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Sunday, August 24, 2014

सरकारी नौकरी और इंटरव्यू का खेल

 सरकारी नौकरी और इंटरव्यू का खेल

असली ताकत योग्यता के अंकों में नहीं बल्कि इंटरव्यू में है


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वास्तव में इंटरव्यू में वीडियोग्राफी न होने और पारदर्शिता न होने से कई बार योग्य
ईमानदार मेहनती लोग पिछड़ जाते हैं 
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लीड..नौकरियों में साक्षात्कार भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कड़ी है: पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, नारनौल

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हिंदुस्तान में इंटरव्यू के नाम पर धोखा धडी सालों से चली आ रही है ,

कई जगह इंटरव्यू के मार्क्स का वेटेज 50 % तक होता है तो कई जगह आज भी सरकारी संस्थाओं में चयन पूर्ण रूप से इंटरव्यू पर  आधारित होते हैं ।

और मेहनती व्यक्ति सम्पूर्ण प्रयास के जरिये भी कई बार इंटरव्यू में पीछे रह जाता है


सरकारी नौकरियों में आज भी भ्रस्टाचार खुलेआम होता है और हो रहा है , लोगों के बीच सरकारी नौकरी का क्रेज बहुत बढ़ा हुआ है , इसके कारण हैं :

१. जिंदगी भर जॉब सिक्योरिटी
 2 . एक बार नौकरी में कैसे भी घुस गए तो उसके बाद कोई टेस्ट , परीक्षा नहीं
3  अच्छी तनख्वाह और कम काम
4. वक़्त पर ऑफिस जाना नहीं

देखिये एक खबर , इंटरव्यू के नाम पर कैसे खिलवाड़ होती है :

आरटीआई से खुलासा : जीजेयू में सबसे कम अंक वाले को नौकरी


हिसार. गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार में अक्टूबर 2012 में निकली ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट के असिस्टेंट डायरेक्टर की भर्ती में इंटरव्यू के खेल के सामने सभी आवेदकों की योग्यता फेल हो गई। इस पद पर इंटरव्यू में लगाए अंकों के सामने योग्यता के अंक फीके पड़ गए।

भर्ती में चयन उस आवेदक का हुआ, जिसके अंक एकेडमिक और अनुभव के आधार पर सभी योग्य 18 आवेदकों से कम थे। इतना ही नहीं आरटीआई से हुए इस खुलासे में यह भी सामने आया कि अन्य आवेदकों की शैक्षणिक व अनुभव की योग्यता के अंक एक दो नहीं बल्कि 10 अंक तक ज्यादा थे। इसके बावजूद इंटरव्यू में गणित इस तरह से बिठाया गया कि सबसे कम अंकों वाला आवेदक अंकों के दौड़ में सबको पीछे छोड़ गया। इस मामले को लेकर उक्त आवेदक की शिकायत प्रदेश के राज्यपाल को भी गई है। ताकि मामले में उचित कार्रवाई हो सके।


यह है मामला
आरटीआई मांगने वाले आवेदक इनसो के प्रवक्ता पदम धीमान ने बताया कि अक्टूबर 2012 में जीजेयू हिसार में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर की पोस्ट निकली। जिसमें भर्ती होने वाला आवेदक जीजेयू में ही कार्यरत एक आला अधिकारी का बेटा था। जब इस मामले को लेकर आरटीआई के तहत जानकारी मांगी तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। जिन्हें देखकर वह खुद भी दंग रह गए।


पदम धीमान ने बताया कि यूनिवर्सिटी से उन्होंने चयन के मापदंड का फार्मूला और चयन कितने अंकों पर हुआ इससे जुड़े सवाल पूछे। जिनका जवाब यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से दिया गया। इनमें से कई जवाबों ने योग्यता से विश्वास ही उठा दिया। इससे पता चला कि असली ताकत योग्यता के अंकों में नहीं बल्कि इंटरव्यू में है।


अंक कम, पर साक्षात्कार के बाद नंबर वन

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उपलब्ध करवाई सूचना में बताया कि असिस्टेंट डायरेक्टर पद के लिए कुल 18 आवेदकों को योग्य घोषित किया गया। भर्ती में शैक्षणिक योग्यता व अनुभव के 30-30 अंक निर्धारित किए गए। इंटरव्यू के अंक 40 निर्धारित किए गए। प्रत्येक के अंकों को जोडऩे के बाद जिस आवेदक का चयन हुआ है। उसके ही अंक शैक्षणिक व अनुभव को मिलाकर सबसे कम 45 अंक बने। वहीं 11 आवेदकों के 50-50 अंक, पांच आवेदकों के 55-55 अंक और एक आवेदक के 60 अंक बने।

60 अंक वाला आवेदक इंटरव्यू में गैरहाजिर रहा। वहीं 55 अंकों वाले चार आवेदकों ने इंटरव्यू दिए। पदम धीमान ने बताया कि इसके बाद इंटरव्यू का असली खेल शुरू हुआ। सबसे कम 45 अंकों वाले आवेदक को 40 अंकों के इंटरव्यू में से 34 अंक दिए गए। वहीं 55 अंकों वाले आवेदकों में से कोई भी आवेदक 23 अंकों को भी पार नहीं कर  पाया। इस तरह 45 व 34 अंकों को मिलाकर 79 अंकों के साथ उक्त आवेदक नंबर वन बन गया।


राज्यपाल को दी शिकायत
इंटरव्यू के इस खेल की पूरी शिकायत राज्यपाल को भी की जा चुकी है। राज्यपाल को शिकायत देने वालों ने इस मामले की पूरी जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं आरटीआई की कॉपी भी अपनी शिकायत के साथ लगाई है। पदम धीमान ने कहा कि अपने चहेतों को नौकरी लगवाने के लिए योग्य आवेदकों को बाहर का रास्ता दिखाना पूरी तरह से अनुचित है। लिहाजा इस मामले में सभी आरोपी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं जीजेयू के वीसी डॉ. एमएल रंगा से इस संबंध में बातचीत करने चाही, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।जीजेयू में सबसे कम अंक वाले को नौकरी


 News Sabhaar : bhaskar news
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 लीड..नौकरियों में साक्षात्कार भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कड़ी है: विनोद

 नारनौल:

पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने युवा वर्ग पर बड़ा पासा फेंकते हुए नौकरियों में होने वाले इंटरव्यू पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि नौकरियों में साक्षात्कार भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कड़ी है। बेरोजगारों के हित में इसे बंद कराने के लिए वे अपनी ऐडी चोटी का जोर लगा देंगे।

शर्मा शनिवार को नारनौल में लोक सेवा पंचायत कार्यालय के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर इंटरव्यू बंद कर दिया जाए, तो बेरोजगार युवाओं को नेताओं व भ्रष्ट अफसरों के यहां चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने इस तथ्य का खुलासा करते हुए कहा कि 90 प्रतिशत नंबर हासिल करने वाला युवा नौकरी के लिए साक्षात्कार देने जाता है, लेकिन उसकी पहुंच अच्छी नहीं होने के चलते उसे केवल पांच-सात नंबर ही मिल पाते हैं और इस तरह वह मेरिट में छंट जाता है। यही बड़ी चौंकाने वाली बात है, जो अभ्यर्थी परीक्षा में मेरिट होल्डर है, उसकी प्रतिभा इंटरव्यू में पांच-सात नंबरो की ही कैसी हो सकती है। विनोद शर्मा ने कहा कि प्रतिभाशाली युवाओं को नौकरियों से वंचित करने के लिए इंटरव्यू में कम नंबर दिए जाते हैं और सिफारिश वाले लड़कों को नौकरी दे दी जाती है। सारे भ्रष्टाचार की जड़ यह इंटरव्यू है, इसे यदि खत्म कर दिया जाय तो प्रतिभा का ह्रास नहीं होगा। इस अवसर पर दर्शन शर्मा, कर्मबीर जाखड़, अशोक सैनी, मुकेश फौजदार, राजेश यादव, सतबीर ठेकेदार, सुरेश, राजबीर यादव, राजपाल प्रधान, रूडमल, राजेश पंच, कृष्ण यादव, छोटेलाल गहली, श्याम सुंदर, रविदत्त, महेंद्र शर्मा हुडिना व गजेंद्र कोरियावास आदि अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे

News Source Sabhaar : जागरण Jagran (Publish Date:Sat, 10 May 2014 06:21 PM (IST) | Updated Date:Sat, 10 May 2014 06:21 PM (IST))
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सरकारी नौकरी में इंटरव्यू बंद करने की मांग


, जींद
हरियाणा में सरकारी नौकरियों में योग्यता के आधार पर प्रार्थियों का चयन किए जाने और इंटरव्यू प्रक्रिया को बंद किए जाने की मांग को लेकर जनचेतना पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को शहर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पार्टी कार्यकर्ताओं ने साफ चेताया कि जब तक हुड्डा सरकार सरकारी नौकरियों के लिए साक्षात्कार को बंद नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। बाद में पार्टी कार्यकर्ता शहर में प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में मांग की गई कि हरियाणा प्रदेश में योग्यता के आधार पर चयन किया जाए और इंटरव्यू प्रक्रिया को बंद किया जाए।
बता दें कि प्रदर्शन से पूर्व जनचेतना पार्टी के कार्यकर्ता जिला प्रधान व ब्लॉक समिति सदस्य धर्मबीर पिंडारा के नेतृत्व में लघु सचिवाल स्थित पार्टी कार्यालय में एकजुट हुए। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार के नाम पर नौजवानों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकारी नौकरी के लिए योग्य युवकों को नजरंदाज कर कम नंबर वाले अयोग्य उम्मीदवारों को साक्षात्कार में ज्यादा अंकर देकर चयनित किया जा रहा है, जो कि भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी का मुख्य कारण है।
उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार केवल अपने चहेतों को सरकारी नौकरियां दिए जाने के खिलाफ जनचेतना पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पं. विनोद शर्मा द्वारा जन आंदोलन चलाया गया है ताकि प्रतिभावान छात्रों को सरकारी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सके। बाद में जनचेतना पार्टी के कार्यकर्ता शहर में प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ज्ञापन भेजा। इस मौके पर जिला प्रधान धर्मबीर पिंडारा, रामफल, अनंत राम, वजीर सिंह, विनोद देशवाल, अनूप, कर्मबीर, दीपक, ईश्वर, विक्रम, दीपक, सोमबीर, हांसी इंचार्ज महताब शर्मा, टेकराम, ईश्वर सैनी, मान सिंह, जय सिंह, प्रवीण, प्यारेलाल शर्मा, कर्मपाल फौजी, सोनू काब्रछा, महेंद्र बिरौली, धर्मबीर पहलवान सिसाय, ईश्वर सैनी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे

News Source Sabhaar : Jagran (Jul 29, 2014, 09.00AM IST)
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बोर्ड अध्यक्ष ने सगे भाई-बहन को दे दी नौकरी
इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार की हद हो गयी है। अभी तक तो रुपये लेकर शिक्षकों और प्रधानाचार्यो की भर्तियों के आरोप लगते रहे हैं लेकिन महज नौ महीने पहले अध्यक्ष का कार्यभार संभालने वाले बोर्ड के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष डॉ. आरपी वर्मा ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है।

बात-बात में बसपा के बड़े नेताओं से सीधा संपर्क होने का धौंस दिखाने वाले अध्यक्ष डॉ. वर्मा ने लिखित परीक्षा में फेल अपने सगे भाई-बहन को नौकरी दे दी थी। पिछले महीने अंतिम परिणाम जारी होने पर कुछ प्रतियोगियों ने हंगामा किया तो एक जांच कमेटी बनाई गयी। 29 फरवरी को बुलाई गयी बोर्ड की आपात बैठक में गलत तरीके से चयनित बोर्ड के सदस्य दशरथ चौधरी के बेटे नरेन्द्र चौधरी समेत पांच अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया।

खास यह कि जिन चार अन्य चयनित अभ्यर्थियों को बाहर किया गया था उनमें बोर्ड अध्यक्ष डॉ. आरपी वर्मा के सगे भाई वेदरत्न वर्मा (रोल नम्बर 110400379) और बहन कमल वर्मा (रोल नम्बर 111600287) का नाम शामिल है। कमल वर्मा को डॉ. अनूप लाल बालिका इंटर कालेज (जहांगीराबाद, बुलन्दशहर) और वेदरत्न वर्मा को पं. जवाहर लाल नेहरु इंटर कालेज (खजुराहट, फैजाबाद) में नियुक्ति दे दी गयी थी।

अपने भाई-बहन का नाम छिपाने के लिए बोर्ड अध्यक्ष ने मीडिया को नाम की बजाय अभ्यर्थियों के रोल नम्बर ही जारी किए थे। नियुक्ति में भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये पांचों अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में फेल थे लेकिन अंतिम सूची में सफल करार दिए गए। सूत्रों के मुताबिक सारा खेल केजिंग (साक्षात्कार के लिए बनाई जाने वाली लिस्ट) के दौरान हुआ।

अध्यक्ष ने केजिंग का काम दशरथ चौधरी को दिया था। दशरथ चौधरी ने साक्षात्कार के लिए अपने बेटे का नाम शामिल करने के एवज में अध्यक्ष के भाई-बहन का नाम भी सूची में डाल दिया। बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि कम्प्यूटर की गलती के कारण इन पांच अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो गयी थी। वहीं प्रतियोगियों का कहना है कि सारी गलती बोर्ड अध्यक्ष और सदस्य के सगे-संबंधियों के लिए ही कैसे हुई।

आखिर कैसे उन लोगों को अंतिम रूप से चयनित कर लिया गया जो लोग लिखित परीक्षा में ही फेल थे। अंतिम रिजल्ट इंटरव्यू का नंबर जोड़ने के बाद बनता है। जो अभ्यर्थी लिखित में फेल थे, इंटरव्यू में शामिल हुए ही नहीं तो उनका रोल नंबर भी आखिर गलती से कैसे लिख लिया गया। अभ्यर्थियों ने बोर्ड अध्यक्ष और भ्रष्ट सदस्यों को हटाने और नियुक्तियों की जांच की मांग की है।

किन लोगों को किया गया बाहर
नाम   रोल नम्बर
कमल वर्मा   111600287
वेदरत्न वर्मा  110400379
नरेन्द्र चौधरी  040900657
सरिता सिंह  030901724
शिवशंकर  081300084

News Source / Sabhaar : http://www.livehindustan.com/news/location/rajwarkhabre/article1-story-0-0-223297.html



अगर आपके पास भी कोई स्टोरी हो तो ब्लॉग पर दे सकते हैं 

2 comments:

  1. The same blunder happened in the recruitment of Principal in KVS where about 40% candidates got less than 4 marks out of 40 whereas some candidates got 35 and above marks and they topped the merit list despite their low marks in written.This is open case of corruption.

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  2. Sir ji upmsscb k tgt exam kab honge
    2 bar form bharya ja chuka h..

    ReplyDelete

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