कार्यालय संवाददाता, हाथरस : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में फर्जी तरीके से बीटीसी आदि में प्रवेश लेने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मेरठ से 26 प्रशिक्षुओं के प्रमाण पत्रों को फर्जी घोषित कर दिया है। संस्थान के प्राचार्य ने अब फर्जी प्रशिक्षुओं को अंतिम नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में फर्जी प्रमाण पत्रों के प्रवेश लेने वाले प्रशिक्षुओं के मामले थमने का नाम नही ले रहे हैं। लगातार फर्जी प्रमाण पत्र के प्रशिक्षण करने वाले प्रशिक्षुओं के मामले उजागर हो रहे हैं। संस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा प्रशिक्षुओं के प्रमाण पत्रों का सही तरीके से सत्यापन नही कराया जाता है। अगर सही तरीके से प्रशिक्षुओं के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जाएं तो संस्थान की फजीहत न होती। बीटीसी वर्ष 2010 में प्रवेश लेने वाले 26 प्रशिक्षुओं के प्रमाण पत्र फर्जी होने की शिकायत प्राचार्य से की गई थी। प्राचार्य ने अतीला खान, हरेन्द्र कुमार, कृष्ण कुमार सेंगर, मणिदीप, सत्यवीर सिंह, नागेन्द्र सिंह चौहान, सुभाष चंद, श्वेता प्रथम, श्वेता द्वितीय, ओमकुमारी, अनुपमा, संजू कुमारी, नरेन्द्र कुमार, गौरव वशिष्ठ, प्रशांत वशिष्ठ, ओकार शर्मा, मीरा, शिवानी के अलावा सात अन्य प्रशिक्षुओं के हाई स्कूल और इंटर के प्रमाण पत्रों का सत्यापन माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्रीय सचिव कार्यालय मेरठ से कराया था। बोर्ड में बैठे अधिकारियों ने प्रमाण पत्रों की जांच पड़ताल करने के बाद उन्हें फर्जी घोषित कर दिया था। बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट अब डायट प्राचार्य हरवंश सिंह को भेज दी। अब डायट प्राचार्य इन फर्जी प्रशिक्षुओं के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे है। डायट प्राचार्य ने अब इन प्रशिक्षुओं को नोटिस जारी करके जबाव मांगा है। डायट प्राचार्य की मुताबिक 26 बीटीसी प्रशिक्षुओं के प्रमाण पत्रों को बोर्ड ने फर्जी करार कर दिया है, इन सभी प्रशिक्षुओं को नोटिस दिया जा रहा है। अगर प्रशिक्षुओं के द्वारा नोटिस का जवाब नही दिया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी
News Source : Jagran (12.11.12)
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Hard punishment should be given cheaters and their helpers, So people will avoid such cheating.