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Saturday, January 3, 2015

FOOD SAFETY OFFICER EXAM RESULT AND ITERVIEW DATE



Interview process is scheduled for FOOD SAFETY OFFICER EXAM. 2014 Click here to download Interview Letter.

OFFICER EXAM. 2014' against Advt. No. : A-2/E-1/2014 dated 14/07/2014.
Click here to view list for qualified candidates in 'FOOD SAFETY OFFICER EXAM. 2014'
http://uppsc.up.nic.in/View_Notices.aspx?ID=news&N=270


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OFFICER EXAM. 2014' against Advt. No. : A-2/E-1/2014 dated 14/07/2014.
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http://uppsc.up.nic.in/View_Notices.aspx?ID=news&N=270

33 comments:

  1. सुबह की नमस्कार दोस्तोँ !


    ऐसा आपने जीवन मे पहली बार सुना होगा कि कोई नौटंकी कंपनी यह कहती पाई गई होगी कि हम 6, 7 को अपनी नौटंकी (मीटिंग) करेंगे
    अरे यार हद है या तो 6 को होगी या फिर 7 को अगर उनको इतना ही डाउट था तो एक ही बार 8 को बोल देते !


    72825 भर्ती के नियुक्ति पत्र जारी करने को लेकर छह, सात को महत्वपूर्ण बैठक |

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  2. दोस्तोँ अब मै पूरे दिन इसी पेज पर रहुँगा और आपको निर्बाध सूचना मिलती रहेगी वो भी बिना किसी द्वेष और शुल्क के !
    अभी कुछ कल की जानकारी की भी है जो मुझे दुबारा देना है जो लोग पढ़ चुके हैं कृपया वो शांत होकर पढ़ने वालों को पढ़ने दें !
    धन्यवाद !

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  3. उस जीवन के वचन
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    "जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए। यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। .
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    आमीन॥'' ( 1 पतरस 4:10-11

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  4. दोस्तों
    सूबे में आदि काल में प्रारंभ हुई प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2011 के लिए 17दिसम्बर14 को हुए सर्वोच्य न्यायालय के आदेश के बाद से सरकार, एस सी ई आर टी, एन आई सी, सचिव, डाइट, सब खुद कन्फूजन में है कि अब तक हुई काउंसलिंग और इस नये आदेश का सामंजस्य कैसे बिठाया जाये। इसीलिए रोज नई खबर प्राप्त हो रही है।
    आदेशानुसार जल्द ही हम सभी को नियुक्ति पत्र प्राप्त हो जायेगा। 2015 जल्द ही हमारे संघर्ष को पूर्ण कर उज्ज्वल भविष्य में प्रवेश दिलवाएगा। आप सभी का नववर्ष और साथ ही आने वाले हर पल मंगलमय हो।

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  5. Tprt sir kya scert or nic nai 4000 logo ko bahar kar diya hai .or kid kaaran said please batai

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  6. अक्सर कहानियों में ही होता है ऐसा या फिल्मों में होता है। फिल्म खतम हो जाती है अक्सर। शहनाई बज रही, बाजे बज रहे, विवाह हो रहा है, फिल्म खतम! क्योंकि उसके बाद फिर दोनों सुख से रहने लगे!
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    असल जिंदगी में हालत उलटी है। उसके बाद ही दुख शुरू होता है —शहनाई के बाद! पहले शहनाई बजती है, फिर दुख बजता है। विवाह के बाद जीवन में दुख की शुरुआत है। .
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    जब एक व्यक्ति सुखी नहीं हो सका अकेले में, तो दो दुखी मिलकर दुख को दुगुना करेंगे, बहुगुना करेंगे, कम नहीं कर सकते। दो बीमारियां जुड़ गयीं, दुगुनी हो गयी—या अनतगुनी हो जाएंगी। गुणनफल हो जाएगा। मगर कम नहीं हो सकतीं।
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    अकेला आदमी जरूर थोड़ा दुखी होता है, क्योंकि अकेला होता है। मगर विवाहित आदमी के दुख का उसको कुछ भी पता नहीं है। सभी विवाहित लोग पछताते हैं कि अकेले ही क्यों न रह गए! मगर अब बड़ी देर हो चुकी। अब अकेले होने का उपाय नहीं है।
    सब अविवाहित चिंता करते हैं कि कब तक अविवाहित रहना है! कब तक अकेले रहना है?
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    यह दुनिया बडी अजीब है! यहां अविवाहित विवाह की सोचता है। यहां विवाहित अविवाह की सोचता है। यहां जो जहां है, वहीं नहीं रहना चाहता, कहीं और होना चाहता है। कोई कहीं सुखी नहीं है। कहीं और सुख होगा; कहीं और ही हो सकता है। यहां तो निश्चित ही नहीं है।
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    तुम जहां हो, वहां सुख नहीं है। और जो व्यक्ति सुख चाहता है, उसे वहीं सुखी होना पड़ता है जहां वो अभी है।
    @एक शादीसुदा का दर्द@

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    Replies
    1. Bade bhai yha hm aapse sahnt nahi h.
      Q ki aapne shadi ki tulna prt bharti se ki h.
      Aur jo bykti apne veevahit jeevn sathi se khush nhi h.vh anantkal tk kabhi khus nhi ho payega.chahe vh is lok me rhe ya fir prlok me.aise mera mt h.aur aanand©kst to sikke k 2 pahlu h.
      @ek shadisuda ka harsh@

      Delete
  7. अभी कुछ दिन नौटंकी का मजा लो सब कुछ आपको पता चल जाएगा !

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    मेरे
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    हाथों
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    की
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    गर्मी
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    से
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    पिघल
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    जाएँगी
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    जंजीरेँ ! ! ! !

    मेरे कदमों की आहट से बदल जाएँगी तकदीरेँ ! ! ! !
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    वक़्त बदलने के लिए मुझे बुजदिलों की फ़ौज की दरकार नहीं,
    बस कुछ चंद बुलँद हौसले वालों की अंगड़ाई ही काफी है।

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  9. आप एक 80 रू का केलकुलेटर भी संभाल कर रखते है।
    उस पर प्लास्टिक कवर लगाते है। भले ठीक से न
    दिखे और आंख खराब हो जाए ।
    80 रू का ज्यादा ध्यान है ।
    अच्छा आपके स्टैंडर्ड की बात करता हूं।
    5 लाख की गाडी मे
    कभी मिट्टी का तेल नही डालते...
    क्यों ?
    गाडी का इंजन खराब हो जायेगा...?
    गाडी की तुमको इतनी चिंता है ?
    कभी मुह मे शराब या गुटका डालने के पहले
    सोचा की किडनी , लीवर खराब हो गया तो...
    करोडो के इस अनमोल शरीर के इंजन
    की चिंता है? जितनी अपनी गाडी की करते
    हो...
    इसका रेगुलर चेकअप कराते हो?
    रोज व्यायाम करते हो?
    दुनियाँ के लिए आप एक व्यक्ति हैं....
    लेकिन परिवार के लिए आप पूरी दुनियां हैं...
    अपना ख्याल रखें...
    व्यसन से दूर रहीये....
    यह मेसेज हर इंसान को भेजिये...
    शायद किसी की जिंदगी बदल जाये...

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  10. एक बच्चे को भी चार फोटो दिखाकर पूछो बेटा बताओ तो इसमें आतंकवादी की फोटो कौन सी है तो बच्चा भी "सही" तस्वीर पर ऊँगली रख देगा। ....

    ReplyDelete
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    मेरे
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    हाथों
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    की
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    गर्मी
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    से
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    पिघल
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    जाएँगी
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    जंजीरेँ ! ! ! !

    मेरे कदमों की आहट से बदल जाएँगी तकदीरेँ ! ! ! !
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    मेरा काम छोटा जरूर है पर दिल बडा रखता हूँ
    अपने मित्रोँ के गम खरीद सकूँ,
    कुछ ऐसी हैसियत जरुर रखता हूँ !!!

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  12. जीवन के सात सच्चे मंत्र!


    1. दर्पण – झूठ नहीं बोलने देगा!
    2. ज्ञान – भयभीत नहीं होने देगा !
    3. अध्यात्म – मोह नहीं करने देगा !
    4. सत्य – कमज़ोर नहीं करने देगा !
    5. प्रेम – ईर्ष्या नहीं करने देगा !
    6. विस्वास – दुःखी नही करने देगा !
    7. कर्म – असफल नहीं होने देगा !

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    Replies
    1. 8-sanskar-srvtha smmanit krega
      9-Dhairy-sflta prdan krega

      Delete
  13. उस जीवन के वचन
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    "क्योंकि पिता तो आप ही तुम से प्रीति रखता है, इसलिये कि तुम ने मुझ से प्रीति रखी है, और यह भी प्रतीति की है, कि मैं पिता कि ओर से निकल आया।'' .
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    यूहन्ना 16:27

    ReplyDelete
  14. इस ठण्ड में अगर गलती से भी पंखे का बटन दब गया तो आपके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया जा सकता हैं|

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  15. कमजोर व्यक्ति (जैसे कपिल) से दुश्मनी ज्यादा खतरनाक होती है ,क्योकि वह उस समय वार करता है ,
    जब हम कल्पना भी नही कर सकते !!

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  16. निदेशक बेसिक और सचिव बेसिक ने सभी तैयारी रखने के लिए बोल दिया है एस.सी.ई.आर.टी और डाइट को ६५/७०% वालों की काउंसलिंग के लिए , जिन्हे हमने ज्ञापन दिया था |
    सूत्र के अनुसार इन सब जगह हमें ज्ञापन पोस्ट करने होंगे सुप्रीम-कोर्ट के ऑर्डर की हिंदी अनुवाद के साथ ताकि इन्हे खुद को लगे की आवेदक सचेत हैं |

    ReplyDelete
  17. Sir 3rd counceling ki selected list kab ayegi? Sidadharth nagar ke diet ka phone number sir plz bataye.by mistake phon no kho gaya hai.plz help sir.

    ReplyDelete
    Replies
    1. I m also worried abt that matr...any one help us...giv us any informatn about sidharthnager diet....plz help us....

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    जाएँगी
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    जंजीरेँ ! ! ! !

    मेरे कदमों की आहट से बदल जाएँगी तकदीरेँ ! ! ! !
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    I miss you all the time..
    but I miss you most when I lay awake at night
    and think of the wonderful times we spent with each other...
    for those are some of the best times of my life. ( FEB & MAR )

    ReplyDelete
  19. जब बचपन था, तो जवानी एक ड्रीम था...
    जब जवान हुए, तो बचपन एक ज़माना था...
    जब घर में रहते थे, आज़ादी अच्छी लगती थी...
    आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है...
    कभी होटल में जाना भेलपुरी और पानी पूरी खाना पसंद था...
    आज घर पर आना और माँ के हाथ का खाना ही पसंद है...
    स्कूल में जिनके साथ झगड़ते थे, आज उनको ही इंटरनेट पे तलाशते है...
    ख़ुशी किसमे होतीं है, ये पता अब चला है...
    बचपन क्या था, इसका एहसास अब हुआ है...
    काश बदल सकते हम ज़िंदगी के कुछ साल..
    .काश जी सकते हम, ज़िंदगी फिर एक बार...
    जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
    और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
    अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
    जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
    वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
    सभी के बटन को एक साथ दबाने
    की कोशिश किया करते थे...
    जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
    ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..
    जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
    थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |
    सोचा करते थे की ये चाँद
    हमारे पीछे पीछे
    क्यों चल रहा हैं |
    वो लाइट On/Off वाले स्विच को बीच में अटकाने की कोशिश किया करते थे |
    फल के बीज को इस डर से नहीं खाते थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |
    बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
    ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |
    फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
    की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
    कैसे बंद होती हैं |
    सच , बचपन में सोचते हम बड़े
    क्यों नहीं हो रहे ?
    और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?
    ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो
    भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...
    मगर मुझको लौटा दो बचपन
    का सावन ....
    वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी....
    क्या सच में हम हर पल को जी भर के जी रहे ,या जीवन को अपनी ही जिंदगी में खोज रहे है....


    आदरणीय दोस्तोँ बताना जरूर , मेरे साथ साथ आपका मन भी हल्का हो जाएगा.

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  20. एक सामान्य वर्ग के गरीब छात्र का Narendra Modi, PMO Indiaके नाम खुला ख़त....


    आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी.....


    मै एक सामान्य वर्ग का छात्र हूँ , मेरे पिता का देहांत हो जाने की वजह से मेरी माँ को घर चलाने में बहुत दिक्कते आयीं। मैंने अपने गाँव के सरकारी स्कूल फिर कॉलेज में पढाई की। सरकारी स्कूल
    की फीस तक जुटाने में हमे हमेशा दिक्कत होती थी जबकि मैंने देखा की कुछ वर्ग विशेष के बच्चो को, आर्थिक रूप से संपन्न होने बावजूद भी, फीस माफ़ थी और वजीफा भी मिला करता था। मै पढ़ाई में अच्छा था। इंटरमीडिएट पास करने के बाद मैंने मेडिकल फील्ड चुना। एंट्रेंस एग्जाम के लिए फॉर्म खरीदा 650 रुपये का जबकि सौरभ भारतीय नाम के मेरे दोस्त को वही फॉर्म 250 का मिला। उसके पिता डॉक्टर हैं। एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट आया। सौरभ भारतीय का नंबर मेरे नंबर से काफी कम था, पर उसे सिलेक्शन मिल गया, मुझे नहीं। अगले साल मै भी सेलेक्ट हुआ। मैंने देखा की बहुत से पिछड़े जाति के लोग, अनुसूचित जाति के जनजाति के लोग जो हर मामले में मुझसे कहीं ज्यादा सुविधा संपन्न हैं, उनको मुझसे बहुत कम फीस देनी पड़ रही है। उनके स्कॉलरशिप्स भी मुझे मिल रही स्कालरशिप से बहुत ज्यादा है और उनका हॉस्टल फीस भी माफ़ है। इंटर्नशिप बीतने के बाद मुझे लगा की अब हम सब एक लेवल पर आ गए, अब कम्पटीशन बराबर का होगा। पर मै गलत था। पोस्टग्रेजुएशन के लिए प्रवेश परीक्षा में मेरा सहपाठी प्रकाश पासवान मुझसे काफी कम नंबर पाते हुए मुझसे बहुत अच्छी ब्रांच उठाता है।
    प्रधानमंत्री जी ऐसा नौकरी के वक़्त भी होगा।
    प्रधानमंत्री जी मैंने आजतक कोई भेदभाव नहीं किया। किसी को मंदिर में जाने से नहीं रोका, किसी को कुएं से पानी पीने से नहीं रोका, किसी से छुआछूत नहीं की, अरे हम सब लोग तो साथ साथ एक थाली में खाना खाते थे , इतिहास में किसने किया, क्या किया उस बात के लिए मै दोषी क्यों? मुझसे क्यूँ बदला लिया जा रहा है? मै तो खुद जीवन भर से जातीय भेदभाव का शिकार होता रहा हूँ। क्या ऐसे में मैं जातिवाद से दूर हो पाऊंगा? ऐसा मै इसलिए पूंछ रहा हूँ की जातिवाद ख़तम करने की बात हो रही है तो जाति के आधार पर दिए जा रहे आरक्षण के होते हुए जातिवाद ख़तम हो पायेगा? मुझे कतई बुरा नहीं लगेगा अगर किसी गरीब को इसका फायदा हो, लेकिन मैंने स्वयं देखा है की इसका 95
    प्रतिशत लाभ उन्ही को मिलता है जिन्हें इसकी जरुरत नहीं है। शिक्षित वर्ग से उम्मीद की जाती है की वो समाज को बटने से रोके। जातिगत आरक्षण खुद शिक्षित समाज को दो टुकड़े में बाँट रहा है।
    प्रधानमंत्री जी कम से कम इस बात की विवेचना तो होनी चाहिए की आरक्षण का कितना फायदा हुआ और किसको हुआ? अगर इसका लाभ गलत लोगों को मिला तो सही लोगों तक पहुचाया जाना चाहिए। और अगर लाभ नहीं हुआ तो इसका क्या फायदा, और अगर फायदा हुआ तो फिर 67 सालों बाद भी इसकी जरुरत क्यों बनी हुयी है?
    प्रधानमंत्री जी 'जाति के आधार पर दिया जा आरक्षण' साफ़ साफ़ योग्यता का हनन है, इससे हर वर्गकी गुणवत्ता प्रभावित हुयी है। अगर जातिगत आरक्षण इतना ही जरुरी है तो फ़ौज में, खेलों में, राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्ष के पद में, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पदों के लिए आरक्षण का प्रावधान क्यों नहीं किया जा रहा है।
    प्रधानमंत्री जी हमने आपको बहुत ही साहसिक फैसले लेते हुए देखा है। शुद्ध राजनीति से प्रभावित इस मुद्दे पर भी साहसिक फैसले की जरुरत है। उम्मीद सिर्फ आपसे है।
    आशा है की ये पत्र कभी आप तक पहुचे तो आप 'साहसी' बने रहेंगे।
    आपके देश का एक गरीब सामान्य वर्ग का छात्र....

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  21. देवीयों और सज्जनोँ
    मैने आप लोगों कि कितनी बार बताया है कि मेरिट वेरिट चक्कर मे न पड़कर आप लोगों को उससे भी ऊपर की जानकारी देना चाहता हूँ लेकिन आप लोग बस उसीमे लगे रहते हैं और मुझे भी उसी मे उलझाए रखते हैं अभी जो सुप्रीमकोर्ट ने मेरिट बताई है केवल उसी पर ध्यान रखो और मुझे भी रखने दो नही तो 2017 तक रिप्लेश/ओवरफ्लॉ/चयन सूची/कुशीनगर/लखीमपुर/बहराइच/ फर्जीवाड़ा/चंदा /हाई मेरिट लो मेरिट/ महिला /पुरुष कला /साइंस करते रह जाओगे और फिर अगली सरकार आपको (43 वर्ष होने पर) पूछेगी भी नही !
    और जहाँ जरूरत पड़े घर से निकलो अभी मै लखनऊ की 29 भी मीटिंग से यहीं पर हूँ और अब 5 की मीटिंग के बाद ही घर जाऊँगा
    तो मै केवल इतना कहना चाहता हूँ अगर आप लोग अपना काम नही कर सकते हो तो कम से कम मुझे अपना काम करने दो !
    अब जिन लोगों को मेरी ये बात समझ मे नही आएगी वो लोग मुझे गाली जरूर देंगे !
    धन्यवाद !

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  22. दोस्तोँ कितना अच्छा होता यदि सरकार सभी टेट पास
    को सहायक अध्यापक पद पर नियोजन के
    लिए कोई कारगर
    योजना लाती....यहाँ तो बस एक
    ही योजना रोज बनती है...कैसे भर्ती को आगे
    तक खींचा/रोका/रद्द किया जाये...और किस प्रकार से टेट
    पास नौजवानों को आपस में बाँट कर अपने
    उद्देश्यों को पूरा किया ....

    ReplyDelete
  23. कुछ मित्रो द्वारा 5 जनवरी को SCERT चलने की बात कही गयी है|
    ये इस लिए भी आवस्यक है की कुछ मित्र रोज कोई न कोई भ्रामक समाचार देते रहे है जिससे अपने कई मित्र भ्रम की स्थिति में आ जाते है|
    SCERT एवं शासन के समक्ष हमें निम्न मांगों को रखना होगा
    1-3rd काउंसलिंग तक के उन लोगो को जो आपकी रेप्लेसिन्ग व्यवस्था के कारन बाहर हुये है उन्हें शिक्षा मित्रो की रिक्त सीटो पे उसी जनपद में समायोजित कर दिया जाये जिस जनपद में उसने कॉउंसलिंग करायी है और ये समायोजन अगली कॉन्सलिंग से पहले किया जाये|
    2-3rd कॉन्सलिनग तक के सभी लोगो को नियुक्ति पत्र अविलंब दिया जाय क्योकि यदि ऐसा न हुआ तो रेप्लेसिंग की समस्या से लो मेरिट के लोग निरंतर जूझते रहेंगे और ये प्रक्रिया अनवरत जारी रहेगी|
    3-4rah counsling में शिक्षामित्रो की सीटो को समायोजित कर रिक्त पदों के सापेक्ष ही कॉउंसलिंग करायी जाये|
    4-माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश के उस पैराग्राफ का अनुपालन शब्दशः किया जाये जिसमे ये उल्लेख है की जिन अभ्यर्थियों ने tet मे 70%(gen),65%(rsrv) अंक पाये है उनकी भी कॉन्सलिनग करायी जाये और इसके लिए अविलंब किन जनपदों में vigyapit पदों से कितने ज्यादे पद है चिन्हित कर कराई जाये जिससे भविस्य में किसी भी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो|इसके साथ ही इन अभ्यर्थियों को 25 फ़रवरी से पूर्व नियुक्ति पत्र प्रदान किये जाये|
    इसके अतिरिक्त जो भी प्रमुख बिंदु हो सकते है उसे भी अपने मांग पत्र में अवस्य स्थान दे|
    जय टी ई टी

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