#NEWS अब आपका फायदा: गूगल भारत में ला रहा सबसे तेज और सस्ता इंटरनेट
GOOGLE IS GOING TO PROVIDE FASTEST INTERNET SERVICE IN INDIA REACHING EACH AND EVERY VILLAGE
2/15/2015
नई दिल्ली। दुुनिया के हर कोने में इंटरनेट पहुंचाने की गूगल की मुहिम अब भारत तक पहुंच चुकी है। हाल ही में गूगल ने भारत सरकार से अपना सस्ता इंटरनेट लाने के बारे में बातचीत की है। प्रोजेक्ट लून के नाम से गूगल के इस इंटरनेट को दुनियाभर में सराहा गया है। इस गूगल इंटरनेट की खास बात यह है कि यह अन्य इंटरनेट सर्विसेज के मुकाबले बेहद सस्ता होगा।
गूगल ने जून 2013 में प्रोजेक्ट लून शुरू किया। प्रोजेक्ट लून का पहला टेस्ट न्यूजीलैंड में सफ लतापूर्वक किया गया। इसके बाद कैलिफोर्निया और ब्राजील में भी लगातार टेस्ट किए गए जिनमें लगातार तकनीक में सुधार किया गया। दुनिया के हर कोने में सस्ता इंटरनेट पहुंचाने के लिए तैयार कि या गया प्रोजेक्ट लून का महत्वपूर्ण हिस्सा है "तैरते गुब्बारे"। ये हवा में तैरते गुब्बारे अपनी तरह के सैटेलाइट हैं जो टेलिकॉम कम्पनियों के साथ जुड़े रहते हैं और यूजर को सीधे सिग्नल देते हैं। ये गुब्बारे वायुमंडल की उस सतह से ऊपर तैरते हैं जहां वायुयान और मौसम की सतह खत्म हो जाती है। यानि कि इन गुब्बारों को किसी भी तरह का गतिरोध पेश नहीं आता है।
गूगल का सस्ता इंटरनेट दुनियाभर में उपलब्ध होगा। इसकी खास बात यह होगी कि यह हर देश के हिसाब से उपलब्ध टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को साथ लेकर चलेगी, लेकिन सेवाओं के दाम सबसे कम होंगे। गूगल एक्स प्रोजेक्ट के वाइस प्रेसीडेंट मोहम्मद ग्वादत ने बताया कि 2016 तक कम्पनी का लक्ष्य धरती के हर हिस्से में गूगल इंटरनेट पहुंचाना है
गूगल के प्रोजेक्ट लून के अलावा "विंड पॉवर प्रोजेक्ट" लाने की भी खबरें हैं। गूगल के इस विंड पॉवर प्रोजेक्ट में वायुयान जैसी बनावट की पतंग होती है जो हवा की दिशा के हिसाब से ऊर्जा उत्पन्न करती है। गूगल का दावा है कि इस विशेष पतंग तकनीक से मौजूदा ऊर्जा उत्पादन में कहीं ज्यादा इजाफा होगा। साथ ही इसकी लागत भी बहुत कम होगी। विंड पॉवर प्रोजेक्ट भी 2016 तक लांच करने की संभावना है।
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2/15/2015
नई दिल्ली। दुुनिया के हर कोने में इंटरनेट पहुंचाने की गूगल की मुहिम अब भारत तक पहुंच चुकी है। हाल ही में गूगल ने भारत सरकार से अपना सस्ता इंटरनेट लाने के बारे में बातचीत की है। प्रोजेक्ट लून के नाम से गूगल के इस इंटरनेट को दुनियाभर में सराहा गया है। इस गूगल इंटरनेट की खास बात यह है कि यह अन्य इंटरनेट सर्विसेज के मुकाबले बेहद सस्ता होगा।
गूगल ने जून 2013 में प्रोजेक्ट लून शुरू किया। प्रोजेक्ट लून का पहला टेस्ट न्यूजीलैंड में सफ लतापूर्वक किया गया। इसके बाद कैलिफोर्निया और ब्राजील में भी लगातार टेस्ट किए गए जिनमें लगातार तकनीक में सुधार किया गया। दुनिया के हर कोने में सस्ता इंटरनेट पहुंचाने के लिए तैयार कि या गया प्रोजेक्ट लून का महत्वपूर्ण हिस्सा है "तैरते गुब्बारे"। ये हवा में तैरते गुब्बारे अपनी तरह के सैटेलाइट हैं जो टेलिकॉम कम्पनियों के साथ जुड़े रहते हैं और यूजर को सीधे सिग्नल देते हैं। ये गुब्बारे वायुमंडल की उस सतह से ऊपर तैरते हैं जहां वायुयान और मौसम की सतह खत्म हो जाती है। यानि कि इन गुब्बारों को किसी भी तरह का गतिरोध पेश नहीं आता है।
गूगल का सस्ता इंटरनेट दुनियाभर में उपलब्ध होगा। इसकी खास बात यह होगी कि यह हर देश के हिसाब से उपलब्ध टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को साथ लेकर चलेगी, लेकिन सेवाओं के दाम सबसे कम होंगे। गूगल एक्स प्रोजेक्ट के वाइस प्रेसीडेंट मोहम्मद ग्वादत ने बताया कि 2016 तक कम्पनी का लक्ष्य धरती के हर हिस्से में गूगल इंटरनेट पहुंचाना है
गूगल के प्रोजेक्ट लून के अलावा "विंड पॉवर प्रोजेक्ट" लाने की भी खबरें हैं। गूगल के इस विंड पॉवर प्रोजेक्ट में वायुयान जैसी बनावट की पतंग होती है जो हवा की दिशा के हिसाब से ऊर्जा उत्पन्न करती है। गूगल का दावा है कि इस विशेष पतंग तकनीक से मौजूदा ऊर्जा उत्पादन में कहीं ज्यादा इजाफा होगा। साथ ही इसकी लागत भी बहुत कम होगी। विंड पॉवर प्रोजेक्ट भी 2016 तक लांच करने की संभावना है।