आसींद में नियुक्तियां रद्द, कोटड़ी में हंगामा
सर्व शिक्षा अभियान के तहत संघनित पाठ्यक्रम में संदर्भ शिक्षकों के चयन में धांधली के बाद कलेक्टर ओंकारसिंह ने आसींद ब्लॉक की सभी 55 नियुक्तियां निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। आसींद तहसीलदार ने चयन संबंधी रिकॉर्ड सीज कर ट्रेनिंग रोक दी है। उधर, कोटड़ी ब्लॉक में सोमवार को आक्रोशित अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। सुवाणा ब्लॉक में भी गंभीर अनियमितता पर कलेक्टर ने रिपोर्ट मांग रखी है, लेकिन वहां ट्रेनिंग जारी है। गौरतलब है कि एसएसए अधिकारियों ने नियम विरुद्ध अपने चहेतों का चयन कर लिया। रिटायर्ड शिक्षकों को प्राथमिकता दिए बिना सिफारिशों पर चयन सूचियां बना ली। बनेड़ा बीईईओ ने तो कोर्स को ही आधारहीन बताते हुए चयन सूची नहीं भेजी। सोमवार को आसींद ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष छोगालाल गुर्जर, उपप्रधान नौरतमल जैन, केवीएसएस अध्यक्ष प्रदीप व्यास, सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष फतेहसिंह चारण, पंस सदस्य तेजमल गुर्जर ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि सेंटर का भौतिक सत्यापन नहीं हुआ। स्कूल प्रबंध समिति द्वारा चयन करना था, लेकिन एसएसए अधिकारियों ने मनमर्जी से चयन कर लिया। आसींद संवाददाता के अनुसार एसडीएम हरिसिंह लंबोरा के निर्देश पर तहसीलदार रामबाबू वर्मा ने एसएसए कार्यालय पहुंचकर रिकॉर्ड सीज किया। आसींद में 430 आवेदन आए थे, इनमें से 55 संदर्भ शिक्षकों का चयन किया।
॥जिन बच्चों को उम्र के आधार पर एडमिशन दिया उनमें से अधिकांश फैक्ट्रियों में नौकरी करते हैं। मैंने सूची इसलिए नहीं भेजी, क्योंकि जब बच्चे ही नहीं हैं तो शिक्षक किसे पढ़ाएंगे। इसके अलावा जब स्कूल समय में ही पढ़ाना है तो हमारे शिक्षक ही पढ़ा लेंगे।
श्यामलाल विजयवर्गीय, बीईईओ, बनेड़ा
॥ये विद्यार्थी मित्र जैसी नौकरी नहीं है। फिलहाल तीन माह के लिए ही है। इसमें भी आधा मानदेय देंगे। 20 बच्चों पर एक आईवी लगाया है। निरीक्षण में पूरे बच्चे नहीं मिलेंगे तो मानदेय कटेगा। इसके अलावा कोर्स समाप्त होने पर टेस्ट होगा, इसमें सफल रहने पर ही बाकी मानदेय देंगे। रिटायर्ड शिक्षकों के आवेदन नहीं आए, इसलिए इनका चयन किया गया। धांधली जैसी कोई बात नहीं, हम चयन सूचियों की जांच भी करा रहे हैं।
कैलाश तिवाड़ी, एडीपीसी, एसएसए
आधा पैसा, तीन माह की नौकरी
इन चयनित शिक्षकों को साढ़े चार हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय निर्धारित है। लेकिन शुरूआत में आधे पैसे देंगे। कोर्स समाप्त होने पर इन बच्चों का बाहर की टीम टेस्ट लेगी, इसमें शत प्रतिशत सफल होने पर बाकी मानदेय मिलेगा। इसके अलावा निरीक्षण में बच्चे अनुपस्थित मिलेंगे तो मानदेय कटेगा।
ये हुई अनियमितताएं
ञ्चस्कूल प्रबंधन समिति को चयन करना था, लेकिन उन्हें पता नहीं है।
ञ्चरिटायर्ड शिक्षकों को प्राथमिकता देनी थी, लेकिन उनके आवेदन ही नहीं लिए।
ञ्चअधिक आवेदन होने पर महिला को प्राथमिकता थी, लेकिन चहेतों को ले लिया।
ञ्चब्लॉकों ने सूचियां ही जारी नहीं की, सबको फोन पर ट्रेनिंग में बुला लिया।
News Source : http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-1591771-2507691.html॥जिन बच्चों को उम्र के आधार पर एडमिशन दिया उनमें से अधिकांश फैक्ट्रियों में नौकरी करते हैं। मैंने सूची इसलिए नहीं भेजी, क्योंकि जब बच्चे ही नहीं हैं तो शिक्षक किसे पढ़ाएंगे। इसके अलावा जब स्कूल समय में ही पढ़ाना है तो हमारे शिक्षक ही पढ़ा लेंगे।
श्यामलाल विजयवर्गीय, बीईईओ, बनेड़ा
॥ये विद्यार्थी मित्र जैसी नौकरी नहीं है। फिलहाल तीन माह के लिए ही है। इसमें भी आधा मानदेय देंगे। 20 बच्चों पर एक आईवी लगाया है। निरीक्षण में पूरे बच्चे नहीं मिलेंगे तो मानदेय कटेगा। इसके अलावा कोर्स समाप्त होने पर टेस्ट होगा, इसमें सफल रहने पर ही बाकी मानदेय देंगे। रिटायर्ड शिक्षकों के आवेदन नहीं आए, इसलिए इनका चयन किया गया। धांधली जैसी कोई बात नहीं, हम चयन सूचियों की जांच भी करा रहे हैं।
कैलाश तिवाड़ी, एडीपीसी, एसएसए
आधा पैसा, तीन माह की नौकरी
इन चयनित शिक्षकों को साढ़े चार हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय निर्धारित है। लेकिन शुरूआत में आधे पैसे देंगे। कोर्स समाप्त होने पर इन बच्चों का बाहर की टीम टेस्ट लेगी, इसमें शत प्रतिशत सफल होने पर बाकी मानदेय मिलेगा। इसके अलावा निरीक्षण में बच्चे अनुपस्थित मिलेंगे तो मानदेय कटेगा।
ये हुई अनियमितताएं
ञ्चस्कूल प्रबंधन समिति को चयन करना था, लेकिन उन्हें पता नहीं है।
ञ्चरिटायर्ड शिक्षकों को प्राथमिकता देनी थी, लेकिन उनके आवेदन ही नहीं लिए।
ञ्चअधिक आवेदन होने पर महिला को प्राथमिकता थी, लेकिन चहेतों को ले लिया।
ञ्चब्लॉकों ने सूचियां ही जारी नहीं की, सबको फोन पर ट्रेनिंग में बुला लिया।
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