हिंदुस्तान में सारे दोषों / भ्रस्टाचार की जड़ इस देश के न्यायलय हैं ,
लोगों न्याय पाने के लिए सालों एड़ी रगड़ते रहते हैं लेकिन न्याय समय से नहीं मिल पाता
सबसे ज्यादा न्याय के लिए लड़ने वाला ही भुगतता है
72825 भर्ती मामला देख कर बहुत दुःख होता है ,
ये तो संख्या इतनी ज्यादा है और आपस में मिलकर लोग सुप्रीम कोर्ट तक लड़ लिए , आम इंसान का क्या हाल होगा
शिक्षा मित्र ट्रेनिंग मामले पर भी जजमेंट 2 साल पहले रिसर्व हुआ था , और आज तक निर्णय नहीं आया
अभी हाल में खबर पडी थी की सलमान खान की जांच के दस्तावेज खो गए और जज सुनवाई नहीं कर पा रहे ,
पुलिस को नोटिस दे कर उपलब्ध कराने को बोला है , वो मामला भी 15 -16 सालों से चल रहा है
ज्यादातर केसेस में दबंग ही जीतते हैं जो आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं
देश में भ्रस्टाचार स्वत : समाप्त हो जायेगा अगर देश की न्यायलय सुधर जाएँ तो
न्यायलय में केस की सुनवाई की सी सी टी वी फुटेज / वीडियो रिकॉर्डिंग जरूर होनी चाहिए ,
अपने आप सही और अच्छे न्याय मिलने लग जायेंगे
ऐसे ही नौकरी के साक्षात्कार के लिए सी सी टी वी फुटेज / वीडियो रिकॉर्डिंग होनी चाहिए ,
जब से अंग्रेजों ने शासन छोड़ा , तब से भ्रष्ट नेताओं / नौकर शाहों ने अपने को बचाये रखने के लिए सिस्टम में सुधार को ध्यान ही नहीं दिया
अंग्रेजों की व्यवस्था में जवाब देही ब्रिटिश राज घराने की तरफ थी लेकिन अब तो देश के शासन की जवाब देही के प्रति है
आर टी आई एक बहुत बड़ी शक्ति के हाथ में जनता को मिला , लेकिन इसमें भी सिर्फ सूचना मिलती है , न्याय कहाँ मिलता है
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सलमान खान हिट एंड रन केस: ऑरिजिनल दस्तावेज और केस डायरी गायब
मुंबई सेशन कोर्ट में गुरुवार को सलमान खान के हिट एंड रन मामले ने नया मोड़ ले लिया है। केस से जुड़े ऑरिजिनल दस्तावेज गायब होने पर कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने इस मामले के पहले जांच अधिकारी को कोर्ट मे पेश होने का आदेश सुनाया है। साथ ही एफिडेविट भी फाइल करने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।Very Good Informative Comment by TMNTBBN :
भारतीय संविधान मे किन देशो से क्या लीया गया है !
TRICK:-
एक बार कुछ देश के लोग बैठकर आपस मे बाते कर रहे थे और भारत के "भीम राव अम्बेदकर "...
चुप चाप सुन रहे थे। बाते कुछ इस प्रकार हो रही थी
ब्रिटेन :~ पुरे देश पे मेरा कब्जा था इस लिये `संसद का निर्माण अकेले करेँगे
(संसदिये , बिधी निर्माण , एकल)
अमेरीका :~ नही, मेरे पास संयुक्त राष्ट्र संघ है। इसलीये लोगो को न्याय और स्वतंत्रता दिलाना मेरा अधीकार है
(न्यायीक , स्वतंत्रता का अधीकार और मौलीक अधीकार)
जर्मनी :- तुमलोग बहुत हमे विश्व युद्ध हराये है इसलीये अब मै आपातकाल घोषित करुंगा
(आपातकाल)
फ्रांस :- मै तो पहले से हि गंतन्त्रता बाला देश हु ये जानते हि हो सब (गंतत्रतात्मक शासन)
कनाडा: तुम लोग को जो करनी हो करो। मै ऐक शक्तीशाली देश हु शक्ति के बटबाँरा कर अपनी सुरक्षा कर लुंगा
(राज्यो मे शक्ती का विभाजन)
आयरलैँड ;~ अरे यार। तुम लोग कि निती निर्देस हमे कुछ समझ नही आ रही
(निती निर्देशक तत्व)
अंस्ट्रेलीया:- मै विश्व कप क्रिकेट मे हमेस सुची नं 1 पर रहता हु।
(समवर्ती सुची)
दक्षिण अफ्रिका : पर मै ईतना अच्छा खेलने के बात भी आजतक सेमी फायनल तक भी नही पहचे
सायद अपने खेल मे कुछ संसोधन करना पङेगा
(संवीधान संसोधन कि प्रक्रिया)
रुष : भारत मेरा दोस्त है और उसकि मदद करना हमारा मुल कर्तव्य है
(मुल कर्तव्य)
सभी देशो ने कहा अम्बेदकर तुम यहाँ बेकार क्यु बैठे हो तुमहारी औकात हि क्या है
अम्बेदकर: मै indian हु और indian कही बेकार नही बैठता। ये लो दुनीया कि सबसे बङी संविधान II
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बहोत ही अच्छा लेख है श्रीमान जी, यह एक कड़वा सत्य है की सारे अव्यवस्थाओं की जड़ हमारे यहाँ की न्याय व्यवस्था है..हम सभी लोग त्रस्त है इस घिसे पिटे सड़े हुए और धीमी न्यायलय व्यवस्था के.. सरकार के पास अथाह धन है जनता में लैपटॉप बटवाने की..और अन्य फ़िज़ूल खर्चों के लिए परन्तु जब न्याय व्यवस्था को सुचारू रूप से ठीक करने की होती है अथवा जजों की संख्या बढ़ने की होती है तो कुछ करने की तो दूर,सोचने क लिए भी उनके पास कोई फुर्सत नही है...और हम आम जनता भी आपस में एकमत होकर विरोध नही करते क्युकी जो न्यायलय में लड़ रहा है वो थक चूका है अथवा मर चूका है..या जो नही लड़ रहा है सुकून में है वो और ज्यादा सुकून में सोना चाहता है...तब आपस में एकछत्र भी हो तो कैसे हम...अब तो बस एक दैवीय शक्ति का धनी व्यक्ति ही इस देश के न्याय-व्यवस्था को ढर्रे पर ला सकता है................किसी ने सच ही कहा है की..सिर्फ भारत में ही राम बसते है...क्युकी ये देश की सारी व्यवस्था लड़खड़ा गई है फिर भी ये देश "राम भरोसे" चल रहा है// :(
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