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सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से कहा गया है कि वह भर्ती संबंधी विज्ञापन रद कर दें। भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के साथ ही सभी आवेदकों को आवेदन फार्म के एवज में जमा की गई धनराशि की वापसी की जाएगी।
टीईटी अब सिर्फ पात्रता परीक्षा
जाब्यू, लखनऊ : तीन दशक से ज्यादा पुरानी उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली को फिर संशोधित कर दिया गया है। नियमावली में संशोधन के साथ ही शिक्षकों की भर्ती का आधार अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के बजाय हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक के अंकों के आधार पर जिला स्तर पर तैयार की जाने वाली मेरिट हो गया है। बीते दिनों कैबिनेट के निर्णय के अनुसार शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने संशोधित नियमावली जारी कर दी। ऐसे में अब शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य पात्रता परीक्षा के रूप में टीईटी के साथ ही अब केंद्र सरकार की केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को भी मान्यता मिल गई है। संशोधन से सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है। परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित शिक्षकों के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती का रास्ता भी साफ हो गया है। शेष 50 फीसदी पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे। पहले शिक्षकों के सभी पद प्रोन्नति से ही भरने की व्यवस्था थी। नियमावली संशोधित होने से परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादलों की पुरानी व्यवस्था भी बहाल हो गई है। अब शिक्षकों की नियुक्ति की न्यूनतम आयु 21 वर्ष भी हो गई है।
अध्यापक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश : सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से कहा गया है कि वह भर्ती संबंधी विज्ञापन रद कर दें। भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के साथ ही सभी आवेदकों को आवेदन फार्म के एवज में जमा की गई धनराशि की वापसी की जाएगी।
News Source : http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=37&edition=2012-09-01&pageno=11 / Jagran (1.9.12)
chalo ab dobara jaldi se adv nikle aur bharti suru ho
ReplyDeletehow is it possible, government made applicants ridiculous.
ReplyDeleteab dekhte hain court kya karta hai?
ReplyDeleteye sab court ki wajah se hi hua h?
hearing k liye ek-ek mahine ka waqt to arun tondan ne hi diya tha
kam se kam pichle 9 monthe se ruki bharti ab shuru hogi.
ReplyDeletesir ji kaha ki jankari rakhte hai
ReplyDeletegovenment has only
légal power.indian constitution providê the judical power to only some jùdicial institution like d.c.,h.c.and s.c.
Yaha tk ki president ko bhi atyant séemit jùdical power mili.jiska review s.c. Me ho skta hai.
Sabi regulatory authority bi s.c. Se hi power prapt krti hai.
Ha ye awasya hai ki kanun ka nirman legislature hi krti hai bt judiciary us kanoon ko mulbhoot daanche pr prahar ke rup me samapt kr skti hai aur ap acchi trah jante hai RTE is a fundamental right
sir ji kaha ki jankari rakhte hai
ReplyDeletegovenment has only
légal power.indian constitution providê the judical power to only some jùdicial institution like d.c.,h.c.and s.c.
Yaha tk ki president ko bhi atyant séemit jùdical power mili.jiska review s.c. Me ho skta hai.
Sabi regulatory authority bi s.c. Se hi power prapt krti hai.
Ha ye awasya hai ki kanun ka nirman legislature hi krti hai bt judiciary us kanoon ko mulbhoot daanche pr prahar ke rup me samapt kr skti hai aur ap acchi trah jante hai RTE is a fundamental right