एमपी-पीएससी प्राध्यापक चयन प्रक्रिया में घोटाला
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जबलपुर. एमपी-पीएससी द्वारा प्राध्यापकों की सीधी भर्ती प्रक्रिया में एपीआई (एकेडमिक परफॉरमेंस इन्डेक्स) का खुला उल्लघंन हुआ है। जबकि यह इन्डेक्स यूजीसी ने देश के समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में प्राध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए लागू किया है। भर्ती प्रक्रिया में धांधली होने से वंचित रह गए योग्य शिक्षक अब यह सोचने मजबूर हैं कि वह यह चयन प्रक्रिया प्राध्यापकों की भर्ती के लिए है या फिर सहायक प्राध्यापकों के लिए। फिलहाल सभी को न्याय की आस है।
गौरतलब है कि मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा कई दिनों से प्राध्यापक भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिससे समूचे प्राध्यापकों में रोष है। नाराज प्राध्यापकों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक एपीआई सिस्टम की अर्हताओं को नजरअंदाज किया गया है। इस सिस्टम में शिक्षक के समस्त शैक्षणिक कार्यो को श्रेणीवार निर्धारित अंक प्रदान किये जाते हैं। इन अंकों के सकल योग से शिक्षक का एपीआई निर्धारित किया जाता है। निर्धारित की गई श्रेणियों में शिक्षक का रिफ्रेशर/ओरिएन्टेशन/मेथिडोलॉजी में भाग, शोध पत्र प्रकाशन, बुक प्रकाशन, प्रोजेक्ट, गाइड के रूप में शोध उपाधियों की संख्या, ट्रेनिंग कोर्स, आमंत्रित व्याख्यान व सलाहकार के रूप में कार्य आदि निर्धारित है।
उपरोक्त सभी श्रेणियों को उपश्रेणी में विभक्त किया गया है तथा यूजीसी के द्वारा उपश्रेणी में शिक्षक के शैक्षणिक कार्य को रख कर उन्हें निर्धारित अंक प्रदान किये जाते हैं। इन अंकों का सकल योग शिक्षक का एपीआई निर्धारित करता है, जो कि शिक्षक की योग्यता का मापक होता है, परंतु चयन प्रक्रिया में यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर अपनों को उपकृत किया गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रक्रिया में चयनित कोई भी प्राध्यापक उक्त सभी अर्हताओं को पूरा नहीं करता है।
News Source : http://www.bhaskar.com/article/MP-OTH-mp---psc-professor-scandal-in-the-selection-process-2480377.html
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