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Tuesday, February 12, 2013

UPTET : 150 अंकों की परीक्षा, चार डिग्रियां बेकार


UPTET : 150 अंकों की परीक्षा, चार डिग्रियां बेकार


कानपुर, 29 नवंबर (जाका) : 150 अंकों की वस्तुनिष्ठ परीक्षा। नकल के चलते कुछ केंद्रों की परीक्षा दोबारा। 

परीक्षा में पूछे गए सवालों पर यूपी बोर्ड द्वारा जारी उत्तरों में बार-बार बदलाव। ऐसी शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को नियुक्ति परीक्षा का दर्जा देकर मेरिट के जरिए सीधे नियुक्ति करने के कथित फैसले को लेकर पूरे प्रदेश में सवाल उठाए जा रहे हैं।

 कहा जा रहा है अगर ऐसा हुआ तो अभ्यर्थियों की चार डिग्रियों के परिणाम बेमानी हो जाएंगे। इस हाल में कई अभ्यर्थी न्यायालय जाने की तैयारी में हैं। इससे शिक्षक चयन प्रक्रिया रुक भी सकती है। प्रदेश में लगभग 7,3000 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।

 नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियमलागू होने से सरकार इन पदों को जल्दी ही भर देना चाहती है। इसी के चलते शासन की ओर से टीईटी की मेरिट से सीधे नियुक्ति देने की बात कही थी। टीईटी का परिणाम आने के साथ ही इस पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। 

दरअसल परिणाम आने पर ऐसे अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या निकली है जिनकी अर्हता परीक्षाओं में रैंक तो बहुत अच्छी है परंतु टीईटी में रैंक पिछड़ गई है। वे चाहते हैं कि विशिष्ट बीटीसी की तरह ही शिक्षकों की नियुक्तियां हों।

 सवाल पूछते हैं जवाब
 1. टीईटी शिक्षक पात्रता तय करने वाली परीक्षा है, न कि शिक्षक पद पर नियुक्ति की परीक्षा। जैसे नेट डिग्री शिक्षक होने की पात्रता तय करता है, न किअभ्यर्थी की मेरिट से नियुक्ति का अधिकार देता है। 

2. एक ही जैसी परीक्षा से डिग्री, माध्यमिक व प्राथमिक की नियुक्ति प्रक्रियाअलग-अलग कैसे हो सकती है? 

3. यूपी बोर्ड द्वाराकरायी गयी टीईटी की मेरिट के आगे उसी की हाईस्कूल व इंटरमीडिएटपरीक्षा तथा स्नातक व बीएड परीक्षा के प्राप्तांकों का कोई मतलब नहीं रहेगा? इन डिग्रियों को कैसे नकारा जा सकता है? 

4. कुछ केंद्रों की टीईटी परीक्षा निरस्त करने से संकेत मिलता है कि प्रदेश मेंकई और केंद्रों पर भी नकल हो सकती है। ऐसे में जिस मेरिट से सीधे नौकरी देने की कवायद हो रही है वह कितनी विश्वसनीय है?

5. जब केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय टीईटी मेरिट से नियुक्ति नहीं दे रहे हैं? तो राज्य यह व्यवस्था कैसे लागू कर सकते है?

 6. सिर्फ टीईटी के माध्यम से ही नियुक्ति देने से क्या बीटीसी प्रशिक्षण का महत्व खत्म नहीं हो जाएगा? 

7. जब टीईटी के विज्ञापन में नियुक्ति प्रक्रिया प्रकाशित नहीं की गयी थी तो उसे नियुक्ति का विज्ञापन कैसे माना जा सकता है? पात्रता परीक्षा नियुक्ति के लिए पात्र बनाती है न कि दावेदार। नियुक्ति प्रक्रिया अलग से होनी चाहिए। मेरिट में पूर्ववर्ती परीक्षाओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। 

- ओम प्रकाश शर्मा, नेता विधायक दल, विधान परिषद केवल टीईटी की मेरिट को नियुक्ति का आधार बनाना ठीक नहीं है। इसकी मेरिट के वेटेज अंक दिये जाने चाहिए। नियुक्ति प्रक्रिया समग्रता से तय होनी चाहिए। - अमरनाथ सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडे गुट)

News Source : Jagran (12.2.2013)
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Har abhyrthee ke apne tark hain, mene kafee samay se blog par dekhaa ki jis abhrthee ko jahan lag rahaa hai vhe vaisee hee merit chah rahaa hai, 

magar sabse badaa prashn ye hai ki TET pariksha sabhee ke leeye ek samaan avsar thee, aur jisne Mehnat se pariksha pass kee uskaa kya.

Us pariksha dene vale ke pass us samay apne anusaar merit kee maang karna ka koee option thaa kya, ye to us samay kee Rajya Sarkar ne nirdharit kiyaa thaa

Hindustan mein har organzation kee bhrtee prkriya alag alag hotee hai - Koee exam se bhrtee hai, koee exam+ interview se, koee see interview se bhee bhrtee hai. Dakshin mein Tamilnadu ityadi mein Employment Exchange mein registration date kee seniority se bhee bharee jatee hai.

Prashn 1 ghante ya 2 ghante ke exam ka nahin, Kyonki kaee bhrtee ke interview sirf 10 -15 minute ke hote hain

Halanki Acad. se bhee bhrteeyan hote aaye hain aur is par UP Board ke chhatr kehte aaye ki unko CBSE Board vaalon se pichadnaa padtaa hai, lekin vo bhrtee poorv mein ho chukee to kyaa Ab unko bhrtee se nikaal kar koee nayee vyavasthaa ki jaa saktee hai. Shayad nahin

Aur yahee kaaran hai kee - Maamlaa pecheeda hotaa jaa rahaa hai

Acad. vale bhee apnee jaghe sahee ho sakte hain ki unhone 4 degrees mehnat se praapt kee, lekin kya 
ham apnee degrees ke bal par kisee ko niyukti se hata kar apna sthaan kar sakte hain.

Jaraa Socheeye aur Apne Aap ko Un Candidates kee jaghe rakheeye Jinhone Pariksha Mehnat se Utteern Kee  Lekin Kisee aur kee dhandhlee se unko bhrtee se vanchit honaa pad rahaa hai


Halaanki ab saaraa MAAMLA NYAYALAY Va SARKAAR Ke HAATH mein Hai Ya ab keh Sakte hain  Ki Nyayalay ka Jo bhee Feslaa Aaye usko Samman Den, 

FILHAAL VARTMAAN NIYUKTI PRAKRIYAA Ke Viruddd AISAA KUCH AADESH NAHIN AAYAA HAI KI VE PARESHAAN HON.
(Agar mein galat hoon to us aadesh ko aap comment ke madhyam se bata den, blog par daal deeya jayegaa)

AFVAHON PAR DHYAAN NA DEN , AUR JAB TAK FESLAA APNEE AAKHON SE NA DEKH LEN, PARESHAAN NA HON.

Fir bhee Agar Aapko Lagtaa Hai Ki Kuch GALAT HO RAHAA HAI, To NYAYALAY KA DARWAJA KHULA HAI. APNEE SAMSYAA NYAYALAY KE SAAMNE RAKHEN

HALANKI SARKAR PEHLE SE HEE ACAD. SE VARMAAN NIYUKTI KE LEEYE PAKHSH RAKH RAHEE HAI.

DHANYWAAD.


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UPTET : टीईटी: पूर्व निदेशक ने अपने रुपये पर किया क्लेम


UPTET : टीईटी: पूर्व निदेशक ने अपने रुपये पर किया क्लेम


कानपुर: पुलिस ने टीईटी मामले में 96,22,150 रुपये बरामद किए थे उनमें से 4,86,900 रुपये हमारे थे। ये रुपये हमारे पक्ष में रिलीज कर दिए जाए।

यह बात मंगलवार को अदालत में माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक की ओर से दी गई अर्जी में कही गई है। देहात जिला जज धर्मवीर सिंह ने इसे वक्त से पहले दी गई अर्जी बताते हुए दाखिल दस्तावेज करने के आदेश दिए है। मामले में दूसरे आरोपी ने भी अपना पक्ष रखने की अर्जी दी है। अब सुनवाई गुरुवार को होगी



News Source : Jagran (Updated on: Tue, 12 Feb 2013 07:41 PM (IST))
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धांधली हुई या धोखा धडी हुई या फिर धांधली से किन  लोगो ने परीक्षा उत्तीर्ण की , कितनो ने मेरिट में आने के लिये अंक बढ़ वाये 
यह टीईटी अभ्यर्थीयों के बीच चर्चा का विषय है 
और कुछ  लोगो का कहना है की ज्यादा से ज्यादा धोखा  धडी हुई होगी न की परीक्षा  के अंक बद्वाये होंगे अन्यथा ऐसे अभ्यर्थीयों का नाम सामने आ चुका  होता (जैसा की काफी समय बीत चुका है )

कुछ का कहना है की धांधली वालों को निकालना जटिल होगा क्योंकि अब काफी समय व्यतीत हो गया है 
और सरकार ने ऐसी धांधली न्यून करने' के लिये  टीईटी  परीक्षा को पात्रता में बदला तो इसके जवाब में लोग कह रहे हैं की 
जिन लोगो ने मेहनत  से परीक्षा उत्तीर्ण और उनका कोई दोष भी नहीं था तो उनको क्यों सजा मिले 

कुछ लोगो का कहना है कि ओ एम् आर शीट पर सफेदा करके कुछ धांधली से नम्बर बड़े हैं ,
तो इसके जवाब में कुछ लोग कहते हैं की ओ एम् आर शीट की तीन कार्बन कोपी किसलिए कराई गयी थी ।

शायद  अब लम्बे वक्त से भर्ती का इन्तजार ख़त्म हो और  सरकार व न्यायलय अभ्यर्थीयों की समस्या शीघ्रता से सुलझाये ।

सभी अभ्यर्थीयों को धेर्य से काम लेना चाहिए , याद रखें मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती और जिन्दगी में चुनोतीयाँ का सामना करते हुए इंसान को आगे बड़ते रहना चाहिए , सफलता अपने आप मिल जायेगी 


A dream doesn't become reality through magic; it takes sweat, determination and hard work.

Be prepared, work hard, and hope for a little luck. Recognize that the harder you work and the better prepared you are, the more luck you might have.

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UPTET : शिक्षक भर्ती और इलाहबाद हाई कोर्ट में आज की सुनवाई


UPTET : शिक्षक भर्ती और इलाहबाद हाई कोर्ट में आज की सुनवाई 
(जैसा की फेसबुक पर लोग चर्चा कर रहे हैं उसके अनुसार )

अभी न्यालय के आदेश  व समाचार पत्रों को देखने के बाद ही वास्तविक स्थिति पता पड़ेगी , और अगर दी गयी बातें सही नहीं होंगी तो इस पोस्ट को हटा दीया जाएगा 

जैसा की फेसबुक पर लोग चर्चा कर रहे हैं उसके अनुसार -
महवपूर्ण बिंदु -
1. अगली सुनवाई 20 को और भर्ती पर  स्टे अगली सुनवाई तक प्रभावी 
(कुछ लोगो का कहना है कि पहले अगली सुनवाई 18 को लगी और उसके बाद सरकारी पक्ष के वकील के आग्रह से नयी तिथि 20 को हो गयी )
2. अगली सुनवाई   में न्यायलय की तरफ से टीईटी परीक्षा में धांधली के सबूत मांगे गए हैं ।
3. याचीकर्ता के वकीलों ने आज अपना पक्ष रखा 

महत्वपूर्ण बिंदु जो आगे हो सकते हैं -
धांधली  कितने बड़े पैमाने पर हुई , क्या धांधली सुधारे जाने योग्य है की नहीं ।
जिन लोगो ने टीईटी परीक्षा मेहनत  से अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की , क्या उनको रहत मिल सकती  है इत्यादि ।

मामला बड़ा पेचीदा है लाखों छात्रों ने आवेदन किया हैं 

सभी अभ्यर्थी  न्यायालय व सरकार की तरफ टक टकी लगाये देख रहे हैं और मन ही मन  प्रार्थना कर रहे है 
कि शीघ्रता से  कोई उचित हल निकले क्योंकि वे काफी लम्बे समय से इस भर्ती प्रक्रिया का इन्तजार कर रहे हैं ।


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Monday, February 11, 2013

UPTET : सरकार की साजिश से नहीं हो रही शिक्षकों की नियुक्ति


UPTET : सरकार की साजिश से नहीं हो रही शिक्षकों की नियुक्ति


आजमगढ़ : टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक सोमवार को मेहता पार्क में हुई। इसमें सरकार पर साजिश के तहत शिक्षक नियुक्ति में अवरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया। जिलाध्यक्ष रवींद्र यादव ने कहा कि प्रदेश की सरकारें डेढ़ वर्ष से शिक्षक नियुक्ति को उलझाए हुए हैं, जबकि न्यायालय द्वारा हमारी मांग को जायज ठहराया जा चुका है। सरकार ने प्रशिक्षु शब्द को लेकर ढाई लाख लोगों का जीवन दाव पर लगा दिया है। एक सरकार ने टीईटी में प्राप्त अंकों की मेरिट के आधार पर विज्ञापन निकाला तो दूसरी ने रद करते हुए एकेडमिक आधार पर विज्ञापन जारी कर दिया। आखिर इसमें अभ्यर्थियों का क्या दोष है। एक तरफ सरकार टीईटी में धांधली की बात करती है। दूसरी तरफ टीईटी को वैध बताकर नियुक्ति की जाती है। इसमें सरकार की विद्वेष भावना साफ झलक रही है। अरविंद यादव ने कहा कि सरकार यदि हमारी मांग को नहीं मानती है तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर सुशील कुमार गौतम, राजेश यादव, उमेश वर्मा, राजेश मौर्य, मनोज कुमार, अरविंद कुमार, बृजभान यादव, अजय कुमार सिंह, सिद्धेश्वरी पांडेय, विनोद कुमार यादव, राकेश, जय सिंह यादव, उमेश चंद्र राजभर, उमेश कुमार, लालचंद, सुनील, मिथिलेश सिंह आदि उपस्थित थे


News Sabhar : Jagran News Paper (Updated on: Mon, 11 Feb 2013 08:26 PM (IST)) / http://www.jagran.com/uttar-pradesh/azamgarh-10121493.html
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Tomorrow on 12th Hearing is in court, And many candidates are anxious about their future.
Two advertisement comes already - one for TET merit and one for Acad merit. And candidates spend a lot of money and now they are worried what may happen in court.


Best of LUCK to ALL UPTET Candidates

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UPTET : न्याय मिलने तक संघर्ष का संकल्प


UPTET : न्याय मिलने तक संघर्ष का संकल्प


मऊ : प्रदेश सरकार ने राजनीतिक विद्वेष की भावना से शिक्षक भर्ती नियम में बदलाव किया है। यह पूरी तरह से अनैतिक और अलोकतांत्रिक है। यदि परीक्षा में अनियमितता थी तो भ्रष्ट तरीके से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का पता लगाकर उन्हें बाहर किया जाना चाहिए था या फिर परीक्षा निरस्त कर दुबारा परीक्षा करानी चाहिए थी। लेकिन सरकार को नियुक्ति का आधार बदलने का अधिकार नहीं है। न्याय पाने के लिए टीईटी संघर्ष मोर्चा उच्चतम न्यायालय तक लड़ेगा। यह संकल्प भीटी में शिक्षक सदन में रविवार को हुई मोर्चा की बैठक में वक्ताओं ने व्यक्त किया।

वक्ताओं ने कहा कि हमें न्याय पालिका पर पूरा विश्वास है। इसलिए निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। राम बिलास चौहान ने कहा कि न्याय मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। देवेंद्र कुमार ने कहा कि धांधली एवं भ्रष्टाचार में डूबी सरकार को चौतरफा धांधली एवं भ्रष्टाचार ही दिखाई दे रहा है। राजेश मिश्रा ने कहा कि सरकार नकल माफियाओं के चंगुल में है इसलिए भर्ती शैक्षिक गुणांक के आधार पर करना चाहती है।

इस मौके पर रणबीर सिंह, सुरेश यादव, राजकुमार, अशोक चौहान, बृजभान यादव, उमेश मौर्य, मोहम्मद अरशद, संतोष श्रीवास्तव, नूतन कुमार, अनुज कुमार, राजू प्रजापति, सदानंद सिंह थे


News Sabhar - Jagran (Updated on: Mon, 11 Feb 2013 11:02 AM (IST)) News Paper UP
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Tomorrow on 12th Hearing is in court, And many candidates are anxious about their future.
Two advertisement comes already - one for TET merit and one for Acad merit. And candidates spend a lot of money and now they are worried what may happen in court.

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UPTET : Hearing in Allahabad High Court on 12th Feb 2012 regarding RECRUITMENT OF TEACHERS / STAY on COUNSLLING PROCESS

UPTET : Hearing in Allahabad High Court on 12th Feb 2012 regarding RECRUITMENT OF TEACHERS / STAY on COUNSLLING PROCESS



CAUSE LIST ALLAHABAD
Additional Cause List
12/02/2013
COURT NO.33 HON'BLE MR. JUSTICE SUSHIL HARKAULI HON'BLE MR. JUSTICE MANOJ MISRA

7. DF 150/2013 NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA SHASHI NANDAN Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C. C.B.YADAV BHANU PRATAP SINGHWITH SPLA- 149/2013 SUJEET SINGH AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA SHAILENDRA Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.


To verify details, you can visit Allahabad HC website.


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UPTET Cut off of All Districts

UPTET Cut off of All Districts

To  See Cut off of All Districts - Click Here

However tomorrow ( on 12th Feb 2012) is hearing in Allahabad Highcourt related to base of selection in Double Bench, And cut off list is meaning full OR not will come in force after decision of Allahabad HC.




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Sunday, February 10, 2013

UPTET 41,307 Upper Primary (Junior) Teachers Vacancy in UP


UPTET 41,307 Upper Primary (Junior) Teachers Vacancy in UP

The state government (Uttar Pradesh) is going to make a recruitment for 41000+ posts of upper primary teachers (instructor) very soon; This recruitment will be purely on part time basis for 11 months, it’s a big step by state government to reduce the shortage of teachers in government upper primary schools of UP .

Recruitment Process
•The notification regarding this recruitment will be advertised district wise on 25/02/2013.
•Candidates have to apply online for this recruitment .
•A district level, DIET principle headed’, selection committee will select these instructors & the appointment letter will be allotted after approval of DM .
•There will be fix salary of 7000/- pm for 11 months .
•They (Instructors) will teach students in classes from 6th to 8th.
•Total 41307 posts will be filled up 13768 upper primary schools .
•Before posting of selected candidates, a training camp will be organized for 5 days in DIET


IF YOU HAVE CLEARED UPTET THEN YOU CAN JOIN GROUP OF UPTET ON FACEBOOK -
यदि आपने यू पी  टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण की है तो फेस बुक पर ग्रुप -
http://www.facebook.com/groups/uptetallinone/

को ज्वाइन कर सकते हैं (सूचना आदान प्रदान  व जरुरी जानकारीयों के लिए )
धन्यवाद 




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बी.ए. पास अभ्यर्थी भी होंगे परिषदीय उच्‍च्‍ा प्राथमिक विद्यालयों में अनुदेशकों के लिए पात्र
उत्तर प्रदेश में जल्द ही 41 हजार 307 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती होने जा रही है। जिसके बाद परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना जतायी जा रही है। उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख के माध्यम से 41307 पदों पर अशंकालिक भर्ती के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश के अनुसार बी.ए. पास अभ्यर्थी भी अंशकालिक अनुदेशक के पदों के लिए पात्र होंगे।
उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव सुनील कुमार द्वारा 31 जनवरी 2013 को शासनादेश सं0 3311/79-5-2013-5/2010 से प्रदेश में 41307 अंशकालिक अनुदेशक को चयन करने सम्‍बन्‍धी शासनादेश जारी कर दिया, जिन उच्‍च प्राथमिक विद्यालयों में 100 से अधिक नामांकन है, उन विद्यालयों का चयन कर उनमें अनुदेशकों को नियुक्ति किया जायेगा|
अशंकालिक अनुदेशकों के पद एवं शैक्षणि‍क योग्‍यता इस प्रकार है-
1- कला वि‍षय हेतु अनुदेशक -
शैक्षिक अर्हता – इण्‍टरमीडिएट कला वि‍षय के साथ तथा बी0ए0
अथवा
ड्रा‍इंग अथवा पेन्टिंग के साथ बी0ए0
अथवा इण्‍टरमीडिएट के साथ विश्‍वविद्यालय/मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍थान द्वारा प्रदत्‍त कला वि‍ष्‍ाय में वि‍शेष उपाधि अथवा डिप्‍लोमा2-स्‍वास्‍थ्‍य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक - स्‍नातक तथा राज्‍य सरकार द्वारा मान्‍यताप्राप्‍त व्‍यायाम शिक्षा में डिप्‍लोमा अथवा विश्‍वि‍द्यालय द्वारा प्रदत्‍त व्‍यायाम शिक्षा में उपाधि/डिप्‍लोमा अथवा उसके समकक्ष योग्‍यता
3-कार्य शिक्षा अनुदेशक -उक्‍त में 04 प्रकार के अनुदेशक भर्ती किये जायेगें -
अ- कम्‍प्‍यूटर शिक्षा – शैक्षिक अर्हता बी0एस0सी0 इन कम्‍प्‍यूटर साइन्‍स अथवा बी0सी0ए0 अथवा डी0ओ0ई0ए0सी0सी0 से ए लेबल कोर्स के साथ स्‍नातक
ब- ग्रहशिल्‍प एवं सम्‍बन्धित कला – ग्रह विज्ञान या ग्रह अर्थशास्‍ञ या घरेलू विज्ञान या ग्रह कला में स्‍नातक
स- उद्यान विज्ञान एवं फल संरक्षण – बी0एस0सी0 क़्रषि के साथ फल संरक्षण का वि‍शेष डिप्‍लोमा
द- क़्रष‍ि शिक्षा – बी0एस0सी0 क्रषि के साथ
आयु की गणना – 01 जुलाई 2012 से न्‍यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 35 वर्ष, आरक्षित वर्ग के श्रेणियों को नियमानुसार छूट
मानदेय – अधि‍कतम मानदेय रू0 7000/- कुल 11 माह हेतु
नि‍र्धारित शुल्‍क – अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अभ्‍यर्थियों के लिए आवेदन शुल्‍क रू 100 व अन्‍य के लिए 200/-
आवेदन की प्रक्रिया – सभी आवेदन ऑनलाइन विज्ञापन के आधार पर किये जायेगें तथा ऑन लाइन आवेदन की शर्ते पूर्व में टी0ई0टी0प्रशिक्षु भर्ती की तरह होगीं
विज्ञापन प्रकाशन की तिथि – 25-02-2013
ऑन लाइन शुल्‍क जमा करने की अन्तिम तिथि – 21-03-2013
ई-चालान आवेदन की अन्तिम तिथि – 23-03-2013
आरक्षणवार मेरिट सूची जारी करने की तिथि – 08-04-2013
जिला चयन समिति द्वारा काउन्‍सलिंग तिथि – 30-04-2013
विद्यालयों में तैनाती की तिथि - 01-07-2013
बेवसाइट की जानकारी विज्ञापन प्रकाशन के समय उपलब्‍ध कराई जायेगी
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Age Limitation
The age of the candidate ( as on 01/07/2013) must be -

•Minimum – 21 Years
•Maximum – 35 Years


Educational Qualification
Art
Intermediate/12th with art subjects AND B.A./Drawing & Painting B.A.

OR

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UPTET : वोट के लिए मोअल्लिम वालों को शिक्षक बनाने की जुगत


UPTET : वोट के लिए मोअल्लिम वालों को शिक्षक बनाने की जुगत
निबंध का टेस्ट देने को भी तैयार नहीं

•कैबिनेट के लिए तैयार प्रस्ताव रुका



लखनऊ। प्रदेश में मुस्लिमों का अच्छा खासा वोट है। इसके सहारे सपा ने विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया। सपा लोकसभा चुनाव में भी इसका पूरा लाभ लेना चाहती है। इसीलिए मोअल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को शिक्षक बनाने के लिए नित नई जुगत बैठाई जा रही है। राज्य सरकार इन्हें प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षक बनाना चाहती है, लेकिन केंद्रीय नियम आड़े आ रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने बीच का रास्ता निबंध टेस्ट का निकाला पर मोअल्लिम वाले इसके लिए तैयार नहीं हैं
प्रदेश में शिक्षक बनाने और इसका राजनीतिक लाभ लेने का खेल काफी पुराना है। सभी पार्टियां इस कार्ड को खेलती हैं। बसपा की तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2011 में भी इस कार्ड को खेला था। इसके लिए एक साथ तीन प्रमुख घोषणाएं हुईं। महिला शिक्षकों को मनचाहे जिले में स्थानांतरण, टीईटी पास बीएड डिग्री धारकों को शिक्षक के 72 हजार 825 पदों पर रखने और उर्दू शिक्षक के लिए मोअल्लिम-ए-उर्दू तथा डिप्लोमा इन टीचिंग वालों को पात्र माना गया। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने और कानूनी विवाद के चलते बसपा इस पर अमल नहीं कर पाई। पर सत्ता में आते ही सपा ने इस पर अमल किया।
सत्ता परिवर्तन के बाद महिला शिक्षकों को मनचाहे जिलों में तैनाती देने के साथ 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। पर सबसे बड़े वोट बैंक मोअल्लिम वालों को शिक्षक बनाने में केंद्रीय नियम रोड़ा बना है। राज्य सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें उर्दू शिक्षक बनाना चाहती है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग नित नए रास्ते तलाश रहा है। विभाग ने टीईटी की जगह उर्दू निबंध का प्रस्ताव तैयार किया। इस पर सहमति भी बनी, लेकिन मोअल्लिम वालों ने इसे खारिज कर दिया। सूत्रों का कहना है कि मोअल्लिम वाले टेस्ट नहीं देना चाहते हैं। इसलिए बार-बार कैबिनेट के लिए तैयार होने वाला प्रस्ताव रुक जाता है। बेसिक शिक्षा विभाग अब इस पर नए सिरे से माथापच्ची कर रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में उर्दू शिक्षक के 2911 पद खाली हैं। इन पर 11 अगस्त 1997 से पहले मोअल्लिम व डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को रखा जाना है



News Source : अमर उजाला (10.2.2013)
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It looks NCTE rule can be a problem as NCTE prescribed some criteria for Quality Teachers and performance examination of teachers like Teacher Eligibility Test.

However, Many muslim candidates  cleared TET examination and therefore it can be possible that they can clear other eligibility test as well.
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Friday, February 8, 2013

Shiksha Mitra : शिक्षा मित्र तीन चरणों में बनाए जाएंगे शिक्षक


Shiksha Mitra : शिक्षा मित्र तीन चरणों में बनाए जाएंगे शिक्षक

जनवरी 2014 से शुरू होगा समायोजन 
टीईटी पास करने की नहीं होगी अनिवार्यता

लखनऊ। राज्य सरकार ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन का कार्यक्रम तय कर दिया है। इन्हें तीन चरणों में समायोजित किया जाएगा। खास बात यह है कि इनके लिए टीईटी पास करने की अनिवार्यता नहीं रखी गई है। केंद्र सरकार ने इन्हें पैरा टीचर की श्रेणी में माना है, इसलिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इनका केवल समायोजन किया जाएगा। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने गुरुवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। समायोजन की प्रक्रिया जनवरी 2014 से शुरू कर दी जाएगी। पहले चरण में 58 हजार शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनने का मौका मिलेगा।
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए वर्ष 2000 में शिक्षा मित्रों के रखने की प्रक्रिया शुरू की गई। प्रदेश में मौजूदा समय 1.66 लाख शिक्षा मित्र प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम आने के बाद प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक रखने की अनिवार्यता कर दी गई। शिक्षा मित्र गैर प्रशिक्षित हैं। इसलिए राज्य सरकार ने इन्हें चरणबद्ध तरीके से बीटीसी के समकक्ष दो वर्षीय प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाने का निर्णय किया। पहले चरण में 58 हजार और दूसरे चरण में 60 हजार शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षा मित्रों को तीन चरणों में समायोजन करने का निर्णय किया है। इसके मुताबिक पहले चरण का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 58 हजार शिक्षा मित्रों को जनवरी 2014 तथा दूसरे चरण में प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को दिसंबर 2014 में शिक्षक पद पर समायोजित किया जाएगा। तीसरे चरण का प्रशिक्षण इसी साल शुरू करा दिया जाएगा और मई 2015 में इस चरण के शिक्षा मित्रों को समायोजित किया जाएगा। शिक्षक पद पर समायोजित होने के बाद इन्हें सहायक अध्यापक का वेतनमान दिया जाएगा

(साभार-अमर उजाला - 08.02.2013)



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Thursday, February 7, 2013

UP B Ed. 2013-ONLINE APPLICATION FORM FOR JOINT ENTRANCE EXAMNATION UP.BEd - 2013


UP B Ed. 2013-ONLINE APPLICATION FORM FOR JOINT ENTRANCE EXAMNATION UP.BEd - 2013


Importants Dates
Date of Commencement of Candidate Registration: 10-02-2013
Last Date of Candidate Registration: 10-03-2013
Last Date of Submit Application Form: 13-03-2013
Last Date for Reprint Complete Application Form: 13-03-2013
Offline Fee Payment (CBS): 12-03-2013
Exam date : 24-04-2013

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UPTET : On Facebook , Candidates are circulating below translated version of English given by DB of HC in Hindi


UPTET : On Facebook , Candidates are circulating below translated version of English given by DB of HC in Hindi

I also felt it can be probably correct, But if you know anything better OR wants some improvement to add then give your view through comments


आदेश का सटीक हिंदी अनुवाद 
याचिकाओ पर सुनवाई करते हुए 4 फ़रवरी 2013 को दिए गए आदेश में कहा गया:
हमने एक ही तरह की इन याचिकाओं में याचियों के अधिवक्ताओं तथा राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता को सुना। सभी याचिकाएं एक बंच के रूप में 11 फरवरी को सुनवाई के लिए एकसाथ सूचीबद्ध की जाएँ।
सभी अभ्यर्थियों ने अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है . यहाँ इन मामलों में उठने वाले बुनियादी सवालों में से एक यह है कि अगर चयन का आधार TET मेरिट है, तो फिर भले चयन प्रशिक्षण के पहले हो या बाद में, नतीजा एक ही होना है। विज्ञापन (पुराने) का अनुच्छेद 10 कहता है कि NCTE से मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण की सफलतापूर्वक समाप्ति के बाद 1981की नियमावली एवं 12वें संशोधन, 2011के अनुसार मौलिक नियुक्ति दी जाएगी। किसी मामले का निस्तारण करते समय हमेंमौलिकता (वास्तविकता, किसी चीज के वास्तविक प्रभाव) के अनुसार चलना होता है। उदाहरण के लिए, यदि (पुराने विज्ञापन के प्रभावी रहने की दशा में)चयनित अभ्यर्थी "प्रशिक्षु शिक्षक" नकहे जाते, परन्तु योग्यता के अनुसार केवल "वेतन के बराबर छात्रवृत्ति या मानदेय के साथ प्रशिक्षण"
के लिए चुन लिए जाते, और सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद पुनः उनकीटेट-मेरिट (जो उस समय चयन का निर्धारित आधार था) के आधार पर उनको चयन-प्रक्रिया से गुजरना होता, तो भी नतीजा वास्तविकता में एक ही होता। और ऐसी स्थिति में (किसी निर्णय का) यह आधार नहीं रह जाता कि "प्रशिक्षु शिक्षक का कोई पद ही नहीं!"
पुरानी चयन-प्रक्रिया को रद्द करने के आधार, जैसा कि 26.07.2012 के (सरकार के) आदेश में उल्लेख है, दो तरह आधार (अवधारणा/ मान्यता) हैं।
पहला आधार कहता है कि TET के आयोजन में कुछ अनियमितताएं, जैसा कि आरोप लगाया गया है। प्रतीत होता है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किसी हाईपावर कमेटी ने एक रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर समूची चयन-प्रक्रिया, जिसमे TET में प्राप्तांक ही चयन-निर्धारक थे, को रद्द किया गया।
एकल न्यायाधीश ने अपने प्रश्नगत आदेश में स्पष्ट किया है कि अगर (TET में) कुछ जगहों पर कुछ अनियमितताएं पाई गई थी तो इसके ख़राब हिस्से से TET के अच्छे हिस्से को अलग किये जाने के प्रयास किये जाने चाहिए थे, परन्तु समूची चयन-प्रक्रिया को रद्द नहीं किया जाना चाहिए था।
अबतक राज्य की ओर से ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है (जिस से पता चल सके) कि अच्छे हिस्सों, मतलब वे जगहें या क्षेत्र, जहां TET में कोई अनियमितता नहीं थी, को खराब हिस्सों, मतलब उन जगहों या क्षेत्रों, जहां अनियमितताएं हुईं थीं, से अलग किया जा सका या नहीं किया जा सका।
अतिरिक्त महाधिवक्ता के निवेदन के अनुसार हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट जवाबी-हलफनामे के जरिये कोर्ट में रखी जा सकती है, उस रिपोर्ट या अन्य पूर्ववर्ती दस्तावेजों के आधार पर (इस बात का भी ) एक तर्क-संगत कारण भी इंगित होगा कि (कैसे) अच्छे हिस्से को खराब हिस्से से अलग किया जाना संभव थाया नहीं था।
26.07.2012 के आदेश का दूसरे प्रकारका आधार यह इंगित करता है कि (सरकार केस्तर पर) ऐसा अनुभव किया गया था कि चयनहेतु योग्यता निर्धारण के लिए TET में प्राप्त अंकों के आधार पर बने पैमाने को हटाकर TET-मेरिट को नजर-अंदाज़ करके, चयन हेतु योग्यता-निर्धार ण के लिए पुराने शैक्षणिक प्रदर्शन पर आधारित गुणांक के आधार परपैमाना बनाया जाना चाहिए। बाद में मन में उपजे किन्ही ख्यालात के कारण ऐसा माना गया कि यह नया पैमाना बेहतर होगा। उसी के मुताबिक नियमावली में परिवर्तन किये गए।
माननीय एकल न्यायाधीश ने अपने प्रश्नगत निर्णय में स्पष्ट किया है कि चयन के मानकों में होने वाले ऐसे कोई भी बदलाव अग्रगामी प्रभाव वाले होंगे (बदलाव के बाद शुरू होने वाली किसी प्रक्रिया पर) और पूर्ववर्ती चयन को प्रभावित नहीं कर सकते।
इसके भी आगे बढ़कर, हमारा प्रथम-दृष्टया विचार है कि (सरकार के) विचारों में (आया) बदलाव, "कि योग्यता के निर्धारण के लिए पुराने पैमाने को हटाकर बेहतर प्रतीत होने वाले पैमाने को लागू किया जाये", किसी समूची चयन-प्रक्रिया को रद्द करने का कारण नहीं हो सकता। यदि राज्य की ओर से पेश किये गए इस प्रकार के आधार या कारण स्वीकार किये जाते हैं तो कल को इस बात की भी सम्भावना बन जाएगी कि कोई और सरकार या अन्य अधिकारी सोच ले कि (अब) शायद यह नया लागू किया गया पैमाना(गुणांक) हटाकर वह पैमाना लागू किया जा सकता है जिसे वह इस पैमाने (गुणांक)से भी बेहतर मानता है, तो वह फिर से एक चल रही चयन-प्रक्रिया को कचरापेटी में डालने का आधार तैयार कर सकता है।
नयी चयन-प्रक्रिया में, बहुत ही बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए हैं जिनकी काउंसिलिंग आज से शुरू हुई है।
स्वाभाविक है कि काउंसिलिंग (की प्रक्रिया) समय लेगी, और सभी पक्षों की सहमति के साथ हमारा इरादा इन सभी याचिकाओं को स्वीकार करने के चरण में ही अंतिम रूप से निस्तारित करने का हैजिसके लिए हमने 11.02.2013 की तिथि निर्धारित की है। अतएव, हमारा मत है किइतने सारे अभ्यर्थियों को काउंसिलिंगकी परेशानी में नहीं डालना चाहिए, जो (काउंसिलिंग) कि इन सभी याचिकाओं के अन्ततः स्वीकार होने (याचियों की मांग मान लिए जाने) की स्थिति में निरर्थक कार्यवाही भर रह जाएगी। इसलिए, इस मामले से जुड़े सभी पक्षों केबृहत् और समग्र हितों सहित उन अभ्यर्थियों के हितों को, जो हमारे सामने एक पक्ष के रूप में नहीं हैं, कोध्यान में रखते हुए हमारा यह मत है कि (07.12.2012 के विज्ञापन के अनुसार) चल रही चयन प्रक्रिया को 11.02.2013तक स्थगित रहना चाहिए। (इसी के) अनुसरण में आदेश (किया जाता है)


To See, English version of Allahabad Highcourt Double Bench regarding Primary Teachers Recruitment in UP, Click Here - http://joinuptet.blogspot.in/2013/02/uptet-stay-on-selection-process-till.html

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UPTET : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया रुकने से लगा झटका


UPTET : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया रुकने से लगा झटका

   
चकिया (चंदौली): प्राइमरी स्कूल में टीचर बनने का ख्वाब पाले ट्रेंड बेरोजगारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवकों ने जैसे तैसे जुगाड़ करके 25 हजार से 50 हजार रुपये तक खर्च कर दर्जनों जिलों से आवेदन किया था। लेकिन काउंसिलिंग के ऐन वक्त पर भर्ती प्रक्रिया के ठप पड़ जाने से उन्हें मायूसी ही हाथ लगी है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बार-बार आ रहे व्यवधान से संसाधनों से कमजोर आवेदकों की आर्थिक रीढ़ कमजोर हो रही है। दो साल से चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में कई बार पेंच फंस जाने से आवेदकों में व्यापक निराशा घर करती जा रही है। शिक्षक बनने की राह में लगातार ठोकरें खा रहे बेरोजगार किस्मत को धिक्कारते हुए व्यवस्था की खामियों को कोस रहें हैं। बेरोजगारों की इस उम्मीद में उस वक्त पंख लग गए जब शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को पास कर लिए। शासन की ओर से 72,825 पदों का विज्ञापन जारी होने पर गत वर्ष लाखों आवेदकों ने फार्म भरा। लेकिन भर्ती प्रक्रिया पटरी पर आती इसके पहले ही बेपटरी हो गई। रजनी कांत त्रिपाठी राजू ने 40, अशोक सिंह यादव ने 60, अजय सिंह ने 40 तो उनकी बहन ने 50 जिलों में आवेदन किया। आरके त्रिपाठी, विनय मौर्य, श्रवण कुमार जैसे बेरोजगारों ने 40 से 45 जिलों में आवेदन किया है। इसमें श्वेता को जहां करीब 90 हजार खर्च करना पड़ा वहीं अन्य आवेदकों को 35 हजार रुपया खर्च करना पड़ा है। गरीबी में आटा गीला वाली कहावत को चरितार्थ कर रही शिक्षक भर्ती में ऐसे हजारों आवेदक है जिनको यदि इस बार मौका नहीं मिला तो फिर से ओवर एज (उम्र दराज) हो जायेंगे तथा सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा


News Source : Jagran (Updated on: Wed, 06 Feb 2013 10:44 PM (IST))
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In this news I am confused, How Shweta spends 90 thousand rupees.
90 Thosand Rupees = Applying in 180 districts.
If above money includes applied in both previous advt and new advt and in all districts of UP along with other expenditure then still 90 thousand rupees may not possible because most of candidates spend money for 5 districts.

Either above is typo mistake OR Shweta spend extra money due to some confusion.

Candidates are waiting this job from a long time and delay creates confusion and tension about their future.
It is better to not think about this job all time and search alternative jobs as well. If  in future they got this PRT job then they can resign from alternatove job.

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Wednesday, February 6, 2013

UNEMPLOYED ALLOWANCE up : बढ़े बेरोजगार, सांसत में अखिलेश सरकार

UNEMPLOYED ALLOWANCE : बढ़े बेरोजगार, सांसत में अखिलेश सरकार


लखनऊ । भत्ते के लिए बढ़ रही बेरोजगारों की लाइन ने जहां अधिकारियों की नींद उड़ा दी है वहीं, प्रदेश सरकार भत्ते के लिए बजट को लेकर मंथन करने में जुट गई है। पिछले वर्ष नौ लाख बेरोजगारों के लिए 1105 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन वर्ष 2013-14 के लिए दो हजार करोड़ से ज्यादा के बजट के अनुमान को लेकर सरकार सांसत में है

प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 62 लाख के करीब है। उनमें से भत्ते के लिए निर्धारित 25 से 40 वर्ष बीच की आयु सीमा वाले करीब 30 लाख बेरोजगार हैं। पंजीयन की निर्धारित तिथि बढ़ते ही करीब 10 लाख और बेरोजगार भत्ते के लिए आवेदन करेंगे। सूत्रों का कहना है कि बढ़ते बजट को देखते हुए पंजीयन की निर्धारित तिथि को बढ़ाने से पहले सरकार मंथन करेगी।

पंजीयन की तिथि का निर्धारण न होने तक सेवायोजन विभाग ने सरकार से भत्ता के एवज में 1200 करोड़ की डिमांड भेजी है। बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 सरकार के गले की फांस बनने लगी है। योजना को चालू रखने के लिए सरकार को जहां पिछले वर्ष के मुकाबले दो गुना से ज्यादा बजट का इंतजाम करना पड़ेगा, वहीं बेरोजगारों की लाइन अधिकारियों के लिए मुसीबत से कम नहीं होगी। 17 मई 2012 को बेरोजगारी भत्ते के लिए जारी शासनादेश के बाद से भत्ते के लिए बेरोजगारों की भीड़ उमड़ पड़ी। नौ लाख के मुकाबले 11 लाख से अधिक बेरोजगारों ने भत्ते के लिए आवेदन करके सरकार को भत्ता देने की चुनौती क्या दी, सरकार की नींद ही उड़ गई

News Sabhar : Jagran (6.2.13)
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UPTET : आखिर कब मिलेगी नौकरी

UPTET : आखिर कब मिलेगी नौकरी

News Sabhar : Amar Ujala Epaper 


आखिर कब मिलेगी नौकरी
हाईकोर्ट के प्रमुख आदेश
फैक्ट फाइल
नवंबर 2011 में शुरू हुई प्रक्रिया में लगातार आ रही हैं मुश्किलें
ये हैं मानक
प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती की योग्यता स्नातक और दो वर्षीय बीटीसी है। विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति लेकर बीएड वालों को छह माह की विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश की सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के लिए बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर शिक्षक बनाने का खेल शुरू किया। यह सिलसिला अनवरत जारी है।


यहां हुई चूक
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए। आवेदन को जांचे-परखे बिना ही मेरिट जारी कर दी गई। नतीजा वरिष्ठता क्रम में सबसे ऊपर ऐसे नाम आ गए जिनके पूर्णांक और प्राप्तांक एक समान थे। इसका सबसे बड़ा असर मेरिट पर पड़ा। न्यूनतम मेरिट 68.23 गई। इसके चलते 60 फीसदी से अधिक अंक में पास होने वालों का नाम तक नहीं आया।
यह है पेंच
प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती में सबसे बड़ा पेंच बार-बार बदला जाने वाला नियम है। वर्ष 2011 में शिक्षक भर्ती के लिए मानक टीईटी मेरिट को रखा गया। सत्ता बदलने के बाद सरकार ने टीईटी मेरिट को समाप्त कर उसे केवल पात्रता परीक्षा माना और भर्ती शैक्षिक मेरिट पर करने का निर्णय किया। टीईटी पास 2.71 लाख बीएड डिग्रीधारकों में कुछ का मानना है कि भर्ती टीईटी मेरिट पर ही होनी चाहिए, तो कुछ इसके पक्ष में नहीं हैं।
मेरिट वाले आरक्षित वर्ग से अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में मौका
शिक्षकों की भर्ती में सामान्य वर्ग के खाते में आरक्षण के हिसाब से भले ही 36 हजार 412 सीटें रखी गई हों, पर इससे भी कम सीटें आएंगी। कुल 72 हजार 825 सीटों में अनुसूचित जाति के हिस्से में 21 प्रतिशत 15 हजार 299, अनुसूचित जनजाति के हिस्से में दो प्रतिशत 1455 तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के हिस्से में 27 प्रतिशत 19 हजार 660 सीटें आएंगी। टॉप मेरिट वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग की सीटों पर भी मौका मिलता है।
इसलिए हो रहे मुकदमे
शिक्षक भर्ती के लिए बार-बार मानक बदले जाने को लेकर ही मुकदमे हो रहे हैं। टीईटी पास कुछ बीएड डिग्रीधारकों का मानना है कि पूर्व में तय मानक के आधार पर ही भर्ती की जानी चाहिए। सरकार बार-बार मानक क्यों बदल रही है। कुछ ने सरकार द्वारा निर्धारित फीस पर भी आपत्ति उठाई। कहा कि एक ही पद के लिए हर जिले के लिए अलग-अलग शुल्क क्यों


News Source : Amar Ujala (6.2.2013)
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About Recruitment Process -

Selection process started with TET merit in BSP Govt. and it was opposed in Highcourt. At that time court OK it by saying that it is not contrary to NCTE guidelines.

After some time stay happens. And new Govt of SP formed and selection process is changed due to irregularities ( recommendation of High Power Committee ).And selection rules are amended.

There is some points added like CTET qualified etc. can also apply.
Now a new funda comes that - B.Ed 2012 passed candidates are eligible OR not.

(In terms of  previous advt, may be B.Ed 2012 candidates are not eligible as their B.Ed is not completed.
But in terms of new advt. B.Ed 2012 candidates may be applicable as in TET-  B. Ed appearing candidates can apply. When new candidates of CTET can come selection process then why B. Ed 2012 are not eligible.
These I found in debates of TET candidates, And B. Ed appearing definition are explained different different by different different candidates. Some are saying appearing is those who are giving exams etc., Some are saying base is of - School Attendance.

All these happenings made different different groups of TET merit holderd -

TET Merit Holders
UPTET Acadmic Merit Holders
B. Ed 2012 etc.

Many candidates interpreted BEST SELECTION criteria in their OWN WAY.

Now , wait and watch , What will happen on new hearing date.

Best of LUCK TO ALL.


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UPTET : Stay on Selection Process till 11th Feb 2013

UPTET : Stay on Selection Process till 11th Feb 2013


See Hearing Details -

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 33 

Case :- SPECIAL APPEAL No. - 150 of 2013 

Petitioner :- Navin Srivastava And Others 
Respondent :- State Of U.P. And Others 
Petitioner Counsel :- Abhishek Srivastava 
Respondent Counsel :- C.S.C. 
����������������������������������� And 
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 149 of 2013 

Petitioner :- Sujeet Singh And Others 
Respondent :- State Of U.P. And Others 
Petitioner Counsel :- Navin Kumar Sharma,Shailendra 
����������������������������������� And 
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 152 of 2013 

Petitioner :- Rajeev Kumar Yadav 
Respondent :- State Of U.P. And Others 
Petitioner Counsel :- Sadanand Mishra,Seemant Singh 
Respondent Counsel :- C.S.C.,Shyam Krishna Gupta 
����������������������������������� And 
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 159 of 2013 

Petitioner :- Anil Kumar And Others 
Respondent :- State Of U.P. And Others 
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare 
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K. Yadav 
� � � � � � � � � � � � � � � � � � And 
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 161 of 2013 

Petitioner :- Alok Singh And Others 
Respondent :- State Of U.P. And Others 
Petitioner Counsel :- Abhishek Srivastasva 
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K. Yadav,R.A. Akhtar 

Hon'ble Sushil Harkauli,J. 
Hon'ble Manoj Misra,J. 
������� In this bunch of similar appeals, we have heard learned counsel for the appellants and the learned Additional Advocate General for the State. Connect these appeals and list them together as a bunch on 11.02.2013. 
������ All candidates have cleared the TET. One of the basic questions that arises in these cases is that if the criteria for selection is the TET merit, then whether the selection had taken place before the training, or after the training, the result would have been the same. Clause No. 10 of the Advertisement says that after successful completion of training (approved by the NCTE) the substantive appointments would be made as per 1981 Rules and Twelfth amendment 2011. While deciding a case we have to go by the substance. By way of example if the selected candidates had not been called 'apprentice teachers', but had been selected on merits merely for 'training with scholarships equivalent to salary', and after successful completion of training again subjected to selection as per their merit in TET (which at that time was the prescribed criteria), the result in substance would have been the same as obtaining today. And in such case the ground that there was no post of 'apprentice teachers' would not be available. 
������� The basis for cancellation of the earlier selection process as mentioned in the order dated 26.07.2012 consists of two kind of grounds. The first ground says that some alleged irregularities were found in conducting of the Teacher Eligibility Test (TET for short). It appears that some High Powered Committee under the Chairmanship of the Chief Secretary gave a report. On the basis of that report, the entire selection process, wherein the merit of the TET was the determining�criteria, was canceled. 
������� The learned Single Judge has held in the impugned order that if some irregularities were found at some places, the good part of the TET should have been attempted to be separated from the bad or vitiated part, but the entire selection should not have been canceled. 
����� �� So far as there is nothing to show from the side of the State that the good part that is to say places where there was no irregularity in the TET could or could not be separated from the bad part that is from places or areas where irregularities had taken place. 
�������� As prayed by the learned Additional Advocate General, the report of the High Powered Committee may be placed on record by means of a counter-affidavit, which will also indicate with cogent reasons, on the basis of that report or other previous records, whether it was, or was not, possible to separate the good part from the bad part. 
����� � The second kind of ground of the order dated 26.07.2012 indicates that it was felt that the criteria for determining the merit for selection on the basis of merit in the TET should be replaced by the criteria of determining the merit on the basis of quality point marks as calculated on the basis of past academic record, ignoring the merit of TET. This substituted criteria was believed to be better by way of some after-thought. Accordingly Rules were amended. 
������� The learned Single Judge has held in the impugned order that such change of criteria can only be prospective and cannot affect the previous selections. 
������� Moreover, we are also prima facie of the opinion that this change of thought namely that the previous criteria could be replaced by seemingly better criteria for determining merit cannot be a ground for canceling the entire selection process. If that kind of ground urged by the State is accepted, it is equally possible that tomorrow some other Government or some other official may think that perhaps the new suggested criteria (of quality point marks) could be replaced by what he believes to be a still better criteria, could again form the basis of scrapping the fresh selection process which is ongoing. 
������� In the fresh selection process, there is an extremely large number of candidates whose counseling is said to have started from today. 
�������� Obviously, the counseling will take time, and we intend, with the consent of the parties, to finally dispose of all these appeals at the admission stage, for which we have fixed 11.02.2013. Therefore, we are of the opinion that so many candidates should not be put to the trouble of counseling, which may, if these appeals are ultimately allowed, be reduced to a futile exercise. Therefore, keeping in view the larger overall interest of all parties involved, including the interest of those candidates who are not parties before us, we are of the opinion that the ongoing selection process should remain suspended till 11.02.2013

Order accordingly.
Order Date :- 4.2.2013
Sunil Kr Tiwari
(Manoj Misra,J.) (Sushil Harkauli,J.) 


Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2355431
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I think court said that - If counselling allowed and appeal of candidate (i.e demanding selection through TET merit ) ultimately allowed then counselling has no meaning.

A big point is - Changes in selection process is prospective (aage ke leeye) OR retrospective ( peeche bhrtee ke niyamon ke leeye ) honge, aur UPTET ka kya hoga, lakhon candidates ka kya hogaa.

Don't worry, Be Happy (Live your life happily, ALL IS WELL, Khush Raho, Aapkee Jindgee aur Samay Anmol Hai)

I hoped all matter will resolve in best way, so that all candidates, government will be benefited from it.
And Government will implement RTE act in UP effectively in the schools of UP.


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आप अपनी समस्याओं के हल के लिए फेस बुक पर यू पी टी ई टी का ग्रुप 

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ग्रुप का नाम - यू पी टी ई टी आल इन वन 

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Saturday, February 2, 2013

UPTET - टीईटी अभ्यर्थी और भर्ती

UPTET - टीईटी अभ्यर्थी और भर्ती


फर्जी आवेदनों के कारण प्रथम काउंसलिंग वाले अभ्यरथियो को कई समस्यों से जूझना पड़ रहा है
कई अभ्यर्थीयो को ग्रह जनपद छोड़कर बाहर के जिलों में नंबर आने पर , अपनी सीट सुरक्षित करने के लिए ग्रह जनपद छोड़ कर अन्य जिलों का भी चुनाव करना पड़ सकता है
अगर सभी तरह के फर्जी आवेदनों को बाहर रखा जाए और उसके बाद काउंसलिंग की कट-ऑफ़ जारी की जाती तो इससे प्रथम काउंसलिंग में ऊँचा स्थान रखने वालों को राहत मिल सकती थी ।

टी ई टी अभ्यर्थीयों में भी कई मत हैं -
1. एक धड़ा बी . एड 2012 वालों को नियुक्ति से बाहर देखने के मत में है , क्योंकि उनके अनुसार- वे नियुक्ति के पात्र नहीं है
वे टी ई टी परीक्षा के भी पात्र नहीं थे । टी ई टी एपीरिंग के बारे में उनके अपने मत हैं
2. जबकि बी . एड 2011 वालों का कहना है कि उन्होंने आवेदन सरकार द्वारा जारी किये गए विज्ञापन के अनुरूप किया है
और पिछला विज्ञापन रद्द किया जा चुका है
3. कई लोगो का मानना है कि भर्ती टी ई टी मेरिट से होनी चाहिए और इसके लिये वह सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं ।
आखिर उनका क्या दोष , उन्होंने तो परीक्षा मेहनत से पास की थी ।

4. कई लोगो का मानना है कि भर्ती सरकार का कार्य है और हाई कोर्ट इस पर मुहर लगा चुका है
ये भर्ती प्रक्रिया काफी लम्बे समय से चल रही है और काफी तरह के उतार चडाव सामने आते रहे , यू पी टी ई टी परीक्षा
के बाद जारी विज्ञापन में बदलाव और आये दिन कोर्ट में नए नए मामले आते रहना , अभ्यर्थीयों के मन में शंकाएं उत्पन्न करता रहता है
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