हैदराबाद यूनिवर्सिटी के बारे में एक और विवाद
अप्पाराव जो की इस समय वाइस चांसलर हैं , वह जब 2002 में चीफ वार्डन थे तो उन्होंने 10 दलित छात्रों को निष्कासन किया था ।
दलित छात्रों ने चीफ वार्डन अप्पाराव से पूछा था की क्यों दलित वार्डन को डिमोट कर गार्डनिंग व् सेनिटेशन का काम दिया है ।
अप्पाराव नाराज हुए , कमेटी बनी और 10 दलित छात्रों का निष्कासन कर दिया गया ।
उन दस दलित छात्रों में से 5 दलित छात्रों ने यू जी सी की फेलोशिप परीक्षा पास की थी , 2 छात्रों ने इंटरनेशनल जनरल में परचा लिखा था ,
1 छात्र अपने कॉलेज में प्रथम स्थान पर रहा था
सभी छात्र खेतिहर मजदूर के बच्चे थे ।
बाद में यही चीफ वार्डन अप्पाराव आज हैदराबाद यूनवर्सिटी के कुलपति है
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न्यूज़ वीडियो यहाँ देखें ->> https://www.youtube.com/watch?v=ZEeoEKak1xQ
हमारा यही कहना है की हमारे देश की एकता अखंडता के लिए दलित और सामान्य में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए ।
देश की बाहरी ताकतें पहले भी देश की अंदरुनी कमजोरी का फायदा उठाकर देश पर राज कर चुकी हैं ।
देश को विकासवाद और इंसानियत की जरूरत है , कोई अगर राह भटक जाए तो समुचित राह दिखाए जाने की जरूरत है
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अप्पाराव जो की इस समय वाइस चांसलर हैं , वह जब 2002 में चीफ वार्डन थे तो उन्होंने 10 दलित छात्रों को निष्कासन किया था ।
दलित छात्रों ने चीफ वार्डन अप्पाराव से पूछा था की क्यों दलित वार्डन को डिमोट कर गार्डनिंग व् सेनिटेशन का काम दिया है ।
अप्पाराव नाराज हुए , कमेटी बनी और 10 दलित छात्रों का निष्कासन कर दिया गया ।
उन दस दलित छात्रों में से 5 दलित छात्रों ने यू जी सी की फेलोशिप परीक्षा पास की थी , 2 छात्रों ने इंटरनेशनल जनरल में परचा लिखा था ,
1 छात्र अपने कॉलेज में प्रथम स्थान पर रहा था
सभी छात्र खेतिहर मजदूर के बच्चे थे ।
बाद में यही चीफ वार्डन अप्पाराव आज हैदराबाद यूनवर्सिटी के कुलपति है
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न्यूज़ वीडियो यहाँ देखें ->> https://www.youtube.com/watch?v=ZEeoEKak1xQ
हमारा यही कहना है की हमारे देश की एकता अखंडता के लिए दलित और सामान्य में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए ।
देश की बाहरी ताकतें पहले भी देश की अंदरुनी कमजोरी का फायदा उठाकर देश पर राज कर चुकी हैं ।
देश को विकासवाद और इंसानियत की जरूरत है , कोई अगर राह भटक जाए तो समुचित राह दिखाए जाने की जरूरत है
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