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Friday, April 13, 2012

UPTET : दो टीईटी अभ्यर्थियों की मौत पर शोक


UPTET : दो टीईटी अभ्यर्थियों की मौत पर शोक

जलाकर दी गई श्रद्धांजलि
देवरिया। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने वृहस्पतिवार की शाम छह बजे शहर के सुभाष चौक पर एक शोकसभा का आयोजन किया। जिसमें दो टीईटी अभ्यर्थियों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया।
टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति न होने से संतकबीरनगर जिले के अंगद चौरसिया और सहारनपुर के महेंद्र सिंह की मौत हो गई। अभ्यर्थियों का कहना है कि नियुक्ति न होने से अभ्यर्थी अवसाद में हैं। इसी के चलते दोनों अभ्यर्थियों की मृत्यु हुई है। शोकसभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने कहा कि टीईटी में अधिकतर लोग पास हुए हैं। मेरिट के आधार छटने वाले अभ्यर्थियों को इस मौका मिला है। इसके बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। इससे पूर्व सभी अभ्यर्थियों ने दो मिनट का मौन रख मृतकों को श्रद्धांजलि दी और उनकी याद में कैंडिल जलाया। शोकसभा में मुख्य रुप से विकास पांडेयरतेंद सिंहआनंद चौरसियाजयप्रकाश कुशवाहारघुवंश शुक्लादिलीप मौजूद रहे।


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बैठक 15 अप्रैल को
मऊ। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक 15 अप्रैल को सोनीधापा छात्रावास के निकट स्थित मैदान में बुलाई गई है। यह जानकारी संगठन के सर्वेश कुमारसुनील गावस्कर आदि ने दी।


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अपात्र अभ्यर्थियों को बाहर करे सरकार

टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में उठी मांग
बहराइच। छोटी बाजार में टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई। बैठक में टीईटी परीक्षा के परिणामों को निरस्त करने संबंधी सरकार की योजना का विरोध किया गया। बैठक में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने जांच कराकर अपात्र उम्मीदवारों को बाहर करने की बात कही।
संगठन के जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह हिंद ने कहा कि सरकार टीईटी परीक्षा को निरस्त करने पर विचार कर रही है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि यदि परीक्षा निरस्त की जाती है तो मामला कोर्ट में जाएगा और भर्ती प्रक्रिया लंबित हो जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सैकड़ों विद्यालय शिक्षकों के अभाव में बंद पड़े हैं। टीईटी अभ्यर्थियों की भर्ती न होने से शिक्षकों का अभाव बढ़ जाएगा। बैठक में उपस्थित टीईटी अभ्यर्थियों ने जांच कराकर अपात्रों को बाहर किये जाने तथा पूर्व सचिव संजय मोहन को दंडित किये जाने की मांग की।


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पूर्व विज्ञापन के आधार पर हो शिक्षकों की भर्ती
गोंडा। टीईटी बेरोजगार संघर्ष मोर्चा ने खाली पड़े प्राथमिक शिक्षकों के पदों पर पूर्ववर्ती विज्ञापन से ही भर्तीँ करने की मांग की है।
बीएड टीईटी बेरोजगार संघर्ष मोर्चा की गुरुवार को गांधी पार्क में हुई बैठक में मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार 21 दिन के भीतर बीएड टीईटी बेरोजगारों की समस्याओं का निराकरण नहीं करती है तो मजबूर होकर आन्दोलन की राह पर जाना पड़ेगा। इस मौके पर गयानाथ यादवसुरेश चौधरीदिलीप शर्माअमितएनके सिंहमुहम्मद अलीराजेश भाष्करचन्द्रशेखरदिवाकरराज बहादुरउमाशंकर तिवारी सहित अन्य मौजूद थे।
गांधी पार्क में बैठक करते टीईटी बेरोजगार संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी

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बैठक 16 को
रायबरेली। प्रशिक्षित स्नातक संघ की ओर से टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों की 16 अप्रैल को विकास भवन परिसर में बैठक होगी। यह जानकारी संघ के जिलाध्यक्ष करुणेंद्र मिश्र ने दी। उन्होंने बताया कि इसमें शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।

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एकेडमिक चयन प्रणाली का विरोध
शामली। शहर केटीईटी पास अभ्यर्थियों की बैठक में एकेडमिक आधार पर चयन प्रणाली का विरोध किया गया। अमित यादव ने कहा कि एकेडमिक चयन प्रणाली से अच्छी लिखित आधार पर मैरिट प्रणाली है। प्रीतिअंकितास्मिता शर्मानूरजहांराजशेखरअनुज बालियानसुरेंद्र नागरप्रमोद आदि रहे।

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अविलंब नियुक्ति की मांग
बिलरियागंज। शिवपार्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जलालपुर होलपुर के परिसर में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक हुई। दिनेश यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शासन से शैक्षणिक मेरिट के साथ टीईटी मेरिट को जोड़कर अविलंब नियुक्ति करने का मार्ग प्रशस्त किए जाने की मांग की। इस मौके पर सुभाष प्रसादराकेश मौर्यअनिल गुप्तादेवेंद्र दूबेरमाकांत यादवसेराज अहमदप्रदीप कुमारजितेंद्र प्रसादश्रवण यादवविजय प्रतापरामचंद्रमीरा पटेलसुनीता सिंह आदि उपस्थित थे

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सीएम को दी बधाई

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UPTET Allahabad Highcourt : Bad News For UPTET Candidates - Stay Furthur Extended upto 30th April 2012

UPTET Allahabad Highcourt : Bad News For UPTET Candidates - Stay Furthur Extended upto 30th April 2012

New Date for Hearing in Allahabad Highcourt is : 30th April 2012
See Case Details :
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 33

Case :- WRIT - A No. - 76039 of 2011

Petitioner :- Yadav Kapildev Lal Bahadur
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Alok Kumar Yadav,Rajesh Yadav
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S. Kushwaha

Hon'ble Arun Tandon,J.
In view of the order of the Division Bench of this Court dated 06.04.2012 passed in Appeal (Defective) No. 280 of 2012, let all these matters be listed as the first case at 2 PM under the heading of case for hearing on 30th April, 2012.
Interim order, if any, to continue till the next date of listing.
Order Date :- 13.4.2012
Shekhar


This is an UNCERTIFIED copy for information/reference. For authentic copy please refer to certified copy only. In case of any mistake, please bring it to the notice of Deputy Registrar(Copying).

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1795385
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What a coincidence , Allahabad highcourt decision comes after UP State Govt. decision (3 week time of UPTET matter investigated by UP Govt. )


सहायक अध्यापक भर्ती मामले में सुनवाई 30 अप्रैल को

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट में सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक पर सुनवाई अब 30 अपै्रल को होगी। यह मामला न्यायमूर्ति अरुण टण्डन की अदालत में चल रहा है।

मालूम हो कि सहायक अध्यापकों के भर्ती के लिए जारी विज्ञापन की वैधता को चुनौती दी गयी है। कहा गया कि जारी विज्ञापन को बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी किया है, जबकि विज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारी को विज्ञापन जारी करना चाहिये, क्योंकि बीएसए ही नियुक्ति प्राधिकारी है। न्यायालय ने पूर्व में ही स्थगन आदेश पारित किया था, यह विज्ञापन टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए थी।



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UPTET 2011 : Committee meets to probe anomalies in Teachers Eligibility Test


UPTET 2011 : Committee meets to probe anomalies in Teachers Eligibility Test on Wednesday : 13-Apr-2012


LUCKNOW: Following chief minister Akhilesh Yadav's orders, the high-level committee appointed to investigate the anomalies in the Teachers Eligibility Test (TET)- 2011 met on WednesdayChaired by Uttar Pradesh chief secretary Jawed Usmani, the closed-door meeting was also attended by principal secretary, Home, Rajendra Mohan Srivastava, principal secretary, law, Zakiullah Khan, director general of police, AC Sharma, secretary, secondary education, Pankaj Kumar and secretary, department of primary education, Sunil Kumar.

The meeting, sources said, was convened to take stock of the teachers' recruitment racket that rocked the state in November 2011. The committee was also made responsible for recommending, within 3 weeks, ways to solve the issue of the TET controversy, and present its views on whether the 2011 exam should be cancelled as a result of the anomalies that were discovered.

After the TET results were declared on November 26, last year, the state government discovered that money was collected from several unemployed persons by assuring them they would clear the TET. During a probe by the Special Task Force (STF) the police named as co-accused, Sanjay Mohan, who was then director of Uttar Pradesh Board of Secondary Education.

Mohan was subsequently arrested, after his role, in allegedly collecting money from candidates who appeared in the 2011 Teacher Eligibility Test, was confirmed. The money, the police said, was taken to facilitate candidates' selection.

In the first week of April, the CM had appointed the committee, asking it to consider the possibility of cancelling the results of the TET 2011. Objections, however, were raised by many persons who qualified the test, saying the wrongdoings'' of a few candidates and officers could not be used as reason to punish others.

After agitating in Lucknow for many days, a delegation of successful candidates also met CM Akhilesh Yadav.

News : Times of India (13.4.12)
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Thursday, April 12, 2012

Mr. Sudhir Tiwari (Blog Visitor ) drafted content related to UPTET for PIL information to Supreme Court

Mr. Sudhir Tiwari (Blog Visitor ) drafted content related to UPTET for PIL  information to Supreme Court

Dear Friends,

A draft was send to Blog Editor in respect of PIL(Public Interest Litigation) to be send to Supreme Court. Contents are as pasted below:

Honourable CJI,
Supreme Court of India, New delhi

Sub: PIL in respect of delay in recruitment of teaching staff in BASIC EDUCATION DEPARTMENT, Uttar Pradesh

References:

1. RTE (Right to Education) has been implemented in our Country and States/UTs have been instructed to follow the guidelines issued by NCTE (National Counsil for Teacher Eduaction) and Human Resource Department to ensure compulsory and free education to children age between 6-14 years.

2. To ensure quality of teaching staff, TET (Teacher eligibility test) has to be conducted by State Govt. and any person scoring at least 60% of the total marks are considered to be eligible to become a teacher. States/ UTs were authorized to provide reservation based of their policies.

Sir,

1. Based on above references it is brought to your kind information that Teacher Eligibility Test(UPTET-2011) was conducted by U P Govt. on 13 Nov 2011 and result was declared on 25 Nov 2011. Result was updated by Department several times on instruction of High Court, Allahabad as answer of some question were found wrong/ ambiguous. Aprox 11,50,000 candidates appeared in the test and 2,50,000 were declared successful in primary level.

2. Advertisement for filling 72,825 teaching staff in Primary Level was also published in various News papers during the month of Nov-2011 and application were invited for filling of these teaching posts.

3. Recruitment of teaching could not be taken place due to election in Uttar Pradesh and electoral code of conduct was implemented in state.

A writ was also submitted in High Court, Allahabad on 21/12/2011 by YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR questioning about validity of Advertisement to create obstacle in recruitment process. Writ is still pending in High Court, Allahabad.

Now, election is over, code of conduct is also over but recruitment process could not be started.

4. Each Candidate has spend Approx Rs. 10,000-12,000 in submission of Application including Demand Draft, photocopying of documents, Speed-post expenses etc and still they are facing the state of dilemma about their recruitment. They are facing extremely sorrowfulness since long and waiting for the recruitment process to be started.

5. Other than 2,50,000 candidates which are waiting for recruitment, the delay in recruitment will also affect Primary Education is the state. The future of approx 72,825X30 = 21,84,750 students ( 30 students is a class) is also on the stake.

6. There are approx 25,000 candidates which are on the edge of the competitive age i.e. 35 years.

Day by day news is coming - TET is going to cancel, Rules are going to change etc.,
We did each and every thing as per NCTE guideline and Government order, But now we are mentally depressed and facing problems.

7. Leaving children in hand of untrained teachers/ Shiksha Mitras will be not a wise idea when approx 2,50,000 trained, TET (Teacher Eligibility Test) qualified candidates waiting for their recruitment. 

8. Considering the bread and butter of 72,825 X 5 = 3,64,125( 5 members in a family approx) and future of approx 21,84,750 students age between 6-14 years, you are requested instruct High Court, Allahabad to clear the obstacles in recruitment process without further delay based on the original advertisement(without change) considering matter of mass interest.

Lets have a group efforts to correct/edit the draft. All willingly 


blog visitors are requested to put their view in respect of 


above draft. 





I have decided to post this PIL after hearing of court dated 16.4.2012. please comment.
By - Mr. Sudhir Tiwari

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Content /Article : Received Through Email By Blog Visitor Mr. Shyam Dev Mishra

Content /Article : Received Through Email By Blog Visitor Mr. Shyam Dev Mishra

There is one more good drafted matter related to PIL will also publish in my next post.

See content by Shyam Dev Mishra :


प्रेषक: Shyam Dev Mishra <shyamdevmishra@gmail.com>
दिनांक: 12 अप्रैल 2012 7:39 pm
विषय: Matter for publishng on Blog
प्रति: Muskan India <muskan24by7@gmail.com>


भाइयों  व बहनों, बड़े दुःख के साथ लिखना पड़ रहा है कि टी.ई.टी. और 72825 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती से सम्बंधित जानकारियों व परस्पर संवाद का यह मंच, यह अति-उपयोगी ब्लाग  पिछले कुछ दिनों से दिशाहीन बहस और अनर्गल आरोप-प्रत्यारोप का अड्डा बनता जा रहा है. हर खबर और पोस्ट की महत्ता को दरकिनार कर अकादमिक और टी.ई.टी. मेरिट पर बहस करने और एक-दूसरे के लिए भद्दी और सस्ती भाषा का प्रयोग दिखाता है कि भले ही ऐसा करने वाले लोग अकादमिक के आधार के पक्षधर हों या टी.ई.टी. मेरिट के, कम से कम शिक्षक के लिए जरुरी नैतिकता के पक्षधर नहीं लगते.
आज समस्या टी.ई.टी. या अकादमिक मेरिट की है ही नहीं. इन सब आधारों पर भर्ती रुकी है, ये आधारहीन ख़बरें केवल अख़बारों द्वारा बिक्री बढ़ाने के क्रम में भले फैलाई गईं हों, इनमे दम नहीं हैं. आज तक किस अधिकारी या मंत्री या मुख्यमंत्री ने कहा कि वो टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर भर्ती
करने को तैयार है या अकादमिक आधार पर भर्ती को तैयार है 
 इन विषयों पर भले ही लोग अपने हित को ध्यान में रखकर किसी आधार का समर्थन करें पर ये
बिना मतलब कि बहस है.  

मौजूदा स्थिति में दो ही मुद्दे बचे हैं.
पहला, मुद्दा है टी.ई.टी. पर लगे आरोप और सवालिया निशान तो  पिछली सरकार के हर काम-काज को संदेह की दृष्टि से देख रही वर्तमान सरकार पात्रता परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की व्यापकता को आंक कर इसको रद्द करने या न करने का मजबूत निर्णय लेना चाह रही है. अब अभ्यर्थियों को पता है कि वे ईमानदार हैं पर सरकार के पास जांच के अलावा क्या रास्ता है. 

मौजूदा परिस्थिति में कोई नतीजा आने तक आप मुख्यमंत्री को गलत नहीं कह सकते क्यूंकि उन्होंने स्वयं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित कर तीन हफ्ते में जाँच रिपोर्ट देने को कहा है.

दूसरा, तकनीकी आधार पर भर्ती पर लगी रोक तो इसका उद्देश्य निस्संदेह असफल उम्मीदवार द्वारा प्रक्रिया बाधित करना है पर यदि यह आधार कानूनी रूप से सही है तो सरकार को मजबूरन विज्ञापन में संशोधन करना होगा या नया विज्ञापन निकलना होगा.

अब ऐसी स्थिति में प्रश्न उठाया जा रहा है कि सरकार ऐसी स्थिति में चयन का आधार बदल सकती है. भले ही अभी तक सरकार ने स्पष्ट न कहा हो पर जनसामान्य का मत है कि समाजवादी पार्टी की मानसिकता वोट के चक्कर में quality (प्रतिभा, जो सामान्यतया कम ही होती है) पर quantity (अधिक से अधिक लोग, भले ही नाकारा) को प्राथमिकता देने की रही है और वह निस्संदेह
उचित-अनुचित का ध्यान रखे बिना ज्यादा, भले ही नाकारा, लोगों को खुश करने के लिए अध्यापक सेवा नियमावली, 1981 के 12 वें संशोधन को रद्द कर पुनः अकादमिक आधार पर मेरिट बना सकती है. 

यहाँ मैं टी.ई.टी. मेरिट पर चयन का पक्षधर व्यक्तिगत कारणों से नहीं, बल्कि एन.सी.टी.ई. के दिशानिर्देशोंकेंद्र सरकार के एजेंडे और भर्ती-प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व टी.ई.टी. मेरिट को भर्ती का आधार घोषित किये जाने की वजह से हूँ.

पर ऐसी स्थिति में सरकार चयन का आधार भले बदल दे अगर यह उसकी संवैधानिक शक्तियों के अंतर्गत है, पर इस खुद सरकार को पता है कि केंद्र से मिलने वाली सहायता के आधार पर हो रही इन भर्तियों के लिए अगर एन.सी.टी.ई. और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अनुमति लेनी है तो पहले तो एन.सी.टी.ई. द्वारा अध्यापकों की नियुक्ति के लिए टी.ई.टी. मेरिट की
सिफारिश और अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हाल ही में घोषित 10-सूत्रीय एजेंडे में टी.ई.टी. में प्रदर्शन के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति का स्पष्ट उल्लेख उसके इस मंसूबे या कदम में सबसे बड़ी बाधा होगी.

श्याम देव मिश्रा

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Right To Education A Fundamental Right : Supreme Court

Right To Education A Fundamental Right : Supreme Court


The Supreme Court has upheld the constitutional validity of the Right to Education Bill making it mandatory for private schools to reserve 25% seats for children of economically weaker sections of society.
The RTE judgement will come into effect from today and the court said prior admissions would not be affected.
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See also -  Quality Education (Teacher Eligibility Test ) to implement RTE  :
http://www.ncte-india.org/RTE%20(2011)0001.pdf
http://www.ncte-india.org/Norms/RTE-3.pdf
http://www.ncte-india.org/Norms/RTE-4.pdf
http://www.ncte-india.org/publicnotice/notice2011/Notification_qulifi_RTE_hindi_eng.pdf
http://www.ncte-india.org/Chairperson.pdf
http://www.ncte-india.org/pub/curr/curr.htm#214
http://www.ncte-india.org/appeal1/Orders%20of%202nd%20appeal%20meeting.pdf

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A bench comprising Chief Justice SH Kapadia and Justices KS Radhakrishnan and Swantanter Kumar, which had reserved its verdict on August 3 last year, upheld provisions of the law which made right to education a fundamental right of children in the age group of 6-14 years.

The RTE Act will be applicable for day schools and not for boarding schools. The RTE Act will also not be applicable in private minority schools.

The order was passed on a bunch of petitions by private unaided institutions which contended that the Act violates the rights of private educational institutions under Article 19(1)(g) which provided autonomy to private managements to run their institutions without governmental interference.

The Centre had defended the law saying it was aimed at uplifting the socially and economically weaker section of society.

The Centre had emphasised the need to de-link merit and talent from social and economic differences among different sections of society and said that the act calls for "moving towards composite classrooms with children from diverse backgrounds, rather than homogeneous and exclusivist schools".



FAQs on the Right To Education


New Delhi:  The Supreme Court today has said Right To Education is constitutionally valid and has made it clear that it will apply to all schools controlled by govt or local bodies. Here are some FAQs on this act.


What is the Right to Education Act? 
All children between the ages of 6 and 14 shall have the right to free and compulsory elementary education at a neighbourhood school. There is no direct (school fees) or indirect cost (uniforms, textbooks, mid-day meals, transportation) to be borne by the child or the parents to obtain elementary education. The government will provide schooling free-of-cost until a child's elementary education is completed.

What does this mean for schools across the country?
Right to Education Act, 2009, mandates 25 per cent free seats to the poor in government aided and private unaided schools uniformly across the country. However this will not be applicable to private minority institutions that get no aid from the government. Government schools will have no quota. These schools have to admit all.
Schools will have to implement the 25% reservation at the entry level of the school. States will have to bear the cost of this.

How will the poor students be selected?
Poor students from neighbourhood areas have to be admitted, based on a lottery system.

What are problems with the Act and its implementation? 
Many activists feel, that exempting private minority schools  from admitting poor students is the biggest drawback as many  private schools will exploit this. Bachpan Bachao Andolan, an NGO, conducted a study across 9 states last year to understand the impact of the Right to Education Act and discovered some disturbing trends.The names of a large number of students were enrolled but they were not in schools. Bodies which are to implement the Right to Education Act haven't even been set up in many states.


What happens if the RTE is not implemented by schools?
The National Commission for the Protection of Child Rights (NCPCR) can review the safeguards for rights provided under this Act, investigate complaints and have the powers of a civil court in trying cases.


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See Case Details of AIIMS in HighCourt of Delhi about NOT Cancelling Exam (Merely on apprehensions)


See Case Details of AIIMS in HighCourt of Delhi about NOT Cancelling Exam (Merely on apprehensions) 
 हाईकोर्ट -  सिर्फ डर की वजह से की बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है  से / कुछ आरोपों के कारण पूरी परीक्षा रद करना ठीक नहीं


N  THE  HIGH  COURT  OF  DELHI  AT  NEW  DELHI
+  W.P.(C) 638/2012 and CM 1375/2012
Decided on: 10th February, 2012
IN THE MATTER OF DR. PRASHANT DASS AND ORS.     ..... Petitioners
Through: Mr. O.P. Gulabani, Advocate
versus
UOI AND ORS.      ..... Respondents
Through: Mr. Asit Tiwari, Advocate for R-1/UOI. Mr. Mehmood Pracha, Advocate with Mr. Sumit
Babbar and Mr. Sahil Singh Chauhan, Advocates for  R-2/AIIMS.



CORAM
HON'BLE MS.JUSTICE HIMA KOHLI



HIMA KOHLI, J. (Oral)
1. The present petition is filed by five petitioners praying inter alia for quashing of the All India Post Graduate Medical Entrance Exxamination-2012 (in short ‘the ÁIPGMEE-2012), held simultaneously in 156 centres all 
over the country on 08.01.2012. The petitioners have also sought directions to respondent No.2/AIIMS to evolve a mechanism to prevent recurrence of such an incident of cheating in the entrance examination, which occurred in a Centre at Noida, as noted in the press clippings.
2. On  31.01.2012, counsel for respondent No.2/AIIMS had stated on instructions that a letter dated 24.01.2012 had been addressed by the Sub-Dean (Examination), AIIMS to the Director General, Directorate General of health Services, Ministry of Health and Family Welfare, Government of

India, stating  inter alia that the incident of cheating in respect of the All India Post Graduate Medical Entrance Examination-2012 held on 08.01.2012 was found to have occurred only at one examination centre situated at Noida and that the Centre Supervisor at  the said  centre had submitted a comprehensive report, which was in turn forwarded for investigation to the Crime Branch, Delhi Police.  The report of the investigation was awaited. In the report dated 10.01.2012 prepared by the Centre Supervisor at the Noida Examination Centre, a mention was made of three candidates from whose possession, some electronic gadgets were recovered by the police after investigation. Though  on the last date,  it was stated by the counsel for  respondent No.2/AIIMS that apart from the aforesaid stray incident that took place only in one centre at Noida and the examinations in all the remaining 155 examination centres were held peacefully and without any hindrance, respondent No.2/AIIMS was directed to file a brief affidavit in that regard.




3. An affidavit has been filed by respondent No.2/AIIMS on 08.02.2012, wherein it is stated that the entrance examination in all the centres all over the country had  commenced at 10 AM on 08.01.2012 and
that the examination went on smoothly at all centres except at  the  Noida centre situated at Vishwa Bharti Public School, Arun Vihar, Sector-28.  When the examination was in progress at the aforesaid centre, at about 10:20 AM, out of the two invigilators in the Noida centre, one invigilator had reported


that one candidate possessed a mobile phone, which was subsequently confiscated and handed over to the Centre Supervisor, who in turn informed the AIIMS examination control room about the incident.  At 11:30 AM on the same date, four officers from the Crime Branch, Delhi Police came to AIIMS with the scanned copy of the questions so as to verify  as to whether the questions in the scanned document matched with the original booklet of AIPGMEE-2012.  Upon scrutiny of the documents, it was observed that 2-3
pages of the question booklet appeared to have been scanned, which also contained the images of a ball pen that is supplied by AIIMS for use by the candidates appearing in the said examination.   Later on, it was revealed that the AIIMS representative, who was supervising the Noida Centre,  had deposited a seizure report of the mobile phone that had been seized from a candidate and the said phone was in turn handed over to the Crime branch officials, who  had  visited the centre later  on  and had apprehended the
candidate found to be cheating in the examination.   It is further averred in the affidavit that the Crime Branch, Delhi Police has interrogated the said candidate and two other candidates and some electronic gadgets were recovered    by the Crime Branch from all the three candidates. It is stated that the matter continues to remain under investigation of the Crime Branch, Delhi Police.




4. In view of the averments made in the aforesaid affidavit filed by respondent No.3/AIIMS, it is apparent that the incident of cheating is found to have occurred on 8.1.2012 only at one examination centre and that too in a centre which  was  situated at Noidawhere  a  mobile phone  is stated to have been recovered from one candidate and some electronic gadgets were recovered from two candidates.  Apart from the aforesaid incident, the AIPGMEE-2012  appears to have been conducted peacefully all over the remaining 155 examination centers.  A total number of 71,968 candidates are stated to have applied for  sitting in  the aforesaid examination and 69,069 candidates had actually appeared in the said examination.  It is also pertinent to note that the examination centre of none of the five petitioners herein was situated at Noida.  Rather,  upon inquiry, the Court is informed that  the centre from where petitioner No.1  had sat for taking his examination was located  at Rajouri Garden, that of petitioner No.2 was at JNU Centre, that of petitioner No.3 was at Vivek Vihar, that of petitioner No.4 was at Tagore Garden and that of petitioner No.5 was near Karkardooma Courts. 




5. Merely  an  apprehension expressed by the petitioners that they would suffer irreparable loss and injury in the event of a scam, which scam is  under  investigation by the Crime Branch,  Delhi Policecannot be considered as sufficient  ground for quashing  the AIPGMEE-2012 held on 08.01.2012 for 69,069 candidates all over the country. When the magnitude of the aforesaid incident is still unknown and the investigations are on, the present petition can only be termed as  one based on surmises and conjectures.  As a result, the present petition is  dismissed along with the pending application, as being premature and without any basis.



(HIMA  KOHLI)
JUDGE

FEBRUARY  10, 201

Info Source : http://lobis.nic.in/dhc/HK/judgement/18-02-2012/HK10022012CW6382012.pdf

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कुछ आरोपों के कारण पूरी परीक्षा रद करना ठीक नहीं


(AIIMS  : Due to some minor allegations/charges, It is not good to cancel entire Medical Examination)

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RTE : From Today onward , Education become Fundamental Right of Every Children

आज से शिक्षा हर बच्चे का मूल अधिकार
(RTE : From Today onward , Education become Fundamental Right of Every Children)

नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने राइट टु एजुकेशन कानून, 2009 ( शिक्षा का अधिकार ) को संवैधानिक रूप से वैध माना है। इससे देशभर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में गरीबों को 25% निशुल्क सीटें समान रूप से मिल सकेंगी। चीफ जस्टिस एस . एच . कपाड़िया , जस्टिस के . एस . राधाकृष्णन और जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने बहुमत से दिए फैसले में कहा कि कानून सरकारी और गैर-सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में समान रूप से लागू होगा। सरकारी सहायता नहीं लेने वाले प्राइवेट अल्पसंख्यक स्कूल ही इसके दायरे से बाहर होंगे

जस्टिस राधाकृष्णन ने इससे असहमति जताते हुए राय जाहिर की कि यह कानून उन गैर - सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों और अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू नहीं होगा , जो सरकार से कोई सहायता नहीं लेते। चीफ जस्टिस कपाड़िया और जस्टिस स्वतंत्र कुमार का फैसला जस्टिस राधाकृष्णन से अलग था। उन्होंने कहा कि कानून गैर - सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों पर भी लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसका फैसला आज से प्रभावी होगा। यानी पहले हुए दाखिलों पर यह लागू नहीं होगा


सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने पिछले साल 3 अगस्त को प्राइनेट स्कूलों द्वारा दाखिल याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इन याचिकाओं में कहा गया था कि शिक्षा का अधिकार कानून निजी शैक्षणिक संस्थानों को अनुच्छेद 19 (1) जी के अंतर्गत दिए गए अधिकारों का उल्लंघन करता है , जिसमें निजी प्रबंधकों को सरकार के दखल के बिना अपने संस्थान चलाने की स्वायतत्ता प्रदान की गई है। मामले में लंबे समय तक चली जिरह के दौरान केंद्र ने कानून के पक्ष में दलीलें देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। केंद्र ने जोर देकर कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों में योग्यता और प्रतिभा को सामाजिक और आर्थिक विभिन्नता से अलग रखा जाना चाहिए।

यह कानून संविधान में अनुच्छेद 21 ( ए ) के प्रावधान के जरिए तैयार किया गया था , जो कहता है कि सरकार छह से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करे। याचिकाओं में दलील दी गई थी कि शिक्षा का अधिकार कानून असंवैधानिक है और बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार कानून की धारा -3 गैर - सहायता प्राप्त निजी और अल्पसंख्यक संस्थानों पर एक अनिवार्य बाध्यता लगाती है कि वह दाखिला लेने के लिए आने वाले आसपास के हर बच्चे को बिना किसी चयन प्रक्रिया के दाखिला दे

News : Navbharat Times (12.4.12)

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UPTET : New Date for hearing : 16 April 2012 , regarding Stay on PRT Teachers Selection in UP

UPTET : New Date for hearing : 16 April 2012 , regarding Stay on PRT Teachers Selection in UP

  
Case Status - Allahabad
Description: http://allahabadhighcourt.in/image/blueline.gif
Pending
Writ - A : 76039 of 2011 [Varanasi]
Petitioner:
YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR
Respondent:
STATE OF U.P. & OTHERS
Counsel (Pet.):
ALOK KUMAR YADAV
Counsel (Res.):
C.S.C.
Category:
Service-Writ Petitions Relating To Primary Education (teaching Staff) (single Bench)-Appointment
Date of Filing:
21/12/2011
To Be Listed on:
16/04/2012 in Court No. 33
This is not an authentic/certified copy of the information regarding status of a case. Authentic/certified information may be obtained under Chapter VIII Rule 30 of Allahabad High Court Rules. Mistake, if any, may be brought to the notice of OSD (Computer).

 Case is waiting to list on 16-04-2012 in Court no. 33
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Still there are many hurdles and to make an end to all this a PIL supreme court can be a good option. 

There are 2 -ways for PIL in supreme court :
1. When matter of many candidates reach (though letter/post) to Supreme Court then it can be possible supreme court convert this matter into PIL/writ  in the interest of large public.

2. A direct PIL application through advocate / organization working for such matter. 
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UPTET : Government's Smart Move on TET Exam


टीईटी पर शासन की सधी चाल
(UPTET : Government's Smart Move on TET Exam )

लखनऊ, 11 अप्रैल (जागरण ब्यूरो) : मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने बुधवार को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और उससे जुड़ी 72,825 शिक्षकों की भर्ती से संबंधित पहलुओं पर प्रारंभिक चर्चा की। मुख्य सचिव ने समिति के सदस्यों से टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े नियम कायदे और इनमें बरती गईं विसंगतियों की जानकारी हासिल की।
 यह भी तय हुआ कि इस विषय पर चर्चा करने के लिए 18 अप्रैल को फिर बैठक बुलायी जाए। समिति को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी है। बैठक में मुख्य सचिव को टीईटी के संदर्भ में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना और प्रदेश में टीईटी के आयोजन के संदर्भ में राज्य सरकार के शासनादेशों से अवगत कराया गयाटीईटी के प्रश्नपत्र में कथित गड़बडि़यों को लेकर अभ्यर्थियों की दायर याचिकाओं और उन पर कोर्ट के निर्देश की भी उन्हें जानकारी दी गई। टीईटी के परीक्षा परिणामों में संशोधनों से भी उन्हें वाकिफ कराया गया। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने टीईटी के परीक्षा परिणाम में की गई धांधली और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन और कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में मुख्य सचिव को बताया। 

उन्होंने पुलिस विवेचना के तथ्यों से भी मुख्य सचिव को अवगत कराया। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि टीईटी और उससे जुड़ी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के बारे में जो भी निर्णय लेना है, उसके सभी पहलुओं पर और गंभीरता से विचार कर लिया जाए।


उन्होंने यह भी जानना चाहा कि यदि परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया जाता है तो उसके लिए पुख्ता आधार क्या होंगे। 


इस बात पर भी मंथन हुआ कि यदि नए सिरे से परीक्षा करानी पड़े तो सुधार के लिहाज से पुरानी प्रक्रिया में क्या संशोधन अपेक्षित होंगे।


 इस संभावना पर भी विचार विमर्श हुआ कि यदि टीईटी को निरस्त किया जाता है तो क्या अभ्यर्थी अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की अनुमानित संख्या पर भी चर्चा हुई। 

अफसरों ने इस पर भी चर्चा की कि टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की स्थिति में यदि सरकार को अदालत में अपने पक्ष का बचाव करना पड़ा तो कोर्ट में उसकी दलील क्या होगी। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव न्याय जेडयू खान, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसी शर्मा, सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार और सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।


News : Jagran ( 12.4.12)
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Unemployed Allownace / Training for 5th & 8th Class Pass Candidates , Huge Crowd collected in Lucknow


पांचवीं व आठवीं पास बेरोजगारों की कतार
(Unemployed Allownace / Training for 5th & 8th Class Pass Candidates , Huge Crowd collected in Lucknow )

लखनऊ, 11 अप्रैल (जागरण संवाददाता) : बेरोजगारी भत्ते की आस में लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में छह मार्च से बढ़ी भीड़ 31 मार्च को थम गई। आठ अप्रैल को प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग की ओर से पांचवीं व आठवीं पास पंजीकृत बेरोजगारों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर निजी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी देने का एलान क्या किया कि कार्यालय पर अचानक भीड़ बढ़ने लगी है। बेरोजगारी भत्ते के साथ नौकरी देने के सरकार के एलान के बाद बेरोजगारों में नौकरी पाने की आस बढ़ गई। नतीजा यह है कि सेवायोजन कार्यालय पर जो भीड़ थमने लगी है उसमें एक बार फिर इजाफा होने लगा है। बुधवार को एक बार फिर सुबह से ही कार्यालय में पांचवी व आठवीं पास बेरोजगारों की लंबी कतारें लग गई थीं। पंजीकरण के साथ ही नौकरी के लिए आवेदन पत्र जमा करने वालों की दिनभर लाइन लगी रही। देर शाम तक 989 बेरोजगारों ने पंजीयन कराया जबकि करीब 300 छात्रों ने नौकरी के लिए आवेदन पत्र जमा किए। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी पीके पुंडीर ने बताया कि राजधानी के अलावा अन्य जिलों के बेरोजगार भी आवेदन जमा कर रहे हैं। प्रदेश के किसी भी सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत पांचवीं व आठवीं पास बेरोजगार कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 19 अप्रैल है


News : Jagran (12.4.12)
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UPTET 2011 : HC asks UP to file counter-affidavit on official's bail plea


UPTET 2011 : HC asks UP to file counter-affidavit on official's bail plea

Allahabad, Apr 11 (PTI) The Allahabad High Court today asked the Uttar Pradesh government to file its counter- affidavit on a bail application of a former director of the Secondary Education department who has been in jail in connection with alleged irregularities in Teachers' Eligibility Test (TET) held last year. Justice S C Agrawal, while fixing April 23 as the next date of hearing on the bail application of Sanjay Mohan, asked the state government to file its counter-affidavit by that date. Mohan was arrested on February 7 in connection with alleged irregularities in TET which was held on November 13, 2011. He was suspended a day later.

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UPTET : Consensus NOT made to cancel UP TET Exam 2011


टीईटी निरस्त करने पर नहीं बनी सहमति 
(UPTET : Consensus NOT made to cancel UP TET Exam 2011 )

लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को निरस्त किया जाने पर निर्णय नहीं हो सका बैठक में यह तय किया गया कि रमाबाई नगर पुलिस कोे जांच के लिए टीईटी से संबंधित जो भी दस्तावेज की जरूरत हो, उसे उपलब्ध करा दिया जाएमुख्य सचिव इस संबंध में फिर 18 अप्रैल को बैठक करेंगे। बताया जाता है कि इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट को यदि आधार माना गया तो टीईटी को निरस्त करने की संस्तुति की जा सकती है।

बैठक में सबसे पहले रमाबाई नगर की पुलिस की ओर से इस संबंध में की गई जांच रिपोर्ट रखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक टीईटी में अंक बढ़ाने के लिए सुनियोजित तरीके से गिरोह बनाकर धांधली को अंजाम दिया गया। पुलिस को नई दिल्ली स्थित परीक्षा परिणाम बनाने वाली कंपनी एसके डेटा प्रिंटर के यहां छापेमारी के दौरान 4500 ऑसर शीट ऐसे मिले हैं जिसे फ्ल्यूड लगाकर अंक बढ़ाए गए हैं। जांच के दौरान धांधली के अन्य कई सुबूत भी मिले हैं। बैठक में तय किया गया कि टीईटी से जुड़े अन्य दस्तावेजों के साथ अधिकारियों को 18 अप्रैल को बुलाया जाए, इसके बाद कमेटी कोई निर्णय करेगी। 
गौरतलब है कि मायावती सरकार ने यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी आयोजित कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी थी। टीईटी रिजल्ट आने के बाद दिसंबर में अंक बढ़ाए जाने का खुलासा हुआ था। इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया था। टीईटी पास अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर इस संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस संबंध में न्याय संगत निर्णय किया जाएगा और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी थी

हाईकोर्ट में काउंटर लगाएगी सरकार
लखनऊ। टीईटी मामले में गिरफ्तार तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की जमानत पर हाईकोर्ट में 23 अप्रैल को सुनवाई है। सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई रिव्यू बैठक में तय किया गया कि विभाग इसके पहले अपना काउंटर दाखिल कर देगा


News : Amar Ujala (12.4.12)

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Wednesday, April 11, 2012

UPPSC : Discussion on Symmetry / Equal Chance in Examination / Test by Public Service Commissions


परीक्षा की समरूपता पर होगी चर्चा
(UPPSC : Discussion on Symmetry / Equal Chance in Examination / Test by Public Service Commissions)


National Conference on State Public Service Commissions of Various States in Standing Committee for Congruence / Equal Chance in Examination 

इलाहाबाद : राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों की स्टैंडिंग कमेटी की नेशनल कांफ्रेंस में गुरुवार को विभिन्न विषयों समेत परीक्षा की एकरूपता पर चर्चा होगी

मालूम हो कि संघ लोक सेवा आयोग के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भी पहली बार सीसैट के आधार पर परीक्षा करवाने जा रहा है। जबकि शेष कई राज्यों में अभी प्रारंभिक परीक्षा में भी सीसैट लागू नहीं है बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष केसी साहा, ओडीसा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष चिन्मय बासु, कर्नाटक लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष गोनल भीमप्पा, सिक्किम लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एमएल अरावतिया और राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. बीएम शर्मा और दिल्ली लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भी इसमें प्रतिभाग करेंगे। गोवा और महाराष्ट्र के अध्यक्षों को भी आना था लेकिन इस संबंध में पुष्टि नहीं हो सकी। मालूम हो कि बदली परिस्थितियों में लोक सेवा आयोगों के सामने पैदा हुई नई चुनौतियों पर विचार करने और लोक सेवा आयोग की भर्तियों में पारदर्शिता बढ़ाने पर इनमें चर्चा होगी। साथ ही आयोगों के कार्यशैली को उच्चतम गुणवत्ता की ओर निर्देशित करने के उपायों पर भी चर्चा होगी

News : Jagran (11.4.12)
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Rajasthan Highcourt Seeks Clarification from Rajastha State Government Advocate General


तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा पर प्रश्न 
(Rajasthan Highcourt Seeks Clarification from Rajasthan State Government Advocate General )

Grade 3rd / IIIrd Teachers Recruitment from RTET passed candidates -
जयपुर। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया तो मंगलवार को पूरी हो गई, मगर इस परीक्षा पर उठ रहे सवाल अब अदालत की चौखट तक जा पहुंचे। हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के बजाय जिला परिषद से कराने के मामले में महाधिवक्ता के जरिए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार जैन-प्रथम और न्यायाधीश मीना वी गोम्बर की खण्डपीठ ने दीपेन्द्र कुमार शर्मा व 61 अन्य की याचिका पर यह अंतरिम आदेश देते हुए सुनवाई 11 अप्रेल तक टाल दीप्रार्थीपक्ष के अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कोर्ट को बताया कि पंचायती राज कानून के तहत भर्ती संविधान के अनुच्छेद 14 के विपरीत है।


याचिका में यह दलीलें -
 जिला स्तर पर भर्ती होने से एक जिले में ज्यादा अंक लाने पर भी अभ्यर्थियों के नियुक्ति से वंचित होने के पूर्ण आसार हैं, क्योंकि इस भर्ती में पदों की संख्या जिलेवार तय की गई है। 
 अभ्यर्थियों को गृह जिला छोड़ दूसरों जिलों में जाना होगा, इसके बावजूद एक जिले के लिए परीक्षा दी जा सकेगी।
 भर्ती में राज्य सरकार को दखल का अधिकार भी रहेगा

विधायक ने दिया इस्तीफा
भर्ती आरपीएससी से करवाने की मांग पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। मांग उठाने वालों में सिर्फ विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के मंत्री भी थे। कांग्रेसी विधायक श्रवण कुमार ने विस अध्यक्ष को इस्तीफा भी सौंप दिया। हंगामा आधा घंटे चला और दोनों पक्षों ने शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा से जवाब देने की मांग की। कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार ने भर्ती परीक्षा जिला परिषदों से करवाने के फैसले के खिलाफ मंगलवार को सदन में विस अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया। स्पीकर ने इस बारे में कोई व्यवस्था नहीं दी। श्रवण कुमार बोले कि फैसले के खिलाफ युवाओं में रोष है।

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Article by - Dr. Bharat Mishra Prachee regarding new process of Teachers Recruitment Grade 3rd / IIIrd in RTET Rajasthan

शिक्षक भर्ती की नई प्रकिया के प्रति उभरता असंतोष ! – डॉ. भरत मिश्र प्राची
Article by - Dr. Bharat Mishra Prachee regarding new process of Teachers Recruitment Grade 3rd / IIIrd in Rajasthan )

राजस्थान प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर जिला परिषद के माध्यम से भर्ती कराने के सरकारी निर्णय के विरुद्ध में प्रदेश का बेरोजगार युवा वर्ग सड़क पर उतर आया है। जिला परिषद द्वारा भर्ती प्रक्रिया पर निष्पक्षता को लेकर उसके मन में कहीं न कहीं संदेह जरूर समाया है तभी वह इस भर्ती प्रक्रिया को राजस्थान लोक सेवा आयोग अर्थत आरपीएससी से कराने की मांग कर रहा है। इस तरह की मांग के पीछे जिला परिषद द्वारा आयोजित परीक्षा में अविश्वसनीयता का उभरता प्रश्न साफ – साफ नजर आ रहा है जहां उसे जिला परिषद की व्यवस्था प्रणाली पर विश्वास नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि जिला परिषद पर जन नेताओं का वर्चस्व सीधे तौर पर है, जहां वे अपने प्रभाव से अपने चहेतों को भर्ती कराने में सफल हो जायेंगे। जहां भर्ती प्रक्रिया में  लेनदेन का व्यापार भी तेजी से चलेगा, जिसे रोक पाना किसी के बुते की बात नहीं। इस तरह की व्यवस्था में राजनीति भी समा जाती है जो निष्पक्षता के मार्ग में अवरोध बनती है।  आयोग द्वारा संचालित व्यवस्था में इस तरह के परिवेश की कम गुंजाईश रहती है। इसी कारण आजकल आयोग द्वारा ली गई परीक्षा के बाद साक्षातकार प्रक्रिया को भी धीरे – धीरे हटाकर परीक्षा में आये अंक की बरिष्ठ सूची के आधार पर ही भर्ती की जा रही है। इस तरह की व्यवस्था प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाये जाने की दिशा में सकरात्मक कदम माना जा रहा है। जहां योग्यता को कुठित नहीं होना पडे

     वर्तमान समय में राज्य में जो भी भर्ती परीक्षा हो रही है सभी के सभी आयोग के माध्यम से ही हो रही है। जब से आयोग द्वारा परीक्षा आयोजन की प्रक्रिया शुरु हुई है तब से शिक्षक भर्ती परीक्षा भी इसी माध्यम से आज तक होती रही है। पूर्व में जब भी भर्ती प्रक्रिया जिला परिषद, ब्लाक एवं  पंचायत  स्तर पर होती रही है विवादाग्रस्त रही है। चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर तब भी सवाल उठते रहे है पर उस समय जागरूकता की कमी एवं रोजगार की पंक्ति में बेरोजगारों की आज जैसी भीड़ नहीं होने के कारण विवाद होते हुए भी विरोधी स्वर दब जाते रहे है।

        विधान सभा सत्र के दौरान तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जिला परिषद द्वारा न कराये जाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है । पक्ष – विपक्ष के विधायक  सरकार से जहां इस व्यवस्था पर अपना विरोध जताते हुए आयोग से परीक्षा कराने की मांग कर रहे है वहीं कुछ विधायक सरकार की इस व्यवस्था को सही ठहराने की भी वकालत कर रहे है। इस तरह के परिवेश निश्चित तौर पर सही निर्णय लेने की तटस्त भूमिका में बाधा बन सकते है। आज जरूरत है निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर इस तरह के ठोस कदम उठाने की,  जिससे भर्ती संबंधित हर प्रक्रिया निष्पक्ष हो सके एवं योग्यता को उचित सम्मान मिल सके।

        भर्ती परीक्षा के मुख्यतः दो आयाम लिखित एवं मौखिक ( साक्षातकार ) यहां निर्धारित है। लिखित में बनी मेरिट लिस्ट के आधार पर आवश्यक पदो के अनुपात में साक्षातकार में बुलाये जाने की प्रक्रिया रही है। साक्षात्कार प्रक्रिया पर जब उंगलियां उठने लगी तो मेरिट लिस्ट में आने में  को ही अंतिम रूप मानकर नियुक्ति देने की भी व्यवस्था शुरू कर दी गई है। कुछ दांव पेंच खेल लिखित में भी मेरिअ में आने की कोशिश करते रहे है पर साक्षात्कार की तरह आसान नही होता। आयोग का स्वरूप पूरे राज्य में एक जैसा है जहां लिखित परीक्षा में राजनीतिक पहल का वर्चस्व काम करना संव नहीं है पर जिला परिषद स्तर पर राजनीतिक पहल का परिवेश आसानी से उजागर हो सकता है जिससे परीक्षा में निष्पक्षता के प्रति अविश्वास उभरना स्वाभाविक है। यहीं कारण हे कि आयोग के बजाय जिला परिषद से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती कराने की प्रक्रिया का विरोध हो रहा है। सरकार जब सभी तरह की परीक्षा आयोग के माध्यम से ही करा रही है तो इस परीक्षा को भी आयोग द्वारा ही कराये जाने की व्यवस्था अमल में लानी चाहिए जिससे परीक्षा प्रक्रिया में विश्वसनीयता बनी रह सके। इस तरह की नई प्रक्रिया नहीं लानी चाहिए जिससे युवा वर्ग में असंतोष उभर सके।

डॉ. भरत मिश्र प्राची
- स्वतंत्र पत्रकार, डी – 9 , सेक्टर – 3ए ,खेतड़ी नगर – 333504 राजस्थान.
Email:-prachi120753@gmail.com
 Article Published in pravasiduniya.com

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RTET Rajasthan Highcourt :Why Grade 3rd / IIIrd Teacher Recruitment at District Level


 थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा जिला स्तर पर क्यों?


(RTET Rajasthan Highcourt :Why Grade 3rd / IIIrd Teacher Recruitment at District Level )


जयपुर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 राज्य स्तर पर कराने की बजाय जिला स्तर पर करवाए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से जवाब मांगा है। न्यायाधीश एन.के.जैन व मीना वी. गोम्बर की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश दीपेंद्र कुमार शर्मा व 61 अन्य की याचिका पर दिया। याचिका में तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 89 व 274 (1) के तहत जिला स्तर पर करवाने को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया।

याचिका में कहा कि जिला स्तर पर परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने पर भी अभ्यर्थी की नियुक्ति नहीं हो सकेगी, जबकि दूसरे जिले में कम अंक प्राप्त अभ्यर्थी नियुक्ति ले सकेगा। किसी जिले में कम पद हैं तो किसी में बहुत ज्यादा। झुंझुनूं में 20 पद हैं तो बाड़मेर व जैसलमेर में दो दो हजार से ज्यादा। परीक्षा जिलेवार कराने से मेरिट लिस्ट प्रभावित होगी। पंचायतीराज नियम 275 में जिले वार नियुक्ति के बाद भी राज्य सरकार को यह शक्ति है कि वह दूसरे जिले की मेरिट सूची के आधार पर नियुक्ति प्राप्त नहीं कर सके अभ्यर्थियों को किसी अन्य जिले में नियुक्त कर सकती है बशर्ते कि वहां पद खाली हों। याचिका में भर्ती परीक्षा राज्य स्तर पर कराने की गुहार की


News : Bhaskar (11.4.12)
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UPTET / ShikshaMitra : सीएम के आश्वासन से अनुदेशकों में जगी आस


UPTET / ShikshaMitra : सीएम के आश्वासन से अनुदेशकों में जगी आस


गौरा, प्रतापगढ़ : अनौपचारिक शिक्षा के अनुदेशकों में मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव के आश्वासन से एक बार फिर शिक्षक बनने की आस बलवती होने लगी है। स्कूल न जाने वाले 6 से 14 वर्ष के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दिलाने के लिए प्रत्येक गांव में अनौपचारिक शिक्षा योजना के जरिए अनुदेशकों की नियुक्ति की गई थी। उन्हें पठन-पाठन सामग्री के साथ प्रत्येक माह मानदेय भी दिया जाता था। यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा संचालित थी। वर्ष 2001 में यह योजना बंद कर दी गई। इस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का समायोजन तो कर लिया गया, लेकिन पर्यवेक्षकों व अनुदेशकों का समायोजन न होने से वे बेरोजगार रह गए। कई बार प्रशिक्षण व लंबे समय तक कार्य करने के नाते अनुदेशक पूर्णत: प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की बाट जोह रहे हैं। पूर्व में सपा सरकार में ही अनुदेशकों को प्रथम वरीयता के आधार पर ही शिक्षामित्रों के पदों पर तैनाती मिली, किन्तु सीटें सीमित होने से उम्रदराज होने वाले काफी अनुदेशक अभी भी बेरोजगार हैं। सूबे की बसपा सरकार में भी कई बार अनुदेशकों ने लखनऊ में धरना दिया। धरने में सपा नेता शिवपाल यादव व सांसद अखिलेश सिंह यादव से समस्याओं के निदान का आश्वासन मिला था। सपा सरकार बनने पर गत दिनों अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष चतुर्भुज सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला तो उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। गौरा ब्लाक में अनुदेशक संघ की बैठक में मुख्यमंत्री के आश्वासन की सराहना की गई। साथ ही 16 अप्रैल को लखनऊ कूच करने का निर्णय लिया गया। बैठक में ठाकुरद्दीन, दिलीप शर्मा, उदयशंकर मिश्र आदि मौजूद रहे।


News : Jagran (11.4.12)
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Sad News : Two UPTET Candidates Expired / ka Nidhan ho gaya

Sad News : Two UPTET Candidates Expired / ka Nidhan ho gaya


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a vry sad day for us...
khabar mili hai ki do uptet candidates..
angad chaurasiya ( sant kabir nagar)
sh. mahendra ( saharanpur)
ka aj nidhan ho gaya...
shokakul pariwar k sath hum sabhi uptetians ki samvednayen nd divangat aatmaon ko bhav bhini shradhanjali... plz share this news with evryone nd agle 5 min tk dont post nything on wall..

angad chaurasiya ki age 35+ thi....unke parents ki deth pahale hi ho chuki thi.....ab unke ghar me unki wife aur 3 bachhe hai...ye 3no bachhe under ten year hain.....ab inke dekh bhaal k liye koin nahi h....ye pariwaar bahut hi poor hai....angad chaurasia ne kisi tarah se udhaar lekar b.ed kiya tha...aur unke tet me 109 marks the....soch ki jab job mil jaayegi to mere baccho ka jeevan acche se kat...




मेरी  व  मेरे  ब्लॉग  की  तरफ     :- 
 दिवंगत  आत्माओं  को  भाव  भीनी  श्रद्धांजली 
और इश्वर से प्राथना है की शोकाकुल  परिवार  को इस  कठोर  घडी  को  सहने  की हिम्मत दे 


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UPTET : Highcourt seeks explanation from State Govt. as per request/writ petition of Sanjay Mohan

संजयमोहन की अर्जी पर जवाब तलब
(UPTET : Highcourt seeks explanation from State Govt. as per request/writ petition of Sanjay Mohan )

इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उप्र माध्यमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक संजय मोहन की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है और सुनवाई की तिथि 23 अप्रैल नियत की है। यह आदेश न्यायमूर्ति एससी अग्रवाल ने संजय मोहन की अर्जी पर दिया है। अर्जी पर प्रतिवाद मेवालाल शुक्ल एजीए ने किया। संजय मोहन पर आरोप है कि टीईटी घोटाले में मुख्य भूमिका था। छापे में 4 लाख 65 हजार नकद मिला तथा चार लड़कों की मार्कशीट बरामद हुई। अकबरपुर एसएचओ ने प्राथमिकी दर्ज कराई जिसमें ये नामजद नहीं थे। दौरान विवेचना नाम प्रकाश में आया।
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 51

Case :- CRIMINAL MISC. BAIL APPLICATION No. - 9055 of 2012 

Petitioner :- Sanjay Mohan
Respondent :- State Of U.P.
Petitioner Counsel :- Samit Gopal
Respondent Counsel :- Govt. Advocate

Hon'ble S.C. Agarwal,J.
Learned A.G.A. prays for and is granted 10 days' time for filing counter affidavit.
Put up on 23rd April, 2012 as fresh. 
Order Date :- 11.4.2012
Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1789891

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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 51

Case :- CRIMINAL MISC. BAIL APPLICATION No. - 9052 of 2012 

Petitioner :- Sanjay Mohan
Respondent :- State Of U.P.
Petitioner Counsel :- Samit Gopal,G.S. Chaturvedi
Respondent Counsel :- Govt. Advocate

Hon'ble S.C. Agarwal,J.
Learned A.G.A. prays for and is granted 10 days' time for filing counter affidavit.
Put up on 23rd April, 2012 as fresh.
Order Date :- 11.4.2012
Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1789885



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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 21

Case :- SPECIAL APPEAL No. - 647 of 2012

Petitioner :- Sanjay Mohan
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- P.N. Ojha,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.M. Nigam,Rahul Jain

Hon'ble R.K. Agrawal,J.
Hon'ble Vinay Kumar Mathur,J.
Connect with Special Appeal No. 644 of 2012.
Sri Rahul Jain, learned counsel appearing for respondents No. 5 & 6 raised a preliminary objection that the newly impleaded respondent No. 6 in the writ petition had not been arrayed as one of the respondents in the present appeal and, therefore, the appeal is not maintainable.
Sri Ashok Khare, learned senior counsel appearing on behalf of the appellant submitted that he had already served a copy of the memo of appeal along with other documents on Sri Pradeep Kumar, Advocate, who represents the newly impleaded respondent No. 6 in the writ petition and he be permitted to implead Dr. A.K. Dubey as respondent No. 7 in the array of parties.
Permission is granted.
Let Dr. A.K. Dubey be impleaded as respondent No. 7 in the array of parties.
The submission of Sri Khare, learned senior counsel that except for reffering various letters sent from the office of the Director of Education (Secondary), no role has been assigned to him and, therefore, the direction for lodging of a criminal complaint at this stage would not have arisen.
The matter requires consideration.
As an interim measure, direction in the impugned order passed by the learned single Judge insofar as it relates to registering of a criminal case against the present appellant shall remain stayed. 
Order Date :- 11.4.2012
AM/-

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1789994

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HTET is NOT compulsory in Teachers Recruitment

शिक्षक भर्ती में एच टेट जरूरी नहीं!
( HTET is NOT compulsory in Teachers Recruitment )

हिसार. प्रदेश के स्कूलों में नियमित नियुक्तियों की बाट जोह रहे उन उम्मीदवारों के लिए जोर का झटका है, जो पात्रता परीक्षा के दम पर भर्ती होना चाह रहे थे। हरियाणा स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड के जारी एक पत्र के अनुसार शिक्षक भर्ती के लिए ३१ मार्च २क्१२ तक चार वर्ष का शिक्षण अनुभव वाले उम्मीदवार भी योग्य होंगे। बस शर्त यह है कि उन्हें अप्रैल 2015 तक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। इस समाचार के बाद जहां गेस्ट टीचर और निजी स्कूलों में कार्यरत टीचर खुश है वहीं पात्र अध्यापक निराश। इससे पहले शिक्षक भर्ती में निर्धारित योग्यता के साथ-साथ अध्यापक पात्रता परीक्षा का पास होना जरूरी.


इस समाचार के बाद जहां गेस्ट टीचर और निजी स्कूलों में कार्यरत टीचर खुश है वहीं पात्र अध्यापक निराश। इससे पहले शिक्षक भर्ती में निर्धारित योग्यता के साथ-साथ अध्यापक पात्रता परीक्षा का पास होना जरूरी था। प्रदेश सरकार ने गेस्ट टीचरों को एकबारगी पात्रता परीक्षा में छूट देने का निर्णय लिया था। जिस पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी।


अब इस पत्र ने गेस्ट टीचरों के साथ-साथ उन टीचरों को भी राहत दे दी है, जो अब तक पात्रता परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं। बोर्ड द्वारा जारी किया पत्र सोमवार को विभिन्न शिक्षा ब्लॉग और एसएमएस ग्रुप में चर्चा का विषय बना रहा।



News : Bhaskar (11.4.12)

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