सरकार ने जनवरी में एलटी ग्रेड में सहायक अध्यापिका वर्ग के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। 10 फरवरी तक फार्म भरकर जमा किए जाने थे। सूत्रों के मुताबिक, एक महिला अभ्यर्थी गुंजन तिवारी ने 25 जनवरी को फार्म भेजा था, लेकिन तब तक आगरा विश्वविद्यालय का एमएससी-फाइनल का परिणाम जारी नहीं हुआ था। महिला ने प्रथम व द्वितीय वर्ष के नंबरों के आधार पर ही खुद को फार्म में प्रथम श्रेणी दर्शाकर फार्म जमा किया था। मूल प्रमाणपत्रों की जांच में पता चला कि परिणाम नौ फरवरी को घोषित हुए थे। फर्जी तरीका इस्तेमाल करने पर उसके परास्नातक के 15 अंक काट लिए गए तो मेरिट से बाहर हो गई।
Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_7911299.html
aise logo ko lagata hai ki duniya me sirf wo he samjhdar hain , baki sab to befkoof hain..... kya hua nikal gaye na..............?
ReplyDeleteKya ab Second List nahin aayegi.
ReplyDeleteIs there any transparency, Who are selected, all seats are filled OR not. What are there percentiles & cut-off.
Why We people are not fighted unitedly to get transparency in system.
any news about ggic and also about 80 thousend vacancy for primary teachers in up..mayavati kya kar rahi hain..job ka..denge ya nahi?????
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