/* remove this */
Showing posts with label Interview Corruption in India. Show all posts
Showing posts with label Interview Corruption in India. Show all posts

Wednesday, February 8, 2012

UPMSP/ UPMSSCB : As per Allahabad Highcourt Instructions, Re-evaluated TGT-PGT OMR sheets, And Result changes with Surprise

टीजीटी-पीजीटी में 110 अभ्यर्थी
(UPMSP/ UPMSSCB : As per Allahabad Highcourt Instructions, Re-evaluated TGT-PGT OMR sheets, And Result changes with Surprise)


वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) 1/2010 शारीरिक शिक्षा व प्रवक्ता (पीजीटी) भूगोल 2/2010 का परीक्षा परिणाम संशोधित कर दिया है। संशोधित परीक्षा परिणाम के अनुसार टीजीटी शारीरिक शिक्षा में 64 अभ्यर्थी और सफल हुए हैं जबकि पूर्व में घोषित परीक्षा परिणाम में सफल हुए 23 अभ्यर्थियों को असफल कर दिया गया है। इसी तरह प्रवक्ता भूगोल में भी 46 अभ्यर्थी और सफल हो गए हैं। भूगोल में भी पूर्व में घोषित परिणाम में 24 अभ्यर्थी असफल करार दिए गए हैं।
दरअसल, इन दोनों विषयों के परीक्षा परिणाम में अनियमितता का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फिर से उत्तर माला से जांच कराए जाने का अनुरोध किया था। अभ्यर्थियों का कहना था कि बोर्ड द्वारा कई गलत प्रश्नों व उनके विकल्पों पर अभ्यर्थियों को अंक दिए गए हैं। इस याचिका की सुनवाई करते हुई हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर 2011 को ओएमआर शीट की फिर से आंसर की से क्रास चेक कर परिणाम निकालने को कहा। इस आदेश के बाद बोर्ड ने आंसर की से प्रश्नों और उसके उत्तरों का मिलान करवाया। क्रास चेकिंग के बाद टीजीटी शारीरिक शिक्षा और पीजीटी भूगोल में 46 अभ्यर्थी और सफल गए हैं। पूर्व में सफल 24 अभ्यर्थियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसी तरह शारीरिक शिक्षा में 64 अभ्यर्थी और सफल घोषित किए गए हैं और 23 अभ्यर्थी बाहर हो गए हैं।
चयन बोर्ड ने परीक्षा परिणाम में संशोधन के बाद सफल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार कार्यक्रम की भी घोषणा कर दी है। शारीरिक शिक्षा का साक्षात्कार 29 फरवरी को होगा व भूगोल का दो व तीन मार्च को रखा गया है।
प्रिंसिपल के साक्षात्कार पांच मार्च से
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रिंसिपल-2011 के साक्षात्कार कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। प्रिंसिपल के साक्षात्कार पांच मार्च 2012 से शुरू होंगे। यह निर्णय मंगलवार को चयन बोर्ड की हुई बैठक में लिया गया। ज्ञातव्य है कि प्रिंसिपल के बोर्ड ने 913 पदों के लिए आवेदन मांगा था। 913 पदों के लिए कुल 50 हजार आवेदन आए हैं। बोर्ड ने एक पद के सापेक्ष पांच अभ्यर्थियों को बुलाने का निर्णय लिया है। इस तरह पांच हजार अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। बोर्ड साक्षात्कार से संबंधित विस्तृत कार्यक्रम जल्द जारी करेगा।
News : Jagran ( 8.2.12)
-------------------------------------

It is really amazing in India , How result changes and who are culprits. Why exemplary Punishment is Not Given to Such Culprits.
It makes a Question Mark on Government's reputation.
Corruption in Written Exam is Checked, But - Can we check corruption in Interviews ?

I felt ,
Best Practice for Selection is Multi Level Exam, Weightage for Interview should be negligible, And if Interviewer makes a candidate fail in Interview, then written notice should be give to Interviewer -
On what basis he/she failed particular candidate, And that matter should be served to Candidate also So that he can give his/her proper explanation.

We humans are biased & selfish (Most of the cases ) and therefore Interviewer also comes in that category.
Biased means - We think about our : Caste, Region (North Indian, South Indian etc.) and if we dislike particular habit of candidate, particular answer which interviewer not like then candidate may become of Interviewer.
Read more...

Sunday, December 4, 2011

सूचना का अधिकार अधिनियम - सूचना छिपाई, तो खुद भरेंगे जुर्माना

 (Right to Information Act - If information concealed, Pay the penalty)


संबंधित कर्मचारी ही भरेगा आर्थिक दंड
इलाहाबाद : सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी मुहैया न कराने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी की जेब हल्की होना तय है। ऐसा बिल्कुल नहीं चलेगा कि गलती कोई करे और उसका खमियाजा अकेले जन सूचना अधिकारी भुगते। जो कर्मचारी सूचना उपलब्ध नहीं कराएंगे, उनसे ही आर्थिक दंड की राशि वसूल की जाएगी।
आरटीआइ के तहत विभिन्न विभागों के स्तर पर सूचनाएं मुहैया नहीं होने पर संबंधित व्यक्ति को राज्य सूचना आयोग में अपील करनी पड़ती है। सुनवाई के पश्चात आयोग सूचना मुहैया कराने का आदेश देता है। बावजूद इसके समय सीमा के भीतर सूचनाएं मुहैया नहीं कराई जाती हैं। नतीजा, आयोग जन सूचना अधिकारी के विरुद्ध आर्थिक दंड/जुर्माना लगा देता है। ऐसी स्थिति में संबंधित विभाग की छवि भी खराब होती है। चुनाव नजदीक हैं और सरकार अपनी छवि कतई खराब करने के मूड में नहीं है। शासन की इस मंशा के मद्देनजर खाद्य एवं रसद विभाग ने निर्देश जारी कर चेतावनी दी है कि सूचना के विलंब से अथवा नहीं उपलब्ध कराए जाने की स्थिति में यदि राज्य सूचना आयोग प्रतिकूल दृष्टिकोण अख्तियार करता है, तो इसके लिए संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को ही जिम्मेदार माना जाएगा। यदि आयोग आर्थिक दंड/जुर्माना लगाता है, तो उसकी वसूली भी संबंधित उत्तरदायी कर्मचारी से ही होगी, जिसने सूचना विलंब से मुहैया कराई या सूचना नहीं दी।
इनसेट -----------------
क्यों नहीं डरते अधिकारी-कर्मचारी
असल में आरटीआइ कानून में जन सूचना अधिकारी के अलावा किसी और पर दंड का प्रावधान ही नहीं है। प्रथम अपीलीय अधिकारियों पर इसी वजह से उपेक्षा का भाव रहता है। समय पर सूचना न दिला पाने वाले जन सूचना अधिकारी पर 250 रुपये प्रतिदिन और अधिकतम 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है
--------------------------
प्रावधान और भी हैं
- सूचना का अधिकार कानून की धारा 19 में किसी व्यक्ति को हर्जाना दिलाने का अधिकार सूचना आयोग के पास है। हर्जाने के साथ फाइल में जिम्मेदारी तय करते हुए नोटिंग होने से अब प्रथम अपीलीय अधिकारी पर कानून के शिकंजे से डरने लगे हैं। मुख्य सचिव भी इस बाबत आदेश जारी कर चुके हैं। इसके बाद प्रथम अपीलीय अधिकारियों द्वारा सुनवाई न करना अनुशासनहीनता के दायरे में आ गया है
- जन सूचना अधिकारी से सूचना न मिलने पर यदि आप प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास नहीं जाना चाहते, तो आरटीआइ कानून की धारा 18 के तहत सीधे सूचना आयोग में शिकायत की जा सकती है
News : Jagran ( 3.12.11)
Read more...

Thursday, December 1, 2011

Lucknow Class IV Employee recruitment : Candidate shows anger

चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती - नाराज अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
(Lucknow Class IV Employee recruitment : Candidate shows anger)


लखनऊ, 30 नवंबर (जागरण संवाददाता): छावनी परिषद की चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती का परिणाम देखने के बाद अभ्यर्थियों ने धांधली का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सभी अभ्यर्थी लखनऊ के ही चयनित किए गए हैं। चयनित अभ्यर्थियों ने दौड़ और साक्षात्कार में हिस्सा ही नहीं लिया था। चयनितों की सूची चस्पा करने की जगह सिर्फ उनके नाम ही बताए गए। साक्षात्कार के लिए बिहार सहित कई प्रदेशों के अभ्यर्थियों को चार दिन पहले बुलाया गया था। साक्षात्कार में सिर्फ नाम पूछकर वापस कर दिया गया। छावनी परिषद ने सात पदों की भर्ती के लिए 21 से 28 नवंबर तक दिलकुशा मैदान में दौड़ आयोजित की थी। इसमें आठ हजार लोगों को बुलाया गया था। साक्षात्कार के लिए 160 आवेदकों को 29 और 30 नवंबर को लखनऊ बुलाया गया था। अभ्यर्थियों का आरोप है कि साक्षात्कार में सिर्फ नाम पूछकर उपस्थिति रजिस्टर पर नाम के सामने सही का निशान लगा दिया गया। गोरखपुर की प्रियंका सिंह ने बताया कि उनको साक्षात्कार के लिए 24 नवंबर को ही बुला लिया गया था। वह स्टेशन पर रोज समय काट रहीं थी बिहार के पूर्णिया जिले के शंकर पासवान ने आरोप लगाया कि सिर्फ एक घंटे में 80 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार हो गए। मुजफ्फरपुर बिहार के सौरभ ने आरोप लगाया कि चयनित लोगों ने दौड़ और साक्षात्कार में हिस्सा ही नहीं लिया था। चंद स्थानीय नेताओं के कहने पर लखनऊ के सभी उम्मीदवारों को भर्ती किया गया है। रायबरेली के सुनील कुमार, बिधूना के रजनीश, बस्ती के आकाश, इलाहाबाद के संजय पासवान और लक्खी बिहार के नरसिंह सहित दर्जनों अभ्यर्थी सड़क किनारे बैठकर देर शाम तक परिणाम आने का इंतजार करते रहे। इन अभ्यर्थियों ने बताया कि एससी/एसटी कोटे के दो पदों की भर्ती को निरस्त कर उनकी जगह सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों का चयन किया गया है।
**************************************
It can be done for fare & transparent process : Physical ability test should be conducted by any other organization.
Interview should be conducted by any other organizaion.
These problem occurs in various govt. agencies in India. And if there is any corruption, What can you do ?
Interviews should be aboilshed/OR its weightage should be negligible for selection of right candidate.
Coz- India faces problems of Castesism, Reginolism, Relegionism, Corruption and
humans are somewhat biased (some people like something ) and it can wronly affect meritorious/good candidates who devote too much for exam and his performance calculated in 10-15 minutes.
Read more...

Wednesday, October 19, 2011

शिक्षक भर्ती हुए कम तैनाती में निकले ज्यादा

शिक्षक भर्ती हुए कम तैनाती में निकले ज्यादा - यह है आर टी आई   का दम ( Advertised requirement for teachers is less, But Selected are more, How ?
- what a a power of RTI Act (Right To Information)

चयन से अधिक अध्यापकों की तैनाती दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हुई है। ये शिक्षक दिल्ली सरकार व एमसीडी के स्कूलों में तैनात किए गए थे। इन विद्यालयों में अध्यापकों की कथित धांधली सूचना के अधिकार के तहत सामने आई है। सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली सेवा चयन बोर्ड, शिक्षा निदेशालय व एमसीडी से जवाब मांगा गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले आदेशों के बाद अब दिल्ली सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

इन तीनों विभागों से मिली रिपोर्ट एक दूसरे से मेल नहीं खाती और अधिक शिक्षकों की तैनाती होने का प्रमाण दे रही हैं। सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली के बरवाला गांव में रहने वाले धर्मवीर सिंह ने इस संबंध में सरकारी एजेंसियों से जवाब मांगा था। इनका बेटा पिछले चार वर्षों से अध्यापक की नौकरी पाने के लिए डीएसएसएसबी की परीक्षा दे रहा है। उन्होंने आरटीआई द्वारा एक जनवरी 2005 से एक जनवरी 2010 तक डीएसएसएसबी द्वारा अध्यापकों के किए गए चयन का विवरण मांगा था। डीएसएसएसबी ने दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों के लिए पोस्ट कोड संख्या 165/07 पर 25 सितंबर 2008 से 12 जुलाई 2010 के बीच अलग-अलग तिथियों में करीब 3069 अध्यापकों का चयन किया, जबकि दिल्ली नगर निगम ने इसी पोस्ट कोड पर 31 अक्टूबर 2008 से 2 अगस्त 2010 के बीच करीब 3093 अध्यापकों को नियुक्त किया, जो कि चयनित अध्यापकों की संख्या से करीब 24 अध्यापक ज्यादा है। इसी तरह डीएसएसएसबी ने वर्ष 2006-07 में शिक्षा निदेशालय दिल्ली के लिए पोस्ट कोड संख्या 57/06 पर 663 अध्यापकों का चयन किया। जबकि शिक्षा निदेशालय ने उसी पोस्ट कोड पर 665 अध्यापकों की नियुक्त कर दी, जिसमें दो नियुक्तियां ज्यादा हैं। धर्मवीर ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री से की है।
News Source : http://www.livehindustan.com/news/edu/news/article1-story-269-269-165177.html
-----------------------------------------------------------
Read more...

एचबीटीआई में चयन में धांधली उजागर

एचबीटीआई में चयन में धांधली उजागर ( HBTI Faculty Jobs Selection under Corruption / Bungling)

कम अंक पर चयन, ज्यादा वाले साक्षात्कार से बाहर
तत्कालीन मंडलायुक्त की जांच में गोलमाल उजागर

News -
कानपुर। एचबीटीआई में शिक्षकों के साक्षात्कार और चयन में बड़ी धांधली हुई है। असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर पद पर कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जिन्हें शैक्षिक प्रमाण पत्र, साक्षात्कार में कम अंक मिले थे। ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार सूची से बाहर कर दिया गया है। तत्कालीन मंडलायुक्त की जांच में यह खुलासा हुआ। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है।
एचबीटीआई में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया मार्च 2011 में शुरू हुई। विभिन्न विभागों में प्रोफेसर के छह पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 15 पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के सात पदों के आवेदन मांगे गए। इनके साक्षात्कार हुए और कुछ पदों पर चयन कर लिया गया। इसमें धांधली की शिकायत शिक्षक विधायक राजबहादुर चंदेल सहित कई लोगों ने की। इसी आधार पर 9 जून 2011 को तत्कालीन मंडलायुक्त पीके महंति ने मामले की जांच सौंपी गई। उनकी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि केमिकल इंजीनियरिंग में असिस्टेंट प्रोफेसर के दो अनारक्षित पद के लिए 18 आवेदन आए थे। इसमें से सुधीर कुमार सिंह (65 अंक), दिव्या श्रीवास्तव (65 अंक) और संतोष कुमार लोधी (55अंक) को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया, जबकि आशीष मिश्रा (85 अंक), पंकज कुमार लोधी (65 अंक), विभव कुमार राय (65अंक), शैलेंद्र कुमार पांडेय (60 अंक), जितेंद्र कुमार (65 अंक) और मंजू वर्मा (65 अंक) को नहीं बुलाया गया, जो अनियमिता है। साक्षात्कार की सूची में अमित कुमार नाम के दो अभ्यर्थी हैं, जिनके पिता का नाम नहीं दर्ज है। एक पद पर अमित कुमार का चयन हुआ है, जो रामधनी गुप्ता के पुत्र हैं। अंक प्रदान किए जाने वाली सूची में पिता का नाम न दर्ज होने से संदेह है। यह पता नहीं चला है कि चयन 80 अंक या 75 अंक वाले अभ्यर्थी का हुआ है। आठ वर्ष 4 महीने के अध्यापन अनुभव पर राम आशीष मिश्रा को 20 अंक दिए गए हैं, जबकि प्रवीन भाई पटेल को आठ वर्ष के अध्यापन अनुभव पर 25 अंक दिए गए हैं। यह गलत है। साक्षात्कार में किस अभ्यर्थी को कितने अंक मिले हैं, यह ब्योरा तकनीकी संस्थान प्रशासन नहीं उपलब्ध करा सका है।
प्लास्टिक टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर सुरेंद्र प्रसाद पाल का चयन हुआ है, जिन्हें कि 95 अंक मिले थे। 100 अंक पाने वाले दीपक कुमार का चयन क्यों नहीं हुआ, यह चयन समिति की आख्या से स्पष्ट नहीं है। बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में प्रोफेसर पद के लिए डा. टीके घोष और डा. एएस विद्यार्थी को 100-100 अंक मिले थे, लेकिन डा. विद्यार्थी को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया और डा. घोष का चयन कर लिया गया है। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डा. विपिन कुमार त्रिपाठी का चयन हुआ है, जिन्हें 95 अंक मिले थे। 100 अंक पाने वाले नीलेंद्र बादल का चयन क्यों नहीं हुआ, चयन समिति की आख्या से स्पष्ट नहीं है। फूड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सिविल इंजीनियरिंग, एसोसिएट प्रोफेसर मेकेनिकल इंजीनियरिंग, असिस्टेंट प्रोफेसर मेकेनिकल इंजीनियरिंग के चयन में खिलवाड़ किया गया है। यही नहीं पुस्तकालयाध्यक्ष पद पर हुई नियुक्ति अनियमित है
News Source : http://www2.amarujala.com/state/Utter-pradesh/34964-1.html
-------------------------------------------------------------------
Read more...

एमपी-पीएससी प्राध्यापक चयन प्रक्रिया में घोटाला

एमपी-पीएससी प्राध्यापक चयन प्रक्रिया में घोटाला

news -
जबलपुर. एमपी-पीएससी द्वारा प्राध्यापकों की सीधी भर्ती प्रक्रिया में एपीआई (एकेडमिक परफॉरमेंस इन्डेक्स) का खुला उल्लघंन हुआ है। जबकि यह इन्डेक्स यूजीसी ने देश के समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में प्राध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए लागू किया है। भर्ती प्रक्रिया में धांधली होने से वंचित रह गए योग्य शिक्षक अब यह सोचने मजबूर हैं कि वह यह चयन प्रक्रिया प्राध्यापकों की भर्ती के लिए है या फिर सहायक प्राध्यापकों के लिए। फिलहाल सभी को न्याय की आस है।


गौरतलब है कि मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा कई दिनों से प्राध्यापक भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिससे समूचे प्राध्यापकों में रोष है। नाराज प्राध्यापकों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक एपीआई सिस्टम की अर्हताओं को नजरअंदाज किया गया है। इस सिस्टम में शिक्षक के समस्त शैक्षणिक कार्यो को श्रेणीवार निर्धारित अंक प्रदान किये जाते हैं। इन अंकों के सकल योग से शिक्षक का एपीआई निर्धारित किया जाता है। निर्धारित की गई श्रेणियों में शिक्षक का रिफ्रेशर/ओरिएन्टेशन/मेथिडोलॉजी में भाग, शोध पत्र प्रकाशन, बुक प्रकाशन, प्रोजेक्ट, गाइड के रूप में शोध उपाधियों की संख्या, ट्रेनिंग कोर्स, आमंत्रित व्याख्यान व सलाहकार के रूप में कार्य आदि निर्धारित है।


उपरोक्त सभी श्रेणियों को उपश्रेणी में विभक्त किया गया है तथा यूजीसी के द्वारा उपश्रेणी में शिक्षक के शैक्षणिक कार्य को रख कर उन्हें निर्धारित अंक प्रदान किये जाते हैं। इन अंकों का सकल योग शिक्षक का एपीआई निर्धारित करता है, जो कि शिक्षक की योग्यता का मापक होता है, परंतु चयन प्रक्रिया में यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर अपनों को उपकृत किया गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रक्रिया में चयनित कोई भी प्राध्यापक उक्त सभी अर्हताओं को पूरा नहीं करता है।


News Source : http://www.bhaskar.com/article/MP-OTH-mp---psc-professor-scandal-in-the-selection-process-2480377.html
-----------------------------------------------------------------------------------
Read more...

आसींद में नियुक्तियां रद्द, कोटड़ी में हंगामा

आसींद में नियुक्तियां रद्द, कोटड़ी में हंगामा

सर्व शिक्षा अभियान के तहत संघनित पाठ्यक्रम में संदर्भ शिक्षकों के चयन में धांधली के बाद कलेक्टर ओंकारसिंह ने आसींद ब्लॉक की सभी 55 नियुक्तियां निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। आसींद तहसीलदार ने चयन संबंधी रिकॉर्ड सीज कर ट्रेनिंग रोक दी है। उधर, कोटड़ी ब्लॉक में सोमवार को आक्रोशित अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। सुवाणा ब्लॉक में भी गंभीर अनियमितता पर कलेक्टर ने रिपोर्ट मांग रखी है, लेकिन वहां ट्रेनिंग जारी है। गौरतलब है कि एसएसए अधिकारियों ने नियम विरुद्ध अपने चहेतों का चयन कर लिया। रिटायर्ड शिक्षकों को प्राथमिकता दिए बिना सिफारिशों पर चयन सूचियां बना ली। बनेड़ा बीईईओ ने तो कोर्स को ही आधारहीन बताते हुए चयन सूची नहीं भेजी। सोमवार को आसींद ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष छोगालाल गुर्जर, उपप्रधान नौरतमल जैन, केवीएसएस अध्यक्ष प्रदीप व्यास, सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष फतेहसिंह चारण, पंस सदस्य तेजमल गुर्जर ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि सेंटर का भौतिक सत्यापन नहीं हुआ। स्कूल प्रबंध समिति द्वारा चयन करना था, लेकिन एसएसए अधिकारियों ने मनमर्जी से चयन कर लिया। आसींद संवाददाता के अनुसार एसडीएम हरिसिंह लंबोरा के निर्देश पर तहसीलदार रामबाबू वर्मा ने एसएसए कार्यालय पहुंचकर रिकॉर्ड सीज किया। आसींद में 430 आवेदन आए थे, इनमें से 55 संदर्भ शिक्षकों का चयन किया।
॥जिन बच्चों को उम्र के आधार पर एडमिशन दिया उनमें से अधिकांश फैक्ट्रियों में नौकरी करते हैं। मैंने सूची इसलिए नहीं भेजी, क्योंकि जब बच्चे ही नहीं हैं तो शिक्षक किसे पढ़ाएंगे। इसके अलावा जब स्कूल समय में ही पढ़ाना है तो हमारे शिक्षक ही पढ़ा लेंगे।
श्यामलाल विजयवर्गीय, बीईईओ, बनेड़ा
॥ये विद्यार्थी मित्र जैसी नौकरी नहीं है। फिलहाल तीन माह के लिए ही है। इसमें भी आधा मानदेय देंगे। 20 बच्चों पर एक आईवी लगाया है। निरीक्षण में पूरे बच्चे नहीं मिलेंगे तो मानदेय कटेगा। इसके अलावा कोर्स समाप्त होने पर टेस्ट होगा, इसमें सफल रहने पर ही बाकी मानदेय देंगे। रिटायर्ड शिक्षकों के आवेदन नहीं आए, इसलिए इनका चयन किया गया। धांधली जैसी कोई बात नहीं, हम चयन सूचियों की जांच भी करा रहे हैं।
कैलाश तिवाड़ी, एडीपीसी, एसएसए
आधा पैसा, तीन माह की नौकरी
इन चयनित शिक्षकों को साढ़े चार हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय निर्धारित है। लेकिन शुरूआत में आधे पैसे देंगे। कोर्स समाप्त होने पर इन बच्चों का बाहर की टीम टेस्ट लेगी, इसमें शत प्रतिशत सफल होने पर बाकी मानदेय मिलेगा। इसके अलावा निरीक्षण में बच्चे अनुपस्थित मिलेंगे तो मानदेय कटेगा।
ये हुई अनियमितताएं
ञ्चस्कूल प्रबंधन समिति को चयन करना था, लेकिन उन्हें पता नहीं है।
ञ्चरिटायर्ड शिक्षकों को प्राथमिकता देनी थी, लेकिन उनके आवेदन ही नहीं लिए।
ञ्चअधिक आवेदन होने पर महिला को प्राथमिकता थी, लेकिन चहेतों को ले लिया।
ञ्चब्लॉकों ने सूचियां ही जारी नहीं की, सबको फोन पर ट्रेनिंग में बुला लिया।
News Source : http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-1591771-2507691.html
-------------------------------------------------------------------------------------
Read more...

शिक्षकों के चयन में धांधली

शिक्षकों के चयन में धांधली ( Bungling / Corruption in Teachers Selection / Recruitment)


जौनपुर। प्राथमिक शिक्षा में एक और गोरखधंधा सामने आया है। अब कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की वार्डेन, शिक्षिका तथा विषय विशेषज्ञों के चयन में धांधली उजागर हुई है। दो आजमगढ़ और दो मऊ के आवेदकों ने फर्जी अंकपत्र लगाकर चयन करा लिया। जांच में धांधली उजागर होने के बाद बीएसए धीरेंद्र नाथ सिंह ने लाइन बाजार पुलिस को तहरीर दी है। डीएम गौरव दयाल ने भी लाइन बाजार थानेदार को एफआईआर दर्ज कर अवगत कराने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि इनमें से दो अभ्यर्थी एक शिक्षाधिकारी के रिश्तेदार हैं और रिश्ते में देवरानी जेठानी भी हैं। जांच सिर्फ चार की ही हुई है। अभी और भी मामले फाइलों में दबे हुए हैं। सत्यापन ठीक से कराया गया तो यह संख्या एक दर्जन से कम नहीं होगी।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में वार्डेन कम शिक्षिका के पदों की भर्ती शुरू से सवालों के घेरे में रही। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद डीएम ने नगर मजिस्ट्रेट की निगरानी में इंटरव्यू कराए तथा मेरिट सूची तैयार कराई। कई दिनों तक नगर मजिस्ट्रेट दफ्तर में साक्षात्कार होता रहा। चयन सूची जारी की गई लेकिन आवेदकों को चयन के बारे में सूचना नहीं दी गई। कई आवेदकों से फोन कर चयन के नाम पर सौदेबाजी शुरू हो गई। नतीजतन नगर मजिस्ट्रेट बाल मयंक मिश्र ने सफाई दी कि चयन सूची जारी हो चुकी है और कोई भी उनके कार्यालय से चयन के बारे में जानकारी ले सकता है। चयन हो गया और नियुक्ति पत्र भी जारी हो गए। इस बीच डीएम को शिकायत मिली कि चार चयनित अभ्यर्थियों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के फर्जी अंकपत्र लगाकर चयन करा लिया। डीएम ने फिर सिटी मजिस्ट्रेट को जांच के आदेश दिए। सिटी मजिस्ट्रेट ने स्पेशल मैसेंजर भेजकर बोर्ड दफ्तर से जब चयनित चार अभ्यर्थियों के अंकपत्रों की जांच कराई तो कलई खुल गई। बीएसए ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि कुमारी वंदना सिंह पुत्री भानु प्रताप सिंह पत्नी चंद्रशेखर सिंह निवासी रदोपुर नई कालोनी न्यायमार्ग आजमगढ़, कु. अमृता सिंह पुत्री अजीत कुमार सिंह निवासी रदोपुर नई कालोनी आजमगढ़, साधना सिंह पुत्री बब्बन सिंह निवासी शिव मंदिर भीठी चौक मऊ, रंजय कुमार सिंह पुत्र पारसमुनी सिंह निवासी भीठी मऊनाथ भंजन मऊ ने कूट रचित अंकपत्रों के जरिए चयन कराने में सफल हो गए। अभिलेखों में छेड़छाड़, धोखाधड़ी तथा षड़यंत्र की श्रेणी में आता है। डीएम ने भी बीएसए की तहरीर पर लाइन बाजार थानेदार को एफआईआर दर्ज कर अवगत कराने का आदेश दिया है।
News Source : http://www.amarujala.com/city/jaunpur/Jaunpur-31788-60.html
------------------------------------------------------------------------------
Read more...

भ्रष्टाचार पर वार: डेढ़ सौ डीजीएम की नियुक्ति रद्द

भ्रष्टाचार पर वार: डेढ़ सौ डीजीएम की नियुक्ति रद्द
(Selection cancelled for 150 Deputy General Managers in NHAI)

भ्रष्टाचार के दाग मिटाने के लिए केंद्र सरकार ने अपने भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके तहत केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्री सी.पी. जोशी ने एनएचएआई के 150 उप महाप्रबंधकों (डीजीएम) की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है।

नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली के चलते यह फैसला किया गया। पिछले साल विभाग में हुई मुख्य महाप्रबंधकों (सीजीएम), महाप्रबंधकों (जीएम) व प्रबंधकों की नियुक्तियों में भी गड़बड़ी के आरोप लगे थे, ऐसे में इनकी जांच भी करवाई जा सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, सी.पी. जोशी ने गत बुधवार को इस बाबत आदेश जारी किए हैं, जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि मार्च 2010 में एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) में हुई 150 उप महाप्रबंधकों की नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती हैं। हैरत की बात है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को नौकरी दे दी गई, जो इंटरव्यू में शामिल ही नहीं हुए थे। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव व मुख्य सतर्कता अधिकारी एस.के. दास ने माना कि उप महाप्रबंधकों की नियुक्त रद्द हो गई है।
News Source : http://www.livehindustan.com/news/desh/today-news/article1-story-39-329-174590.html
---------------------------------------------------------------------------------
Read more...

एनआरएचएम के तहत हुई भर्ती में धांधली का आरोप

एनआरएचएम के तहत हुई भर्ती में धांधली का आरोप (Allegations of bungling/ corruption in NHRM Selection/Recruitment)

नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) में की गई एएनएम की भर्ती के दौरान धांधली का मामला सामने आया है, जबकि अधिकारियों का कहना है कि भर्ती पूरी तरह से नियमों को ध्यान में रखकर की गई है। गुरदासपुर निवासी शुभदीप कौर पत्नी अमरजीत सिंह ने बताया कि उसने एएनएम पदों की भर्ती के लिए आनलाइन जनरल कैटेगरी में आवेदन किया था।
उसकी लिखित परीक्षा 16 जनवरी को अमृतसर में हुई थी। इसमें उसका रजिस्टे्रशन नंबर 910131 तथा रोल नंबर-88104595 है। उसके परीक्षा में 61 अंक आए और उसका रैंक सातवां था। 19 मार्च 2011 को सिविल सर्जन कार्यालय में कमेटी के सदस्यों द्वारा उसकी इंटरव्यू ली गई। इसमें केवल असली प्रमाण पत्र चेक किए गए और उसका चुनाव कर उसे सुजानपुर सेंटर अलाट किया गया। उसे छह अप्रैल को नियुक्ति पत्र लेने के लिए बुलाया गया, परंतु जब वह छह अप्रैल को नियुक्ति पत्र लेने के लिए गईं तो उसे पता चला कि उसका नाम वेटिंग सूची में डाल दिया गया है। पता चला है कि उसके बाद जो लड़की आई थी, उसे रख लिया गया है। उसने आरोप लगाया कि उसके साथ बेइंसाफी हुई है।
सिविल सर्जन डाक्टर दलीप कुमार ने कहा कि जो भर्ती की गई है, वो नियमों के ध्यान में रखकर ही की गई है तथा किसी के भी साथ बेइंसाफी नहीं की गई।

News Source : http://www7.bhaskar.com/article/PUN-OTH-1330738-2031000.html
--------------------------------------------------------------------------
Read more...

नियुक्तियों में भयंकर धांधलियां और मनमानी

नियुक्तियों में भयंकर धांधलियां और मनमानी  (High Bungling in Recruitment and Arbitrary Selection)

देश में सरकारी और अर्द्ध सरकारी उपक्रमों सहित बेंकों वगेरा में नियुक्तियों में भयंकर धांधलियां और मनमानी हे इस मामले में केन्द्रीय सतर्कता समिति ने अपनी रिपोर्ट में गम्भीर टिप्पणियाँ की हे समिति ने कहा हे के इन संस्थाओं में नियुक्तियों के नाम पर भी कायदे कानून ताक में रख कर मनमानी की जाती हे और भयंकर भ्रस्ताचार होता हे भ्रस्ताचार के गंभीर हालातों पर भी समिति ने टिप्पणी की हे समिति ने कहा हे के यह उपक्रम अपनी प्रकाशित वार्षिक रिपोर्टों में भी झूंठे और मन गढंत आंकड़े प्रकाशित कर लोगों को और सरकार को भ्रमित करते हें , केन्द्रीय सतर्कता समिति की कहने को तो यह सामान्य रिपोर्ट हे लेकिन देश के ५ फीसदी केन्द्रीय सरकार के उपक्रम और अर्धसरकारी उपक्रमों के इस हाल पर केवल आंसू बहाने से कम नहीं चलेगा ना ही चिंता जताकर खामोश बेठने से काम चलेगा देश के पैसों और गरीबों के हक को किस तरह से तबाह और बर्बाद किया जा रहा हे इसका पता लगा कर दोषी लोगों को दंडित करना और जिन लगों ने गलत चेनल का रास्ता अपना कर लाभ उठाया हे उसे सुधारना अब सरकार की ज़िम्मेदारी बन गया हे लेकिन भाइयों सरकार के लियें तो यह उजागर भ्रस्ताचार तुच्छ प्रक्रति का भ्रस्ताचार हे इसलियें आप को हमें और हमारे बहियों को मिल जुल कर एक आग पैदा करना होगी एक अलख जगाना होगी एक माहोल तयार करना होगा ताके सरकार खुद इस मामले सहित भ्रस्ताचार के सभी मामले में कार्यवाही करने को मजबूर हो जाये ।
News Source : http://www.thenetpress.com/2010/12/blog-post_5824.html
------------------------------------------------------------------------------------------
Read more...

मास्टर डिग्री हाथ में आए चपरासी बनने

मास्टर डिग्री हाथ में आए चपरासी बनने ( Highly Qualified Candidates are giving Interview for Peon / Office Boy)

See News -
चंडीगढ़। एमएससी की डिग्री हाथ में लेकर जब एक युवक चपरासी के लिए इंटरव्यू देने पहुंचा तो इंटरव्यू कमेटी भी उस युवक की ओर देखती रह गए। यह कोई एक केस नहीं। पीयू में चपरासी, क्लर्क, लाइब्रेरी असिस्टेंट, क्लनीर और सिक्योरिटी गार्ड के लिए वॉक इन इंटरव्यू में पढ़े लिखे बेरोजगारों की फौज देखने को मिल रही है।
सोमवार को पीयू के लॉ ऑडिटोरियम में चपरासी के आठ पदों के लिए इंटरव्यू का दौर शुरू हुआ। सुबह छह बजे से पहले ही ट्राइसिटी और साथ लगते राज्यों के 1200 से अधिक युवा पीयू कैंपस पहुंच गए। चपरासी के लिए पीयू ने आठवीं पास अनिवार्य योग्यता रखी है, लेकिन यह देखकर कमेटी भी हैरान थी कि इंटरव्यू के लिए पहुंचे साठ फीसदी युवक ग्रेजुएट थे। कमेटी मेंबर ने बताया कि कई ने इंजीनियरिंग डिप्लोमा और डिग्री तक कर रखी थी। मोगा से इंटरव्यू देने पहुंचे सिमरनजीत सिंह ने कहा वह बीए के साथ कंप्यूटर, टाइपिंग कोर्स कर चुका है, लेकिन अच्छा सैलरी पैकेज होने के कारण वह भी इंटरव्यू देने पहुंच गया। 11 बजे तक लॉ ऑडिटोरियम अभ्यर्थियों से खचाखच भर चुका था। क्लीनर के आठ पदों और सिक्योरिटी गार्ड के 12 के लिए भी काफी संख्या में युवक इंटरव्यू देने पहुंचे।
एक मिनट में इंटरव्यू
पीयू से एफिलिएटेड चार कालेजों के लिए चल रही कर्मचारियों की भरती प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग रहे हैं। इंटरव्यू देने पहुंच रहे कई अभ्यर्थियों ने बताया कि इंटरव्यू तो सिर्फ दिखावा है। कैंडीडेट का एक मिनट से भी कम समय में इंटरव्यू हो रहा है। उम्मीदवार से कमेटी मेंबर सिर्फ नाम, पढ़ाई पूछकर चले जाने को कह देते हैं। सभी कमेटी मेंबर पेंसिल से ही नंबर दे रहे हैं। इससे धांधली के पूरे चांस रहते हैं
News Source : http://www.amarujala.com/state/Punjab/24535-6.html
----------------------------------------------------------------------------
Read more...

ड्राइवर भर्ती में धांधली!

ड्राइवर भर्ती में धांधली! (Bungling / Corruptions in Driver Recruitment)


चंडीगढ़. शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद अब चंडीगढ़ प्रशासन पर ड्राइवरों की भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली के आरोप लगे हैं। पंजाब के कुछ आवेदकों ने ड्राइवरों की हाल ही में की गई भर्ती को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में चुनौती दी है। इस पर कैट ने चंडीगढ़ के होम सेक्रेटरी और ट्रांसपोर्ट विभाग के डायरेक्टर को 25 जून के लिए नोटिस जारी किया है। इससे पहले इन आवेदकों ने भर्ती में हेराफेरी होने की शिकायत करते हुए पंजाब के गवर्नर व नगर प्रशासक को ज्ञापन भी दिया था।

प्रशासन ने 104 ड्राइवरों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। इन पदों के लिए पंजाब और हरियाणा के लगभग 4,000 युवाओं ने एप्लाई किया। भर्ती के लिए सीटीयू ने पहले ड्राइविंग टेस्ट लिया। पंजाब के इन आवेदकों का आरोप है कि सीटीयू ने साजिश के तहत ड्राइविंग टेस्ट के लिए उन्हें खस्ता हाल बसें दीं। अमृतपाल सिंह और जरनैल सिंह के मुताबिक टेस्ट में कई समस्याएं आने के बावजूद उन्होंने इसे पास कर लिया। ड्राइविंग टेस्ट पास करने वाले आवेदकों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। उनका आरोप है कि इंटरव्यू में ऐसे प्रश्न पूछे गए जिनका ड्राइवर के कामकाज या जनरल नॉलेज से कोई लेना देना नहीं था।
आरोप है कि ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने के बावजूद हरियाणा के राजेश (रोल नंबर 1118) का नाम जनरल कैटेगरी की वेटिंग लिस्ट में है। एक भूतपूर्व सैनिक ने जनरल कैटेगरी से ड्राइविंग टेस्ट दिया था, लेकिन उसे वेटिंग लिस्ट में पिछड़ा वर्ग में डाल दिया गया है। इंटरव्यू का फाइनल रिजल्ट 26 मई को घोषित किया जाना था, लेकिन 31 मई को रात साढ़े 10 बजे के बाद रिजल्ट घोषित किया गया। अगले ही दिन इसे बोर्ड और वेबसाइट से हटा लिया गया। कैट के दी शिकायत में कहा गया है कि भर्ती किए गए ड्राइवरों में 80 से 85 फीसदी हरियाणा से हैं, पंजाब के आवेदकों के हिस्से महज 15 से 20 फीसदी पद आए हैं।

भर्ती प्रक्रिया में नियमों के तहत योग्य उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इसमें पंजाब या हरियाणा के लिए सीटें निर्धारित नहीं थी। भर्ती के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की अपनी प्रक्रिया थी, जिसमें पूरी पारदर्शिता रखी गई। यदि भर्ती प्रक्रिया में किसी भी तरह की कोताही पाई गई तो मैं सजा भुगतने को तैयार हूं।

News Source : http://bollywood.bhaskar.com/article/CHD-driver-in-the-rigged-hiring-1060001.html
--------------------------------------------------------------
Read more...

यूपी में सफाईकर्मियों की नियुक्ति में धांधली

यूपी में सफाईकर्मियों की नियुक्ति में धांधली (Bungling in the recruitment of cleaners in UP)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सफाई कर्मचारी की भर्ती का मामला एक बार फिर तुल पकड़ रहा है। भर्ती उम्मीदवार माया सरकार की रवैये से बेहद नाराज है। उम्मीदवारों का कहना है कि माया सरकार खुद को दलितों की रहनुमा बताती हैं। लेकिन दलित के साथ रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी हुआ है।
दरअसल मायावती ने दलितों और गरीबों को एक लाख नौकरी देने का ऐलान किया था। उम्मीदवारों से इंटरव्यू के नाम पर नाली साफ कराई गई। नाली साफ कराने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली।
गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ का आरोप है कि सरकार में पैसा दिए बिना कोई काम नहीं होता है। भर्ती में बसपा के नेताओं के अलावा सरकार के मंत्रियों और चहेते अफसरों की चली। सबने अपने-अपने उम्मीदवारों की फेरहरिस्त जारी की। इसका पर्दाफाश सुल्तानपुर के सीडीओ विमल चंद्र श्रीवास्तव ने एक सार्वजनिक समारोह में किया। उन्होंने कबूल किया कि नेताओं के दवाब में भर्तियां की गई हैं। नतीजा अगले ही दिन सीडीओ हटा दिए गए।

मालूम हो कि भर्तियों में धांधली प्रदेश के कई जिलों में हुई। गोरखपुर में तो भर्ती के लिए सिफारिशों और लेनदेन का ऐसा खुला खेल हुआ कि वहां कमिश्नर पीके मोहंती ने भर्ती लिस्ट पर ही रोक लगा दी। जिलाधिकारी रणधीर पंकज पर धांधली के खुलेआम आरोप लगे। ऐसा ही बहराइच में भी हुआ। यहां बीएसपी के ही एक विधायक केके ओझा ने अपनी सरकार पर हमला बोल दिया। उन्होंने भी समूची भर्ती प्रक्रिया में जम कर लेनदेन और धांधली का आरोप लगाया।
बदनामी के आरोपों से घिरी सरकार ने गोरखपुर, बहराइच और सुलतानपुर में भर्तियां निरस्त कर दी हैं। पर ना तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है और न ही जांच के आदेश दिए गए। सवाल ये उठता है कि अगर सरकार ने ये पाया कि भर्ती में गड़बड़ियां हुई हैं तो फिर दोषी अधिकारियों को बचाया क्यूं जा रहा है। उम्मीदवारों से इंटरव्यू के नाम पर नाली साफ कराई गई।
News Source: http://khabar.ibnlive.in.com/news/6598/3
------------------------------------------------------
Read more...

इंटरव्यू में धांधली को लेकर हंगामा

इंटरव्यू में धांधली को लेकर हंगामा ( Interview corruption - Big Problem in India for Government Jobs)

See News -
सीकर . औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में इलेक्ट्रिकल के विभिन्न पदों को लेकर हुए इंटरव्यू में धांधली का आरोप लगाकर मंगलवार को छात्र-छात्राओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। छात्र-छात्राओं का आरोप है कि मैरिट में जमकर धांधली की गई है।

संस्थान के अधिकारियों ने अपने जानकारों को भर्ती करने के लिए मैरिट में अच्छी रैंक हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को बाहर कर दिया। छात्र-छात्राओं ने घंटेभर तक संस्थान के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों का आरोप है कि बिजली के विभिन्न पदों को लेकर इंटरव्यू को 20 मिनट में ही यह कहते हुए समाप्त कर दिया गया कि पद भर गए हैं।

यालसर कूदन के मुकेश जांगिड़ ने बताया कि ओबीसी में उनकी छठीं रैंक थी, लेकिन उनका इंटरव्यू नहीं लिया गया। मुकेश का कहना था कि पहले तो उसे इंटरव्यू के लिए खड़ा करके रखा, मगर बाद में उसे इनकार कर दिया गया। इसी तरह अन्य छात्र-छात्राओं ने इंटरव्यू में मनमर्जी का आरोप लगाया। बाद में कुछ छात्र जिला कलेक्ट्रेट के पास भी शिकायत लेकर पहुंचे। कलेक्टर ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
News source : http://www.3dsyndication.com/dainik_bhaskar_hindi_news_features/Education%20&%20Careers/DBSHE28
------------------------------------------------------------------
Read more...

प्रसार भारती में व्यापक धांधली,भर्तियां रद्द

प्रसार भारती में व्यापक इंटरव्यू धांधली,  भर्तियां रद्द 
(Selection cancelled - Prasar Bharti interview rigged/corruption)


केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने प्रसार भारतती में25 न्यूज एंकरों व रिपोर्टरों की नियुक्ति सोमवार को रद्द कर दी ।कैट ने कहा कि दूरदर्शन न्यूज कुछ उम्मीदवारों को जगह दिलाने क लिए अनियमितताएं की गईं।
वीके बाली की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने पाया कि इंटरव्यू से ठीक पहले नियुक्ति के नियम मनमाने ढंग से बदल दिए गए ताकि लिखित परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले कुछ उम्मीदवारों को संख्या 30 से बढाकर 35 कर दी गई ताकि यशवी तीरथ केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ की बेटी को जगह मिल सके। लिखित परीक्ष में उसे 33वीं रैंक मिली थी। प्रसार भारती ने इंटरव्यू के लिए तय वैटेज को भी 25 प्रतिशत से बढाकर 33 प्रतिशत कर दिया गया ।यह इंटरव्यू से ठीक पहेल किया गया ।न्यायाधिकरण ने कहा ,उदाहरण के लिए यशवी तीरथ का मैरिट में नंबर 33वां था ।उसे इंटरव्यू में 90 अंक मिले थे।निश्चित तौर पर यह उसका पक्ष लेने के लिए की गई मनमानी का उदाहरण है ।
एक औऱ उम्मीदवार अनिता कालरा काल्हा की भी मनमाने ढंग से सिफारिश की गई ।जबकि उसने इसके लिए आवेदन ही नहीं किया था । उसने ऑडिशन टेस्ट भी नहीं दिया था।
News Source : http://jantantra.com/2010/09/14/corruption-in-doordarshan-recruitment/
----------------------------------------------------------------------------
Read more...