परीक्षा की समरूपता पर होगी चर्चा
(UPPSC : Discussion on Symmetry / Equal Chance in Examination / Test by Public Service Commissions)
National Conference on State Public Service Commissions of Various States in Standing Committee for Congruence / Equal Chance in Examination
इलाहाबाद : राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों की स्टैंडिंग कमेटी की नेशनल कांफ्रेंस में गुरुवार को विभिन्न विषयों समेत परीक्षा की एकरूपता पर चर्चा होगी।
मालूम हो कि संघ लोक सेवा आयोग के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भी पहली बार सीसैट के आधार पर परीक्षा करवाने जा रहा है। जबकि शेष कई राज्यों में अभी प्रारंभिक परीक्षा में भी सीसैट लागू नहीं है। बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष केसी साहा, ओडीसा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष चिन्मय बासु, कर्नाटक लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष गोनल भीमप्पा, सिक्किम लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एमएल अरावतिया और राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. बीएम शर्मा और दिल्ली लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भी इसमें प्रतिभाग करेंगे। गोवा और महाराष्ट्र के अध्यक्षों को भी आना था लेकिन इस संबंध में पुष्टि नहीं हो सकी। मालूम हो कि बदली परिस्थितियों में लोक सेवा आयोगों के सामने पैदा हुई नई चुनौतियों पर विचार करने और लोक सेवा आयोग की भर्तियों में पारदर्शिता बढ़ाने पर इनमें चर्चा होगी। साथ ही आयोगों के कार्यशैली को उच्चतम गुणवत्ता की ओर निर्देशित करने के उपायों पर भी चर्चा होगी
News : Jagran (11.4.12)
Dated :- 16/04/2012
ReplyDeleteCourt no. 33
64. DF 76039/2011 YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR ALOK KUMAR YADAV
RAJESH YADAV
Vs. STATE OF U.P. & OTHERS C.S.C.
K.S. KUSHWAHA
Case Status - Allahabad
ReplyDeletePending
Writ - A : 76039 of 2011 [Varanasi]
Petitioner: YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR
Respondent: STATE OF U.P. & OTHERS
Counsel (Pet.): ALOK KUMAR YADAV
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Service-Writ Petitions Relating To Primary Education (teaching Staff) (single Bench)-Appointment
Date of Filing: 21/12/2011
To Be Listed on: 16/04/2012 in Court No. 33
Mukhya sachiv ji is baat par manthan kar rahe hai ki tet nirast karne ke baad court me kya dalil/reason di jayegi.....
ReplyDeleteटीईटी पर शासन की सधी चाल
लखनऊ, 11 अप्रैल (जागरण ब्यूरो) : मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने बुधवार को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और उससे जुड़ी 72,825 शिक्षकों की भर्ती से संबंधित पहलुओं पर प्रारंभिक चर्चा की। मुख्य सचिव ने समिति के सदस्यों से टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े नियम कायदे और इनमें बरती गईं विसंगतियों की जानकारी हासिल की। यह भी तय हुआ किइस विषय पर चर्चा करने के लिए 18 अप्रैल को फिर बैठक बुलायी जाए। समिति को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी है। बैठक में मुख्य सचिव को टीईटी के संदर्भ में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना और प्रदेश में टीईटी के आयोजन के संदर्भ में राज्य सरकार के शासनादेशों से अवगत कराया गया। टीईटी के प्रश्नपत्र में कथित गड़बडि़यों को लेकर अभ्यर्थियों की दायर याचिकाओं और उन पर कोर्ट के निर्देश की भी उन्हें जानकारी दी गई। टीईटी के परीक्षा परिणामों में संशोधनों से भी उन्हें वाकिफ कराया गया। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने टीईटी के परीक्षा परिणाम में की गई धांधली और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन और कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में मुख्य सचिव को बताया। उन्होंने पुलिस विवेचना के तथ्यों से भी मुख्य सचिव को अवगत कराया। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि टीईटी और उससे जुड़ी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के बारे में जो भी निर्णय लेना है, उसके सभी पहलुओं पर और गंभीरता से विचार कर लिया जाए। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि यदि परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया जाता है तो उसके लिए पुख्ता आधार क्या होंगे। इस बात पर भी मंथन हुआ कि यदि नए सिरे से परीक्षा करानी पड़े तो सुधार के लिहाज से पुरानी प्रक्रिया में क्या संशोधन अपेक्षित होंगे। इस संभावना पर भी विचार विमर्श हुआ कि यदि टीईटी को निरस्त किया जाता है तोक्या अभ्यर्थी अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की अनुमानित संख्या पर भी चर्चा हुई। अफसरों ने इस पर भी चर्चा की कि टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करनेकी स्थिति में यदि सरकार को अदालत में अपने पक्ष काबचाव करना पड़ा तो कोर्ट में उसकी दलील क्या होगी। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव न्याय जेडयू खान, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसी शर्मा, सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार और सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/article/index.php?choice=show_article&location=37&Ep_relation=11&Ep_edition=2012-04-12&articleid=111737854471185880
Sharm aani chahiye govt.ko....sirf apne(sapa supporter) logon se kiye gaye wade(tet nirast hoga) ko poora karne ke liye 3 lakh logon ke bhavisya se khel rahi hai,
ReplyDeletesachiv ji is baat par charcha kar rahe hai ki tet nirast karne ke baad court me kya dalil di jayegi aur naye tet me kya kya kiya jaye ki aage koi pareshani na ho....unhe iska khayal hi nahi ki 3 lakh logon ki kya galati hai aur unhe saja kyo di jaye....
Tet par nahi bani sehmati.ab 18 aprl ko hogi meeting.
ReplyDeleteTet par nahi bani sehmati.ab 18 aprl ko hogi meeting.
ReplyDeleteSk data printer,new delhi ne 4500 candidate ke answer sheet me fluid lagakar ank badhaye
ReplyDeleteटीईटी निरस्त करने पर नहीं बनी सहमति
टीईटी निरस्त करने पर नहीं बनी सहमति
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता मेंबुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिक्षकपात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को निरस्त किया जाने पर निर्णय नहीं हो सका। बैठक में यह तय किया गया कि रमाबाई नगर पुलिस कोे जांच के लिए टीईटी से संबंधित जो भी दस्तावेज की जरूरत हो, उसे उपलब्ध करा दिया जाए। मुख्य सचिवइस संबंध में फिर 18 अप्रैल को बैठक करेंगे। बताया जाता है कि इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट कोयदि आधार माना गया तो टीईटी को निरस्त करने की संस्तुति की जा सकती है।
बैठक में सबसे पहले रमाबाई नगर की पुलिस की ओर से इस संबंध में की गई जांच रिपोर्ट रखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक टीईटीमें अंक बढ़ाने के लिए सुनियोजित तरीके से गिरोहबनाकर धांधली को अंजाम दिया गया। पुलिस को नई दिल्ली स्थित परीक्षा परिणाम बनाने वाली कंपनी एसके डेटा प्रिंटर के यहां छापेमारी के दौरान 4500 ऑसर शीट ऐसे मिले हैं जिसे फ्ल्यूड लगाकर अंक बढ़ाए गए हैं। जांच के दौरान धांधली के अन्य कई सुबूत भी मिले हैं। बैठक में तय किया गया कि टीईटी से जुड़े अन्य दस्तावेजों के साथ अधिकारियों को 18 अप्रैलको बुलाया जाए, इसके बाद कमेटी कोई निर्णय करेगी।
गौरतलब है कि मायावती सरकार ने यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी आयोजित कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी थी। टीईटी रिजल्ट आने के बाद दिसंबर में अंक बढ़ाए जाने का खुलासा हुआ था। इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार करलिया था। टीईटी पास अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर इस संबंध में निर्णय लेने काअनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस संबंध में न्याय संगत निर्णय किया जाएगा और मुख्य सचिवकी अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी थी।
हाईकोर्ट में काउंटर लगाएगी सरकार
लखनऊ। टीईटी मामले में गिरफ्तार तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की जमानत पर हाईकोर्ट में 23 अप्रैल को सुनवाई है। सचिव बेसिकशिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई रिव्यू बैठक में तय किया गया कि विभाग इसके पहले अपना काउंटर दाखिल कर देगा।
लखनऊ, 11 अप्रैल (जागरण ब्यूरो) : मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने बुधवार को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और उससे जुड़ी 72,825 शिक्षकों की भर्ती से संबंधित पहलुओं पर प्रारंभिक चर्चा की। मुख्य सचिव ने समिति के सदस्यों से टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े नियम कायदे और इनमें बरती गईं विसंगतियों की जानकारी हासिल की। यह भी तय हुआ कि इस विषय पर चर्चा करने के लिए 18 अप्रैल को फिर बैठक बुलायी जाए। समिति को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी है। बैठक में मुख्य सचिव को टीईटी के संदर्भ में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना और प्रदेश में टीईटी के आयोजन के संदर्भ में राज्य सरकार के शासनादेशों से अवगत कराया गया। टीईटी के प्रश्नपत्र में कथित गड़बडि़यों को लेकर अभ्यर्थियों की दायर याचिकाओं और उन पर कोर्ट के निर्देश की भी उन्हें जानकारी दी गई। टीईटी के परीक्षा परिणामों में संशोधनों से भी उन्हें वाकिफ कराया गया। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने टीईटी के परीक्षा परिणाम में की गई धांधली और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन और कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में मुख्य सचिव को बताया। उन्होंने पुलिस विवेचना के तथ्यों से भी मुख्य सचिव को अवगत कराया। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि टीईटी और उससे जुड़ी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के बारे में जो भी निर्णय लेना है, उसके सभी पहलुओं पर और गंभीरता से विचार कर लिया जाए। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि यदि परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया जाता है तो उसके लिए पुख्ता आधार क्या होंगे। इस बात पर भी मंथन हुआ कि यदि नए सिरे से परीक्षा करानी पड़े तो सुधार के लिहाज से पुरानी प्रक्रिया में क्या संशोधन अपेक्षित होंगे। इस संभावना पर भी विचार विमर्श हुआ कि यदि टीईटी को निरस्त किया जाता है तो क्या अभ्यर्थी अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की अनुमानित संख्या पर भी चर्चा हुई। अफसरों ने इस पर भी चर्चा की कि टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की स्थिति में यदि सरकार को अदालत में अपने पक्ष का बचाव करना पड़ा तो कोर्ट में उसकी दलील क्या होगी। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव न्याय जेडयू खान, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसी शर्मा, सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार और सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
ReplyDeleteबेसिक शिक्षा पर खर्च होंगे 15 हजार करोड़
ReplyDelete•शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। यूपी में 6 से 14 वर्ष तक बच्चों को शिक्षित करने के लिए 15 हजार 705 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 6 हजार 297 करोड़ रुपये अधिक का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पिछले वर्ष 9 हजार 408 करोड़ रुपये का बजट था। सर्व शिक्षा अभियान राज्य परियोजना निदेशालय द्वारा तैयार इस बजट को गुरुवार को मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में होने वाली सर्व शिक्षा अभियान कार्यकारिणी समिति की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इसके बाद इसे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक 1155 नए प्राइमरी और 116 उच्च प्राइमरी स्कूल तथा गरीब व बेसहारा बच्चों के लिए 70 नए आवासीय स्कूल खोले जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें 1.59 लाख नए शिक्षकों के वेतन का प्रावधान किया गया है।
यूपी में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के चलते बजट वित्तीय वर्ष 2011-12 से इस वर्ष 9408 करोड़ से बढ़कर 15705 करोड़ रुपये हो गया है। प्रस्ताव में प्राइमरी स्कूलों में 1.59 लाख नए सहायक अध्यापक के लिए छह माह का वेतन देने के लिए 3698 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी तरह जरूरत के आधार पर गणित, विज्ञान व भाषा के शिक्षकों के लिए वेतन का प्रावधान किया गया है। नए वित्तीय वर्ष में 1155 नए प्राइमरी स्कूल, 116 उच्च प्राइमरी और 70 नए आवासीय खोलने का प्रावधान किया गया है।
मिड-डे-मील का बजट बढ़ा
प्रस्ताव में किया गया प्रावधान
शिक्षक व शिक्षा मित्र मानदेय 11409.18 करोड़, निर्माण कार्य 1455.60 करोड़, नि:शुल्क यूनिफार्म 720.41 करोड़, प्रबंधन एवं गुणवत्ता 291.71 करोड़, ब्लॉक संसाधन केंद्र 285.83 करोड़, मुफ्त पाठ्य पुस्तक 136.55 करोड़, मेंटीनेंस ग्रांट 112.11 करोड़, स्कूल ग्रांट 94.44 करोड़, समेकित शिक्षा 391.72 करोड़, शिक्षक व शिक्षा मित्र प्रशिक्षण 190.62 करोड़, इनोवेटिव एक्टिविटीज 18.14 करोड़, न्याय पंचायत संसाधन केंद्र 22.27 करोड़, शिक्षक ग्रांट 24.67 करोड़, आउट ऑफ स्कूल बच्चों को प्रशिक्षण 44.19 करोड़, शोध अनुश्रवण एवं मूल्यांकन 16.78 करोड़, सामुदायिक सहभागिता 23.69 करोड़, बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा 5.48 करोड़, कंप्यूटर लर्निंग 37.50 करोड़, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के लिए 235.10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
•खुलेंगे 1155 नए प्राइमरी व 116 उच्च प्राइमरी स्कूल
•गरीब बच्चों के लिए खोले जाएंगे 70 आवासीय स्कूल
•1.59 लाख नए शिक्षकों के छह माह के वेतन का प्रावधान
•मुख्य सचिव आज बैठक कर प्रस्ताव को देंगे मंजूरी
टीईटी निरस्त करने पर नहीं बनी सहमति
ReplyDelete•
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को निरस्त किया जाने पर निर्णय नहीं हो सका। बैठक में यह तय किया गया कि रमाबाई नगर पुलिस कोे जांच के लिए टीईटी से संबंधित जो भी दस्तावेज की जरूरत हो, उसे उपलब्ध करा दिया जाए। मुख्य सचिव इस संबंध में फिर 18 अप्रैल को बैठक करेंगे। बताया जाता है कि इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट को यदि आधार माना गया तो टीईटी को निरस्त करने की संस्तुति की जा सकती है।
बैठक में सबसे पहले रमाबाई नगर की पुलिस की ओर से इस संबंध में की गई जांच रिपोर्ट रखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक टीईटी में अंक बढ़ाने के लिए सुनियोजित तरीके से गिरोह बनाकर धांधली को अंजाम दिया गया। पुलिस को नई दिल्ली स्थित परीक्षा परिणाम बनाने वाली कंपनी एसके डेटा प्रिंटर के यहां छापेमारी के दौरान 4500 ऑसर शीट ऐसे मिले हैं जिसे फ्ल्यूड लगाकर अंक बढ़ाए गए हैं। जांच के दौरान धांधली के अन्य कई सुबूत भी मिले हैं। बैठक में तय किया गया कि टीईटी से जुड़े अन्य दस्तावेजों के साथ अधिकारियों को 18 अप्रैल को बुलाया जाए, इसके बाद कमेटी कोई निर्णय करेगी।
गौरतलब है कि मायावती सरकार ने यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी आयोजित कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी थी। टीईटी रिजल्ट आने के बाद दिसंबर में अंक बढ़ाए जाने का खुलासा हुआ था। इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया था। टीईटी पास अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर इस संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस संबंध में न्याय संगत निर्णय किया जाएगा और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी थी।
Jb police k pas 4500 aise logo ki suchna hai to un par f.i.r. darj kar arrest kyu nahi kiya jata. Jb list hai evidence hai to aise logo ko bahar karke bharti ki jaye.
ReplyDeleteHI
ReplyDeleteTet ko bachana ka prayas govt. Nahi kar rahi hai, balki ye prayas kiya ja raha hai ki tet ko radd kaise kiya jaye, aur court me kya dalil di jaye. Kya ye commette dikhave k liye bani thi.
ReplyDelete@ ALL TETIANS
ReplyDeleteapp log kis baat ka intzar kar rahe hain?
jitna jaldi ho sake utna jaldi hume SC me apna paksh rakhna chahiye,
apne haq k liye kisi invitation ki jarurt hai apko?
sarkar apna fayda dekhegi humara nhi,,,,,,,,,,
"kisi k liye apne liye to karo"
DOSTON MUJHE YEH BATAO K KARE KOI AUR BHARE KOI.. HUM SAB YEH ACHHI YTARAH SE JANTE HAI K HUM SAB NE TET KAISE PASSS KIYA HAI.. JIN LOGON NE GADBAD KIYA HAI UNKO SAZA MILE SABKO NAHI.. AGER GOVT DOBARA EXAM KAREAYEGI TO EXAM TO BAAD ME DUNGA PEHLE EK CASE FILE KAROONGA CHAHE MUJE KUCH BHI KERNA PADE... FRNDS WAISE BHI AGER HUN BTC2001 KA BATCH DEKHEN TO COURT NE BHI NIRDOSHON KE FAVER ME DECISION DIYA THA... MUJHE SIRF YEH KEHNA HAI K HAMARE LEADERS KO BINA WAIT KIYE SC JANA CHAIYE.. WARNA BAHOT DER HO JAYEGII................
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