टीईटी के लिए 50 फीसदी अंक जरूरी (50 percent marks necessary for TET Uttrakhand)
देहरादून, जागरण ब्यूरो:
प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति में अड़ंगा हटाते हुए सरकार ने एनसीटीई की गाइडलाइन के मुताबिक अध्यापक पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर दी है। परीक्षा में पात्र अभ्यर्थी के लिए स्नातक स्तर पर 50 फीसदी अंक होने अनिवार्य हैं। परीक्षा पास करने को सामान्य वर्ग को 60 फीसदी और आरक्षित वर्गो को 50 फीसदी अंक लाने होंगे।
टीईटी को लेकर एनसीटीई के बीती 14 फरवरी को दिए गए निर्देशों के मुताबिक राज्य ने बहुप्रतीक्षित शासनादेश जारी किया है। राज्य में अपर प्राइमरी शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं है, लिहाजा टीईटी से कक्षा एक से पांचवीं तक के लिए ही शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि उत्ताराखंड बोर्ड साल में न्यूनतम एक बार यह परीक्षा आयोजित करेगा। परीक्षा में नकल या अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाएगी। शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया कि टीईटी उत्ताीर्ण अभ्यर्थी को नियुक्ति का अधिकार नहीं होगा। अलबत्ता, बतौर शिक्षक नियुक्ति के लिए यह आवश्यक योग्यता मात्र है।
परीक्षा में बैठने के लिए राज्य का स्थायी निवासी और अभ्यर्थी का नाम सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत होना अनिवार्य है। बीए, बीएससी में न्यूनतम 50 फीसदी प्राप्तांक के साथ बीएड, डीएड अथवा बीएड (विशेष शिक्षा) प्रशिक्षण उपाधि होना आवश्यक है। ऐसे अभ्यर्थी एक जनवरी, 2012 तक प्राइमरी शिक्षक की नियुक्ति के पात्र होंगे। परीक्षा बहुविकल्पी प्रश्नों पर आधारित होगी। डेढ़ घंटे की परीक्षा अवधि में 150 सवाल पूछे जाएंगे। बाल विकास एवं बाल मनोविज्ञान, भाषा प्रथम, भाषा द्वितीय, गणित और पर्यावरण अध्ययन के कुल पांच विषयों के प्रश्नों की संख्या 30-30 होगी। प्रत्येक सवाल एक अंक का होगा।
टीईटी में अभ्यर्थी एक से अधिक बार बैठ सकता है। उत्ताीर्ण अभ्यर्थी अपने अंक सुधारने को इस परीक्षा में शामिल हो सकेगा। परीक्षा प्रमाण पत्र की वैधता सात साल तय की गई है। इस अवधि में नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थी को दोबारा यह परीक्षा पास करनी पड़ेगी। परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी राज्य में संचालित सभी स्कूलों में नियुक्ति के पात्र होंगे। अन्य राज्यों में टीईटी पास अभ्यर्थियों को उत्ताराखंड में नियुक्ति की अनुमति नहीं होगी। परीक्षा के लिए बोर्ड सचिव नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। उन्हें हर साल एनसीटीई की बैठक में शिरकत करना होगा।
Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7552937.html
प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति में अड़ंगा हटाते हुए सरकार ने एनसीटीई की गाइडलाइन के मुताबिक अध्यापक पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर दी है। परीक्षा में पात्र अभ्यर्थी के लिए स्नातक स्तर पर 50 फीसदी अंक होने अनिवार्य हैं। परीक्षा पास करने को सामान्य वर्ग को 60 फीसदी और आरक्षित वर्गो को 50 फीसदी अंक लाने होंगे।
टीईटी को लेकर एनसीटीई के बीती 14 फरवरी को दिए गए निर्देशों के मुताबिक राज्य ने बहुप्रतीक्षित शासनादेश जारी किया है। राज्य में अपर प्राइमरी शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं है, लिहाजा टीईटी से कक्षा एक से पांचवीं तक के लिए ही शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि उत्ताराखंड बोर्ड साल में न्यूनतम एक बार यह परीक्षा आयोजित करेगा। परीक्षा में नकल या अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाएगी। शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया कि टीईटी उत्ताीर्ण अभ्यर्थी को नियुक्ति का अधिकार नहीं होगा। अलबत्ता, बतौर शिक्षक नियुक्ति के लिए यह आवश्यक योग्यता मात्र है।
परीक्षा में बैठने के लिए राज्य का स्थायी निवासी और अभ्यर्थी का नाम सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत होना अनिवार्य है। बीए, बीएससी में न्यूनतम 50 फीसदी प्राप्तांक के साथ बीएड, डीएड अथवा बीएड (विशेष शिक्षा) प्रशिक्षण उपाधि होना आवश्यक है। ऐसे अभ्यर्थी एक जनवरी, 2012 तक प्राइमरी शिक्षक की नियुक्ति के पात्र होंगे। परीक्षा बहुविकल्पी प्रश्नों पर आधारित होगी। डेढ़ घंटे की परीक्षा अवधि में 150 सवाल पूछे जाएंगे। बाल विकास एवं बाल मनोविज्ञान, भाषा प्रथम, भाषा द्वितीय, गणित और पर्यावरण अध्ययन के कुल पांच विषयों के प्रश्नों की संख्या 30-30 होगी। प्रत्येक सवाल एक अंक का होगा।
टीईटी में अभ्यर्थी एक से अधिक बार बैठ सकता है। उत्ताीर्ण अभ्यर्थी अपने अंक सुधारने को इस परीक्षा में शामिल हो सकेगा। परीक्षा प्रमाण पत्र की वैधता सात साल तय की गई है। इस अवधि में नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थी को दोबारा यह परीक्षा पास करनी पड़ेगी। परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी राज्य में संचालित सभी स्कूलों में नियुक्ति के पात्र होंगे। अन्य राज्यों में टीईटी पास अभ्यर्थियों को उत्ताराखंड में नियुक्ति की अनुमति नहीं होगी। परीक्षा के लिए बोर्ड सचिव नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। उन्हें हर साल एनसीटीई की बैठक में शिरकत करना होगा।
Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7552937.html