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Tuesday, October 1, 2013

US ShutDown : अमेरिका में सरकारी कामकाज रुका, लाखों कर्मचारी छुट्टी पर भेजे गए


US ShutDown  : अमेरिका में सरकारी कामकाज रुका, लाखों कर्मचारी छुट्टी पर भेजे गए
अमेरिका में शटडाउन शुरू, 7 लाख कर्मचारी छुट्टी पर भेजे गए

अमेरिकी दफ्तरों में शटडाउन शुरू, 7लाख कर्मी घर बैठें

1 अक्टूबर के बाद अमेरिका के पास नहीं होगा खर्च के लिए पैसा





अमेरिकी सरकार एक गंभीर संकट में फंस गई है। राष्ट्रपति बराक ओबामा और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण बजट को तय समयसीमा 30 सितंबर की रात 12 बजे तक मंजूरी नहीं मिल पाई।




इसकी वजह से अमेरिका में 17 साल बाद एक बार फिर 'शटडाउन' शुरू हो गया है और
 सरकारी दफ्तरों में तालाबंदी शुरू हो गई है। यह स्थिति रिपब्लिकन पार्टी की अगुवाई वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के अगले साल के बजट को मंजूरी नहीं देने के कारण पैदा हुई है


इसके तहत संघीय सरकार के गैर-जरूरी कामकाज बंद कर दिए जाएंगे। कई सरकारी दफ्तर, म्यूजियम और नैशनल पार्क बंद हो जाएंगे और इसकी वजह से करीब सात लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को जबरन बिना वेतन की छुट्टी पर जाना पड़ रहा है।

राष्ट्रपति ऑफिस वाइट हाउस के बजट कार्यालय ने आधी रात से 10 मिनट पहले ही विभागों को दफ्तर बंद करने के आदेश जारी करने शुरू कर दिए। जिन संघीय एजेंसियों के कामकाज बंद होने हैं, उनकी साइटें भी ऑफलाइन होनी शुरू हो गई हैं। उन साइटों पर मेसेज है कि संघीय बजट की अवधि खत्म होने से फिलहाल सेवा उपलब्ध नहीं है। बजट बहाल होते ही कुछ समय बाद साइटें फिर से काम करने लगेंगी। हालांकि, सुरक्षा से जुड़े विभागों के अलावा डाक बांटने और एयरपोर्ट ट्रैफिक के नियंत्रण जैसे काम नहीं रुकेंगे।

कामबंदी की आशंका को देखते हुए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कुछ घंटे पहले ही संभावित उपायों पर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने ऐसे विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे इस आंशिक कामबंदी के दौरान भी सेना को बजट आवंटित किया जा सकेगा। ओबामा ने कहा कि शटडाउन को पूरी तरह से दूर करना संभव था, लेकिन विपक्ष का सहयोग नहीं मिलने के चलते यह संभव नहीं हो पाया है। उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि यह पार्टी देश में फिर से चुनाव चाहती है।


सारा गतिरोध राष्ट्रपति बराक ओबामा के स्वास्थ्य कानून को लेकर है, जिसे ओबामाकेयर भी कहा जा रहा है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है और उसने बजट को पास करने के लिए ओबामा के स्वास्थ्य सुधारों के प्रमुख हिस्सों को एक साल के लिए टालने की शर्त रखी है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन सदस्यों और सीनेट में उनके सहयोगियों ने मांग की है कि इस कानून को वापस लिया जाए या इस पर होने वाले खर्च के लिए पैसे न दिए जाएं, तभी वे सरकारी खर्च के लिए बिल पारित करेंगे। इस स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े कानून का अधिकांश हिस्सा साल 2010 में ही पारित किया जा चुका है और इसे अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी जायज ठहराया है। यह कानून मंगलवार से अस्तित्व में आ जाएगा।

यह राष्ट्रपति ओबामा के कार्यकाल का अहम सुधार माना जा रहा है और वह किसी भी हाल में इसे वापस लेने के लिए तैयार नही हैं। इसके जरिए सरकारी साइट पर हेल्थ बीमा कराया जा सकता है। दूसरी तरफ, रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि यह सुधार नागरिकों के लिए महंगा और आर्थिक विकास के लिए बुरा है।

17 सालों में अमेरिका में कामबंदी का यह पहला मौका है। इसके पहले साल 1995 के दिसंबर में ऐसे हालात 28 दिनों के लिए बने थे। उस वक्त भी डेमॉक्रैट बिल क्लिंटन राष्ट्रपित थे। लाखों सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला और उन्हें छुट्टी पर घर भेज दिया गया। स्वास्थ्य बीमा और सामाजिक कल्याण की अर्जियों पर कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद साल 2011 में भी ऐसे हालात बनते-बनते बचे थे।

गतिरोध की वजह से अमेरिका के ऊपर शटडाउन से भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। अमेरिकी सरकार की कर्ज सीमा 17 अक्टूबर को खत्म हो जाएगी। इस समय अमेरिका के कर्ज की सीमा 16,700 अरब डॉलर है। यदि अमेरिकी संसद इसे समय रहते नहीं बढ़ाती है, तो अमेरिका अपने कर्ज चुकाने में नाकाम हो जाएगा और व्यावहारिक रूप से दिवालिया हो जाएगा। इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

साल 2011 में भी अमेरिकी सरकार को कर्ज सीमा को लेकर इसी तरह के गतिरोध का सामना करना पड़ा था। उस समय रिपब्लिकन और डेमॉक्रैट्स उस दिन समझौते पर पहुंचे थे, जिस दिन सरकार की कर्ज लेने की समयसीमा ख़त्म होने वाली थी। हालांकि इसके बावजूद स्टैंडर्ड ऐंड पुअर ने अमेरिका के आर्थिक हालात में गिरावट दिखा दी थी


अमेरिका पहली बार डिफॉल्टर होने के कगार पर है। अगर ऐसा होता है तो सबसे पहले स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स समेत दूसरी एजेंसियां उसकी रेटिंग घटा देगी। अमेरिकी सरकार को मुख्य तौर पर दूसरे देशों की सरकारों ने कर्ज दिया है। सेंट्रल बैंक मनी मार्केट की घबराहट को थाम भी लेंगे तो भी एशिया यूरोप और दक्षिणी अमेरिका में इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे

5 comments:

  1. Barbarian Alok
    जब अग्रीकल्चर और होम साईन्स वाले जुनिअर मे विग्यान पढाएन्गे तो आईन्स्टीन की आत्मा भी यु पी सरकार से
    कहेगी ---- > आप चुतिये हैं !

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  2. Gov ko adver.nikalne se pahle sab clear kar lena chahiye tha ki(Junior ki) bharti me age 35y ho or 40y.Merit se ho or Gunak se.

    Bad me paisa lekar luka_chhipi ka khel achha nahi lagta hai.(For e.g. age 40y karna,selection method badalana,time badhana etc.)

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  3. Ye sab bharti latkane k tarike jnr ki bharti ruk jaegi kyuki nov or dec me aachar sanhita lag jayegi

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  4. Roshan Gupta. ji aapka gunank kitna h .... aur jnr tet me kitne. marks h...

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  5. Gandhi ji aur shastri ji ki jayanti par in mahapurso ko mera sat sat naman

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