- चंडीगढ़ व जयपुर में लाठी चार्ज का विरोध
इलाहाबाद : चंडीगढ़ तथा जयपुर में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदेश के अधिवक्ता 11 मार्च को कार्य से विरत रहेंगे। इस दौरान सूबे में किसी भी अदालत में कार्य नहीं होगा। यूपी बार कौंसिल ने इसके लिए सभी जिलों के अधिवक्ता संगठनों को पत्र प्रेषित किया है।
कौंसिल के अध्यक्ष इमरान माबूद खान ने बताया कि कार्य बहिष्कार का यह फैसला बार कौंसिल आफ इंडिया के आह्वान पर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान सभी अधिवक्ता संगठन अपने अपने जिलों में सभी व विरोध प्रदर्शन करके इस तरह की घटनाओं के प्रति आक्रोश जाहिर करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अधिवक्ताओं की संख्या तीन लाख 15 हजार है। 11 मार्च को सभी कार्य बहिष्कार करेंगे
News Source : Jagran (Updated on: Sat, 09 Mar 2013 07:31 PM (IST))
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It looks UPTET stay hearing may be postponed on 11th March 2013.
Candidate bhee wait karte karte pareshaan - Kabhee Judge nahin, kabhee advocate nahin, kabhee petitionar nahin, kabhee respondant nahin, kabhee court kee chuttee
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ReplyDeleteLALIT SHARMA' WALL
agar Gov chahe to jitne uptet pass hai un sab ko job de sakti hai.. aur fir new tet kara liya jaye,, aur vacancy bhi hai,, so koi problem bhi nahi hogi,, aur na koi court jayega aur na hi koi base ka matter hoga,, sikshamitra ko bhi bhar kiya jaye aur kaha jaye ki tet pass karo aur line me aajao,, baari baari sab ko job dete jaye,, agar lage ki bhut jyada tet pass ho gaye tab koi new option aa sakta hai,, lekin abhi to tet pass candidate vacancy se kam hai,, fir kyo hum sab ko dstrb kiya ja raha hai,,
HC wale matter me agar sab kuch theek hai to 11 march ke baad ek date aur milkar sab final ho jayega,, varna date to hindusthan ME kabhi kahatm nahi hoti hai,, bas case karne wale hi kahatam ho jate hai,, so with Hope ab next date kuchh to ho isi ummid ke sath ,, jai hind,, and,, thoda sa khush raho aapke sath meri bhi himmat bani rahti hai dosto,, and say,,ALL WILL BE WELL,,,,,,,
9058749811
shaurabh kushwah'NEWS
ReplyDeleteटंडन के समय सब जान गए थे की जो तर्क सालभ जी द्वारा उस समय दिए जा रहे थे वो सिर्फ जबरदस्ती के तर्क थे जो सच से परे थे सौ की सिर्फ एक बात बोलूँगा की यदि दिल्ली टीम न होती तो टंडन केस भर्ती के बाद खतम करता क्युकी दिल्ली टीम के सुर्प्रिम कोर्ट जाने के तुरंत बाद क्यों ''टंडन'' 'अपनी जान बचाने वाले ऑर्डर' के साथ केस ख़ारिज कर दिया टंडन जी को सरकार को सिर्फ मुनाफा करवाना था जो करवा दिया ....पर यहाँ तब भी टंडन की पूजा ही होती रही और आप लोग भी करते रहे ....और रही बात रत्नेस की सुप्रीम कोर्ट की SLP वाली बात तो बता दूँ यही टेट समर्थकों को संजीविनी थी जिसके बाद सब हमारे पक्ष में हो गया था एक बात और बता दूँ की सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुद ही कहा था की आप लोगो को रहत मिलेगी आप लोगो का अंतिम ऑर्डर आ गया है उसे ले आईये यदि उस समय टंडन ने ऑर्डर न दिया होता तो टंडन तो गया था काम से
Rajiv Sharma' NEWS
ReplyDeleteCOPY & PASTE
Bhaiyya tarakti farakti khabar laye hain secrtrt me hmare ek janne wale hain unke thrgh pta chala hai khbr 90 % cnfrm hai fir b hm puri trh se cnfrm karne ke liye koshish kr rahe hain ap logo me se b jis kisi ka koi b source ho to wo koshish kare confrm karne ki news ye hai ki govt tet merit ke base pr selectn ke liye taiyar ho gyi hai aur monday ko sunwai ke wqt wo apni glti mante hue old advt.ke base pr selction process strt karne ki permissn mangegi aur permsn milte hi sabhi distrct ki 3 guna ke hisab se tet merit ke base pr 15 march ko ek sath merit list out kar degi aur 18 march ko 1st counslg hogi pura proces kisi b halat me 31 march tk pura kr liya jayega aur sbko 7 april ko joing de di jygi.
9058749811
ReplyDelete9058749811
ReplyDeleteDeen Bandhu
ReplyDeleteक्या है surveillance????????????????
क्रिमिनल्स की लोकेशन ट्रेस करने में सबसे अहम भूमिका सर्विलांस की मानी जाती है. बदलते समय के साथ पुलिस के पास मुखबिर की संख्या कम होती गई. पुलिस ने खुद को हाईटेक करने के लिए नए टेक्नोलॉजी पर काम करना शुरू कर दिया. दरअसल, क्रिमिनल को ट्रेस करने के लिए पुलिस उसके सेल नंबर को जिस सिस्टम पर लगाती है उसे सर्विलांस कहते हंै. कई बार शातिर बदमाश इस जाल से निकलने के लिए अपना सिम चेंज कर लेते हैं, लेकिन उनके द्वारा पूर्व में की गई कॉल और एसएमएस के जरिए पुलिस उस तक जा पहुंचती है.
IMEI नंबर से फंसते हैं
हर मोबाइल का अपना इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आईडेंटिटी(आईएमईआई)नंबर होता है, जिसकी डिटेल फोन बनाने वाली सभी कंपनीज के पास मौजूद रहती है. सिम चेंज कर क्रिमिनल भले ही ये समझता हो कि पुलिस अब उस तक नहीं पहुंच सकती, लेकिन जैसे ही मोबाइल में दूसरा सिम डाला जाता है, इसकी इंफॉर्मेशन उस कंपनी को लग जाती है. आईएमईआई के माध्यम से भी ये पता लग जाता है कि कौन किस नंबर पर बात कर रहा है. बस पुलिस के लिए यही जानकारी महत्वपूर्ण साबित होती है. फोन ऑफ होने पर भी लोकेशन का पता लगाया जा सकता है.
हर माह होती है मीटिंग
सर्विलांस का इस्तेमाल पुलिस के लिए भले ही कारगर साबित हो रहा हो, लेकिन मोबाइल कंपनीज के सहयोग के बिना पुलिस का काम अधूरा ही रहता है. इसीलिए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया द्वारा देश की सभी सेल सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी के लिए एक गाइड लाइन जारी की गई है, जिसमें उन्हें हर माह जिलेवार स्तर पर पुलिस के साथ बैठक करनी होती है. संदिग्ध नंबर मिलने के बाद कंपनी के कर्मी पुलिस को उक्त नंबर पर की गई बात का पूरा खाका मुहैया कराते हैं, जिसके आधार पर पुलिस अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाती है.
नॉन टेट वालो के केश को ही ले लीजिए पेपर ने कहा है की न्यायमूर्ति एपी साही ने कहा मेरी समझ से टीईटी सभी के लिए अनिवार्य है। ऐसी स्थिति में उन्होंने खंडपीठ के फैसले से असहमति जताते हुए मामले को वृहद पीठ को संदर्भित किया। अब मुख्य न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की पीठ गठित करेेंगे।
ReplyDeleteजबकि उनका आर्डर है की यतींद्र कुमार त्रिपाठी के केश को भी केस न० १२९०८ ऑफ १३ के साथ कनेक्ट किया जाये अगर आप को बिस्वास न हो तो फैसला पढ़िए फिर बताये की पेपर बेचने के लिए कितने हत्कंडे अपनाये जाते है
Shakul Gupta
ReplyDeleteबीएड जेईई आवेदन का आज अंतिम मौका
नोएडा। प्रदेश के 1021 बीएड कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में शामिल होने के लिए आवेदन का आज अंतिम मौका है। जेईई के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन रविवार 10 मार्च को खत्म हो जाएंगे, जिसके फॉर्म 13 मार्च तक जमा होने हैं। 10 फरवरी से चल रही आवेदन प्रक्रिया में अभी तक 4.32 लाख से ज्यादा फॉर्म भरे जा चुके हैं, जबकि 24 अप्रैल को 1.13 लाख सीटों पर बीएड जेईई आयोजित की जाएगी।
सुधीर मिश्रा, मुरादाबाद : यूपी बोर्ड के इम्तेहान में अबकी पुलिस की तैनातीनहीं होगी। इसके पीछे परीक्षार्थियों के बीच भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने का तर्क दिया जारहा है। अलबत्ता एकाएक सामने आया यह फैसला सभी को चौंका रहा है।
ReplyDeleteयूपी बोर्ड की परीक्षाएं 12 मार्च से होनी तय हुई हैं। इसके तहत प्रदेश में दसवीं एवं बारहवीं के लगभग 62 लाख छात्र परीक्षा में शामिल होंगे। अभी तक की व्यवस्थाओं में बोर्ड परीक्षा के दौरान हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस की मौजूदगी और अतिसंवेदनशील केंद्रों पर भारी फोर्स की तैनाती सुनिश्चित की जाती थी। संवेदनशील केंद्रों एक दरोगा व दो सिपाहियों की तैनाती होती थी तथा अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर दो दरोगा और चार सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाती थी। यही नहीं सीओ, एसओ को फोर्स के साथ सेंटरों पर जाने के निर्देश होते थे। वर्ष 1992 में यूपी में कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री काल वाली सरकार के दौरान बोर्ड परीक्षाओं के समय छात्रों की हालत खराब हो गई थी। नकल अध्यादेश लागू होने के कारण नकल करते पकड़े जाने पर छात्र-छात्राओं को जेल तक जाना पड़ा था। उस दौरान कई निर्दोष परीक्षार्थी भी जेल पहुंच गए थे।
इस नियम को बाद में बदलकर नकल के आरोपीपरीक्षार्थियों को जेल भेजने के नियम में उदारता बरती गई। अब शासन परीक्षार्थियों के प्रति और उदार होता नजर आ रहा है। ताजे फैसले में इस साल की यूपी बोर्ड परीक्षाओं को पुलिसनियंत्रण से मुक्त रखने की बात कही गई है। यानी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस नहीं लगाई जाएगी।
प्रदेश स्तरीय आला अधिकारियों का मानना है कि परीक्षा केंद्र पर पुलिस को देखकर किशोरवय विद्यार्थी मनोवैज्ञानिक दबाव में आ जाते हैं। कईदफा डर से वे पेपर भी बिगाड़ बैठते हैं।परीक्षार्थियों सो शुरू करके मित्र पुलिस की अवधारणा को हकीकत बनाया जाएगा। इस फैसले के साथ शासन स्तर पर तय किया गया है कि अगर किसी परीक्षा केंद्र पर पुलिस की जरूरत महसूस भी होती है तो उसका भुगतान यूपी बोर्ड को करना होगा।
'परीक्षार्थियों के हित के तहत ही यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्रों पर इसबार पुलिस की तैनाती नहीं करने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने ऐसा फैसला भयमुक्त परीक्षा कराने के उद्देश्य से लिया है। फिर भी जिन परीक्षा केंद्रों पर कानून-व्यवस्था के लिहाज से पुलिस तैनाती जरूरी लगती है, वहां संबंधित थाने से फोर्स भेजी जाएगी।'
-अरुण कुमार, एडीजी ला एंड आर्डर
Rahul Pandey
ReplyDeleteराजस्थान और चंडीगढ़ में वकीलों की पिटाई से खफा बार काउंसिल आफ इंडिया ने सोमवार को कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है। जिसका पपत्र हर राज्य के बार काउंसिल में भेजा जा रहा है। अतः सोमवार को धैर्य बनाये रखें, पढ़े लिखे शिक्षित हो। सभ्यता बनारे रखिये। आप सबको महाशिवरात्रि एवं कुंभ समाप्ति दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
isliye ab sunwaayi Tuesday ko hogi
नॉन टेट के इस केस में जो निचे है में शाही जी ने ही सरकर से १३ मार्च तक जबाब मागा है
ReplyDelete?Court No. - 30
Case :- WRIT - A No. - 5417 of 2013
Petitioner :- Sandeep Mishra And Ors.
Respondent :- State Of U.P.Thru Principal Secretary & Ors.
Petitioner Counsel :- Pankaj Kumar Ojha,Shalendra
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K.Yadav
Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J.
Sri Upendra Singh prays for three weeks further time to file counter affidavit.
Time prayed for is granted.
List after three weeks.
Order Date :- 18.2.2013
Manish
?Court No. - 30
Case :- WRIT - A No. - 5417 of 2013
Petitioner :- Sandeep Mishra And Ors.
Respondent :- State Of U.P.Thru Principal Secretary & Ors.
Petitioner Counsel :- Pankaj Kumar Ojha
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K.Yadav
Hon'ble V.K. Shukla,J.
Learned Standing counsel has accepted notice on behalf of respondent nos. 1 and 3. Sri A.K.Yadav, Advocate has accepted notice on behalf of respondent nos. 2 and 4.
List this matter on 18.02.2013.
Submission of the petitioners is that pursuant to directives issued by Special Appeal Bench of this Court in Special Appeal No. 2366 of 2011 (Prabhakar Singh and other Vs. State of U.P. and other)� corrigendum was required to be issued by the State Government but till date said corrigendum has not been issued and selection process is being finalized.�
This Court proceeds to note down the relevant extract of the judgment dated 16.01.2013 passed in the aforesaid Special Appeals:
"In the result all the Special appeals are disposed of with the following directions:
(i)The appellants/other eligible candidates who have passed BA/BSc with 50% and are B.Ed being fully eligible for appointment as Assistant Teacher to teach Classes I to V as per Clause 3 of the notification dated 23rd August, 2010, as amended from time to time, are entitled for consideration for their appointment on vacant posts of Assistant Teachers in Classes I to V. The State authorities including the concerned District Basic Education Officers are directed to consider the claim of such persons while considering the appointment on the post of Assistant Teacher in institutions to teach Classes I to V.
(ii)The State is directed to issue a corrigendum so that all eligible candidates as per clause 3 of the notification dated 23.8.2010 as amended i.e. candidates having 50% marks in B.A./B.Sc. with B.Ed. should also be permitted to participate in the ongoing process of appointment of trainee teachers. At least 15 days time be allowed to submit applications by abovementioned candidates.
(iii)The prayer of the appellants possessing BTC/Special BTC qualifications obtained after 23.8.2010 to issue direction to appoint them giving benefit of paragraph 5 of the notification dated 23rd August, 2010 cannot be accepted.
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Parties shall bear their own costs."
As per judgment of this Court dated 16.01.2013, precise direction has been issued mentioning that the eligible candidates who have passed BA/BSc with 50% and are B.Ed being fully eligible for appointment as Assistant Teacher to teach Classes I to V as per Clause 3 of the notification dated 23rd August, 2010, as amended from time to time, are entitled for consideration for their appointment on vacant posts of Assistant Teachers in Classes I to V. The State authorities including the concerned District Basic Education Officers are directed to consider the claim of such persons while considering the appointment on the post of Assistant Teacher in institutions to teach Classes I to V.� This Court further proceeded to mention that� the State Government is directed to issue a corrigendum so that all eligible candidates as per clause 3 of the notification dated 23.8.2010 as amended i.e. candidates having 50% marks in B.A./B.Sc. with B.Ed. should also be permitted to participate in the ongoing process of appointment of trainee teachers. At least 15 days time be allowed to submit applications by abovementioned candidates.
ing process of appointment of trainee teachers. At least 15 days time be allowed to submit applications by abovementioned candidates.
ReplyDeletePetitioner submits that first the State Government should comply with the directives issued by this Court by issuing corrigendum and then shall undertake process of selection.
Once corrigendum has to be issued by the State Government pursuant to directives issued by this Court on 16.01.2013, and selection process is on, as such State Government is directed to show cause as to what� further exercise has been undertaken pursuant to judgment and Order dated 16.01.2013 by the next date fixed. It is clarified that in between any exercise or process� of selection so undertaken same shall abide by final outcome of the writ petition.�
Copy of this order be given to Sri Upendra Singh, learned Standing counsel.
Order Date :- 1.2.2013
Dhruv
Mayank Tiwari
ReplyDeleteJAB BHARTI TET MERIT PAR HOGI TO YE NON TET (TET FAIL) KA MAMLA SWATAH HI KHATM HO JAYEGA...
अब वृहद पीठ सुनेगी बीएड
अभ्यर्थियों का मामला
गैर टीईटी बीएड को सहायक अध्यापक
बनाने पर नए सिरे से होगी सुनवाई
• अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। बिना टीईटी उत्तीर्ण
बीएड डिग्री धारकोें को भी सहायक
अध्यापक चयन प्रक्रिया में शामिल करने
का मामला एक बार फिर खटाई में पड़
गया है। इस मामले पर प्रभाकर सिंह केस
में दिए हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले
को वृहद पीठ को संदर्भित कर
दिया गया है। अब तीन न्यायाधीश
की पीठ नए सिरे से पूरे मामले पर विचार
करने के बाद फैसला सुनाएगी।
प्रदेश सरकार
द्वारा बिना टीईटी उत्तीर्ण कई बीएड
डिग्री धारकोें का अभ्यर्थन रद किए
जाने के बाद शिवकुमार शर्मा, यतींद्र
कुमार त्रिपाठी आदि ने याचिका दाखिल
की थी। इनका कहना था कि खंडपीठ के
निर्णय के बावजूद प्रदेश सरकार ने
उनका अभ्यर्थन नहीं माना।
ऐसी स्थिति में सरकार को निर्देश
दिया जाए। मामले की सुनवाई कर रहे
न्यायमूर्ति एपी साही ने कहा मेरी समझ
से टीईटी सभी के लिए अनिवार्य है।
ऐसी स्थिति में उन्होंने खंडपीठ के फैसले से
असहमति जताते हुए मामले को वृहद पीठ
को संदर्भित किया। अब मुख्य न्यायाधीश
इस मामले की सुनवाई के लिए तीन
जजों की पीठ गठित करेेंगे।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 11 नवंबर
2011
को टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने
को लेकर दाखिल सैकड़ों याचिकाओं
को खारिज करते हुए सहायक अध्यापक
भर्ती में टीईटी सभी के लिए अनिवार्य
बताया था। इस फैसले के खिलाफ अपील
दाखिल की गई। अपील भी खारिज कर
दी गई परंतु खंडपीठ ने कहा कि एनसीटीई
की अधिसूचना के मुताबिक सहायक
अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य
अर्हता के अंतर्गत ही बीएड
डिग्री धारकोें को इससे छूट दी गई है।
इसलिए बीएड
डिग्री धारी अभ्यर्थियों को जो टीईटी उत्तीर्ण
नहीं हैं प्रवेश प्रक्रिया में शामिल कर
लिया जाए। खंडपीठ ने बीएड
डिग्री धारकों को मौका देने का निर्देश
दिया था। इस आदेश का पालन नहीं होने
पर दाखिल अवमानना याचिका पर बेसिक
शिक्षा सचिव को नोटिस
भी जारी किया जा चुका है।
•प्रभाकर सिंह केस में खंडपीठ के आदेश से
एकल न्यायपीठ असहमत
BAKLUDISH MAHODAY CHILL POOOON MACHA KE KUCH HOGA KYA TUM KHUD SOCHO MAYAWATI NE SAPA KE SHASHAN KAAL KI 18000 SIPAHI KI BHARTI KO RADD KARDIYA THA JO AB JAA KE BAHAL HUYI TO AAP KASE MANOGE KI SAPA GVT JO MAYA KI DUSHAMAN HE WO MAN JAYEGI TUM SAB TET SAMARTHAK ... BAKLOOOL HO YARO APANE AAP JI JAUDJ BANE HUYE HO KISI BHI NEWS EDITER NE AAJ TAK IS DURGHATANA KE BARE ME NAHI LIKHA KI TET MERIT SE HI BHARTI HOGI
ReplyDeleteTUM TET SAMARTHAK JABARJASTI KE EDITER BAN GAYE HO JO AFAWAHE FAILA YE HO FAILAYE RAHO TET MERIT WALO TUMARI BHI JAI ACD WALO KI BHI JAI .. HI..HIHHIHIHIHIHIHIHIHIHI...HAHAHAHAHAHAHAHAHA ...OHOHOHOHOHOHOHO
Shailendra Singh,
ReplyDeleteIN present scenario if the old advertisement is restored then these applications made under new advertisement will be void or ineffective. The Govt will have to call for new applications according to rules of old advertisement otherwise that will further invite more litigation.
सहायक अध्यापक चयन प्रक्रिया में शामिल करने का मामला एक बार फिर खटाई में पड़ गया है
ReplyDeleteटीईटी उत्तीर्ण कई बीएड डिग्री धारकोें का अभ्यर्थन रद
ReplyDeleteHI,
ReplyDeleteSOME OF THE OUR TETETIAN FRIEND'S MAKE THE RULES & REGULATION ON THEIR OWN CONVEYANCE . NOT FROM LAW & ORDER .SO IN WANTS TO SUGGEST THAT WE SHOULD RESPECT THE GOVT/ COURT DECISION.WE SHOULD DEMAND THAT THE RECRUITMENT SHOULD BE NOT FOR BASE. I ALSO SUGGEST THAT THE B-ED PRACTICAL NO SHOULD NOT CONSIDER DUE TO SOME RICH & WEALTHY PEOPLE HAS TAKEN MORE MARKS BY USING MONEY & POWER. SO PRACTICAL NO SHOULD NOT CONSIDER