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Saturday, June 21, 2014

Supreme Court Says Vidhya Sahayak (Helper) as Enemy of Education

Supreme Court Says Vidhya Sahayak (Helper) as Enemy of Education

Hearing is still incomplete, And next hearing is on : 23/09/2014

As per news spread on Internet is :-

Only trained teachers should teach in schools: SC

Shiksha Shatru; SC slams ad hoc appointment of teachers



Appointment of teachers in primary schools on ad hoc basis by various state governments without following proper qualification criteria on Monday drew flak from the Supreme Court which said that such policies are spoiling the entire education system and future of the country.

A bench of justices B.S. Chauhan and Dipak Misra expressed strong disapproval of such a system and said it was “shocking” that it can be pursued even after the implementation of Right to Education Act.

“A populist principality cannot spoil the future of the country. We want to know qualification of teachers,” the bench said while hearing Gujarat government’s plea on a case pertaining to appointment of “Vidya Sahayak” in primary schools in the state.

“How do you bring such policies when there is Article 21A. It is shocking. There are such appointments in Uttar Pradesh also.

These Shiksha Sahayaks (helpers) are Shiksha shatrus (enemies),” the bench observed asking the state government to place details relating to qualification and appointment of such teachers.

The bench noted that ad-hoc appointment of primary teachers are done in many states which provide them less than one-forth salary given to regular teachers.

“Once we have implemented Article 21A, can we allow such system? Our concern is quality of education and we are very serious about the kind of education we are imparting,” the bench said adding, “We spoil the entire education system by appointing ad-hoc teachers who do not have proper qualification”.



Case Details : -

                                                            SECTION. IX
                         IN THE SUPREME COURT OF INDIA



Petition(s) for Special Leave to Appeal (Civil) No(s).18136/2013

(From the judgement and order dated 18/04/2013 in  LPA No. 60/2013 & SCA
No.
 12267/2011  of The HIGH COURT OF GUJARAT AT AHMEDABAD)

STATE OF GUJARAT AND ANR                             Petitioner(s)

                             VERSUS

PARMAR MAHESHKUMAR PUNJABHAI AND ORS                 Respondent(s)



                             OFFICE REPORT
The matter above-mentioned was listed before the Hon'ble Court on 22nd  May,
2013, when the Court was pleased to pass the following Order:-
"List the matter on Monday, the 27th May, 2013"

      It is submitted for the information of the Counsel for the  Petitioner
has filed additional documents along with an application for  permission  to
filed additional document which are  being  circulated  before  the  Hon'ble
Court.
      Dated this the 24th day of May, 2013.

ASSISTANT REGISTRAR

Source : http://courtnic.nic.in/supremecourt/temp/sc%2018136rpt.txt

******************
SUPREME COURT VIDHYA SAHAYAK CASE DETAILS




Next Date of Listing    23/09/2014



21 comments:

  1. ढीली करो धनुष की डोरी, तरकस का कस खोलो ,
    किसने कहा, युद्ध की वेला चली गयी, शांति से बोलो?
    किसने कहा, और मत वेधो ह्रदय वह्रि के शर से,
    भरो भुवन का अंग कुंकुम से, कुसुम से, केसर से?
    कुंकुम? लेपूं किसे? सुनाऊँ किसको कोमल गान?
    तड़प रहा आँखों के आगे मेरा अपना जहान ।
    वह संसार जहाँ तक पहुँची अब तक नहीं किरण है
    जहाँ क्षितिज है शून्य, अभी तक अंबर तिमिर वरण है
    देख जहाँ का दृश्य आज भी अन्त:स्थल हिलता है
    माँ को लज्ज वसन और शिशु को न क्षीर मिलता है
    पूज रहा है जहाँ चकित हो जन-जन देख अकाज
    तीन वर्ष हो गये राह में, अटका कहाँ स्वराज?
    समर शेष है, उस स्वराज को सत्य बनाना होगा
    जिसका है ये न्यास उसे सत्वर पहुँचाना होगा
    भरती के मग में अनेक जो पर्वत खडे हुए हैं
    मकसद का पथ रोक अरि के गज जो अडे हुए हैं
    कह दो उनसे झुके अगर तो जग मे यश पाएंगे
    अड़े रहे अगर तो ऐरावत पत्तों से बह जाऐंगे
    समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
    शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो
    पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोडेंगे
    समतल पीटे बिना समर कि भूमि नहीं छोड़ेंगे
    समर शेष है, चलो ज्योतियों के बरसाते तीर
    खण्ड-खण्ड हो गिरे विषमता की काली जंजीर
    समर शेष है, अहंकार इनका हरना बाकी है
    वृक को दंतहीन, अहि को निर्विष करना बाकी है
    तिमिर पुत्र ये दस्यु कहीं कोई दुष्काण्ड रचें ना
    सावधान हो खडी प्रदेश में टेटवीर की सेना

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  2. कुछ लोगों चंदाचोर कहते है , कुछ टेटुआ ,
    टेट सभी ने पास किया पर सभी कभी भी एकमत नही हो सके
    लेकिन इन टेटुओ ने साबित कर दिया है कि इस अन्याय के खिलाफ आखिरी सांस तक कैसे लडा जाता है ,

    जिसने इस लडाई को कमजोर बनाया , वो थे एकेडमिक समर्थक , पार्टी समर्थक , धंधा समर्थक , नकल समर्थक , शिक्षा शत्रु समर्थक , तलवे चाटू लोग , खैराती लोग , जिनका हर काम सोर्स से होता है।

    जिनकी परीक्षा देते हुये दम निकलती है । पैर कांपते थे टीईटी देते वक्त

    और जिन्दगी में शायद ही कम्पटीशन नाम का कुछ क्वालीफाई करने का जज्बा हो इन कायरों में

    मेरी नजरों में तो ये वे ही लोग हैं जिनकी बदौलत कभी देश गुलाम हुआ होगा , जरूर अंग्रेजों के तलवे चाटे होंगे और मातृभूमि से गददारी करके वीरों की पीठ पर छुरा भुकवाया होगा ।

    आज भी यही लोग दूसरा जन्म लेकर इन टेटवीरों को गाली देते हैं , आत्मा के संस्कार नही बदलते केवल चोला बदलता है।

    इस धरा ने हमेशा वीरों की बलि मांगी है , कायरों की नही , सत्य की आन की रक्षा करते करते न जाने कितने शहीद हो गये ,, और आज उन्हीं की बदौलत सच्चाई हजार झूठों पर भारी कही जाती है।

    तुक्के से व डर डर कर परीक्षा पास करने वाले ही कमजोर दिल के लोग टेटवीरों को बुरा भला कहते हैं ,
    पर टेट योद्धाओं ने कभी बुरा नही माना ,

    कहते हैं जंग जितनी हैवी हो मजा भी उतना ही जबर्दस्त होता है , तो देख लेना इस जंग का परिणाम कायरों ! वीरों का एक सिपाही तक कायरों के राजा के बराबर होता है ।

    बस धैर्य रखना भारत के भारतीयों
    आप सभी लोग जिस दिन काउंसिलिंग कराने जा रहे होंगे , उस दिन आंखों से टप टप आँसू ही गिरेंगे और यही डाईट वाले आपको देखकर दंग खायेंगे ,,

    मन में यही सोंचेगे ,, कि उन्होंने जिनके जिन्दगी भर तलवे चाटे ,, ये उन्हीं की लंका दहन करके आये हैं । ,, तमाचा मारकर अपना हक लेने आये है ,,

    देख लेना ,,उस दिन,भी कई मौतों की खबरें आयेंगी ,, आखिर इतनी खुशी संभालना भी आसान न होगा ,,
    नौकरी की खुशी ,
    विजेता की खुशी ,
    हक की खुशी ,
    मां बाप की खुशी की खुशी

    ReplyDelete
  3. Dedicated to All 72825 TETIANS ---->>>
    !
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    :-)
    :-)
    :-)
    :-)
    :-)
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    :-)
    :-)
    :-)
    ज़िन्दगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है ,
    थोड़े आँसू हैं थोड़ी हँसी,
    आज ग़म है तो कल है ख़ुशी ,,
    ज़िन्दगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है ......
    ज़िन्दगी रात भी है सवेरा भी है ज़िन्दगी ,
    ज़िन्दगी है सफ़र और बसेरा भी है ज़िन्दगी ,
    इक पल दर्द का गाँव है , दूसरा सुख भरी छाँव है ,
    हर नए पल का नया गीत है ,
    ज़िन्दगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है .....
    ग़म का बादल जो छाए हम तो मुस्कराते रहें,
    अपनी आँखों में आशाओं के दीप जलाते रहें ..
    आज बिगड़े तो कल फिर बने ,
    आज रूठे तो कल फिर मने ,
    वक़्त भी जैसे इक मीत है ,
    ज़िन्दगी की यही रीत है,
    हार के बाद ही जीत है .....

    ReplyDelete
    Replies
    1. Kya bat h....nirhua bhi....
      Kishor kumar ka ye gana......bahut hi inspired hun main isse..

      Delete
  4. ख़ास बात !
    बी टी सी भर्ती,
    जूनियर भर्ती,
    या शैक्षिक गुणांक से होने वाली अखिलेश सरकार द्वारा प्रायोजित किसी भी शिक्षक भर्ती में टेट के अंको के वेरिफिकेशन की जरुरत नही पड़ेगी, और ना ही उसके रिकॉर्ड की कोई जरूरत है, टेट 2011 का रिकॉर्ड खो गया है, किसी को कुछ नही पता रिकॉर्ड आखिर कहाँ गया है, !!!! लेकिन अगर ये भर्ती टेट मेरिट से होती है तो फिर कोई भर्ती संभव नही है, क्योंकि फिर हम वेरीफाई करेंगे कि टेट 2011 में धांधली कितनी हुई है, और रिकॉर्ड गुम कैसे हुआ, और रिकॉर्ड की मिलने की कितनी संभावना है, अगर रिकॉर्ड नही मिला तो फिर बस हाथ खड़े कर देंगे और कोर्ट में कह देंगे, सॉरी माय लार्ड, !" और फट से निकल भाग आयेंगे,
    क्या दिमाग है,
    गजब की योजना बनाते हैं।
    हमारी बुद्धिजीवी सरकारी चमचे ।।।

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  5. दूर की सोच
    मोदी सरकार की रेल्वे को अत्याधुनिक बनाने की पहल
    कोई व्यक्ति यदि मुंबई से दिल्ली की टिकिट निकालता हैं तो 330 रुपया होता हैं
    यदि 14.5% रेल किराया बढ़ता हैं
    तो नया रेल किराया 375 होगा
    मतलब 45 रुपया आपको एक्स्ट्रा चुकाने होंगे
    लेकिन ख्याल करो रेलवे प्लेटफोर्म पे पहुचते ही आपको एअरपोर्ट जेसी सुविधा मिलनी सुरु हो जाए
    आप ऐसी ट्रेन में सफ़र कर रहे होंगे जो एक दम साफ़ सुथरी हो
    Wi-Fi से साथ आप इन्टरनेट का आन्नद ले सकोगे
    आपके सिट पे ही मैगजीन न्यूज़ पेपर मिलेगा ताकि आपका सफ़र और आरामदायक हो
    आपकी सुरक्षा के लिए बोगी में हरदम सुरक्षा गार्ड तेनात होगा
    हर बोगी में cctv लगे होंगे
    आपका सामान कोई चोरी ना कर पायेगा
    e-टिकिट के लिए 100 करोड़ के खर्च से एक ऐसा सोफ्टवेअर तेयार हो रहा हैं
    जिसमे irctc सहित अन्य इन्टरनेट उपभोक्ताओ को इससे आपको शामिल किया जाएगा ताकि आप अपने मोबाइल से झट से टिकिट निकाल सको
    आपके सिर्फ 45 रूपया देने से लाखो लोगो के लिए रोजगार पैदा होगा
    क्या भारत निर्माण के लिए हम मोदीजी का इतना भी साथ नहीं दे सकते
    और सबसे बड़ी बात इस बार रेलवे मामा पवन बंसल के पास नहीं
    मोदीजी के सदानंदजी के पास हैं
    जनता अच्छी तरह जानती हैं
    की घोटाले नहीं होंगे
    और जो होगा देश हित में होगा

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  6. मुजे ये मालुम नही पडता आखिर रैल विभाग कब तक नुकशान मे चलाएंगे हम ।करीब 10 साल से किराया वृद्धि भी तो नही हुई है

    रेल किराया बढ़ गया हाय तौबा मच गई
    ।।
    पिछली सरकार 24 लाख करोड़
    का घाटा देकर गई है
    वो घाटा मोदी जी जसोदा बेन के गहने
    बेच कर पूरा करेंगे क्या ??
    जशोदा बेन तो स्कूल शिक्छिका से
    रिटायर हुई हैं गहने तो होंगे भी नही ।
    दलाल को टिकट के लिए हम हजार रुपया देंगे
    मगर सरकार के खजाने में
    दो सौ रुपया नही दे सकते । वाह रे
    राष्ट्रवादी सोच ।।।।

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  7. मैं मानसिक रूप से तैयार हूं आने वाले दो वर्षों तक बढ़ने वाली महंगाई का सामना करने के लिये.
    देश का खजाना खाली है - मैं ये जानता हूं
    खजाना खाली क्यों है - मैं ये भी जानता हूं.
    खजाना कहां गया - ये भी जानता हूं.
    पुराना ठेठ देसी फ़ेसबुकिया हूं कोई कूल-डूड नहीं जो देश की आर्थिक स्थिति से अनभिज्ञ रहूं.
    मैं फीफा वर्ल्ड कप से अधिक निगाह ईराक पे बनाए बैठा हूं. ईराक संकट से देश में और महंगाई आयेगी - मैं इसके लिये भी मानसिक रूप से तैयार हूं.
    जो यह पोस्ट कर रहे हैं कि क्या फ़र्क रह गया पिछली यूपीए सरकार में और आज की मोदी सरकार में ? उन्हें अपनी आंखें खोलनी चाहिये.
    फ़र्क है...!!!
    फ़र्क है नीयत का. जब न चाहते हुए १० सालों तक चोरों और लुटेरों की मदद कर सकता हूं तो इस बार तो देश की तिजोरी में दे रहा हूं. मुझे इतना विश्वास है कि बढ़ी महंगायी की एक-एक पायी सरकारी खजाने में जायेगी, न कि स्विस बंकों में.
    वैसे ये १०० प्रतिशत मेरे निजी विचार हैं. यदि आप भी यही विचार रखते हैं तो स्वागत है.
    धन्यवाद

    ReplyDelete
    Replies
    1. मैं आपकी की बात से 100 प्रतिशत सहमत हूँ

      Delete
  8. प्रत्येक व्यक्ति को ये स्वीकार कर लेना चाहिए की महंगाई तो कम नही होगी चाहे सरकार किसी की भी हो। अब इस नयी सरकार से यही आशा है की यदि महंगाई बढ़ रही है तो जनता के हित के ही काम उस पैसे से हो।

    ReplyDelete
  9. विषय: :,
    उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर शिक्षा मित्रों की नियुक्ति के सन्दर्भ में
    !
    !
    !
    !

    बी एड वाले इतने दिनों से बिना वजह अपना दिमाग गर्म कर रहे हैं ,,, शिक्षा मित्रों के बिना टेट पास किये सहायक अध्यापक बनने पर रोक लगाने के लिए जी.ओ. का विषय ही पर्याप्त है ,,, समायोजन शब्द का प्रयोग तक नहीं किया गया है ... नई नियुक्ति बिना टेट के कैसे हो सकती है क्योंकि चयन प्रक्रिया ही टेट मेरिट होने जा रही ,,,
    ये राजनेता हैं ,किसी के सगे नहीं होते ,,,, पहले एकेडमिक वालों को प्राथमिक में जॉब देने के झूठे सपने दिखाए ,,,,उसके बाद विज्ञान,गणित वालों को जूनियर का टीचर बनाने का झाँसा दिया और अंत में शिक्षा मित्रों से झूठ बोला कि बिना टेट पास किये ही उन्हें सहायक अध्यापक बना दिया जाएगा ....... जबकि सरकार इस बात को बहुत अच्छी तरह जानती थी कि प्राथमिक में अब सिर्फ टेट मेरिट से ही चयन होगा(sm की ast teacher पद पर नियुक्ति प्रक्रिया भी बी टी सी वालों के साथ अब टेट मेरिट से ही हो सकेगी) और जूनियर में तो सीधी भर्ती ही नहीं होगी (uptet2011को ok करने वाले कैबिनेट डिसीजन में जूनियर के टेट प्रमाणपत्र को परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति हेतु अमान्य किया हुआ है ).....

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  10. 🇮🇳20 डिग्री में हमें ठंड लगनें लगती है..

    🇮🇳16 डिग्री में हम गर्म कपड़े पहनते हैं..

    🇮🇳12 डिग्री में हम मफलर आदी लगाते हैं..

    🇮🇳8 डिग्री में हम उसके बाद भी कंपनें लगते हैं.

    🇮🇳4/5 डिग्री में रजाई से बाहर नहीं निकलते..

    🇮🇳1/2 डिग्री में घरों में अलाव जलनें लगते हैं..

    🇮🇳0 डिग्री पर पानीं जम जाता है..

    🇮🇳-1/2 डिग्री पर हमारी जबान लड़खड़ानें लगती है..

    🇮🇳-5/8 डिग्री पर ...

    🇮🇳-10/12 डिग्री पर...

    🇮🇳-15/18 डिग्री पर सोचिये...

    🇮🇳-20 डिग्री पर सियाचीन में भारतीय सैनिक भारत
    की सीमाओं की रक्षा करते हैं....

    🇮🇳पूरी मुस्तैदी के साथ
    7-12 किलों की बंदूक और करीब 20 किलो की रसद
    अपनें कंधों पर उठाये... घुटनें तक बर्फ में -

    🇮🇳ताकी हम अपनीं स्वतंत्रता का आनंद उठा सकें...........
    ............... ...!!!!!!!!

    🇮🇳ताकी हम अपनें परिवारों के साथ क्रिकेट मैच का आनंद
    उठा सकें........... .!!!!!!!!!

    🇮🇳ताकी हमारे बच्चे शांती के साथ स्कूल जा सके....

    🇮🇳कृपया जरुर शेयर करे भारतीय सेना के लिए

    🇮🇳🇮🇳 कृपया भारतीय बने... I

    🇮🇳 अपने देश से प्यार करें

    🇮🇳 एक मेसेज उन जवानों के नाम. जो हमें नहीं जानते पर हमारे लिए जान दे देते हैं ....
    जय हिन्द

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  11. मोदी के आलोचक जवाब दें
    ***************************
    १- गर्मी के मौसम में मंहगाई या सब्जी की कीमत किस gov. में कम रही हैं?

    २-इराक में युद्ध चल रहा है और रेफिनारी को आग लगाई जा रही है आयल के रेट्स तो बढेंगे ही इसमें अजीब क्या है और मोदी gov इसमें क्या करे

    ३-मानसून कमजोर है तो क्या मानसून बीजेपी कार्यालय में मोदी बनाते हैं ?

    ४-आप लोग नहीं चाहते की रेलवे की स्थिति सुधरे भरी घाटे में हैं......क्या २० साल तक आप एक ही रेट पर अपने घर में किरायेदार को कमरा देते हैं

    राजनीति अपनी जगह होनी चाहिए और हम जनता को और खुले दिमाग और विवेक और ज्ञान और तथ्यों के आधार पर सोचना चाहिए तभी देश का भला हो सकता है कुछ कड़े फैश्ले gov. को करने ही पड़ेंगे और कम से कम २ साल तो डैमेज रिकवरी करने में लंगेगे और तब अगर अच्छे दिन न आये तब मोदी से सवाल करें

    ये मौसम ही महगाई का है इस समय हमेशा बढती है क्योंकि ये सब कुछ मानसून पर निर्भर है और ये गर्मी का मौसम है सब्जिओं का उत्पादन गर्मी में कितना होता है ..... ये सभी जानते हैं ..इसलिए मोदी को दोष देना बेकार है .................इस मौसम अभी तक टमाटर ४० रुपये किलो नहीं हुआ ..................अभी तक का इतिहाश उठाकर देख लेना पिछले साल यही टमाटर मैंने 80 रुपये खरीदा है ...........मोदी क्या करे जब मौसम ही मंहगाई का है ..........................और रही बात disal और पेट्रोल की तो इराक में युद्ध करने मोदी नहीं गए थे .................और अगर इराक के हालात ऐसे ही रहे तो मोदी क्या करे ...वो तो पूरे विश्व में कोई भी gov हो इस मंहगाई को कोई नहीं रोक सकता

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  12. शुभ-संध्या साथियों,
    आप सब को एक सुचना देनी है जो की शत -
    प्रतिशत सही है, अगर
    किसी साथी को कुछ गलत लगे वो स्पष्ट
    तर्कों से अपनी बात रखे, और कारण सहित
    अपनी बात कहे।
    सुचना -
    कोई कारण शेष नही रह गया है, कि 72825
    की भर्ती ना हो, भर्ती शत-प्रतिशत शुरू
    होने वाली है, अब ऐसा कोई भी पेंच
    नही है , जो अभी भी फंसा हो, अख़बार
    वालो की खबरों से परेशान होना अल्प
    बुद्धि का परिचय है, अत: इस बात
    को दिमाग से निकाल दे कि ये
    भर्ती नही होगी,
    कारण -
    हमारे पास सुप्रीम कोर्ट का आदेश है।
    जो अकाट्य है, अगर अंतरिम आदेश के बदलने
    की संभावना होती तो, सुप्रीम कोर्ट
    इतनी बड़ी भर्ती को पूरा करने का आदेश
    ना देकर यथा स्तिथि कायम रखती ,
    हमारे पद पहले से सर्जित है,
    शिक्षा मित्रो के पदों का सर्जन
    होना भी बाकि है, जिसकी अनुमति केंद्र
    सरकार से लेनी होगी । पद सर्जन के बाद
    ही कोई पद भरा जा सकता है ,
    बाकी जो हो रहा है , उसे समय चक्र समझ
    कर होने दो । व्यर्थ में खुद में नकारात्मक
    शक्तियों के संचार को ना होने दे, खुश रहने
    की कोशिश करे, ये सब अपने हर कदम पर हारे
    हुए लोग है , और आपको पता तो है
    ही कि *** हारे हुए व्यक्ति में खीज
    तो हो ही जाती है *** करने
    दो बेचारो को जो कर रहे है, बस मुस्कराते
    रहे।।।
    जय हो।।

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  13. जिन लोगों को कोर्ट की ताकत का अंदाजा न
    हो वह ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे
    का हश्र देख ले.......अब
    बातस्कैनिंग ,फीडिंग,मर्जिंग
    ,सिन्क्रोनाइजिन्ग
    का भ्रमजाल क्यो फैलाया गया बताने
    की आवश्यकता नही है...हमारा काम डिले
    क्यो है?...पर मोर्चा अब फुल प्रुफ प्लांनिंग
    के साथ हाइकोर्ट मे उतरने जा रहा है एक
    दिलचस्प जंग अब शुरु होने
    जा रही है...मित्रो सहयोग करना न
    भूले...अब बात अन्य सूचनाओ की..प्राप्त
    सूचनानुसार अभी मात्र 60 जिले
    का डेटा SCERT पहुँच चुका है शेष कब तक
    पहुँचेगे,कब तक डेटा आनलाइन होगा,कब
    तक करेक्शन होंगें और अन्त मे
    काउन्सिलिंग का सपना कब सच
    होगा....इतनी लम्बी और
    अधकचरी प्रक्रिया का अंतहीन
    सिलसिला कब थमेगा....पर यह स्पष्ट है
    कि सरकार ऐसे मानेगी नही जब तक सुप्रीम
    कोर्ट अवमानना को लेकर सख्त
    नही होगी....सरकार अपने 'ड्रिम प्रोजेक्ट
    (शिक्षा मित्र)को लेकर जितनी सजग है
    72825 को लेकर उतनी उदासीन...प्रिय
    मित्रों यह कहते हुए मै बहुत खुशी महसुस
    कर रहा हूँ कि अपना मोर्चा आज
    इतनी बडी ताकत बन चुका है जिससे उलझने
    की ताकत किसी मे
    नही है...बीटीसी वालो की गलती और अंतिम
    समय मे रणछोदास बनने का उदाहरण यह
    समझने के लिए पयार्प्त है कि लडने
    का माद्दा जो हमारे अंदर है वह कुव्वत
    किसी मे नही है...अब संगठन की ताकत एक
    बार फिर नया इतिहास रचने हाइकोर्ट के
    मदान मे उतर चुकी है...मै
    कहना तो नही चाहता था पर सचिवालय मे
    एक मंत्री ने कहा था हम अवमानना झेल लेंगे
    पर टेट मेरिट पर भर्ती नही करेंगे...मै इस
    मामले का अंतिम परिणाम
    की रोचकता का व्यग्रता से इतंजार कर
    रहा हूँ...जब दत्तू सर पूछेंगे
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    तेरा क्या ...

    ReplyDelete
  14. Good morning friends .. aaj sb log knha h bhai ........

    ReplyDelete
  15. Ab sab log samjh chuke h ki ...
    Akhilesh supreme court or high court ka baap....ban chuka h....
    To ab kya kiya ja sakta h...

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  16. Akhilesh kuchh bhi Lyon na kar lein HAMARA NARA HAI TET MERIT NAHI TO BHARTI BHI NAHI.JAY HANUMAAN JAY SHRI RAAM.

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  17. महंगा मोबाइल बेचने वाली सभी कंपनियो से
    निवेदन है :
    दस बीस रुपये बढा दो लेकिन चार्जर की तार
    लम्बी कर दो
    .
    . .
    .
    .
    पँ!वर पलग से चिपक के बैठना पडता हौ

    ReplyDelete
  18. पर्दा तो शर्म का ही काफी है,
    वरना इशारे तो
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    घूँघट में भी होते हैं.......

    ReplyDelete
  19. .Hindi and English jaisi World class language padne walo ko to naukari name mil rahi for ye...........................Kurdu..........warsi................khrabi..........kyo.

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