News : पांच लाख की घूस लेते पकडा गया 200 करोड का कम्पाउंडर, जयपुर में गिरफ्तार हुआ करोड़पति कंपाउंडर
कंपाउंडर राष्ट्रपति से भी हो चुका है सम्मानित
पूरे राज्य में फैला था करप्शन का नेटवर्क
उल्लेखनीय है कि आरोपी महेश शर्मा भारतीय नर्सिंग संस्थान में उत्तम कार्य के लिए राष्ट्रपति से सम्मानित भी हो चुका है.
इंडियन नर्सिग काउंसिल के सलाहकार महेश चंद शर्मा को एसीबी ने पांच लाख रूपए घूस लेते गिरफ्तार कर लिया। यह राशि जयपुर के मानसरोवर स्थित धनवंतरी नर्सिग कॉलेज को मान्यता देने और सीटें बढाने की एवज में प्रोपर्टी कारोबारी राजेंद्र सैनी के जरिये ली गई। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार किया है
आरोपी, महेश चंद शर्मा 2007 में अपनी जॉइनिंग से ही जबरन वसूली, नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए लॉबिंग जैसे कामों में संलिप्त रहा है। शर्मा के पास अपना एक अस्पताल, रिसॉर्ट और करोड़ों का फार्म हाउस भी है। इसके साथ ही जयपुर में इसके नाम कई और संपत्तियां भी हैं।
शर्मा की गिरफ्तारी ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) के अंदर करप्शन के बड़े रैकेट को उजागर किया है। यह बात इसलिए और भी पुख्ता हो जाती है क्योंकि शर्मा को हाल ही में संस्थान के अंदर अडवाइजर के पद पर प्रमोट किया गया था। गिरफ्तारी के बाद शर्मा ने बताया कि आईएनसी के अध्यक्ष टी. दिलीप कुमार भी इस करप्शन में शामिल हैं।
महेश ने कहा कि उसने काउंसिल अध्यक्ष टी. दिलीप कुमार के लिए पैसे लिए। एसीबी के डीआईजी गोविंद नारायण पुरोहित ने बताया कि अजमेर रोड पर विद्युत नगर निवासी महेश एसएमएस अस्पताल मे सैकंड ग्रेड कम्पाउंडर है। उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे रखा है, लेकिन वह स्वीकार नहीं हुआ है। महेश के खिलाफ जमनालाल मानव सेवा समिति के सचिव रमेश चंद सैनी ने शिकायत की थी कि समिति द्वारा संचालित धनवंतरी नर्सिग कॉलेज में सीटें बढाने और इस वर्ष की मान्यता के लिए पांच लाख रू. मांग रहा है
शर्मा को उस वक्त रंगे हाथ पकड़ा गया जब वह एक नर्सिंग कॉलेज के डायरेक्टर से प्राइवेट हॉस्पिटल में 5 लाख की घूस ले रहा था। एसीबी ने शर्मा के 800 स्क्वेयर यार्ड में फैले विद्युत नगर स्थित बंगले पर भी रेड डाली। शर्मा और उसकी पत्नी के नाम दर्ज लगभग 200 करोड़ की प्रॉपर्टी, कंपनियां पाई गई हैं। प्रॉपर्टी में 25 नर्सिंग कॉलेज के साथ पार्टनरशिप भी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेज आईएनसी से सभी तरह की मंजूरी के लिए शर्मा को रिश्वत दिया करते थे। इसमें नए कोर्स, सीटों को घटाना या बढ़ाना, अन्य चीजें शामिल थीं। शर्मा आईएनसी के औचक निरीक्षण से कॉलेजों को धमकाया भी करता था