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Monday, September 3, 2012

सफलता (Success )

सफलता  (Success )


Always keep trying for better alternatives.

Concept of 3-idios movie is good.

success ke peeche mat bhago, kabil bano, success tao jhak marke ayegi!!!!

बाबा रणछोड़ दास सही कहते थे...बच्चा काबिल बनो काबिल..कामयाबी तो साली झक मार के पीछे आयेगी

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नए और अच्छे विकल्पों की तलाश जारी रखो , और आगे बड़ने के नए रास्ते पर चलते रहो 

मेहनत कभी बेकार नहीं जाती और मेहनत का कोई  विकल्प नहीं 
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UPTET : Hearing in Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012

UPTET   : Hearing in Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 53 

Case :- WRIT - A No. - 76392 of 2011 

Petitioner :- Shivani 
Respondent :- The State Of U.P. And Others 
Petitioner Counsel :- Abhishek Srivastava 
Respondent Counsel :- C.S.C.,C.N.Tripathi,Rajeev Joshi 

Hon'ble Arun Tandon,J. 
Learned counsel for the petitioner submits that the notification published by the State Government dated 2nd September, 2012 is proposed to be challenged by making an amendment application in the present writ petition. For the purpose, three days' time is prayed for. 
Similar request is being made in connected writ petitions also. 
Time prayed for is granted. 
Let the matter come up on 11th September, 2012 along with connected matters. 

(Arun Tandon, J.) 

Order Date :- 3.9.2012 
Sushil/- 

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2050945
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Analysis :
From reading above , It looks - Matter is not completely closed.
And court not said anything about rules for selection. And we hope it will be clear to candidates in next hearing (As many candidates like selection from old advertisement with a base of TET merit. And many candidates have faith on academic merit/as amended in niyamavali)

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UPTET: Hearing in Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012

UPTET : Hearing in Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 53 

Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011 

Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur 
Respondent :- State Of U.P. & Others 
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav 
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha 

Hon'ble Arun Tandon,J. 
Petitioner before this Court seeks quashing of the advertisement dated 30th November, 2011. 
Learned counsel for the petitioner submits that advertisement itself has been withdrawn by the State Government under� the subsequent notification published in newspaper on 2nd September, 2012. 
In view of the aforesaid, the present writ petition has become infructuous. 
It is, accordingly, dismissed as having become infructuous. 
Interim order, if any, stands discharged. 

(Arun Tandon, J.) 

Order Date :- 3.9.2012 
Sushil/-
Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2050937
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Analysis (What I think by reading above) : 
Kapil Yadav's petition is - Advt. is not published according to rules.
And court gets information (from Petitioner Counsel i.e  party behalf of Kapil Yadav) from state government that - Advertisement is cancelled on 2nd Sept. 2012 therefore Kapil Yadav's  petition has no meaning now.And stay also vacated (i.e.  interim order ).

When petitioner admits that there is no meaning to fight more as advt. is cancelled, then why court will go ahead with this case.
If any body having better understanding then they can give light and elaborate the matter.
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Take update from FB/ facebook.



Today,
Please take update from FB/ facebook.

As blog may become fighting place, if decision not comes in favor of some candidates.

Court / Gov. are authorities to decide recruitment process.

However today - Important hearing is in court, and we people should respect court's decision .

Keep patience.
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Sunday, September 2, 2012

UP Basic Education Teacher News : बेसिक शिक्षकों के मनचाहे तबादले पर फिरा पानी



UP Basic Education Teacher News : बेसिक शिक्षकों के मनचाहे तबादले पर फिरा पानी


•सपा के घोषणा पत्र और मुख्यमंत्री के पत्र पर अमल नहीं
•शिक्षक माननीय से लेकर विभागीय अफसरों के चक्कर काटने को मजबूर


लखनऊ। सरकार की ढुलमुल नीति से सूबे के हजारों बेसिक नगर शिक्षकों के मनचाहे तबादले पर पानी फिर गया है। सपा के घोषणा पत्र और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा शिक्षकों को लिखे पत्र के बाद नई सरकार से शिक्षकों को काफी उम्मीदें थी। लेकिन तबादला सीजन बीतने के बावजूद नगर शिक्षकों के मनचाहे तबादले की आस पूरी नहीं हुई। यह स्थिति तब है जब बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पहले 31 जुलाई तक शिक्षकों को महचाही तैनाती का ऐलान किया और बाद में इसे बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया। लेकिन दो माह बाद भी स्थिति यह है कि लखनऊ सहित प्रमुख शहरों में सैकड़ों पद खाली हैं और मनचाहे तबादले के लिए शिक्षक माननीय से लेकर विभागीय अधिकारियों तक के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वयं शिक्षकों को 27 जुलाई को पत्र लिखकर गृह जनपद में तैनाती का भरोसा दिलाया था। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में खासकर शिक्षिकाओं को अपने परिवार व गृह जिले में यथासंभव तबादला करने आश्वासन दिया था। लेकिन हजारों शिक्षिकाएं असाध्य बीमारी व अन्य कारणों से अपने परिवार से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहने को मजबूर हैं

News Source : http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120902a_010163019&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20120902a_010163019 / Amar Ujala (2.9.12)
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News Analysis : It looks an effort for teacher transfer / shuffling going to conduct before teachers recruitment (72825 + approx. 5000 posts),
But transfer process slowed as new teacher recruitment process slowed, and now cancelled.
May be transfer process going to conduct, when new teachers recruitment going to start.


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UPTET : शिक्षकों की भर्ती का मामला आवेदन के साथ लगे ड्राफ्ट के पैसे वापस होंगे


UPTET : शिक्षकों की भर्ती का मामला
आवेदन के साथ लगे ड्राफ्ट के पैसे वापस होंगे



शासन ने डायट से वापस करने के दिए निर्देश  -

लखनऊ। शासन ने शिक्षकों के 72825 पदों पर भर्ती के लिए किए गए आवेदन के साथ लगाए गए बैंक ड्राफ्ट के पैसे वापस करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षकों की भर्ती केलिए नए सिरे से जिलास्तर पर विज्ञापन किए जाएंगे।
शिक्षक भर्ती के लिए पूर्व में निकाले गए विज्ञापन को रद करने के बाद प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने आवेदन के साथ लगाए गए बैंकड्राफ्ट के पैसे को वापस करने संबंधी शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश के मुताबिक बेसिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया गया है कि शिक्षक भर्ती के लिए जिन्होंने आवेदन किया था, उनके पैसे चेक के माध्यम से डायट से वापस कराया जाए। यह पैसा कब और किस तिथि से वापस किया जाएगा इसके लिए स्थानीय अखबारों में विज्ञापन निकाला जाएगा।
शासन ने कहा है कि यदि अभ्यर्थियों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध हैं तो उस पर भी सूचना दी जाए ताकि सभी आवेदनकर्ताओं को पैसे मिल सकें। पैसे वापस करते समय यह सावधानी बरती जाएगी कि आवेदनकर्ता को फार्म और बैंकड्राफ्ट की फोटोकापी दिखानी होगी।
इसके अलावा उसे यह भी प्रूफ देना होगा कि उसने ही फार्म जमा किया है और ड्राफ्ट भी उसी का है। शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए नए सिरे से जनपद स्तर पर विज्ञापन निकाला जाएगा


News Source : http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120902a_013131002&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20120902a_013131002 / Amar Ujala (2.9.12)
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News Analysis : -
It is shocking news for many TET candidates as they are expecting that their advertisement is safe till judgement of Allahabad Highcourt on 3rd Sept. 2012.
It looks candidates has to reapply again as per new advertisements terms and conditions. (as per news)
Wait and watch - What happens in court on 3rd Sept. 2012.


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UTET : अपर प्राइमरी में हो सकेगी सीधी भर्ती

UTET : अपर प्राइमरी में हो सकेगी सीधी भर्ती







Uttrakhand Teacher Eligibility Test News -

बेसिक शिक्षा में पुरानी व्यवस्था को बाय-बाय कर नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। दुर्गम और दूरदराज के प्राइमरी स्कूलों को अब शिक्षकों के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। नई नियुक्तियां ब्लाक कैडर में होने से शिक्षक दुर्गम और दूरदराज में तैनाती से मुंह नहीं मोड़ सकेंगे। नई व्यवस्था में अपर प्राइमरी शिक्षकों के पदोन्नति के पदों पर सीधी भर्ती की जा सकेगी, बशर्ते पदोन्नति से उपलब्ध शिक्षकों की संख्या कम हो।

कैबिनेट से मंजूर उत्तराखंड सरकार प्रारंभिक शिक्षा (शिक्षक) नियमावली में अब शिक्षकों की भर्ती में एलीमेंट्री एजुकेशन में दो वर्षीय डिप्लोमा या टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास करने की पात्रता समेत एनसीटीई की नई गाइडलाइन को शामिल किया गया है। बेसिक शिक्षा परिषद के जमाने से चली आ रही व्यवस्था अब बदली दिखाई देगी। नई नियमावली के जरिए सरकार ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। ब्लाक कैडर के बाद शिक्षक दुर्गम क्षेत्रों से तबादले नहीं करा सकेंगे। हालांकि नए प्रावधानों के दायरे में पुराने शिक्षकों नहीं आएंगे, लेकिन नई नियुक्तियों पर इसे लागू किया जाएगा। लिहाजा जल्द होने जा रही 4600 से ज्यादा प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्तियां ब्लाक कैडर में की जाएंगी। वहीं पांच साल तक ब्लाक में रहने के बाद शिक्षकों को अपर प्राइमरी में जाने के साथ ही जिला कैडर आवंटित होगा। इससे पदोन्नति के अवसरों को ब्लाक कैडर बाधित नहीं कर सकेगा। अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के पदोन्नति के पदों पर सीधी भर्ती का विकल्प रखा गया है। यह तब ही लागू होगा, जब पदोन्नति के पदों से रिक्त पदों को भरा नहीं जा सके। इस पद पर सीधी भर्ती के लिए टीईटी पास होने की अनिवार्यता रखी गई है। पदोन्नति के लिए प्राइमरी और संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में बतौर सहायक अध्यापक पांच साल की सेवा होनी चाहिए

शिक्षा महकमे के नए ढांचे में शामिल उप शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) के हाथों में ब्लाक स्तर पर बेसिक शिक्षा की कमान होगी। नई नियमावली में शिक्षकों की भर्ती और पदोन्नति के लिए चयन समिति में नए पद शामिल करने के साथ ही नए पदनामों के मुताबिक बदलाव किया गया है। पांच सदस्यीय चयन समिति के अध्यक्ष डायट प्राचार्य, सदस्य सचिव उप शिक्षा अधिकारी होंगे। बतौर सदस्य जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा), मुख्य शिक्षा अधिकारी से नामित शिक्षा अधिकारी और डीएम से नामित एक अधिकारी शामिल रहेंगे। नए नियुक्त शिक्षक के लिए प्रोबेशन अवधि दो वर्ष और पदोन्नति में ज्वाइन नहीं करने वाले को तीन साल तक यह अवसर नहीं मिल सकेगा

News Source : Jagran ( 2.9.12)
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News Analysis :

Uttrakhand in similar line of UP going to make Direct Recruitment provision of Upper Primary teachers.
Its a good news for TET qualified candidates.
However recruitment through promotion also possible. And through this shortage of teachers is to be handled. 
During these days due to RTE implementation, big recruitment of teachers is going to happen in every state. 
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UPTET : फीस वापसी, डायट की होगी अग्नि परीक्षा!

UPTET  : फीस वापसी, डायट की होगी अग्नि परीक्षा!



सहारनपुर : प्रदेश शासन द्वारा बेसिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया का विज्ञापन रद करने से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के समक्ष नई चुनौती पैदा हो गई है। जारी आदेश के मुताबिक संस्थानों को अभ्यर्थियों की फीस वापस करनी होगी। जिला डायट में 1.15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भर्ती के लिए आवेदन किया था। हालांकि अभी डायट को फीस वापसी संबंधी कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।

बेसिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया ने प्रदेश सरकार के समक्ष कई चुनौतियां पैदा कर रखी हैं। टीईटी का मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। हाल ही में सरकार ने टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा मानने का निर्णय है। माना जा रहा है कि प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रद करने का आधार भी यही कारण है। बता दें कि प्रदेश में नवंबर के अंतिम सप्ताह में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से प्राइमरी शिक्षकों के 72 हजार 825 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे।

800 पदों को 1.15 लाख आवेदन

जिले में प्राइमरी शिक्षकों 800 पदों के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(डायट) में आवेदन पत्र मांगे गए थे। प्रक्रिया में पहले एक आवेदक को पांच जिलों में आवेदन की छूट दी गई थी। बाद में केवल 500 रुपये की एक फीस के आधार पर सभी जिलों में आवेदन की छूट दे दी गई थी। अन्य जिलों में आवेदन के लिए बैंक ड्राफ्ट की फोटो प्रति को मान्य किया गया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक 1.15 लाख आवेदकों में से करीब 30 हजार ने निर्धारित फीस के साथ डायट में आवेदन किया था।

प्रक्रिया रद करने के आदेश में आवेदकों की फीस लौटाने की बात कही गई है। एक आंकलन के मुताबिक जिले में तीस हजार आवेदकों से करीब 1.50 करोड़ डायट को मिले थे। यह फीस अभ्यर्थियों को वापिस लौटाना अग्निपरीक्षा से कम नही होगा। डायट से मिली जानकारी के मुताबिक इस संबंध में अभी कोई निर्देश नहीं मिले हैं

News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/saharanpur-9625225.html / Jagran ( 02.09.12)
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News Analysis :
It is really tough to return money of candidate's, As many candidates applied in more than one district to increase their chances in selection. And we hope that draft amount was encased by the DIETs as at this moment validity of DD is expired. 

DIETs have to do a lot of work in returning money of candidates.


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UPTET : शासन की कसरत में हाइकोर्ट का रोड़ा

UPTET : शासन की कसरत में हाइकोर्ट का रोड़ा




बागपत : आखिर जिसका अंदेशा था वही हुआ, टीईटी को लेकर शासन द्वारा हाई पावर कमेटी गठित करने जैसे हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद अब इस पूरी भर्ती को रद कर हजारों उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर कुठाराघात कर दिया गया है। प्राथमिक विद्यालयों में 72825 शिक्षकों की भर्ती रद करने का फरमान तो शासन ने सुना दिया है, मगर उम्मीद की किरण अभी बाकी है। तीन सितंबर को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई इस भर्ती के भविष्य को तय करेगी।

बसपा सरकार में उलझा टीईटी का गणित सपा सरकार में ओर भी उलझ गया है। विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दों में शामिल रही टीईटी भर्ती प्रक्रिया पर सपा की कसरत सरकार बनने के बावजूद कोरा आश्वासन ही साबित हुई। प्रमुख सचिव जावेद उस्मानी के नेतृत्व में हाई पावर कमेटी की सिफारिशें भी इस बहुप्रतिक्षित भर्ती को जीवनदान न दे सकी। इधर, कोर्ट में भर्ती नियमों में संशोधन के मामले में खुद को घिरता देख शासन ने भर्ती निरस्त करने का आसान दांव खेल दिया है।

तीन सितंबर पर लगी निगाहें
इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति अरुण टंडन की कोर्ट में तीन सितंबर को इस मामले की अगली सुनवाई है। कोर्ट ने जहां पूर्व में भर्ती विज्ञापन जारी करने के मामले में स्टे दे रखा है, वहीं चार अन्य दायर रिटों में शासन के शैक्षिक आधार पर भर्ती कराने की मंशा को चैलेंज किया है। गत 27 अगस्त को कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि भर्ती को लेकर शासन द्वारा बनाए गए नए नियम मान्य नहीं होंगे। लिहाजा शासन ने पुराने विज्ञापन को रद करते हुए नए सिर से भर्ती करने का निर्णय ले लिया है

अंत तक जारी रखेंगे संघर्ष

टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि इस भर्ती की बहाली के लिए अंत तक प्रयास किए जाएंगे। कोर्ट में प्रकरण चल रहा है। कोर्ट के आदेश के अनुरूप ही आगामी रणनीति बनाई जाएगी


Source : Jagran (2.9.12 ) / http://www.jagran.com/uttar-pradesh/bagpat-9625191.html
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News Analysis : 
Daily new update comes in news, Earlier in news that entire UPTET exam may be cancelled, after that Base of Selection Change, And now another update is - Advertisement is cancelled and new fresh advertisement (including CTET candidate) is going to announce.

Candidate's anxiety increases - What happens on 3rd Sept. 2012 in Allahabad High court.
Expectation for  - True and good judgement will arrive to give relief to candidates.
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Saturday, September 1, 2012

प्लास्टिक कचरा रोकिये

प्लास्टिक कचरा रोकिये 

हम सभी  लोग संकल्प करें कि हम जब भी बाजार जाएँ या बाजार से कुछ खरीदें तो प्लास्टिक थेलीयाँ न लें या अगर कभी मजबूरीवश प्लास्टिक थेली लेते भी हैं तो उसी को बार बार उपयोग में लायें |
हम लोग कपडे के सिले हुए थेले या रेडीमेड थेले बार बार सामान की खरीदारी के समय उपयोग में ला सकते हैं |

सबसे अच्छा है कि कपडे के थेले उपयोग में लायें , क्योंकि प्लास्टिक की थेली रसायनों आदि के उपयोग से बनती है , और यह पर्यावरण के लीए गंभीर संकट है 

पर्यावरण के लिए प्लास्टिक कचरा एक गंभीर संकट है 
प्रत्येक परिवार हर साल करीब तीन से चार किलो प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल करता है. बाद में यही प्लास्टिक के थैले कूड़े के रूप में पर्यावरण के लिए मुसीबत बनते है। पिछले साल देश में करीब 15 लाख टन कचरा सिर्फ प्लास्टिक का ही था। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर साल 30-40 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन किया जाता है। इसमें से करीब आधा यानी 20 लाख टन प्लास्टिक रिसाइक्लिंग के लिए मुहैया होता है, हालांकि हर साल करीब साढ़े सात लाख टन कूड़े की रिसाइक्लिंग की जाती है।

प्लास्टिक का यह कचरा नालियों और सीवेज व्यवस्था को ठप कर देता है। नदियों में भी इनकी वजह से बहाव पर असर पड़ता है और पानी के दूषित होने से मछलियों की मौत तक हो जाती है. इतना ही नहीं, कूड़े के ढेर पर पड़ी प्लास्टिक की थैलियों को खाकर आवारा पशुओं की भी बड़ी तादाद में मौत हो रही हैं।

न प्लास्टिक थैलों में ऐसे रसायन होते हैं जो जमीन में पहुंच जाते हैं और इससे मिट्टी एवं भूजल विषैला बन सकता है। जिन उद्योगों में पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर तकनीक वाली रिसाइक्लिंग इकाइयां नहीं लगी होती उनमें रिसाइक्लिंग के दौरान पैदा होने वाले जहरीले धुएं से वायु प्रदूषण फैलता है।

प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो सहज रूप से मिट्टी में घुलमिल नहीं सकता। इसे अगर मिट्टी में छोड़ दिया जाए तो यह भूजल की रिचार्जिंग को रोक सकता है। इसके अलावा प्लास्टिक उत्पादों के गुणों के सुधार के लिए और उनको मिट्टी से घुलनशील बनाने के इरादे से जो रासायनिक पदार्थ और रंग आदि उनमें आमतौर पर मिलाए जाते हैं, वे भी अमूमन स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

 प्लास्टिक थैलों में ऐसे रसायन होते हैं जो जमीन में पहुंच जाते हैं और इससे मिट्टी एवं भूजल विषैला बन सकता है। जिन उद्योगों में पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर तकनीक वाली रिसाइक्लिंग इकाइयां नहीं लगी होती उनमें रिसाइक्लिंग के दौरान पैदा होने वाले जहरीले धुएं से वायु प्रदूषण फैलता है।

प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो सहज रूप से मिट्टी में घुलमिल नहीं सकता। इसे अगर मिट्टी में छोड़ दिया जाए तो यह भूजल की रिचार्जिंग को रोक सकता है। इसके अलावा प्लास्टिक उत्पादों के गुणों के सुधार के लिए और उनको मिट्टी से घुलनशील बनाने के इरादे से जो रासायनिक पदार्थ और रंग आदि उनमें आमतौर पर मिलाए जाते हैं, वे भी अमूमन स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक मूल रूप से नुकसानदायक नहीं होता, लेकिन प्लास्टिक के थैले अनेक हानिकारक रंगों/रंजक और अन्य तमाम प्रकार के अकार्बनिक रसायनों को मिलाकर बनाए जाते हैं। रंग और रंजक एक प्रकार के औद्योगिक उत्पाद होते हैं जिनका इस्तेमाल प्लास्टिक थैलों को चमकीला रंग देने के लिए किया जाता है।

इनमें से कुछ रसायन कैंसर को जन्म दे सकते हैं और कुछ खाद्य पदार्थों को विषैला बनाने में सक्षम होते हैं। रंजक पदार्थों में कैडमियम जैसी धातुएं स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हैं। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कैडमियम के इस्तेमाल से उल्टियां हो सकती हैं और दिल का आकार बढ़ सकता है। लम्बे समय तक जस्ता के इस्तेमाल से मस्तिष्क के ऊतकों का क्षरण होने लगता है

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UPTET : Article By Shyam Dev Mishra regarding Teacher Recruitment Cancellation News


UPTET : Article By Shyam Dev Mishra regarding Teacher Recruitment Cancellation News

प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन रद्द करने का सरकार का आदेश : इसमें नया क्या है?

आज के समाचारपत्रों में प्रकाशित समाचार के अनुसार सरकार ने प्रमुख सचिव को आदेश दिया है कि 2 दिसंबर 2011 को प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन को निरस्त करें. पर इस समाचार से किसी को भी हताश होने या प्रसन्नता से उछल पड़ने का कम से कम कोई नया कारण इसलिए नहीं मिल जाता कि सरकार द्वारा 23 जुलाई 2012 की कैबिनेट मीटिंग में इस आशय का निर्णय लिया गया था जिसकी जानकारी सभी को है और इसकी प्रति सरकार ने कोर्ट में भी 6 अगस्त 2012 की सुनवाई के दौरान पेश की थी. अतएव स्थिति में कोई भी परिवर्तन नहीं आया है, क़ानूनी तौर से हम आज उसी स्थिति में हैं, जिस स्थिति में हम 27 अगस्त 2012 की सुनवाई के बाद थे. समाचार अगर सत्य है तो यह केवल इतना स्पष्ट करता है कि सरकार अपने पुराने हठवादी एवं दुराग्रही रुख पर ही कायम है और इसकी मंशा को पूरा होने से रोकने के लिए टी.ई.टी. मेरिट समर्थकों को न्यायालय में सरकार के खिलाफ पूरी मजबूती से डटे रहने की आवश्यकता है जिसके लिए वे पहले से तैयार भी बैठे हैं. .
स्थिति में कोई भी परिवर्तन अब 3 सितम्बर 2012 को ही होगा, उसके पूर्व नहीं
जहाँ एक ओर अभी सरकार के इस आदेश को न्यायिक अवमानना नहीं माना जा सकता क्योंकि कैबिनेट के निर्णय को चुनौती देने वाली चारो याचिकाएं (मेरी जानकारी के अनुसार) विचारार्थ स्वीकार भले ही हुई हैं पर उनपर न्यायालय ने कोई अंतरिम आदेश या स्थगनादेश (स्टे) जारी नहीं किया है. पर दूसरी ओर यह मामला सब-ज्यूडिस (न्यायालय में विचार के लिए स्वीकृत और विचाराधीन) है इसका स्पष्ट मतलब है है कि इस आदेश का मूल यानि सरकार का 23 जुलाई का निर्णय सर्वव्यापी, न्यायिक समीक्षा से परे या अंतिम नहीं है और न्यायालय द्वारा इस गलत समझे जाने पर इसे रद्द भी क्या जा सकता है. अतः यह भी मानना होगा कि सरकार द्वारा 23 जुलाई 2012 को लिया गया निर्णय कोर्ट द्वारा रद्द होने की स्थिति में यह आदेश स्वतः निष्प्रभावी हो जायेगा

माननीय न्यायाधीश अरुण टंडन जी इस मामले पर विचार करते सरकार का नहीं, कानून के दायरे में और साक्ष्यों के आधार पर सिर्फ और सिर्फ न्याय का ही पक्ष लेने वाले हैं. उनकी असंदिग्ध न्यायप्रियता और सरकार के प्रति उनके दृष्टिकोण की पुष्टि केस संख्या 14427 / 2010 (रणजीत सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार) की 17 व 31 अगस्त 2012 की सुनवाई के बाद उनके आदेशो से होती है जिसमे उन्होंने बिना किसी संकोच, दबाव और भय के सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश में स्वयं सरकार को शिक्षा-व्यवस्था को प्रदूषित (भ्रष्ट कह सकते हैं) करने वाला सबसे बड़ा कारक बताते हुए सरकारी डायट में चल रहे प्रशिक्षण को मात्र प्रमाणपत्र बाटने के उद्देश्य से किया जा रहा तमाशा करार देते हुए लिखित रूप से स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में सरकार को अपनी शक्तियों का मनचाहा प्रयोग करते हुए कुछ भी करने की छूट नहीं दी जाएगी और सरकार को कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे. अतः सबको यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि "सरकार बहुत कुछ तो कर सकती है, पर सबकुछ नहीं कर सकती!

जिन लोगो को सरकार और व्यवस्था के खिलाफ कुछ हो सकने का भरोसा नहीं. उन्हें एक बार उत्तर प्रदेश सरकार तो क्या, खुद भारत सरकार और भारत की सर्वोच्च "संसद' तक द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यकों को 4.5% आरक्षण देने के लिए बनाये गए कानून के हश्र को याद रखना चाहिए जिसे न्यायपालिका ने असंवैधानिक बताते हुए, सिरे से खारिज करते हुए रद्द कर दिया. अगर केंद्र और संसद तक के नीतिगत आदेश न्यायिक समीक्षा के अंतर्गत हैं तो अखिलेश यादव की सरकार क्या चीज़ है, बस हमारा पक्ष सही होना चाहिए, सही ढंग से न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

अतः इस आदेश से भ्रमित या विचलित हो उठे साथियों से केवल इतना कहना चाहूँगा कि इस समाचार में कुछ नया नहीं है और आज भी इस देश में न्यायालय के रूप में हमारे पास एक एक ऐसा संरक्षक मौजूद है जो आपके सही होने, आपके जागरूक होने और आपके प्रयास करने पर आपको ऐसे अन्यायों से बचने में पूर्णतया सक्षम है.अगर न्यायालय आपका पक्ष सही मानता है तो सरकार भी आपका हक़ आपसे छीन नहीं सकती, बस जागरूक रहें, विवेक का प्रयोग करें और अपने अधिकारों के लिए पूरी सामर्थ्य के साथ संघर्ष करने का संकल्प करें. आशा है आगामी ३ सितम्बर को शायद स्थिति काफी स्पष्ट हो जाएगी.
उपरोक्त विषय-वस्तु मेरी व्यक्तिगत सोच और मेरे अधिवक्ता मित्र द्वारा दी गई जानकारी का निष्कर्ष है, यदि कोई साथी इसमें कोई तार्किक या तथ्यात्मक संशोधन करना चाहे या कुछ जोड़ना चाहे तो उनका स्वागत है. पर प्रत्येक परिस्थिति में नकारात्मक सोचने वाले लोगो के लिए और कडवी सच्चाई से आँख मूंदकर आत्म-मुग्ध रहने वालों के लिए यह सब निरी बकवास है, इसका भी मुझे पूर्ण विश्वास है.

- Article By Mr. Shyad Dev Mishra 
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UPTET 2011, 72825 Teacher Recruitment : 72,825 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन रद्द, अब नए सिरे से जारी होगा


UPTET  72,825 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन रद्द, अब नए सिरे से जारी होगा
शिक्षक भर्ती की संशोधित नियमावली जारी

लखनऊ। राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली की संशोधन का शासनादेश शुक्रवार को जारी कर दिया।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक शिक्षकों की भर्ती हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और बीएड के प्राप्तांकों को जोड़कर मेरिट के आधार पर की जाएगी। शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगे। भर्ती के लिए न्यूनतम आयुसीमा 18 से बढ़ाकर 21 कर दी गई। पूर्व में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन भी रद्द कर दिया गया है। अब शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन नए सिरे से जारी होगा।

बसपा सरकार में नियमावली को संशोधित कर शिक्षक भर्ती की अर्हता टीईटी मेरिट कर दी गई थी। अखिलेश सरकार ने इसमें बदलाव कर फिर से शैक्षिक मेरिट कर दिया है। शासनादेश के मुताबिक बेसिक शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु 62 वर्ष कर दी गई थी लेकिन नियमावली में इसका प्रावधान नहीं किया गया था। विभाग ने नियमावली में भी इसका प्रावधान कर दिया है। इसके अलावा अध्यापकों के स्थानांतरण संबंधी नियमावली को संशोधित कर आदेश जारी कर दिया गया है

News Source : Amar Ujala (1.9.12)
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News Analysis :  Recruitment matter still running in court and next date of hearing is 3rd Sept. 2012
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UPTET : Recruitment of Primary Teacher Cancelled

UPTET  : Recruitment of Primary Teacher Cancelled


News Source : hindustan news paper (Page No. 10 , Date 1.9.12,  Lucknow Edition )
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News Analysis -
However recruitment matter still running in court and next date of hearing is 3rd Sept. 2012

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UPTET : अध्यापक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश



UPTET  : अध्यापक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश 



 सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से कहा गया है कि वह भर्ती संबंधी विज्ञापन रद कर दें। भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के साथ ही सभी आवेदकों को आवेदन फार्म के एवज में जमा की गई धनराशि की वापसी की जाएगी।


टीईटी अब सिर्फ पात्रता परीक्षा
जाब्यू, लखनऊ : तीन दशक से ज्यादा पुरानी उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली को फिर संशोधित कर दिया गया है। नियमावली में संशोधन के साथ ही शिक्षकों की भर्ती का आधार अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के बजाय हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक के अंकों के आधार पर जिला स्तर पर तैयार की जाने वाली मेरिट हो गया है। बीते दिनों कैबिनेट के निर्णय के अनुसार शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने संशोधित नियमावली जारी कर दी। ऐसे में अब शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य पात्रता परीक्षा के रूप में टीईटी के साथ ही अब केंद्र सरकार की केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को भी मान्यता मिल गई है। संशोधन से सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है। परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित शिक्षकों के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती का रास्ता भी साफ हो गया है। शेष 50 फीसदी पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे। पहले शिक्षकों के सभी पद प्रोन्नति से ही भरने की व्यवस्था थी। नियमावली संशोधित होने से परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादलों की पुरानी व्यवस्था भी बहाल हो गई है। अब शिक्षकों की नियुक्ति की न्यूनतम आयु 21 वर्ष भी हो गई है। 

अध्यापक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश : सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से कहा गया है कि वह भर्ती संबंधी विज्ञापन रद कर दें। भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के साथ ही सभी आवेदकों को आवेदन फार्म के एवज में जमा की गई धनराशि की वापसी की जाएगी


News Source : http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=37&edition=2012-09-01&pageno=11 / Jagran (1.9.12)


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Unemployed Allowance : 9 सितंबर को बंटेगा बेरोजगारी भत्ता

Unemployed Allowance : 9 सितंबर को बंटेगा बेरोजगारी भत्ता

लखनऊ। बेरोजगारी भत्ते का इंतजार अब खत्म होने वाला है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नौ सितंबर को बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 का विधिवत उद्घाटन करेंगे। काल्विन तालुकेदार्स कॉलेज में दस हजार बेरोजगारों को चेक से भत्ते का वितरण किया जाएगा। लखनऊ मंडल के अलावा आसपास के जिलों के बेरोजगारों को उद्घाटन समारोह के लिए बुलाया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उद्घाटन के तुरंत बाद ही सभी जिलों के जिलाधिकारी या प्रतिनिधि भत्ते का चेक वितरित करेंगे। उद्घाटन के दिन जुलाई तक आवेदन करने वाले प्रदेश के 96000 बेरोजगारों को भत्ते का चेक दिया जाए
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Unemployed Allowance : पंजीयन के अंतिम दिन उमड़ी भीड़


Unemployed Allowance : पंजीयन के अंतिम दिन उमड़ी भीड़

31st August was the Last Date to Register for 1st installment of Unemployed Allowance , And on this day a heavy crowd of unemployed is seen to register their name in employment exchange :

भत्ते की पहली किस्त के लिए 31 अगस्त तक आवेदन जमा कराए जाने हैं, जबकि एक सितंबर से दूसरी किस्त के लिए आवेदन कराए जाएंगे, जबकि पंजीकरण कराने की कोई तिथि निर्धारित नहीं है
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 लखनऊ: बेरोजगारी भत्ते के लिए शुक्रवार को पंजीयन की अंतिम तिथि होने की वजह से सुबह से ही बेरोजगारों का लालबाग स्थित सेवायोजन कार्यालय में जमावड़ा लगा रहा। देर शाम तक 2245 बेरोजगारों ने पंजीयन कराया जबकि 869 ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन जमा किया। सेवायोजन कार्यालय मे बेरोजगारों की कतारें लग गई थीं। आपाधापी में कई बेरोजगारों के दस्तावेज भी गुम हो गए। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि न होने की लाउड स्पीकर से घोषणा के बावजूद आवेदन करने वालों की कतारें कम होने का नाम नहीं ले रही थी। भत्ते के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि होने की वजह से देर शाम तक बेरोजगारों का जमावड़ा लगा रहा। बेरोजगारों की संख्या को देखते हुए पुलिस की मौजूदगी के बावजूद अवैध स्टैंड का संचालन होने लगा। पांच से 10 रुपये की मनमानी वसूली को लेकर संचालकों और बेरोजगारों में कई बार झड़प भी हुई



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News Analysis :
As in recent News , Unemployed Allowance going to distribute shortly and work will not be taken from Unemployed , A charm for Unemployed Allowance Registration is increased -
बेरोजगारी भत्ते पर पलटी मारते हुए यूपी सरकार ने कहा कि अब बेरोजगारों को भत्ते के बदले कोई काम नहीं करना होगा। सरकार ने बेरोजगारों को दिए जाने वाले भत्ते में एक बार फिर संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया है। बेरोजगारों को यह भत्ता सितम्बर माह से मिलना शुरू हो जाये

2nd Point is Age Limit Factor : -
पहले कहा गया कि 35 से 45 वर्ष के लोगों को भत्ता दिया जाएगा। उसके बाद आयु सीमा 25 से 35 की गयी, फिर यह सीमा 25 से 45 वर्ष की गयी। इसी बीच सरकार ने कहा था कि बेरोजगारी भत्ता के बदले काम लिए जाने की शर्त रखी गई थी लेकिन  उसे भी वापस लेने की घोषणा कर दी गई

However candidates will receive allowance in their bank account from -
अक्टूबर में मिलेगी बेरोजगारी भत्ते की पहली किश्त

सिर्फ राष्ट्रीय बैंक के चलेंगे खाते
भत्ते का भुगतान सीधे बेरोजगारों के राष्ट्रीय बैंकों के खाते में भेज दिया जाएगा। सहायक सेवायोजन अधिकारी ने बताया कि सहकारी और ग्रामीण बैंकों के खाते नहीं चलेंगे। हालांकि खबर है कि कई बेरोजगार महिलाओं के पति ने सहकारी या ग्रामीण बैंक का खाता अपने आवेदन पत्र में अंकित कर दिए हैं। उन्हें सुधार का मौका मिलेगा


News regarding registration in employment exchanges - http://www.jagran.com/uttar-pradesh/raebareli-9622143.html , http://www.amarujala.com/City/Raebareli/Raebareli-41626-129.html
http://www.amarujala.com/city/Hardoi/Hardoi-92930-37.html ,  http://navbharattimes.indiatimes.com/end-watches-to-wait-for-unemployment-allowance/articleshow/16078704.cms
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UPTET : शिवकीर्ति सिंह होंगे मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद हाई कोर्ट


UPTET : शिवकीर्ति सिंह होंगे मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद हाई कोर्ट 

 पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित किए गए हैं। वह दो माह बाद इलाहाबादहाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। इलाहाबाद हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश अमिताभ लाला 13 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। शिवकीर्ति सिंह उनकी जगह लेंगे। न्यायाधीश रफत आलम ने आठ अगस्त को इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश के पद से अवकाश ग्रहण किया था। उसके बाद जस्टिस अमिताभ लाला को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था


About : Hon'ble Mr. Justice Shiva Kirti Singh -

Hon’ble Mr Justice Shiva Kirti Singh (M.A., LL.B.) was born on November 13, 1951. He passed Senior Cambridge examination from Sainik School, Tilaiya, graduated in Political Science (Hons.) from Patna College, completed post graduation in the same subject from Patna University, passed LL.B. examination from Patna Law College, all in first division. He belongs to a family of eminent legal luminaries. He is grandson of late Justice B. P. Sinha who rose to be the Chief Justice of India between 1961 and 1964. His father, late Justice Shambhu Prasad Singh was an eminent civil lawyer and a Judge of Patna High Court between 1967 and 1979 and was also Acting Chief Justice for sometime. His maternal uncle late Justice R.P. Sinha was also a Judge of Patna High Court.

 Justice Shiva Kirti Singh was enrolled as an Advocate on March 17, 1977 and was designated Senior Advocate on January 17, 1990. He practiced in the Patna High Court in all kinds of cases- Civil, Criminal, Service and Constitutional. He was counsel for the Bihar State Electricity Board for several years. He was elevated as a Permanent Judge of the Patna High Court on December 29, 1998. He is Executive Chairman of the Bihar State Legal Services Authority since 7th March, 2006. He became Acting Chief Justice of Patna High Court in May 2009 for about four months, again in September 2009 for about same period and for the third time in May 2010 for a lesser period
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