सरकारी नौकरी और इंटरव्यू का खेल
असली ताकत योग्यता के अंकों में नहीं बल्कि इंटरव्यू में है
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वास्तव में इंटरव्यू में वीडियोग्राफी न होने और पारदर्शिता न होने से कई बार योग्य
ईमानदार मेहनती लोग पिछड़ जाते हैं
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लीड..नौकरियों में साक्षात्कार भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कड़ी है: पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, नारनौल
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हिंदुस्तान में इंटरव्यू के नाम पर धोखा धडी सालों से चली आ रही है ,
कई जगह इंटरव्यू के मार्क्स का वेटेज 50 % तक होता है तो कई जगह आज भी सरकारी संस्थाओं में चयन पूर्ण रूप से इंटरव्यू पर आधारित होते हैं ।
और मेहनती व्यक्ति सम्पूर्ण प्रयास के जरिये भी कई बार इंटरव्यू में पीछे रह जाता है
सरकारी नौकरियों में आज भी भ्रस्टाचार खुलेआम होता है और हो रहा है , लोगों के बीच सरकारी नौकरी का क्रेज बहुत बढ़ा हुआ है , इसके कारण हैं :
१. जिंदगी भर जॉब सिक्योरिटी
2 . एक बार नौकरी में कैसे भी घुस गए तो उसके बाद कोई टेस्ट , परीक्षा नहीं
3 अच्छी तनख्वाह और कम काम
4. वक़्त पर ऑफिस जाना नहीं
देखिये एक खबर , इंटरव्यू के नाम पर कैसे खिलवाड़ होती है :
आरटीआई से खुलासा : जीजेयू में सबसे कम अंक वाले को नौकरी
हिसार. गुरु जंभेश्वर
यूनिवर्सिटी हिसार में अक्टूबर 2012 में निकली ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट के
असिस्टेंट डायरेक्टर की भर्ती में इंटरव्यू के खेल के सामने सभी आवेदकों की
योग्यता फेल हो गई। इस पद पर इंटरव्यू में लगाए अंकों के सामने योग्यता के
अंक फीके पड़ गए।
भर्ती में चयन उस आवेदक का हुआ, जिसके अंक एकेडमिक और अनुभव के आधार पर
सभी योग्य 18 आवेदकों से कम थे। इतना ही नहीं आरटीआई से हुए इस खुलासे में
यह भी सामने आया कि अन्य आवेदकों की शैक्षणिक व अनुभव की योग्यता के अंक एक
दो नहीं बल्कि 10 अंक तक ज्यादा थे। इसके बावजूद इंटरव्यू में गणित इस तरह
से बिठाया गया कि सबसे कम अंकों वाला आवेदक अंकों के दौड़ में सबको पीछे
छोड़ गया। इस मामले को लेकर उक्त आवेदक की शिकायत प्रदेश के राज्यपाल को भी
गई है। ताकि मामले में उचित कार्रवाई हो सके।
यह है मामला
आरटीआई मांगने वाले आवेदक इनसो के प्रवक्ता पदम धीमान ने बताया कि अक्टूबर
2012 में जीजेयू हिसार में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग में असिस्टेंट
डायरेक्टर की पोस्ट निकली। जिसमें भर्ती होने वाला आवेदक जीजेयू में ही
कार्यरत एक आला अधिकारी का बेटा था। जब इस मामले को लेकर आरटीआई के तहत
जानकारी मांगी तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। जिन्हें देखकर वह खुद भी दंग रह
गए।
पदम धीमान ने बताया कि यूनिवर्सिटी से उन्होंने चयन के मापदंड का फार्मूला
और चयन कितने अंकों पर हुआ इससे जुड़े सवाल पूछे। जिनका जवाब यूनिवर्सिटी
प्रशासन की ओर से दिया गया। इनमें से कई जवाबों ने योग्यता से विश्वास ही
उठा दिया। इससे पता चला कि असली ताकत योग्यता के अंकों में नहीं बल्कि
इंटरव्यू में है।
अंक कम, पर साक्षात्कार के बाद नंबर वन
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उपलब्ध करवाई सूचना में बताया कि असिस्टेंट
डायरेक्टर पद के लिए कुल 18 आवेदकों को योग्य घोषित किया गया। भर्ती में
शैक्षणिक योग्यता व अनुभव के 30-30 अंक निर्धारित किए गए। इंटरव्यू के अंक
40 निर्धारित किए गए। प्रत्येक के अंकों को जोडऩे के बाद जिस आवेदक का चयन
हुआ है। उसके ही अंक शैक्षणिक व अनुभव को मिलाकर सबसे कम 45 अंक बने। वहीं
11 आवेदकों के 50-50 अंक, पांच आवेदकों के 55-55 अंक और एक आवेदक के 60 अंक
बने।
60 अंक वाला आवेदक इंटरव्यू में गैरहाजिर रहा। वहीं 55 अंकों वाले चार
आवेदकों ने इंटरव्यू दिए। पदम धीमान ने बताया कि इसके बाद इंटरव्यू का असली
खेल शुरू हुआ। सबसे कम 45 अंकों वाले आवेदक को 40 अंकों के इंटरव्यू में
से 34 अंक दिए गए। वहीं 55 अंकों वाले आवेदकों में से कोई भी आवेदक 23
अंकों को भी पार नहीं कर पाया। इस तरह 45 व 34 अंकों को मिलाकर 79 अंकों
के साथ उक्त आवेदक नंबर वन बन गया।
राज्यपाल को दी शिकायत
इंटरव्यू के इस खेल की पूरी शिकायत राज्यपाल को भी की जा चुकी है। राज्यपाल
को शिकायत देने वालों ने इस मामले की पूरी जांच कर उचित कार्रवाई की मांग
की है। इतना ही नहीं आरटीआई की कॉपी भी अपनी शिकायत के साथ लगाई है। पदम
धीमान ने कहा कि अपने चहेतों को नौकरी लगवाने के लिए योग्य आवेदकों को बाहर
का रास्ता दिखाना पूरी तरह से अनुचित है। लिहाजा इस मामले में सभी आरोपी
अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं जीजेयू के वीसी डॉ. एमएल
रंगा से इस संबंध में बातचीत करने चाही, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं
किया।जीजेयू में सबसे कम अंक वाले को नौकरी
News Sabhaar : bhaskar news
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लीड..नौकरियों में साक्षात्कार भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कड़ी है: विनोद