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Saturday, June 22, 2013

UPTET मंशा पूरी होने में शिक्षकों की कमी बनी अड़ंगा


UPTET  मंशा पूरी होने में शिक्षकों की कमी बनी अड़ंगा

2464 विद्यालयों के सापेक्ष में रहेंगे 1716 शिक्षक


•748 विद्यालयों पर लटक जाएगा ताला, कई होंगे एकल,नए शिक्षा सत्र में मिलेंगे महज 40 शिक्षक

•280 ने मांगा तबादला, 50 हो जाएंगे सेवानिवृत्त



UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News



सोनभद्र। सरकार की मंशा में शिक्षकों की कमी अड़ंगा बनी हुई है। यही स्थिति रही तो शिक्षकों की भारी कमी के कारण नए शिक्षा सत्र में परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था लड़खड़ा जाएगी। वजह, जिले में तैनात 2006 शिक्षकों में से 280 ने गैर जनपद तबादले की अर्जी लगाई है। करीब 50 शिक्षक 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं जबकि नए शिक्षा सत्र में महज 40 नए शिक्षक ही मिले हैं। ऐसे में 2464 विद्यालयों के सापेक्ष महज 1716 शिक्षकों पर पठन-पाठन की जिम्मेदारी रहेगी। वहीं 748 विद्यालय शिक्षक विहीन हो जाएंगे।

प्राथमिक शिक्षा प्रतिभा को निखारने की बुनियादी जरूरत है, लेकिन जब पूरी व्यवस्था ही गड़बड़ हो तो शिक्षा का स्तर कैसा होगा, यह सवाल गंभीर है। कुछ ऐसा ही हाल जिले की परिषदीय शिक्षा व्यवस्था का है। जिले में समायोजन में गड़बड़ी, मनमाना संबद्धीकरण और इन सबके बीच शिक्षकों की भारी कमी के चलते दर्जनों विद्यालय महज शिक्षामित्रों के भरोसे संचालित हो रहे हैं। दरअसल जिले में परिषदीय शिक्षा व्यवस्था के तहत 1810 प्राथमिक और 654 पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। इनमें साढे़ तीन लाख के करीब छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन विद्यालयों के सापेक्ष कुल 2006 शिक्षक ही तैनात हैं। इसमें भी खास यह है कि इन तैनात शिक्षकों की मनमानी पोस्टिंग का नतीजा है कि कहीं एक विद्यालय पर चार-पांच शिक्षक हैं तो कहीं महज शिक्षामित्र ही पूरी व्यवस्था संचालित कर रहे हैं। जंगली और पहाड़ी इलाकों में शिक्षक जाना ही नहीं चाहते और विभाग भी उनके सामने किसी न किसी वजह से नतमस्तक हैं। ऐसे में वर्ष 2012 में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था गड़बड़ हो गई थी। अब परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था और भी लड़खड़ा जाने की आशंका है।

उपलब्ध अध्यापक से ही चलेगा काम

बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रभुराम चौहान का कहना है कि शिक्षकों की कमी का मुद्दा सिर्फ सोनभद्र नहीं बल्कि पूरे यूपी का है। सरकार नए शिक्षकों की तैनाती करने में जुटी है। उनके पास जितने टीचर उपलब्ध हैं, उन्हीं से विद्यालयों का पठन-पाठन ठीक रखना है।

स्थानांतरित शिक्षक नहीं होंगे कार्यमुक्त

बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि गैर जिलों में स्थानांतरण कराने वाले शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं करेंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया है। उनका कहना है कि जब तक नए शिक्षक जिले को नहीं मिल जाते, पुराने शिक्षक यहां से नहीं छोड़े जाएंगे।


News Source / Sabhaar : अमर उजाला (22.6.13)