिन नए सत्र में इन पदों पर चयन लगभग तय है।
News : Amar Ujala (23.1.12)
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उत्तर प्रदेश सरकार एक लाख टीचर्स की भर्ती करेगी


यूपी सरकार पहले चरण में एक लाख शिक्षकों की भर्ती करेगी। इसके बाद प्रत्येक वर्ष रिटायर होने वाले शिक्षकों की रिक्तियों के आधार पर भर्ती की जाएगी।


इससे पहले उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली को संशोधित किया जाएगा। इसमें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अर्हता के स्थान पर पात्रता किया जाएगा। इसी तरह स्नातक पास 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को 2015 तक प्रशिक्षण देने के कार्यक्रम में संशोधित किया जाएगा, अब 2014 तक सभी शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग दी जाएगी

यह निर्देश बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में रिक्त अधिकारियों के पदों का ब्योरा तैयार किया जाए और इसकी भर्ती के लिए लोकसेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा जाए। स्कूल भवन निर्माण के कार्यों से शिक्षकों को अलग रखने का भी निर्देश दिया है।

बेसिक शिक्षा निदेशालय में मंत्री ने दो चरणों में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने पहले चरण में एडी बेसिक स्तर तक के तथा इसके बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्यों के साथ बैठक की। बेसिक शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभागीय अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच को तीन माह के अंदर पूरा किया जाए।
News Source : http://www.amarujala.com/national/nat-UP-govt-to-appoint-one-lakh-teachers-26878.html


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Allahabad Highcourt Decision regarding UPTET

TEXT OF ORDER OF ALLAHABAD HIGHCOURT IN CASE NO. 76039/2011 ISSUED ON 05.07.12 ALONGWITH ITS SIMPLE TRANSLATION & BRIEF INTERPRETATION

By - Shyam Dev Mishra

Court No. - 7
Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011
Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha
Hon'ble Arun Tandon,J.

The matter has been heard at some length by this Court, an affidavit has been filed on behalf of Secretary (Basic Education), Government of Uttar Pradesh today in the Court, wherein it has been stated that the fairness of Teachers' Eligibility Test (T.E.T.) is under examination before the State Government. For the purpose, a High Level Committee has been constituted. The recommendation of High Level Committee is awaited. Reference has also been made to the pending petitions in respect of the T.E.T. examination as well as to the special appeals filed by B.T.C. qualified candidates for appointment irrespective of the T.E.T. examination.

Sri C.B. Yadav, learned Additional Advocate General states that the matter is under active consideration of the State Government and a decision shall be taken without unnecessary delay.

This Court may only record that the appointment on the post of Assistant Teacher in Parishidiya Vidyalaya is squarely dependent upon the decision the State Government will take on the fairness or otherwise of the T.E.T. examination. The number of posts lying vacant is in the thousands. I

The final decision must be taken promptly. Therefore, this Court directs that the State Government shall take final decision in respect of fairness or otherwise of the T.E.T. examination and all such related issue as it may so desire preferably within four (4) weeks from today. The decision of the State Government shall be brought on record by means of an affidavit of the Secretary himself on or before 06th August, 2012. It is made clear that request for grant of further time for the purpose shall not be appreciated by the Court.

List on 06th August 2012.

Interim order, if any, shall continue till the next date of listing.

Order Date :- 5.7.12




कोर्ट संख्या में ०५.०७.२०१२ को केस संख्यारिट  - ७६०३९२०११ (यादव कपिलदेव लालबहादुर  बनाम स्टेट ऑफ़ उत्तर प्रदेश एंड अदर्स) में न्यायमूर्ति  अरुण  टंडन द्वारा दिए गए आदेश का सरल अनुवाद

न्यायालय द्वारा मामला कुछ विस्तार में सुना जा चुका हैन्यायालय में सचिवबेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश  सरकार की ओर से एक शपथपत्र दाखिल किया जा चुका है जिसमे कहा गया है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी..टी.) कि शुचिता (Fairness) राज्य सरकार के सम्मुख जांच के दायरे में हैइस प्रयोजनार्थ एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया हैउच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशें अभी लंबित (प्रतीक्षाधीन) हैटी..टी. परीक्षा के सम्बन्ध में लंबित याचिकाओं तथा बी.टी.सी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा बिना अध्यापक पात्रता परीक्षा के ही नियुक्ति के लिए दायर विशेष याचिकाओ का भी सन्दर्भ लिया गया है.

श्री सी.बी. यादव, अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा है कि मामला राज्य सरकार के सक्रिय विचाराधीन है और इस बिना अनावश्यक विलम्ब के निर्णय लिया जायेगा.

न्यायालय केवल इस बात को संज्ञान में लेता है कि परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति पूर्णतया प्रदेश सरकार द्वारा टी..टी. की शुचिता  अन्य पहलुओं पर लिए जाने वाले निर्णय पर निर्भर हैखाली पड़े पदों की संख्या हजारों में है.

(मामले का) अंतिम निर्णय शीघ्रातिशीघ्र लिया जाना चाहिएअतः, न्यायालय निर्देश देता है कि राज्य  सरकार  टी..टी. की शुचिता  अन्य पहलुओं तथा अन्य ऐसे सभी सम्बंधित मुद्दों, जिन्हें वो चाहेके सम्बन्ध में यथासंभव (जहां तक संभव हो सके - preferably) आज से चार सप्ताह के अंदर निर्णय लेगी. राज्य सरकार का निर्णय स्वयं सचिव के शपथपत्र के जरिये  अगस्त २०१२ को या उस से पहले न्यायालय के संज्ञान में लाया जायेगायह (भीस्पष्ट किया जाता है कि इस हेतु  आगे और समय दिए जाने  के (राज्य सरकार के) अनुरोध को न्यायालय द्वारा ठीक नहीं समझा जायेगा.

अगस्त २०१२ को सूचीबद्ध करें.
अंतरिम आदेश, यदि कोई हो, अगली तारीख तक प्रभावी रहेगा.
आदेश की तिथि : ०५.०७.२०१२




अपनी बात:
साथियों, ५ जुलाई २०१२ को कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को ४ सप्ताह का समय देते हुए टी.ई.टी. परीक्षा में तथाकथित रूप से हुई गड़बड़ियों तथा अन्य सभी उन मुद्दों पर, जिन्हें वो इस लंबित भर्ती  प्रक्रिया को पूरी करने के लिए उपयुक्त समझे, निर्णय करे और न्यायालय को उस से अवगत कराये. यहाँ कुछ  साथी इस बात से चिंतित दिखे कि न्यायालय ने भी सबकुछ सरकार पे छोड़ दिया है और अब सरकार जो चाहेगी, वो करने को स्वतंत्र है. पर यहाँ ध्यान दें कि न्यायालय ने इस मामले को बहुत महत्वपूर्ण मानते हुए यह निर्देश सरकार द्वारा अभी इस भर्ती-प्रक्रिया से जुड़े कई मुद्दों पर,जैसे टी.ई.टी. में हुई तथाकथित  धांधलियो की जांच व अन्य पहलुओं पर विचार करने के लिए गठित उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशें प्रतीक्षाधीन होने के कारण, अब तक निर्णय न लिए जाने के मद्देनज़र दिया है तथा इस मुद्दे के शीघ्रातिशीघ्र अंतिम निर्णय की आवश्यकता पर बल देते हुए सरकार को इन निर्णयों के लिए आगे और समय देने से भी साफ़ मना किया है.
न्यायालय ने स्टे हटाने से इंकार इसलिए किया क्यूंकि अन्य पक्षों और पहलुओं को देखते हुए और उन पर सरकार के अब तक के गोल-मोल और अस्पष्ट रवैये से इस बात की प्रबल सम्भावना थी कि स्टे हटाने के बाद भी भर्ती-प्रक्रिया के मौजूदा प्रावधानों या सरकार द्वारा भर्ती से सम्बंधित आगे लिए जाने वाले  निर्णयों से असंतुष्ट पक्षों द्वारा फिर से न्यायालय जाने से भर्ती प्रक्रिया बाधित होगी.  बेहतर है कि इस भर्ती प्रक्रिया से सम्बंधित सभी बिन्दुओ पर सरकार अपना रुख  और निर्णय न्यायालय के सामने रखे ताकि उनकी वैधानिकता, न्यायसंगतता और औचित्य पर न्यायालय फैसला कर सके और तदुपरांत स्टे हटने पर भर्ती प्रक्रिया बाधित होने की सम्भावना न्यूनतम हो जाये. यहाँ यह समझना भूल होगी कि सरकार अगर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कोई निर्णय लेती है या कोई अवैधानिक निर्णय लेती है तो भी न्यायालय से उसे हरी झंडी मिल जाएगी. वास्तव में  न्यायालय का यह कदम इस मामले में सरकार के लापरवाह रवैये या फिर शायद किन्ही निहित-स्वार्थों के लिए जानबूझ कर की गई हीला-हवाली के कारण काफी  देर से आया, पर एक सही कदम है. अब इस मामले के शीघ्र निपटारे का सारा दारोमदार सरकार के निर्णय पर है और सरकार इस मामले में कोई नकारात्मक निर्णय (टी.ई.टी. निरस्त करने या चयन का आधार बदलने जैसा निर्णय) न ले, इसके लिए सभी अभ्यर्थियों को एक-होकर  न सिर्फ  टी.ई.टी. बचाने  के लिए सरकार पे  कोर्ट के बाहर हर-संभव तरीके से दबाव बनाना होगा बल्कि टी.टी.टी. संघर्ष मोर्चा को न्यायालय में भी  सरकार के किसी नकारात्मक निर्णय के प्रभावी विरोध के लिए और अपनी बात तार्किक ढंग से रखने के लिए  तैयार रहना होगा. कुल मिलाकर न्यायालय ने सरकार द्वारा कोर्ट के बाहर कोई मनमानी किये जाने की सम्भावना पर विराम लगते हुए इस बात को सुनिश्चित किया है कि इस भर्ती-प्रक्रिया के सभी विवादित मुद्दों का निपटारा कोर्ट के अंदर ही होगा!   
- श्याम देव मिश्रा, मुंबई


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