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Wednesday, October 19, 2011

एचबीटीआई में चयन में धांधली उजागर

एचबीटीआई में चयन में धांधली उजागर ( HBTI Faculty Jobs Selection under Corruption / Bungling)

कम अंक पर चयन, ज्यादा वाले साक्षात्कार से बाहर
तत्कालीन मंडलायुक्त की जांच में गोलमाल उजागर

News -
कानपुर। एचबीटीआई में शिक्षकों के साक्षात्कार और चयन में बड़ी धांधली हुई है। असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर पद पर कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जिन्हें शैक्षिक प्रमाण पत्र, साक्षात्कार में कम अंक मिले थे। ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार सूची से बाहर कर दिया गया है। तत्कालीन मंडलायुक्त की जांच में यह खुलासा हुआ। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है।
एचबीटीआई में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया मार्च 2011 में शुरू हुई। विभिन्न विभागों में प्रोफेसर के छह पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 15 पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के सात पदों के आवेदन मांगे गए। इनके साक्षात्कार हुए और कुछ पदों पर चयन कर लिया गया। इसमें धांधली की शिकायत शिक्षक विधायक राजबहादुर चंदेल सहित कई लोगों ने की। इसी आधार पर 9 जून 2011 को तत्कालीन मंडलायुक्त पीके महंति ने मामले की जांच सौंपी गई। उनकी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि केमिकल इंजीनियरिंग में असिस्टेंट प्रोफेसर के दो अनारक्षित पद के लिए 18 आवेदन आए थे। इसमें से सुधीर कुमार सिंह (65 अंक), दिव्या श्रीवास्तव (65 अंक) और संतोष कुमार लोधी (55अंक) को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया, जबकि आशीष मिश्रा (85 अंक), पंकज कुमार लोधी (65 अंक), विभव कुमार राय (65अंक), शैलेंद्र कुमार पांडेय (60 अंक), जितेंद्र कुमार (65 अंक) और मंजू वर्मा (65 अंक) को नहीं बुलाया गया, जो अनियमिता है। साक्षात्कार की सूची में अमित कुमार नाम के दो अभ्यर्थी हैं, जिनके पिता का नाम नहीं दर्ज है। एक पद पर अमित कुमार का चयन हुआ है, जो रामधनी गुप्ता के पुत्र हैं। अंक प्रदान किए जाने वाली सूची में पिता का नाम न दर्ज होने से संदेह है। यह पता नहीं चला है कि चयन 80 अंक या 75 अंक वाले अभ्यर्थी का हुआ है। आठ वर्ष 4 महीने के अध्यापन अनुभव पर राम आशीष मिश्रा को 20 अंक दिए गए हैं, जबकि प्रवीन भाई पटेल को आठ वर्ष के अध्यापन अनुभव पर 25 अंक दिए गए हैं। यह गलत है। साक्षात्कार में किस अभ्यर्थी को कितने अंक मिले हैं, यह ब्योरा तकनीकी संस्थान प्रशासन नहीं उपलब्ध करा सका है।
प्लास्टिक टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर सुरेंद्र प्रसाद पाल का चयन हुआ है, जिन्हें कि 95 अंक मिले थे। 100 अंक पाने वाले दीपक कुमार का चयन क्यों नहीं हुआ, यह चयन समिति की आख्या से स्पष्ट नहीं है। बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में प्रोफेसर पद के लिए डा. टीके घोष और डा. एएस विद्यार्थी को 100-100 अंक मिले थे, लेकिन डा. विद्यार्थी को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया और डा. घोष का चयन कर लिया गया है। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डा. विपिन कुमार त्रिपाठी का चयन हुआ है, जिन्हें 95 अंक मिले थे। 100 अंक पाने वाले नीलेंद्र बादल का चयन क्यों नहीं हुआ, चयन समिति की आख्या से स्पष्ट नहीं है। फूड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सिविल इंजीनियरिंग, एसोसिएट प्रोफेसर मेकेनिकल इंजीनियरिंग, असिस्टेंट प्रोफेसर मेकेनिकल इंजीनियरिंग के चयन में खिलवाड़ किया गया है। यही नहीं पुस्तकालयाध्यक्ष पद पर हुई नियुक्ति अनियमित है
News Source : http://www2.amarujala.com/state/Utter-pradesh/34964-1.html
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