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Tuesday, March 19, 2013

UPTET : विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षितों ने मांगी नौकरी

UPTET : विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षितों ने मांगी नौकरी 


जागरण संवाददाता, लखनऊ : सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगारों ने सोमवार को विधान भवन के सामने धरना दिया। विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के आान पर जुटे प्रशिक्षितों ने सरकार से खाली पदों के सापेक्ष उनकी भर्ती करने की मांग की। देर शाम प्रशिक्षितों ने विधानभवन के सामने से हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा तक कैंडल मार्च भी निकाला।


संयोजक राजनारायण ने कहा कि हम लोगों के साथ वर्ष 2007-08 में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की नियुक्ति कर दी गई, लेकिन उस समय करीब पांच फीसद लोगों की नियुक्ति नहीं हो सकी थी। छह महीने बाद डायट में विशेष प्रशिक्षण पूरा होने के बावजूद उनकी नियुक्ति नहीं की जा रही है। प्रशिक्षितों ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त सहायक अध्यापकों के पद पर नियुक्ति की मांग की


News Source : Jagran ( 18.3.13) / http://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-10227664.html
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For BTC candidates , UP govt. going to fill there posts shortly as in recent news it comes that approx 11000 posts are going to fill and its G.O announced.
I felt, major problem is that many BTC candidates are not TET qualified and TET qualification is  also required to get selection for teacher.

To solve issue of Non TET vs. TET , Allahabad Highcourt formed a special bench and some sources said this hearing may be on 3rd April 2014.
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Sunday, March 17, 2013

Bihar SSC : ये कैसी परीक्षाः नहीं हुआ कोई भी फेल, सबने पाई नौकरी

Bihar SSC : ये कैसी परीक्षाः नहीं हुआ कोई भी फेल, सबने पाई नौकरी

न्यूज़  साभार - अमर उजाला (17.3.13)


Lo UPTET kee Aniyamitta Se Milteee Jultee Ek  Good News
 (Supreme Court - Rajya Sarkar Kee Galtee Ke Chalte huee Aniyamittaa Main Candidates Ka Kya Dosh, Dobara Se Pariksha Karaya Jaana Sahee nahin Aur is Galtee se Bhrtee Hue Logo Ko Hatana/Dobara se Exam Karana Sahee Nahin Theraya. Lekin Aniyamitta kee Vajhe Se Galat Mulyankan Ke Karan Sahee Javab Dene Vale Aur Bhartee Se Bahar Hue Logo Ko Niyukt Karne Ka Nirdesh )

ये कैसी परीक्षाः नहीं हुआ कोई भी फेल, सबने पाई नौकरी

पीयूष पांडेय / नई दिल्ली| : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में सात वर्ष पहले आयोजित की गई राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षा में सही और गलत, दोनों जवाब देने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी पर रखने का आदेश दिया है। सा‌थ ही नए सिरे से परीक्षा कराने के हाईकोर्ट के आदेश को रद्द भी कर दिया है। 

गौरतलब है कि अगस्त, 2006 बिहार में जूनियर इं‌जीनियर की 220 पोस्ट के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा कराई थी। मूल्यांकन में हुई गड़‌बड़ी के कारण परीक्षा में गलत उत्‍तर देने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी पर रख लिया गया और सही उत्‍तर देने वाले नौकरी से वंचित रह गए।
इस मामले में दाखिल एक या‌चिका में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सभी पदों पर नए सिरे से परीक्षा कराने का आदेश दिया था। 
हालांकि, अब सर्वोच्च अदालत ने परीक्षा के बाद जूनियर इंजीनियर नियुक्त हुए गलत जवाब देने वालों को नौकरी से न हटाने का आदेश दिया है। साथ ही सही जवाब देने वालों को भी नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। 
सर्वोच्च अदालत ने गलत जवाब देने के बावजूद नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए कहा कि वैकल्पिक प्रश्नों के जवाब में तैयार की गई उत्तर पुस्तिका में सही के स्थान पर गलत उत्तर लिखे जाने की भूल के चलते यह परेशानी खड़ी हुई। 
इसमें गलत और सही जवाब देने वाले अभ्यर्थी पूरी तरह से निर्दोष हैं क्योंकि इस मामले में कोई भी अनियमितता या धोखाधड़ी नहीं की गई। लेकिन उत्तर-पुस्तिका में भूलवश गड़बड़ी होने से गलत जवाब देने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी के लिए चुन लिया गया, जबकि सही जवाब देने वाले दुर्भाग्य से बाहर हो गए। 
जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिहार में अगस्त 2006 में हुई राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में पटना हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश को दरकिनार कर दिया है। 
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सभी पदों पर नए सिरे से परीक्षा कराने का आदेश दिया था। 
पीठ ने कहा है कि सात साल पहले 220 पदों पर जूनियर इंजीनियर नियुक्त किए जा चुके परीक्षार्थियों को हटाया जाना उचित नहीं होगा। लेकिन सही जवाब देने वाले उन परीक्षार्थियों को भी नियुक्ति किया जाए जो उत्तर पुस्तिका की गलती की वजह से बाहर हो गए थे। 


News Source / Sabhaar : AMAR UJALA (  Last updated on: March 17, 2013 11:28 AM IST) / http://www.amarujala.com/news/samachar/national/patna-high-court-order-was-canceled-by-the-supreme-court/

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Friday, March 15, 2013

GIC MALE TEACHER LT GRADE - NEXT DATE OF HEARING IN ALLAHABAD HC IS 19TH MARCH 2013

GIC MALE TEACHER LT GRADE - NEXT DATE OF HEARING IN ALLAHABAD HC IS 19TH MARCH 2013


?Court No. - 30

Case :- WRIT - A No. - 6333 of 2013

Petitioner :- Ravindra Babu Shriwas And Ors.
Respondent :- State Of U.P.Thru Secy & Ors.
Petitioner Counsel :- Radha Kant Ojha
Respondent Counsel :- C.S.C.

Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J.
Sri Upendra Singh, learned Standing Counsel states that a counter affidavit as desired by this Court is under preparation in respect of other reasons as well so as to provide complete information with regard to status of selections.
Put up on Tuesday next.
Order Date :- 12.3.2013
Manish 

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2439902
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Matter is related to PG Degree issue. Is M.A Degree Equivalent to PG Science ? Can M.A Degree Quality Points can be added for Selection of Science Teacher
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In GGIC Female Teacher also such thing may happened,  (Old News of Amar Ujala) -


जीजीआईसी में शिक्षिकाओं की नियुक्ति का मामला ( Facts About Merit List Prepared for GGIC Female Teachers for appointment as LT Grade Teacher)

बीएचयू और अन्य नामी विश्वविद्यालयों को झटका
डीम्ड यूनिवर्सिटी, संस्कृत विवि की छात्राओं की बल्ले-बल्ले
यूपी बोर्ड को सीबीएसई ने पछाड़ा, नामचीन विवि भी पिछड़े
छूटे हुए १०९ अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग २८ जून को होगी
अमर उजाला ब्यूरो
वाराणसी। राजकीय बालिका इंटर कालेजों में एलटी ग्रेड के चयन में सैम्स हिगिंम बाटम डीम्ड यूनिवर्सिटी इलाहाबाद, रोहतक विश्वविद्यालय और संस्कृत विश्वविद्यालय की छात्राओं की बल्ले-बल्ले है। सूत्रों के मुताबिक स्नातक स्तर पर इन तीनों विश्वविद्यालयों और इंटर स्तर पर सीबीएसई की छात्राओं ने मेरिट में बाजी मारी है बीएचयू और अन्य विश्वविद्यालयों के अभ्यर्थी मेरिट में पिछड़ गए हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में सहायक अध्यापिकाओं की काउंसिलिंग की प्रक्रिया के बाद ये तथ्य सामने आए हैं।
काउंसिंलिंग के लिए ५१९ अभ्यर्थियों को काल किया गया था। इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थी उक्त तीनों संस्थानों के हैं। बीएचयू से स्नातक और बीएड की डिग्री लेने वाले अभ्यर्थी मेरिट में काफी नीचे हैं। चयनित अभ्यर्थियों की सूची देखकर कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी हैरत में हैं। यही नहीं चयन प्रक्रिया में परास्नातक की डिग्री पर भी अंक रखा गया है। ऐसे में बीएससी करने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने डीम्ड यूनिवर्सिटी की एमए की डिग्री लगाकर मेरिट में अपना स्थान पक्का कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि काउंसिलिंग के बाद शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन होगा। ताकि फर्जी डिग्रीधारकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके। फिलहाल ५१९ में १०९ अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग छूट गई है। इनकी काउंसिलिंग २८ जून को होगी। अभ्यर्थियों को काल लेटर भेज दिया गया है।

Source : http://www.amarujala.com/state/Utter-Pradesh/23666-1.html







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Thursday, March 14, 2013

Seven Lakh Teachers Post Created under RTE

Seven Lakh Teachers Post Created under RTE 

Dated 13th March 2013

Over Seven Lakh additional teacher posts have been sanctioned in the last three years under the Right to Education Act. This was stated by the MOS, HRD, Dr. Shashi Tharoor in Lok Sabha today. He said these posts have been approved to maintain Pupil Teacher Ratio under the Sarva Shiksha Abhiyan (SSA) programme which has been harmonized with the RTE Act. 

In reply to another question, Dr. Tharoor said that only a person who qualifies the Teacher Eligibility Test Conducted by the appropriate government will be eligible for appointment as a teacher for Class I-VIII as per NCTE. The Minister was replying to a written question on the issue. 

RNM/Hb
(Release ID :93597)


Source : http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx?relid=93597
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CTET JULY 2013 ANNOUNCED

CTET JULY 2013 ANNOUNCED 





CTET July 2013 Online Application : Central Board of Secondary Education (CBSE) has issued notification inviting online applications for Central Teachers Eligibility Test 2013. Online Application for CTET 2013 will start on 15/03/2013 and continue till 16/04/2013. More details regarding CTET 2013 online application important dates, applicability of CTET, Eligibility, how to apply, application fee and payment thereof etc are as under:

Applicability of CTET: CTET will apply to schools of Central Government and Schools under the administrative control of Union Territory of Chandigarh, Andaman and Nicobar Islands, Daman & Diu, Dadra & Nagar Haveli and NCT of Delhi. Unaided private schools can also exercise the option of considering the CTET. State Government who wish not to conduct their own TET can also consider CTET.

How to Apply Online for CTET 2013: Candidates are required to follow the procedure as under for applying online for CTET July 2013:
1. Visit the website:  www.cbse.nic.in or www.ctet.nic.in
2. Click on the Online Application Link.
3. Fill all details as required.
4. Before submitting the online application decide the mode of payment of fees.
5. After depositing the fees in Bank / e Post Office, the deposit slip containing the application registration number, name and address of the depositing branch and transaction id be kept ready before logging in to for final submission of the online application form.
6. Log in to above websites and complete the final registration by filling the fee payment details.
7. Once the final registration is over, a confirmation page will be generated. Same should be sent to CBSE CTET unit after affixing a passport size photograph. It should reach the CBSE Office latest by 22/04/2013. It should be sent through Registered Post only. Couriers will not be accepted by CBSE.

Important Dates: Following dates are worth noticeable :
Online Application for CTET 2013 Starts: 15/03/2013.
Last date for online application: 16/04/2013
Last date for receipt of confirmation page by CBSE : 22/04/2013
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CENTRAL BOARD OF SECONDARY EDUCATION, DELHI
CENTRAL TEACHER ELIGIBILITY TEST UNIT
PS 1-2, INSTITUTIONAL AREA, I P EXTN., PATPARGANJ,  DELHI-110092

NOTICE
CENTRAL TEACHER ELIGIBILITY TEST (CTET) – JULY 2013

The Central Board of Secondary Education, Delhi will be conducting the Central
Teacher Eligibility Test (CTET) for a person to be eligible for appointment as a teacher
for classes I to VIII on 28.07.2013 (Sunday). Candidates can apply only On-line for            
CTET-JULY 2013 on CBSE/CTET website.
IMPORTANT DATES:

Submission of On-line application   : 15.03.2013 to 16.04.2013
Last date for Online Submission of application : 16.04.2013
Last date for receipt of Confirmation Page in  : 22.04.2013
CBSE, CTET Unit
Note: 7 days grace time i.e. up to 29.04.2013 for receipt of Confirmation Page will be
allowed to the candidates belonging to remote areas viz. Arunachal Pradesh, Assam,
Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Sikkim, Tripura, Lahaul and Spiti District and
Pangi Sub-Division of Chamba District of Himachal Pradesh, Andaman & Nicobar Island
and Lakshadweep.

Schedule of Examination
DATE OF
EXAMINATION
PAPER TIMING DURATION
28.07.2013 PAPER - I 10.30 TO 12.00 HOURS 1.30 HOURS
28.07.2013 PAPER - II 13.30 TO 15.00 HOURS 1.30 HOURS

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Wednesday, March 13, 2013

UPTET : ALLAHABAD HIGHCOURT DOUBLE BENCH DB JUDGEMENT REGARDING STAY FOR 72825 TEACHERS RECRUITMENT


UPTET : ALLAHABAD HIGHCOURT DOUBLE BENCH DB JUDGEMENT REGARDING STAY FOR 72825 TEACHERS RECRUITMENT


STAY MATTER ALONG WITH OTHER ISSUES TRANSFER TO LARGER BENCH 

SEE HEARING DETAILS - 

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 33 

Case :- SPECIAL APPEAL No. - 150 of 2013 

Petitioner :- Navin Srivastava And Others 
Respondent :- State Of U.P. And Others 
Petitioner Counsel :- Abhishek Srivastava,Shashi Nandan 
Respondent Counsel :- C.S.C.,Bhanu Pratap Singh,C.B.Yadav 

Hon'ble Sushil Harkauli,J. 
Hon'ble Manoj Misra,J. 
From the arguments of the learned counsel appearing on behalf of the parties, it has transpired that in this bunch of appeals the contention of the selected candidates is that Teacher Eligibility Test (TET) should be upheld and for selection/appointment the merit of the candidates should be calculated as per the marks obtained by them in the TET test in accordance with the Rules as were in force at the relevant time. 
It has been pointed out that there is a reference to a larger Bench, which is pending and which involves the question as to whether candidates having certain educational qualifications would also be eligible to be considered for appointment on these very� posts without requirement of undertaking the TET

If, in that reference, it is held that some candidates are entitled to be considered for the appointment, without undertaking the TET, it is obvious that their comparative merit vis-a-vis the present candidates cannot be computed. 
The case in which the reference has been made is writ petition No.12908 of 2013 and the date of making the order of reference by the learned single Judge is 8th March, 2013. 
Therefore, it would appear to be desirable either that the reference is answered first, before taking a decision on this bunch of appeals, or the bunch of appeals are connected and heard along with the reference. 
Let papers of these cases be placed before Hon'ble the Chief Justice for taking such decision in the matter, as he may deem fit. This order will cover Special Appeal Nos.149 of 2013, 152 of 2013, 159 of 2013, 161 of 2013, 205 of 2013, 206 of 2013 and 220 of 2013. 
The affidavits, which have been filed today in the Court by the parties in this bunch of appeals, are taken on record. The interim order will continue till the next date of listing
Order Date :- 12.3.2013. 
Rks. 
(Manoj Misra, J.)������������ (Sushil Harkauli, J.) 



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UPTET : टीईटी अभ्यर्थी, भर्ती और न्यायलय

UPTET : टीईटी अभ्यर्थी, भर्ती और न्यायलय 



आज कल जिस तरह से अकादमिक और टी ई टी मेरिट खेमा खुश हो रहा है कि  हम जीत गए , हम जीत गए
मुझे लगता है वास्तव में वे भ्रम में हैं , सिर्फ मामला और लम्बा खिंच गया है ।

क्या किसी  पुराने विज्ञापन पर नयी शर्ते लागु हो सकती जैसा कि नॉन - टीईटी वाला मामला सामने आया है ,
और अगर ऐसा होता रहेगा तो कोई भर्ती कभी पूरी हो सकती है क्या ।

यह जरूर हो सकता है कि वृहद् बेंच मैं मामला जाने से सभी तथ्यों को और गंभीरता से जांचा जा सकेगा ।

मुझे यह भी लगता है कि टी ई टी अभ्यर्थीयों के वकील मामले को ठीक से नहीं रख पा  रहे हैं अन्यथा यह केस एक दो 
सुनवाई में शुरू में ही ख़त्म हो जाना चाहिए था या फिर और भी अन्य कारण भर्ती के हो सकते हैं ।

मतलब साफ़  है कि किसी अभ्यर्थी ने टी ई टी परीक्षा में मेहनत से अंक प्राप्त  किए  हैं तो उसकी क्या गलती की उसका चयन न हो और उसका अब ये नॉन टी ई टी  से क्या मतलब ।

जबकि परीक्षा से पहले ही ये साफ़ हो चुका  था कि भर्ती टी ई टी मार्क्स से होगी 

शुरू में यह मामला  गलत प्रश्नों का लेकर उठता है . जिसमें सभी अभ्यर्थीयों को गलत प्रश्नों के एवज में बोनस मार्क्स दे दिए जाने की घोषणा हो जाती है हालाँकि इसके बावजूद भर्ती पर टी ई टी मेरिट वालों पर कोई असर नहीं पड़ता , क्योंकि मार्क्स सभी को मिले थे ।

फिर यह मामला विज्ञापन निकलने के अधिकार को लेकर था और परेशानी किसको थी जिसका इसके अधिकार को लेकर कोई मतलब नहीं था ।
रिसल्ट में संसोधन हुआ , 5 जिलों की जगह सभी जिलों से आवेदन की छूट को लेकर संसोधन हुआ ।
वैसे ही अभ्यर्थीयों को उम्मीद थी कि अधिकार को लेकर सामान्य सा कोई संसोधन आ जाएगा , क्योंकि यह मामला 
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन   बड़े अधिकारीयों / केबिनेट की देख  रेख में हुआ था 
और सभी अख़बारों / मीडिया /विभाग के माध्यम से स्वयं बी एस ए आदि की जानकारी में था अगर उनको कोई ओब्जेक्शन होता तो वह  समय रहते ही आपत्ति दर्ज कर देते ।

यह प्रश्न उत्तर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थीयों के भविष्य को लेकर था , अभ्यर्थी तारिख दर तारिख परेशान होते रहे और उसके बाद 
एक नया मुद्दा आ गया - धांधली को लेकर 
यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात थी कि हर अभ्यर्थी को ओ एम् आर की एक प्रति भी दी गयी थी , सामान्यता ऐसा परीक्षाओं में बहुत कम होता है । उसके बाद पारदर्शिता के लिए उत्तर कुंजी विभाग की वेब साईट पर भी डाली गयी और सभी तरह की आपत्तियों का निस्तारण किया गया था ।

इस सब के बाद धांधली वाले अभ्यर्थीयों के नाम , जानकारी आदि सामने नहीं आयी , और  ऐसे संलिप्त 
अभ्यर्थीयों /  अधिकारियों को हटाया जाना बेहद जरूरी  था वर्ना ये आगे चलकर बच्चों / अभ्यार्थीयों के भविष्य से फिर खिलवाड़ करेंगे ।
सिर्फ एक संजय मोहन का नाम सामने आया , क्या एक आदमी अकेले इतनी बड़ी भर्ती में धांधली को अंजाम दे सकता था ।
कोई भी परीक्षा शत प्रतिशत शुद्दता से संपन्न होना बेहद मुश्किल होता है आज भी उत्तर प्रदेश में 
हाई स्कूल / इंटर परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर नक़ल माफियाओं की ख़बरें प्रमुखता से छप रही हैं ।


इसके बाद धांधली को ध्यान में रख कर भर्ती का आधार बदल गया , लेकिन उस बेचारे इमानदार टी ई टी अभ्यर्थी का क्या जिसने मेहनत  से नंबर प्राप्त किये ।
सी टी ई टी पात्र अभ्यर्थीयों को भी शामिल क्या गया जो की संख्या में बेहद कम होंगे और 2012 में  बी . एड धारी सी टी ई टी (प्राइमरी ) परीक्षा के लिए पात्र नहीं थे ।

नए विज्ञापन में पुन आवेदन हुए और फिर नए मामले सामने आये , पुराने विज्ञापन में पात्र मगर नए विज्ञापन में ओल्ड एज होने वाले अभ्यर्थी नए विज्ञापन में अपात्र हो गए । फिर फर्स्ट  काउंसलिंग के दिन पुराने विज्ञापन की शर्तों वाले अभ्यर्थीयों ने 
स्टे ले लिया ।इसी बीच एक नया मामला इलहाबाद हाई कोर्ट से  उठा की नॉन -टी ई टी वाले भी भर्ती के लिए पात्र हैं ।
साथ ही एक जज ने कहा की टी ई टी मामले की सही व्याख्या'किया जाना जरूरी है ।

मेरे अनुसार 
1. नॉन -टी ई टी वाले भी टी ई टी परीक्षा में बेठने के लिए पात्र थे और यह परीक्षा से पहले ही निर्धारित हो गया था की भर्ती टी ई टी मेरिट से होगी 
2. अब नॉन -टी ई टी  वाले मामले से पिछले विज्ञापन का क्या सम्बन्ध . और अगर किसी' भी पूर्व वर्ती 
भर्ती के नियम अगर भविष्य में बदले जा सकेंगे तो भर्ती कभी पूरी हो सकती है क्या 
3. एन सी टी ई ने टी ई टी को गुणवत्ता परक मानक परीक्षा माना और जब राज्य पर्याप्त संख्या में टी ई टी अभ्यर्थी मोजूद हैं तो 
फिर वे कहाँ जायेंगे 
एन सी टी ई ने टी ई टी के महत्व को बताया की ये सिर्फ पात्रता परीक्षा ही नहीं अपितु चयन -कम-पात्रता परीक्षा है -
(अ) इसके अंको को चयन  में महत्व दिया जाये  
(ब ) अभ्यर्थी अपने अंक वृद्दी हेतु पुन : इस परीक्षा में बैठ सकते हैं 
क्या कभी किसी पात्रता परीक्षा में ऐसी व्यवस्था होती है कि एक बार पात्र होने पर दोबारा से परीक्षा में बेठना पड़े और मार्क्स का चयन में वेटेज दिया जाये 

मुझे ये  समझ नहीं आता कि नॉन -टी ई टी का पुराने विज्ञापन की भर्ती से क्या मतलब है और टी ई टी मेरिट धारी बहुत खुश हो रहे हैं । हो सकता हैं की  वृहद् बेंच  में टी ई टी मेरिट धारी जीत जाएँ ।
दुसरी तरफ कुछ अकादमिक मेरिट धारी भी खुश हो रहे हैं वे सोच रहे हैं कि नॉन - टी ई टी वालों का पुराने विज्ञापन से क्या मतलब , और  अब तो उनकी जीत पक्की ।
लेकिन उनको भी समझना चाहिए कि मामला और ज्यादा गहराई से देखा जाएगा और देरी होगी व परिणाम अलग हट कर भी अ सकता है ।

पूरे मामले को देखकर लगता है कि वकील मामले को ठीक से नहीं रख पाए अन्यथा इतने सरल से मामले में 2-3 सुनवाई में मामला ख़त्म हो जाना चाहिए था , उदाहरनार्थ -
कोई मामले को इस तरह से रखता की हमने तो परीक्षा में धांधली /बेईमानी नहीं की और जिसने धांधली /बेईमानी की है उसको भर्ती से बहार करो इत्यादि 


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Tuesday, March 12, 2013

UP NEWS : उप्र में विधायिका-न्यायपालिका में टकराव की जमीन तैयार

UP NEWS : उप्र में विधायिका-न्यायपालिका में टकराव की जमीन तैयार


न्यूज़ साभार : जागरण ई पेपर 

  
- विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर हुए तबादले को स्थगन आदेश दिए जाने से सदन नाराज

- सभी दलों के सदस्यों ने कोर्ट के रवैये पर दर्ज कराई अपनी आपत्ति, कहा इससे तो राजनीतिक व्यवस्था ही ध्वस्त हो जाएगी

- विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से कहा, महाधिवक्ता को सदन की भावनाओं से अवगत कराया जाए

- सर्वदलीय बैठक बुलाने का भी फैसला

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'हम कानून बनाते हैं जिन्हें न्यायपालिका को लागू करना है। इस मामले में एक ऐसा वाक्य प्रयोग किया गया है जो हमारे खिलाफ टिप्पणी है। दुर्भाग्यवश कुछ लोग टिप्पणी करने के आदी हो गए हैं। '

- आजम खां, संसदीय कार्यमंत्री (जैसा उन्होंने सदन में कहा)

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'सदन व सरकार को पंगु बनाने की कोशिश है। अध्यक्ष के अधिकारों को कोई चुनौती नहीं दे सकता। '

- राम गोविंद चौधरी, मंत्री (जैसा उन्होंने सदन में कहा)

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'पीठ का निर्देश हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश जैसा होता है। पीठ के निर्देश पर स्टे देना पीठ व सदन का अपमान है।'

- स्वामी प्रसाद मौर्य, नेता प्रतिपक्ष

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'हाईकोर्ट को संविधान के अन्तर्गत यह अधिकार प्राप्त है कि वह कार्यपालिका और विधायिका दोनो के आदेशों की न्यायिक समीक्षा कर सकता है, ऐसे में मुझे नहीं लगता है कि सदन के आदेश पर हुए तबादले पर स्टे आर्डर देना, विधायिका का किसी तरह का अपमान है।'

- सीबी पाण्डेय, न्यायाधीश (अवकाश प्राप्त)

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यह थी हाईकोर्ट की टिप्पणी

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प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि इनका ट्रांसफर जनहित में नहीं किया गया है बल्कि राजनीतिक हितों को देखते हुए स्थानीय विधायक को संतुष्ट करने के लिए किया गया है।

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जागरण ब्यूरो, लखनऊ : मंगलवार को विधानसभा में न्यायपालिका और विधायिका के बीच की तल्खी एक बार फिर देखने को मिली। जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर के पुलिस सबइंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह के तबादले पर हाईकोर्ट ने स्टे देते हुए जिस तरह की टिप्पणी की है उस पर सभी दलों ने एक जुट होकर कड़ी आपत्ति जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष से कड़े कदम उठाने की मांग की। सभी ने कोर्ट की टिप्पणी को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती देने का काम किया जा रहा है। कहा गया कि कोर्ट के ऐसे रवैये से प्रजातंत्र को चलाने के लिए बनी राजनीतिक व्यवस्था ही ध्वस्त हो जाएगी।

अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने भी कहा कि सदन की कार्यवाही पर टिप्पणी करने का हक किसी को नहीं है। उन्होंने सरकार को निर्देश दिया कि एडवोकेट जनरल को सदन की भावना से अवगत कराया जाए। अध्यक्ष ने कहा कि इस संबंध में विचार करने के लिए सभी दलों की बैठक बुलायी जाएगी।

शून्यकाल के दौरान सदन में भाजपा की सीमा द्विवेदी ने औचित्य का प्रश्न उठाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर जिस एसआइ का सरकार ने तबादला कर दिया था वह कोर्ट से स्टे लेकर चौथी बार फिर मुंगरा बादशाहपुर में तैनात हो गया है। भाजपा के हुकुम सिंह ने कोर्ट के स्टे आर्डर का हवाला देते हुए कहा कि उसमें कोर्ट का जो नजरिया रहा है वह गंभीर है। कोर्ट द्वारा एसआई के तबादले को प्रथमदृष्टया जनहित में न मानते हुए उसे राजनीतिक हित में स्थानीय विधायक को खुश करने के लिए किया जाना बताया गया है।

संसदीय कार्यमंत्री मुहम्मद आजम खां ने प्रकरण को दुखद बताते हुए कहा कि जरूरी नहीं कि सभी सदस्य खराब हों इसलिए टिप्पणी ठीक नहीं है। विधायक तो जनता के हित में ही काम करते हैं उनका खुद का क्या हित होता है? उन्होंने कहा कि कोर्ट का जो रुख है उससे तो प्रजातंत्र ही नहीं रह जाएगा। पूरी राजनीतिक व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। आजम ने कहा कि कोर्ट का नजरिया कहीं न कहीं चुनी हुई व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कठोर कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। आजम ने कहा कि हम कानून बनाते हैं जिन्हें न्यायपालिका को लागू करना है। इस मामले में एक ऐसा वाक्य प्रयोग किया गया है जो हमारे खिलाफ टिप्पणी है। दुर्भाग्यवश कुछ लोग टिप्पणी करने के आदी हो गए हैं।

नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि पीठ का निर्देश हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश जैसा होता है। पीठ के निर्देश पर स्टे देना पीठ व सदन का अपमान है। मौर्य ने कहा कि प्रकरण को अति गंभीरता से लेते हुए अध्यक्ष के माध्यम से कोर्ट को पत्र लिखा जाए। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के एक जज के फैसला का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें साफ है कि विधायक संस्तुति नहीं करेगा तो क्या करेगा। मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि सदन व सरकार को पंगु बनाने की कोशिश है। चौधरी ने कहा कि आखिर अध्यक्ष के अधिकारों को कौन चुनौती दे सकता है? लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। मंत्री राजेन्द्र सिंह राणा ने संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती देने का काम किया जा रहा है। विधायकों के शिकायती पत्रों को आधार बनाकर तबादलेपर कोर्ट से स्टे लिया जा रहा है। राणा ने नौकरशाहों की भूमिका पर भी सवाल उठाए


न्यूज़ साभार : जागरण ई पेपर / Jagran (Updated on: Tue, 12 Mar 2013 07:54 PM (IST))
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UPTET : क ानून की व्याख्या में उलझी शिक्षकों की भर्ती

UPTET : क ानून की व्याख्या में उलझी शिक्षकों की भर्ती

 News Sabhar : जागरण (Updated on: Tue, 12 Mar 2013 10:08 PM (IST))
  
 इलाहाबाद : क्या सही है और क्या गलत, इसका फैसला तो अब हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ करेगी, लेकिन कानून की अलग-अलग व्याख्या ने शिक्षक भर्ती को उलझा दिया है। इससे नियुक्ति की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता शुरू से ही विवादों का घर रही है। पहले इसकी परीक्षा को लेकर विवाद और बाद में बीएड अभ्यर्थियों के मामले ने इसे और उलझा दिया। टीईटी की गाइडलाइन पूरे देश के लिए तय की गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों के लिए राह खोलकर तमाम विवादों को जन्म दे दिया। बीएड अभ्यर्थियों के अपने तर्क हैं और उनकी एक बड़ी संख्या है इसलिए उन्हें उपेक्षित करना आसान नहीं था। इसी वजह से बड़ी संख्या में याचिकाएं अदालतों में दाखिल हुईं

हाईकोर्ट में मतभिन्नता से अब यह मामला पूर्ण पीठ को संदर्भित हुआ है, जिससे एक निश्चित नतीजे पर पहुंचने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वैसे अदालतों की अलग-अलग राय ने एक बहस भी सामने ला दी है कि किसी निश्चित गाइडलाइन को राज्य सरकार क्या तोड़-मरोड़ सकती है? जहां तक टीईटी का सवाल है तो कई राज्यों में ने इसे सफलतापूर्वक अपना लिया है और वहां शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सही राह पर चल पड़ी है

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विशेष अपील भी खंडपीठ के हवाले

टीईटी की अनिवार्यता वाले एक अन्य एकल न्यायपीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल विशेष अपील को भी पहले से गठित पूर्ण पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया गया। नवीन श्रीवास्तव व अन्य की विशेष अपील की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुशील हरकौली तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खंडपीठ ने प्रकरण को पूर्ण पीठ के समक्ष रखने के लिए मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विशेष अपील का फैसला पूर्ण पीठ के द्वारा होने वाले फैसले से प्रभावित होगा। ऐसे में दोनों मामलों की अलग-अलग सुनवाई किए जाने का औचित्य नहीं है।

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टीईटी पास होना अनिवार्य है, किंतु शासनादेश के तहत बीएड डिग्रीधारक भी सहायक अध्यापक बन सकते हैं। शर्त यह होगी कि नियुक्ति के बाद उन्हें 6 माह का प्रशिक्षण लेना होगा।

-खंडपीठ का आदेश

टीईटी पास होना सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य है। जब टीईटी अभ्यर्थी नहीं होंगे तब आवश्यक होने पर बीएड की नियुक्ति की जा सकेगी किंतु वे भी बाद में टीईटी पास करेंगे।

-न्यायमूर्ति अरुण टंडन

टीईटी शिक्षक भर्ती के लिए ग्रीन कार्ड की तरह है। कानूनी उपबंधों की सही व्याख्या किया जाना जरूरी है इसलिए प्रकरण वृहदपीठ को संदर्भित किया जाए।

-न्यायमूर्ति एपी साही

शिक्षक भर्ती में बीए, बीएससी के साथ बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल करने के आदेश का अनुपालन किया जाए। एक माह के भीतर इस पर कार्यवाही हो।

-न्यायमूर्ति डीपी सिंह


 News Sabhar : जागरण (Updated on: Tue, 12 Mar 2013 10:08 PM (IST))

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Breaking News UPTET : 10,800 पदों पर होगी शिक्षकों की भर्ती


Breaking News UPTET : 10,800 पदों पर होगी शिक्षकों की भर्ती

 
लखनऊ : उप्र बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 10,800 रिक्त पदों पर बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और दो वर्षीय बीटीसी उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों की भर्ती 30 जून तक पूरी की जाएगी। नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों का अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) या राष्ट्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।

शिक्षकों की भर्ती के बारे में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश के मुताबिक इन पदों पर नियुक्ति के लिए 15 अप्रैल से पहले विज्ञप्ति प्रकाशित कर दी जाएगी। शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किये जाएंगे।

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कहां कितने पदों पर होगी भर्ती -मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, बलरामपुर, कानपुर नगर में से प्रत्येक में 10

-एटा में 30

-मिर्जापुर, सोनभद्र व हमीरपुर में प्रत्येक में 40

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UPTET : Non TET Recruitment of Teacher Matter Moves to Bigger Bench of 3 Judges

UPTET : Non TET Recruitment of Teacher Matter Moves to Bigger Bench of 3 Judges


News Source : Hindustan Epaper Lucknow (12.03.2013)




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UPTET : कोर्ट में जल्द न सुलझा तो संविदा पर करेंगे नियुक्तियां



UPTET : कोर्ट में जल्द न सुलझा तो संविदा पर करेंगे नियुक्तियां

- 72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला
- बेसिक शिक्षा मंत्री की घोषणा
- विधानसभा में विभाग का बजट पारित
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यह भी कहा
- सत्र में पहले ही दिन स्कूल पहुंचते विद्यार्थियों को मिलेंगी पाठ्य पुस्तकें, 15 अगस्त तक बांट दी जाएंगी यूनीफार्म
- पढ़ाई के अलावा सिर्फ जनगणना, चुनाव और दैवीय आपदा में ही लगाये जाएंगे शिक्षक
- शिक्षा मित्रों का पांच हजार रुपये मानदेय बढ़ाने का केंद्र को भेजा प्रस्ताव
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : सरकारी को प्राइवेट स्कूलों के मुकाबिल खड़ा करने की मंशा जाहिर करते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि हाइकोर्ट में लंबित 72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला अगर जल्द न सुलझा तो सरकार संविदा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। सरकार किसी भी कीमत पर बच्चों की शिक्षा को बाधित नहीं होने देगी


विभाग के बजट पर तीन घंटे की चर्चा में चौधरी ने घोषणा की कि सत्र में पहले ही दिन स्कूल पहुंचते ही विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें मिल जाएंगी। 15 अगस्त तक यूनीफार्म भी बांट दी जाएगी। उन्होंने प्राथमिक स्कूलों में अब कक्षा एक से अंग्रेजी और नैतिक शिक्षा की पढ़ाई कराने की भी घोषणा की।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा सिर्फ जनगणना, चुनाव और दैवीय आपदा में ही लगाया जाएगा। विद्यालयों के निर्माण कार्य से शिक्षकों को हटा लिया गया है। शिक्षिकाओं की तैनाती उन स्कूलों में ही होगी जहां आवागमन का साधन होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों का पांच हजार रुपये मानदेय बढ़ाने का केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। अगर अक्षय पात्र संस्था राजी हुई तो उसे प्रदेश के सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन का जिम्मा सौंपा जा सकता है।
मंत्री ने दावा किया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने एक वर्ष में डेढ़ लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का काम किया है। बिना किसी लेन-देन के शिक्षकों का तबादला हुआ। कोशिश इसकी है कि शिक्षा से भ्रष्टाचार का समूल नाश हो। चौधरी ने कहा कि नयी शिक्षा नीति जो भी हो पर उप्र के प्राथमिक विद्यालयों में तिमाही, छमाही और सालाना इम्तिहान होंगे ताकि बच्चों की प्रगति का पता चलता रहे। उन्होंने कहा कि अगर हमें प्राइवेट स्कूलों से मुकाबला करना है तो अप्रैल से ही स्कूल चलो अभियान शुरू करना होगा।
बसपा के नीरज मौर्या ने बजट पर कटौती प्रस्ताव के जरिए कहा कि सर्व शिक्षा अभियान का पैसा ठेकेदारों के ही पेट भरने के काम आया। भाजपा के डा. राधा मोहनदास अग्रवाल ने कहा कि हम लोगों ने शिक्षकों को रसोइया बना दिया है, शिक्षा से उनका कोई मतलब नहीं रह गया है। मिड डे मील से बच्चों का भले ही पोषण न हुआ हो, पर उनकी पढ़ाई जरूर चौपट हो गयी है। भाजपा सदस्य सीमा द्विवेदी के जौनपुर जिले के तमाम स्कूलों के बंद होने की जानकारी देने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि आप किस बात की जनप्रतिनिधि हैं जो उन्हें खुलवा नहीं सकीं। मंत्री मनोज पांडेय के अलावा सदस्य रूबी प्रसाद, रामलाल अकेला, कालीचरण, शिवाकांत ओझा, सीमा द्विवेदी आदि ने भी बजट चर्चा में भाग लिया। बाद में ध्वनिमत से बजट पारित हो गया


News Source : Jagran (12.03.2013)
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Another News From Hindustan Epaper Lucknow (12.03.2013)  -






Another shock to UPTET Pass candidates.
What will a candidate do, who qualified this exam honestly and sincerely.

In this UPTET exam, one more surprise is - Not a single candidate name heard (in NEWS PAPERS/ MEDIA etc.)  in cheating especially in such a LARGE EXAM where lakhs of candidates appeared.

If any candidate found corrupt then atleast such candidate should be excluded from recruitment process.

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Sunday, March 10, 2013

UPTET: ALLAHABAD HIGH-COURT HEARING ON 72825 TEACHER RECRUITMENT STAY MATTER

UPTET: ALLAHABAD HIGH-COURT HEARING ON 72825 TEACHER RECRUITMENT STAY MATTER



HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
Case Status - Allahabad

Pending
Special Appeal : 150 of 2013 [Allahabad]
Petitioner: NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS
Respondent: STATE OF U.P. AND OTHERS
Counsel (Pet.): ABHISHEK SRIVASTAVA
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Special Appeals Special Appeals-Against Final Order Of Single Judge In Writ Petition
Date of Filing: 29/01/2013
To Be Listed on: 11/03/2013 in Court No. 33



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महा शिवरात्रि

महा शिवरात्रि 


आज महा शिवरात्रि के पर्व पर आप सभी लोगो को हार्दिक शुभकामनायें 
आने वाले दिन आपके लिए मंगल मय हों 



धन्यवाद 
ब्लॉग एडिटर


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Saturday, March 9, 2013

11 मार्च हड़ताल पर रहेंगे प्रदेश के अधिववक्ता

11 मार्च  हड़ताल पर रहेंगे प्रदेश के अधिववक्ता



- चंडीगढ़ व जयपुर में लाठी चार्ज का विरोध

इलाहाबाद : चंडीगढ़ तथा जयपुर में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदेश के अधिवक्ता 11 मार्च को कार्य से विरत रहेंगे। इस दौरान सूबे में किसी भी अदालत में कार्य नहीं होगा। यूपी बार कौंसिल ने इसके लिए सभी जिलों के अधिवक्ता संगठनों को पत्र प्रेषित किया है।

कौंसिल के अध्यक्ष इमरान माबूद खान ने बताया कि कार्य बहिष्कार का यह फैसला बार कौंसिल आफ इंडिया के आह्वान पर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान सभी अधिवक्ता संगठन अपने अपने जिलों में सभी व विरोध प्रदर्शन करके इस तरह की घटनाओं के प्रति आक्रोश जाहिर करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अधिवक्ताओं की संख्या तीन लाख 15 हजार है। 11 मार्च को सभी कार्य बहिष्कार करेंगे


News Source : Jagran (Updated on: Sat, 09 Mar 2013 07:31 PM (IST))
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It looks UPTET stay hearing may be postponed on 11th March 2013.

Candidate bhee wait karte karte pareshaan - Kabhee Judge nahin, kabhee advocate nahin, kabhee petitionar nahin, kabhee respondant nahin, kabhee court kee chuttee



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