प्रदेश के उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा विभाग के सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के शिक्षणेतर कर्मियों को जल्दी ही सौगात मिल सकती है।
इन विभागों के शिक्षणेतर कर्मियों से जुड़ी रिजवी समिति की सिफारिशें वित्त विभाग को मिल चुकी हैं।
मंत्रिपरिषद के सामने रखने को कहा
शासन ने इसे जल्द से जल्द विचार के लिए मंत्रिपरिषद के सामने रखने को कहा है। इससे करीब डेढ़ लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। रिजवी वेतन समिति 2008 के 11 वें प्रतिवेदन में सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के शिक्षणेतर कर्मियों के संबंध में पदवार विस्तृत संस्तुतियां की गई हैं।
कुछ पदों को कई ग्रेड में बांटा गया
इसमें राज्य कर्मचारियों की तरह सामान्य कैडर के विभिन्न पदों का पुनर्गठन और उसी हिसाब से ग्रेड पे बदलाव का प्रस्ताव है। कुछेक पदों को कई ग्रेड में बांटा गया है। सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षणेतर कर्मियों को एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित वेतनमान/ग्रेड पे का लाभ दिया जा चुका है।
तरक्की के अवसर भी बढ़ेंगे
इसके बाद वेतन समिति 2008 के11 वें प्रतिवेदन में सहायता प्राप्त उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षणेतर कर्मचारियों के संबंध में जो विस्तार से संस्तुतियां दी गई हैं। उसके अनुसार अब लाभ देने की तैयारी है। इससे न सिर्फ शिक्षणेतर कर्मियों की पगार में इजाफा होगा बल्कि तरक्की के अवसर भी बढ़ेंगे।
आगामी बैठक में आ सकता है प्रस्ताव
सूत्रों के अनुसार कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों की प्रमुख सचिव कार्मिक राजीव कुमार के साथ हुई बैठक में सहायता प्राप्त शिक्षणेतर कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों के समान वेतनमान देने का मामला उठाया गया था। इसी बैठक में वेतन समिति की संस्तुतियों को जल्द से जल्द मंत्रिपरिषद के निर्णय के लिए प्रस्तुत करने का फैसला हुआ। जानकार बताते हैं कि मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक में यह प्रस्ताव विचार के लिए आ सकता है
500 रुपये की वैल्यू भारतीय रिजर्व बैंक के
ReplyDeleteअनुसार पांच सौ रूपये ही है लेकिन भारत
के विभिन्न तबको में इसकी वैल्यू बदल
जाती है,
किसी के लिए ये पिज्जा हट में बिताये एक
घंटे का बिल है,
किसी के लिए फाइव स्टार होटल में वेटर
को दिया जाने वाला टिप ,
किसी के लिए ये तीन घंटे की सिनेमा है,
किसी के लिए दो दिन का पेट्रोल खर्च ,
किसी के लिए एक दिन का मोबाइल बिल
तो किसी के लिए एक महीने का ,
किसी के लिए एक हफ्ते की बचत
की है ,किसी के लिए एक दिन की बचत ,
और किसी क लिए इतनी बचत मायने
ही नहीं रखती है वो ज्यादा से मोर वाले
है ,
किसी के लिए ये हफ्ते का राशन है ,
किसी के लिए एक महीने का राशन,
और कोई तो इसके अभाव में राशन विहीन
दर-दर भटकता है,
किसी के लिए जिन्दगी की जद्दोहद में
आई अनापेक्षित बीमारियों के इलाज
का खर्च है,
तो किसी के लिए दो दिन की मजदूरी है
जो फ्री में मिल जाये तो हफ्ते के
सातो दिन काम करने वाले श्रमिक
को अपने परिवार संग वक्त बिताने
की छुट्टी मिल जाए,
उस घर में जहाँ सूखी रोटियों से रोज
बसेरा होता था , जिस ललचाई नजरो से
दूसरो के घरो में पकवान बनते देखते थे ,
अपने घर में भी वही पकवान पकाने
का साधन है ये रुपया ,
और कोई तो इतना मजबूर भी है कि उसे
मिल जाए तो कम से कम उसे दो चार दिन
उस शराब के नशे में डुबोये रखे जिसके आगोश
में आकर वो ये भूल जाए कि जिन्दगी पहाड़
जैसी रोज उस पर टूट पड़ती है और
वो रोज उसके नीचे दब कर
मारा जाता है.
कुछ तो ऐसे भी है जिन्हें पांच सौ रुपये एक
साथ देखे हुए एक ज़माना हो जाता है, कुछ
ऐसे है जिन्होंने कभी एक एक साथ देखे
ही नहीं...और कुछ ऐसे भी है जो एक साथ
इतने रूपये कमा भी नहीं सकते है....
कुछ के लिए ये पांच सौ रुपये के नोट इतने
कीमती होते कि वो खाना तो मांग कर
खा लेंगे पर उससे खरीदे कपड़े
उनकी बेटियों की इज्जत ढँक लेंगे ,
और कुछ के लिए एक दिन के लिए
ही सही कही अपनी गिरवी रखी अस्मिता
की युक्ति और दुसरे दिन वापस रुपये ख़त्म
होने पर उसी जगह खुद को गिरवी रख
आना...
भारतीय रिजर्व बैंक और भारत
सरकार के लिए पांच सौ रुपये की कीमत
बस पांच सौ रुपये ही है ,परन्तु भिन्न-
भिन्न भारतीयों के लिए इसके कीमते
अलग-अलग हो जाती है ,
और मेरे दोस्त तुम शिकायत करते
हो कि हमारे देश में वोट बिक जाया करते
है....
ReplyDeleteइन विभागों के शिक्षणेतर कर्मियों से जुड़ी रिजवी समिति की सिफारिशें वित्त विभाग को मिल चुकी हैं।
मंत्रिपरिषद के सामने रखने को कहा
शासन ने इसे जल्द से जल्द विचार के लिए मंत्रिपरिषद के सामने रखने को कहा है। इससे करीब डेढ़ लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। रिजवी वेतन समिति 2008 के 11 वें प्रतिवेदन में सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के शिक्षणेतर कर्मियों के संबंध में पदवार विस्तृत संस्तुतियां की गई हैं।
कुछ पदों को कई ग्रेड में बांटा गया
इसमें राज्य कर्मचारियों की तरह सामान्य कैडर के विभिन्न पदों का पुनर्गठन और उसी हिसाब से ग्रेड पे बदलाव का प्रस्ताव है। कुछेक पदों को कई ग्रेड में बांटा गया है। सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षणेतर कर्मियों को एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित वेतनमान/ग्रेड पे का लाभ दिया जा चुका है।
तरक्की के अवसर भी बढ़ेंगे
इसके बाद वेतन समिति 2008 के11 वें प्रतिवेदन में सहायता प्राप्त उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षणेतर कर्मचारियों के संबंध में जो विस्तार से संस्तुतियां दी गई हैं। उसके अनुसार अब लाभ देने की तैयारी है। इससे न सिर्फ शिक्षणेतर कर्मियों की पगार में इजाफा होगा बल्कि तरक्की के अवसर भी बढ़ेंगे।
आगामी बैठक में आ सकता है प्रस्ताव
सूत्रों के अनुसार कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों की प्रमुख सचिव कार्मिक राजीव कुमार के साथ हुई बैठक में सहायता प्राप्त शिक्षणेतर कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों के समान वेतनमान देने का मामला उठाया गया था। इसी बैठक में वेतन समिति की संस्तुतियों को जल्द से जल्द मंत्रिपरिषद के निर्णय के लिए प्रस्तुत करने का फैसला हुआ। जानकार बताते हैं कि मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक में यह प्रस्ताव विचार के लिए आ सकता है