उत्तराखंड टीईटी के लिए स्नातक में अंकों की बाध्यता समाप्त ( Uttrakhand TET - Eliminate minimum graduation marks for UTET)
देहरादून (हिमवार्ता संवाददाता)। टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) के लिए स्नातक में न्यूनतम अंकों की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। ऐसे में अब टीईटी की परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। शासन की तरफ से न्यूनतम अंकों की बाध्यता समाप्त होने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिन अभ्यर्थियों के रिजल्ट अभी तक रोके गए थे, अब उन्हें घोषित कर दिया जाएगा।जल्द ही जारी हो सकती है नियुक्ति की विज्ञप्ति
सभी स्नातक पास बीएड डिग्रीधारक अब टीईटी के लिए पात्र घोषित कर दिए गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने यह आदेश जारी कया। टीईटी में शामिल होने के लिए एनसीटीई के निर्देशों के मुताबिक बीएड डिग्रीधारक सामान्य वर्ग के लिए स्नातक स्तर पर न्यूनतम 45 फीसदी और आरक्षित वर्गो अनुसूचित जाति-जनजाति और विकलांगों के लिए 40 फीसदी अंक होने अनिवार्य किए थे। राज्य सरकार ने एनसीटीई के निर्देशों के आधार पर ही परीक्षा के लिए पात्रता शर्ते तय कीं। इसे बीएड डिग्रीधारकों ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्नातक स्तर पर बीएड डिग्रीधारकों के लिए न्यूनतम अंकों की बाध्यता को सही नहीं माना। इसी आदेश के क्रम में शिक्षा सचिव ओमप्रकाश ने संशोधन का आदेश जारी कर दिया है। टीईटी में शामिल हुए 40 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों में 11 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया। अब शासनादेश के बाद टीईटी के लिए सभी अभ्यर्थियों का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। इससे टीईटी क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
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