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Tuesday, November 17, 2015

VHP चीफ अशोक सिंघल का निधन, रामजन्म भूमि आंदोलन से जुड़े थे

VHP चीफ अशोक सिंघल का निधन, रामजन्म भूमि आंदोलन से जुड़े थे

Nov 17,2015 3:59 PM

नई दिल्ली. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के इंटरनेशनल प्रेसिडेंट अशोक सिंघल का मंगलवार को निधन हो गया। सिंघल पिछले कुछ दिनों से गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती थे। उन्हें सांस लेने से जुड़ी दिक्कत थी। वे वेंटिलेटर पर थे। 89 साल के सिंघल के निधन की खबर विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने मीडिया को दी। बता दें कि सिंघल लंबे समय से रामजन्म भूमि आंदोलन से जुड़े थे।



कब होगा अंतिम संस्कार?



बताया जा रहा है कि बुधवार दोपहर तीन बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। इससे पहले, मंगलवार रात 8 बजे उनका पार्थिव शरीर दिल्ली में वीएचपी के हेडक्वार्टर्स संकट मोचन हनुमान मंदिर आश्रम में रखा जाएगा।



सिंघल के निधन पर मोदी ने तीन ट्वीट किए, दी श्रद्धांजलि


> पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले ट्वीट में कहा- अशोक सिंघल का निधन मेरे लिए निजी तौर पर बड़ी क्षति है। उनका जीवन देश की सेवा पर ही केंद्रित रहा था।
> मोदी ने कहा- अशोक सिंघल जी कई अच्छे काम और गरीबों को फायदा पहुंचाने वाले सोशल वर्क के लिए जाने जाते थे। वे कई पीढ़ी के लाेगों के लिए इंस्पिरेशन थे।
> तीसरे ट्वीट में मोदी ने लिखा- मैं हमेशा खुशकिस्मत रहा कि मुझे अशोकजी का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। मेरी शोक संवेदनाएं उनके परिवार और उनके कई समर्थकों के साथ हैं।



सुबह मुलाकात के लिए आए थे आडवाणी

सिंघल का हालचाल जानने के लिए बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और उमा भारती मंगलवार सुबह ही मेदांता हॉस्पिटल पहुंचे थे। (पूरी खबर यहां पढ़ें) दो दिन पहले होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह और प्रवीण तोगड़िया जैसे नेताओं से मुलाकात के बाद सिंघल ने हॉस्पिटल से कहा था, "मैं अभी ठीक हूं, मुझे कुछ नहीं हुआ है। अभी तो अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाना है।" बता दें कि सिंघल से मिलने के लिए बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह बीजेपी के बड़े नेता भी पहुंचे थे।



हॉस्पिटल में क्यों भर्ती कराना पड़ा था?


> वीएचपी के मुताबिक, सिंघल को हार्ट और किडनी से जुड़ी दिक्कत थी। लेकिन पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी।
> इलाहाबाद में उनका इलाज चल रहा था। लेकिन उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ।
> 20 अक्टूबर को हालात खराब होने पर उन्हें स्पेशल प्लेन से दिल्ली लाया गया था। शुरुआती इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन पिछले हफ्ते फिर उन्हें मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा था।



आगरा में जन्मे थे सिंघल



अशोक सिंघल का जन्म आगरा में एक कारोबारी परिवार में हुआ था। 1942 में प्रयाग में पढ़ते वक्त संघ के कद्दावर नेता रज्जू भैया उन्हें आरएसएस लेकर आए। वे भी उन दिनों वहीं पढ़ते थे। उन्होंने सिंघल की मां को आरएसएस के बारे में बताया और संघ की प्रार्थना सुनाई। इससे वे प्रभावित हुईं और उन्होंने सिंघल को शाखा जाने की इजाजत दे दी।



ऐसे बने संघ प्रचारक



> 1947 में देश के बंटवारे के बाद वे पूरी तरह संघ में आ गए। 1948 में संघ पर बैन लगा तो उन्हें भी जेल में डाल दिया गया। जेल से छूटने के बाद उन्होंने बीई किया। सिंघल सरसंघचालक गुरु गोलवलकर से बहुत प्रभावित थे। प्रचारक के तौर पर वे लंबे समय तक कानपुर रहे।

> 1975 से 1977 तक देश में आपातकाल और संघ पर बैन रहा। इस दौरान वे इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ चले अभियान में शामिल रहे।

> आपातकाल खत्म होने के बाद वे दिल्ली के प्रांत प्रचारक बनाए गए।

> 1981 में दिल्ली में एक हिन्दू सम्मेलन हुआ। इसमें बड़ी तादाद में लोग जुटे।

> इसके बाद सिंघल को विश्व हिंदू परिषद की जिम्मेदारी सौंप दी गई।

> नब्बे के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन में विश्व हिंदू परिषद के सबसे आगे रहने की वजह से सिंघल देशभर में सुर्खियों में आ गए।

> देश में विश्व हिंदू परिषद की पहचान कायम करने का श्रेय सिंघल को ही जाता है।