/* remove this */

Sunday, June 23, 2013

UPTET 2013 : टीईटी-पीसीएस परीक्षा में एक से वंचित हो सकते हैं कई अभ्यर्थी



UPTET 2013 : टीईटी-पीसीएस परीक्षा में एक से वंचित हो सकते हैं कई अभ्यर्थी

Many Candidates may deprived of one of exam PCS OR UPTET 2013



इलाहाबाद(ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन के अंतराल पर होने से अभ्यर्थियों को भारी परेशानी उठानी पड़ सकती है। पीसीएस परीक्षा 26 जून को पड़ रही है जबकि टीईटी 27 और 28 को है। परीक्षा केंद्र काफी दूर-दूर जिलों में बनाए गए हैं। पीसीएस परीक्षा के बाद दूसरे ही दिन सुबह दूरदराज के दूसरे जिले में पहुंचना तमाम अभ्यर्थियों के लिए काफी मुश्किल भरा होगा। इसे लेकर अभ्यर्थी काफी तनाव में हैं। कई अभ्यर्थियों की एक परीक्षा छूटने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे परीक्षार्थी हैं, जिन्होंने टीईटी और पीसीएस दोनों परीक्षाओं के लिए आवेदन किया है। उनकी परेशानी यह है कि दोनों परीक्षाओं के केंद्र अलग-अलग जिलों में पड़ गए हैं। एक दिन के अंतराल पर दोनों परीक्षा तिथि पड़ने से इन छात्रों ने आयोग और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का घेराव करके परीक्षा तिथि बदलने का आग्रह किया है। मालूम हो कि लोकसेवा आयोग ने पिछले दिनों ही परीक्षा तिथि में बदलाव किया था। उनका तर्क था कि पीसीएस परीक्षा में आवेदन पत्रों की संख्या चार लाख पार पहुंच गई है। अभ्यर्थियों के लिए अतिरिक्त परीक्षा केंद्र की व्यवस्था में वक्त लगेगा। यह तो लगभग तय है कि आयोग अब तिथि नहीं बदलेगा, ऐसे में टीईटी परीक्षा के लिए दबाव बन रहा है। शासन स्तर पर 22 जून को टीईटी परीक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई है। बताया गया कि बैठक में तिथि का मुद्दा भी उठेगा। हालांकि यह कहना मुश्किल है कि तिथियों में कोई बदलाव होगा। बताया गया कि आयोग की ओर से ऑनलाइन मिले आवेदन में परीक्षार्थी का मूल निवास देखे बिना ही केंद्र आवंटित कर दिया गया
**********************

Is Baar UP Ki Samajvadi Party , BSP se bhee jyada  Nakal Rokne Va Pardarshita Rakhne Ki Kosish Kare

UPTET 2011 Ka Exam Ek Misaal Ban Gaya Jab OMR Ki 3 Copy Ki Vyavasthaa Ki Gayee ( Ek Carbon Copy Candidate Ke Pas, Ek Sarkar Ke pas Aur Ek Record Room Mein Rakhee Gayee)

Answer Key Online Jaree Ki Gayee, Aur Har Candidate Ko Kisee Bhee Shikayat Par Nistaran Ka Chance Diya Gayaa

Ek Bhee Candidate Dhandlee Mein Dosee Nahin Payaa Gayaa

Ab Sapa Sarkar Ka Time Hai , Aur is Baar Ka UPTET 2013 Ka Result Kaisa Rehtaa Hai Aur Kitnee Pardarshita Va Nakal Rokne Ke Saath Exam Hota Hai , Kaisee Vyavasthaa Rehtee Hai, Wait and Watch -




UPTET 2011 exam happened with good transparency by maintaining 3 copies of OMR Answer Sheet, One for Candidate, One for Record Room and One for Evaluation.And after some time Answer Key displayed ONLINE, so that candidate can check themselves for mistakes and can brought to notice of authorities to rectify the same.

Now Candidates are awaiting better transparency in UPTET 2013 exam with NO CHEATING in Exams.
So we have to wait and watch , How much better this UPTET 2013 exam happen in comparison to UPTET 2011 exam?

Read more...

UPTET 2013 /STET: टीईटी में प्रतिबंधित रहेगा मोबाइल फोन

UPTET 2013 /STET: टीईटी में प्रतिबंधित रहेगा मोबाइल फोन 

परीक्षा की तैयारियां पूरी, सचिव बेसिक ने ली पूरी जानकारी
UP State Teacher Eligibility Test



 जाब्यू, इलाहाबाद : राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की तैयारियां पूरी हो गई हैं। 27-28 जून को होने वाली इस परीक्षा की तैयारियों के बारे में सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने शनिवार को पूरी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि परीक्षा की निगरानी के लिए सचल दस्ते बनाए जाएं जो आकस्मिक रूप से विभिन्न केंद्रों पर पहुंचकर निरीक्षण करें। परीक्षा में नकल को हर कीमत पर रोका जाए। केंद्रों पर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाया जाए।टीईटी में प्रदेश के सात लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक पर होगी। बेसिक शिक्षा सचिव को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि सभी जिलों में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां सभी सूचनाएं एकत्र होंगी



Read more...

UPTET 2011 : टीईटी घोटाला


UPTET 2011 : टीईटी घोटाला

संजय मोहन को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

प्रभारी जिला न्यायालय कोर्ट में पत्नी ने दी अर्जी



कानपुर। सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी घोटाले में पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को जमानत दे दी है। उनकी पत्नी ने शनिवार को प्रभारी जिला जज/एडीजे 1 मो. असलम की कोर्ट में अर्जी लगाई। कोर्ट ने पांच-पांच लाख की दो जमानतें और इतनी राशि के निजी बंधपत्र दाखिल करने को कहा है।
टीईटी घोटाले में संजय मोहन पूर्व निदेशक माध्यमिक शिक्षा, विनय कुमार सिंह शिक्षक आगरा, रतन कुमार मिश्र शिक्षक आगरा, अमरेंद्र कुमार जायसवाल, देशराज सिंह, अशोक मिश्र, मनीष उर्फ मोहन चतुर्वेदी शिक्षक औरेया, माधव उर्फ माधवेंद्र सिंह शिक्षक बंदायू, हेमंत कुमार शाक्य, योगेश कुमार लोधी, रमाशंकर मिश्र, नरेंद्र प्रताप सिंह एपीसी साक्षरता मिशन लिटरेसी हाउस लखनऊ, बिजनेश पाल जेल में हैं।

अशोक मिश्र और बिजनेश पाल जमानत पर हैं। ब्रजेश पाल और दिनकर मिश्र की पत्रावली अलग कर दी गई है। पूर्व शिक्षा निदेशक की जमानत हाईकोर्ट से खारिज हो गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई गई थी। जिला शासकीय अधिवक्ता शंभू सिंह यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस रंजन गगोई की कोर्ट ने पूर्व शिक्षा निदेशक की जमानत मंजूर कर दी है। संजय मोहन की पत्नी ने जिला जज कानपुर देहात की कोर्ट में अर्जी के साथ सुप्रीम कोर्ट का आदेश लगाया। इसकी सुनवाई प्रभारी जिला जज/एडीजे 1 की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने पांच-पांच लाख की दो जमानतें और इतनी ही राशि के निजी बंध पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है






News Source  / Sabhaar :अमर उजाला  (23.6.13)
**************************************************
TET scam case is running from last one and half year and still Sanjay Mohan is not accused,
If he will not convicted then its impact on selection process will be very high.

Read more...

Saturday, June 22, 2013

सोमनाथ की तरह केदारनाथ फिर बसाने का मोदी संकल्प


सोमनाथ की तरह केदारनाथ फिर बसाने का मोदी संकल्प


सोमनाथ का पुनरुद्धार कर अमर हो गए सरदार पटेल के नक्शे कदम पर चलते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है। प्रकृति की विनाशलीला में तबाह हुए बाबा केदारनाथ धाम को दोबारा बसाने के प्रस्ताव से मोदी की प्रखर हिंदुत्व की छवि पर भगवा रंग और गाढ़ा हो गया है।




गुजरात में अरब सागर स्थित सोमनाथ के उद्धारक सरदार पटेल की दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित करने का काम मोदी पहले ही शुरू कर चुके हैं। इसके लिए उन्होंने देश के हर गांव से खेती-किसानी के काम में इस्तेमाल किया हुआ थोड़ा-थोड़ा लोहा मांगा है। इस लोहे को गलाकर ही लौहपुरुष की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई जानी है। लौहपुरुष पटेल की ही तर्ज पर मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से गुजरात सरकार की तरफ से केदारनाथ पुनरुद्धार की पेशकश की है।

बहुगुणा से मुलाकात के बाद मोदी ने कहा कि चारों धामों में एक बाबा केदारनाथ मंदिर परिसर पूरी तरह बर्बाद हो गया है। गुजरात सरकार उसका फिर से निर्माण करेगी। अगर उत्तराखंड सरकार हमें जिम्मेदारी सौंपेगी तो हम अत्याधुनिक तरीके से उसका निर्माण कराएंगे। करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़े बाबा केदारनाथ स्थल का हाल भी आजादी के समय बाबा सोमनाथ मंदिर से कुछ जुदा नहीं है। आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल 13 नवंबर 1947 में सोमनाथ गए थे। तब वह एकदम ध्वस्त था। उसके पुनर्निर्माण का बीड़ा उन्होंने उठाया और 11 मई 1951 को तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की।

सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर अब हिमालय की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ के पुनरुद्धार के मोदी के संकल्प पर उत्तराखंड और केंद्र सरकार का रुख देखना है। वैसे केदारनाथ धाम समिति के संत और उसके सदस्य पुनर्निर्माण पर फैसला लेंगे। चूंकि आपदा राहत कार्यो के बीच बाबा केदारनाथ को बसाने का सबसे पहला प्रस्ताव मोदी ने ही दिया है इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तराखंड या केंद्र की कांग्रेस शासित सरकारें क्या फैसला लेती हैं? करोड़ों देशवासियों की भावनाओं से जुड़े बाबा केदारनाथ के पुनरुद्धार की पेशकश को यूं ही ठुकराना उनके लिए आसान नहीं होगा। खुद ही केंद्र सरकार इसकी कमान संभाले या फिर कोई दूसरा रास्ता निकालेगी, यह देखना होगा



News Source / Sabhaar : Jagran (22 Jun 2013 )

Read more...

Prime Minister Relief Fund : 1948 में बना था प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष


Prime Minister Relief Fund :  1948 में बना था प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष

Prime Minister Relief Fund Having Current Deposit at present - 1700 Crore ( Money Given By Indian Public / Organization for Cause of Charity / Disasters)
http://pmindia.gov.in/pmfunds.php

Prime Minister announced Rs. 1000 crore from this fund to give relief to Uttrakhand Disaster


आजाद होने के साथ ही देश ने विभाजन के तौर पर पहली राष्ट्रीय आपदा का सामना किया था। पाकिस्तान में अपना घर-बार छोड़कर भारत आने वालों को मदद की जरूरत थी। इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जनवरी 1948 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष बनाया। देश के नागरिकों ने इस कोष में दान दिया। अब भी केंद्र सरकार इस कोष के लिए बजटीय प्रावधान नहीं करती, बल्कि नागरिकों, कंपनियों, संस्थाओं से मिले दान से ही यह संचालित होता है। समय के साथ इस कोष का इस्तेमाल प्राकृतिक आपदाओं में तत्काल राहत के लिए होने लगा है। इसके अलावा जरूरतमंदों को इस कोष से इलाज के लिए मदद दी जाती है। कोष की राशि कहां खर्च होगी, यह फैसला प्रधानमंत्री करते हैं। इसी की तर्ज पर राज्यों में मुख्यमंत्री राहत कोष बने हैं।

ऐसे दे सकते हैं दानत्न'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष' के नाम से डिमांड ड्राफ्ट, चेक या मनी ऑर्डर सीधे 'प्रधानमंत्री कार्यालय, साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली' भेजे जा सकते हैं। इस कोष के लिए डिमांड ड्राफ्ट बनवाने पर सरकारी बैंक कोई अतिरिक्त फीस नहीं लेते। प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट 'पीएमइंडिया डॉट एनआईसी डॉट इन' के जरिए ऑनलाइन दान दिया जा सकता है। दान जमा होने के बाद 'प्रधानमंत्री राष्?ट्रीय राहत कोष' से औपचारिक रसीद जारी होती है। जिसके आधार पर आयकर में शत-प्रतिशत छूट ली जा सकती है।

दान देने वाले का नाम रहता है गुप्तत्न प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान देने वालों के नाम गुप्त रखे जाते हैं। पिछले साल जुलाई में दिल्?ली हाईकोर्ट ने केन्द्रीय सूचना आयोग के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय को दान देने वालों के नामों की सूची सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए थे। आयोग का कहना था कि यदि दान देने वाले ने नाम गुप्त रखने की इच्छा नहीं जताई है तो उसका नाम सार्वजनिक किया जा सकता है


PM National Relief Fund

In pursuance of an appeal by the then Prime Minister, Pt. Jawaharlal Nehru in January, 1948, the Prime Minister’s National Relief Fund (PMNRF) was established with public contributions to assist displaced persons from Pakistan. The resources of the PMNRF are now utilized primarily to render immediate relief to families of those killed in natural calamities like floods, cyclones and earthquakes, etc. and to the victims of the major accidents and riots. Assistance from PMNRF is also rendered for medical treatment like heart surgeries, kidney transplantation, cancer treatment, etc. The fund consists entirely of public contributions and does not get any budgetary support. The corpus of the fund is invested with banks in fixed deposits. Disbursements are made with the approval of the Prime Minister. Permanent Account Number of PMNRF is AAAGP0033M. Statement of Income and Expenditure for last five years is given below 



Read more...

UPTET 2013 : शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी पूरी







गाजीपुर : जिला प्रशासन की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की तैयारी पूरी कर ली गई है। जिलाधिकारी चंद्रपाल सिंह ने कैंप कार्यालय में परीक्षा की तैयारी के संबंध में समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि नकलविहीन एवं शांतिपूर्वक परीक्षा संपन्न कराने के लिए 10 केंद्रों के लिए केंद्र व्यवस्थापकों की नियुक्ति की गई है। शासनादेश का पालन कड़ाई से होना चाहिए। पुलिस अधीक्षक डा. उमेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि शांतिपूर्ण व्यवस्था के लिए यातायात व्यवस्था सुदृढ़ की दी गई है। समस्त परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त फोर्स की व्यवस्था कर दी गई है। 27 जून से परीक्षा शुरू होगी।

अपर जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि सचल दस्ता पर्वेक्षक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है। प्रश्न पत्रों को कोषागार में सुरक्षित डबल लाक में रखने की व्यवस्था है। इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक रामकरन यादव, समस्त उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक आदि उपस्थित थे
Read more...

UPTET 2013 : टीईटी परीक्षा में डालेंगे अड़ंगा


UPTET 2013 : टीईटी परीक्षा में डालेंगे अड़ंगा




गाजीपुर : पीजी कालेज में पिछले दिनों हुई मारपीट के मामले में दर्ज प्राथमिकी वापस न लेने कर्मचारी टीईटी परीक्षा न कराने पर बाध्य होंगे। अपनी मांगों को लेकर समस्त शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का धरना शनिवार को 12वें दिन भी जारी रहा। साथ ही अन्य संगठनों ने धरने को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उधर छात्रों ने बैठक कर धरना एवं भूख हड़ताल पर बैठने का निर्णय लिया है।

कर्मचारी नेता रामानुज राय ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते इसका कोई हल नहीं निकलता है तो आंदोलन वृहद रूप ले सकता है। कर्मचारी नेता विवेक कुमार ने इस लड़ाई को आर-पार लड़ने का आह्वान किया। जिलाध्यक्ष गोपालजी तिवारी ने सभी शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को 24 जून को शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया जिससे महाविद्यालय की एकजुटता प्रदर्शित हो सके







Read more...

UPTET : परीक्षा में पारदर्शिता बरतें


UPTET 2013 परीक्षा में पारदर्शिता बरतें

टीईटी परीक्षा को लेकर डीएम का निर्देश

UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News



महराजगंज। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर शुक्रवार को केंद्र व्यवस्थापकों और पर्यवेक्षकों की बैठक कलेक्ट्रेट के बुद्धा सभागार में हुई। इसमें डीएम सौम्या अग्रवाल ने 27, 28 जून को होने वाली परीक्षा में पारदर्शिता बरतने का निर्देश दिया।

डीएम ने कहा कि कोई भी परीक्षार्थी केंद्र के अंदर मोबाइल सेट, लैपटॉप और कैलकुलेटर नहीं ले जा सकेगा। यदि किसी स्टाफ का रिश्तेदार परीक्षा दे रहा हो तो उसे परीक्षा कार्य से दूर रखा जाए। उन्होंने मानक के अनुसार परीक्षार्थियाें को बैठने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। डीएम ने केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षा के एक दिन पूर्व व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

डीआईओएस अनिल मिश्रा ने बताया कि जिले में 4474 परीक्षार्थियों के लिए तीन परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा 27 और 28 जून को दो पालियों में राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज, जवाहरलाल नेहरू स्मारक पीजी कॉलेज और गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक इंटर कॉलेज में होगी। प्रथम पाली की परीक्षा सुबह 10 बजे से 12:30 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा 2:30 बजे से पांच बजे तक होगी। इस दौरान जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी राजू पटेल, आरपी नागवंशी, गिरीश कुमार सिंह सहित केंद्र व्यवस्थापक उपस्थित रहे




News Sabhaar : Amar Ujala (22.6.13)



Read more...

Anudeshak Samvida Teacher Recruitment : काउसलिंग में सुस्ती से अनुदेशक परेशान


Anudeshak Samvida Teacher Recruitment  काउसलिंग में सुस्ती से अनुदेशक परेशान


•कहा, विद्यालय चयन को लेकर हो रही सेटिंग-गेटिंग
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में डीएम को ज्ञापन देने पहुंचे शिक्षक



रायबरेली। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अनुदेशकों के विद्यालय चयन प्रक्रिया अभी तक नहीं शुरू कराई गई है। इससे चयनित अनुदेशकों में आक्रोश व्याप्त है। शुक्रवार को अनुदेशकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से मिलकर काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द शुरू कराने की मांग की है।
प्रदेश सरकार की ओर से परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कला शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा, कार्य शिक्षा में महिला, निशक्तों व पुरुषों की नियुक्ति के लिए चयन किया गया। चयन प्रक्रिया तो पूरी कर ली गई है। वहीं अब अभ्यर्थियों को विद्यालय में नियुक्ति के लिए जोर-आजमाइश करनी पड़ रही है। बीएसए की ओर से काउंसलिंग की तिथि निर्धारित न करने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। ईश्वर चंद, रमन कुमार, प्रीती का कहना हे कि प्रदेश के अमेठी, सीतापुर, चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर आदि जनपदों में विद्यालय चयन के लिए काउंसलिंग करा दी गई है अथवा विकल्प लिए गए हैं। यहां पर अभी ऐसा कुछ नहीं है। गुड़िया, दलपति, सुजीत ने कहा कि कई जिलों में विद्यालय चयन के पहले फाइनल सूची निकाली गई और प्रत्यावेदन का समय दिया गया है। बीएसए अभी तक विद्यालय चयन की काउंसलिंग और विकल्प न देकर दलालों के माध्यम से मनमाने तरीके से विद्यालय चयन की सूची बनवा रहे हैं। राधे, गायत्री, राकेश अग्निहोत्री आदि ने डीएम से हस्तक्षेप कर नियमानुसार विद्यालय में नियुक्ति की सूची तैयार कराने की गुहार लगाई है।


News Sabhaar : अमर उजाला (22.6.13)

Read more...

UPTET मंशा पूरी होने में शिक्षकों की कमी बनी अड़ंगा


UPTET  मंशा पूरी होने में शिक्षकों की कमी बनी अड़ंगा

2464 विद्यालयों के सापेक्ष में रहेंगे 1716 शिक्षक


•748 विद्यालयों पर लटक जाएगा ताला, कई होंगे एकल,नए शिक्षा सत्र में मिलेंगे महज 40 शिक्षक

•280 ने मांगा तबादला, 50 हो जाएंगे सेवानिवृत्त



UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News



सोनभद्र। सरकार की मंशा में शिक्षकों की कमी अड़ंगा बनी हुई है। यही स्थिति रही तो शिक्षकों की भारी कमी के कारण नए शिक्षा सत्र में परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था लड़खड़ा जाएगी। वजह, जिले में तैनात 2006 शिक्षकों में से 280 ने गैर जनपद तबादले की अर्जी लगाई है। करीब 50 शिक्षक 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं जबकि नए शिक्षा सत्र में महज 40 नए शिक्षक ही मिले हैं। ऐसे में 2464 विद्यालयों के सापेक्ष महज 1716 शिक्षकों पर पठन-पाठन की जिम्मेदारी रहेगी। वहीं 748 विद्यालय शिक्षक विहीन हो जाएंगे।

प्राथमिक शिक्षा प्रतिभा को निखारने की बुनियादी जरूरत है, लेकिन जब पूरी व्यवस्था ही गड़बड़ हो तो शिक्षा का स्तर कैसा होगा, यह सवाल गंभीर है। कुछ ऐसा ही हाल जिले की परिषदीय शिक्षा व्यवस्था का है। जिले में समायोजन में गड़बड़ी, मनमाना संबद्धीकरण और इन सबके बीच शिक्षकों की भारी कमी के चलते दर्जनों विद्यालय महज शिक्षामित्रों के भरोसे संचालित हो रहे हैं। दरअसल जिले में परिषदीय शिक्षा व्यवस्था के तहत 1810 प्राथमिक और 654 पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। इनमें साढे़ तीन लाख के करीब छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन विद्यालयों के सापेक्ष कुल 2006 शिक्षक ही तैनात हैं। इसमें भी खास यह है कि इन तैनात शिक्षकों की मनमानी पोस्टिंग का नतीजा है कि कहीं एक विद्यालय पर चार-पांच शिक्षक हैं तो कहीं महज शिक्षामित्र ही पूरी व्यवस्था संचालित कर रहे हैं। जंगली और पहाड़ी इलाकों में शिक्षक जाना ही नहीं चाहते और विभाग भी उनके सामने किसी न किसी वजह से नतमस्तक हैं। ऐसे में वर्ष 2012 में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था गड़बड़ हो गई थी। अब परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था और भी लड़खड़ा जाने की आशंका है।

उपलब्ध अध्यापक से ही चलेगा काम

बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रभुराम चौहान का कहना है कि शिक्षकों की कमी का मुद्दा सिर्फ सोनभद्र नहीं बल्कि पूरे यूपी का है। सरकार नए शिक्षकों की तैनाती करने में जुटी है। उनके पास जितने टीचर उपलब्ध हैं, उन्हीं से विद्यालयों का पठन-पाठन ठीक रखना है।

स्थानांतरित शिक्षक नहीं होंगे कार्यमुक्त

बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि गैर जिलों में स्थानांतरण कराने वाले शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं करेंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया है। उनका कहना है कि जब तक नए शिक्षक जिले को नहीं मिल जाते, पुराने शिक्षक यहां से नहीं छोड़े जाएंगे।


News Source / Sabhaar : अमर उजाला (22.6.13)


Read more...

UPTET / BTC : दो हजार शिक्षकों के सापेक्ष नई नियुक्ति ऊंट के मुंह में जीरा


UPTET / BTC :  दो हजार शिक्षकों के सापेक्ष नई नियुक्ति ऊंट के मुंह में जीरा
मात्र 60 शिक्षक कैसे कमी को करेंगे पूरा
•डायट पर 60 शिक्षकों के सापेक्ष 287 की काउंसिलिंग
टीईटी-सीटीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी हुए शामिल
28 जून को दूसरे जनपद के अभ्यर्थियों की होगी काउंसिलिंग


ज्ञानपुर। करीब दो हजार शिक्षकों की कमी झेल रहे जिले को ऊंट के मुंह में जीरा के समान 60 शिक्षक जल्द मिलेंगे। डायट पर शुक्रवार को टीईटीसीटीईटी उत्तीर्ण बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी के 287 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई। 28 जून को दूसरे जिले के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होगी।
जनपद के एक हजार प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी पहले से जगजाहिर है। पिछले दिनों अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के चलते शिक्षकों की कमी का ग्राफ और बढ़ गया। चार हजार के सापेक्ष मात्र डेढ़ हजार शिक्षक जिले में बचे हैं। शासन के निर्देश पर पिछले दिनों डायट की ओर से शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर पत्र शासन को भेजा गया था। इसी के तहत जिले में टीईटी-सीटीईटी उत्तीर्ण विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कराने का दिशा-निर्देश दिया गया। उसी क्रम में शुक्रवार को काउंसिलिंग कराई गई। 60 शिक्षकों के सापेक्ष 287 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई।काउंसिलिंग के बाद सिर्फ 60 शिक्षकों को विद्यालयों में तैनाती मिलनी है। इससे नए सत्र में 60 नए शिक्षकों की तैनाती जिले में हो जाएगी। शासन स्तर से अन्य अभ्यर्थियों की तैनाती का निर्देश आने के बाद उनको भी तैनाती का लाभ मिल सकता है।
डायट के आंकड़ों के अनुसार 28 जून को दूसरे जनपद के टीईटी-सीटीईटी अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कराई जाएगी। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रमा प्रसाद ओझा ने कहा कि शिक्षकों की जरूरत और कमी के बीच खाई काफी बड़ी है। शासन के निर्देश के क्रम में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।



News Sabhaar : अमर उजाला (22.6.13)
Read more...