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Saturday, August 18, 2012

Vishist BTC : विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षितों पर बेरोजगारी की गाज

Vishist BTC : विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षितों पर बेरोजगारी की गाज


 एटा: विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षितों पर फिर बेरोजगारी की गाज गिरी है। वर्ष 2007-08 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अब वे न शिक्षामित्र ही रहे हैं, न सहायक शिक्षक बन सके हैं। बढ़ती उम्र और उस पर बीटीसी प्रशिक्षण पाने के बाद भी शिक्षक बनने से वंचित रहे विशिष्ट बीटीसी धारकों को अब भविष्य की चिंताए सताने लगी हैं

दरअसल इन प्रशिक्षित बेरोजगारों द्वारा सहायक शिक्षक बनने के एवज में 7 जून वर्ष 2008 को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका योजित की गई थी। राज्य और अन्य बनाम भूपेन्द्र नाथ त्रिपाठी द्वारा 29 अक्टूबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया। जिसमें राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देशित किया गया था, वह वर्ष 2007 का 1 जुलाई 2011 से 31 दिसम्बर 2011 तक विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पा सके अभ्यर्थियों को अविलम्ब नियुक्ति दी जाए। उन पर टैट जैसी कोई बाध्यता न लागू हो। इसके बाद भी राज्य सरकार ने टैट की बाध्यता अनिवार्य करके विशिष्ट बीटीसी धारकों की चिंता बढ़ा दी है। शनिवार को उन्होंने छह सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व एमएलसी स्नातक हरनाथ सिंह यादव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया, मांग की गई कि सभी प्रशिक्षितों की उम्र 43 वर्ष से अधिक हो चुकी है। यदि उनके स्नातक में 40 प्रतिशत से कम अंक हैं और शिक्षामित्रों की संख्या 70 फीसदी है, ऐसे में उन्हें बिना टैट के ही नियुक्ति प्रदान की जाए

ज्ञापन सौंपने वालों में राजेश कुमार गुप्ता, योगेश कुमार, रामप्रकाश, विनेश कुमार, हरेन्द्र कुमार चौहान, सुरेश चन्द्र, अनिल कुमार सोनी, राजेश यादव, विजेन्द्र प्रताप सिंह, मोहरपाल, राजीव कुमार शर्मा आदि अनेक प्रशिक्षित उपस्थित थे।

गंजडुंडवारा: गांधी पार्क में टैट बेरोजगार संघ की बैठक की गई। जिसमें संजय बोस ने आड़े आ रही अनेक तकनीकी बाधाओं को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर किए जाने की मांग की। मांग करने वालों में मो. सलीम, मनोज, मोहित गुप्ता, गौरव गुप्ता, मो. कमर, मनोज सिंह, नीरज दुबे, मो. काशिफ, मो. आइश, अजहर, राकेश तिवारी, जमाल अख्तर, जावेद, अनूप चौहान आदि उपस्थित थे


News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/etah-9559470.html / Jagran (11.8.12)
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Craze for Permanent Government job and education sector is dream of many candidates.
But court/Government rules to qualify TET is a problem for many BTC/VBTC candidates
Many candidate are now overage and seeking relief.
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BTC : फर्जीवाड़े की सभी जांच सीबीसीआइडी के हवाले

BTC : फर्जीवाड़े की सभी जांच सीबीसीआइडी के हवाले


परीक्षा अभिलेख में हेराफेरी

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-संस्कृत विश्वविद्यालय : दोषियों को चिह्नित करने में जुटी टीम

जागरण संवाददाता, वाराणसी : शासन ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्व विद्यालय के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों से जुड़े फर्जीवाड़े के सभी मामलों की जांच सीबीसीआइडी को सौंप दी है। इसके तहत एजेंसी ने जांच भी शुरू कर दी है।

बीटीसी के तहत प्रदेश के विभिन्न डायटों में चयनित अभ्यर्थियों में सर्वाधिक संख्या संस्कृत विश्व विद्यालय के डिग्रीधारियों की है। सत्यापन में ऐसे अभ्यर्थियों की पोल खुलती जा रही है जिनकेअंकपत्र व प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। इसे देखते हुए शासन ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चयनित शिक्षकों के फर्जी अंकपत्रों की जांच सीबीसीआइडी को सौंपी है। शासन ने सीबीसीआइडी को फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों को चिह्नित करने का भी निर्देश दिया है ताकि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाया जा सके। इसके तहत गाजियाबाद, मेरठ (बागपत) सहित अन्य जोन की सीबीसीआइडी जांच पड़ताल में जुटी हुई है। जांच कर रहे सीबीसीआइडी, मेरठ के इंस्पेक्टर सीपी सिंह, चंद्रपाल सिंह व जयवीर सिंह ने अब तक विश्वविद्यालय के दर्जनों कर्मचारियों का बयान ले लिया है। जांच टीम ने फर्जीवाड़ा से जुड़े कुछ लोगों की पहचान भी कर ली है। सीबीसीआइडी ने फर्जीवाड़ा में विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों के भी लिप्त होने की आंशका जताई है।

अंकपत्र व प्रमाण पत्रों का मांगा नमूना : सीबीसीआइडी ने विश्व विद्यालय प्रशासन से विभिन्न सत्रों के अंकपत्रों व प्रमाण पत्रों के नमूनों की मांग की है। इन नमूनों से ही फर्जी अंकपत्रों की मिलान कर पता लगाया जाएगा कि वे कहां से जारी किए गए हैं

News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/varanasi-city-9567334.html / Jagran (14.8.12)
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CBCID will investigate forged candidates details, Sampoornanand Univerisity is highly popular for such cases.


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BTC साल भर बाद शुरू हुई बीटीसी प्रवेश प्रक्रिया

BTC : साल भर बाद शुरू हुई प्रवेश प्रक्रिया

पुरानी फीस पर ही होगा एडमिशन

इलाहाबाद। प्राइवेट कालेजों में प्रवेश का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को आखिरकार राहत मिल गई। सालभर बीटीसी कालेजों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में बृहस्पतिवार से अभ्यर्थियों को कॉल लेटर देने के लिए बुलाना शुरू कर दिया गया है। लिस्ट भी लगा दी गई है। पत्र दिए जाने की अंतिम तिथि 22 अगस्त तक रखी गई है। आवंटन पत्र लेने के बाद अभ्यर्थियों को कालेज में जाकर काउंसिलिंग करानी होगी। कालेजों में बीटीसी-2011 का प्रवेश फीस निर्धारण न होने, मान्यता लेने, विधान सभा और निकाय चुनाव की वजह से एक साल लंबित हो गया था
जिले में बीटीसी के तीन कालेज हैं, जिसमें 150 सीटें हैं। प्रवेश पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही होगा। हर कालेज में 25-25 सीटें पेड, अनपेड की होगी। पेड सीट की फीस 44 हजार और अनपेड की 22 हजार होगी। कालेज के साथ ही डायट की खाली बची 18 सीटों पर भी प्रवेश होगा। डायट सूत्रों के मुताबिक 150 सीटों के लिए 117 अभ्यर्थियों को ही प्रवेश के लिए बुलाया गया है। इन पर प्रवेश होने के बाद शेष बची सीटों के लिए नए सिरे से काउंसिलिंग के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा


News Source : Amar Ujala (17.8.12)
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Admission to BTC 2011 is going to start, Admission is based on old fees.
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Shiksha Mitra Recruitment : आदेश में उलझ गई तैनाती

Shiksha Mitra Recruitment : आदेश में उलझ गई तैनाती


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Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/#ixzz36cV9AUCl

महराजगंज। विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी में चयनित होकर प्रशिक्षण पूरा करने वाले 170 शिक्षामित्रों की तैनाती पर संकट के बादल छा गए हैं। शासन ने उनको फिर से मूल विद्यालय में शिक्षामित्र पद पर कार्य लेने का शासनादेश जारी किया है

शिक्षामित्र पद पर तैनाती के समय पहले बीएड अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाती थी। उसके बाद विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी प्रशिक्षण में शिक्षामित्रों के लिए 10 फीसदी सीटें रिजर्व कर दी गईं। इससे अधिकतर शिक्षामित्र विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी में चयनित हो गए। अभी उनकी नियुक्ति नहीं हुई थी, उससे पहले राष्ट्रीय शिक्षा अभियान के तहत टीईटी लागू कर दी गई। नवंबर 2011 में हुई टीईटी परीक्षा में बीटीसी प्रशिक्षण हासिल कर चुके बहुत से अभ्यर्थी असफल हो गए। उनमें से आधे शिक्षामित्र तो बिना टीईटी के ही नियुक्ति पा गए, लेकिन बाकी बचे नियुक्ति को लेकर परेशान हैं। ऐसे शिक्षामित्रों का तर्क था कि प्रशिक्षण पूरा करने के बावजूद उनको पूर्णकालिक शिक्षक के तौर पर तैनाती नहीं दी गई। जबकि शिक्षामित्र पद भी उनका चला गया। ऐसे में शासन ने उनकी तैनाती करने के बजाय वापस शिक्षामित्र पद पर भेजने का शासनादेश जारी कर दिया। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले 14 अगस्त को यह आदेश जारी किया है। इससे विशिष्ट बीटीसी 2007 और बीटीसी 2010 के तहत प्रशिक्षण पूरा करने वाले 160 विशिष्ट बीटीसी और 10 बीटीसी शिक्षामित्र प्रभावित होेंगे। ट्रेनिंग लेने के बाद भी वे शिक्षामित्र पद पर ही अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। इस शासनादेश की प्रति शिक्षा निदेशक बेसिक, एसएसए परियोजना मुख्यालय लखनऊ, एससीईआरटी डायरेक्टर, एडी बेसिक, डायट प्राचार्य और प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है।
इस बारे में बीएसए आनंद प्रकाश शर्मा शासनादेश मिल गया। उस आधार पर कार्यवाही की जाएगी


News Source : Amar Ujala (18.8.12)
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It is really unfortunate to Shiksha Mitra that they will back to parent cadre.
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JTET : 45 हजार शिक्षकों की नियुक्ति लटकी

JTET : 45 हजार शिक्षकों की नियुक्ति लटकी

Jharkhand Teacher Eligibility Test News :-

रांचीः शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) नहीं हो पाने के कारण झारखंड में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के लिए 45 हजार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं पा रही है. नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य है. राज्य में शिक्षा अधिकार अधिनियम वर्ष 2010 में लागू की गयी थी. अधिनियम लागू होने के दो वर्ष बाद भी शिक्षक पात्रता परीक्षा की नियमावली नहीं बनी है.

कहां फंसा है मामला : नियमावली स्थानीयता के पेच में उलझ गयी है. साल भर से शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली बनाने की प्रक्रिया चल रही है, पर अब तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. शिक्षा विभाग ने नियमावली का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा था.
वित्त मंत्री हेमंत सोरेन यह कहते हुए प्रस्ताव वापस कर दिया कि नियमावली में स्थानीयता की प्राथमिकता को कैसे सुनिश्चत किया जायेगा, इसका उल्लेख किया जाये.

पारा शिक्षकों के पद भी खाली
मालूम हो कि राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में सरकारी शिक्षकों के 69 हजार व पारा शिक्षक के एक लाख 20 हजार पद स्वीकृत हैं. लगभग 45 हजार सहायक शिक्षक कार्यरत हैं. सहायक शिक्षकों के लगभग 24 हजार पद खाली हैं. पारा शिक्षकों के भी लगभग 20 हजार से अधिक पद खाली हैं. कुल मिला कर प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के 45 हजार पद रिक्त हैं.

टीइटी पास ही बनेंगे शिक्षक
राज्य में टीइटी के लिए तैयार प्रस्ताव के अनुसार, शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थी सीधे शिक्षक बनेंगे. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अलग से कोई परीक्षा नहीं होगी. जिलावार पैनल तैयार किया जायेगा. जिलों में उपलब्ध रिक्त सीटों के अनुरूप सफल अभ्यर्थियों का इंटरव्यू होगा. नियुक्ति के लिए जिलावार आरक्षण रोस्टर का पालन किया जायेगा.

हाइकोर्ट ने दिया था निर्देश
शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं होने के कारण गत वर्ष प्राथमिक शिक्षक के लिए चयनित 10042 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हो गयी थी. प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण झारखंड हाइकोर्ट ने पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त कर दिया था. कोर्ट ने एक वर्ष के अंदर शिक्षकों की नियुक्ति का निर्देश विभाग को दिया था.

अब तक मात्र 11 हजार शिक्षकों की नियुक्ति
अलग राज्य के गठन के बाद अब तक मात्र 11 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति हो पायी है. वर्ष 2004 में लगभग 10 हजार व वर्ष 2008 में 491 प्राथमिक शिक्षक बहाल किये गये थे.

कार्मिक की राय के साथ प्रस्ताव फिर वित्त को
शिक्षा विभाग ने टीइटी नियमावली का प्रस्ताव फिर से वित्त विभाग को भेज दिया है. इस बार कार्मिक विभाग की राय प्राप्त कर प्रस्ताव भेजा गया है. वित्त विभाग की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जायेगा.
राज्य में स्थानीयता की नीति निर्धारण के लिए कमेटी गठित है. स्थानीय नीति बनने के बाद राज्य के लोगों को इसके प्रावधान के अनुरूप प्राथमिकता दी जायेगी. शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में विभाग ने अपने स्तर से स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की व्यवस्था की है. इसके तहत आवासीय प्रमाण पत्र, क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा की व्यवस्था लागू की गयी है.
वैद्यनाथ राम, शिक्षा मंत्री

बिहार में दो बार हो चुकी है टीइटी परीक्षा
शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद सीबीएसइ ने तीन बार व बिहार में दो बार शिक्षक पात्रता परीक्षा हो चुकी है. बिहार में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है.
(सुनील झा)


News Source : Prabhat Khabar (18.8.12)
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Everywhere there is some problem in teachers recruitment to implement RTE.
In Jharkhand , TET exam not conducted and without TET exam recruitment for teachers under RTE is not possible. Niyamavali for recruitment not finalize and it is another problem in recruitment.
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डाक विभाग की नियुक्ति में हेराफेरी का आरोप


शक के घेरे में आई जीडीएस भर्ती प्रक्रिया
डाक विभाग की नियुक्ति में हेराफेरी का आरोप,
सत्यापन होने के बाद भी नौकरी के लिए भटक रहे अभ्यर्थी

लखनऊ। डाक विभाग में हाल में ग्रामीण डाक सेवा (जीडीएस) के पदों पर हुई भर्ती पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप है कि इन पदों पर भर्ती में जमकर धांधली हुई है। जीडीएस के पदों पर नियुक्ति की अर्हता रखने वाले अभ्यर्थी लगातार न्याय की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन विभागीय अधिकारी अब पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
वर्ष 2011 में ग्रामीण डाक सेवा के 70 पदों के लिए रिक्तियां निकाली गई थी। इसके तहत पैकर, शाखा डाकपाल और डाक वितरक के पद थे। इन पदों पर नियुक्ति के लिए आए आवेदनों की छंटनी के बाद हाई स्कूल की अंक तालिका के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई गई। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों का पुलिस सत्यापन कराया गया। लेकिन तैनाती अन्य अभ्यर्थियों को दे दी गई। पीड़ित अभ्यर्थी नीति सांदल ने बताया कि उसका दो बार पुलिस सत्यापन कराया गया। उसकी रिपोर्ट सकारत्मक थी। बावजूद उसे तैनाती नहीं मिली
इस पर नीति सांदल ने चीफ पोस्टमास्टर जनरल कर्नल कमलेश चंद्र को पत्र लिखकर नियुक्ति देने की मांग की है। इसी तरह सुजीत साहू, वीरेंद्र प्रताप सैनी, छाया पांडे, मंजू वर्मा, कुमारी मृदुला तिवारी, सुरेंद्र पाल सिंह, अनिल कुमार व विभाष कुमार श्रीवास्तव आज भी सत्यापन के बाद नियुक्ति पाने के लिए भटक रहे हैं। जबकि इस साल अप्रैल महीने में जिलाधिकारी कार्यालय से इन सभी अभ्यर्थियों की सकारात्मक रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।


News Source : Amar Ujala (18.8.12) / http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120818a_018163012&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20120818a_018163012
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Everywhere we can see corruption is high, especially  for Government's recruitment.
Government should made a transparent system, where selection procedure, candidate's details , marks, interview marks should be displayed on its website.
Videography in interviews should also be made.

Additional details after selection like - performance, confidential /appraisal report etc. should also display on website as Central Information Commission India clears already that all such details should be disclosed under  
RTI.
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Friday, August 17, 2012

UPTET : टीईटी उत्तीर्ण में बढ़ी निराशा

UPTET : टीईटी उत्तीर्ण में बढ़ी निराशा






आलीपुर खेड़ा: कस्बा एवं अन्य पड़ोसी गांवों के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के हौसले पस्त होते नजर आ रहे हैं। क्योंकि सरकार के नये फरमान में मेरिट के आधार पर होगी नियुक्ति तथा टीईटी को सिर्फ रखा जायेगा पात्रता श्रेणी में।


क्षेत्र के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के हौसले पस्त हो जा रहे हैं क्योंकि कुछ समय पहले के निर्देशानुसार टीईटी की मेरिट के अनुसार ही उत्तीर्णों का चयन होना था और कुछ अभ्यर्थियों द्वारा टीईटी में अच्छे अंक भी प्राप्त हुए। जिनको पूरा भरोसा एवं सरकार द्वारा दिये प्रथम निर्देश के तहत अभ्यर्थी अपनी नौकरी पक्की समझने लगे थे। लेकिन शासन द्वारा आये पुन: निर्देशानुसार अब इन अभ्यर्थियों की समस्याओं को बहुत बढ़ा दिया है। क्योंकि अब उन्हीं अभ्यर्थियों की नियुक्ति होगी जिनकी पिछली कक्षाओं के अंक बीएड तक जोड़े जायेंगे। उन्हीं की नियुक्ति संभव हो सकेगी। टीईटी धारकों की धड़कनें तेज हो चुकी हैं क्योंकि इनके पास सिर्फ टीईटी मेरिट एवं टीईटी में तो अच्छे अंक हैं लेकिन पिछली कक्षाओं में सम्पूर्ण मेरिट नहीं होने से इनके हौसले पर पानी फिरता नजर आने लगा है


News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/mainpuri-9573955.html / Jagran ( 17.8.12)
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However still matter is not clear, and base of selection is under confusion.
Chances are for TET merit as many writs against TET already dismissed in Allahabad Highcourt.
However during that time employer (Government) is in favor of TET merit and now new Government oppose selection through TET merit, and it creates a big confusion.

I felt - Even If we change base for selection then how we can eliminate cheaters/wrong candidates, If cheating happens in exam then best way is to conduct further screening examination etc.
Additional ways can also use like - Cross checking candidates's OMR sheet with other copies. (And other special approaches.)

I am not against academic OR TET merit.

But I felt new procedure for selection should be applied in new vacancies.

However Allahabad Highcourt better know about legal possibilities and what to do for this recruitment , I pray &  hope that final decision come on 27th August 2012.
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Thursday, August 16, 2012

BETET : अधिकांश जिलों में शुरू न हो सकी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया

BETET : अधिकांश जिलों में शुरू न हो सकी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया
1.67 Lakh Primary Teacher Recruitment in Bihar for Bihar Elementary Teacher Eligibility Test (BETET) Qualifide Candidates.

Applcation Date Going To Extend for Recruitment of  BETET Qualified candidates due to roaster clearance and pending result of some candidate -
See news :-


पटना सहित अधिकांश जिलों में गुरुवार को शिक्षक नियोजन के लिए आवेदन लिए जाने की प्रक्रिया आरंभ नहीं हो सकी। रोस्टर क्लीयरेंस नहीं होना इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है। शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि जरूरत पड़ी, तो आवेदन लेने की तिथि बढ़ाई जाएगी।

शिक्षक पात्रता परीक्षा(टीईटी) पास अभ्यर्थियों के नियोजन के लिए शिक्षा विभाग ने आवेदन जमा करने की तिथि 16-29 अगस्त निर्धारित कर रखी है। जिलों को यह हिदायत थी कि 14 अगस्त तक रोस्टर क्लीयरेंस कर इस संबंध में विज्ञापन प्रकाशित करा दें। परन्तु शिक्षा विभाग को केवल मधुबनी, बांका एवं पूर्वी चंपारण से ही रोस्टर क्लीयरेंस हो जाने की सूचना प्राप्त हुई है। जिन जिलों ने यह औपचारिकता नहीं पूरी की है, उनमें से केवल पटना, वैशाली, भोजपुर, रोहतास एवं शेखपुरा ने इसकी सूचना विभाग को भेजी है।

शिक्षा मंत्री पीके शाही ने बताया कि संबंधित जिलों को तत्काल रोस्टर क्लीयरेंस का आदेश दिया गया है। जरूरत पड़ी तो आवेदन जमा करने की तिथि भी बढ़ाई जाएगी। माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन के लिए हुई विशेष शिक्षक पात्रता परीक्षा(एसटीईटी) देने वाले 12,000 अभ्यर्थियों का रिजल्ट अभी लंबित है। इनकी कापियों की बिहार विद्यालय परीक्षा समिति दोबारा जांच करा रही है। 24 अगस्त को समिति इनका रिजल्ट देगी। जरूरत पड़ी तो इनके आवेदन की तिथि भी बढ़ाई जा सकती है। बताते चलें कि प्रारंभिक के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन के लिए 16-29 अगस्त के बीच आवेदन लिए जाने हैं। प्रारंभिक शिक्षकों की 1.67 लाख पदों एवं माध्यमिक शिक्षक के 18,000 पदों पर नियोजन होना है


News Source : http://www.jagran.com/bihar/patna-city-9572075.html / Jagran ( 16.08.12)


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UPTET : Hearing in Allahabad Highcourt UP Cabinet's Decision regarding selection through UPTET

UPTET :  Hearing in Allahabad Highcourt UP Cabinet's Decision regarding selection through UPTET 


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 30
Case :- WRIT - A No. - 39664 of 2012
Petitioner :- Ratnesh Kumar Pal & Others
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Abhishek Shukla
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K. Yadav,R.A. Akhtar
Hon'ble V.K. Shukla,J.
When the matter has been taken up Sri Neeraj Upadhyay, learned Standing counsel has produced before this Court the order passed in Civil Misc. Writ Petition No. 76039 of 2011 dated 06.08.2021 which reads as follows.;
"An affidavit has been filed on behalf of the State of Uttar Pradesh by the Secretary, Basic Education, U.P. Government at Lucknow. Along with affidavit a copy of the Cabinet Decision as communicated to the Director of Basic Education by the Chief Secretary of the State dated 21st July, 2012 has been brought on record.
Sri C.B. Yadav, learned Additional Advocate General informs the Court that necessary amendments in the Rules in terms of the Cabinet Decision is still to be taken.
Sri Ashok Khare learned Senior Advocate points out that a writ petition has already been filed challenging the Cabinet Decision as notified under the order dated 21st July, 2012.
Let the State make necessary amendments, as desired, in the statutory rules regulating the appointment of assistant teachers in Parishidiya Vidyalayas by 25th August, 2012.
Such direction is being issued by the Court only because appointment on the post of assistant teachers in Parishidiya Vidyalayas is held-up since last so many years, initially because of proper advertisement being not published and then a serious dispute in respect of Teachers Eligibility Test Examination held by the State Government has been arisen.
This Court must resolve the issue so that suitable teachers may be appointed in Parishidiya Vidyalayas, where there are acute shortage of qualified teachers.
This Court may clarify that no opinion is being expressed by the Court on the Cabinet decision taken by the State Government. It is for the State to examine all aspects of the matter before making any amendments in the Rules, however, whatever is required to be done must be done by the next date.
In the affidavit to be filed by the State on the next date, query made under the order of the Court dated 25th May, 2012 must also be answered.
List this matter on 27th August, 2012. Interim order granted earlier by this Court shall continue in operation till the next date fixed. "
-2-
Issue raised in present writ petition is the issue which is already engaging the attention of that particular Bench, in view of this it would be much more appropriate that record of present writ petition be also placed alongwith the record of Civil Misc. Writ Petition No. 76039 of 2011 on the date fixed in the aforesaid writ petition. The said matter, it has been informed has been nominated to Hon'ble Mr. Justice Arun Tandon. Let requisite orders be obtained by the Acting Chief Justice.
In the meantime learned Additional Chief Standing Counsel, in case so desire he may file counter affidavit in the present writ petition
Order Date :- 14.8.2012
Dhruv

Source : http://elegalix2.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2015853
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 30 
Case :- WRIT - A No. - 39674 of 2012 
Petitioner :- Akhilesh Tripathi & Others 
Respondent :- State Of U.P. & Others 
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K. Yadav
Hon'ble V.K. Shukla,J.
When the matter has been taken up Sri Neeraj Upadhyay, learned Standing counsel has produced before this Court the order passed in Civil Misc. Writ Petition No. 76039 of 2011 dated 06.08.2021 which reads as follows.;
"An affidavit has been filed on behalf of the State of Uttar Pradesh by the Secretary, Basic Education, U.P. Government at Lucknow. Along with affidavit a copy of the Cabinet Decision as communicated to the Director of Basic Education by the Chief Secretary of the State dated 21st July, 2012 has been brought on record.
Sri C.B. Yadav, learned Additional Advocate General informs the Court that necessary amendments in the Rules in terms of the Cabinet Decision is still to be taken.
Sri Ashok Khare learned Senior Advocate points out that a writ petition has already been filed challenging the Cabinet Decision as notified under the order dated 21st July, 2012.
Let the State make necessary amendments, as desired, in the statutory rules regulating the appointment of assistant teachers in Parishidiya Vidyalayas by 25th August, 2012.
Such direction is being issued by the Court only because appointment on the post of assistant teachers in Parishidiya Vidyalayas is held-up since last so many years, initially because of proper advertisement being not published and then a serious dispute in respect of Teachers Eligibility Test Examination held by the State Government has been arisen.
This Court must resolve the issue so that suitable teachers may be appointed in Parishidiya Vidyalayas, where there are acute shortage of qualified teachers.
This Court may clarify that no opinion is being expressed by the Court on the Cabinet decision taken by the State Government. It is for the State to examine all aspects of the matter before making any amendments in the Rules, however, whatever is required to be done must be done by the next date.
In the affidavit to be filed by the State on the next date, query made under the order of the Court dated 25th May, 2012 must also be answered.
List this matter on 27th August, 2012. Interim order granted earlier by this Court shall continue in operation till the next date fixed. "
-2-
Issue raised in present writ petition is the issue which is already engaging the attention of that particular Bench, in view of this it would be much more appropriate that record of present writ petition be also placed alongwith the record of Civil Misc. Writ Petition No. 76039 of 2011 on the date fixed in the aforesaid writ petition. The said matter, it has been informed has been nominated to Hon'ble Mr. Justice Arun Tandon. Let requisite orders be obtained by the Acting Chief Justice.
In the meantime learned Additional Chief Standing Counsel, in case so desire he may file counter affidavit in the present writ petition
Order Date :- 14.8.2012
Dhruv

Source : http://elegalix2.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2015858
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Wednesday, August 15, 2012

UP Madhymik Shiksha Sewa Aayog Display - List of LT Grade Female Teacher Selected in GGIC

UP Madhymik Shiksha Sewa Aayog Display - List of LT Grade Female Teacher Selected in GGIC

List of teacher is given on website, But it is not clear , If candidate not joined particular Mandal then they given chance to waiting list candidate or not.

Many times candidate wrongly applied OR not eligible for particular post.

And most of candidates applied for more than one Mandal  and if their name comes in Merit list of more than one Mandal and after that they opted one Mandal then Marit should be further dropped. 

See this ( http://upmsp.nic.in/List_of_selected_LT_teachers.pdf )  -


UP Madhymik Shiksha Board also displays list of its employees, and Hoghschool , Intermediate Marks sheet details on its website for verification / transparency -

See here -
http://upmspresults.up.nic.in/Default.aspx
http://upmsp.nic.in/emp_data.pdf
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ब्लॉग एडिटर का स्वतंत्र दिवस पर सन्देश


ब्लॉग एडिटर का स्वतंत्र दिवस पर सन्देश 

सभी ब्लॉग पाठकों को स्वतंत्र दिवस पर बधाई व उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामना 
आज प्रधान मंत्री जी ने स्वतंत्रता दिवस पर लोकपाल को पारित करने  व महंगाई   से निपटने के लिये अपनी प्रति बद्द्ता को दोहराया व शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता  फिर से दोहराया है 

आज जिस प्रकार देश में  भ्रष्टाचार  व  महंगाई   के मुद्दों को लेकर आंदोलन हो रहे हैं उसको देखते हुए पता लगता है कि आम जनता इन परेशानियो से कितनी त्रस्त है |
हर कोई दिल्ली पहुँच कर अपनी उपस्थिति तो नहीं दर्ज कर सकता , लेकिन इस तरह के समस्यायों से बहुत  से लोग जूझ रहे हैं |
सभी तरह के सरकारी कार्यों में बेहद पारदर्शिता लाई जानी बेहद जरुरी है | सरकारी कर्मचारी / अधिकारी ,जन तंत्र में जनता के प्रति जवाबदेह हैं |

आर टी आई पहले ही साफ़ कर चुका है कि सरकारी कर्मचारियों कि गोपनीय रिपोर्ट , गोपनीय नहीं है | यह ब्रिटिश शासन के अंतर्गत होता था जब सरकारी कर्मचारी , ब्रिटिश शासन के प्रति जवादेह थे |
मेरे ख्याल से सभी सरकारी कर्मचारियों की गोपनीय रिपोर्ट , हर विभाग  की वेब साईट पर जनता के समक्ष सार्वजानिक की जानी चाहिए और वे ऐसा क्या कार्य कर रहे हैं जिसके लिए सरकार उनको तनख्वाह देती है |

सरकारी सेवा में आने वाले कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया - लिखित परीक्षा में अंक , साक्षातकार परीक्षा में अंक आदि , विभागों की वेब साईट पर सार्वजानिक किये जाने चाहिए |
साक्षातकार में विडियो ग्राफी आदि उपयोग में लाई जा सकती है | या बहु स्तरीय परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं |
(आज तकनीकी का प्रभाव बढता जा रहा है , और वेब साईट , विडियो ग्राफी जैसी बातें बेहद आम हो गयी हैं )

साथ ही समय समय पर सरकारी कर्मियों के कार्यों / क्षमताओं का मूल्याङ्कन होते रहना चाहिए | यह नहीं होना चाहिए कि कोई व्यक्ति एक बार सरकारी सेवा में चुन लिया गया और उसकी कार्य क्षमता निराशा जनक है /
या वह किसी तरह की बेईमानी करके सरकारी सेवा में आ गया तो उसको हटाया नहीं जा सकता |

सभी सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका , किसी एक सिस्टम के हवाले होनी चाहिए | कई बार बड़े स्तर के अधिकारी / कर्मचारिओं की मिलीभगत से जनता को समयबद्ध तरीके से सेवाएँ नहीं मिल पाती |
कारण - कर्मचारी , अधिकारी कार्यालय समय में दफ्तर से गायब , या कोई पर्सनल काम के लिये दफ्तर के समय का उपयोग करते हैं , या फिर किसी निजी फायदा / भ्रस्टाचार में संलिप्तता की वजह से सेवाएँ नहीं देते हैं |
(ऐसे में आम आदमी कहाँ जाये )
अधिकारी चाहे बड़े स्तर का हो या छोटे स्तर का , कार्यालय समय में बहार रहने पर उसकी सारी जानकारी मूवमेंट रजिस्टर इत्यादि में दर्ज होनी चाहिए |
कई बार पाया जाता है कि अधिकारिओं के बच्चे / पत्नी सरकारी गाडीयों का उपयोग अपने निजी कार्यों - स्कूल आदि छोड़ने में , शोपिंग आदि में करते हैं | 
ये सभी सरकारी गाडीयां व वेतन  जनता की खून पसीने की कमाई से टेक्स (इनकम टेक्स , सेल टेक्स , सर्विस टेक्स , मनोरंजन टेक्स आदि ) आदि के जरिये इन सरकारी कर्मचारियों को जनता की सेवा के लिये दीया जाता है 
जिस प्रकार पोलिटिक्स में चुने गए नेताओं को रिकाल करने की बात हो रही है उस प्रकार सरकारी कर्मचारियों के रिकाल की व्यवस्था होनी चाहिए |

व्यवस्था खुद बा खुद सुधरती चली जायेगी |

काला धन इत्यादि को सरकारी संपत्ति घोषित करना भी अच्छा कदम है और सरकार इस विधेयक को पारित कर सकती है , इससे काला धन अर्जित करने वालों पर स्वत : रोक लग जायगी |

सभी पाठक गण अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं 

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