PM Narendra Modi शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में बोले प्रधानमंत्री- मां जन्मदाता, गुरु जीवनदाता
पीएम नरेंद्र मोदी बोले- बच्चों पर अपनी इच्छाएं न थोपे माता-पिता
यदि में क्लर्क भी बन जाता तो परिवार के लिए बड़ा अवसर होता
अपने 'शानदार' कपड़ों पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मेरे कपड़े डिजाइनर नहीं बनाते
प्रधानमंत्री ने कहा कि माता पिता का एक स्वभाव होता है कि जो काम वे खुद नहीं कर पाते, वे अपने बच्चों के माध्यम से कराना चाहते हैं। यह ठीक नहीं है। और यही सबसे बड़ी कठिनाई है। मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप अपने बच्चों को नहीं जानते, उनकी क्षमताओं को नहीं जानते। थोप देने से बच्चों को सफलता नहीं मिलती
पीएम ने अनामिका डे के सवाल, के जवाब में कहा कि मेरे नसीब में यह नहीं था। यदि में क्लर्क भी बन जाता तो परिवार के लिए बड़ा अवसर होता। मां बाप को अपने सपने बच्चों पर नहीं थोपना चाहिए। बच्चों को जो अच्छा लगता है उसमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए
रधानमंत्री ने कहा कि डा. राधाकृष्णन ने जीवन के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने के बावजूद भी अपने भीतर के शिक्षक को अमर बनाये रखा, उसे कभी मरने नहीं दिया। शिक्षक कभी उम्र में बंधा नहीं होता। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने आंगनवाड़ी में काम करने वाली एक महिला के कार्यो का जिक्र भी किया। प्रधानमंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की कला उत्सव पहल के जरिये बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे विषयों को नाटक एवं कला के माध्यम से आगे बढ़ाने का सुझाव दिया
समय शिक्षक के साथ बिताता है, शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता है। शिक्षक बच्चों में संस्कार गढ़ता है, कुम्हार की तरह शिक्षक भी बच्चों का जीवन संवारता है। सफल आदमी के पीछे शिक्षक का योगदान अधिक होता है। देश को बनाने वाले के पीछे शिक्षक होता है
शिक्षक दिवस के पूर्व मौके पर मानेकशॉ केंद्र में मोदी ने विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान यह बात कही। एक विद्यार्थी ने उनकी फैशन की समझ और इसके पीछे के शख्स के बारे में सवाल पूछा था। जवाब में उन्होंने कहा, "मुझे नहीं मालूम कि लोगों को ऐसा क्यों लगता है कि मेरा कोई फैशन डिजाइनर है जो मुझे एक खास तरह की स्टाइल देता है। मैं सहज और सामान्य दिखने वाले कपड़े पहनता हूं।"
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर अपने बचपन की बात बताई। उन्होंने बताया कि कैसे पूरी बांह वाले कुर्ते को उन्होंने आधी बांह के कुर्ते में बदल दिया था।
मोदी ने कहा, "मैं अपने कपड़े खुद धुलता था। पूरी बांह वाला कुर्ता धुलने में अधिक समय लगता था। इसलिए मैंने उसे आधी बांह का कर दिया। इससे मेरा काम आसान हो गया। उसके बाद तो मैं आधी बांह के कपड़े पहनने लगा।"
उन्होंने कहा कि गुजरात के मौसम में आधी बांह का कुर्ता उन्हें ठंडा रखता था और इसे कहीं ले जाना भी आसान होता था।
मोदी ने कहा कि उन्हें अच्छे तरीके से कपड़ा पहनना हमेशा से अच्छा लगता रहा है। वह एक गरीब परिवार के थे। कपड़ा इस्त्री कराने के लिए पैसे नहीं होते थे। इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने लोटे को ही इस्त्री बना दिया। लोटे में गर्म कोयला डालकर वह उसी से कपड़े पर इस्त्री कर लिया करते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि जैसा मौका हो, उस हिसाब से और अच्छे ढंग से कपड़े पहनने चाहिए।
उन्होंने बताया कि किस तरह वह अपने कैनवास के जूतों को सफेदी से चमकाया करते थे। उन्होंने कहा, "कक्षा में शिक्षकों के इस्तेमाल के बाद चाक के टुकड़े बच जाते थे। मैं उन्हीं को उठाकर ले आता था और उन्हीं से जूतों को सफेद किया करता था।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शिक्षक दिवस से एक दिन पूर्व देश भर के बच्चों और टीचरों को संबोधित किया। गौरतलब है कि हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शनिवार को जनमाष्टमी की छुट्टी की वजह से शिक्षक दिवस का कार्यक्रम शुक्रवार को ही मनाया जा रहा है।
दिल्ली के मानेकशॉ ऑडिटोरियम में बच्चों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षक की पहचान विद्यार्थी से होती है। बच्चों को बनाने में मां और शिक्षक का योगदान होता है। उन्होंने कहा कि मां जन्म देती है और गुरु जीवन देता है। आज का ये वक्त शिक्षकों को स्मरण करने का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षक की सिखाई बात जीवनभर याद रहती है। शिक्षक और विद्यार्थी के बीच अपनत्व होना चाहिये। विद्यार्थी सबसे अधिक समय शिक्षक के साथ बिताते हैं। शिक्षक कभी रिटायर्ड नहीं होता और बच्चों में संस्कार गढ़ता है। एक कुम्हार की तरह वह बच्चों का जीवन संवारता है। सफल आदमी के पीछे शिक्षक का हाथ होता है। डॉ. कलाम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त होते ही पढ़ाना शुरू कर दिया था।
इससे पहले, इस मौके पर पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति, शिक्षाविद, अध्यापक और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में 125 रुपये का स्मारक सिक्का और 10 रुपये का परिचालन में रहने वाला सिक्का भी जारी किया। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी इस परिसंवाद कार्यक्रम में मौजूद हैं। उल्लेखनीय है कि मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का शिक्षक दिवस के मौके पर यह दूसरा कार्यक्रम है
इससे पहले, इस मौके पर पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति एवं शिक्षाविद, अध्यापक एवं दार्शनिक डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में 125 रुपये का स्मारक सिक्का और 10 रुपये का परिचालन में रहने वाला सिक्का भी जारी किया। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी इस परिसंवाद कार्यक्रम में मौजूद थीं। जिक्र योग्य है कि मोदी के मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से शिक्षक दिवस के मौके पर यह दूसरा कार्यक्रम है।
* भारतीय कपड़ों को बढ़ावा देने का ख्याल कैसे आया? इसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं किसी फैशन डिजाइनर को नहीं जानता। लंबा कुर्ता ज्यादा जगह घेरता था। इसलिए इसकी बांह मैंने खुद काटी। अच्छी तरह से रहने का स्वभाव बचपन से। कैनवास जूतों को चमकाने के लिए चॉक घिसता था।
* जाफपुरकलां की पूर्जा शर्मा के सवाल, योग दिवस का विचार कैसे आया, के जवाब में पीएम ने कहा कि आजकल के माता-पिता बहुत व्यस्त। दुनिया को योग का महत्व पता है। 177 देशों ने योग को प्रोत्साहित किया। हर कोई मुझसे योग के महत्व के बारे में पूछता। 21 जून सबसे लंबा दिन, इसलिए योग दिवस के लिए चुना।
* पीएम ने अनामिका डे के सवाल, के जवाब में कहा कि मेरे नसीब में यह नहीं था। यदि में क्लर्क भी बन जाता तो परिवार के लिए बड़ा अवसर होता। मां बाप को अपने सपने बच्चों पर नहीं थोपना चाहिए। बच्चों को जो अच्छा लगता है उसमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
* पुष्प विहार की श्रेया सिंह के सवाल, आपने बोलने की कला कैसे विकसित की, के जवाब में कहा कि अगर आप एक अच्छे श्रोता हैं तो आपको धीरे धीरे ग्रहण हो जाएगा और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। दूसरों की हंसी की चिंता न करें। इन दिनों आप गूगल गुरु के विद्यार्थी हैं। यूट्यूब पर भी स्पीच सुनें। मैं कागज पर इसलिए नहीं लिखता क्योंकि गड़बड़ हो जाती है।
* आपको साहित्य में रुचि कैसे हुई, सवाल के जवाब में कहा कि हर इंसान में कविता का वास होता है। मैं अपने लिखे को कविता नहीं मानता। दुनिया के अपने अनुभव को कागज पर उतारा।
* श्रीनगर की राबिया नजीर के सवाल बचपन में आपको क्या आकर्षित करता था, के जवाब में कहा कि मैं परिवार के काम में समय लगाता था। चीजों को बारीकी से समझता था। मेरा ध्यान क्लास से बाहर ज्यादा था।
* बोकारो की अंशिका के सवाल, सफलता की रेसिपी के जवाब में कहा कि विफलता को कभी भी सपनों का कब्रिस्तान नहीं बनने देना चाहिए। जो विफलता से सीखे वही सफल होता है। विफलता की ओर देखने का दृष्टिकोण सफलता की ओर ले जाता है। दुनिया में कोई ऐसा नहीं जो कभी विफल नहीं हुआ है। बच्चों को पोलिएना किताब पढ़ना चाहिए। इसमें सफलता की सीख। मन में ठान लेने से सफलता मिलती है।
* बेंगलुरु के एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा कि देश में अच्छे शिक्षकों की कमी नहीं। बच्चों के माध्यम से मैं शिक्षकों को देखता हूं। आज के युवा शिक्षक क्यों नहीं बनना चाहते? आज के कार्यक्रम से शिक्षकों को प्रेरणा। शिक्षा का पेशा पीढ़ियां तैयार करता है। आईएएस, आईपीएस साल में 100 घंटे पढ़़ाए।
* तमिलनाडु की के विशालिनी के सवाल, देश की सेवा हम कैसे कर सकते हैं, के जवाब में कहा कि देश की सेवा के लिए बड़ी-बड़ी चीजें नहीं करनी होती है। छोटी छोटी चीजों से देश की सेवा की जा सकती है। बिजली बचाना, भोजन बचाना, पढ़ना सिखाना भी देश की सेवा है। सिर्फ नेता बनना या फौजी बनना ही देश की सेवा नहीं।
* पटना के अनमोल के सवाल, प्रतियोगी परीक्षाओं से स्कूल की पढ़ाई पर असर और उससे कैसे बचें, के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलाव लाने की कोशिश कर रहा हूं। कैरेक्टर सर्टिफिकेट बांटना अब खानापूर्ति बन रहा है। कैरेक्टर सर्टिफिकेट की जगह अब एप्टिट्यूड सर्टिफिकेट दें। इसमें छात्र के मित्र योगदान दें।
* बेंगलुरु की अनुपमा और उनकी टीम के प्रश्न, स्वच्छ भारत के अभियान की चुनौतियों संबंधी प्रश्न के उत्तर में पीएम ने कहा कि यह अभियान हमारे स्वभाव से जुड़ा। नेता की बात की हर कोई आलोचना करता है लेकिन इसकी सभी तारीफ कर रहे हैं। मीडिया ने कमाई छोड़कर सफाई अभियान को जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। वेस्ट आज की तारीख में बहुत बड़ा बिजनेस है। गांवों में भी गंदे पानी का निकाल बड़ी समस्या, यह हो गया तो बाकी सब तो फर्टिलाइजर बन जाता है।
* गोवा की सोनिया निलप्पा पाटिल के प्रश्न, आपको कौन सा खेल पसंद है, के जवाब में कहा कि लड़कियों के खेल में आगे बढ़ने में मां की भूमिका अहम। राजनीति वाले क्या खेल खेल सकते हैं यह सबको पता है। पेड़ पर चढ़ जाना, लटक जाना, कबड्डी खो-खो मेरे खेल। तैराकी, योगा मेरे शौक। मैं सुबह पांच बजे व्यायाम शाला जाता था।
* उत्तराखंड के सार्थक भारद्वाज के सवाल बिना बिजली डिजिटल इंडिया का सपना पूरा कैसे होगा, के जवाब में पीएम ने कहा कि मैं सरकारी अधिकारियों के पीछे लगा हूं कि एक हजार दिन में 18000 गांवों में बिजली पहुंचानी है। 2022 तक 24 घंटे बिजली का लक्ष्य। बिजली नहीं है तो सोलर सिस्टम से भी यह किया जा सकता है। डिजिटल इंडिया सशक्तिकरण का मिशन। इसमें बिजली कभी रुकावट नहीं बनेगी।
* मणिपुर की एक छात्रा के सवाल राजनेता बनने के लिए क्या करें के जवाब में कहा कि देश में राजनीतिक जीवन की इतनी बदनामी हो चुकी है कि लोगों को लगता है कि यहां जाना ही नहीं चाहिए। इसका बहुत नुकसान हुआ। यहां सभी क्षेत्रों के लोगों को आना चाहिए। नेता क्यों बनें यह समझना जरूरी। खुद में नेतृत्व क्षमता विकसित करें।
* एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि बड़ा बनने का बड़ा नुकसान होता है। जीवन किसी एक के कारण नहीं बनता। लोग हमें कुछ न कुछ देकर ही जाते हैं। मेरा स्वभाव बचपन से ही जिज्ञासु रहा। इसका मुझे फायदा किया।मेरे गांव में अच्छी लाइब्रेरी थी। विवेकानंद को पढ़ा।
* हमारा काम है पीढ़ियों को पढ़ाना,पीढ़ियों को बढ़ाना।
* संस्कार और अपनत्व का महत्व।
* बालक मन जितना सिखा सकता है, उतना कोई नहीं सिखा सकता।
* घटनाओं का सही चित्रण बालकों के मन में।
* सभी स्कूल खुद को इससे जोड़ेंगे।
* कला उत्सव में एक कल्पना है।
* आज कला उत्सव की वेबसाइट का शुभारंभ भी किया।
* अपनी पुरानी साड़ी से बच्चों को सिखाया।
* पीएम ने सुनाई टीचर की कहानी।
* शिक्षक देश को बनाते हैं।
* शिक्षा दूसरे व्यवसायों से अलग है।
* 100 डॉक्टर बनाने वाले शिक्षक को याद नहीं किया जाता।
* शिक्षक में विद्यार्थियों के प्रति भक्ति भाव होना चाहिए।
* टीचर कुम्हार की तरह एक-एक बच्चे को संवारता है
* विद्यार्थी और शिक्षक की जोड़ी जीने की कला सिखाती है, सपने संजोती है।
* शिक्षक को यादगार छात्र पर लिखना चाहिए।
* कलाम ने पढ़ाते-पढ़ाते शरीर छोड़ा।
* कलाम अंतिम समय तक बच्चों के बीच रहे।
* डॉ. कलाम चाहते थे कि उन्हें हमेशा एक शिक्षक के रूप में याद रखा जाए।
* डॉ. कलाम ने राष्ट्रपति पद छोड़ते ही पढ़ाना शुरू कर दिया।
* हमने राधाकृष्णन को तो नहीं डॉ. अब्दुल कलाम को तो देखा है।
* डॉ. राधाकृष्णन के भीतर हमेशा शिक्षक रहा।
* शिक्षक कभी उम्र के बंधन में नहीं बंधता। वह कभी रिटायर नहीं होता।
* बालक का सबसे ज्यादा समय शिक्षक के साथ बीतता है।
* मां जीवन देती है और गुरु जीवन देता है।
* शिक्षक पर बड़ा दायित्व
* वह अपने पराक्रम से अपने गुरुजनों का नाम रोशन करता है।
* शिक्षक की पहचान विद्धार्थी होता है।
* कल कृष्ण के साथ राधाकृष्ण का भी जन्मदिन।
* मोदी ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर 10 रुपए का सिक्का जारी किया।
* स्मृति ईरानी ने कहा, साल भर पहले एक नई शुरुआत हुई।
* संकल्प को विश्वास में बदला।
* कुछ ही देर में करेंगे छात्रों से बात करेंगे मोदी।
* शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी के साथ पीएम मोदी मंच पर पहुंचे।
UPTET / टीईटी / TET - Teacher EligibilityTest Updates / Teacher Recruitment / शिक्षक भर्ती / SARKARI NAUKRI NEWS
UP-TET 2011, 72825 Teacher Recruitment,Teacher Eligibility Test (TET), 72825 teacher vacancy in up latest news join blog , UPTET , SARKARI NAUKRI NEWS, SARKARI NAUKRI
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com
http://joinuptet.blogspot.com
UPTET 72825 Latest Breaking News Appointment / Joining Letter | Join UPTET Uptet | Uptet news | 72825 Primary Teacher Recruitment Uptet Latest News | 72825 Teacher Recruitment Uptet Breaking News | 72825 Primary Teacher Recruitment Uptet Fastest News | Uptet Result 2014 | Only4uptet | 72825 Teacher Recruitment Uptet News Hindi | 72825 Teacher Recruitment Uptet Merit cutoff/counseling Rank District-wise Final List / th Counseling Supreme Court Order Teacher Recruitment / UPTET 72825 Appointment Letter on 19 January 2015A | 29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment,
CTET, TEACHER ELIGIBILITY TEST (TET), NCTE, RTE, UPTET, HTET, JTET / Jharkhand TET, OTET / Odisha TET ,
Rajasthan TET / RTET, BETET / Bihar TET, PSTET / Punjab State Teacher Eligibility Test, West Bengal TET / WBTET, MPTET / Madhya Pradesh TET, ASSAM TET / ATET
, UTET / Uttrakhand TET , GTET / Gujarat TET , TNTET / Tamilnadu TET , APTET / Andhra Pradesh TET , CGTET / Chattisgarh TET, HPTET / Himachal Pradesh TET
पीएम नरेंद्र मोदी बोले- बच्चों पर अपनी इच्छाएं न थोपे माता-पिता
यदि में क्लर्क भी बन जाता तो परिवार के लिए बड़ा अवसर होता
अपने 'शानदार' कपड़ों पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मेरे कपड़े डिजाइनर नहीं बनाते
प्रधानमंत्री ने कहा कि माता पिता का एक स्वभाव होता है कि जो काम वे खुद नहीं कर पाते, वे अपने बच्चों के माध्यम से कराना चाहते हैं। यह ठीक नहीं है। और यही सबसे बड़ी कठिनाई है। मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप अपने बच्चों को नहीं जानते, उनकी क्षमताओं को नहीं जानते। थोप देने से बच्चों को सफलता नहीं मिलती
पीएम ने अनामिका डे के सवाल, के जवाब में कहा कि मेरे नसीब में यह नहीं था। यदि में क्लर्क भी बन जाता तो परिवार के लिए बड़ा अवसर होता। मां बाप को अपने सपने बच्चों पर नहीं थोपना चाहिए। बच्चों को जो अच्छा लगता है उसमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए
रधानमंत्री ने कहा कि डा. राधाकृष्णन ने जीवन के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने के बावजूद भी अपने भीतर के शिक्षक को अमर बनाये रखा, उसे कभी मरने नहीं दिया। शिक्षक कभी उम्र में बंधा नहीं होता। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने आंगनवाड़ी में काम करने वाली एक महिला के कार्यो का जिक्र भी किया। प्रधानमंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की कला उत्सव पहल के जरिये बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे विषयों को नाटक एवं कला के माध्यम से आगे बढ़ाने का सुझाव दिया
समय शिक्षक के साथ बिताता है, शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता है। शिक्षक बच्चों में संस्कार गढ़ता है, कुम्हार की तरह शिक्षक भी बच्चों का जीवन संवारता है। सफल आदमी के पीछे शिक्षक का योगदान अधिक होता है। देश को बनाने वाले के पीछे शिक्षक होता है
शिक्षक दिवस के पूर्व मौके पर मानेकशॉ केंद्र में मोदी ने विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान यह बात कही। एक विद्यार्थी ने उनकी फैशन की समझ और इसके पीछे के शख्स के बारे में सवाल पूछा था। जवाब में उन्होंने कहा, "मुझे नहीं मालूम कि लोगों को ऐसा क्यों लगता है कि मेरा कोई फैशन डिजाइनर है जो मुझे एक खास तरह की स्टाइल देता है। मैं सहज और सामान्य दिखने वाले कपड़े पहनता हूं।"
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर अपने बचपन की बात बताई। उन्होंने बताया कि कैसे पूरी बांह वाले कुर्ते को उन्होंने आधी बांह के कुर्ते में बदल दिया था।
मोदी ने कहा, "मैं अपने कपड़े खुद धुलता था। पूरी बांह वाला कुर्ता धुलने में अधिक समय लगता था। इसलिए मैंने उसे आधी बांह का कर दिया। इससे मेरा काम आसान हो गया। उसके बाद तो मैं आधी बांह के कपड़े पहनने लगा।"
उन्होंने कहा कि गुजरात के मौसम में आधी बांह का कुर्ता उन्हें ठंडा रखता था और इसे कहीं ले जाना भी आसान होता था।
मोदी ने कहा कि उन्हें अच्छे तरीके से कपड़ा पहनना हमेशा से अच्छा लगता रहा है। वह एक गरीब परिवार के थे। कपड़ा इस्त्री कराने के लिए पैसे नहीं होते थे। इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने लोटे को ही इस्त्री बना दिया। लोटे में गर्म कोयला डालकर वह उसी से कपड़े पर इस्त्री कर लिया करते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि जैसा मौका हो, उस हिसाब से और अच्छे ढंग से कपड़े पहनने चाहिए।
उन्होंने बताया कि किस तरह वह अपने कैनवास के जूतों को सफेदी से चमकाया करते थे। उन्होंने कहा, "कक्षा में शिक्षकों के इस्तेमाल के बाद चाक के टुकड़े बच जाते थे। मैं उन्हीं को उठाकर ले आता था और उन्हीं से जूतों को सफेद किया करता था।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शिक्षक दिवस से एक दिन पूर्व देश भर के बच्चों और टीचरों को संबोधित किया। गौरतलब है कि हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शनिवार को जनमाष्टमी की छुट्टी की वजह से शिक्षक दिवस का कार्यक्रम शुक्रवार को ही मनाया जा रहा है।
दिल्ली के मानेकशॉ ऑडिटोरियम में बच्चों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षक की पहचान विद्यार्थी से होती है। बच्चों को बनाने में मां और शिक्षक का योगदान होता है। उन्होंने कहा कि मां जन्म देती है और गुरु जीवन देता है। आज का ये वक्त शिक्षकों को स्मरण करने का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षक की सिखाई बात जीवनभर याद रहती है। शिक्षक और विद्यार्थी के बीच अपनत्व होना चाहिये। विद्यार्थी सबसे अधिक समय शिक्षक के साथ बिताते हैं। शिक्षक कभी रिटायर्ड नहीं होता और बच्चों में संस्कार गढ़ता है। एक कुम्हार की तरह वह बच्चों का जीवन संवारता है। सफल आदमी के पीछे शिक्षक का हाथ होता है। डॉ. कलाम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त होते ही पढ़ाना शुरू कर दिया था।
इससे पहले, इस मौके पर पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति, शिक्षाविद, अध्यापक और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में 125 रुपये का स्मारक सिक्का और 10 रुपये का परिचालन में रहने वाला सिक्का भी जारी किया। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी इस परिसंवाद कार्यक्रम में मौजूद हैं। उल्लेखनीय है कि मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का शिक्षक दिवस के मौके पर यह दूसरा कार्यक्रम है
इससे पहले, इस मौके पर पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति एवं शिक्षाविद, अध्यापक एवं दार्शनिक डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में 125 रुपये का स्मारक सिक्का और 10 रुपये का परिचालन में रहने वाला सिक्का भी जारी किया। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी इस परिसंवाद कार्यक्रम में मौजूद थीं। जिक्र योग्य है कि मोदी के मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से शिक्षक दिवस के मौके पर यह दूसरा कार्यक्रम है।
* भारतीय कपड़ों को बढ़ावा देने का ख्याल कैसे आया? इसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं किसी फैशन डिजाइनर को नहीं जानता। लंबा कुर्ता ज्यादा जगह घेरता था। इसलिए इसकी बांह मैंने खुद काटी। अच्छी तरह से रहने का स्वभाव बचपन से। कैनवास जूतों को चमकाने के लिए चॉक घिसता था।
* जाफपुरकलां की पूर्जा शर्मा के सवाल, योग दिवस का विचार कैसे आया, के जवाब में पीएम ने कहा कि आजकल के माता-पिता बहुत व्यस्त। दुनिया को योग का महत्व पता है। 177 देशों ने योग को प्रोत्साहित किया। हर कोई मुझसे योग के महत्व के बारे में पूछता। 21 जून सबसे लंबा दिन, इसलिए योग दिवस के लिए चुना।
* पीएम ने अनामिका डे के सवाल, के जवाब में कहा कि मेरे नसीब में यह नहीं था। यदि में क्लर्क भी बन जाता तो परिवार के लिए बड़ा अवसर होता। मां बाप को अपने सपने बच्चों पर नहीं थोपना चाहिए। बच्चों को जो अच्छा लगता है उसमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
* पुष्प विहार की श्रेया सिंह के सवाल, आपने बोलने की कला कैसे विकसित की, के जवाब में कहा कि अगर आप एक अच्छे श्रोता हैं तो आपको धीरे धीरे ग्रहण हो जाएगा और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। दूसरों की हंसी की चिंता न करें। इन दिनों आप गूगल गुरु के विद्यार्थी हैं। यूट्यूब पर भी स्पीच सुनें। मैं कागज पर इसलिए नहीं लिखता क्योंकि गड़बड़ हो जाती है।
* आपको साहित्य में रुचि कैसे हुई, सवाल के जवाब में कहा कि हर इंसान में कविता का वास होता है। मैं अपने लिखे को कविता नहीं मानता। दुनिया के अपने अनुभव को कागज पर उतारा।
* श्रीनगर की राबिया नजीर के सवाल बचपन में आपको क्या आकर्षित करता था, के जवाब में कहा कि मैं परिवार के काम में समय लगाता था। चीजों को बारीकी से समझता था। मेरा ध्यान क्लास से बाहर ज्यादा था।
* बोकारो की अंशिका के सवाल, सफलता की रेसिपी के जवाब में कहा कि विफलता को कभी भी सपनों का कब्रिस्तान नहीं बनने देना चाहिए। जो विफलता से सीखे वही सफल होता है। विफलता की ओर देखने का दृष्टिकोण सफलता की ओर ले जाता है। दुनिया में कोई ऐसा नहीं जो कभी विफल नहीं हुआ है। बच्चों को पोलिएना किताब पढ़ना चाहिए। इसमें सफलता की सीख। मन में ठान लेने से सफलता मिलती है।
* बेंगलुरु के एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा कि देश में अच्छे शिक्षकों की कमी नहीं। बच्चों के माध्यम से मैं शिक्षकों को देखता हूं। आज के युवा शिक्षक क्यों नहीं बनना चाहते? आज के कार्यक्रम से शिक्षकों को प्रेरणा। शिक्षा का पेशा पीढ़ियां तैयार करता है। आईएएस, आईपीएस साल में 100 घंटे पढ़़ाए।
* तमिलनाडु की के विशालिनी के सवाल, देश की सेवा हम कैसे कर सकते हैं, के जवाब में कहा कि देश की सेवा के लिए बड़ी-बड़ी चीजें नहीं करनी होती है। छोटी छोटी चीजों से देश की सेवा की जा सकती है। बिजली बचाना, भोजन बचाना, पढ़ना सिखाना भी देश की सेवा है। सिर्फ नेता बनना या फौजी बनना ही देश की सेवा नहीं।
* पटना के अनमोल के सवाल, प्रतियोगी परीक्षाओं से स्कूल की पढ़ाई पर असर और उससे कैसे बचें, के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलाव लाने की कोशिश कर रहा हूं। कैरेक्टर सर्टिफिकेट बांटना अब खानापूर्ति बन रहा है। कैरेक्टर सर्टिफिकेट की जगह अब एप्टिट्यूड सर्टिफिकेट दें। इसमें छात्र के मित्र योगदान दें।
* बेंगलुरु की अनुपमा और उनकी टीम के प्रश्न, स्वच्छ भारत के अभियान की चुनौतियों संबंधी प्रश्न के उत्तर में पीएम ने कहा कि यह अभियान हमारे स्वभाव से जुड़ा। नेता की बात की हर कोई आलोचना करता है लेकिन इसकी सभी तारीफ कर रहे हैं। मीडिया ने कमाई छोड़कर सफाई अभियान को जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। वेस्ट आज की तारीख में बहुत बड़ा बिजनेस है। गांवों में भी गंदे पानी का निकाल बड़ी समस्या, यह हो गया तो बाकी सब तो फर्टिलाइजर बन जाता है।
* गोवा की सोनिया निलप्पा पाटिल के प्रश्न, आपको कौन सा खेल पसंद है, के जवाब में कहा कि लड़कियों के खेल में आगे बढ़ने में मां की भूमिका अहम। राजनीति वाले क्या खेल खेल सकते हैं यह सबको पता है। पेड़ पर चढ़ जाना, लटक जाना, कबड्डी खो-खो मेरे खेल। तैराकी, योगा मेरे शौक। मैं सुबह पांच बजे व्यायाम शाला जाता था।
* उत्तराखंड के सार्थक भारद्वाज के सवाल बिना बिजली डिजिटल इंडिया का सपना पूरा कैसे होगा, के जवाब में पीएम ने कहा कि मैं सरकारी अधिकारियों के पीछे लगा हूं कि एक हजार दिन में 18000 गांवों में बिजली पहुंचानी है। 2022 तक 24 घंटे बिजली का लक्ष्य। बिजली नहीं है तो सोलर सिस्टम से भी यह किया जा सकता है। डिजिटल इंडिया सशक्तिकरण का मिशन। इसमें बिजली कभी रुकावट नहीं बनेगी।
* मणिपुर की एक छात्रा के सवाल राजनेता बनने के लिए क्या करें के जवाब में कहा कि देश में राजनीतिक जीवन की इतनी बदनामी हो चुकी है कि लोगों को लगता है कि यहां जाना ही नहीं चाहिए। इसका बहुत नुकसान हुआ। यहां सभी क्षेत्रों के लोगों को आना चाहिए। नेता क्यों बनें यह समझना जरूरी। खुद में नेतृत्व क्षमता विकसित करें।
* एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि बड़ा बनने का बड़ा नुकसान होता है। जीवन किसी एक के कारण नहीं बनता। लोग हमें कुछ न कुछ देकर ही जाते हैं। मेरा स्वभाव बचपन से ही जिज्ञासु रहा। इसका मुझे फायदा किया।मेरे गांव में अच्छी लाइब्रेरी थी। विवेकानंद को पढ़ा।
* हमारा काम है पीढ़ियों को पढ़ाना,पीढ़ियों को बढ़ाना।
* संस्कार और अपनत्व का महत्व।
* बालक मन जितना सिखा सकता है, उतना कोई नहीं सिखा सकता।
* घटनाओं का सही चित्रण बालकों के मन में।
* सभी स्कूल खुद को इससे जोड़ेंगे।
* कला उत्सव में एक कल्पना है।
* आज कला उत्सव की वेबसाइट का शुभारंभ भी किया।
* अपनी पुरानी साड़ी से बच्चों को सिखाया।
* पीएम ने सुनाई टीचर की कहानी।
* शिक्षक देश को बनाते हैं।
* शिक्षा दूसरे व्यवसायों से अलग है।
* 100 डॉक्टर बनाने वाले शिक्षक को याद नहीं किया जाता।
* शिक्षक में विद्यार्थियों के प्रति भक्ति भाव होना चाहिए।
* टीचर कुम्हार की तरह एक-एक बच्चे को संवारता है
* विद्यार्थी और शिक्षक की जोड़ी जीने की कला सिखाती है, सपने संजोती है।
* शिक्षक को यादगार छात्र पर लिखना चाहिए।
* कलाम ने पढ़ाते-पढ़ाते शरीर छोड़ा।
* कलाम अंतिम समय तक बच्चों के बीच रहे।
* डॉ. कलाम चाहते थे कि उन्हें हमेशा एक शिक्षक के रूप में याद रखा जाए।
* डॉ. कलाम ने राष्ट्रपति पद छोड़ते ही पढ़ाना शुरू कर दिया।
* हमने राधाकृष्णन को तो नहीं डॉ. अब्दुल कलाम को तो देखा है।
* डॉ. राधाकृष्णन के भीतर हमेशा शिक्षक रहा।
* शिक्षक कभी उम्र के बंधन में नहीं बंधता। वह कभी रिटायर नहीं होता।
* बालक का सबसे ज्यादा समय शिक्षक के साथ बीतता है।
* मां जीवन देती है और गुरु जीवन देता है।
* शिक्षक पर बड़ा दायित्व
* वह अपने पराक्रम से अपने गुरुजनों का नाम रोशन करता है।
* शिक्षक की पहचान विद्धार्थी होता है।
* कल कृष्ण के साथ राधाकृष्ण का भी जन्मदिन।
* मोदी ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर 10 रुपए का सिक्का जारी किया।
* स्मृति ईरानी ने कहा, साल भर पहले एक नई शुरुआत हुई।
* संकल्प को विश्वास में बदला।
* कुछ ही देर में करेंगे छात्रों से बात करेंगे मोदी।
* शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी के साथ पीएम मोदी मंच पर पहुंचे।
UPTET / टीईटी / TET - Teacher EligibilityTest Updates / Teacher Recruitment / शिक्षक भर्ती / SARKARI NAUKRI NEWS
UP-TET 2011, 72825 Teacher Recruitment,Teacher Eligibility Test (TET), 72825 teacher vacancy in up latest news join blog , UPTET , SARKARI NAUKRI NEWS, SARKARI NAUKRI
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com
http://joinuptet.blogspot.com
UPTET 72825 Latest Breaking News Appointment / Joining Letter | Join UPTET Uptet | Uptet news | 72825 Primary Teacher Recruitment Uptet Latest News | 72825 Teacher Recruitment Uptet Breaking News | 72825 Primary Teacher Recruitment Uptet Fastest News | Uptet Result 2014 | Only4uptet | 72825 Teacher Recruitment Uptet News Hindi | 72825 Teacher Recruitment Uptet Merit cutoff/counseling Rank District-wise Final List / th Counseling Supreme Court Order Teacher Recruitment / UPTET 72825 Appointment Letter on 19 January 2015A | 29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment,
CTET, TEACHER ELIGIBILITY TEST (TET), NCTE, RTE, UPTET, HTET, JTET / Jharkhand TET, OTET / Odisha TET ,
Rajasthan TET / RTET, BETET / Bihar TET, PSTET / Punjab State Teacher Eligibility Test, West Bengal TET / WBTET, MPTET / Madhya Pradesh TET, ASSAM TET / ATET
, UTET / Uttrakhand TET , GTET / Gujarat TET , TNTET / Tamilnadu TET , APTET / Andhra Pradesh TET , CGTET / Chattisgarh TET, HPTET / Himachal Pradesh TET