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Thursday, January 1, 2015

LUCKNOW : फिर भी हर साल 70 हजार जॉब्स की जरूरत



जनसंख्या-2011 के आंकड़ों के अनुसार लखनऊ को हर वर्ष 70 हजार नौकरियां पैदा करने की जरूरत है। ऐसी स्थिति में 2015 में करीब 20 हजार नौकरियों से कुछ राहत तो मिलेगी
इन 5 सेक्टर में जॉब्स की रहेगी धूम
नौकरियों से गुलजार होगा नया साल
यह साल नौकरियां लेकर आ रहा है। इस साल 80 फीसदी ज्यादा नौकरियां मिलेंगी राजधानी के युवाओं को। पिछले साल राजधानी ने करीब 11 हजार नई नौकरियां पैदा कीं। अबकी यह आंकड़ा 20,000 के करीब पहुंचने की उम्मीद है। एसोचैम के अनुसार 2013 में नौकरियों में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। 2014 में भी कमोवेश यही स्थिति रही। पर, 2015 में जॉब्स के ज्यादा मौके आने वाले हैं। बीपीओ कंपनी निदेशक ज्योति के अनुसार राजधानी मेट्रो व आईटी सिटी के लिए तैयार बैठा है। जॉब्स के सबसे ज्यादा अवसर निर्माण व इंजीनियरिंग सेक्टर में होंगे। प्रबंधन और अकाउंटेंसी क्षेत्र भी पीछे नहीं रहेगा। शिक्षण, चिकित्सा और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के अलावा भी ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां लखनऊ के युवाओं को बढ़िया विकल्प मिलने वाले हैं
सुधरेंगे हालात, पौने तीन लाख युवाओं के लिए अवसरों की रहेगी भरमार
20 हजार नौकरियां पैदा होंगी लखनऊ में
3.18 लाख 20 से 24 वर्ष के युवा नौकरी के लिए तैयार बैठे हैं - 1.67 लाख इनमें से लड़के हैं, 1.51 लाख लड़कियां

निर्माण क्षेत्र और इंजीनियरिंग : अकेले लखनऊ मेट्रो रेल के निर्माण के दौरान 4 हजार नौकरियां पैदा होंगी। आईटी सिटी, मेदांता व ट्रिपल आईटी की स्थापना की प्रक्रिया भी 2015 में ही गति पकड़नी है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

आईटी : टीसीएस ने देश भर में 35 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स की भर्ती का लक्ष्य बनाया है। माना जा रहा है कि लखनऊ को भी इसका फायदा मिलेगा। इनमें से अधिकतर कैंपस सेलेक्शन होंगे, इसलिए राजधानी के तकनीकी संस्थानों को इसके लिए तैयार रहना होगा।

रिटेल सेक्टर : राजधानी में जिस तेजी से मॉल कल्चर विकसित हुआ है, उसने प्रबंधन और रिटेल सेक्टर में नौकरियों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। नए शुरू हुए मॉल और रिटेल स्टोर्स नौकरियों के अवसर पैदा करेंगे।
सर्विस व इंश्योरेंस सेक्टर : जानकार मानते हैं कि 2015 में चौथा सर्वाधिक नौकरियां पैदा करने वाला क्षेत्र सर्विस और इंश्योरेंस सेक्टर रहेगा। राजधानी में स्थापित हो रहे विभिन्न कॉरपोरेट ऑफिस इसकी वजह बन रहे हैं तो दूसरी ओर केंद्र सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई को खोल सकती है। ऐसे में दोनों ही क्षेत्र संभावनाओं से भरे नजर आ रहे हैं।

कंसल्टेंसी : काम को थर्ड पार्टी से करवाने का ट्रेंड लखनऊ में बढ़ा है, चाहे इवेंट मैनेजमेंट हो, ऑडिट या फिर निर्माण क्षेत्र। इन सबके बीच की कड़ी कंसल्टेंट्स हैं और जिस तेजी से ये फर्म बढ़ रही हैं, उसमें नौकरियां भी वैसी ही तेजी से पैदा हो रही हैं।
आईटी, मेडिकल की रहेगी बहार
- डीके वर्मा, स्टेट कॅरिअर काउंसलर
एक्सपर्ट कमेंट
मेरा मानना है कि इस दफा नौकरियां देने वाले प्रमुख क्षेत्रों में मेट्रो प्रोजेक्ट और आईटी सिटी का प्रभाव रहेगा। दूसरी ओर 2015 में लखनऊ में मेडिकल सेक्टर भी भारी नौकरियां देने की स्थिति में होगा, जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ साथ पैरा-मेडिकल की भारी मांग रहेगी।

News Sabhaar: Amar Ujala 1.1.15