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Tuesday, March 12, 2013

UP NEWS : उप्र में विधायिका-न्यायपालिका में टकराव की जमीन तैयार

UP NEWS : उप्र में विधायिका-न्यायपालिका में टकराव की जमीन तैयार


न्यूज़ साभार : जागरण ई पेपर 

  
- विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर हुए तबादले को स्थगन आदेश दिए जाने से सदन नाराज

- सभी दलों के सदस्यों ने कोर्ट के रवैये पर दर्ज कराई अपनी आपत्ति, कहा इससे तो राजनीतिक व्यवस्था ही ध्वस्त हो जाएगी

- विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से कहा, महाधिवक्ता को सदन की भावनाओं से अवगत कराया जाए

- सर्वदलीय बैठक बुलाने का भी फैसला

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'हम कानून बनाते हैं जिन्हें न्यायपालिका को लागू करना है। इस मामले में एक ऐसा वाक्य प्रयोग किया गया है जो हमारे खिलाफ टिप्पणी है। दुर्भाग्यवश कुछ लोग टिप्पणी करने के आदी हो गए हैं। '

- आजम खां, संसदीय कार्यमंत्री (जैसा उन्होंने सदन में कहा)

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'सदन व सरकार को पंगु बनाने की कोशिश है। अध्यक्ष के अधिकारों को कोई चुनौती नहीं दे सकता। '

- राम गोविंद चौधरी, मंत्री (जैसा उन्होंने सदन में कहा)

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'पीठ का निर्देश हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश जैसा होता है। पीठ के निर्देश पर स्टे देना पीठ व सदन का अपमान है।'

- स्वामी प्रसाद मौर्य, नेता प्रतिपक्ष

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'हाईकोर्ट को संविधान के अन्तर्गत यह अधिकार प्राप्त है कि वह कार्यपालिका और विधायिका दोनो के आदेशों की न्यायिक समीक्षा कर सकता है, ऐसे में मुझे नहीं लगता है कि सदन के आदेश पर हुए तबादले पर स्टे आर्डर देना, विधायिका का किसी तरह का अपमान है।'

- सीबी पाण्डेय, न्यायाधीश (अवकाश प्राप्त)

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यह थी हाईकोर्ट की टिप्पणी

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प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि इनका ट्रांसफर जनहित में नहीं किया गया है बल्कि राजनीतिक हितों को देखते हुए स्थानीय विधायक को संतुष्ट करने के लिए किया गया है।

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जागरण ब्यूरो, लखनऊ : मंगलवार को विधानसभा में न्यायपालिका और विधायिका के बीच की तल्खी एक बार फिर देखने को मिली। जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर के पुलिस सबइंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह के तबादले पर हाईकोर्ट ने स्टे देते हुए जिस तरह की टिप्पणी की है उस पर सभी दलों ने एक जुट होकर कड़ी आपत्ति जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष से कड़े कदम उठाने की मांग की। सभी ने कोर्ट की टिप्पणी को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती देने का काम किया जा रहा है। कहा गया कि कोर्ट के ऐसे रवैये से प्रजातंत्र को चलाने के लिए बनी राजनीतिक व्यवस्था ही ध्वस्त हो जाएगी।

अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने भी कहा कि सदन की कार्यवाही पर टिप्पणी करने का हक किसी को नहीं है। उन्होंने सरकार को निर्देश दिया कि एडवोकेट जनरल को सदन की भावना से अवगत कराया जाए। अध्यक्ष ने कहा कि इस संबंध में विचार करने के लिए सभी दलों की बैठक बुलायी जाएगी।

शून्यकाल के दौरान सदन में भाजपा की सीमा द्विवेदी ने औचित्य का प्रश्न उठाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर जिस एसआइ का सरकार ने तबादला कर दिया था वह कोर्ट से स्टे लेकर चौथी बार फिर मुंगरा बादशाहपुर में तैनात हो गया है। भाजपा के हुकुम सिंह ने कोर्ट के स्टे आर्डर का हवाला देते हुए कहा कि उसमें कोर्ट का जो नजरिया रहा है वह गंभीर है। कोर्ट द्वारा एसआई के तबादले को प्रथमदृष्टया जनहित में न मानते हुए उसे राजनीतिक हित में स्थानीय विधायक को खुश करने के लिए किया जाना बताया गया है।

संसदीय कार्यमंत्री मुहम्मद आजम खां ने प्रकरण को दुखद बताते हुए कहा कि जरूरी नहीं कि सभी सदस्य खराब हों इसलिए टिप्पणी ठीक नहीं है। विधायक तो जनता के हित में ही काम करते हैं उनका खुद का क्या हित होता है? उन्होंने कहा कि कोर्ट का जो रुख है उससे तो प्रजातंत्र ही नहीं रह जाएगा। पूरी राजनीतिक व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। आजम ने कहा कि कोर्ट का नजरिया कहीं न कहीं चुनी हुई व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कठोर कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। आजम ने कहा कि हम कानून बनाते हैं जिन्हें न्यायपालिका को लागू करना है। इस मामले में एक ऐसा वाक्य प्रयोग किया गया है जो हमारे खिलाफ टिप्पणी है। दुर्भाग्यवश कुछ लोग टिप्पणी करने के आदी हो गए हैं।

नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि पीठ का निर्देश हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश जैसा होता है। पीठ के निर्देश पर स्टे देना पीठ व सदन का अपमान है। मौर्य ने कहा कि प्रकरण को अति गंभीरता से लेते हुए अध्यक्ष के माध्यम से कोर्ट को पत्र लिखा जाए। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के एक जज के फैसला का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें साफ है कि विधायक संस्तुति नहीं करेगा तो क्या करेगा। मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि सदन व सरकार को पंगु बनाने की कोशिश है। चौधरी ने कहा कि आखिर अध्यक्ष के अधिकारों को कौन चुनौती दे सकता है? लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। मंत्री राजेन्द्र सिंह राणा ने संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती देने का काम किया जा रहा है। विधायकों के शिकायती पत्रों को आधार बनाकर तबादलेपर कोर्ट से स्टे लिया जा रहा है। राणा ने नौकरशाहों की भूमिका पर भी सवाल उठाए


न्यूज़ साभार : जागरण ई पेपर / Jagran (Updated on: Tue, 12 Mar 2013 07:54 PM (IST))
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32 comments:

  1. log is blog par jaane kya-2 ulte sidhe comment karte hain

    lekin hume unke comment ka ans. nahi dena hai

    hume apni enargy in gadhon ke sath nahi ...................................



    balki apne case me lagaani hai

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  2. shalabh tiwari's news


    हरकौली साहब चाहते तो हमारे मामले को आज ही निपटा सकते थे,,,,लेकिन वो हमारे तात्कालिक और दूरगामी हितों के बारे में हमसे बेहतर निर्णय लेने में सक्षम हैं,,,,फुल बेंच में यह निर्णय होना है कि NCTE की गाइडलाइन में ट्रेनिंग के लिए शैक्षिक योग्यता बी.एड. होने का क्या यह तात्पर्य निकाला जा सकता है कि टेट पास ना होने के बावजूद भी कोई अभ्यर्थी विशिष्ट बी.टी.सी.की टर्निंग कर सकता है,,,,, हमारा विज्ञापन NCTE की गाइडलाइन के पूरी तरह अनुकूल था,,NCTE की गाइड लाइन स्पष्ट कहती थी कि 1 जनवरी 2012 तक बी.एड.डिग्रीधारकों की नियुक्ति की जा सकती है बशर्ते कि वो नियुक्ति के पश्चात 6 महीने की विशेष ट्रेनिंग पूरी कर लें,,,अर्थात काउंसिलिंग के बाद होने वाली नियुक्ति सशर्त थी,,,,,आपको याद होगा कि सरकार ने अक्टूबर-नवंबर में पहले ट्रेनिंग बाद में नियुक्ति की बात कोर्ट में कही थी और इसके लिए नियमावली में प्रशिक्षु अध्यापक का जिक्र करने के लिए संशोधन करने के लिए समय की मांग की थी उसी अंतरिम आदेश में टण्डन ने लिखा था जिसे टण्डन साहब ने अपने अंतरिम आदेश में यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि VBTC की भर्ती UPRTE Act 2011 के प्रावधानों से govern होती है ना कि यू.पी.बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 से, UPRTE Act 2011 लिखा है कि केन्द्र और राज्य के नियमों में भिन्नता होने पर केन्द्र के नियम ही लागू होंगे,,,,उस आदेश में साफ़ लिखा है कि सरकार चाहे तो संशोधन कर ले लेकिन उसकी कोई जरूरत नहीं है,,,,,, सरकार अपनी हरकत से बाज नहीं आई,,,,, उसने प्रशिक्षु अध्यापक को नियमावली में शामिल कर लिया और नया विज्ञापन ले आई,,,,,,अब सरकार अपने ही जाल में फंस चुकी है,,,,,,,

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  3. हर्कोली सर ने कहा की यदि आज मै टेट मेरिट पर फैसला दे दू और कल यदि नॉन टेट वाले जीत जाये तो टेट मेरिट से उनकी नियुक्ति नहीं नहीं हों पायेगी कीयोंकी टेट धरी न होने के कारन उनकी मेरिट टेट से कैसे जुडेगी ..................... इस कारन इन्होने हमारे केस को नॉन टेट मैटर के साथ लार्जेर बेंच को ट्रांस्फार कर दिया.....................

    HARKAULI JI KE YE SHABD SABIT KARTE HAIN KI WE TET MERIT KE PAKSHH ME FAISLA KAR CHUKE THE BUT NONTET MATTER KE KARAN UNHONE ABHI RUK KAR US DECISION KA WAIT KARNA HI UCHIT SAMJHA AUR MAMALA TRIPLE BENCH KO TRANSFER KAR DIYA JISME WE MAIN JUDGE HONGE.

    जहां तक टीईटी का सवाल है तो कई राज्यों में ने इसे सफलतापूर्वक अपना लिया है और वहां शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सही राह पर चल पड़ी है।

    TO FIR UP ISKA APWAD KAISE HO SAKTA HAI?

    AUR YE BHI SATYA HAI KI KAEE RAJYON NE TET MERIT OR WIETAGE BHI APNAYA HAI.

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  4. NON TET WALE CASE KE WAKIL KHUD KHARE JE HE HAI .WO AISA RAASTA NIKALEGE KI SAB KA KAM HO JAYEGA .JAISA KAL UNOHNE KIA THA .JAY N0N TET WALO KI

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  5. Umadev bhai, blog par salbh tiwari jaise logo ka comment mat post kiya kro... Aur use apna guru banana chod do jo 37 year k age me chaprasi ki job nhi paya wo kitna talentet hoga sabhi jante hai... Ye log kewal netagiri krte hai, ink ya kisi k chahne se tet/acd nhi banegi.... Isk liye thoda aur intzar krna hoga... Aur ab acd ka pakch toda aur majboot hoga quki ab gov vakil k sath non tet ka vakil b tet ko eligibilty tet batayega...

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  6. Mohd Ali Siddiqui
    ‎**** OLD AD CASE AB 3 JUDGE
    SUNEGE ***
    PETITIONER COUNSEL KHARE NE LAGAYA KHARA DIMAAG OR YAHE EK KARAN HAI KE KAL
    UNKA PALDA BHARI HO GAYA,
    KYUKE KAL AGAR VO JEET JATE TO,
    TO 3 JUDGE KE BENCH NON TET
    MATTER KA FAISLA JO BHE HOTA
    NEW AD SE JURA HOTA. OR WAHA
    YE OLD AD WALE PARTY NAHI THE IS
    LEYE KUCH KAR NAHI PATE PAR
    COUNSEL KE CHALAAKE SE UN 3
    JUDGE KE BENCH ME PARTY BANGYE.
    OR AB BENCH ENKO BHE SUNNE KE
    BAAD FAISLA DEGE.
    UNKA KAHNA THA KE YADI AISA NAHI KARTE TO D.B. KE NON TET WALI ISTHATI BAN JAATE OR GOVT. 3 BENCH K HAWALA DEKAR D.B. KA AADESH NAHI MANTI
    32 minutes ago
    2 people like this.

    Abhishekh Pandey kya fraiday ko hearing hone ki umeed hai?????????
    22 minutes ago

    Pawan Rai aap ki bat se to ye lagta hai ki purana ad wala pakcha kal cort me aur majboot huwa hai kaya . kisa plda bhari dikh raha hai.
    20 minutes ago

    Mohd Ali Siddiqui abhi hearing ke date confirm nahi hai. But 2 .3 me hearing ho sakti hai
    19 minutes ago via mobile

    Mohd Ali Siddiqui kal govt ke agle chaal ka jawab petitioner counsil ne pehle he de deya.
    16 minutes ago via mobile

    Pawan Rai kaya aap bata skte hai ki kal ki jo bahas hui wo kis wor ja rahi thi gov ke pach me ki old add ke pach me .
    15 minutes ago

    Mohd Ali Siddiqui OLD AD KE PACH ME
    14 minutes ago via mobile

    Mohd Ali Siddiqui mai jo court me huwa or jo satya hai wahi likh raha hu agar kuch or hota to wo bhe likh deta mai kise ko dukh nahi dena chahta SORRY
    11 minutes ago via mobile

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  7. JEet to Khud n0n tet walo ki Hogi Kyoki jo tUMARE VAKEEL HAI WO HAMARE Bhe hai. Ashok khare ji,shiv nandan ji etc. . .hamare paas to f8 karne ka pura bASE HAI KYOKI JUDGEMENT HAMARE PAACCH MAI HAI .

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  8. TET MAI DHANDHLI HUI THI YE PURA INDIA JANTA HAI .YE UP KE TOP M0ST GHUTALO MAI SE EK THA .JUDGE TO YEHI KAHEGE Jab T.e.t karANE WALE DIRECTOR SAHAB HE JAIL MAI HAI TO TET EXAM KESE ACHAA HUA HOGA ,APKO EK BAAT AUR BTA DU ,SIR D.P SINGH Ek famOUS JUDGE HAI JAKE PATA KAR LO UNKE SAMNE AdhIKARI BI AANE SE DARTE HAI KYOKI WO DIRECT JAIL BHEJTE HAI .FAISALA HAMARE FAVOUR Mai hai 2laC LOGO KE LIYE 8 LAC LOGO KA NUKSAAN NA COURT KAREGI AUR NA SARKAR .JAY HO N0N TET WALO DI

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  9. Ek bat bahut hasyaspad hai k court me kuch b ho tet merit walo ko lagta hai bas tet ka hi palda bhari hai... Sayad isiliye aj tak tet merit to nahi bni par ye hasi k patr bn gye hai.

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  10. non tet se bharti tabhi sambhaw hai jab acd merit aur non tet dono jeet jayen but aisa sambhaw nahin hai isliye non tet wale 2nd tet ki taiyari karen.

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  11. ajay awasthi ji 1 candidate bhi nahin dhoondh paee sarkar dhandhli wala aur tumne kaise dhoondh liye kahin app hi to nahin............

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  12. SUNIL JI HAHAHAHA U FRUSTED YAR TU MERI EK QUESTI0N KA ANS DE .YADI EXAM KARANE WALA DIRECTOR HE JAIL Mai ho to eXAM KESE SAHI HUA HOGA.

    Sunil ji aAP HE BATA DO ALL INDIA ME KISI Court ne tet merrit k pacch mai phaISALA NHI DIYA HAI,KHUD NAINITAL H.C KA JUDGEMENT PAD Lo mere bhai hahaha

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  13. SUNIL JI JAKE AAP C.B.I KI JAANCH KARA LO HAHAHA PATA CHAL JAYEGA KITNI DHANDLI HUI THI. Bharti hogI BUt n0n tet pe jaise phele hota aya hai .ye tet radd h0na tay hai

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  14. @rajveer ji pareshan na ho agle tet ki taiyari sroo karo bhagwan aapka bhala kare.

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  15. JUSTICE ASHOK BHUSAN ,AUR JUSTICE ABHINAV UPpadhay ji JanE MANE JUDGEO MAI SUMAAR KIYE JATE HAI .YE KAFI SOCH SAMAJ KE dECISON DETE HAI .AAP LOG KISI BI ALD H.C MAI JAKE PUCH LO ,CHEIF JUSTIC SAHAB BI UN SENIOR JUDGE KI RESPECT KARTE HAI

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  16. हर्कोली सर ने कहा की यदि आज मै टेट मेरिट पर फैसला दे दू और कल यदि नॉन टेट वाले जीत जाये तो टेट मेरिट से उनकी नियुक्ति नहीं नहीं हों पायेगी कीयोंकी टेट धरी न होने के कारन उनकी मेरिट टेट से कैसे जुडेगी ..................... इस कारन इन्होने हमारे केस को नॉन टेट मैटर के साथ लार्जेर बेंच को ट्रांस्फार कर दिया.....................

    HARKAULI JI KE YE SHABD SABIT KARTE HAIN KI WE TET MERIT KE PAKSHH ME FAISLA KAR CHUKE THE BUT NONTET MATTER KE KARAN UNHONE ABHI RUK KAR US DECISION KA WAIT KARNA HI UCHIT SAMJHA AUR MAMALA TRIPLE BENCH KO TRANSFER KAR DIYA JISME WE MAIN JUDGE HONGE.

    जहां तक टीईटी का सवाल है तो कई राज्यों में ने इसे सफलतापूर्वक अपना लिया है और वहां शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सही राह पर चल पड़ी है।

    TO FIR UP ISKA APWAD KAISE HO SAKTA HAI?

    AUR YE BHI SATYA HAI KI KAEE RAJYON NE TET MERIT OR WIETAGE BHI APNAYA HAI.

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  17. SUNIL JI HAHAHAHA Aap bi hamare sath next tet ki taiyariya karna start kar do . Hahahaha

    2saAL SE TET TET TET KI JAGAH AB TURR TURR tURR KARTE RAHOGE :P Up mAI AB TET HOGA HE NHI YE AKHILESH KA DECI0N HAI HAHAHAHA

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  18. SUNIL BHAI BOLO TURR tURR TURR ,JAKE H.C NAINITAL KA dECsi0n Pad lo aANKE KHOL KE TurR TuRr tUrr

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  19. Rajesh Pratap Singh
    Gudmrng frnds,
    hamare ek prashn ka ans den,
    non tet ka mudda larger bench me hai vahan non tet aur sarkar party hai . . . .
    Yadi ham db se jeet jate hain aur uske bad bhi larger bench me sarkar apna pax kamzor rakhkar har jati to hum kya kar lete?kya hum vahan party the?
    kya apna pax rakh pate?
    Aj hamare 6 advct vahan mazbooti se apna pax rakhenge to vahan jana uchit hai ya anuchit?

    Yahan murkhon ki sankhya adhik hai jo bina pure paridrashya ko samjhe pralap krne lagte hain.

    A p sahi ne tet ko green card kahkar ye kaha ki iske bina entry nahi ho sakti lekin db ke odr ke karan ise larger bench ne bhej diya.

    Harkauli je ne kaha ki yadi abhi jab tet anivarya ya nahi hi decide hona hai to tet base of selectn kaise decide ho jayega?
    Yadi hum decide bhi kr den to hamare odr ka kya?

    Aj ki sthiti me hamara case usi larger bench me ja sakta hai,
    dushri me ja sakta hai ya nahi bhi ja sakta hai ye cj decide karenge.
    Par usi me jane ki sambhavna adhik hai.

    Ek bahut khas bat . . .
    Jo justc ek bar nirnay de deta hai vo 3 ki pith me nahi ho sakta .means tandanje ya bhushan je nahi ho sakte aur yadi kal harkauli nirnay de dete to vo bhi nahi ho sakte the par ab honge.

    3 ki pith ganga pradushan ki tarah ise jab sunegi to lunch ke bad ka pura samay degi aur friday friday date lagegi mushkil se 2 ya 3.

    Larger bench me yahan se bad ki sunvai hogi 20 din aur kharab huye bas.

    Jo log kah rahe hain ki khare non tet ka mattr dekh rahe hain vo bhi galat hain aisa bilkul nahi hai.

    To is prakar larger bench me ab hum party honge aur mazbooti se ladenge.
    Vahan harkauli ke hone ki sambhavna bhi hai aur nishit rup se hum itihas banate huye jetenge.

    Jai hind jai tet . . . .

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  20. Kal court me accedmic ka palda bhari pad rha tha,Tabhi to HARKAULI JI tet ke paksha me judgment nhi suna paye.......Aur apni kirkiri hone ke dar se case ko triple banch me shift kar diya....aur unhone kahaa bhi ki agar non tet wale jeet gaye to kya hoga ......????
    ye sab atmvishwas ki kami .....aur haar ka dar.

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  21. UMADEV AUR BABA RAMDEV KABI EK STATEMENT PE KAYAM Nhi rahTE HAI ,LOGO KO GUMRAH KARNA TUM LOGO KI AADAT BAN GAYI HAI ,KAL COURT ME HARKUALI JI NE KHUD KAHA NON TET WALE KO BHARTI ME SAMIL KARE ,UNKA PAACH KHARE JI Ne bhI LIYA ,WO KOI DECI0N KAR HE NHi paye aUR PURA CASE LARGER BENCH MAI BHEJ DIYA.YE EK TRUE NEWS HAI N0N TET WALE BHARTI MAI SHAMIL H0NGE AUR YE TET RADD HOGA

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  22. UMADEV APNA NAM CHANG KARKE BABA RAMDEV RAKH LE FACEBØOK SE JHUTI JHUTI KHABAR LAKE TUM LOG YAHA PE AFWAAH FAILATE HO.

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  23. TET Merit par hi selection hona chahiye.Kyon ki low no. Wale student ko bhi chance mil jayega.

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  24. NON TET WALON KO BHI APNI HASRAT POORI KAR LENE DO AAKHI UNKE MAN ME NA RAHE KI SAB LADE PAR HAM NA LADE.

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  25. uma dev ji tum sanghrs kro ham tumhare sath hen

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  26. हमारे कुछ भाई अशोक खरे द्वारा नॉन-टेट का मुद्दा उठाये जाने से भी नाराज़ है और जस्टिस हरकौली द्वारा बृहत् पीठ को यह मामला संदर्भित किये जाने पर भी सशंकित है, पर क्या इस से यह सुनिश्चित नहीं होता कि जब नॉन-टेट वाले मुद्दे की सुनवाई होगी तब सरकार द्वारा अपना पक्ष कमजोर या गलत ढंग से रखे जाने या हमारे मामले से उस मामले को जोड़े जाने की कोशिश किये जाने की स्थिति में हमारे वकील प्रतिकार करने और हमारा पक्ष रखने को मौजूद रहेंगे। जस्टिस हरकौली ने अपने कल के आदेश में स्पष्ट किया है कि जब बृहद पीठ में एक अन्य विचाराधीन मामले में इसी प्रश्न का निपटारा हो रहा है कि क्या अध्यापक के तौर पर नियुक्ति के लिए बिना टेट के किसी व्यक्ति को शामिल किया जा सकता है या नहीं, तब स्वाभाविक है कि टेट-मेरिट से भर्ती चाहने वाली याचियों की याचिका पर निर्णय तब तक नहीं दिया जा सकता, जबतक उसका निपटारा न हो जाये। साथ ही जस्टिस हरकौली के लिए कल निर्णय देना इसलिए भी संभव नहीं था क्यूंकि, बृहद पीठ द्वारा नॉन-टेट वालों को अनुमति देने की स्थिति में टेट-पास याचियों के टेट-स्कोर के सापेक्ष रखने के लिए नॉन-टेट अभ्यर्थियों के पास टेट-स्कोर ही नहीं होगा। भले ही स्वाभाविक रूप से सभी जानते हैं कि नॉन-टेट को बृहत् पीठ से कोई राहत नहीं मिलने वाली, पर स्वयं बृहद पीठ द्वारा इसकी घोषणा होने तक प्रतीक्षा करनी ही

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  27. वैसे रोज रोज अलग अलग सुनवाई से बेहतर है की इस मामले की सुनवाई बृहत् पीठ में होनी है जो सिर्फ हमारे मामलो की सुनवाई के लिए बनी है और वह जब भी बैठेगी, बिना नंबर का इंतज़ार किये, अपने मामले ही सुने जायेंगे। इस से बेहतर वी0 आई0 पी0 ट्रीटमेंट भला हाईकोर्ट की खंडपीठ आपको क्या दे सकती थी?

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  28. 30.11.2011 को जारी विज्ञापन की शर्तों के अनुसार केवल टेट-मेरिट से 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर विचाराधीन मामले को कल इलाहाबाद उच्च न्यायालय की जस्टिस सुशील हरकौली और जस्टिस मनोज मिश्र की खंडपीठ द्वारा बृहत् पीठ को प्रेषित कर दिया गया जो एक अन्य खंडपीठ के 16.01.2013 के उस निर्णय पर पुनर्विचार के लिए गठित की गई है, जिसमे अध्यापक पात्रता परीक्षा न उत्तीर्ण करने वाले 50 फीसदी अंको के साथ स्नातक अर्हताधारी बी0एड0 अभ्यर्थियों को भी कक्षा 1 से 5 के अध्यापक के तौर पर नियुक्ति के लिए अर्ह मानते हुए राज्य सरकार को ऐसे अभ्यर्थियों को उस समय चल रही भर्ती- प्रक्रिया में शामिल करने के लिए तदनुसार संशोधन करते हुए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया था, । सम्भावना जताई जा रही है कि चीफ जस्टिस शिवकीर्ति सिंह, जस्टिस सुशील हरकौली और जस्टिस प्रदीप कुमार सिंह बघेल की बृहत् पीठ आनेवाले शुक्रवार को इन दोनों मामलो पर एक साथ विचार करेगी।

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  29. harkoli ji kal hi cliar karana chahate the ki me aaj hi tet walo ko faisala de du to kal nontet wale pitition dakhil karenge... isase pata chalata he sathiyo ki harkoli ji gunank merit se sahmat he... ab tet merit samarthako ko kisi shauchalaya me nokari dhondh leni chahiye..

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  30. SARKAR NE TO APNE IRADE ELECTION SE POORWA HI JATA DIYE THE. KAPIL YADAV NE ADVT. KI TECHNICAL KAMI KA SAHARA LEKAR VACANCY KO FASAYA AUR SARKAR NE ISI STAY KA FAYDA UTHAKAR TAHTAKATHIT DHANDHLI KE NAM PAR TET KO EK KHILWAD EXAM BANA DIYA. ISASE BADA ANDHER TETIONS KE SAATH AUR KYA HO SAKTA THA KI SARKAR NE BADELE KI BHAWNA KA SPAST PRADARSHAN KIYA AUR LAKHON BEROJGARON KE BHAVISHYA PAR PRASN CHINH LAGA DIYA.

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  31. टीईटी में कुछ और अफसरों पर गाज संभव लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 मेंधांधली में कुछ और अफसरों पर गाज गिर सकती है। गुपचुप तरीके से इसकीविभागीय जांच कराने की भी योजना है। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि संजय मोहन के साथ धांधली में और कौन-कौन दौषी हैं। तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभाव त्रिपाठी के खिलाफ शिकंजा और कसता जा रहा है। उन्होंने स्पष्टीकरण का जवाब तो दे दिया है लेकिन उच्चाधिकारी उनकी जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। विभागीय जानकारों की मानें तो उनके खिलाफ कभी भी कार्रवाई की जा सकती है। गौरतलब है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित कराई गई। इसे कराने में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक संजय मोहन और सचिव प्रभात्रिपाठी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। गड़बड़ी के आरोप में संजय मोहनको गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन प्रभा त्रिपाठी बच गईं। टीईटी में धांधली का खुलासा बसपा शासनकाल में हुआ था और सत्ता बदलने के बाद मामला दब गया। इसकी न तो विभागीय जांच कराई गई और न ही अन्य अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाईकी गई। शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी अब चाहते हैं कि टीईटी में धांधली के लिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए 1 hour ago · Like · Follow Post · Report like2 people like this. Rakesh Yadav शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी अब चाहते हैं कि टीईटी में धांधली के लिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके आधार पर तत्कालीन परिषद की सचिव से स्पष्टीकरण मांगने के साथ विभागीय जांच कराने की तैयारी है। तत्कालीन सचिव ने स्पष्टीकरण तो दे दिया है और उच्चाधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर मौखिक जवाब भी दिया है लेकिन उनके जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं है। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में अंदर हीअंदर अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। •परीक्षा में गड़बड़ी पर प्रभा त्रिपाठी ने दिया जवाब
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