Internet / Facebook Par Chayee Ek Khabar Ke Anusaar :
मुम्बई के वीरार में ठाकुर समूह के घर व कार्यालय से मिला 13000 करोड़ नगद. इनकम टैक्स के सबसे बड़ी रेड की खबर बनी सुर्खियाँ
मुंबई।। मुंबई के विरार में भाई ठाकुर के घर और आफिस में छापा डाला गया, अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक़ ये कार्यवाही को लगभग 24 घंटे हो चुके हैं और अभी भी नोटों की गिनती जारी है,
इनकम टैक्स विभाग ने कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी है कयास लगाया जा रहा है की लगभग 13000 करोड़ रूपया मिला है। भाई ठाकुर के नाम से जाने जाने वाले हितेंद्र ठाकुर का जन्म 3 अक्टूबर 1961 को हुआ, वसई के कालेज में पढाई और बड़े भाई जयेंद्र ठाकुर के दावूद इब्राहिम के साथी होने के कारण अंडरवर्ल्ड में प्रवेश हुआ, टाडा बंदी रह चुके जयेंद्र ठाकुर के इस छोटे भाई ने बहुजन विकास अघाड़ी नाम का दल बनाया और विधायक का चुनाव भी जीता।
दाउद इब्राहिम का साथ मुंबई ब्लास्ट के बाद छोड़ दिया। वसई विरार सीट से 29 साल की उम्र में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतने से पहले ठाकुर ने वर्तक कालेज वसई में अध्यक्ष का चुनाव भी जीता है।
Ye News 15 August ke Aaas Pass Logon dwara publish kee hai
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ,तो भी कोई
ReplyDeleteबात नहीं...
वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं,
बाँट दिया करते हैं।
साथियों !
ReplyDeleteजैसा की मैंने अपनी पिछली किसी पोस्ट पर जिक्र किया था की कुछ जिलों में टेट अभ्यर्थियों ने अपने मूल आवेदन के साथ ना तो टेट की मार्कशीट ही लगाई थी और ना ही टेट सम्बन्धी सूचना वाले कॉलम में विवरण ही भरा था, ऐसे अभ्यर्थियों के डाटा में सम्बंधित डायट ने शून्य (0) लिखकर भेजा था, यह सूचना हमारे टेट प्रतिनिधि मण्डल को श्री सर्वेन्द्र विक्रम जी ने दी थी और कहा था की ऐसे अभ्यर्थियों को भी चयन प्रक्रिया में शामिल होने का एक अवसर देते हुए समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित की जायेगी और उन अभ्यर्थियों को एक/दो दिन का समय दिया जाएगा ताकि वे सम्बंधित डायट को टेट मार्कशीट की छायाप्रति उपलब्ध करवा सकें। इससे उनका अभ्यर्थन भी बचा रहेगा और इनके द्वारा न्यायालय में जाकर भर्ती प्रक्रिया बाधित करने की संभावना भी शून्य हो जायेगी। यह स्थिति कुछ ही जिलों में ( संभवतः 12-15 जिले) है,,,ज्यादातर अभ्यर्थियों से दूरभाषिक सम्पर्क करके अथवा उनके मूल आवेदनों में संलग्नकों की जाँच करके डाटा प्राप्त कर लिया गया है किन्तु जिन अभ्यर्थियों का कोई डाटा अभी तक उपलब्ध नहीं हुआ है उनके लिए एक दो दिन का समय देते हुए संभवतः सूचना प्रकाशन का कार्य किया जाएगा। अब आप खुद ही विचार कीजिये की एक/दो दिन की देर भली है अथवा आप यह चाहते हैं की कोर्ट-कोर्ट खेलने के फैशन के इस दौर में ऐसे अभ्यर्थी अपना अलग गुट बनाकर कोर्ट पहुँच जाएँ और भर्ती प्रक्रिया बाधित करने का प्रयास करें ( मैंने 'प्रयास' करें इसलिए लिखा है क्योंकि वे चाहकर भी भर्ती प्रक्रिया रोक नहीं सकते)। सूचना प्रकाशन के बाद कोई अभ्यर्थी अनावश्यक तौर पर इस चयन प्रक्रिया में शामिल होने का दावा नहीं ठोंक पायेगा,,,और सरकार के पास भर्ती लटकाने का एक बहाना भी समाप्त हो जाएगा। सरकार बहाना बनाकर भर्ती लटकाना चाहती है किन्तु इस चक्कर में वह अनजाने में ही कहीं ना कहीं 72825 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को और भी स्थाई और अभेद्य बनाती जा रही है। फिलहाल निरहुआ अपने भाइयों से बस इतना कहना चाहता है की लम्बे संघर्ष से निराशा पैदा होना स्वाभाविक है किन्तु यह हमारे हाथ में है की हम सकारात्मक पक्ष के साथ खुश रहना चाहते हैं अथवा नकारात्मक पक्ष के साथ दुखी,,,,दुर्घटना से देर भली इसलिए आज दो दिन की देरी का 'इंजेक्शन' बरदाश्त कर लीजिये नहीं तो कल दस दिन की देरी का 'ऑपरेशन' झेलना पड़ सकता है।
उनकी हर बात आज कल पर टल जाती है .....
ReplyDeleteऔर अव्यवस्था के माहौल मेँ हमारी जिन्दगी गुजर जाती है...
निरहुआ चूँकि प्रबल आशावादी सोच रखता है और अंत समय तक जूझकर भी इस भर्ती प्रक्रिया को संपन्न कराने में सहयोग करने हेतु कृतसंकल्प है अतः अपनी आदत से मजबूर निरहुआ विपरीत परिस्थितियों में भी आज आपको कुछ सकारातमक बातें बताना चाहता है,,हालाँकि कुछ नकारात्मक प्राणी यहाँ भी जहर उगलने से बाज नहीं आएँगे लेकिन टेट बंधुओं के समक्ष "सिक्के का दूसरा पहलू" रखना निरहुआ का कर्तव्य है-
ReplyDeleteब्रम्ह पुराण में 10000 श्लोक है ,
ReplyDeleteपदम् पुराण में 55000 श्लोक है ,
विष्णु पुराण में 23000 श्लोक है ,
शिव पुराण में 24000 श्लोक है ,
श्री मद भागवत पुराण में 18000 श्लोक है ,
मार्कंडेय पुराण में 9000 श्लोक है ,
अग्नि पुराण में 15400 श्लोक है ,
भविष्य पुराण में 14500 श्लोक है ,
लिंग पुराण में 11000 श्लोक है ,
वराह पुराण में 24000 श्लोक है ,
इस्कंद पुराण ने 81100 श्लोक है ,
वामन पुराण में 10000 श्लोक है ,
कुर्म पुराण में 17000 श्लोक है ,
ब्रम्हा वैवर्त पुराण में 18000 श्लोक है ,
मत्सत्य पुराण में 14000 श्लोक है ,
गरुण पुराण में 19000 श्लोक है ,
ब्रह्माण्ड पुराण में 12000 श्लोक है ,
इस प्रकार सब पुराणों की श्लोक संख्या 4 लाख होती है भगवद जी की श्लोक संख्या 18000 है और कुल स्कंद 12 है जिनमे 326अध्याय है तथा इन 326 अध्यायों के अंतर्गत 763 कथाये है ,
जिनमे से 5 कथाओ को भगवान श्री कृष्णा का अंश कहा जाता है , जिन्हें पंचांग कहते है !
THE ONLY PEOPLE YOU CAN CHOOSE IN YOUR LIFE ARE FRIENDS.. A sweet line after a huge fight: "Chal sale ab 1 thanda toh pila A sweet line for a friend when scolded from teacher: "Chhod na yaar ye pagal hai. Apne piche hi padi rehti hai" A sweet line when a group member absent: "Sala kahi ladki k sath hoga" A sweet line when any of our friend got dumped: "Chhod na tere type ki nahi thi" A sweet line to your friends when we were blank at exams: "Sale kitni sheet bharega? Muje bhi to bata" A sweet line when all group got punished: "Sab teri wajah se hua kaminey" With tears, the sweetest line when all separate: "Jaa sale hum toh chhote log hai na, tum bade log humse baat thodi karoge"
ReplyDeleteWithout friends Life iS NothinG
ये जो हो रहा है कुछ ख़ास नही है ,बस भगवान हमारी परीक्षा ले रहा है ,,,
ReplyDeleteवो लोग बड़े खुशनसीब होते हैं भगवान जिनकी परीक्षा लेता है ,,,,
सोमवार को जीओ आ जाए तो इससे बेहतर क्या होगा,,,
ना आये तो भी फ़िक्र ना करना क्योंकि इस युद्ध का परिणाम तो युद्ध प्रारम्भ होने से पहले ही निश्चित हो चुका है ,
बस समय का फेर है .....
जय टेट मेरिट
अगर आपने अपनी शट॔ का पहला बटन गलत
ReplyDeleteलगाया है तो निसंदेह बाकी सभी बटन गलत
ही लगेंगे ।
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- घनश्याम टेलर
जरूरी नही है हर बात म. गांधी या शेक्सपीयर
ने कही हो ।।।
अगर आपकी राह में छोटे छोटे पत्थर आये
तो समझ लेना।।।
।।।।।रोड का काम चल रहा हे।।।
��भंवरलाल ठेकेदार��
जिंदगी में सिर्फ पाना ही सबकुछ
नहीं होता,
उसके साथ नट बोल्ट भी चाहिए...����.
-महादेव मिस्त्री
. Very Touchy lines. ....
यहाँ खुदा है, वहाँ खुदा है
आस पास खुदा ही खुदा है
जहाँ खुदा नहीं है, वहाँ कल खुदेगा
--महानगरपालिका--
प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में विलंब
ReplyDeleteलखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 31 अगस्त तक पूरी हो पाना मुश्किल है। अभी आवेदन पत्रों में हुई गलतियों को सुधारने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद जनपदवार मेरिट सूची तैयार की जाएगी। काउंसिलिंग अगले सप्ताह में शुरू होने की सम्भावना है। इसलिए भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में एक माह का समय और लग सकता है।
सूबे में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा संचालित की जा रही है। एससीईआरटी के तहत भर्ती प्रक्रिया से सम्बन्धित अधिकांश काम जिलों में डायट मुख्यालयों पर निपटाए जा रहे हैं। 31 अगस्त तक भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते इसमें विलम्ब होता जा रहा है। भर्ती के लिए जारी की गई ऑनलाइन मेरिट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों के चलते भर्ती प्रक्रिया की गति बेहद धीमी है। एससीईआरटी द्वारा गलतियों को सुधारने के लिए अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन मांगे गए थे। प्रदेश के सभी जनपदों से भारी मात्रा में प्रत्यावेदन आए। गड़बड़ियां दुरूस्त करने के बाद जनपदवार मेरिट सूची तैयार की जाएगी।
एक बंगाली बाबू ने गुलजार साहब के पाँव पकड़ लिए और गुजारिश करने लगा
ReplyDelete" दादा होम भी शायरी सिखेगा"
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काफी मान मनौवत के बाद गुलजार साहब मान गए और बोले - जैसा मै बोलूँ तुम वैसा ही बोलना।
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बंगाली बाबू:- ठीक है।
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गुलजार साहब :-
"ना गिला करुँगा,
ना शिकवा करुँगा.....
तू सलामत रहे इस दुनिया में,
रब से यही दुआ करुँगा।"
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बंगाली बाबू ने दोहराया:-
"ना गीला कोरेगा,
ना सूखा कोरेगा .....
तुम साला, मत रहो इस दुनिया में,
रोब से येही दुआ कोरेगा।"
गुलज़ार साहब बेहोश
नए सत्र में विशेष भर्ती से जुङेगे 80000 पद
ReplyDeleteइलाहाबाद। सहायक अध्यापक चयन
प्रक्रिया पर ब्रेक से निराश,
परेशान शिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास
अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी! नए
सत्र में शिक्षकों की विशेष
भर्ती प्रक्रिया से 80 हजार और पद
जुड़ जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग
में रिक्त पड़े पदों को जल्द से जल्द
भरने के सर्व शिक्षा अभियान
की पहल के बाद मानव संसाधन
विकास मंत्रालय ने
इसकी संस्तुति कर दी है। तय
किया गया है कि आचार
संहिता खत्म होने के बाद सर्व
शिक्षा अभियान की तरफ से
प्रस्ताव एनसीटीई
को भेजा जाएगा। नई चयन
प्रक्रिया को विशेष
भर्ती अभियान के तौर पर
ही प्रस्तुत किया जाएगा लेकिन ये
पद पहले से घोषित पदों से अलग
होंगे। यह भी साफ है कि चयन
का आधार
टीईटी को ही बनाया जाएगा।
प्रारूप बनाने वाले
अधिकारियों का कहना है
कि टीईटी के बाद बीएड
या बीटीसी कोई
मुद्दा नहीं रहा। एनसीटीई
को सभी अधिनियमों की जानकारी देकर
यही समझाया जाएगा ताकि चयन
में आगे कोई विवाद न खड़ा हो।
अधिकारियों की मानें
तो वर्तमान में चल रही चयन
प्रक्रिया भी एनसीटीई
की समय सीमा के दायरे से मुक्त
होगी। प्रस्ताव में यदि कोई
बड़ा बदलाव न किया गया तो यह
भी तय है कि नए पदों पर चयन
टीईटी मेरिट से नहीं होगा।
टीईटी को केवल आवेदन के लिए
पात्र माना जाएगा। चयन के लिए
या तो परीक्षा होगी या फिर
पूर्व की डिग्रियों को आधार
बनाया जाएगा।
प्रारूप तैयार करने वाली कमेटी के
सदस्य, सर्व शिक्षा अभियान के
सह समन्वयक और उप
शिक्षा निदेशक नवनीत
भदौरिया ने बताया कि आचार
संहिता के मद्देनजर प्रारूप तैयार
होने के बाद आगे
की प्रक्रिया रोक दी गई है
लेकिन नए सत्र में इन पदों पर चयन
ReplyDeleteलगभग तय है
हमे डुबाने की ख्वाहिश लिये वो दम भरते ही रह गये
ReplyDeleteकब्र हमारे लिये खोदी , दफन खुद हो गये ।
इसी अगस्त महीने में हमारी भर्ती कानफोडू शोर मचायेगी ।
दिल धडकायेगी, हमारा भी , दुश्मन का भी
~~~~~~~~~~~~~~~~~
बन्दे हैं हम उसके , हमपे किसका जोर
उम्मीदों के सूरज निकलें चारो ओर
~~~~~~~~~~~~~~~~~
100% उम्मीद के साथ इसी महीने एक बसन्त और सावन से भी ज्यादा खुशनुमा खबर हमारा इन्तजार कर रही है।
याद,रखना मेरी बात
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था ;
ReplyDeleteखेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था ;
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में;
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था।
मुरादाबाद के एक लड़के ने अपनी गर्लफ्रेंड को फोनकिया तो उसके पापा ने
ReplyDeleteउठा लिया, लड़का मन मे बोला हे भगवान ये कहाँ से आ गया
पिता : हैलो, कौन बोल रहा है?
लड़का : मैं अमिताभ बच्चन बोल रहा हूँ, कौन बनेगा करोड़पति" से और
आपकी बेटी की फ्रेंड हॉट सीट पर बेठी है और आपकी बेटी की मदद
चाहती है, उसको फोन दीजिये Sir,
पिता : ओह, रोमांचित हो कर बेटी को फोन दे दिया,
लड़का : सवाल यह "आज शाम को तुम कहाँ मिलोगी?"
(Option A): hathi park
(Option B): civil line
(Option C): company baag
(Option D) : bigbaazar
लडकी : "Option C"
लड़का : धन्यवाद, और अब आप का समय समाप्त होता है.
पिता अभी तक खुशी के मारे फुले नहीं समा रहे थे.......l
Moradabad Ke chhokre bhai kuch bhi kar skte hain.
प्राँप्त जानकारी के अनुसार
ReplyDeleteबिना टेट रोल न॰ तथा अंक पंत्र के बचे आवेदन जो सीक्रेट भेजे गये हैँ
जौनपुर 257
इलाहाबाद 1238
.
ReplyDelete.
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D
E
V
.
.
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P
R
I
Y
A
.
.
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9
8
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"सब तमन्नाएं हों पूरी, कोई ख़्वाहिश भी रहे
चाहता वो है, मुहब्बत में नुमाइश भी रहे
आसमां चूमे मेरे पँख, तेरी रहमत से
और किसी पेड़ की डाली पे रिहाइश भी रहे
उसने सौंपा नहीं मुझको मेरे हिस्से का वजूद
उसकी क़ोशिश है कि मुझसे मेरी रंजिश भी रहे
मुझको मालूम है, मेरा है वो मैं उसका हूँ
उसकी चाहत है कि रस्मों की ये बंदिश भी रहे
मौसमों से रहें ऐसे रिश्ते
कुछ अदावत भी रहे थोड़ी नवाजि़श भी रहे..."
एक बार एक आदमी ने गांववालों से
ReplyDeleteकहा की वो 10 रु .में एक बन्दर
खरीदेगा , ये सुनकर
सभी गांववाले
नजदीकी जंगल की और
दौड़ पड़े और वहां से
बन्दर पकड़
पकड़ कर 10 रु .में उस आदमी को बेचने
लगे .......
कुछ दिन बाद ये सिलसिला कम हो गया और
लोगों की इस बात में दिलचस्पी कम
हो गयी .......
फिर उस आदमी ने कहा की वो एक एक
बन्दर के
लिए
20 रु .देगा , ये सुनकर लोग फिर बन्दर पकड़ने
में लग
गये , लेकिन कुछ दिन बाद मामला फिर
ठंडा हो गया ....
अब उस आदमी ने कहा की वो बंदरों के
लिए 50
रु .
देगा ,लेकिन क्यूंकि उसे शहर जाना था उसने इस
काम के
लिए एक असिस्टेंट नियुक्त कर दिया ........
50 रु .सुनकर गांववाले बदहवास हो गए ,लेकिन
पहले
ही लगभग सारे बन्दर पकडे जा चुके थे इसलिए
उन्हें
कोई हाथ नही लगा ...... तब उस
आदमी का असिस्टेंट
उनसे आकर कहता है .....
" आप लोग चाहें तो सर के पिंजरे में से 35 -35
रु . में
बन्दर खरीद सकते हैं , जब सर आ जाएँ तो 50
-50 में बेच
दीजियेगा "...गांववालों को ये प्रस्ताव
भा गया और
उन्होंने सारे बन्दर 35 -35 रु .में खरीद
लिए .....
अगले दिन न वहां कोई असिस्टेंट था और न
ही कोई सर .......बस बन्दर ही बन्दर
...........
...........
.....
.....
..
बड़ी खबर...
ReplyDeleteआज सपा के नेता जी ने SCERT के
अधिकारियों के माध्यम से U.P के
भावी शिक्षकों तक
सूचना भेजी है कि पार्टी के
शीर्षस्थ नेताओं ने निर्णय
लिया है कि पार्टीजन अब काम
करने मे खुद को असमर्थ महसूस कर रहें
हैं. पार्टी का रिटायरमेंट 2017 में है
लेकिन पार्टी TET merit
समर्थकों से अपेक्षा करती है
कि TET
अभ्यर्थी उनका रिटायरमेंट जल्द
कराने में उनका पूर्ण सहयोग करेंगे...
पार्टी ने इस कार्य
सम्बन्धी सारी जिम्मेदारी युवा C.M.को दी है....
क्या आप मेरी तरस इस पुनीत
कार्य में सहयोग कर इतिहास में
अपना नाम दर्ज कराना चाहेंगें.......
जवाब अपेक्षित है.
मुलायम के बब्बा भी 72825 को नहीं रोक सकते।
ReplyDeleteएक बार एक किसान का घोडा बीमार हो गया। उसने उसके इलाज के लिए डॉक्टर को बुलाया। डॉक्टर ने घोड़े का अच्छे से मुआयना किया बोला, "आपके घोड़े को काफी गंभीर बीमारी है। हम तीन दिन तक इसे दवाई देकर देखते हैं, अगर यह ठीक हो गया तो ठीक नहीं तो हमें इसे मारना होगा। क्योंकि यह बीमारी दूसरे जानवरों में भी फ़ैल सकती है।"
ReplyDeleteयह सब बातें पास में खड़ा एक बकरा भी सुन रहा था।
अगले दिन डॉक्टर आया, उसने घोड़े को दवाई दी चला गया। उसके जाने के बाद बकरा घोड़े के पास गया और बोला, "उठो दोस्त, हिम्मत करो, नहीं तो यह तुम्हें मार देंगे।"
दूसरे दिन डॉक्टर फिर आया और दवाई देकर चला गया।
बकरा फिर घोड़े के पास आया और बोला, "दोस्त तुम्हें उठना ही होगा। हिम्मत करो नहीं तो तुम मारे जाओगे। मैं तुम्हारी मदद करता हूँ। चलो उठो"
तीसरे दिन जब डॉक्टर आया तो किसान से बोला, "मुझे अफ़सोस है कि हमें इसे मारना पड़ेगा क्योंकि कोई भी सुधार नज़र नहीं आ रहा।"
जब वो वहाँ से गए तो बकरा घोड़े के पास फिर आया और बोला, "देखो दोस्त, तुम्हारे लिए अब करो या मरो वाली स्थिति बन गयी है। अगर तुम आज भी नहीं उठे तो कल तुम मर जाओगे। इसलिए हिम्मत करो। हाँ, बहुत अच्छे। थोड़ा सा और, तुम कर सकते हो। शाबाश, अब भाग कर देखो, तेज़ और तेज़।"
इतने में किसान वापस आया तो उसने देखा कि उसका घोडा भाग रहा है। वो ख़ुशी से झूम उठा और सब घर वालों को इकट्ठा कर के चिल्लाने लगा, "चमत्कार हो गया। मेरा घोडा ठीक हो गया। हमें जश्न मनाना चाहिए। आज बकरे का गोश्त खायेंगे।"
शिक्षा: मैनेजमेंट को भी कभी पता नहीं चलता कि कौन सा कर्मचारी कितना योग्य है
महाभारत के युद्ध में जब अर्जुन और
ReplyDeleteकर्ण का युद्ध हो रहा था, तो एक
समय ऐसा आया जब कर्ण के रथ
का पहिया कीचड़ में धँस गया..!"
.
"वह शस्त्र रथ में ही रखकर नीचे
उतरा और उसे निकालने लगा। यह
देखकर भगवान कृष्ण ने अर्जुन को संकेत
किया और उसने कर्ण पर
बाणों की बौछार कर दी..!"
.
"इससे कर्ण बौखला गया। वह अर्जुन
की निन्दा करने लगा- इस समय मैं
नि:शस्त्र हूँ। ऐसे में मेरे ऊपर बाण
चलाना अधर्म है..!"
.
"पर श्रीकृष्ण ने उसे मुँहतोड़ उत्तर
देते हुए कहा- महाबली कर्ण, आज तुम्हें
धर्म याद आ रहा है। पर उस दिन
तुम्हारा धर्म कहाँ गया था, जब
द्रौपदी की साड़ी को भरी सभा में
खींचा जा रहा था। जब अनेक
महारथियों ने निहत्थे अभिमन्यु
को घेरकर मारा था, तब तुम्हें धर्म
की याद क्यों नहीं आयी..?"
.
"श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपनी बाण-
वर्षा और तेज करने को कहा।
परिणाम यह हुआ कि कर्ण ने थोड़ी देर
में ही प्राण छोड़ दिये..!"
.
"यह इतिहास कथा यह बताती है
कि धर्म का व्यवहार ,
सज्जनता का व्यवहार केवल धर्म पर
चलने वालों के लिए
ही होना चाहिए। गलत
व्यक्तियों का साथ देने वालों, असत्य
का पक्ष लेने
वालों तथा दुष्टों को उनके
जैसी दुष्टता से दंड देना बिल्कुल गलत
नहीं है..!
ये श्री कृष्ण की कथा .....
अतः सज्जनों के प्रति सज्जनता और
दुष्टो के प्रति दंड...
यही श्रेष्ठ
नीति है ।
इस समय सबसे अधिक तर्क वितर्क उन आवेदनों क ऊपर चल रहा है जिनमे न टी ई टी रोल नं. है और न टी ई टी अंक पत्र।
ReplyDeleteपहली बात कि जिस आवेदन में पूरी सूचनाएं ही न दी गयी हों वो आवेदन निरस्त हो जाना चाहिये। आवेदन के साथ नियम दिए होते है उस पर स्पस्ट लिखा होता है की अपूर्ण आवेदन पर विचार नहीं किया जायेगा। फिर भी आवेदन फीड किये गये। क्या आवश्यकता थी इनको फीड करने की ?
दूसरी बात शासन से स्पष्ट निर्देश क्यूँ नहीं दिए गये की फीडिंग आवेदन से करनी है या प्रत्यावेदन से ।कुछ स्न्स्थानों में फीडिंग आवेदन से हुई कुछ में प्रत्यावेदन से।
कुल मिलाकर कहा जाये तो गलती शासन की ही है और सजा हम भुगत रहे हैं । ये 30 तक जी ओ लाकर हमे बरगलाने की कोशिश ज़रूर करेंगे लेकिन हमे 3 साल हम पर हुए ज़ुल्म को याद रखते हुए इनको किसी भी हाल में नहीं बख्शना है।
ReplyDeleteकोर्ट में हमे ये बात प्रभावी तरीके से रखनी होगी के अधिकारियों की मीटिंग में भर्ती करने नहीं अपितु भर्ती को लटकाने के तरीके खोजे जाते हैं ताकि कोई चमत्कार हो और भर्ती रुक जाये । क्न्तेम्प्त ऑफ़ कोर्ट क्या होता है ये हमे बताना है इनको।
अंत में बस इतना ही
T.E.T. merit zindabad zindabad
Jis data feeding ki charcha saturday meeting me ki gai h ye whi farji log h jinhone no. Badwane ke liye paise diye the en logo n socha tha ki no. Badh jane pr dayat se setting kr ke farm fill kr nyi tet marksheet ki photocopy lga di jayegi lekin pkde jane se sb gdbd ho gya aur enka farm bina tet no. Va roll ke rh gya
ReplyDeleteto kya ab heeralal ghar ghar ja kr farm bharwange
farm agr glt bra gyah to ye jimmedari sarkar ki nhi aabhyarthi ki hoti h
ye ak nya tmasha h 4 din tet pramadpatra magenge aur 14 din feeding krenge
खुशहाल अमन और तरक्की पसंद पडोसी सबकी पसंद होता हैं| इतिहास गवाह हैं जिनके पड़ोसी में ये सारी खूबियाँ रहती हैं इनका विकास भी खूब हुआ हैं और दुनिया में अपनी सफलता का डंका बजाने में सफल रहे हैं | हम इस मामले में थोडा दुर्भाग्यशाली रहे है जो पाकिस्तान और चीन जैसे पडोसी मिले| आधुनिक युग में हर देश की विदेश नीतिकी आधारशिला ऐसे ही पडोसी और दोस्त बनाने की रहीं हैं| अफ़सोस दोस्त बदले जा सकते हैं पडोसी नहीं| इसी कारण पाकिस्तान का बाप होने के कारण भारत ने नरम रुख अपनाये हैं|
ReplyDeleteभारत सरकार ने पाकिस्तान से सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर अपनी बदलती रणनीति का संकेत दे दिया हैं| भारत के इस कदम का स्वागत पाकिस्तान मामलों के जानकर कर रहे हैं| यह पाकिस्तान के लिए एक कड़ा सन्देश हैं| भारत के इस कदम से यह साफ हो गया हैं की कश्मीर मुद्दे का समाधान शिमला समझौते के तहत होगा| जिसमे किसी तीसरे पक्ष का प्रावधान नहीं हैं|
ReplyDeleteइस समय भारतीय सीमा पर लगातार युद्ध विराम समझौते का उल्लघन पाकिस्तान की तरफ से हो रहा है जिसका माकूल जबाब हमारी सेना भी दे रही हैं| कूटनीतिक स्तर पर भी भारत सरकार सक्रिय हैं| इसका परिणाम फरवरी में दिखा जब UNO महासचिव वान की मून ने कश्मीर पर मध्यस्थता करने से मन कर दिया| यहाँ तक की UNO ने कश्मीर मुद्दे को विवादित मुद्दे की सूचि से हटा दिया हैं|
ReplyDelete§*Merit Prediction*§
ReplyDelete*Pratyek diek pe kam se kam 40 aise form the jinka score 150 ya usse adhik tha.kuch aise bi form the jinke tet score 104 tha to 140 ho gya.
114 tha 141 go gya.ha thode bhut aise form bi the maslam 110 ka 101 hua.general rank nikali taki tet ki ekta me fut dali ja sake.par agar pichli prediction pe jor dale to gen male art 105 tak jana sure nahi lag raha tha.
Ye merit kaha tak safal hoti hai.dekhte hai.ye ek aanklam matra hai is par pura biswas nahi kiya ja sakta par santst jarur hua ja skta hai
.agar isse kisi ko hurt hota hai to agrim kshamaprarthi.apka hit me sdaiw
.jai tet merit.
छीन लेता है हर चीज मुझसे,
ReplyDeleteए खुदा, क्या तू भी इतना गरीब है...
किसी के पाँव का काँटा निकाल कर देखो,
ReplyDeleteदिल की चुभन ज़रूर कम होगी
2020 का एक दृश्य
ReplyDeleteपप्पू ने पिज्जा हट में फ़ोन किया।
सेल मैन- पिज्जा हट, नमस्कार !
ग्राहक पप्पू- हैलो, आप मेरे घर पिज्जा भेज दीजिए।
सेल मैन- सर, पहले आप अपना आधार कार्ड नंबर बाता दीजिए।
पप्पू- ठीक है... मेरा नम्बर ********* - *********** - ******* है।
सेल मैन- ओके... आप हैं ... श्रीमान राजू और आप हाऊस नम्बर 3**5, कैलाशपुरी, चेन्नई से बोल रहे हैं। आपके घर का फ़ोन नंबर ********* और आपके कार्यालय का नम्बर ******** है और अपने मोबाइल ********** है। अभी आप अपने घर का नंबर से फोन कर रहे हैं।
पप्पू चकित होकर- आपको मेरे सभी फ़ोन नंबर कैसे मिले?
सेलमैन- हम आधार सिस्टम से जुड़े हैं।
पप्पू- मैं अपनी डबल मोजरेला पिज्जा ऑर्डर करना चाहता हूँ।
सेल मैन- आपके लिए यह अच्छा विचार नहीं है सर !
पप्पू- ऐसा कैसे?
सेलमैन- आपके मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार, आप उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं सर !
पप्पू- तो क्या? तुम मुझे क्या सलाह देते हो कि मैं क्या मंगाऊँ?
सेल मैन- हमारा कम चिकनाई वाला होक्किन पिज्जा मंगा लीजिए, आप इसे पसंद करेंगे।
पप्पू- आप यह कैसे कह सकते हैं कि यह मुझे पसन्द आएगा?
सेलमैन- पिछले हफ्ते आपने नेशनल लाइब्रेरी से 'लोकप्रिय होक्किन व्यंजन' नामक पुस्तक ली थी।
पप्पू- छोड़ो, यही ठीक है... मुझे तीन बड़े आकार वाले भिजवा दीजिए।
सेलमैन- आप सही कह रहें हैं, आपके घर में सात लोगों के लिए 3 बड़े वाले काफ़ी हैं सर ! कुल 2100 रुपये हुए।
पप्पू- मैं क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर दूंगा।
सेलमैन- आप हमें नकद भुगतान ही देना सर ! आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा खत्म हो गई है और आपने अपने बैंक के 168745 रुपये देने हैं पिछले साल जुलाई के बाद से, आपके होम लोन और उस पर देर से भुगतान शुल्क इसमें शामिल नहीं है।
पप्पू- मैं पास के एटीएम से पैसे निकाल लूँगा आपके आदमी के आने से पहले !
सेलमैन- आप ऐसा नहीं कर सकते, आप अपने ओवरड्राफ्ट सीमा को समाप्त कर चुके हैं।
पप्पू- कोई बात नहीं, मैं पैसों का इन्तजाम कर लूंगा, पिज्जा कब तक आ जाएगा?
सेल मैन- लगभग 45 मिनट में सर ! लेकिन अगर आप इंतजार नहीं कर सकते तो आप खुद अपनी मोटर साइकिल पर आकर ले जा सकते हैं।
पप्पू- क्या?
सेल मैन- सिस्टम में विवरण के अनुसार, आप एक मोटरसाइकिल रजिस्ट्रेशन नंबर **** के मालिक हैं।
पप्पू- ?? इन लोगों को भी मेरे बाइक के नम्बर का भी पता है !
सेलमैन- आप कुछ और चाहते हैं सर?
पप्पू- कुछ नहीं ! वैसे तुम कोला की 3 मुफ़्त बोतलें मुझे दे रहे हैं ना जैसा आपके विज्ञापन में बताया गया है?
सेल मैन- हम आपको देते सर, लेकिन आपके रिकॉर्ड के आधार पर आपको शूगर है तो आपके स्वास्थ्य के हित में हम आपको यह नहीं दे रहे !
पप्पू- तेरी तो…
सेलमैन- अपनी भाषा पर काबू रखिए सर ! 10 जुलाई 1986 पर को एक पुलिस वाले को गाली देने के अपराध में आपको 3 दिनों के लिए जेल और 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
ग्राहक पप्पू बेहोश...
और बनाओ आधार कार्ड..
दुनिया के नक्शे में एक देश ऐसा भी है।
ReplyDeleteजो भूखा मरना पसन्द करेगा
लेकिन भारत की तरक्की पसन्द नही करेगा ।
जहाँ पैदा होने वाले हर बच्चे को उसका बाप यही सिखाता है कि हिन्दुस्तान दुश्मन है।
वो ट्रेन के रिजर्वेशन के डब्बे में बाथरूम के तरफ
ReplyDeleteवाली एक्स्ट्रा सीट पर
बैठी थी,
उसके चेहरे से पता चल
रहा था कि थोड़ी सी घबराहट है उसके
दिल में कि कहीं टीसी ने
आकर पकड़
लिया तो।
कुछ देर तक तो पीछे पलट-पलट कर
टीसी के
आने का इंतज़ार करती रही।
शायद सोच रही थी कि थोड़े बहुत पैसे
देकर
कुछ निपटारा कर लेगी।
देखकर यही लग रहा था कि जनरल डब्बे में चढ़
नहीं पाई इसलिए इसमें
आकर बैठ गयी, शायद ज्यादा लम्बा सफ़र
भी नहीं करना होगा।
सामान के नाम पर उसकी गोद में रखा एक
छोटा सा बेग दिख रहा था।
मैं बहुत देर तक कोशिश करता रहा पीछे से उसे
देखने की कि शायद चेहरा सही से दिख
पाए
लेकिन हर बार असफल ही रहा।
फिर थोड़ी देर बाद
वो भी खिड़की पर
हाथ टिकाकर सो गयी। और मैं भी वापस
से
अपनी किताब पढ़ने में लग गया।
लगभग 1 घंटे के बाद टीसी आया और
उसे
हिलाकर उठाया।
“कहाँ जाना है बेटा”
“अंकल अहमदनगर तक जाना है” “टिकट है ?”
“नहीं अंकल …. जनरल का है …. लेकिन
वहां चढ़
नहीं पाई इसलिए इसमें बैठ गयी”
“अच्छा 300 रुपये का पेनाल्टी बनेगा”
“ओह … अंकल मेरे पास तो लेकिन 100 रुपये
ही हैं”
“ये तो गलत बात है
बेटा ...पेनाल्टी तो भरनी पड़ेगी”
“सॉरी अंकल …. मैं अगले स्टेशन पर जनरल में
चली जाउंगी …. मेरे पास सच में पैसे
नहीं हैं ….
कुछ परेशानी आ गयी, इसलिए
जल्दबाजी में
घर से निकल आई… और ज्यदा पैसे रखना भूल
गयी…. ” बोलते बोलते वो लड़की रोने
लगी ...टीसी उसे माफ़
किया और 100 रुपये
में उसे
अहमदनगर तक उस डब्बे में बैठने की परमिशन दे
दी। टीसी के जाते
ही उसने अपने आँसू पोंछे
और इधर- उधर
देखा कि कहीं कोई उसकी ओर देखकर
हंस
तो नहीं रहा था।
थोड़ी देर बाद उसने किसी को फ़ोन
लगाया और कहा कि उसके पास बिलकुल
भी पैसे नहीं बचे हैं …
अहमदनगर स्टेशन पर कोई जुगाड़ कराके उसके
लिए पैसे भिजा दे, वरना वो समय पर गाँव
नहीं पहुँच पायेगी।
मेरे मन में उथल-पुथल हो रही थी, न
जाने क्यूँउसकी मासूमियत देखकर
उसकी तरफ खिंचाव सा महसूस कर रहा था,
दिल कर रहा था कि उसे पैसे दे दूं और कहूँ
कि तुम परेशान मत हो … और
रो मत ….
लेकिन एक अजनबी के लिए इस तरह
की बात सोचना थोडा अजीब था।
उसकी शक्ल से लग रहा था कि उसने कुछ
खाया पिया नहीं है शायद सुबह से… और
अब तो उसके पास पैसे भी नहीं थे।
बहुत देर तक उसे इस परेशानी में देखने के बाद मैं
कुछ उपाय निकालने लगे जिससे मैं उसकी मदद
कर सकूँ और फ़्लर्ट भी ना कहलाऊं।
फिर मैं एक पेपर पर नोट लिखा,
“बहुत देर से तुम्हें परेशान होते हुए देख रहा हूँ,
जानता हूँ कि एक अजनबी हम उम्र लड़के
का इस तरह तुम्हें नोट भेजना अजीब
भी होगा और शायद तुम्हारी नज़र में
गलत
भी, लेकिन तुम्हे इस तरह परेशान देखकर मुझे
बैचेनी हो रही है इसलिए यह 500
रुपये दे
रहा हूँ , तुम्हे कोई अहसान न लगे इसलिए
मेरा एड्रेस भी लिख रहा हूँ…..
जब तुम्हें सही लगे मेरे एड्रेस पर पैसे वापस
भेज
सकती हो …. वैसे मैं
नहीं चाहूँगा कि तुम
वापस करो …..
"अजनबी हमसफ़र ”
एक चाय वाले के हाथों उसे वो नोट देने
को कहा, और चाय वाले
को मना किया कि उसे ना बताये
कि वो नोट मैंने उसे भेजा है।
नोट मिलते ही उसने दो-तीन बार
पीछे
पलटकर देखा कि कोई उसकी तरह देखता हुआ
नज़र आये तो उसे
पता लग जायेगा कि किसने भेजा।
लेकिन मैं तो नोट भेजने के बाद ही मुँह पर
चादर डालकर लेट गया था।
थोड़ी देर बाद चादर का कोना हटाकर
देखा तो उसके चेहरे पर मुस्कराहट महसूस की।
लगा जैसे कई सालों से इस एक मुस्कराहट
का इंतज़ार था।
उसकी आखों की चमक ने मेरा दिल उसके
हाथों में जाकर थमा दिया …. फिर चादर
का कोना हटा- हटा कर हर थोड़ी देर में उसे
देखकर जैसे सांस ले रहा था मैं..
पता ही नहीं चला कब आँख लग
गयी। जब आँख
खुली तो वो वहां नहीं थी …
ट्रेन अहमदनगर
स्टेशन पर
ही रुकी थी। और उस
सीट
पर एक छोटा सा नोट रखा था …..
मैं झटपट मेरी सीट से उतरकर उसे
उठा लिया .. और उस पर लिखा था …
Thank
मैं झटपट मेरी सीट से उतरकर उसे
ReplyDeleteउठा लिया .. और उस पर लिखा था …
Thank You मेरे अजनबी हमसफ़र..
आपका ये अहसान मैं ज़िन्दगी भर
नहीं भूलूँगी ….
मेरी माँ आज मुझे छोड़कर
चली गयी हैं …. घर में मेरे अलावा और
कोई नहीं है इसलिए आनन – फानन में घर
जा रही हूँ। आज आपके इन पैसों से मैं
अपनी माँ को शमशान जाने से
पहले एक बार देख पाऊँगी ….
उनकी बीमारी की वजह
से उनकी मौत के
बाद उन्हें ज्यादा देर घर में
नहीं रखा जा सकता। आज से मैं
आपकी कर्ज़दार हूँ…
जल्द ही आपके पैसे लौटा दूँगी। उस
दिन से
उसकी वो आँखें और वो मुस्कराहट जैसे मेरे
जीने की वजह थे …. हर रोज़
पोस्टमैन से
पूछता था शायद किसी दिन उसका कोई
ख़त आ
जाये …. आज 1 साल बाद एक ख़त मिला …
आपका क़र्ज़ अदा करना चाहती हूँ …. लेकिन
ख़त के ज़रिये नहीं आपसे मिलकर …
नीचे मिलने की जगह
का पता लिखा था….
और आखिर में लिखा था ..!
!
!
!
!
!
!
"अजनबी हमसफ़र"
हवा के झोंको से टूटकर गिर जाए वो पत्ते नही है हम,
ReplyDelete'अखिलेश के चमचो' से कह दो अपनी औकात मे रहे ।
कल मीटिंग हुई थी। आशाओं के दीप बहुत तेज जले और बाद में बुझकर फुक्क भी हो गये।
ReplyDeleteपता नही टेटवीर किस तरह पूजा अर्चना करें कि जीओ प्रकट हों , जरूर सवा रुपये का प्रसाद मानते होंगे ,इसीलिये
पहले की स्थिति देखकर अब टेटवीर रिस्क नही लेंगे , एक बन्धु ने पूरे ग्यारह रूपये के लडडू की घूस की घोषणा हनुमानजी से कर दी है।
सुना है, कुछ डाईट का डाटा वाटा में रोल नंबरम गायब थे । समस्या तब और बढी , जब उनके मूल आवेदन से भी रोल नंबर गायब थे।
अब हीरालाल जीरालाल तमन्ना उन्हें कैसे एडजस्ट करेंगे , ये सोचने वाली बात है।
पर एक बात तो है। जिस बन्दे ने मूल आवेदन में भी अपना रोल नंबरम न लिखा हो, टीईटी अंकपत्र न लगाया हो,,उसे तो काठ का _ _ _ कहना चाहिए ।
मेरी नजर में इन्हें ऐसे बाहर करना चाहिए जैसे दूध से मख्खी , कायदे में तो फार्म रिजेक्टीकरण के हकदार हैं ।
हीरालाल जीरालाल तमन्ना इन्हें आखिर कैसे भीतर करेगा । और दूसरी बात अगर ये फर्जी निकले, फिर भी अंदर होंगे , तो मेरिट पर असर नहीं डालेंगे क्या ,
सचिव डरपुक्क है क्या , जो ये कह रहा है। कि अगर ये सही हुये और बाद में कोर्ट गये तो फालतू का लफडा वफडा होगा , इसलिए अभी किसी तरह खींच तान के फीड कराये लेता हूँ , बाद में जो होगा, देखा जायेगा , ऐसी की तैसी,
सुना है, सचिव स्वयं स्थिति का ब्यौरा लेने एनआइसी अधिकारियों से बात करने गये, पूरी स्थिति को समझा , और पूछा कि यह सब ताम झाम कब तक निपटेगा , वो तपाक से बोले,
इतवार के पावन दिन तक
ठीक है, फिर सोमवार को मीटिंग वीटिंग अरेन्ज करते हैं । तब तक ये सब निपटाओ।
ये शब्द कहते हुये सचिव जी बाहर आये और फेसबुक टीईटी भक्तों को बिना जीओ अंकल के दर्शन कराये चले गये ।
मगर आस्था है कि बढ और गयी , अब तो सोमवार को जीओ आ रहा है। लोगों को इसके सपने भी आने लगे हैं । ऐसे लोगों की अटूट भक्ति देखकर मेरा भी मन मुझे कहता है। कि अ तो आना ही चाहिए जीओ बेटा ।
Mn ko tsalli dena achhi bat h bade bhai.
Deletepr vastvikta to kuchh aur hi h.
Q ki 15 hjar k go me aachar snghita ka koi mayne nhi h..
aur aap k hi coment me80 hjar pe aachar snghita bafhit kr rahi h.
To go ka khvab dekhna bnd kren aur doosre radte ki tlas kten
कल फिर मीटिंग होगी, टीईटी मन्दिर के सबसे बडे पुजारियों की पुनः बैठक शैठक होगी । पूरा जायजा फिर से होगा , अगर सबकुछ सही रहा , तो जीओ का चरणामृत शायद पीने को मिले ,
ReplyDeleteकल की बडी बडी उम्मीदों के साथ आज मनौती मन्नत मानिये , प्रभु को मंहगा प्रसाद और हैवी दक्षिणा की घूंस देकर पटाने की कोशिश कीजिए ।
शायद हीरालाल जीरालाल तमन्ना वेंकट स्वामी की अपार कृपा हो जाये।
1- क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
ReplyDelete——————-
2- मूर्ख मनुष्य क्रोध को जोर-शोर से प्रकट करता है, किंतु बुद्धिमान शांति से उसे वश में करता है।
——————-
3- क्रोध करने का मतलब है, दूसरों की गलतियों कि सजा स्वयं को देना।
——————-
4- जब क्रोध आए तो उसके परिणाम पर विचार करो
——————-
5- क्रोध से धनी व्यक्ति घृणा और निर्धन तिरस्कार का पात्र होता है।
——————-
6- क्रोध मूर्खता से प्रारम्भ और पश्चाताप पर खत्म होता है।
——————-
7- क्रोध के सिंहासनासीन होने पर बुद्धि वहां से खिसक जाती है।
——————-
8- जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में नहीं कह सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है।
——————-
9- क्रोध मस्तिष्क के दीपक को बुझा देता है। अतः हमें सदैव शांत व स्थिरचित्त रहना चाहिए।
——————-
10- क्रोध से मूढ़ता उत्पन्न होती है, मूढ़ता से स्मृति भ्रांत हो जाती है, स्मृति भ्रांत हो जाने से बुद्धि का नाश हो जाता है और बुद्धि नष्ट होने पर प्राणी स्वयं नष्ट हो जाता है।
——————-
11- क्रोध यमराज है।
——————-
12- क्रोध एक प्रकार का क्षणिक पागलपन है।
——————-
13-क्रोध में की गयी बातें अक्सर अंत में उलटी निकलती हैं।
——————-
14- जो मनुष्य क्रोधी पर क्रोध नहीं करता और क्षमा करता है वह अपनी और क्रोध करने वाले की महासंकट से रक्षा करता है।
——————-
15- सुबह से शाम तक काम करके आदमी उतना नहीं थकता जितना क्रोध या चिन्ता से पल भर में थक जाता है।
हम तो हिन्दुस्तानी हैं, अस्थि से वज्र बनाते है,,
ReplyDeleteपरमाणु बमों कि बात ही क्या, मंत्रो से मुल्क
जलाते हैं...
अब की युद्ध हुआ तो मेरा कुछ भी नुकसान
नहीं होगा,,
पर दुनिया के नक़्शे पर फिर से पाकिस्तान
नहीं होगा...
यदि कोई व्यक्ति इस विवाद को गहराई में जाकर समझे तो उसे महसूस होगा जैसे ईश्वर किसी ना किसी रूप में आकर हमारी मदद करते रहे हैं ,कभी श्वेत बालों वाले संत न्याय की मूर्ती श्री सुशील हरकौली जी ,कभी न्यायमूर्ति ए पी शाही , कभी न्यायमूर्ति अशोक भूषण तो कभी न्यायमूर्ति एच एल दत्तू ..... संभवतः हमारी सहायता हेतु भेजे देवदूत और भी हैं जिन्हें समझने योग्य दृष्टि का हममे अभाव होना स्वाभाविक है
ReplyDeleteजब कभी मैं RTE के लागू होने के बाद टेट की अनिवार्यता सम्बन्धी गाईडलाइन में टेट को पात्रता मानने के बाद should give weightage to tet marks तथा नंबर बढाने के लिए पुनः टेट देने के प्रावधानों गौर करता हूँ तथा मायावती सरकार द्वारा टेट से मुक्ति पाने का प्रयास विफल हो जाने के बाद अचानक टेट मेरिट समर्थक बन जाने की घटना को याद करता हूँ मुझे महसूस होता है कि यह सब किसी व्यापक ईश्वरीय योजना के तहत ही हो रहा ह कभी-कभी तो ऐसा लगता है जैसे उत्तर प्रदेश के सुदूर गाँव में किसी गरीब बच्चे ने एकेडमिक से चयनित होकर आये किसी अयोग्य अध्यापक से परेशान होकर ईश्वर से देश के गरीब बालकों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने में समर्थ टीचर उपलब्ध कराने की बहुत शिद्दत से दुआ की होगी जिसे कबूल करने के बाद ही परमात्मा ने इस धर्म युद्ध की रूपरेखा तैयार की हो .. इस धर्म युद्ध में ईश्वर ने सभी के लिए अलग-अलग भूमिकाओं का चुनाव किया है
ReplyDeleteइन सबकी रीढ़ जिला स्तर पर टेट मोर्चे को लामबंद करने वाले विभिन्न जिला अध्यक्ष और सक्रिय कार्यकर्ता तथा वो साथी हैं जो केन्द्रीय नेतृत्व के आह्वाहन पर लखनऊ और इलाहाबाद की सड़कों पर टेट मेरिट का परचम लहराते हैं और केस लड़ने के लिए रुपयों की बारिश कर देते हैं .... इन सबने मिलकर एक ऐसी अपराजेय सेना का गठन किया है जिससे निपटने में एक पूर्ण बहुमत सरकार ,भ्रष्ट एवं दम्भी नौकरशाही , नक़ल माफियाओं की लाबी द्वारा पोषित हिंदी प्रिंट मीडिया स्वयं को अक्षम पा रही है
ReplyDeleteहो सकता है आप में से कुछ लोग सोचें कि जब ईश्वर ही हमारी मदद कर रहा है तो अब तक हम स्कूलों में क्यों नहीं हैं ,,,, भगवान कृष्ण भी चाहते तो उँगलियों में सुदर्शन चक्र घुमाते हुए ध्रतराष्ट्र के दरबार में जाते और युधिष्ठिर का राजतिलक करवा देते ,लेकिन उन्होंने ऐसा ना करके उन्होंने पांडवों की पात्रता की परीक्षा लेने हेतु महाभारत की रूपरेखा तैयार की और उनका मनोबल बढ़ाने के गीता का उपदेश दिया .....
ReplyDeleteजो हुआ अच्छा ही हुआ , जो हो रहा है अच्छा ही हो रहा है तथा जो हो रहा है अच्छा ही होगा ...... हम सबको निर्भय होकर निष्काम भाव से अपना कर्तव्य निभाते रहना है ,, एक दिन हमारी मंजिल स्वयं चलकर हमारे पास आएगी ,,,, एक दिन ऐसा भी आएगा और बहुत जल्द ही आयेगा जब यही समाजवादी पार्टी की सरकार और उसके मुखिया हमारे संघर्ष के सम्मुख नतमस्तक होंगे और जय टेट मेरिट का नारा लगायेंगे ..... संघर्ष से घबराने की जगह स्वयं को गौरान्वित महसूस कीजिए कि ईश्वर ने इस धर्म युद्ध में आपका चुनाव न्याय पक्ष की ओर से लड़ने के लिए किया है ....
ReplyDeleteएक बर्फ बनाने की विशाल फैक्ट्री थी!
ReplyDeleteहजारों टन बर्फ हमेशा बनता था !
सैकड़ों मजदूर व अन्य कर्मचारी एवं
अधिकारी वहां कार्य करते थे ! उन्ही में से
था एक कर्मचारी अखिलेश ! अखिलेश उस
फैक्ट्री में पिछले बीस वर्षों से कार्य कर रहा था ! उसके मृदु व्यहार, ईमानदारी,एवं काम
के प्रति समर्पित भावना के कारण
वो उन्नति करते करते उच्च सुपरवाइजर के
पद पर पहुँच गया था ! उसको फैक्ट्री के हर
काम की जानकारी थी ! जब भी कोई
मुश्किल घडी होती सब, यहाँ तक की फैक्ट्री के मालिक भी उसी को याद
करते थे और वह उस मुश्किल
पलों को चुटकियों में हल कर देता था !
इसी लिए फैक्ट्री में
सभी लोग ,कर्मचारी ,व् अन्य
अधिकारी उसका बहुत मान करते थे ! इन सब के अलावा उसकी एक
छोटी सी अच्छी आदत और थी वह जब
भी फैक्ट्री में प्रवेश करता फैक्ट्री के गेट पर
तैनात सुरक्षा गार्ड से ले कर
सभी अधिनिस्त कर्मचारियों से
मुस्कुरा कर बात करता उनकी कुशलक्षेम पूछता और फिर अपने कक्ष में जा कर अपने
काम में लग जाता !और यही सब वह जब
फैक्ट्री का समय समाप्त होने पर घर पर जाते
समय करता था !
एक दिन फैक्ट्री के मालिक ने अखिलेश
को बुला कर कहा " अखिलेश एक मल्टी नेशनल कम्पनी जो की आइसक्रीम
बनती है ने हमें एक बहुत बड़ा आर्डर दिया है
और हमें इस आर्डर को हर हाल में नीयत
तिथि तक पूरा करना है
ताकि कंपनी की साख और लाभ दोनों में
बढ़ोतरी हो तथा और नई मल्टी नेशनल कंपनियां हमारी कंपनी से जुड़ सके ! इस
काम को पूरा करने के लिए तुम कुछ भी कर
सकते हो चाहे कर्मचारियों को ओवरटाइम
दो बोनस दो या और नई भर्ती करो पर
आर्डर समय पर पूरा कर
पार्टी को भिजवाओ "अखिलेश ने कहा ठीक है में इस आर्डर को समय पर
पूरा कर दूंगा ! मालिक ने मुस्कुरा कर
अखिलेश से कहा "मुझे तुमसे इसी उत्तर
की आशा थी" अखिलेश ने
सभी मजदूरों को एकत्रित किया और
आर्डर मिलाने की बात कही और कहा "मित्रो हमें हर हाल में ये आर्डर
पूरा करना है इसके लिए
सभी कर्मचारियों को ओवरटाइम, बोनस
सभी कुछ मिलेगा साथ ही ये
कंपनी की साख का भी सवाल है "!एक
तो कर्मचारियों का अखिलेश के प्रति सम्मान की भावना तथा दूसरी और
ओवरटाइम व बोनस मिलाने
की ख़ुशी ,सभी कर्मचरियों ने हां कर दी !
फैक्ट्री में दिन रात युद्धस्तर पर काम चालू
हो गया !अखिलेश स्वयं
भी सभी कर्मचारियों का होसला बढ़ाता हुआ उनके कंधे से कन्धा मिला कर काम कर
रहा था ! उन सभी की मेहनत रंग लाइ और
समस्त कार्य नीयत तिथि से पूर्व
ही समाप्त हो गया ! साडी की साडी बर्फ
शीतलीकरण (कोल्ड स्टोरेज) कक्ष जो एक
विशाल अत्याधुनिक तकनीक से बना हुआ तथा कम्प्यूटराइज्ड था , में पेक कर के जमा कर
दी गई ! सभी कर्मचारी काम से थक गए थे
इस लिए उस रोज काम बंद कर
सभी कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई
सभी कर्मचारी अपने अपने घर की तरफ
प्रस्तान करने लगे ! अखिलेश ने सभी कार्य की जांच की और वह भी घर जाने
की तैयारी करने लगा जाते जाते उसने
सोचा चलो एक बार शीतलीकरण कक्ष
की भी जाँच कर ली जाये
की सारी की सारी बर्फ पैक्ड और सही है
की नहीं ,यह सोच वो शीतलीकरण कक्ष को खोल कर उसमे प्रवेश कर गया ! उसने घूम
फिर कर सब चेक किया और सभी कुछ
सही पा कर वह जाने को वापस मुडा ! पर
किसी तकनीकी खराबी के कारण
शीतलीकरण कक्ष का दरवाजा स्वतः ही बंद
हो गया ! दरवाजा ऑटोमेटिक था तथा बाहर से ही खुलता था इस लिए उसने दरवाजे
को जोर जोर से थपथपाया पर
सभी कर्मचारी जा चुके थे उसकी थपथपाहट
का कोई असर नहीं हुआ उसने
दरवाजा खोलने की बहुत कोशिश की पर
सब कुछ बेकार रहा ! दरवाजा केवल बाहर से ही खुल सकता था !अखिलेश
घबरा गया उसने और जोर से दरवाजे
को पीटा जोर से चिल्लाया पर कोई
प्रतिक्रिया नहीं हुई ! अखिलेश सोचने
लगा की कुछ ही घंटों में शीतलीकरण कक्ष
का तापक्रम शून्य डिग्री से भी कम हो जायेगा ऐसी दशा में मेरा खून
का जमना निश्चित है ! उसे अपनी मोत
नजदीक दिखाई देने लग
उसने एक बार
ReplyDeleteपुनः दरवाजा खोलने की कोशिश की पर सब
कुछ व्यर्थ रहा !कक्ष का ताप धीरे धीरे कम
होता जा रहा था ! अखिलेश का बदन अकड़ने लगा ! वो जोर जोर से अपने आप को गर्म
रखने के लिए भाग दौड़ करने लगा ! पर कब
तक आखिर थक कर एक स्थान पर बैठ गया !
ताप शुन्य डिग्री की तरफ बढ़ रहा था !
अखिलेश की चेतना शुन्य होने लगी ! उसने
अपने आप को जाग्रत रखने की बहुत कोशिश की पर सब निष्फल रहा ! ताप के
और कम होने पर उसका खून जमने के कगार
पर आ गया ! और अखिलेश भावना शुन्य
होने लगा ! मोत निश्चित जान वह अचेत
हो कर वही ज़मीन पर गिर पड़ा ! कुछ
ही समय पश्चात दरवाजा धीरे से खुला ! एक साया अंदर आया उसने अचेत अखिलेश
को उठाया और शीतलीकरण कक्ष से बाहर
ला कर लिटाया उसे गर्म कम्बल से ढंका और
पास ही पड़ा फैक्ट्री के कबाड़ को एकत्रित
कर उसमे आग जलाई ताकि अखिलेश
को गर्मी मिल सके और उसका रक्तसंचार सुचारू हो सके ! गर्मी पाकर अखिलेश के
शरीर में कुछ शक्ति आई उसका रक्तसंचार
सही होने लगा ! आधे घंटे के बाद अखिलेश
के शरीर में हरकत होने
लगी उसका रक्तसंचार सही हुआ और उसने
अपनी आँखे खोली !उसने सामने गेट पर पहरा देने वाले सुरक्षा गार्ड शेखर को पाया !
उसने शेखर से पुछा मुझे बाहर किसने
निकला और तुम तो में गेट पर रहते
हो तुम्हारा तो फैक्ट्री के अंदर कोई कार्य
भी नहीं फिर तुम यहाँ कैसे आये ?शेखर ने
कहा "सर में एक मामूली सा सुरक्षा गार्ड हूँ ! फैक्ट्री में प्रवेश करने वाले प्रत्येक पर
निगाहे रखना तथा सभी कर्नचारियों व
अधिकारियो को सेल्यूट करना ये
ही मेरी ड्यूटी है ! मेरे अभिवादन पर
अधिकतर कोई ध्यान
नहीं देता कभी कभी कोई मुस्कुरा कर अपनो गर्दन हिला देता है !पर सर एक आप
ही ऐसे इंसान है जो प्रतिदिन मेरे
अभिवादन पर मुस्कुरा कर अभिवादन
का उत्तर देते थे साथ ही मेरी कुशलक्षेम
भी पूछते थे ! आज सुबह भी मेने
आपको अभिवादन किया आपने मुस्कुरा कर मेरे अभिवादन का उत्तर
दिय
Very good one.but is story ko pura to karo bhai
Deleteऔर मेरे हालचाल पूछे! मुझे मालूम
ReplyDeleteथा की इन दिनों फैक्ट्री में बहुत काम चल
रहा है जो आज समाप्त हो जायेगा ! और काम
समाप्त भी हो गया सभी लोग अपने अपने
घर जाने लगे ! जब सब लोग दरवाजे से निकल गए तो मुझे आप की याद आई
की रोज आप मेरे से बात कर के घर जाते थे पर
आज दिखी नहीं दिए ! मेने सोचा शायद
अंदर काम में लगे होंगे ! पर सब के जाने के बाद
भी बहुत देर तक आप बहार आते
दिखी नहीं दिए तो मेरे दिल में कुछ शंकाएं उत्पन्न होने लगी !
क्यों की फैक्ट्री के जाने आने
का यही एकमात्र रास्ता है इसी लिए में
आपको ढूंढते हुए फैक्ट्री के अंदर आ गया !
मेने आपका कक्ष देखा मीटिंग हाल
देखा बॉस का कक्ष देखा पर आप कही दिखाई नहीं दिए !मेरा मन शंका से
भर गया की आप कहाँ गए ?कोई निकलने
का दूसर रास्ता भी नहीं है !में वापस जाने
लगा तो सोचा चलो शीतलीकरण कक्ष
भी देख लू ! पर वो बंद था !में वापस जाने
को मुडा पर मेरे दिल ने कहा की एक बार इस शीतलीकरण कक्ष को खोल कर भी देखूं ! में
आपात्कालीन चाबियाँ जो मेरे पास
रहती है ,से कक्ष
खोला तो आपको यहाँ बेहोश पाया !
अखिलेश एक टक शेखर के चहरे की और देखे
जा रहा था उसने सपने में भी नहीं सोचा था की उसकी एक
छोटी सी अच्छी आदत का प्रतिफल उसे
इतना बड़ा मिलेगा !उसकी आँखों में आंसू
भर आये उसने उठ कर शेखर को गले
लगा लिया ! अगर दोस्तों को इस कहानी में कुछ सार
नजर आये तो कोशिश करे की
सभी सदस्य इस कहानी को पढ़ सके
M
O
R
A
L
एक अच्छी आदत चाहे वह
छोटी सी ही क्यों ना हो अपने जीवन में
उत्तर सकें
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ReplyDelete.
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Means
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Only
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You.
.
.
बस एक शख्स इस दिल की जिद है....
ना उसके जैसा चाहिए....
ना उसके सिवा।।।।।
भारतीय संविधान मे किन देशो से
ReplyDeleteक्या लीया गया है !
TRICK:-
एक बार कुछ देश के लोग बैठकर आपस मे बाते
कर रहे थे और भारत के "भीम राव अम्बेदकर "...
चुप चाप सुन रहे थे। बाते कुछ इस प्रकार
हो रही थी
ब्रिटेन :~ पुरे देश पे मेरा कब्जा था इस लिये
`संसद का निर्माण अकेले करेँगे
(संसदिये , बिधी निर्माण , एकल)
अमेरीका :~ नही, मेरे पास संयुक्त राष्ट्र संघ
है। इसलीये लोगो को न्याय और
स्वतंत्रता दिलाना मेरा अधीकार है
(न्यायीक , स्वतंत्रता का अधीकार और मौलीक
अधीकार)
जर्मनी :- तुमलोग बहुत हमे विश्व युद्ध हराये
है इसलीये अब मै आपातकाल घोषित करुंगा
(आपातकाल)
फ्रांस :- मै तो पहले से हि गंतन्त्रता बाला देश
हु ये जानते हि हो सब
(गंतत्रतात्मक शासन)
कनाडा: तुम लोग को जो करनी हो करो। मै ऐक
शक्तीशाली देश हु शक्ति के बटबाँरा कर
अपनी सुरक्षा कर लुंगा
(राज्यो मे शक्ती का विभाजन)
आयरलैँड ;~ अरे यार। तुम लोग कि निती निर्देस
हमे कुछ समझ नही आ रही
(निती निर्देशक तत्व)
अंस्ट्रेलीया:- मै विश्व कप क्रिकेट मे हमेस
सुची नं 1 पर रहता हु।
(समवर्ती सुची)
दक्षिण अफ्रिका : पर मै ईतना अच्छा खेलने के
बात भी आजतक सेमी फायनल तक भी नही पहचे
सायद अपने खेल मे कुछ संसोधन करना पङेगा
(संवीधान संसोधन कि प्रक्रिया)
रुष : भारत मेरा दोस्त है और उसकि मदद
करना हमारा मुल कर्तव्य है
(मुल कर्तव्य)
सभी देशो ने कहा अम्बेदकर तुम यहाँ बेकार क्यु
बैठे हो तुमहारी औकात हि क्या है
अम्बेदकर: मै indian हु और indian
कही बेकार नही बैठता। ये लो दुनीया कि सबसे
बङी संविधान II
लिखे थे कुछ शब्द
ReplyDeleteमैं पढ नही पाया
बेरंग थे , रंगे हुये
मैं, रंग नही पाया
बुराईयाँ थी दूसरों में
खुद में कोई बुराई
तलाश नही पाया
झूठ था सब
मैं सच्च
तलाश नही पाया
ढूँडता रहा यहाँ वहाँ
खुद में
तलाश कर नही पाया
समय था,
कुछ करनें को जब
मैं कर नही पाया
बाद, पश्चतावे के सिवा
मैं कुछ कर नही पाया
हौसला
ReplyDeleteरोड़े राहों से हट जाएँगे,
ग़म के बादल तो छँट जाएँगे।
दूर तक इस फ़लक पर कहीं,
ये तुझे न नज़र आएँगे ।।
ग़म के.......
ज़िन्दा रहने की न है वज़ह,
खोई जाने कहाँ है सुबह ।
आँख नम है तेरी दिल तबाह,
दीखती न कोई अब पनाह ।
मुश्किलों में तू रख हौसला,
तुझको करना है ये फ़ैसला।।
ग़म के......
है भँवर में फँसी ज़िन्दगी ,
हाय, कैसी है ये बेबसी ।
दूर कोसों किनारा नहीं ,
छूटी क़दमों तले की ज़मीं ।
इस मुसीबत में रख हौसला,
पाटना हर तुझे फ़ासला ।।
ग़म के.....
हौसला जीतता है सदा,
ज़िन्दगी का इसी में मज़ा।
सुर्ख़ सूरज सदा है छिपा,
सुर्ख़ सूरज सदा है उगा ।
रौशनी फिर बिखर जाएगी,
स्याह रातें ये ढल जाएँगीं।।
ग़म के ........
ITNA SANNATA KYUN HAI BHAI.
ReplyDeleteSannata aapki GOBARMENT ne kar rakha hai
ReplyDeleteबहुत अजीब सा लग रहा है आज, कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा।
ReplyDeleteपिछले तीन वर्षों से हमें मिल रहे इस कष्ट का जिम्मेदार कौन है?
अगर दुनिया में किस्मत नाम की कोई चीज़ होती है तो ये कैसे मान लें कि एक साथ एक लाख लोगों की किस्मत बुरी हो गई? शायद हर एक दिन किसी न किसी का जन्मदिन पड़ता होगा, तो कुन्डली ग्रह नक्षत्र सभी तो अलग अलग प्रभाव डालते होंगे न, तब फिर सभी का कष्ट एक ही जैसा क्यों है?
हम लोगों की जिंदगी से खेल कौन रहा है? क्या सचमुच भाग्य, कुंडली, भगवान ये सब कुछ नहीं होता?
इन तीन सालों ने बहुत कुछ छीन लिया है मेरा, मुझे नहीं याद है पिछले तीन सालों में कौन सी वो रात थी जब मैं सुकून से सोया था, वो कौन सा पल था जब मैं भरोसे के साथ मुस्कुराया था मुझे सचमुच याद नहीं, जब भी सुबह सो कर उठता हूँ पापा से आँखें चुरा कर दुसरे कमरे में या छत पर चला जाता हूँ इस डर से कहीं पापा ये न पूछ ले कि कब होगी तुम्हारी भर्ती, किसी रिश्तेदार नातेदार के यहाँ जाने में शर्म आती है, सब कुछ छीन लिया।
ReplyDeleteकिसने छीना पता नहीं, किसको दोष दूं कुछ समझ में नहीं आता।
मुझे नहीं मालूम कि भविष्य में क्या होगा किसी को शायद नहीं मालूम क्या होगा, लेकिन मैं इतना जानता हूँ कि इस भर्ती के लिये मैंने बहुत बड़ी कीमत चुकायी है।
ReplyDeleteपैसे रुपए तो बहुत छोटी बात होगी, अपना सुख चैन नींद आत्मसम्मान अपनों का साथ, लोगों का विश्वास सब कुछ खोया है इस भर्ती के लिए तो अगर अब हमारे साथ न्याय न हुआ तो यह सबसे बड़ा अन्याय होगा।
अन्याय को सहना कायरों का काम है, मैं कायर नहीं हूँ, इतना कुछ खोने के बाद भी अगर भर्ती नहीं हुई तो मैं निश्चित ही उस रास्ते पर जाऊंगा जहाँ से मैं अपना बदला ले सकूं। मेरा साथ कोई देगा या नहीं देगा कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मैं गांधी के रास्ते पर पर अब नहीं चल पाऊंगा।
ReplyDeleteमुझे इस बात का कोई अफसोस नहीं होगा कि ऐसे अन्याय को झेलने के बाद मैं इस देश का सबसे बड़ा अपराधी बन जाऊँ।
मैं तो चाहता था अपने दिमाग अपनी सोच को सकारात्मक काम में लगाऊँ लेकिन इस देश की घटिया राजनीति ने मुझे ये बना डाला।
ReplyDeleteखैर अभी भी एक उम्मीद है कि अगर कहीं कोई शक्ति इस दुनिया में है जो सबसे उपर है जो किसी के साथ अन्याय नहीं होने देती वो हमारे साथ भी अन्याय नहीं होने देगी।
अब मेरी आँखों से आंसू नहीं रुक पा रहे हैं, नहीं लिख पा रहा हूँ इससे आगे।
ईश्वर से बस इतनी सी प्रार्थना है कि कुछ भी ऐसा न करे जिससे एक साथ इतने लोगों का विश्वास उसके उपर से उठ जाएं।
एक बात और कहना चाहता हूँ कुछ लोग सलाह देने लगते हैं कि कोई और काम क्यों नहीं कर लेते, मैं उनसे पूछना चाहता हूँ क्यों कोई और काम? क्या ये हम किसी से खैरात में में पायें हैं? हमने अपनी मेहनत अपनी लगन से टेट की परीक्षा पास की है, हमारे सपने जुड़े हैं इस भर्ती से क्यों इसको छोड़कर कुछ और देख लूं? क्या गारंटी है कि जो नया देखूंगा वहाँ इस तरह की कोई राजनीति नहीं होगी? हमारी इस नौकरी में कोई कमी तो है नहीं कमी तो यहाँ के सिस्टम में है।
ReplyDeleteऔर अब कुछ दूसरा सोचने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता, करूँगा तो यही नौकरी नहीं तो कोई नहीं
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Mr.TMNTBEN JI.aapki bato ne sachmuch meri ankho me bhi ansy la diya .bilkul sach kaha aapne is Govt.ne to hum logo ko kahi ka nahi choda hai.ye dard hum sab tet bhaiyo ka hai.ye bharti jaroor hogi.JAI TET MORCHA.
DeleteSave girl child
ReplyDeleteगर्भपात करवाना गलत माना गया है, कृपया इस
लेख को अवश्य पढ़े और अगर इसे पढ़ कर आपके
दिलकी धड़कने बढ़ जाये तो शेयर अवश्य करे |
गर्भस्थ बच्ची की हत्या का आँखोँ देखा विवरण
अमेरिका मेँ सन 1984 मेँ एक सम्मेलन हुआ
था 'नेशनल राइट्स टू लाईफ कन्वैन्शन' । इस
सम्मेलन के एक प्रतिनिधि ने डॉ॰ बर्नार्ड नेथेनसन
के द्वारा गर्भपात की बनायी गयी एक
अल्ट्रासाउण्ड फिल्म 'साइलेण्ट
स्क्रीम' (गूँगी चीख) का जो विवरण दिया था, वह
इस प्रकार है- ' गर्भ की वह मासूम
बच्ची अभी दस सप्ताह की थी व काफी चुस्त
थी । हम उसे अपनी माँ की कोख मेँ खेलते, करवट
बदलते व अंगूठा चूसते हुए देख रहे थे । उसके दिल
की धड़कनोँ को भी हम देख पा रहे थे और वह उस
समय 120 की साधारण गति से धड़क रहा था ।
सब कुछ बिलकुल सामान्य था; किँतु जैसे ही पहले
औजार (सक्सन पम्प) ने गर्भाशय की दीवार
को छुआ, वह मासूम बच्ची डर से एकदम घूमकर
सिकुड़ गयी और उसके दिल की धड़कन काफी बढ़
गयी । हलाँकि अभी तक किसी औजार ने
बच्ची को छुआ तक भी नहीँ था, लेकिन उसे अनुभव
हो गया था कि कोई चीज उसके आरामगाह, उसके
सुरक्षित क्षेत्र पर हमला करने का प्रयत्न कर
रही है । हम दहशत से भरे यह देख रहे थे कि किस
तरह वह औजार उस नन्हीँ- मुन्नी मासुम गुड़िया-
सी बच्ची के टुकड़े-टुकड़े कर रहा था । पहले
कमर, फिर पैर आदि के टुकड़े ऐसे काटे जा रहे थे
जैसे वह जीवित प्राणी न होकर कोई गाजर-
मूली हो और वह बच्ची दर्द से छटपटाती हुई,
सिकुड़कर घूम-घूमकर तड़पती हुई इस हत्यारे
औजार से बचने का प्रयत्न कर रही थी । वह इस
बुरी तरह डर गयी थी कि एक समय उसके दिल
की धड़कन200 तक पहुँच गयी ! मैँने स्वयं
अपनी आँखोँ से उसको अपना सिर पीछे झटकते व
मुँह खोलकर चीखने का प्रयत्न करते हुए देखा,
जिसे डॉ॰ नेथेनसन ने उचित ही 'गूँगी चीख' या 'मूक
पुकार' कहा है । अंत मेँ हमने वह नृशंस ववीभत्स
दृश्य भी देखा,सँडसी उसकी खोपड़ी को तोड़ने के
लिए तलाश रही थी और फिर दबाकर उस कठोर
खोपड़ी को तोड़ रही थी; क्योँकि सिर का वह भाग
बगैर तोड़े सक्शन ट्यूब के माध्यम से बाहर
नहीँ निकाला जा सकता था ।' हत्या के इस वीभत्स
खेल को सम्पन्न करने मेँ करीब पन्द्रह मिनट
का समय लगा और इसके दर्दनाक दृश्य
का अनुमान इससे अधिक और कैसे
लगाया जा सकता है कि जिस डॉक्टर ने यह
गर्भपात किया था और जिसने मात्र कौतूहलवश
इसकी फिल्म बनवा ली थी, उसने जब स्वयं इस
फिल्म को देखा तो वह अपना क्लीनिक छोड़कर
चला गया और फिर वापस नहीँ आया ! —
आपका एक शेयर किसी लडकी की जान
बचा सकता ह....
Tmntbbn tum yaha rahte ho to ummid apne aap bad jati h kammal kar dete ho boss . humesa ESE hi sabka hosla badhana . tum kar skate ho tumme vo takat h
ReplyDeletemr. tmntbbn ji jeet ke itne pass aker aap hi man chota ker rahe hain. aap ke sahare hi hamne ye teen sal ka lamba samay gujar dia kal ki subah hum sabhi ke liye khusiya laye aise kamna karte hain.
ReplyDeleteB positive
ReplyDeleteye h satya ki jeet
ReplyDeleteye h satya ki jeet
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