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Monday, July 23, 2012

UP govt order on teachers' appointment


UP govt order on teachers' appointment


http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
http://joinuptet.blogspot.com/


Lucknow, Jul 23 (PTI) Uttar Pradesh government today decided to appoint Teachers' Eligibility Test (TET) passouts and Siksha Mitra (adhoc primary teachers) in government schools.

The decision was taken at a meeting of the state cabinet chaired by Chief Minister Akhilesh Yadav.

TET examinations held during the previous Mayawati regime were mired in controversy after arrest of Director Secondary Education Sanjay Mohan for allegedly manipulating the list of passouts.

News Source : http://www.ptinews.com/news/2816667_UP-govt-order-on-teachers--appointment
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Uttar Pradesh government today decided to appoint Teachers' Eligibility Test (TET) passouts and Siksha Mitra (adhoc primary teachers) in government schools.

The decision was taken at a meeting of the state cabinet chaired by Chief Minister Akhilesh Yadav.

TET examinations held during the previous Mayawati regime were mired in controversy after arrest of Director Secondary Education Sanjay Mohan for allegedly manipulating the list of passouts.

The TET aspirants were holding agitations since then demanding that the examination should not be cancelled and those who had cleared it should be appointed as teachers.
The candidates, who cleared TET 2011, could now be appointed as teachers in schools run by Basic Education Department and aided and private schools, an official release said.

The cabinet also decided to appoint Siksha Mitra as assistant teachers in primary schools after two years of training through distance learning. Earlier, they were working in primary schools on adhoc basis on a fixed honorarium. As many as 1.24 lakh eligible Siksha Mitra holding bachelor degree would be provided training in two phases.



News Source : http://www.business-standard.com/generalnews/news/up-govt-orderteachers-appointment/35842/ / Business Standard (23.7.12)
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UPTET 2011 is now safe and not cancelled.However selection process is in state of confusion in many candidates' mind.


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About UPTET 2011

About UPTET 2011


http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
http://joinuptet.blogspot.com/

As per info circulated on FB (by Ms. Sarika,)  And after reading Hindustan Epaper(23.7.12), Page No. 11,
 I found following : -



News Source : http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx ( Lucknow Edition , 23.7.12, Pg No. 11)
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However , today in cabinet meeting a great relief to TET candidates is given for NOT cancelling TET examination, And alternative solution is going to search to recruit UPTET 2011 candidates.


Hope  for a positive decision for recruitment arrive shortly and life of all candidates fill with Cheer & Joy.

Please do not fight, OR abuses to anybody for base of selection. Always put valid points.And keep hope in life.

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UPTET : टीईटी परीक्षा कैंसिल नहीं होगी


UPTET :  टीईटी परीक्षा कैंसिल नहीं होगी


अखिलेश ने पलटा मायावती का फैसला, 8 जिलों के नाम बदले

कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि छत्रपति साहू जी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय का नाम वापस से पुराना ही होगा। इसे केजीएमयू कहा जाएगा। वहीं बैठक में फैसला लिया गया कि टीईटी परीक्षा कैंसिल नहीं होगी। इस टीईटी को सिर्फ अर्हता टेस्ट माना जाएगा

News Source : http://khabar.ibnlive.in.com/news/77774/1 / IBN Live (23.7.2012)
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 मंत्रिमंडल ने इसके साथ ही शिक्षक पात्रता परीक्षा (ट्रीईटी) के परिणाम को रद्द करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। राज्य सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए कोई वैकल्पिक इन्तजाम करेगी



News Source : http://www.livehindustan.com/news/location/rajwarkhabre/article1-UP-Sp--39-0-244821.html / Live Hindustan (23.7.12)
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Good News for UPTET 2011 candidates, UPTET 2011 will NOT cancelled.


However selection base is NOT clear, But be positive and grateful for Government.
Future of TET candidates is saved, And may be shortly candidates will have joining letter.


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UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों की हुंकार हमारी नियुक्ति करे सरकार


UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों की हुंकार हमारी नियुक्ति करे सरकार




टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने सरकार को चेताया है कि यदि उनकी नियुक्ति मूल विज्ञापन के आधार पर नहीं हुई तो वे पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। आंदोलन के दौरान सूबे के सभी बेसिक कार्यालयों में तालाबंदी कर कामकाज ठप करेंगे।


रविवार को टाउनहाल में आयोजित बैठक में टीईटी अभ्यर्थियों ने हुंकार भरते हुए प्रदेश सरकार से शीघ्र नियुक्ति करने की मांग की। बैठक को संबोधित करते हुए टीईटी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संरक्षक गोरखनाथ सिंह ने कहा कि हम अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। अनुराग मल्ल ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार हमारे विरुद्ध निर्णय लेती है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। बालेन्दु तिवारी ने कहा कि पारदर्शी तरीके से परीक्षा उत्तीर्ण कर नियुक्ति का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को प्रदेश सरकार गुमराह कर रही है।


बैठक में प्रमुख रूप से गौरीशंकर पाठक, अमरदेव सिंह, रघुवंश शुक्ला, प्रकाशनाथ तिवारी, संदीप कुशवाहा, आत्म प्रकाश मिश्र, राजीव दीक्षित, नूर आलम, बृजेश दूबे, विकास पाण्डेय, विष्णुदेव सिंह, भालेन्दु नाथ तिवारी, दिलीप गुप्ता, शचीन्द्र दूबे, शिरीश  सिंह, अनिल सिंह, संतोष कुशवाहा, जय प्रकाश, संतोष त्रिपाठी, रमेश शर्मा, वसीम अख्तर, दीपक सिंह, रामाश्रय यादव, ज्योर्तिमय पाठक, डा. राजन त्रिपाठी तथा मुन्ना विश्वकर्मा समेत अनेक टीईटी अभ्यर्थी मौजूद थे


News Source : - http://www.jagran.com/uttar-pradesh/jyotiba-phule-nagar-9496580.html / Jagran ( 23.7.12)
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टीईटी मेरिट पर चयन को अड़े अभ्यर्थी



ज्योतिबा फुले नगर ।


टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी टीईटी मेरिट के आधार पर ही चयन को अड़ गए हैं। टीईटी अभ्यर्थियों ने उन्होंने सरकार से टीईटी मेरिट पर ही चयन करने की मांग की है। साथ ही टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से एकजुटता का भी आह्वान किया।


रविवार को अम्बेडकर पार्क में आयोजित टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक में 23 जुलाई को होने वाली केबिनेट की मीटिंग में आने वाले निर्णय पर चर्चा की गई। संयोजक राजेंद्र सिंह ने टीईटी मेरिट के आधार पर ही अभ्यर्थियों का प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर चयन किए जाने की सरकार से मांग की गई। इस दौरान सतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार टीईटी को निरस्त न करे बल्कि टीईटी की मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों का प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर चयन करे। सौरभ सक्सेना ने कहा कि यदि सरकार टीईटी की मेरिट के अतिरिक्त कोई निर्णय लेती है तो सरकार के निर्णय के विरूद्ध टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। बैठक में मनोज गौतम, चेतन स्वरूप, पंकज कुमार, विश्वकांत, गोविंद कुमार, नीरज सैनी, मनोज कुमार, अनवर हुसैन, अनीस अहमद, सलीमुद्दीन, विपिन कुमार, जावेद अख्तर, रजनीश कुमार, अशोक कुमार, राजवीर सिंह, कर्मवीर सिंह, सुखवीर सिंह, विवेक कुमार आदि मौजूद रहे


News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/jyotiba-phule-nagar-9496580.html / Jagran (23.7.12)
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I hope matter will be clear today in cabinet meeting of UP, Base of Selection - TET Merit / Acad. Merit etc.


And pray to God a good decision will come out.
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Sunday, July 22, 2012

UPTET : मशाल जुलूस निकाल शासन को चेताया

UPTET : मशाल जुलूस निकाल शासन को चेताया

•अभ्‍यर्थियों ने टीईटी मेरिट से शिक्षकों की भर्ती की मांग 

हापुड़। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों अभ्यर्थियों ने मशाल जुलूस निकाल कर शासन को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर की जाए। पूर्व के शासनादेश को बदलने या रद्द करने पर उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।




शनिवार शाम सात बजे नगर पालिका परिषद के पार्क से जुलूस निकाला गया। मोर्चा के जिलाध्यक्ष कुशवीर सिंह ने कहा कि सपा सरकार के मंत्री टीईटी के संबंध में लगातार बयान जारी कर रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं कह रहे हैं। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। जिला महामंत्री जितेंद्र सिद्दू ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा जारी किये गये विज्ञापन के अनुसार ही प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए। रैली में कोषाध्यक्ष अमित, राजीव अकड़ौली, सुभाष कुमार, फजलुर्रहमान, ललित कुमर गौड़, दिनेश शर्मा आदि शामिल रहे


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It felt that tomorrow in UP cabinet meeting - Everything will be clear about UPTET 2011 and a good decision is expected from UP cabinet about future of lakhs of TET candidates.
We hope yuva CM will take good decision to engage Unemployed TET Qualified Youth and effectively implement RTE.
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KVS : टीजीटी भर्ती के परिणाम घोषित करने पर रोक

KVS : टीजीटी भर्ती के परिणाम घोषित करने पर रोक

Stay on Kendriye Vidhyalay Sanghtan (KVS) Recruitment for the post of TGT due to change in Pre Decided Process

जोधपुर । केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की जोधपुर पीठ ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टी.जी.टी.) भर्ती के परिणाम घोषित करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह आदेश जोधपुर पीठ के सदस्य डॉ. के.बी.एस. रंजन व बी.के. सिंह ने याचिकाकर्ता मुकेश हर्ष की ओर से अधिवक्ता राजीव पुरोहित की याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद पारित किया है। 

अधिकरण ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन को याचिका का दो सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश देते हुए कहा कि वे टी.जी.टी. की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दें तथा न ही परिणाम घोषित करें। याचिकाकर्ता हर्ष की ओर से केन्द्रीय विद्यालय संगठन पर आरोप लगाया गया कि टी.जी.टी. भर्ती प्रक्रिया में नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। यहां तक कि विज्ञप्ति में बताई भर्ती प्रक्रिया से हट कर बिना मुख्य परीक्षा लिए ही सीटीईटी के आधार पर वरीयता निर्धारित कर अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है। 

जबकि भर्ती के लिए जारी विज्ञप्ति में प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा तथा उसके बाद साक्षात्कार के आधार पर चयन प्रक्रिया बताई गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि भर्ती प्रक्रिया के विज्ञप्ति से हट कर नई चयन प्रक्रिया अपनाना विधि सम्मत नहीं है। केन्द्रीय विद्यालय संगठन की ओर से याचिका का जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया। अधीकरण ने भर्ती प्रक्रिया का परिणाम घोषित करने पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई 9 अप्रेल को करने का आदेश दिया

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A similar case can be happen in UP, If we correlate UP Primary Teacher Recruitment with KVS (TGT) Recruitment on the following lines -
 टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा घोषित करने पर इस बात की संभावना भी है कि परीक्षा में ऊंची मेरिट हासिल करने वाले ऐसे अभ्यर्थी जो अनियमितता में शामिल न हों, वे अदालत का दरवाजा खटखटायें। हालांकि परीक्षा उत्तीर्ण करने के कारण ऐसे अभ्यर्थी अर्ह माने जाएंगे 

As UPTET candidate already wait from a long time for removal of STAY in teachers recruitment, 
And If process changes then how long we have to wait for selection, if another stay happens like KVS Recruitment.
And if matter escalated up to Supreme Court then when will decision comes, and when will selection start.
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UPTET : टीईटी पर कैबिनेट की होगी अग्निपरीक्षा

UPTET : टीईटी पर कैबिनेट की होगी अग्निपरीक्षा


- सुझाये गए तीनों विकल्प के हैं अपने-अपने गुण-दोष

लखनऊ, जाब्यू : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए पिछले साल आयोजित की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के बारे में फैसला करना कैबिनेट के लिए आसान न होगा। सत्तारूढ़ होने के साथ ही सपा सरकार के गले की हड्डी बनी इस परीक्षा के बारे में निर्णय करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कैबिनेट को भेजे गए प्रस्ताव में तीन विकल्प सुझाये हैं। कैबिनेट की कश्मकश इसलिए भी होगी कि तीनों विकल्प के अपने गुण-दोष हैं

यदि पहले विकल्प के तौर पर कैबिनेट गत वर्ष आयोजित टीईटी की मेरिट को ही चयन का आधार बनाने का फैसला करती है तो इससे अनियमितता और भ्रष्टाचार में संलिप्त कई अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्त हो जाएंगे। यह उन योग्य और मेधावी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा जो अनियमितता के कारण चयनित न हो सके। यदि कैबिनेट इस विकल्प पर मुहर लगाती है तो संदेश यह जाएगा कि सरकार ने भ्रष्टाचार को आत्मसात किया है। इससे शासन को अदालत में फजीहत का सामना करना पड़ सकता है।

यदि कैबिनेट टीईटी 2011 को शिक्षक चयन का आधार न बनाने पर रजामंद होती है तो कई ऐसे अभ्यर्थी जो भ्रष्टाचार में शामिल नहीं थे लेकिन टीईटी में अच्छे अंक हासिल करने के कारण चुने जाते, वे अदालत की शरण में जा सकते हैं। टीईटी को चयन का आधार न बनाने पर शासन को उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन करना पड़ेगा। साथ ही 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नवंबर 2011 में जारी की गई केंद्रीयकृत विज्ञप्ति को रद कर नये सिरे से जिला स्तर पर विज्ञप्ति जारी करनी होगी

यदि दूसरे विकल्प के तौर पर कैबिनेट मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिश को मानते हुए टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा देने और शिक्षकों का चयन पहले की तरह उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर करने पर सहमत होती है तो इससे चयन प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार का प्रभाव न के बराबर रह जाएगा। ऐसा करने से शासन को तुरंत टीईटी आयोजित करने की जहमत से भी निजात मिलेगी

टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा बनाने की स्थिति में शासन को बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन करना होगी। संशोधित नियमावली के आधार पर पुरानी विज्ञप्ति को निरस्त कर जिला स्तर पर फिर से विज्ञप्ति जारी करनी होगी। हालांकि बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए एक जनवरी 2012 तक के लिए निर्धारित की गई समयसीमा को एनसीटीई से अनुरोध करके आगे बढ़वाना होगा टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा घोषित करने पर इस बात की संभावना भी है कि परीक्षा में ऊंची मेरिट हासिल करने वाले ऐसे अभ्यर्थी जो अनियमितता में शामिल न हों, वे अदालत का दरवाजा खटखटायें। हालांकि परीक्षा उत्तीर्ण करने के कारण ऐसे अभ्यर्थी अर्ह माने जाएंगे

वहीं तीसरे विकल्प के तौर पर यदि टीईटी को निरस्त कर फिर से परीक्षा करायी जाती है तो अनियमितता में संलिप्त अभ्यर्थियों के चयन की गुंजायश खत्म हो जाएगी। इस विकल्प पर अमल करने का एक नतीजा यह होगा कि जो अभ्यर्थी गत वर्ष आयोजित टीईटी की अनियमितता में शामिल नहीं थे लेकिन परीक्षा उत्तीर्ण करने पर जिनको अर्हता प्रमाणपत्र उपलब्ध कराये जा चुके हैं, वे हतोत्साहित होंगे। इसके अलावा, नये सिरे से टीईटी आयोजित करने पर शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने में और देर लगेगी। परीक्षा को निरस्त करने की स्थिति में अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट देने के साथ पिछले साल की परीक्षा के लिए नि:शुल्क आवेदन पत्र जमा करने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा शुल्क फिर से माफ करना होगा

News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-9494605.html / Jagran (22.7.12)

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मुझे समझ नहीं आता की अगर धांधली हुई तो दोषियों को कड़ी सजा क्यों नहीं दी जाती , जिससे आगे की भर्ती में घोटाला न कर सकें |
जितने भी अभ्यर्थी / अधिकारी दोषी पाए जाते हैं . सबके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए |
सभी अभ्यर्थीयों  का विवरण - नाम , टी ई टी अनुक्रमांक , टी ई टी प्राप्तांक , हाई स्कूल , इंटर, ग्रेजुएसन के मार्क्स , कोलेज, बोर्ड आदि  के नाम 
जिससे पारदर्शिता आये व दोषियों को बेनकाब करना में आसानी हो सके 

और अगर ऐसे अभ्यर्थीयों ने  टी ई टी (लेवल - २ ) भी दिया  है तो उसका भी सम्पूर्ण विवरण साथ ही दे दिया  जाए |
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जब तक दोषी अभ्यर्थीयों के नाम सामने नहीं आते , तब तक धांधली की बात कैसे साबित होगी |

क्या चयन का आधार बदलने से धांधली ख़त्म हो जायेगी और विविध बोर्ड की असमानता , सम्पूर्णानन्द जैसे धांधली के मामले सामने नहीं आयेंगे 

क्या टी ई टी मेरिट से चयन के बाद स्क्रीनिंग परीक्षा नहीं कराई जा सकती , जो अब तक के भर्ती किये हुए सारे शिक्षकों  के लिए हो |
तमिलनाडु में जो शिक्षक २ वर्ष में  टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाता है उसको नोकरी से बाहर का रास्ता दिखने का प्रावधान है |

" टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा घोषित करने पर इस बात की संभावना भी है कि परीक्षा में ऊंची मेरिट हासिल करने वाले ऐसे अभ्यर्थी जो अनियमितता में शामिल न हों, वे अदालत का दरवाजा खटखटायें। हालांकि परीक्षा उत्तीर्ण करने के कारण ऐसे अभ्यर्थी अर्ह माने जाएंगे।"


Kya kisee ko koee aisa candidate pata hai, jisne marks fraud kar ke prapt kiye hain, unka Roll No. etc.
Uske baare mein Sarkaar ko jaroor bataye. Aur yahan roll no. de sake/ va karan to bhee logo ko pata to lagega kee fraud hua hai.


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Saturday, July 21, 2012

TNTET : Afraid of flunking test, teachers seek grace marks


TNTET : Afraid of flunking test, teachers seek grace marks



CHENNAI: Candidates who took the Teachers Eligibility Test (TET) have kicked up such a fuss about the exam being difficult that the state government plans to give 5-10% additional marks to those who fall short of the required 60%. 


Officials said a final decision would be taken after the TET evaluation is completed. 


About 6.5 lakh aspirants, many of whom are already teachers, appeared for the exam, held for the first time on July 12. There are 25,000 vacant teachers' posts in government schools in Tamil Nadu and only candidates who have cleared the TET, conducted by the Teachers Recruitment Board, qualify for these posts. 


Candidates employed in private or government schools will not be eligible to continue as teachers if they fail to clear the test within two years. 


Following the protests against the TET, the government has decided to conduct the test again in December to give a second chance to those who fail to make the cut.


News Source : http://timesofindia.indiatimes.com/home/education/news/Afraid-of-flunking-test-teachers-seek-grace-marks/articleshow/15068908.cms / Times of India ( 21.7.12)
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From news, it seen candidates are afraid of their failure in exam and looking for grace marks.
It shows toughness in examination.


If employed teachers failed in exam and unable to clear in two years ( 2 years) then they will be job will be terminated and expelled from system.


It made a great fear in candidate's mind and they are looking for grace marks if they failed.


I also wrote on similar lines for UPTET 2011 candidates, that candidate can be selected through TET merit. But if government have any doubt on their efficiency then government can allow UPTET 2011 candidates (And for UP Teachers) to appear in next TET examinations, And if they failed two times in examination then necessary action can be taken to maintain quality in education system.
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GTET : Only 4.35% teachers clear TET

GTET : Only 4.35% teachers clear TET


Only 6,137 candidates of the 1.40 lakh candidates who appeared for Teachers’ Eligibility Test (TET) could clear the exam. This takes the result to 3.45% for the TET- for the primary section.


Ironically, majority of the candidates failed in language. Statistics provided by the officials in the state primary education department show that only 1.49% of candidates passed in language examination. In mathematics, around 14.78% students and in social science, around 7.83% of students passed the exam.


The exam was conducted on July 8. Academicians say, such low number of passing raises concerns of quality of education. “If such low number of students could clear the exam, what they were taught in primary teacher certificate colleges is a matter of concern,” asked one of the senior academicians.


Students who have done a degree, diploma or certificate course in primary education are eligible to appear for the TET. Candidates who clear the TET become eligible to become teacher in primary school.


Academicians DNA spoke to believe that this should be taken as a wake-up call. An academician who did not wish to be named said that a study should be conducted on difficulties faced by the unsuccessful students and an analysis made to help improve quality of primary education


News Source : http://www.dnaindia.com/india/report_only-4-35pct-teachers-clear-tet_1717146 / DNA India (19.7.12)
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Candidates shows a poor performance in GTET 2012 (Gujarat Teacher Eligibility Test - 2012) examination.


Every where TET exam going to be tougher and pass pecentage is low. As similar pass percentage results declared in CTET, BETET examination.
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UPTET - टीईटी और घोटाला


UPTET - टीईटी और  घोटाला 

मेरे ख्याल से टी ई टी में अगर कोई  घोटाला हुआ है तो ऐसे अभ्यर्थीयों को ढूंढ निकालने का  सबसे आसान तरीका  -
सभी टी ई टी अभ्यर्थीयों के नाम , टीईटी मार्क्स , उनके अकादमिक मार्क्स वेबसाईट पर सर्व जनिक कर दिए  जाने चाहिए | और वेब साईट पर एक फीड बेक फॉर्म जोड़ दीया जाना चाहिए |
जनता के बीच अभ्यर्थीयों के नाम सार्वजनिक हो जाने पर , आसानी से बहुत से लोग किसी अभ्यर्थी के बारे में अधिक जानकारी दे सकेंगे | और बेईमान अभ्यर्थी तक पहुंचना आसान हो जाएगा |

मेने देखा कि एल टी ग्रेड महिला शिक्षकों के चयन हेतु लिस्ट काफी समय से सार्वजानिक नहीं की गयी |
और जब सार्वजानिक की गयी है तो उसमें अन्य विवरण भी जोड़ा जाना चाहिए - उनके हाई स्कूल , इंटर , ग्रेजुएसन मार्क्स / प्रतिशत , बोर्ड का नाम आदि दिए जाने चाहिए |
साथ ही ज्वाइनिंग तारीख आदि दी जानी चाहिए | और ये भी बताना चाहिए कि आगे की भर्ती प्रक्रिया के बारे में अभ्यर्थीयों को  सूचित किया जा रहा है कि नहीं 
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बनाए जाएंगे 7000 प्राथमिक स्कूल

बनाए जाएंगे 7000 प्राथमिक स्कूल


लखनऊ शिक्षा के अधिकार को अमली जामा पहनाने के लिए राज्य सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के तहत सूबे में 7000 प्राथमिक स्कूल और 1250 जूनियर हाईस्कूल स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है

 ये स्कूल उन इलाकों में स्थापित किये जाएंगे जहां पड़ोस की निर्धारित सीमा में विद्यालय नहीं है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की कसौटी पर खरा उतरने के मकसद से 12वीं योजना की अवधि में 70,000 अतिरिक्त क्लासरूम और 55,000 विद्यालयों के इर्दगिर्द चहारदीवारी बनाने की मंशा भी जतायी गई है। स्कूलों में बिजली की सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से 57,433 स्कूलों में विद्युतीकरण कराने का भी इरादा है। अगली पांच वर्ष की अवधि में 8000 स्कूलों में विकलांग बच्चों की सहूलियत के लिए रैम्प, 1400 स्कूलों में पेयजल सुविधा और 1500 विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण भी किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2017 तक राज्य की साक्षरता दर को बढ़ाकर 85 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है। पुरुष साक्षरता दर में इजाफा कर उसे 90 प्रतिशत और महिलाओं की 80 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है। मकसद 12वीं योजना के अंत तक पुरुषों और महिलाओं की साक्षरता दर के अंतर को घटाकर 10 फीसदी तक लाया जाए। वर्तमान में सूबे की साक्षरता दर जहां 69.72 प्रतिशत है, वहीं पुरुषों और महिलाओं की साक्षरता दर में लगभग 20 फीसदी का अंतर है। पढ़ाई से नाता तोड़ने वाले बच्चों के स्कूल छोड़ने (ड्रॉप आउट) की दर को 2012-17 के दौरान मौजूदा 11 फीसदी से घटाकर पांच प्रतिशत तक लाने का भी इरादा है।गुणवत्ता में सुधार लाने के मकसद से 12वीं योजना के दौरान 6,62,254 शिक्षकों को प्रति वर्ष 10 दिनों की इन-सर्विस ट्रेनिंग भी दिलाने की योजना है


News Source : http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=37&edition=2012-07-21&pageno=11 / Jagran (21.7.12)
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UP Govt. going to start 8250 new schools. More new opportunities for TET Candidates (As per RTE/NCTE, TET is MUST. And in UP, Sufficient Qualified TET candidates available.)


However future UPTET will be decided in coming week/cabinet meeting. (As per news)
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UPTET - Matter is Highly Complicated

UPTET - Matter is Highly Complicated

See News  : -




News Source : http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx (Lucknow Edition 21.7.12 , Page No. - 14)
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मेरा मानना है  ,
उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती के नियम बन चुके थे , भर्ती विज्ञापन निकल चुका था , परीक्षा आयोजित हो चुकी थी , आवेदन फार्म की फीस जमा  हो   चुकी थी 
जब  एक  बार  पहले  से  ही  भर्ती  का  आधार  तय  है . तो   उसमें   बदलाव  तो  नयी  समस्यायों को  उत्पन्न  करेगा . मामला  बिलकुल  साफ़  है  - टेट  मेरिट  और धांधली वाले अभ्यर्थीयों /अधिकारीयों को कड़ी से कड़ी सजा देना | जिससे ऐसे लोग आगे किसी और प्रक्रिया में गड़बड़ी न कर सकें |


हालाँकि सरकार को अगर , अभ्यर्थीयों की योग्यता पर शक हो तो एक स्क्रीनिंग परीक्षा , भर्ती के बाद आयोजित कर सकती है , जिसमें समस्त प्राथमिक शिक्षक (सम्पूर्ण यू पी के शिक्षक )
भाग लें , और असफल अभ्यर्थीयों को बाहर किया जा सकता है 


ये भी तो हो सकता है कि अभ्यर्थी स्वयं अपनी बेगुनाही / ईमानदारी का सबूत - अपनी ओ एम् आर कापी कि प्रति दिखाते हुए भर्ती की मांग न करने लग जाएँ |
क्योंकि नियमानुसार तो वे भर्ती के पात्र हो सकते हैं |
फिर या तो सरकार को उन सभी लोगो को बेईमान साबित करना पडेगा 
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UPTET - टीईटी परीक्षा और चयन का आधार


UPTET - टीईटी परीक्षा और चयन का आधार 

कुछ एकेडमिक सपोर्टर , टी ई टी मेरिट होल्डर्स पर आरोप लगा रहे हैं कि - आई ए एस , पी सी एस की परीक्षा में बैठे (अगर वे इतने ही होशियार हैं )|
पर यही बात इन एकेडमिक सपोर्टर्स पर भी लागु होती है कि - अगर ये लोग इतने मेधावी हैं पदाई में , तो प्राथमिक शिक्षा में क्यूँ आना चाहते हैं |


प्राथमिक शिक्षकों के लिए चयन का आधार (टी ई टी अंकों के आधार पर )  पहले ही तय हो चुका था और यह परीक्षा सभी अभ्यर्थीयों के लिए सामान थी |
अत: कुछ लोगो को ये कहना कि - इतने होशियार हो तो आई ए एस बनो इत्यादि , बेहद गलत है |
अदालत पहले भी ऐसे मामलों को गंभीरता से ले चुकी है , और ४.५ लाख रूपए का जुर्माना भी लगा चुकी है |


क्या चयन का आधार बदलने से धांधली करने वाले लोग बहार हो जायंगे (या पहले जो चयन सम्पूर्णानन्द यूनिवर्सिटी आदि से हुए थे , अब नहीं होंगे )

कुछ लोगो का कहना है कि - ९० मिनट की परीक्षा = सारी जिन्दगी की पदाई, कैसे हो सकती है |

में सिर्फ यह कहना चाहूंगी कि टी ई टी परीक्षा (प्राथमिक लेवल ) , सिर्फ प्राथमिक शिक्षा हेतु विशष परीक्षा है | और इस परीक्षा का समावेश शिक्षा में सुधार हेतु किया गया है |
अत इस परीक्षा के अंकों का महत्व बेहद ज्यादा है |

बेंक इत्यादि में भी क्लर्क व आफिसर के लिए अलग अलग एप्टीटुड टेस्ट / परीक्षाएं होती हैं |

आप लोगो ने देखा होगा की के वी एस ने सीटीईटी परीक्षा की उच्च कट ऑफ़ अभ्यर्थीयों को ही साक्षात्कार के लिए बुलाया और सारे हिंदुस्तान  में चयन के लिए टी ई टी अंकों का उपयोग लिया जा रहा है |

प्राथमिक शिक्षा में अकादमिक अंकों को चयन का आधार बनाने के बाद कई बार फर्जी वाडा देखने को भी मिला , और अलग अलग बोर्ड, यूनिवर्सिटीयों  की मार्किंग पद्दति भिन्न होने से सबको सामान अवसर नहीं मिल 
पाता |
अकादमिक अंकों का भी महत्व है और उनका  न्याय संगत तरीके से 30-35/उचित   प्रतिशत वेटेज दिया जा सकता है (जैसे  आई आई टी चयन प्रक्रिया में यू पी बोर्ड 65 % अभ्यर्थीयों को , सी बी एस ई 78 % अभ्यर्थीयों के समतुल्य माना गया है )

अगर अकादमिक अंको से चयन की बात की जाए तो कभी यू पी बोर्ड टोपर दिल्ली के श्री राम कालेज ऑफ़ कोमर्स आदि में चयनित नहीं हो सकता , क्यूंकि यू पी बोर्ड टोपर  ९५  % से अधिक अंक नहीं ला पाते और श्री राम कालेज ऑफ़ कोमर्स की कट ऑफ़ सामन्यता ९५ % से ऊपर रहती है |
लेकिन बहुत से यू पी बोर्ड अभ्यर्थी - आई आई टी , एम्स चयनित हो जाते हैं और चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा आदि में अच्छा प्रदर्शन करते हैं 
इन बातों को देखते ही केंद्र सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलोजी द्वारा दी जा रही फेलोशिप में स्केलिंग पद्दति द्वारा विविध बोर्ड के अभ्यर्थीयों के लिए अलग अलग कट ऑफ़ निर्धारित की है  |
See :


Percentage Cut-off Marks# of Various State-Boards Result in class XII for
2008, 2009, 2010, and 2011



2008
2009
2010
2011
UP Board
69.2
72.6
77
77
CBSE
91
92.4
91.8
93.2
ICSE
93
93.3
93.2
93.43


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