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Thursday, December 15, 2011

UP TET (Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test) statistical report of various districts

शैक्षिक ताने-बाने में उतार-चढ़ाव का पैमाना बना टीईटी
 (UPTET statistical report of various districts of UP)

News : Jagran (15.12.11)
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A visitor make following details , Please note typo mistakes etc. can be possible) And it is not official data (statistical ) realeased by the Education department UP.

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लखनऊ मंडल   28,923     14,997      पुरुष व      13926 महिला   प्रतिशत 54.37 
सहारनपुर         10088       5258       पुरुष व        4830 महिला   प्रतिशत 50.52 
मेरठ में             24551     10,439      पुरुष व     14,112 महिला   प्रतिशत 50.34 
बरेली में           12114,        7316      पुरुष व       4798 महिला   प्रतिशत 48.40
इलाहाबाद       26,518       18,953      पुरुष व      7,565 महिला  प्रतिशत 48.34
कानपुर में        26375       13,786      पुरुष व    12,589 महिला  प्रतिशत 47.24 
फैजाबाद में     15,804        10,967     पुरुष व      4,837 महिला   प्रतिशत 46.49
मीरजापुर में      5581          4,103     पुरुष व     1,478 महिला    प्रतिशत 46.42 
गोरखपुर में     14599,         9,771     पुरुष व     4,828 महिला     प्रतिशत 46.42 
देवीपाटन में      4482,        3,197      पुरुष व     1,285 महिला     प्रतिशत 45.38 
आगरा में कुल  19480,      11,497      पुरुष व     7,983 महिला     प्रतिशत 43.40
वाराणसी में     25631,      18,361      पुरुष व     7,270 महिला     प्रतिशत 42.17
चित्रकूट में        6319,        4,880      पुरुष व     1,439 महिला     प्रतिशत 41.59  
अलीगढ़         10075,        6,432       पुरुष व     3,643 महिला     प्रतिशत 41.43 
बस्ती में          5108,        3,925       पुरुष व     1,183 महिला     प्रतिशत 41.42 
मुरादाबाद में   12550,       7,305       पुरुष व     5,245 महिला     प्रतिशत 40.96 
झांसी में          9609,        5,324       पुरुष व     4,285 महिलाएं
आजमगढ़ में  15463,       11,859       पुरुष व     3,604 महिलाएं

For relevant information, you can contact authorized peroson of education department UP/concerned dept.
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इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) प्रदेश के शैक्षिक ताने-बाने में उतार-चढ़ाव का पैमाना भी साबित हुई है। जो जिले या मंडल अभी तक शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े समझे जाते रहे हैं, उन्होंने टॉप टेन में उपस्थिति दर्ज कराकर सभी को चौंकाया है, जबकि बनारस जैसे जिले को 12वें स्थान पर संतोष करना पड़ा। इसी के बगल के मीरजापुर मंडल ने टॉप ...टेन में शामिल होकर अपना झंडा फहराया है। मीरजापुर मंडल का उल्लेख इस लिहाज से भी जरूरी है कि इसके दो जिले मीरजापुर और सोनभद्र न सिर्फ नक्सल प्रभावित हैं, बल्कि आर्थिक, शैक्षिक व सामाजिक दृष्टि से भी ये पिछड़े माने-जाते हैं।

माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को ली गई शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्राथमिक स्तर में 2,70,806 अभ्यर्थी व उच्च प्राथमिक में कुल 2,09,789 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। यदि सफलता का प्रतिशत मंडलवार देखें तो प्राथमिक स्तर में लखनऊ मंडल के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन सबसे उम्दा रहा है। यहां 28,923 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जिसमें से 14,997 पुरुष व 13926 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं। सफलता का कुल प्रतिशत 54.37 रहा है। इसके बाद दूसरा स्थान सहारनपुर का रहा है। सहारनपुर में 5258 पुरुष व 4830 महिला अभ्यर्थी सफल हुई हैं। सफलता का प्रतिशत 50.52 रहा है।
मेरठ में 10,439 पुरुष व 14,112 महिलाएं सफल हुई हैं, कुल पास प्रतिशत 50.34 रहा है। इसी तरह बरेली में 7316 पुरुष व 4798 महिलाएं सफल हुई हैं। पास प्रतिशत 48.40 रहा है।इलाहाबाद पांचवें स्थान परइस परीक्षा में इलाहाबाद सफलता के प्रतिशत के हिसाब से पांचवें स्थान पर रहा है। यहां कुल 26,518 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जिसमें से 18,953 पुरुष व 7,565 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं। सफलता का प्रतिशत 48.34 रहा है। कानपुर में 13,786 पुरुष व 12,589 महिला अभ्यर्थी सफल हुई हैं। सफलता का प्रतिशत 47.24 रहा है। अपेक्षाकृत आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़ा माना जाने वाला मंडल फैजाबाद, मिर्जापुर, गोरखपुर व देवीपाटन का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। फैजाबाद में 15,804 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जिसमें से 10,967 पुरुष व 4,837 महिलाएं शामिल हैं। कुल पास प्रतिशत 46.49 रहा है। मीरजापुर में 4,103 पुरुष व 1,478 महिला अभ्यर्थी सफल हुई हैं, पास प्रतिशत 46.42 रहा है। गोरखपुर में सफलता का प्रतिशत 46.42 रहा है। यहां 9,771 पुरुष व 4,828 महिला अभ्यर्थी सफल हुई हैं।
देवीपाटन मंडल भी टॉप टेन में
देवीपाटन मंडल में 3,197 पुरुष व 1,285 महिला अभ्यर्थी सफल हुई हैं। सफलता का प्रतिशत 45.38 रहा है। आगरा में कुल 11,497 पुरुष व 7,983 महिला अभ्यर्थी सफल हुई हैं, पास प्रतिशत 43.40 रहा हैवाराणसी में 18,361 पुरुष व 7,270 महिला अभ्यर्थी सफल हुई हैं। सफलता का प्रतिशत 42.17 रहा है। चित्रकूट में 4,880 पुरुष व 1,439 महिलाएं सफल हुई हैं। यहां 41.59 प्रतिशत अभ्यर्थी सफल हुए हैं। अलीगढ़ मंडल का पास प्रतिशत 41.43 रहा है। यहां 6,432 पुरुष व 3,643 महिला अभ्यर्थी सफल हुई हैं। बस्ती मंडल में कुल 3,925 पुरुष व 1,183 महिला अभ्यर्थी सफल हुई हैं। सफलता का प्रतिशत 41.42 रहा है। इसी तरह मुरादाबाद में 7,305 पुरुष व 5,245 महिलाएं सफल हुई हैं। प्रतिशत 40.96 रहा हैझांसी मंडल में 5,324 पुरुष व 4,285 महिलाएं सफल हुई हैं। आजमगढ़ में 11,859 पुरुष व 3,604 महिलाएं सफल हुई हैं।


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Uttar Pradesh Basic Education Department Transfer of Primary Teachers, near to home

अब घर के नजदीक पहुंच सकेंगे शिक्षक

(UP Basic Education Department Transfer of Primary Teachers, near to home)
बागपत। लंबे समय से घर के नजदीक तैनाती पाने वाले शिक्षकों की राह आसान हो गई है। स्थानांतरण की प्रक्रिया बेसिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन शुरू कर दी है। 31 दिसंबर तक चलने वाली इस प्रक्रिया में शिक्षक तीन जिलो का विकल्प भर सकते हैं। शिक्षक ऑनलाइन पंजीकरण करने में लगे हुए है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने दूर दराज तैनाती पर गए शिक्षकों को उनके घर के नजदीक आने के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है। विभाग ने ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिक्षक बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। इसमें शिक्षक तीन जिलों का विकल्प भर सकते हैं। ऑनलाइन भरे गये फार्म की एक प्रति बेसिक शिक्षा विभाग में संबंधित जिले में जमा करनी होगी। जिस जिले में शिक्षक तैनात है वहां शिक्षक वह प्रति जमा कराएंगे। उसके बाद उसी प्रति से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया का सत्यापन किया जाएगा। शिक्षा अधिकारी ऑनलाइन प्रक्रिया से ही सत्यापन करेंगे। जिले में 200 शिक्षक अभी तक आवेदन कर चुके हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है और एक जनवरी से स्थानांतरण का सत्यापन कार्य शुरू किया जाएगा। इसमें महिलाओं को वरियता दी जाएगी। बीएसए गिरवर सिंह ने बताया कि आवेदन की श्रेष्ठता सूची बनाई जाएगी। उसके बाद स्थानांतरण किया जाएगा।
News : Jagran (15.12.11)
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मुसीबत बनी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
 (Primary Teacher Online transfer process becomes problemetic to many candidates)

लखनऊ। बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय ट्रांसफर के लिए आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सहज बनाने के लिए की गई ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था अभ्यर्थियों के लिए मुसीबत बन गई है। घंटो वेबसाइट पर जूझने के बाद भी अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। वर्किंग टाइम में तो कभी-कभी वेबसाइट खुल ही नहीं रही है। इसके साथ ही आवेदन में कई विकल्पों को समझने एवं भरने में भी दिक्कत आ रही है।
बेसिक शिक्षा परिषदों ने शिक्षकों की सहूलियत के लिए उन्हें मनचाहे जिलों में स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की है। शिक्षक अपनी पसंद के तीन जिलों का विकल्प भर सकते है, जहां उपलब्धता एवं वरीयता के आधार पर शिक्षकों को तबादला मिलेगा। इसके लिए शिक्षकों को विभाग की वेबसाइट www.upbasiceducationboard.in या bed.up.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा 31 दिसंबर तक दी गई है, लेकिन वेबसाइट की स्लो स्पीड एवं कम समय के चलते अभ्यर्थियों को आवेदन करने में काफी मुश्किल आ रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आवेदन हिंदी में भरना है, लेकिन फांट का सही सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। पते के लिए जो स्पेस दिया गया है वह भी काफी कम है, जिसके चलते पूरा पता भरना संभव नहीं हो पा रहा है। नाम, वेतन क्रम, पत्रांक आदि भरने में भी दिक्कतें आ रही हैं। कोड जनरेट करने के बाद अभ्यर्थी अप्लीकेशन फार्म जब तक भर रहा है तब तक टाइम आउट हो जा रहा है। दुबारा आवेदन के लिए यूजर कोड डालने पर फार्म न खुलने की भी दिक्कत आ रही है। इसके चलते अभ्यर्थी घंटों कंप्यूटर पर सिर खपाने के बाद भी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि वेबसाइट पर जो हेल्पलाइन नंबर दिया गया है वह मिलाने पर हमेशा बिजी रहता है, जिससे वहां से भी मदद लेना संभव नहीं हो पा रहा है।

अंग्रेजी में आवेदन करना बेहतर ः अभ्यर्थियों की समस्या के संदर्भ में एनआईसी के अधिकारियों का कहना है कि आवेदन के लिए 30 मिनट का समय दिया गया है। एक साथ बल्क में आवेदन होने के चलते स्पीड में समस्या आ रही है। हिंदी में आवेदन करने में अभ्यर्थियों को अधिक समय लग रहा होगा। अंग्रेजी में भी आवेदन का विकल्प दिया गया है। बेहतर होगा अभ्यर्थी अंग्रेजी में आवेदन करें। वैसे भी आवेदन में टाइपिंग काफी कम करनी है। अधिकांश जगह आप्शन पर ही क्लिक करना है। ऐसे में यदि अभ्यर्थी इंग्लिश में आवेदन करते हैं तो पांच से 10 मिनट का समय अधिकतम लगेगा।
News: Jagran (14.12.11)
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UP TET : Confusion ended, Appouintment of Primary teachers with an ease

युपी टीईटी - असमंजस खत्म, नियुक्ति की राह हुई आसान (UPTET : Confusion ended, Appouintment of Primary teachers with an ease)


वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति पर असमंजस की स्थिति अब खत्म हो गई है। आवेदन की तिथि तीन दिन आगे बढ़ाए जाने व मनचाहे जिलों से आवेदन करने की छूट से अभ्यर्थियों को चयन की ज्यादा संभावनाएं नजर आ रही हैं। अभ्यर्थियों का मानना है कि अब शायद चयन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। हालांकि, इतने कम समय में आवेदन पत्रों की छंटाई और चयन प्रक्रिया पूरी कर पाना कठिन लग रहा है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इलाहाबाद के प्राचार्य संजय सिन्हा ने बताया कि आवेदनों की छंटाई का काम जारी होने से ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। सभी जिलों से आवेदन करने की छूट के कारण आवेदनों की संख्या जरूर बढ़ेगी पर उससे भी निपटने का पूरा इंतजाम है। मंडलायुक्त/जिलाधिकारी को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है। यदि जरूरी हुआ तो आवेदन पत्रों की छंटाई आदि के लिए अतिरिक्त कर्मचारी मिल जाएंगे। इस संबंध में प्रशासन को प्रार्थना पत्र लिख दिया गया है। चयन प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं आएगी।
उधर, हाईकोर्ट के फैसले को लेकर दिनभर यूपी बोर्ड दफ्तर पर अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगा रहा। सब अधिकारियों से हाईकोर्ट के फैसले और बेसिक शिक्षा विभाग के आगे की रणनीति की जानकारी लेने की कोशिश में लगे रहे। हर अभ्यर्थी के अंदर यही उत्सुकता दिखी कि अब आगे क्या होगा।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल खंडपीठ ने विगत 12 दिसंबर को शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 30 नवंबर को प्रकाशित की गई विज्ञप्ति को रद करने का आदेश दिया था। इससे चयन प्रक्रिया तीन दिनों तक बाधित रही।
News : Jagran (14.12.11)
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Punjab asks Centre to exempt EGS teachers from Punjab State Teacher Eligibility Test (PSTET)

Punjab asks Centre to exempt EGS teachers from Teacher eligibility test (TET)

पंजाब सरकार ने केन्‍द्र से आग्रह किया है कि ईजीएस शिक्षकों की भर्ती के लिए होने वाले शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के नियमों में थोड़ी राहत दी जाए

By Sukhpal Kaur
CHANDIGARH: In a new turnout, the Punjab government which had earlier asked the EGS teachers to clear Teacher Eligibility Test(TET) as per the guidelines of National Educational Policy asked the Centre on Tuesday to relax the criterion of TET for EGS teachers as a onetime measure.

Education minister, Sewa Singh Sekhwan quoting Parkash Singh Badal said that the Chief minister was fully sympathetic towards the problems of the teachers but due to the laws of the central government, Badal is not able to help them. He further added that Badal had assured the teachers that the state government will try its best to facilitate the recruitment of teachers by seeking a onetime relaxation from the centre government.

On the other hand, the teachers union again blocked the Malout Chandigarh national highway (NH-15) at Fakkarsar Thehri village near Gidderbaha on Tuesday. Meanwhile, two agitating teachers namely, Kulvir Singh and Nachattar Singh tried to jump into the Rajasthan feeder canal here.
News : Punjabnewsline.com
EGS - Employment Gurantee Sheme
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Punjab TET -:  Slapgate agitation: Govt on backfoot as teachers warn suicide
GIDDERBAHA: The government went on the backfoot on Tuesday after the 'slapgate' agitation turned ugly with members of employment gurantee scheme (EGS) teachers' union blocking traffic on two bridges of Rajasthan and Sirhind feeder canals and threatening to commit suicide by jumping into them. The teachers were forced on the warpath after the union failed to reach any compromise with the state government on Monday.
The suicide threat seemed to work temporarily for the union as the SAD-BJP government issued a statement saying it had approached "the Centre to suitably relax the condition of TET (Teacher Eligibility Test) for recruitment of the EGS teachers in the state as a one-time measure".
Quoting education minister S S Sekhwan, the statement claimed that the "government was keen to help the teachers. But the condition of TET laid by the government of India for all such recruitment came in the way. Any order issued by us in violation of the standing rules would render the order infructuous and illegal, landing both the teachers and the government in an embarrassing position".
The turnaround came after teachers laid siege to bridges on Rajasthan feeder and Sirhind feeder for 4 hours.
Two teachers had stationed themselves on the bridge, declaring that they were ready to jump into the water if the government did not accede to their demands by evening. Cops were requisitioned at the spot but they failed to persuade the teachers to come down and lift the blockade.
The dharna was finally withdrawn after the teachers got a word from the government. However, the agitation has not been called off completely, as they plan to hold their protest on Wednesday too. "We do not believe the government's assurance unless the promise is translated into reality, said union leader Pritpal Singh. The union is scheduled to meet the government again on December 18 for a final round of talks.
News : The Time of India (14.12.11)
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टीचर्स की नियुक्ति से पहले 'योग्यता जांच परीक्षा', विरोध प्रदर्शन

चंडीगढ़।। पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए विभिन्न जिलों में रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शिक्षक योग्यता जांच परीक्षा (टीईटी) का पहला राउंड आयोजित किया गया। इस दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे 80 शिक्षकों को पुलिस ने हिरासत में लिया।

बेरोजगार शिक्षकों के संगठनों द्वारा बाधा पहुंचाने की चेतावनी दिए जाने के मद्देनजर भठिंडा, मोहाली और पटियाला जैसे विभिन्न जिलों के सभी परीक्षा केंद्रो के निकट सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए थे।

पुलिस के मुताबिक, भठिंडा में लगभग 30 शिक्षकों को उस वक्त हिरासत में लिया गया जब वे प्रदर्शन करने का प्रयास कर रहे थे। एक दिन पूर्व दर्जनों महिलाओं सहित लगभग 50 शिक्षकों को हिरासत में लिया गया था।

बेरोजगार शिक्षक संघों के सदस्य पब्लिक स्कूलों में शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा योग्यता जांच परीक्षा अनिवार्य करने का विरोध कर रहे हैं।
पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने यहां बताया, ''हमें बेरोजगार शिक्षक संघों की सबसे अधिक चेतावनी भटिंडा जिले में मिली थी लेकिन जांच परीक्षा सुचारु ढंग से सम्पन्न हो गई।''
News : 24Dunia.com
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Search term - Punjab State Teacher Eligibility Test (PSTET)
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Uttrakhand TET/UTET : 2253 Candidates will appoint as trained teacher

उत्तराखंड : टीईटी पास 2253 बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक

(Uttrakhand TET/UTET : 2253 Candidates will appoint as trained teacher)

देहरादून, जागरण ब्यूरो: नियुक्ति को लेकर असमंजस में डूब-उतरा रहे टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी। 2253 रिक्त पदों पर उन्हें बतौर प्रशिक्षु शिक्षक वर्षवार वरिष्ठता के मुताबिक जिलेवार नियुक्ति मिलेगी। प्रशिक्षु अवधि में उन्हें बतौर मानदेय 7300 रुपये मिलेंगे। चयन के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 25 दिसंबर तय की गई है। सरकार ने चयन और आवेदन के लिए मानक तय किए हैं।
टीईटी में पास अभ्यर्थी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में चयन के लिए गृह जनपद में ही आवेदन कर सकेंगे। चयन में केंद्र सरकार की ओर से आयोजित टीईटी पास अभ्यर्थी भी पात्र होंगे। आवेदक की उम्र एक जुलाई, 2011 को 18 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष होनी चाहिए। अनुसूचित जाति-जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष और विकलांगों को दस वर्ष की छूट होगी। 50 वर्ष से ज्यादा आयु के अभ्यर्थी किसी भी दशा में नियुक्ति के पात्र नहीं होंगे। शैक्षिक योग्यता, बीएड डिग्री और टीईटी परीक्षा अंकों के गुणांकों के मानक तय किए गए हैं। आवेदक के लिए राज्य का स्थायी या मूल निवासी होना आवश्यक है। अंतिम तिथि 25 दिसंबर के बाद अंक पत्र, प्रमाण पत्र या आरक्षण और विशेष आरक्षण के प्रमाणपत्र मान्य नहीं होंगे। सही जिले का चयन अब शिक्षा महकमे का नहीं, बल्कि अभ्यर्थी को करना होगा। इसके लिए उन्हें नोटरी का शपथपत्र देना पड़ेगा। आवेदन शुल्क सामान्य वर्ग के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए 250 रुपये तय है। विकलांगों से शुल्क नहीं लिया जाएगा। जिलों में बैचवार अभ्यर्थियों को छह माह की ट्रेनिंग के लिए संबंधित डायट में भेजा जाएगा। एनसीटीई के मानकों के मुताबिक ट्रेनिंग पूरी करने पर अभ्यर्थी नियमित नियुक्ति के पात्र होंगे।
इनसेट--
जिलेवार रिक्त पदों की संख्या  (Districtwise Vacancies )--
उत्तरकाशी-86, चमोली-167, रुद्रप्रयाग-64, हरिद्वार-91, पौड़ी-266, देहरादून-233, अल्मोड़ा-561, टिहरी-286, उधमसिंहनगर-60, बागेश्वर-192, पिथौरागढ़ 104, चंपावत-73 व नैनीताल-70
इनसेट--
चयन-काउंसिलिंग की प्रक्रिया--
1-चयन प्रकिया डायट प्राचार्य या जिला संसाधन केंद्र को जिला शिक्षा अधिकारी के पर्यवेक्षण-निर्देशन में होगी। चयन प्रशिक्षण की वरिष्ठता एवं गुणांकों की मेरिट पर होगा।
2-अभ्यर्थी की शैक्षिक, प्रशिक्षण योग्यता एवं टीईटी में प्राप्त गुणांकों के योग के मुताबिक प्रशिक्षण वर्ष की वरिष्ठता के अवरोही क्रम में मेरिट बनेगी। जिले में कुल रिक्त पदों में 50 फीसदी विज्ञानेत्तर वर्ग और 50 फीसदी विज्ञान वर्ग से भरे जाएंगे। श्रेणीवार अलग से 25 फीसदी तक प्रतीक्षा सूची भी तैयार की जाएगी।
3-जिलों में रिक्त पद नहीं भरने की स्थिति में राज्यस्तरीय काउंसिलिंग के जरिए अन्य जिलों के लिए अभ्यर्थियों का चयन होगा। इसके लिए राज्यस्तरीय काउंसिलिंग समिति के अध्यक्ष एससीईआरटी अपर निदेशक, डायट प्राचार्य, सदस्यों में एससीईआरटी संयुक्त निदेशक, सदस्य सचिव अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक से नामित अनुसूचित जाति एवं जनजाति का अधिकारी एवं एससीइआरटी के उप निदेशक होंगे।
News : Jagran (14.12.11)
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Bihar TET/BHTET - Admit card distribution perio extended to till 18th December 2011

बिहार टीईटी : 18 दिसम्बर तक होगा प्रवेश पत्र का वितरण (Bihar TET/BHTET - Sitamadi -now Admit card distribution till 18th December 2011)

सीतामढ़ी, एक प्रतिनिधि : टीईटी परीक्षा को लेकर चौथे दिन बुधवार को प्रशासनिक व्यवस्था के साथ शहर व प्रखंड मुख्यालय डुमरा के केन्द्रों पर प्रवेश पत्र का वितरण किया गया। बुधवार को प्रवेश पत्र वितरण शांतिपूर्ण माहौल में हुआ। अभ्यर्थियों की परेशानी को देखते हुए प्रवेश पत्र वितरण की अवधि बढ़ाकर 18 दिसम्बर तक कर दी गयी है। इस बाबत डीपीओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि 16 दिसम्बर तक अभ्यर्थियों को सभी काउंटरों से प्रवेश पत्र का वितरण किया जाएगा। 17 व 18 दिसम्बर को नए काउंटरों के माध्यम से प्रवेश पत्र का वितरण किया जाएगा। नए काउंटरों के माध्यम से प्रवेश पत्र वितरण की बाबत पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि 18 दिसम्बर को सचिवालय सहायक की परीक्षा होनी है। जिस कारण 17 व 18 दिसम्बर को डायट भवन व महिला सामाख्या के काउंटारों पर प्रवेश पत्र वितरण होगा और आवश्यकता पड़ने पर नए काउंटरों के माध्यम से प्रवेश पत्र का वितरण किया जाएगा। बुधवार को कमला बालिका उच्च विद्यालय केन्द्र पर पुलिस प्रशासन का सहयोग सराहनीय रहा। उक्त केन्द्र पर अपराह्न 3 बजे रोशनी के अभाव होने के कारण काउंटर को कर्मियों ने बंद कर दिया। लेकिन केन्द्राधीक्षक अमरेन्द्र पाठक की तत्परता व पुलिस के सहयोग से काउंटरों को खोलकर प्रवेश पत्र का वितरण किया गया। कमला बालिका उच्च विद्यालय केन्द्र पर बुधवार को 22 काउंटरों के माध्यम से 2600 प्रवेश पत्रों का वितरण किया गया। वहीं एमपी हाईस्कूल व डायट भवन परिसर स्थित 16 काउंटरों के माध्यम से 2,926 प्रवेश पत्रों का वितरण किया गया है।
News : Jagran (14.12.11)
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Employment Registration from Home : Sewa Yojan Vibhag Uttar Pradesh

अब घर बैठे होगा बेरोजगारों का पंजीकरण -  सेवा योजन विभाग झांसी ( Registration of unemployed from home - Sewa Yojan Vibhag, Jhanshi, UP)



झांसी। अब शिक्षित बेरोजगारों को पंजीकरण के लिए क्षेत्रीय सेवा योजन विभाग के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। जनवरी से विभाग द्वारा आनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की जा रही है। अभ्यर्थी घर बैठे ही पंजीकरण करा सकेंगे। सरकारी सेवाओं सहित किसी भी आधिकारिक सेवा में भर्ती के समय अभ्यर्थियों से क्षेत्रीय सेवा योजन विभाग की पंजीकरण संख्या मांगे जाने के कारण यहां अभ्यर्थियों की लंबी - लंबी लाइने लगी रहती हैं। अभी टीईटी प्रवेश परीक्षा के समय आवेदन फार्म में बेरोजगारी पंजीकरण संख्या मांगे जाने के बाद क्षेत्रीय सेवा योजन विभाग में पंजीकरण के लिए मारामारी मच गई थी। शिक्षित बेरोजगारों को पंजीकरण में कोई परेशानी न हो, इसके लिए क्षेत्रीय सेवा योजन विभाग ने इस प्रक्रिया को आनलाइन किए जाने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए विशेष साफ्टवेयर तैयार किया गया है। जनवरी से घर बैठे बेरोजगार इंटरनेट के माध्यम से पंजीकरण करा सकेंगे। हालांकि, प्रथम फेज में नेट के माध्यम से अस्थायी पंजीकरण होगा। अभ्यर्थी को विभाग जाकर प्रमाण पत्र जमा करने होंगे, जिससे उन्हें स्थायी पंजीकरण संख्या मिल सके। बाद में इंटरनेट पर ही स्थायी पंजीकरण संख्या अलाट की जाने लगेगी। क्षेत्रीय सेवा योजन अधिकारी के डी शुक्ल का कहना है कि जनवरी माह से यह योजना शुरू हो जाएगी।

साढ़े चौंतीस हजार हैं पंजीकृत
वर्तमान में क्षेत्रीय सेवा योजन विभाग में 34,458 शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं। इनमें 26,877 पुरुष व 6,581 महिलाएं शामिल हैं। यह संख्या घटती बढ़ती रहती है।
News : Amar Ujala (15.12.11)
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Unemployed candidates in UP can register Employment exchange registration through ONLINE/INTERNET.
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Wednesday, December 14, 2011

UP TET (Teacher Eligibility Test) :- 3 days extra to submit application for Primary Teacher

शिक्षकों की नियुक्ति : तीन दिन बढ़ेगी आवेदन की अंतिम तारीख

(UPTET 3 days extra to submit application for Primary Teacher)

-गुरुवार को जारी हो सकती है संशोधित विज्ञप्ति
लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन की अंतिम तारीख तीन दिन बढ़ाई जाएगी। इस हिसाब से आवेदन की अंतिम तारीख 22 दिसंबर होगी। इस सिलसिले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संशोधित विज्ञप्ति गुरुवार को जारी की जा सकती है। संशोधित विज्ञप्ति में अभ्यर्थियों को छूट दी जाएगी कि वह प्रदेश के जितने भी जिलों में चाहें आवेदन कर सकते हैं। यह जानकारी बुधवार को सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने दी।
इलाहाबाद हाइ कोर्ट की एकल खंडपीठ ने विगत 12 दिसंबर को शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 30 नवंबर को प्रकाशित की गई विज्ञप्ति को रद करने का आदेश दिया था। इस आधार पर कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को पांच जिलों में आवेदन का विकल्प देना उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 के प्रावधानों के विपरीत, असंगत और अतार्किक है। अदालत के आदेश की प्रति बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को बुधवार को मिली। आदेश की प्रति मिलने के बाद बेसिक शिक्षा निदेशालय से लेकर शासन तक सरगर्मी शुरू हुई। सचिव बेसिक शिक्षा ने बताया कि चूंकि हाइ कोर्ट ने पांच जिलों में आवेदन के विकल्प को असंगत व अतार्किक करार दिया था, इसलिए संशोधित विज्ञप्ति में अभ्यर्थियों को यह विकल्प दिया जाएगा कि वे अपनी मर्जी के मुताबिक जितने जिलों में चाहें आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को संशोधित प्रस्ताव उपलब्ध करा दिया है। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश देने की तारीख और गुरुवार को जारी की जाने वाली संशोधित विज्ञप्ति के बीच तीन दिन का अंतराल है। लिहाजा संशोधित विज्ञप्ति में आवेदन की अंतिम तारीख तीन दिन बढ़ायी जाएगी।
News : Jagran(14.12.11)
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Revised advertisement may publish tomarrow with amendment - to apply as many districts as candidates wish. 3 days extra to submit application i.e last date : 22 December 2011.
Recruitment process will not stops.
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JOIN UPTET ONLY BLOG - http://joinuptet.blogspot.com/
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HPSSSB Various Posts incuding PGT Teacher Last Date : 12-01-2012

Sarkari Naukri Damad India. Latest Upadted Indian Govenment Jobs - http://sarkari-damad.blogspot.com/Himachal Pradesh Subordinate Services Selection Board (HPSSSB)
Hamirpur, District Hamirpur- 177001

Advertisement No. 22/2011 Dated: 13.12.2011

Recruitment of Post Graduate Teachers (PGT) on contract basis, see details - click here
And  other vacancies -Clerk, Ayurvedic Pharmasist, Account assistants, Stenographer etc.
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Chattisgarh TET - Teacher Eligibility TET : 7 lakh candidates appearing in exam

टीईटी में 7 लाख उम्मीदवार
  (Chattisgarh TET : 7 lakh candidates appearing in exam)

रायपुर। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की ओर से पहली बार आयोजित छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीजीटीईटी) में सात लाख 69 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। इनके लिए तहसील स्तर पर भी परीक्षा केन्द्र बनाने होंगे। केन्द्र बनाने के लिए व्यापमं को मशक्कत करनी पड़ रही है।
व्यापमं अधिकारियों के मुताबिक टीईटी दो पाली में होगी। पहली पाली में पहली से छठी तक के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा होगी। इसके लिए पांच लाख 52 हजार 271 उम्मीदवारों ने आवेदन किए हैं। दूसरी पाली की परीक्षा के जरिए छठी से आठवीं तक के शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए दो लाख 16 हजार 752 उम्मीदवारों ने आवेदन किए हैं। उम्मीदवारों की संख्या को देखकर माना जा रहा है कि व्यापमं के लिए यह परीक्षा कराना बड़ा चुनौतीपूर्ण काम होगा। इनके लिए 2300 से अधिक परीक्षा केन्द्र बनाने की आवश्यकता पड़ेगी। दुर्ग, रायपुर व बिलासपुर जिले में तो ब्लॉक स्तर पर भी परीक्षा केन्द्र बनाने की आवश्यकता पड़ सकती है।

व्यापमं नियंत्रक प्रदीप चौबे ने बताया कि परीक्षा तिथि की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। माना जा रहा है कि परीक्षा जनवरी के प्रथम या फिर द्वितीय सप्ताह में होगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा केन्द्रों के निर्घारण का काम भी अंतिम दौर में है। इसका निर्घारण होने के साथ ही परीक्षार्थियों को प्रवेशपत्र भेजना शुरू कर दिया जाएगा। व्यापमं ने परीक्षा फार्म की स्केनिंग का काम पूरा हो गया है। इस परीक्षा में रायपुर से दोनों पाली में 99 हजार 671 उम्मीदवार शामिल होंगे।
News : Patrika (13.12.11)
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Chattisgarh TET - Vyapam : Approx 7 lakh candidates appearing in exam. Decision on exam center is at final stage and after that admit card dispatching started. Examination date may be in first/second week of January 2012.
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UP TET (Uttar Pradesh Teacher Eligibility) - Delay and Modification in advertisement both are highly problematic for PRT recruitment in U.P

संशोधन और देरी दोनों पड़ेगी भारी (UPTET - Delay and Modification in advertisement both are highly problematic)
कुलदीप
इलाहाबाद। प्राइमरी शिक्षकों के चयन को लेकर सरकार का हर कदम अभ्यर्थियों पर भारी पड़ने वाला है। विज्ञापन जारी करने में एससीईआरटी की लापरवाही को तत्काल संशोधित न किया गया या फिर शासन की तरफ से चयन के लिए कोई नई प्रक्रिया न अपनाई गई तो प्रदेश के पौने पांच लाख बीएड डिग्रीधारक जिन्हें टीईटी में सफलता मिली, वे हमेशा के लिए प्राथमिक शिक्षक की दौड़ से बाहर हो सकते हैं। दरअसल नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने बीएड डिग्रीधारकों के चयन के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त दिया था। इसी कारण सरकार ने आननफानन में शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम जारी कराया और फटाफट विज्ञापन जारी कर दिया। अब हाईकोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में तत्काल संशोधन न किया गया तो वक्त निकल जाएगा।
प्राथमिक के साथ जूनियर स्तरीय परीक्षा में सफल दो लाख नौ हजार अभ्यर्थियों को भी इस कदम से जोर का झटका लग सकता है। दरअसल दो-तीन दिनों में जूनियर स्तर पर 26 हजार पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी होने की संभावना थीप्राथमिक स्तर पर चयन पर रोक के कारण जूनियर स्तर का विज्ञापन प्रभावित होने की आशंका है।
अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि सभी जिलों से आवेदन की मंजूरी मिल सकती है। यह कदम और मुश्किल भरा होगा। अभ्यर्थी कहां से आवेदन करें कि चयन पक्का हो, इस फेर में ज्यादातर जिलों से फॉर्म भरेंगे। नतीजा होगा कि हर जिले में मेरिट हाई होगी। ऊंची मेरिट वाले हजारों छात्र हैं जिनका नाम हर उस जिले की मेरिट में हो सकता है जहां से आवेदन करेंगे। ऐसे में रोज मेरिट संशोधित करनी होगी। मेरठ, मथुरा, गाजियाबाद, कानपुरनगर, बलिया, फतेहपुर जैसे जिले जहां केवल 12 पद हैं, वहां एक दिन में चयन पूरा हो जाएगा। लेकिन सीतापुर, लखीमपुर जहां छह हजार सीटें हैं या फिर हरदोई, कुशीनगर, बहराइच जहां तीन हजार या इससे अधिक सीटें हैं वहां खासी परेशानी होगी। परेशानी यह भी है कि कई छोटे जिलों में टीईटी पास अभ्यर्थियों की संख्या तीन सौ भी नहीं है। तीन हजार, चार हजार पदों के लिए लाखों आवेदन हो सकते हैं। उनकी छंटनी, काउंसलिंग में महीनों लग सकते हैं, ऐसे में 31 दिसंबर की बाधा बड़ा संकट बन सकती है।
News : Amar Ujala epaper
Link - http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111214a_002174015&ileft=701&itop=138&zoomRatio=306&AN=20111214a_002174015
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UPTET publish updated results on 14-12-2011 for some of candidates,
To see it click here
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Hopefully new advertisemen for Primary Teacher (PRT) selection for various districts in UP may be published tomarrow.
Possibily Allahabad highcourt decision reach to UP education department today and necessary process for publication of new advt. may starts.
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UP TET (Teacher Eligibility Test) : Allahabad Highcourt Judgment - Sarita Shukla & Others vs State Of U.P

UPTET : Allahabad Highcourt Judgment - Sarita Shukla & Others vs State Of U.P
(Quashing advertisement published by Basic Education Department Uttar Pradesh for selection of Primary Teachers)

Thanks for comment made by anonymous helpguy. Really appreciable and helpful to others.
If any of you have any good information then plese share it with others, through this you can also get some useful information.


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
AFR
Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 70682 of 2011
Petitioner :- Sarita Shukla & Others
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Agnihotri Kumar Tripathi
Respondent Counsel :- C.S.C., K.S.Kushwaha,
Chandra Narayan Tripathi
Hon'ble Sudhir Agarwal,J.
1. Heard Sri Agnihotri Kumar Tripathi for the petitioner and Sri K.S.Kushwaha, learned Standing Counsel for all the respondents.
2. Since a pure legal submission was advanced, learned Standing Counsel stated that he does not propose to file counter affidavit and matter may be heard on merit. I proceed to decide the matter accordingly.
3. The learned counsel for petitioner submitted that advertisement in question to the extent it provides that a candidate should restrict his application for only five districts in U.P. in his/her choice is illegal and ultra vires of the statute.
4. The facts in brief are quite simple. An advertisement has been issued on 29/30.11.2011 with the heading "Selection of Training-Teachers for Primary Schools of U.P. Basic Education Board". While inviting application from eligible and qualified candidates, it provides that one candidate may submit his application for any of the five districts and not more than that. The advertisement contains other details of educational and training qualification, age, nationality and residence, reservation, marital status, character, procedure for submission of the application form, application fee, procedure for selection, six months special training and then clause 10 of the advertisement talks of substantive appointment.
5. Learned counsel for the petitioners contended that aforesaid advertisement in so far as restricts a candidate to submit application only in five districts is per se irrational, illegal and arbitrary, hence violative of Articles 14 and 19 of the Constitution. He contended that there is no logic or reason for confining a candidate to submit application only in five districts and the aforesaid restriction is wholly irrational, has no nexus with the object sought to the achieved and, therefore, is violative of Article 14. He further submitted that it also does not conform with the procedure prescribed in Rule 14(1) of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 (hereinafter referred to as "Rules 1981") which talks of district-wise selection and therefore Clause 7 of advertisement as also opening para that one applicant can apply for only five districts is ultra vires of the aforesaid provision of the statute. He lastly submitted that for the purpose of providing six months special training, it is always open to the respondents to adopt any valid procedure but if for the purpose of appointment the said advertisement is to be acted upon, it would be illegal and ultra vires being contrary to the relevant statutory provisions namely 'Rules, 1981.
6. Sri Kushwaha on the contrary submitted that the advertisement has been issued in the light of and consequence to Regulations framed by "National Council for Teachers Education Regulations" notified in Government of India Gazette dated 29.7.2011. It is said that no further advertisement is to be made for making appointment on the post of Assistant Teacher in the Primary Schools maintained by Board and in fact the persons selected pursuant to the impugned advertisement shall be given six months training and on completion thereof shall be issued letters of appointment straightway without any further process of recruitment.
7. In the above backdrop, this Court proceed to examine correctness of advertisement to the extent, impugned in this petition.
8. Before proceeding further it is necessary to clarify some aspect of the matter. One is regarding minimum qualification of teachers and quality of teacher's training constituting essential eligibility for a person before claiming appointment on the post of Assistant Teacher in Primary School; and second, relates to actual process of recruitment and appointment under relevant statutory rules relating to the service concerned.
9. There are three statutes relevant in this matter. One is "Uttar Pradesh Basic Education Act, 1972" (hereinafter referred to as "Act 1972"), Second is "National Council For Teacher Education Act, 1993" (hereinafter referred to "Act 1993") and third is "Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009" (hereinafter referred to as "Act 2009").
10. Prior to the enactment of Act 1972, primary education in the State was in quite disorganized manner. There were two types of Primary Schools running in the entire State. One owned and managed by local bodies and rests were private institutions. In the rural areas, primary schools of first category were being managed by Zila Parishads and in urban areas they were being run by Municipal Boards and Mahapalikas etc. The funds to these schools were the responsibility of concerned local bodies. Privately managed Primary Schools were also having two types of categories, one which were solely managed by private bodies from their own resources and rest were those which were getting some kind of financial grant/assistance from State Government through Education Department or some other Departments like Harijan and Social Welfare etc.
11. Article 41 in Part IV (Directive Principles of State Policy) provides that the State shall, within the limits of its economic capacity and development, make effective provision for securing right to work, to education etc. but as a matter of fact effective steps in this regard were wanting. Similarly Article 45 provides that State shall endeavour to provide, within a period of ten years from the commencement of Constitution, free and compulsory education for all children until they complete the age of fourteen years but as a matter of fact here also much remain to be done on the part of the State. In early seventies, to bring uniformity in Primary schools run by Local Bodies, considering day to day deteriorating conditions of such schools, a public demand through their representatives was raised requiring State to take immediate steps for improving primary education in the State and hence with an objective of reorganisation, reformation and expanding elementary education, State Government came forward to take over control of such schools, as were being run by Local Bodies into its own hands. It enacted U.P. Basic Education Ordinance 1972 giving effect to its provisions w.e.f. Educational Session 1972-73. The said ordinance was substituted by Act 1972. It provided for establishment of U.P. Board of Basic Education (in short the 'Board') and by virtue of Section 9, all the employees of Primary Schools maintained by local bodies stood transferred and became employee of the Board. Section 19 confers power upon the State Government to frame rules for the purpose of carrying out Act 1972 in general and in particular the recruitment and conditions of service of the persons appointed to the post of officers, teachers and employees under Section 6 and 9 and also in respect to such staff teaching and non teaching of other basic schools recognized by the Board. The provisions of Act 1972 was given overriding effect over otherwise provisions in U.P. Panchayat Raj Act, 1947, U.P. Municipalities Act, 1916 and U.P. Municipal Corporation Act, 1952 by inserting Section 13A w.e.f. 21st June, 1979.
12. All the basic schools virtually in the State of U.P., now, if recognized by the Board, have to conform to the provisions of Act 1972 and the rules framed thereunder.
13. In respect to teachers of Primary Schools maintained by the Board, Rules 1981 have been framed, published in U.P. Gazette (Extra Ordinary) on 03.01.1981. The application of these rules is provided in Rule 3, as under:
"Extent of application.- These rules shall apply to :
(i) All teachers of local bodies transferred to the Board under Section 9 of the Act; and
(ii) all teachers employed for the Basic and Nursery Schools established by the Board."
14. At this stage, I defer further discussion of the aforesaid Rules and find it appropriate to come to the provisions of Act 1993. This is a Central Act enacted by Parliament and after receiving assent of the President on 29.12.1993 was published in the Gazette of India, (Extra.) Part II, Section 1, dated 30.12.1993. Section 1(3) provides that Act 1993 shall come into force on such date as the Central Government may appoint by notification in initial gazette. Pursuant thereto the Central Government by notification dated 1.07.1995 appointed the same day i.e. 01.7.1995 for enforcement of Act 1993.
15. The Act 1993 was enacted with an objective of achieving planned and coordinated development for teacher education system throughout the country, the regulation and properly maintenance of norms and standards in teacher education system and for matters connected therewith.
16. In State of Maharashtra Vs. Sant Dnyaneshwar Shikshan Shastra Mahavidyalaya and others (2006) 9 SCC 1, Apex Court observed that considering the objective and preamble of the Act and various provisions, it is clear that the aforesaid Act of Parliament is referable to Entry 66 of List I of Schedule VII of the Constitution and to the extent the field is occupied by Act 1993 the State Legislature cannot encroach upon the said field.
17. The Act 1993 contemplates establishment of a council called as "National Council For Teacher Education" (hereinafter referred as "NCTE") and its functions are enumerated in detail in Section 12 of Act 1993. It clearly talks of planned and co-ordinated development of teacher education, and determination and maintenance of standards for teacher education. It is in this regard various subjects and functions of NCTE have been enumerated in Section 12 from Clauses (a) to (n) which reads as under:
"(a) undertake surveys and studies relating to various aspects of teacher education and publish the result thereof;
(b) make recommendations to the Central and State Governments, Universities, University Grants Commission and recognised Institutions in the matter of preparation of suitable plans and programmes in the field of teacher education:
(c) co-ordinate and monitor teacher education and its development in the country;
(d) lay down guidelines in respect of minimum qualifications for a person to be employed as a teacher in schools or in recognised institutions.;
(e) lay down norms for any specified category of courses or training in teacher education, including the minimum eligibility criteria for admission thereof, and the method of selection of candidates, duration of the course, course contents and mode of curriculum;
(f) lay down guidelines for compliance by recognised institution for starting new courses or training, and for providing physical and instructional facilities, staffing pattern and staff qualifications;
(g) lay down standards in respect of examinations leading to teacher education qualifications, criteria for admission to such examinations and schemes of courses or training;
(h) lay down guidelines regarding tuition fee and other fee chargeable by recognised institutions;
(i) promote and conduct innovation and research in various areas of teacher education and disseminate the results thereof;
(j) examine and review periodically the implementation of the norms, guidelines and standards laid down by the Council, and to suitably advise the recognised institutions;
(k) evolve suitable performance appraisal systems, norms and mechanisms for enforcing accountability on recognised institutions;
(l) formulated schemes for various levels of teacher education and identify recognised institutions and set up new institutions for teacher development programmes;
(m) take all necessary steps to prevent commercialisation of teacher education; and
(n) perform such other functions as may be entrusted to it by the Central Government."
18. The Act 1993 contemplates recognition and permission of NCTE for running courses or training in teacher education. Section 17 provides, if course or training in teacher education has been imparted or obtained in violation of the provisions of the Act, such course or training shall not be treated a valid qualification for the purpose of employment under Central Act, State Government, University, any School/College or other educational body aided by Central or the State Government. The restriction imposed by Section 17(4) is only to the extent that a training or course in teacher education which does not conform to the various provisions of Act 1993 shall not be a valid qualification for employment as stated above, and nothing more and nothing less. The entire Act 1993 does not talk of the manner in which appointments of teachers shall be made, the eligibility to be laid down for appointment of teachers in Primary Schools etc. except qualification. It is confined to the standard and quality of teachers education. In this regard NCTE obviously can lay down minimum qualification which may be prescribed for appointment of a teacher but it does not control thereafter the mode, manner and other relevant provisions regarding recruitment and appointment of such teachers.
19. In State of U.P. and Others Vs. Bhupendra Nath Tripathi and Ors. 2010 (5) ESC 630, the Apex Court has clearly observed in para 24 that NCTE can lay down minimum qualification for appointment of teacher by competent appointing authority or the authority competent to frame rules and regulations may lay down any qualification over and above the minimum qualification prescribed by NCTE. Para 24 of the judgment in Bhupendra Nath Tripathi (supra) reads as under:
"The is no quarrel with the proposition that the State in its discretion is entitled to prescribe such qualifictions as it may consider appropriate for candidates seeking admission into BTC course so long as the qualifications so prescribed are not lower than those prescribed by or under the NCTE Act. The State can always prescribe higher qualification, ...."
20. Meaning thereby requirement for appointment of a teacher, as contemplated by Act 1993, is that the teacher education must be such as is in conformity with Act 1993 and that the teacher must possess minimum qualification before he is considered for appointment and then on, Act 1993, in my view, stops from that stage and onwards.
21. If I take up the case in hand, the matter would thereafter be governed by Act 1972 and the Rules 1981. The qualification required to be possessed by a teacher for appointment in a Primary School is provided in Rule 8 of Rules 1981. This rule has undergone amendments from time to time broadly. Initially it provides for a qualification up to High School and training qualification like Basic Teachers Certificate, Junior Teacher Certificate, Certificate of Teaching etc. Later on amendments were made which basically increase educational qualification of High School to Intermediate and then to Graduation but so far as training qualification is concerned, the same continue to be as such. For the first time, an amendment was made in 2004 by adding "Special Basic Teachers Certificate Course" as one of the training qualification under Rule 8(1). Subsequently another amendment came to be made by notification dated 25.11.2006 in Rule 8(1). To this extent there is no dispute among the parties.
22. The large scale employment in Primary Schools maintained by Board constitute a major chunk of litigation before this Court in the last 20 years and more. The reason being the large number of schools and quantum of employment generated thereby.
23. The Basic Education authorities, time and against have also contributed a lot, either by their mindless activities or deliberate and otherwise illegal acts. In fact after the judgement of Apex Court in Mohini Jain Vs. State of Karnataka, AIR 1992 SC 1858 and Unni Krishnan J.P. Vs. State of A.P., AIR 1993 SC 2178 and the cases followed thereafter observing Primary Education to children from age of 6 to 14 years as a constitutional right, efforts were made by Governments, Central and State both, to expand primary education by establishing primary schools at Village Panchayat level in a major way and this really give a boomerang to number of schools as also corresponding increase in number of teachers requiring to man these institution.
24. The Court has been informed at the Bar that at present the number of primary schools in the State of U.P. are more than one lac and twenty five thousands which obviously mean that number of posts of teachers would also exceed the said figure.
25. It would be appropriate at this stage to remind that Parliament also recognized above right by inserting Article 21A in the Constitution i.e. 'Right to Education', by Constitution (86th Amendment) Act, 2002, and, simultaneously inserting Clause (k) in Article 51A vide Section 4 of Constitution (86th Amendment) Act, 2002. The Parliament also in furtherance of the above constitutional provisions, come forward by enacting Act 2009 published in Gazette of Indian on 27.8.2009. By virtue of Section 1(3) of Act 2009, it has been given effect from 01.4.2010.
26. One of the major change it has brought, besides other, is that no Primary School other than a school established, owned or controlled by the appropriate Government or local body after commencement of 2009 Act shall be established or function without obtaining a certificate of recognition from such authority, as may be prescribed. For the purpose of seeking recognition, the school has to conform the norms and standard specified in Section 19 of Act 2009 read with the schedule appended thereto. The Act 2009, vide Section 23(1), also provides that any person possessing such minimum qualification, as laid down by an academic authority authorised by the Central Government, by notification, shall be eligible for appointment as a teacher. Section 23 (1) therefore also talks of only eligibility for appointment as teacher but does not confer any corresponding right upon a person to claim appointment as teacher merely if he fulfills the qualification prescribed under Section (1) of Section 23. Simultaneously there is no corresponding obligation for offering appointment to such person as teacher. The power of State Legislature vide Entry 25 List 3 Schedule VII of the Constitution therefore to the extent it make provisions for governing primary schools and providing provisions governing recruitment and conditions of service of teachers in such school is not curtailed in any manner.
27. Now, I come to the basic provision made by NCTE which has been referred to by Sri Kushwaha, learned counsel appearing for respondents. The Department of School Education and Literacy, Ministry of Human Resource Development, Government of India by notification No.S.O. 750 (E) dated 31.3.2010 authorised NCTE as academic authority to prescribe minimum qualification for appointment of a teacher. Consequently, with reference to Section 23(1) NCTE issued notification dated 23.8.2010 laying down minimum qualifications for a person to be eligible for appointment as a teacher in Class 1 to 8 in a school referred to in Clause (n) of Section 2 of 2009 Act.
28. Section 2(n) of 2009 Act defines "School" for the purpose of 2009 Act and reads as under:
"school" means any recognised school imparting elementary education and includes-
(i) a school established, owned or controlled by the appropriate Government or local authority;
(ii) an aided school receiving aid or grants to meet whole or part of its expenses from the appropriate Government or the local authority;
(iii) a school belonging to specified category; and
(iv) an unaided school not receiving any kind of aid or grants to meet its expenses from the appropriate Government or the local authority;"
29. The minimum qualification prescribed in notification dated 23.8.2010 are in two parts, one for Junior Primary School namely Classes I to V and another is for Senior Primary School i.e. Class VI to VIII. Besides educational qualifications, for the first time, it also introduced eligibility qualification of teacher i.e. Eligibility Test i.e. passing of Teachers Eligibility Test (in short 'T.E.T.') conducted by concerned Government in accordance with the guidelines laid down by NCTE. Para 3 of notification dated 23.8.2010 provides for compulsory training qualification and it reads as under:
"Training to be undergone.- A person-
(a) with BA/B.Sc. with at least 50% marks and B.Ed qualification shall also be eligible for appointment for class I to V upto 1st January, 2012, provided he undergoes, after appointment, and NCTE recognized 6-month special programme in Elementary Education.
(b) with B.Ed (Special Education) or B. Ed (Special Education) qualification shall undergo, after appointment, an NCTE recognized 6-month special programme in Elementary Education."
30. NCTE issued a notification on 29.7.2011 in purported exercise of powers under Section 23 of 2009 Act. The aforesaid notification has amended notification dated 23.8.2010. Sub-para (i) and (ii) of Para 1; para 3 and para 5 have been substituted in entirety. For ready reference, the amended relevant provisions i.e. para 1(i) and (ii) and para 3 reads as under:
"1. Minimum Qualification :-
(i) Classes I-V
(a) Senior Secondary (or its equivalent) with at least 50% marks and 2-year Diploma in Elementary Education (by whatever name known)
OR
Senior Secondary (or its equivalent) with at least 45% marks and 2-year Diploma in Elementary Education (by whatever name known), in accordance with the NCTE (Recognition Norms and Procedure), Regulations, 2002.
OR
Senior Secondary (or its equivalent) with at least 50% marks and 4-year Bachelor of Elementary Education (B.El.Ed)
OR
Senior Secondary (or its equivalent) with at least 50% marks and 2-year Diploma in Education (Special Education)
OR
Graduation and two year Diploma in Elementary Education (by whatever name known)
AND
(b) Pass in the Teacher Eligibility Test (TET), to be conducted by the appropriate Government in accordance with the Guidelines framed by the NCTE for the purpose.
(ii) Class VI-VIII
(a) Graduation and 2-year Diploma in Elementary Education (by whatever name known)
OR
Graduation with at least 50% marks and 1-year Bachelor in Education (B.Ed.)
OR
Graduation with at least 45% marks and 1-year Bachelor in Education (B.Ed.), in accordance with the NCTE (Recognition Norms and Procedure) Regulations issued from time to time in this regard.
OR
Senior Secondary (or its equivalent) with at least 50% marks and 4-year Bachelor in Elementary Education (B.El.Ed.)
OR
Senior Secondary (or its equivalent) with at least 50% marks and 4-year B.A./B.Sc.Ed. or B.A.Ed./B.Sc.Ed.
OR
Graduation with at least 50% marks and 1-year B.Ed. (Special Education)
AND
(b) Pass in Teacher Eligibility Test (TET), to be conducted by the appropriate Government in accordance with the Guidelines framed by the NCTE for the purpose."
31. Para 5 of notification dated 29.7.2011 is a kind of saving clause and provides that if an advertisement initiating process of appointment of teachers has already been issued before 29.7.2011, such appointments may be made in accordance with NCTE (Determination of Minimum Qualifications for Recruitment of Teachers in Schools) Regulations, 2001 (as amended from time to time).
32. Sub para (b) of para 5 provides that minimum qualification prescribed by notification dated 29.7.2011 shall apply to all teachers except the teacher for Physical Education, for which NCTE Regulation dated 03.11.2001, as amended from time to time, shall continue to apply. Further regarding teachers of Art Education, Craft Education, Home Science, Work Education, etc. the existing eligibility norms prescribed by the State Government and other school managements shall be applicable till such time the NCTE lays down the minimum qualification in respect of such teachers.
33. The above discussion makes it beyond doubt that the above notifications issued by NCTE lays down minimum qualification, which would make a person eligible for appointment as a teacher in Primary Schools but the manner in which recruitments for appointment on the post of teacher in Primary School shall be made, and, their terms and conditions of service, for the same, aforesaid notification does not provide anything at all and hence in this regard Rules 1981 shall hold the field and would continue to apply.
34. Sri Kushwaha, learned Standing Counsel vehemently contended that advertisement dated 29/30.11.2011 contemplates requisite six months training contemplated in para 3 of Notification dated 29.7.2011 and for that purpose respondents authorities cannot be compelled to go to observe procedure prescribed in Rule 14(1) of Rules 1981 hence scrutiny of advertisement in question cannot be made with reference to Rules 1981. To the extent the argument is limited for making selection of persons for providing six months training contemplated in para 3 of the notification dated 29.7.2011, this court Court finds no hesitation in upholding the contention of Sri Kushwaha. The respondents need not go to follow the procedure prescribed in Rule 14(1) of Rules 1981 for the purpose of selecting persons for six months Special training and there is no difficulty.
35. If that would have been the matter, it could have rest thereat. But then the clause assailed by the petitioners has to be examined in the light of the provisions of the Constitution namely Article 14. NCTE does not lay down the manner in which any person would be selected for undergoing training in six months contemplated in para 3 of the notification dated 29.7.2011 except of providing certain relaxation for reserved category candidates which is not the matter of dispute in the present case. It is the Secretary of the Board under whose authority the advertisement in question has been published containing a condition restricting a candidate from submitting his application in more than five districts.
36. Admittedly, selection is not being made for any individual Primary School or Primary Schools constituted in a particular area namely local area or the district. If this Court treat the advertisement in question that it confine only for the purpose of selecting candidates to undergo training contemplated in para 3 of NCTE notification dated 29.7.2011, the Court finds no rationality or logic by confining a candidate to apply only for five districts and not more than that. Paras 7 and 8 of the advertisement shows that every candidate has to apply separately in different districts. Meaning therefore the selection is confined to a particular district. The District constitute a unit of selection. The candidate may be resident of any district in the State of U.P. but he may choose the district for submitting his application on his own and submit application for selection for special training pursuant to the said advertisement. However, out of the existing 75 district in the State of U.P. a candidate has been restricted for submitting applications in only five districts. What is the criteria or principle behind the condition of restricting a candidate from applying for more than five districts is not discernible from the entire advertisement. When the selection is to be made on District Level basis, if it is possible for a candidate, why he cannot apply in as much as district as he can is beyond comprehension.
37. One of the possible ground suggested is if the candidate are permitted to apply in all the districts irrespective of any restriction with regard to number of districts, quantity of applications may become unmanageable and therefore for practical convenience, restriction has been made that a candidate should not apply for more than five districts. But the restriction to five districts and not more or less thereto is not understandable. It is not commensurating to the Commissionerates/Divisions or otherwise but appears that just a figure of five districts taken from Hat has been mentioned in the advertisement, impugned in this case. With regard to selecting number of districts as five in the above advertisement no rationality or logic could be provided by the respondents. One can understand if the selection would have been made on Provincial level then there cannot be any restriction on number of districts unless so provided by some Statute. The selection could have been made at State level and thereafter candidates could have been allocated to different district to undergo training in the concerned institutions but the respondents have adopted a totally different procedure by restricting number of applications to only five districts which is wholly irrational, arbitrary and hence violative of Article 14 of the Constitution.
38. It is well settled that in the matter of selection and appointment etc. the policy decisions can be taken by the State and the same are not lightly to be interfered by the Court in judicial review but if such policy decision is ex facie irrational, illogical and arbitrary, it can be axed by the Courts while going for judicial review. The respondents in the absence of the counter affidavit had the opportunity to show deliberation available on record, if any, made while formulating the above policy to show justification or rationality for restricting a candidate in applying in only five districts but that option has not been availed by the respondents though they have opportunity to do so. No such request was made. It appears that on this aspect there is not even deliberation on the part of the respondents. In a sheer momentary flash this condition has been made part of the process of selection without applying mind to its logic and rationality. It is also not discernible as to whether any rational object the respondents intent to achieve by making this restriction. The said condition also fails ex facie to show any nexus with the undisclosed objectives sought to be achieved. It is well settled that any policy decision, which is ex facie arbitrary, irrational or illogical is vilative of Article 14 and cannot sustain.
39. I need not burden this judment with catena of authorities on this aspect since the law is now well settled. The aforesaid condition, therefore, is difficult to sustain and has to be struck down accordingly.
40. Sri Kushwaha, learned counsel for the respondents drew my attention to para 10 of the advertisement which provides that those candidates who shall successfully complete training of six months, be appointed on substantive basis on the post of teacher following the procedure prescribed in Rules 1981, as amended by 12th amendment of 2011. To my mind, para 12 of the advertisement nowhere contemplate or empower respondents in issuing straightway, appointment letter as soon as a candidate complete special training of six months but makes it very clear that Rules 1981 thereafter shall be followed for making substantive appointment which include within itself the procedure prescribed in Rule 14(1) of Rules 1981. On a query made, Sri Kushwaha stated as per his instructions no further advertisement as contemplated in Rule 14(1) of Rules 1981 is contemplated and appointments shall be made straightway by issuing letter of appointment by competent appointing authority i.e. District Basic Education Officer. I do not find any reason to go by the above statement made on behalf of the respondents and instead find it sufficient to make it clear and beyond doubt that respondents before issuing letters of appointment, appointing any person as teacher in a Primary School, shall without fail, observe and follow strictly procedure prescribed in Rules 1981 including that of Rule 14(1) so long it continue to operate, and only thereafter appointment shall be made and not otherwise. It is worthy to notice at this stage that repeatedly this Court has observed that an appointment to the post of teacher in a Primary School cannot be made without observing the procedure laid down in Rules 1981.
41. The writ petition, in view of the above discussion, succeed and is allowed. The impugned advertisement dated 30.11.2011 in so far it restricts a candidate in submitting application only for five districts is hereby quashed.
42. Since as a result of quashing of the aforesaid condition, the candidates have necessarily to be given opportunity to make/submit applications for various districts, the respondents shall issue a fresh advertisement consistent with the directions as above. It is also and further directed that after completion of special training of six months, no appointment on the post of teacher in Primary Schools governed by Rules 1981 shall be made without following the procedure prescribed therein including rule 14(1) as amended from time to time so long it is operating.
43. The Court finds that due to unmindful acts of the respondents, the candidates like petitioners aspiring for appointment in primary schools in large number are running from pillar to post and hence harassed. Hence, the petitioners are also entitled to cost which is quantified to Rs.10,000/-. Order Date :- 12.12.2011
KA/Akn
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Important point is - A fresh advertisement will be notified by the Basic Education Department of UP.
It is most likely possible that those who already applied as per earlier advertisement shall not be affected by the new advertisement, else selection process may face many other problems.
May be new advertisement come in 1-2 days as each/every coming day is heavier to both candidates and UP Education Dept. and creates state of confusion.

Candidates are advised to act acording to relevant information and use of there intelligence.
Information published in news papers/ and here also is informatory of nature, And therefore keep in touch with the concerned department  to know updates and see updates on website of UP Education Dept.
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Uttrakhand TET - Eliminate minimum graduation marks for UTET

 उत्तराखंड टीईटी के लिए स्नातक में अंकों की बाध्यता समाप्त ( Uttrakhand TET - Eliminate  minimum graduation marks for UTET)

देहरादून (हिमवार्ता संवाददाता)। टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) के लिए स्नातक में न्यूनतम अंकों की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। ऐसे में अब टीईटी की परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। शासन की तरफ से न्यूनतम अंकों की बाध्यता समाप्त होने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिन अभ्यर्थियों के रिजल्ट अभी तक रोके गए थे, अब उन्हें घोषित कर दिया जाएगा।


जल्द ही जारी हो सकती है नियुक्ति की विज्ञप्ति
सभी स्नातक पास बीएड डिग्रीधारक अब टीईटी के लिए पात्र घोषित कर दिए गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने यह आदेश जारी कया। टीईटी में शामिल होने के लिए एनसीटीई के निर्देशों के मुताबिक बीएड डिग्रीधारक सामान्य वर्ग के लिए स्नातक स्तर पर न्यूनतम 45 फीसदी और आरक्षित वर्गो अनुसूचित जाति-जनजाति और विकलांगों के लिए 40 फीसदी अंक होने अनिवार्य किए थे। राज्य सरकार ने एनसीटीई के निर्देशों के आधार पर ही परीक्षा के लिए पात्रता शर्ते तय कीं। इसे बीएड डिग्रीधारकों ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्नातक स्तर पर बीएड डिग्रीधारकों के लिए न्यूनतम अंकों की बाध्यता को सही नहीं माना। इसी आदेश के क्रम में शिक्षा सचिव ओमप्रकाश ने संशोधन का आदेश जारी कर दिया है। टीईटी में शामिल हुए 40 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों में 11 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया। अब शासनादेश के बाद टीईटी के लिए सभी अभ्यर्थियों का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। इससे टीईटी क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
News : himwarta.com
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Bihar TET - BHTET (Teacher Eligibility Test) Exam 2nd Chance to Candidates in January 2011

अयोग्य ठहराये गये अभ्यर्थी भी देंगे बिहार टीईटी

( Unqualified candidates can also give Bihar TET - BHTET Exam)

पटना। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के रद्द 2 लाख 22 हजार 636 आवेदकों को राज्य सरकार ने परीक्षा में भाग लेने का एक और मौका दिया है। मंगलवार को टीईटी पर आयोजित समीक्षा बैठक के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के बेरोजगार नौजवानों को ओएमआर सीट को भरने में हुई गलती और विभागीय लापरवाही के कारण रद्द हुए आवेदनों के आवेदकों को परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा

उन्होंने बताया कि दोनों परीक्षा का परिणाम एक साथ प्रकाशित की जाएगी। शिक्षा मंत्री पीके शाही ने बताया कि नए निर्णय के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा दो बार आयोजित होगी। पहली परीक्षा पूर्व निर्धारित तिथि 20 व 21 नवंबर को और दूसरी परीक्षा जनवरी में आयोजित होगी। पहली परीक्षा में लगभग 26 लाख वैसे अभ्यर्थी भाग लेंगे जिनके आवेदन को सही पाया गया है। इनमें 22 हजार ऐसे अभ्यार्थियों को भी जोड़ने की कोशिश की जा रही है जो सॉफ्टवेयर की गलती के कारण अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं। जिन आवेदकों का फार्म रद्द किया गया है उन्हें जनवरी में मौका मिलेगा
News : Bhaskar.com
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सभी आवेदकों को मौका ( Second chance for Bihar Teacher Eligibility Test - BHTET in January 2012)

पटना, जागरण ब्यूरो : शिक्षक पात्रता परीक्षा(टीइटी) के एडमिट वितरण के दौरान विभिन्न जिलों में हंगामे के कारणों की समीक्षा के बाद शिक्षा विभाग ने मंगलवार को उन 2.25 लाख अभ्यर्थियों को भी परीक्षा देने की अनुमति दे दी, जिनके आवेदन रद किये गए थे। इनके लिए जनवरी में आयोजित होने वाली माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के साथ विशेष परीक्षा की व्यवस्था की जाएगी। शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि सरकार संवेदनशील है। साथ ही युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी को देखकर यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में रद किये गए आवेदनों में से 22 हजार दुरुस्त पाये गए हैं। समीक्षा बैठक के पश्चात श्री शाही ने संवाददाताओं से कहा कि जिन 22 हजार परीक्षार्थियों के आवेदन दुरुस्त पाये गए हैं, उन्हें एडमिट कार्ड निर्गत किया जा रहा है। वे चाहें तो 20-21 को आयोजित टीइटी में शामिल हो सकते हैं। नहीं तो, जनवरी में होने वाली विशेष परीक्षा में शामिल हों।
सभी आवेदकों को मौका फाल्ट के कारण सही ढंग से भरे गए ये 22 हजार आवेदन रद कर दिये गए थे। शेष रद आवेदनों के संबंध में उन्होंने कहा कि इनमें कुछ तो प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के आवेदन थे, जिन्हें न्यूनतम उम्र सीमा में दस वर्ष की छूट दी गयी है। ऐसे आवेदनों को कम्प्यूटर ने रिजेक्ट कर दिया था। सभी पहलुओं पर विचार करने के पश्चात सरकार ने उन सभी अभ्यर्थियों को मौका देने का निर्णय लिया है, जिनके आवेदन रद घोषित कर दिये गए थे। श्री शाही ने बताया कि 20-21 दिसंबर को होने वाली टीइटी और जनवरी माह में होने वाली विशेष टीईटी, दोनों के ही नतीजे एक साथ प्रकाशित किये जाएंगे। 20-21 दिसंबर को होने वाली टीइटी में करीब 26 लाख परीक्षार्थी भाग लेंगे। सूबे में 1380 केन्द्रों पर यह परीक्षा ली जाएगी। समीक्षा बैठक में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि सिंह, शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक सह प्रवक्ता आरएस सिंह, राज्य शैक्षणिक शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक हसन वारिस सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
News : Jagran (14.12.11)
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Candidates whose application cancelled due to software problem/others etc., can give TET exam in January 2012.
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HC dismisses petition challenging TET
Patna, Dec 13 (PTI) Patna high court today dismissed a petition challenging the Teachers' Eligibility Test (TET) scheduled to be held later this month in Bihar. The single judge bench of Justice Ramesh Kumar Dutta passed the order. The petitioner Nuzhat Iqbal had challenged the TET on the ground that the authorities had failed to make a distinction between trained and untrained teachers among various criterion for the applicants. The state government will conduct the test on December 20 and 21 to shortlist eligible candidates for future recruitment as school teachers in Bihar.
News : ibnlive
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UP TET 2011 : Uttar Pradesh Basic Education Department awaiting copy of Allahabad Highcourt decision

बेसिक शिक्षा विभाग को हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार
 (UPTET : Uttar Pradesh Basic Education Department awaiting copy of Allahabad Highcourt decision)


लखनऊ, 13 दिसंबर (जागरण ब्यूरो) : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए बीती 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञापन को रद करने के हाइ कोर्ट के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग असमंजस में है। आगे की कार्यवाही तय करने से पहले विभाग को विज्ञापन रद करने के बारे में दिए गए हाई कोर्ट के आदेश की प्रति हासिल करने का इंतजार है। शिक्षकों की नियुक्ति के विज्ञापन को रद करने के अदालत के आदेश के बाद मंगलवार को दिन भर बेसिक शिक्षा विभाग में सरगर्मी रही। कोर्ट के आदेश को लेकर आला अधिकारी पशोपेश में रहे क्योंकि उन्हें देर शाम तक आदेश की प्रति नहीं मिल पाई थी। शासन से लेकर बेसिक शिक्षा निदेशालय तक अफसरों में यह जानने की जिज्ञासा थी कि कोर्ट ने किस बिंदु पर आपत्ति जताते हुए विज्ञापन को रद करने का आदेश दिया है। कोर्ट की आपत्ति और अपेक्षा के आधार पर ही विभाग आगे की कार्यवाही की दिशा तय करेगा। मंगलवार को ही राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक दिनेश चंद्र कनौजिया ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के प्राचार्यो के साथ बैठक की। बैठक में शिक्षकों की नियुक्ति के विज्ञापन को कोर्ट द्वारा रद किए जाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। एससीईआरटी निदेशक ने डायट प्राचार्यो से कहा कि कोर्ट का आदेश मिलने के बाद ही आगे की कार्यवाही तय करेगा। इस संबंध में जो भी दिशानिर्देश होंगे, वे डायट प्राचार्यों को सूचित कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि जिलों में शिक्षकों के चयन की कार्यवाही डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की जाएगी।
News : Jagran ( 14.12.11)
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Copy of Allahabad highcourt decision for UP Primary Teacher selection not yet received by Basic Education Department, Uttar Pradesh. Highcourt cancelled advertisement dated 30th Nov 2011 for teachers selection in UP.
After receiving order of court, next course of action will be taken accordingly : Basic Education Dept., UP.
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टीईटी पर कदम-दर-कदम मिला एक ही सवाल (UP Teacher eligibility test : Hot discussions everywhere)
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : कटरा का नेतराम चौराहा। समय सुबह के 10.30 बजे। प्रतियोगी छात्रों का एक झुंड बैठा चाय पी रहा था। सहायक अध्यापक नियुक्ति प्रक्रिया पर चर्चा जोरों पर थी। हाईकोर्ट द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी सहायक शिक्षकों के विज्ञापन को रद करने और अब आगे की संभावनाओं पर जेरे बहस जारी थी। कोई कह रहा था फिर से विज्ञापन आएगा, तो कोई इसका विरोध कर रहा था। कोई कह रहा था कि प्रदेश स्तर पर मेरिट बनेगी तो कोई, जनपद स्तर पर अड़ा हुआ था। सवाल एक पर उसके रूप अनेक थे। सबकी संयुक्त चिंता यह थी कि क्या भर्ती प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी हो पाएगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद का भी यही नजारा था। यहां भी अभ्यर्थी कई झुंड में चर्चा में मशगूल दिखे। चर्चा का विषय वही। कोई पांच जिलों के आवेदन शुल्क पर खर्च हुए पैसे को डूबा बता रहा था तो कोई इसका विरोध कर रहा था, पर सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या 31 दिसंबर तक सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो पाएगी। साझा चिंता थी कि कहीं कोई बड़ा लोचा न फंस जाए। दरअसल, अभी भी कई बिंदुओं पर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली है। कुछ आधार काफी मजबूत भी हैं। इनमें से पात्रता परीक्षा को चयन प्रक्रिया बनाए जाने को चुनौती दी गई है। राज्य स्तर पर बने मेरिट अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा में सहायक अध्यापकों की चयन प्रक्रिया में राज्य स्तर की मेरिट बनाए जाने की मांग की है। इस संदर्भ में अभ्यर्थियों ने बुधवार को चंद्रशेखर आजाद पार्क में दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई गई है। आयु सीमा बढ़ाने की मांग की बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन के लिए भूतपूर्व सैनिकों ने आयु बढ़ाने की मांग की है। तर्क है कि शिक्षकों के चयन के पैरा दो में अधिकतम आयुसीमा में केवल तीन साल की ही छूट दी गई है। इससे केवल 43 वर्ष के ही भूतपूर्ण सैनिक आवेदन कर सकते हैं। सैनिकों का कहना है कि बीटीसी 2011 में भूतपूर्व सैनिकों के संबंध में पैरा 3ख में आयु संबंधी शिथिलता सेना में संपूर्ण अवधि को वास्तविक आयु में से घटाकर और उसके बाद तीन वर्ष की और छूट देने की बात कही गई है। भूतपूर्व सैनिकों ने बीटीसी 2011 के आधार पर सहायक अध्यापक की भर्ती में आयु में छूट देने की मांग की है।
News : Jagran ( 14.12.11)
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टीईटी : आवेदन का कन्फ्यूजन

गोरखपुर। विज्ञापन पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने। मार्कशीट न मिलने, आवेदन की अंतिम तिथि केवल 19 दिसंबर तक होने समेत तमाम समस्याओं को लेकर टीईटी पास अभ्यर्थी परेशान हैं। डायट पर बुधवार को कन्फ्यूजन को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थियों का मजमा लगा रहा। तीन दिनों के भीतर डायट पर अब तक पांच सौ से अधिक आवेदन आ चुके हैं। अधिकारी इस मामले को लेकर कोई बयान देने से परहेज कर रहे हैं।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर आवेदन पत्रों का आना शुरू हो गया है। तीन दिनों में 500 से अधिक आवेदन आ चुके हैं। आवेदन को लेकर फंसे पेच के कारण अधिकांश अभ्यर्थी शासनादेश आने का इंतजार कर रहे ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बुधवार को डायट पर टीईटी आवेदन के संबंध में चल रहे कन्फ्यूजन को लेकर अभ्यर्थी पूरे दिन जमे रहे। पर अधिकारी कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं। मंडल में 32 हजार के आसपास अभ्यर्थियों ने टीईटी पास की है। डायट प्राचार्य जेएन सिंह का कहना है कि आने वाले आवेदनों की फीडिंग हो रही है। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि के बारे में कोई अधिकृत सूचना नहीं है
News : Amar Ujala (15.12.11)
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However today (15.12.11) new/revised advertisement is possible to displayed o UP Basic Education Dept. websit -
Click here
As per news in Jagran, 3 days extra can be give for submission of PRT teacher application.
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Tuesday, December 13, 2011

UPTET- Allahabad Highcourt Status

UPTET- Allahabad Highcourt Status

SERVICE(WRIT PETITIONS RELATING TO PRIMARY EDUCATION (TEACHING STAFF) (SINGL-
   E BENCH))
   Category :  15504   Appointment
   12.WRIA -71738/2011 SMT. SARITA YADAV               KSHETRESH CHANDRA SHUKLA
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.
          District-ALLAHABAD                                D.O.F. 09/12/2011


Pending Writ - A : 71738 of 2011 [Allahabad]
Petitioner: SMT. SARITA YADAV
Respondent: STATE OF U.P. & OTHERS
Counsel (Pet.): KSHETRESH CHANDRA SHUKLA
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Service-Writ Petitions Relating To Primary Education (teaching Staff) (single Bench)-Appointment
Date of Filing: 09/12/2011
Last Listed on:  
Next Listing Date (Likely): 13/12/2011
This is not an authentic/certified copy of the information regarding status of a case. Authentic/certified information may be obtained under Chapter VIII Rule 30 of Allahabad High Court Rules. Mistake, if any, may be brought to the notice of OSD (Computer).

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Status shows pending on Allahabad highcourt website for case no.71738 year 2011
Click on following link and enter details- http://www.allahabadhighcourt.in/casestatus/inputTNYA.html?G=03


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Some Cases of UP TET Exam 2011 in Allahabad Highcourt Uttar Pradesh

Some Cases/Writ Petition filed  for UP TET Exam 2011 in Allahabad Highcourt Uttar Pradesh

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD AFR

Reserved on 08.11.2011
Delivered on 11.11.2011
Court No. 33

Civil Misc. Writ Petition No. 59317 of 2011
Thakur Prasad Singh Vs. State of U.P. & Ors.
with
Civil Misc. Writ Petition No. 63171 of 2011
Ajay Kumar Mishra Vs. State of U.P. & Ors.
with
Civil Misc. Writ Petition No. 63177 of 2011
Arunima Tripathi Vs. State of U.P. & Ors.
with
Civil Misc. Writ Petition No. 63472 of 2011
Smt. Neetu Tiwari Vs. State of U.P. & Ors.
~~~~~~~
Hon'ble Dilip Gupta, J.

The relief claimed in these petitions is to include Sanskrit language in Language II along with English and Urdu in the U.P. Teachers Eligibility Test (hereinafter referred to as the 'TET') conducted by the Board of High School and Intermediate Education, Uttar Pradesh, Allahabad (hereinafter referred to as the 'Intermediate Education Board') and to permit the petitioners to opt for Sanskrit language in Language II.


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Some Cases of UP TET Exam 2011 in Allahabad Highcourt Uttar Pradesh

Some Cases of UPTET Exam 2011 in Allahabad Highcourt Uttar Pradesh

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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD, LUCKNOW BENCH ?Court No. - 5

Case :- MISC. SINGLE No. - 6055 of 2011

Petitioner :- Surendra Kumar Misra
Respondent :- State Of U.P. Thru. Prin. Secy. Education Deptt. & Anr
Petitioner Counsel :- Kaushal Mani Tripathi
Respondent Counsel :- C.S.C.

Hon'ble Ritu Raj Awasthi,J.
Notice on behalf of opposite parties no.1 and 2 has been accepted by the learned Chief Standing Counsel, who prays for and is allowed a day's time to seek instructions in the matter.
Learned counsel for the petitioner submits that the petitioner has appeared in the B. Ed. examination, the result of which is still awaited. He wants to appear in the� U.P. Teacher Eligibility Test I/II of 2011 but the opposite parties are not permitting him to appear in the examination as his result of B. Ed. examination has not been declared.


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Some Cases of UPTET Exam 2011 in Allahabad Highcourt Uttar Pradesh

Some Cases of UPTET Exam 2011 in Allahabad Highcourt Uttar Pradesh

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD AFR
Judgment reserved on 8th November, 2011
Judgment delivered on 11th November, 2011
Court No.33

Civil Misc. Writ Petition No.58165 of 2011
Abhishek Kumar Pandey & Ors. Vs. State of U.P. & Ors.
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WITH

Writ Petition Nos. 57701 of 2011, 59246 of 2011, 59714 of 2011, 59731 of 2011, 62235 of 2011, 59686 of 2011, 63246 of 2011, 62669 of 2011, 63340 of 2011, 58920 of 2011, 59752 of 2011, 61298 of 2011, 60181 of 2011, 58170 of 2011, 59106 of 2011

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Hon'ble Dilip Gupta, J.

The petitioners, who possess Bachelor of Physical Education Degree (hereinafter referred to as the ''B.P.Ed') or the Diploma in Physical Education (hereinafter referred to as the ''D.P.Ed') have filed these petitions for quashing the Notification dated 23rd August, 2010 issued by the National Council for Teacher Education (hereinafter referred to as the ''NCTE') which lays down the minimum qualifications for a person to be eligible for appointment as a teacher in Class I to VIII.


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Allahabad highcourt cancelled PRT advertisement of Basic Education Depatment UP

कोर्ट ने किया विज्ञापन रद (Allahabad highcourt cancelled PRT advertisement of Basic Education Depatment UP)

UPTET Candidates can apply in as many districts as they wish,However amendment in advertisement not yet published.

इलाहाबाद, 12 दिसंबर (जागरण न्यूज नेटवर्क) : हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 30 नवंबर को जारी विज्ञापन रद कर दिया है। न्यायालय ने विज्ञापन को असंगत व अतार्किक करार दिया है। यह आदेश सोमवार को न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने सरिता शुक्ला व अन्य की याचिका पर दिया। याचिका में पांच जिलों से आवेदन करने को चुनौती दी गई है। आधार लिया गया कि राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिनियम 1981 के प्राविधानों के विपरीत है। याचिका में मांग की गई थी कि या तो प्रदेशभर से या फिर केवल एक ही जिले से आवेदन करने की अनुमति दी जाए। गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 30 नवंबर को उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन के लिए आवेदन पत्र मांगे गए थे। आवेदन की अंतिम तारीख 19 दिसंबर थी। परिषद ने उप्र में पांच वर्ष से निरंतर निवास करने वाले अभ्यर्थियों को पांच ऐच्छिक जिलों से आवेदन करने की छूट दी थी। मेरिट जिला स्तर पर बननी थी। क्या थी आपत्ति : शिक्षक पात्रता परीक्षा के अभ्यर्थी जिला स्तर पर इसका लगातार विरोध कर रहे थे। अभ्यर्थियों का तर्क था कि जिला स्तर पर मेरिट बनने से किसी जिले की मेरिट बहुत कम व किसी की बहुत ज्यादा चली जाएगी। इससे अधिक मेरिट वाले अभ्यर्थी चयन से वंचित हो जाएंगे और कम मेरिट वालों को नौकरी मिल जाएगी। यही कारण है कि अभ्यर्थी प्रदेश स्तर पर मेरिट बनाए जाने की मांग कर रहे थे।
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बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए बीती 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञापन को इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा रद करने का आदेश देने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने अदालत की मंशा के अनुरूप रवैया अख्तियार किया है। सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने कहा कि हम हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। सचिव का कहना है कि यद्यपि अभी उन्होंने अदालत का आदेश नहीं देखा है, लेकिन यदि कोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को सिर्फ पांच जिलों का विकल्प देने के प्रावधान को अनुचित ठहराया है तो अभ्यर्थी अपनी मर्जी के मुताबिक जितने जिलों में आवेदन करना चाहते हैं, आवेदन कर सकते हैं। जो अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं, यदि वे चाहें तो अन्य जिलों में भी आवेदन कर सकते हैं। उधर बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश चंद्र कनौजिया ने इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार किया। यह कहते हुए कि अभी उन्होंने हाई कोर्ट का आदेश नहीं देखा है।
News : Jagran(13.12.11)
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As per Amar Ujala News (13.12.11)- Recruitment process will not be stopped-


see news link - http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20111213a_001163006&ileft=-5&itop=477&zoomRatio=136&AN=20111213a_001163006
After receiving Allahabad highcourt order, revised advertisement will be published soon.
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Vacancies of primary school teachers in UP:HC strikes down ad -
Allahabad, Dec 12 (PTI) The Allahabad High Court today quashed an advertisement brought out by Uttar Pradesh government for vacancies for the posts of teachers in primary schools wherein candidates were allowed to apply from not more than five districts. Justice Sudhir Agrawal passed the order on a writ petition of Sarita Shukla and others who had challenged the advertisement dated November 30, 2011, in which all those who had cleared the state's Teacher's Eligibility Test (TET) were allowed to apply but with the condition that applications must not be made from more than five districts. The petitioners had contended the selection process was to be conducted district-wise and hence either candidates should be allowed to apply only from their home districts or from anywhere across the state and that the state government's insistence on applications from not more than five districts was illegal. Allowing the writ petition, the court directed the state government to bring out a fresh advertisement for the vacancies.
News : ibnlive (13.12.11)
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From last 1-2 days due to some problems, updated info not published.
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Monday, December 12, 2011

UPTET 2011 Teacher Eligibility Test - Result will be updated again

फिर अपडेट होगा परिणाम ( Uttar Pradesh Teacher Eligibility Result will be updated again)

फिर अपडेट हुआ 1000 अभ्यर्थियों का परिणाम

वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने फिर एक हजार टीईटी अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम अपडेट किया है। अपडेट परिणाम यूपीटीईटी 2011.कॉम पर जारी कर दिया गया है। यह उन अभ्यर्थियों का परिणाम है, जिन्हें संयुक्त शिक्षा निदेशकों द्वारा परीक्षा से पूर्व नए अनुक्रमांक दिए गए थे। परिषद के पास नए अनुक्रमांक वाले अभ्यर्थियों के आवेदन संबंधी कोई रिकॉर्ड नहीं था। लिहाजा सभी नए अनुक्रमांक वाले अभ्यर्थियों से नए सिरे से आवेदन पत्र भरवाए गए थे। परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक जिन अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र मिल चुके हैं उनके परिणाम अपडेट कर दिए गए हैं। नए अनुक्रमांक वाले अभ्यर्थियों का अभी तक केवल उत्तीर्ण प्रतिशत और अंक ही पता चल रहा था। अब अभ्यर्थी अपना नाम पिता का नाम अनुक्रमांक व वर्ग आदि का भी विवरण देख सकते हैं। सचिव ने बताया कि किसी के अंक घटाए-बढ़ाए नहीं जा रहे हैं। केवल उन्हीं अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम अपडेट किया गया है, जिनकी डिटेल परिषद के पास नहीं थी।
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फिर अपडेट होगा परिणाम
सचिव ने बताया कि अभी भी नए अनुक्रमांक वाले आवेदन आ रहे हैं। ऐसे अभ्यर्थियों का परिणाम एक बार फिर जारी किया जाएगा। आवेदन की अंतिम तिथि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम शिक्षक पात्रता परीक्षा की अर्हता का प्रमाण पत्र दे रहे हैं, जिसकी वैधता पांच वर्ष है। हमारा काम सभी सफल अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र देना भर है, नौकरी देना नहीं
News : Jagran ( 12.12.11)
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