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Thursday, September 12, 2013

सापेक्षता का सिद्धांत | Theory of Relativity


सापेक्षता का सिद्धांत | Theory of Relativity

Ye Baat to Mene Sunee Padee hai ki Bhrmha Ji ka 1 Minute hamare hazaron saal ke barabar hota hai, aur vhe Amar Hain.
Aur Aaj ke Scientist Bhee - Black Hole ke Jariye jo Time Machine Ke Kalpana Kar Rah Hain, uski Saranchna Bhrmha Lok ki Saranchna se Miltee Jultee hai -

सापेक्षता का सिद्धांत | Theory of Relativity

आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को तो हम सभी जानते है । आइंस्टीन ने अपने सिद्धांत में दिक् व काल की सापेक्षता प्रतिपादित की। उसने कहा, विभिन्न ग्रहों पर समय की अवधारणा भिन्न-भिन्न होती है। काल का सम्बन्ध ग्रहों की गति से रहता है। इस प्रकार अलग-अलग ग्रहों पर समय का माप भिन्न रहता है।
समय छोटा-बड़ा रहता है।

उदाहरण के लिए यदि दो जुडुवां भाइयों मे से एक को पृथ्वी पर ही रखा जाये तथा दुसरे को किसी अन्य गृह पर भेज दिया जाये और कुछ वर्षों पश्चात लाया जाये तो दोनों भाइयों की आयु में अंतर होगा।
आयु का अंतर इस बात पर निर्भर करेगा कि बालक को जिस गृह पर भेजा गया उस गृह की सूर्य से दुरी तथा गति , पृथ्वी की सूर्य से दुरी तथा गति से कितनी अधिक अथवा कम है ।

एक और उदाहरण के अनुसार चलती रेलगाड़ी में रखी घडी उसी रेल में बैठे व्यक्ति के लिए सामान रूप से चलती है क्योकि दोनों रेल के साथ एक ही गति से गतिमान है परन्तु वही घडी रेल से बाहर खड़े व्यक्ति के लिए धीमे चल रही होगी । कुछ सेकंडों को अंतर होगा । यदि रेल की गति और बढाई जाये तो समय का अंतर बढेगा और यदि रेल को प्रकाश की गति (299792.458 किमी प्रति सेकंड) से दोड़ाया जाये (जोकि संभव नही) तो रेल से बाहर खड़े व्यक्ति के लिए घडी पूर्णतया रुक जाएगी ।


सापेक्षता का सिद्धांत पोराणिक कथाओं में -
इसकी जानकारी के संकेत हमारे ग्रंथों में मिलते हैं। श्रीमद भागवत पुराण में कथा आती है कि रैवतक राजा की पुत्री रेवती बहुत लम्बी थी, अत: उसके अनुकूल वर नहीं मिलता था। इसके समाधान हेतु राजा योग बल से अपनी पुत्री को लेकर ब्राहृलोक गये। वे जब वहां पहुंचे तब वहां गंधर्वगान चल रहा था। अत: वे कुछ क्षण रुके। जब गान पूरा हुआ तो ब्रह्मा ने राजा को देखा और पूछा कैसे आना हुआ? राजा ने कहा मेरी पुत्री के लिए किसी वर को आपने पैदा किया है या नहीं? ब्रह्मा जोर से हंसे और कहा, जितनी देर तुमने यहां गान सुना, उतने समय में पृथ्वी पर 27 चर्तुयुगी {1 चर्तुयुगी = 4 युग (सत्य,द्वापर,त्रेता,कलि ) = 1 महायुग } बीत चुकी हैं और 28 वां द्वापर समाप्त होने वाला है। तुम वहां जाओ और कृष्ण के भाई बलराम से इसका विवाह कर देना।
अब पृथ्वी लोक पर तुम्हे तुम्हारे सगे सम्बन्धी, तुम्हारा राजपाट तथा वैसी भोगोलिक स्थतियां भी नही मिलेंगी जो तुम छोड़ कर आये हो |
साथ ही उन्होंने कहा कि यह अच्छा हुआ कि रेवती को तुम अपने साथ लेकर आये। इस कारण इसकी आयु नहीं बढ़ी। अन्यथा लौटने के पश्चात तुम इसे भी जीवित नही पाते |
अब यदि एक घड़ी भी देर कि तो सीधे कलयुग (द्वापर के पश्चात कलयुग ) में जा गिरोगे |
इससे यह भी स्पष्ट है की निश्चय ही ब्रह्मलोक कदाचित हमारी आकाशगंगा से भी कहीं अधिक दूर है । मेरे मतानुसार यह स्थान ब्रह्माण्ड का केंद्र होना चाहिए ।
इसी कारण वहां का एक मिनट भी पृथ्वी लोक के खरबों वर्षों के समान है |

यह कथा पृथ्वी से ब्राहृलोक तक विशिष्ट गति से जाने पर समय के अंतर को बताती है। आधुनिक वैज्ञानिकों ने भी कहा कि यदि एक व्यक्ति प्रकाश की गति से कुछ कम गति से चलने वाले यान में बैठकर जाए तो उसके शरीर के अंदर परिवर्तन की प्रक्रिया प्राय: स्तब्ध हो जायेगी। यदि एक दस वर्ष का व्यक्ति ऐसे यान में बैठकर देवयानी आकाशगंगा (Andromeida Galaz) की ओर जाकर वापस आये तो उसकी उमर में केवल 56 वर्ष बढ़ेंगे किन्तु उस अवधि में पृथ्वी पर 40 लाख वर्ष बीत गये होंगे।

काल के मापन की सूक्ष्मतम और महत्तम इकाई के वर्णन को पढ़कर दुनिया का प्रसिद्ध ब्राह्माण्ड विज्ञानी Carl Sagan अपनी पुस्तक Cosmos (डाउनलोड लिंक : http://www.nacidoateo.com.ar/wp-content/uploads/2012/04/Carl%20Sagan%20-%20Cosmos%20%28Random%20House,%20New%20Edition,%201980,%202002%29.pdf ) में लिखता है, "विश्व में एक मात्र हिन्दू धर्म ही ऐसा धर्म है, जो इस विश्वास को समर्पित है कि ब्राह्माण्ड सृजन और विनाश का चक्र सतत चल रहा है। तथा यही एक धर्म है जिसमें काल के सूक्ष्मतम नाप परमाणु से लेकर दीर्घतम माप ब्राह्म दिन और रात की गणना की गई, जो 8 अरब 64 करोड़ वर्ष तक बैठती है तथा जो आश्चर्यजनक रूप से हमारी आधुनिक गणनाओं से मेल खाती है।"

In English : http://inimish.blogspot.in/2010/10/where-einstein-meets-hinduism.html

योगवासिष्ठ आदि ग्रंथों में योग साधना से समय में पीछे जाना और पूर्वजन्मों का अनुभव तथा भविष्य में जाने के अनेक वर्णन मिलते हैं।

पश्चिमी जगत में जार्ज गेमोव ने अपनी पुस्तक one, two, three, infinity में इस समय में आगे-पीछे जाने के संदर्भ में एक विनोदी कविता लिखी थी-


There was a young girl named liss Bright
who could travel much faster than light
She departed one day
in an Einstein way
and came back on the previous night

अर्थात्- एक युवा लड़की, जिसका नाम मिस ब्राइट था, वह प्रकाश से भी अधिक वेग से यात्रा कर सकती थी। एक दिन वह आइंस्टीन विधि से यात्रा पर निकली और बीती रात्रि में वापस लौट आई।

प्राचीन सम्रद्ध भारत में ऐसे अनेको अनेक प्रमाण मिलते है , जिन्हें हम कल्पना कह कर ठुकरा देते है और कुछ समय बाद वही जब पश्चिम का विज्ञान बन कर, कुछ पश्चिमी वैज्ञानिक द्वारा प्रमाणित हो कर आता है तो उसको स्वीकारा जाता है

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What I believe is , SCIENCE means - If a particular rule applied then it will always be applied, means
If cure for fever is Paracetamol then it is acceptable in science.
Hit and Trial is not acceptable as Science believe on principles / laws / rules.

We heard in ancient times in India there is Udan Khatola just like plane but How a common person use it, how we can make a Udan Khatola is given by Current Scientist and we have to praise their efforts.
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Uttrakhand TET Exam which is going to held on 8th Sept 2013 is cancelled


Uttrakhand TET Exam : गुजरात, मध्यप्रदेश और यूपी से आए टीईटी देने

Uttrakhand TET Exam which is going to held on 8th Sept 2013 is cancelled






उत्तराखंड में आठ सितंबर को होने वाली टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग की विशेष याचिका के खारिज होने के बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है।

परीक्षा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। इसमें विभिन्न 24 शहरों के 344 परीक्षा केंद्रों में एक लाख 36 हजार 952 परीक्षार्थियों को शामिल होना था।


शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि ग्रेजुएशन में टीईटी में 45 फीसदी से कम अंक वाला अभ्यर्थी भी शामिल हो सकता है, लेकिन शिक्षा विभाग की इस विशेष याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके चलते परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है।

हजारों अभ्यर्थियों के लिए राहत
परीक्षा में अब स्नातक अभ्यर्थी चाहे जिस श्रेणी में पास हुए हों, परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। याचिका खारिज होने से उनका मास्साब बनने का रास्ता खुल गया है।

आठ सितंबर को होने वाली टीईटी की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। कोर्ट में विभाग की विशेष याचिका के खारिज होने के बाद यह निर्णय लिया गया है। परीक्षा कब होगी इसके लिए दुबारा से आदेश जारी किए जाएंगे।
- राधिका झा, शिक्षा महानिदेशक


प्रदेश में बनाए गए थे इतने केंद्र
टीईटी प्रथम पेपर में 169 केंद्रों पर 75957 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। जबकि दूसरे पेपर में 175 केंद्रों पर 60995 अभ्यर्थी।



अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) देने रविवार को कई आवेदक एमबीपीजी कालेज पहुंचे, जबकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब 5 दिन पहले ही परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। परीक्षा देने आए अधिकांश आवेदक हल्द्वानी से बाहर के थे। स्थानीय अखबार न पढ़ने के कारण इन्हें परीक्षा स्थगित होने की सूचना नहीं मिली और अन्य स्रोतों से आवेदकों को शिक्षा विभाग सूचना नहीं भेज पाया था। एक दंपति गुजरात से और एक महिला मध्यप्रदेश से परीक्षा देने पहुंची थीं। इसके अलावा यूपी के कई शहरों से आई महिलाएं भी थीं।गुजरात में नौकरी करने वाले सुरेश महर मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी की रविवार को टीईटी थी। इसका प्रवेशपत्र भी उनके पास गुजरात पहुंच गया था। श्री महर ने बताया कि प्रवेशपत्र मिलने के बाद उन्होंने अपना और पत्नी का रिजर्वेशन करा लिया था। डेढ़ साल के बेटे को लेकर दोनों शनिवार शाम यहां पहुंचे और सिडकुल में नौकरी करने वाले अपने दोस्त रोहित के यहां रुके। रविवार को जब सुरेश पत्नी को परीक्षा दिलाने बेटे के साथ कालेज पहुंचे तो पता चला कि परीक्षा रद हो गई। श्री महर ने बताया कि सरकारी लापरवाही की वजह से उनकी पांच दिन की छुट्टी तो गई ही, साथ ही करीब चार हजार रुपये आने-जाने में खर्च हो गए। इसके साथ 48 घंटे का सफर अलग से।
इसी तरह मध्यप्रदेश सागर की महिला ने बताया कि वह दो दिन पहले आ गई थीं इसके बावजूद उन्हें परीक्षा स्थगित होने की जानकारी नहीं मिल पाई। महिला का हल्द्वानी में मायका है वह अपने बच्चों को छोड़कर परीक्षा देने आई हैं। मेरठ से आई अनीता अग्रवाल का कहना था कि विभाग को इसकी लिखित सूचना देनी चाहिए थी। लखनऊ में एक निजी कंपनी में काम करने वाले रोहित का कहना था कि विभागीय लापरवाही के कारण उनके कई जरूरी काम छूट गए हैं

News Sabhaar : amarujala.com
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RTET : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए 5.33 लाख ऑनलाइन आवेदन


RTET  : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए 5.33 लाख ऑनलाइन आवेदन

RTET / Rajasthan Teacher Eligibility Test News
RTET, Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan

जोधपुर तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया के तहत पूरे रा\'य में 5 लाख 32 हजार 939 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। इनमें 92 हजार 646 आवेदन जोधपुर से मिले हैं। इस भर्ती के लिए ऑफलाइन आवेदन की अवधि मंगलवार शाम 5 बजे समाप्त हो गई। बड़ी संख्या में ऑफलाइन आवेदन भी आए हैं। इसके आंकड़े जिलेवार एकत्रित किए जा रहे हैं।
पंचायतीराज विभाग के उपायुक्त ((प्रशिक्षण)) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पूरे प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षक प्रथम लेवल के लिए 1 लाख 24 हजार 498 और द्वितीय लेवल के लिए 4 लाख 20 हजार 441 ने ऑनलाइन आवेदन किया है। जोधपुर से प्रथम लेवल के लिए 13 हजार 987, जबकि द्वितीय लेवल के लिए 78 हजार 659 आवेदन मिले हैं। जिला परिषद के सीईओ मगनलाल योगी ने इस सीधी भर्ती की तैयारियों के निर्देश दे दिए हैं


News Sabhaar : भास्कर न्यूज (12.9.13)
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If all major current recruitment happens as per RTE Act by 31st March 2013 then 3-4 lakh new teaching aspirant candidates will get job.
From last 3-4 years recruitment process is delayed and new dead line is 31st March 2014,


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शिक्षक भर्ती घोटाला: चौटाला की याचिका न्यायालय में खारिज


शिक्षक भर्ती घोटाला: चौटाला की याचिका उच्चतम  न्यायालय में खारिज

क्या बीमारी के कारण कुर्सी छोड़ देंगे चौटाला


नयी दिल्ली:  कोर्ट ने बीमारी के आधार पर उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाने से साफ इन्कार करते हुए कहा कि क्या सत्ता में आने पर वह बीमारी के कारण कुर्सी छोड़ देंगे? पीठ ने कहा कि वह अस्पताल में नहीं रह सकते। वह बिल्कुल ठीक हैं और उन्हें जेल जाना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रभावी और अमीर लोगों के विशेष सुविधाएं लेने पर कड़ी टिप्पणियां भी कीं। हालांकि कोर्ट ने चौटाला को समर्पण करने के लिए छह दिन का और समय दे दिया

उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की अवधि बढ़ाने के लिये दायर याचिका आज खारिज कर दी. न्यायालय ने कहा कि उच्च स्तरीय मेडिकल बोर्ड की राय में स्पष्ट है कि अब उनके अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं है.न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने चौटाला की याचिका खारिज करने के साथ ही उन्हें जेल प्रशासन के समक्ष समर्पण के लिये 23 सितंबर तक का वक्त दिया है. पहले उन्हें 17 सितंबर तक समर्पण करना था. न्यायालय ने कहा कि चौटाला को हर कीमत पर 23 सितंबर तक समर्पण कर देना चाहिए.

न्यायालय ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि आवश्यकता पड़ने पर चौटाला को उचित, प्रभावी और दक्षता प्राप्त चिकित्सा सहायता उपलब्ध करायी जाये.इंडियन नेशनल लोकदल के 78 वर्षीय नेता ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की अवधि बढाने से उच्च न्यायालय के इंकार के बाद शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय ने 6 सितंबर को उनकी याचिका खारिज करते हुये उन्हें 17 सितंबर तक जेल प्रशासन के समक्ष समर्पण का निर्देश दिया था.  उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर चौटाला की जमानत की अवधि बढ़ाने से इंकार कर दिया था. बोर्ड ने कहा था कि अब चौटाला के अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं है.

 पीठ ने सजा के खिलाफ दाखिल चौटाला की अपील पर हाई कोर्ट के शीघ्र सुनवाई करने पर टिप्पणियां भी कीं। कहा कि उनकी अपील तो जनवरी में दाखिल हुई और उस पर सुनवाई भी होने लगी जबकि यहां (सुप्रीम कोर्ट) में वर्ष 2005 में मौत की सजा के केस अभी लंबित हैं।     

दिल्ली की विशेष अदालत ने 22 जनवरी को शिक्षक भर्ती घोटाले में चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला को दस दस साल की तथा 53 अन्य दोषियों को अलग अलग अवधि की सजा सुनायी थी. इनमें से 44 दोषियों का चार चार साल की और एक दोषी को पांच साल की कैद की सजा सुनायी गयी है.  चौटाला ने दस साल की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है

गौरतलब है कि चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला और 53 अन्य जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षक भर्ती घोटाले में अलग अलग समय के लिए जेल में सजा काट रहे हैं

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UTET : तदर्थ नियुक्ति में एक्ट एवं टीईटी का पेच


UTET : तदर्थ नियुक्ति में एक्ट एवं टीईटी का पेच


देहरादून, पीटीए शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति के लिए शिक्षा अधिनियम और टीईटी-दो की बाधा से पार पाना होगा। बाधा दूर करने को अधिनियम में संशोधन की दरकार होगी। फिलहाल सरकार ने इस दिशा में कसरत शुरू कर दी है।

सरकारी सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत पीटीए शिक्षक तदर्थ नियुक्ति के लिए जोर लगाए हुए हैं। प्रदेश में फिलहाल 590 पीटीए शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से 388 शिक्षकों को सरकार से निर्धारित सात हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा है। मानदेय से वंचित रहे 90 पीटीए शिक्षकों को भी यह लाभ देने पर पिछली कैबिनेट मुहर लगा चुकी है। इससे मानदेय प्राप्त करने वाले पीटीए शिक्षकों की संख्या बढ़कर 488 हो जाएगी। गौरतलब है कि शेष 102 शिक्षकों को निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करने के कारण मानदेय के लिए अपात्र माना गया है। अब मानदेय प्राप्त कर रहे पीटीए शिक्षक तदर्थ नियुक्ति पाने को सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।

सूत्रों के मुताबिक सरकार इन शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देने के पक्ष में है। लिहाजा इस दिशा में कसरत शुरू हो चुकी है। लेकिन, इस मामले में शिक्षा अधिनियम-2006 और माध्यमिक शिक्षा के विनियम आड़े आ रहे हैं। अधिनियम में पीटीए शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है। यही नहीं, शिक्षा का अधिकार अधिनियम को प्रदेश सरकार लागू कर चुकी है। इसके मुताबिक अब छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एलटी नियमावली में भी बाकायदा संशोधन किया जा चुका है। चूंकि, पीटीए शिक्षकों को अब तदर्थ नियुक्ति दी जानी है, लिहाजा उक्त दोनों नियमावली में संशोधन की दरकार होगी। शिक्षा अधिनियम में संशोधन के बाद ही पीटीए शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति की राह आसान हो सकेगी। इसके लिए परामर्शी विभागों से मशविरा किया जा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक उक्त संबंध में फाइल आगे कार्मिक को भेजी गई है। तदर्थ नियुक्ति के लिए नई व्यवस्था की जरूरत पड़ सकती है

News Sabhaar : Jagran ( 10.9.13)




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LT Grade Teacher Recruitment Uttar Pradesh : शिक्षक भर्ती में पीजी के अंकों का वेटेज खत्म


LT Grade Teacher Recruitment Uttar Pradesh : शिक्षक भर्ती में पीजी के अंकों का वेटेज खत्म
भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन होगा

LT Grade Teacher Uttar Pradesh, L T Grade Teacher Recruitment in GIC / GGIC









प्रदेश में होनी है 6 हजार शिक्षकों की भर्ती




लखनऊ। राजकीय इंटर कॉलेजों में होने वाली एलटी ग्रेड भर्तियों में अब परास्नातक अभ्यर्थियों को अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा। सरकार ने इन भर्तियों में पीजी के अंकों का वेटेज खत्म करने की तैयारी कर ली है। नए संशोधन के मुताबिक अब केवल हाईस्कूल, इंटर और स्नातक के अंकों के आधार पर ही मेरिट तैयार की जाएगी। नियमावली में इस नए संशोधन को शिक्षा विभाग ने सहमति दे दी है। जल्द ही कैबिनेट बैठक में इस संशोधन प्रस्ताव को रखा जाएगाहाईस्कूल तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश में लगभग 6000 भर्तियां होनी हैं। इनमें पुरुष और महिलाओं के लिए आधे-आधे पद हैं
इन पदों के लिए शैक्षिक अर्हता स्नातक थी। जो परास्नातक होते थे उन्हें 15 अंकों का अतिरिक्त वेटेज दिया जाता था। इस पर भी आपत्ति यह उठती रही है कि कई अभ्यर्थी जिस विषय के अध्यापक के लिए आवेदन करते थे उसमें पीजी नहीं होते। दूसरे विषय में पीजी होने पर भी उन्हें अतिरिक्त अंकों का लाभ मिल जाता था। उसका कोई लाभ स्टूडेंट्स को नहीं मिलता था। इस पर कई मामले कोर्ट में भी लंबित हैं। इसी को देखते हुए नियमावली में संशोधन की बात शासन ने कही थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने यह संशोधन प्रस्ताव शासन को भेज दिया। शासन स्तर पर भी इस पर सहमति बन गई है। अब कार्मिक विभाग की सहमति के बाद इसे कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।


News Sabhaar : amarujala (12.9.13)
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In previous recruitment of LT Grade teacher, Criteria of PG marks is not clear.
And M.A = M. Com = M.Sc = M. Lib etc happens.

For example LT Grade Mathematics Teacher recruitment, Weightage of marks in such a way
M. Sc. Mathematics = M. A (Political Science , Economics) 

Now extra marks/weightage of PG degree is going to remove.

However it is bad for those who did PG in Same Subject in which vacancies are advertised and are deserving to teach their specialized subject.


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UPTET : टीईटी पास अभ्यर्थियों ने दिखाई ताकत विधान भवन के सामने घंटे भर चला प्रदर्शन


UPTET : टीईटी पास अभ्यर्थियों ने दिखाई ताकत
विधान भवन के सामने घंटे भर चला प्रदर्शन ,
सीओ ने एक को जड़ा थप्पड़, पुलिस ने फटकारीं लाठियां






लखनऊ। मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेश के टीईटी उत्तीर्ण सैकड़ों अभ्यर्थियों ने मंगलवार को चारबाग से विधान भवन तक मार्च निकाला और सड़क पर बैठ कर प्रदर्शन किया। इस कारण लगभग एक घंटे तक चारबाग से आने वाला यातायात जाम रहा। इसी दौरान नारेबाजी करने वालों में एक को हजरतगंज के सीओ दिनेश यादव ने थप्पड़ जड़ दिया। इससे अभ्यर्थी भड़क उठे। बाद में प्रदर्शनकारियों को लाठियां फटकार कर पुलिस ने खदेड़ दिया।



देर शाम प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने वार्ता के लिए बुलाया। प्रमुख सचिव ने प्रदर्शन समाप्त करने की बात कहते हुए मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, विधानसभा सत्र के बाद टीईटी अभ्यर्थियों की मांगों को कैबिनेट में रखा जाएगा।
सुबह से ही विभिन्न जिलों से आए प्रदर्शनकारियों के जत्थे चारबाग स्टेशन से विधान भवन की ओर बढ़ने लगे। इनका नेतृत्व कर रहे गणेश शंकर दीक्षित ने बताया कि टीईटी उत्तीर्ण (2011) अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से पूर्व घोषित मांगों को पूरा करने को कहा है। नवंबर 2011 में प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार 72,825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। साथ ही हाईकोर्ट में शपथ-पत्र देकर टीईटी के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की कमी को देखते हुए 30 नवंबर 2011 को शुरू की गई प्रक्रिया बहाल करने की मांग भी इसमें शामिल है।
इलाहाबाद के विकास जायसवाल ने बताया कि सुबह साढ़े नौ बजे सभी टीईटी अभ्यर्थी चारबाग में इकट्ठे हुए। इसके बाद दोपहर 12 बजे से विधान भवन तक मार्च निकाला और वहीं जमीन पर बैठ गए। उनका आरोप है कि हजरतगंज सीओ दिनेश यादव ने उनके एक साथी को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। इससे अभ्यर्थी उग्र हो गए। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लाठियां फटकारते हुए खदेड़ दिया। शाम साढ़े तीन बजे उनकी वार्ता प्रमुख सचिव बेसिक से कराई गई। उन्होंने आश्वासन दिया कि विधानसभा सत्र के बाद उनकी मांगों को कैबिनेट में रखा जाएगा।

संघर्ष मोर्चा की तीन प्रमुख मांगें
•30 नवंबर 2011 की विज्ञप्ति के आधार पर 72,825 सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हो।
•हाईकोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर नियुक्तियां शुरू की जाएं।
•31 मार्च 2014 से पहले टीईटी उतीर्ण अभ्यर्थियों में से शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।

सरकार कर रही छलावा
अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार पर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से छलावा करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने बीते 5 अप्रैल को मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल को मेरिट के आधार पर नियुक्ति का आश्वासन दिया था लेकिन इसे दरकिनार करते हुए नई विज्ञप्ति जारी कर हमारे साथ छलावा किया गया है


News Sabhaar : Amar Ujala (11.9.13)



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नौकरियों में आरक्षित वर्ग का कितना प्रतिनिधित्व


UP Recruitment News : नौकरियों में आरक्षित वर्ग का कितना प्रतिनिधित्व!

Reservation in Government Jobs : Representation of reserved castes in Government Jobs.
It was asked to government that some castes obtained sufficient representation in government jobs or not.

As per news some castes achieved more than 50% of its representative in Government Jobs.And a writ is filed regarding representations from various reserved castes.

हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से मांगा जवाब पूछा- इस आंकड़े को जांचने के लिए कोई कमेटी बनाई गयी है या नहीं

इलाहाबाद (एसएनबी)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी कर प्रदेश सरकार से पूछा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग, एससी/एसटी के लोगों का सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व देने का मापदण्ड क्या है। कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा है कि क्या इन श्रेणी के लोगों को सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल चुका है या नहीं। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश जारी कर दो सप्ताह के अंदर इस आशय का भी हलफनामा मांगा है कि विगत दस वर्ष से ओबीसी, एससी/एसटी वर्ग के किन लोगों का सरकारी नौकरियों में कितना प्रतिनिधित्व मिल चुका है। इसके जांच की क्या कोई कमेटी गठित है और अगर है तो उसकी रिपोर्ट कोर्ट में दी जाए। कोर्ट ने विशेष सचिव के अधिकारी से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने सुमित कुमार शुक्ला व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001 की गणना के अनुसार विगत वर्षो में मिले ओबीसी, एससी/एसटी को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रतिनिधित्व उनकी आवश्यकता से अधिक हो गया है। कहा गया है उक्त तीनों वगरे में कुछ वर्ग का प्रतिनिधित्व ज्यादा हो गया है जो असंवैधानिक है। याचिका में दायर पूरक शपथ पत्र में कहा गया है कि एससी श्रेणी के चमार, घूसिया, जाटव का गुप ‘ए’

श्रेणी में सेवा 60.93 प्रतिशत है। 

ग्रुप  ˜बी  सेवाओं में 68.93, ग्रुप  ˜सी  में 61.23 तथा ग्रुप   डी में 45.50 प्रतिशत तक हो गया है। याचिका के अनुसार उक्त तीनों श्रेणी के लोगों का प्रदेश की सेवाओं में जोड़कर 59.67 प्रतिनिधित्व हो गया है। इसी प्रकार 

कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी के अहिर, यादव, यदुवंशी एवं ग्वाला का भी प्रतिनिधित्व सरकारी नौकरियों में अधिक है। याचिका में आरोप लगाया है कि ओबीसी, एससी व एसटी श्रेणी में शामिल कुछ वर्ग अथवा जाति के लोगों का सरकारी सेवाओं में अधिक प्रतिनिधित्व मिल चुका है जो असंवैधानिक है। हाईकोर्ट इस याचिका पर 30 सितम्बर को सुनवाई करेगी


News Sabhaar : rashtriyasahara (12.9.13)


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UPTET : टीईटी की अनिवार्यता पर केंद्र व यूपी सरकार से जवाब तलब


UPTET : टीईटी की अनिवार्यता पर केंद्र व यूपी सरकार से जवाब तलब




नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लागू किए गए टीचर एलिजेबिलटी टेस्ट (टीईटी) के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इस मुद्दे पर विशिष्ट बीटीसी में 2007-08 में उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों ने सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
सर्वोच्च अदालत से इन अभ्यर्थियों ने कहा है कि टीईटी को लागू किए जाने से पहले उनका कोर्स पूरा हो चुका था। लेकिन तब गैर-एनसीटीई संस्थानों से मान्यता प्राप्त डिग्रियां होने के आधार पर राज्य सरकार ने प्रशिक्षण से रोक दिया था। लेकिन सर्वोच्च अदालत ने अक्तूबर, 2010 में दिए फैसले में अभ्यर्थियों की बीएड डिग्रियों को सही करार दिया। हालांकि इससे पहले राज्य सरकार ने अगस्त, 2010 में टीईटी लागू कर दिया। अब प्रशिक्षण पूरा करने के बावजूद राज्य सरकार कह रही है कि टीईटी परीक्षा पास किए बगैर कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी।
जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष राम प्रकाश शर्मा समेत आठ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता आरके सिंह ने तर्क दिया कि मेरे मुवक्किलों ने टीईटी लागू किए जाने से पहले विशिष्ट बीटीसी में सफलता हासिल की थी। लेकिन राज्य सरकार की ओर से डिग्रियों पर सवाल उठाए जाने के बाद प्रशिक्षण नहीं हो पाया। अब मेरे सभी मुवक्किलों समेत कई हजार लोगों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। लेकिन राज्य सरकार अब इस पर आमादा है कि अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए इन सबके लिए भी टीईटी पास करना जरूरी है



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72825 Teacher Recruitment / UP-TET 2011 : विधान भवन के सामने प्रदर्शन के चलते गंज समेत कई इलाकों में हुई परेशानी


72825 Teacher Recruitment / UP-TET 2011 : विधान भवन के सामने प्रदर्शन के चलते गंज समेत कई इलाकों में हुई परेशानी
तीन घंटे जाम से जूझे राहगीर

72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011, UPTET







लखनऊ। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार दोपहर विधान भवन के सामने की सड़क पर कब्जा कर लिया। इसके चलते शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में शुमार रूट के साथ ही आसपास के इलाकों में भी भयंकर जाम लग गया। दोपहर 12 बजे से गंज, लालबाग, एनेक्सी, बार्लिंगटन चौराहा से लेकर चारबाग और कैसरबाग तक पर इंच-इंच बढ़ने को लेकर मारामारी रही। बावजूद इसके जिला प्रशासन और पुलिस मूक दर्शक बनी रही। यातायात विभाग ने डायवर्जन कराया लेकिन हालात जस के तस रहे। करीब दो घंटे बाद प्रदर्शनकारियों को धरनास्थल भेजा गया और तीन घंटे बाद यातायात सामान्य हो सका।
राजधानी में मंगलवार दोपहर विधान सभा घेराव करने जा रहे टीईटी उत्तीर्ण 2011 संघर्ष के पदाधिकारियों को पुलिस ने रॉयल होटल निकट (बापू भवन) के पास रोक लिया। धरनास्थल ले जाते समय प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए। विधानभवन-चारबाग रूट पर जाम लगने लगा। मुख्य मार्ग पर यातायात ठप होते ही गंज, लालबाग, चारबाग, बंदरियाबाग, हुसैनगंज, एनेक्सी से लेकर आसपास के सभी इलाकों में वाहनों की लाइनें लग गईं। बैरीकेडिंग कर यातायात सामान्य करने की कोशिश भी नाकाफी रही। दो घंटे तक प्रदर्शनकारी विधान भवन के सामने डटे रहे। पुलिस ने गंज से चारबाग जाने वाले वाहनों को विधानभवन से पहले लालबाग की ओर मोड़ दिया। एनेक्सी और सिविल अस्पताल की ओर से विधानभवन के पीछे से होकर आने वाले वाहनों को बापू भवन चौराहे से मोड़कर स्थित संभालने की कोशिश की गई। चारबाग आने-जाने वाले यात्रियों, सिविल व झलकारी बाई जाने वाले मरीजों के साथ ही अन्य राहगीरों को परेशानी हुई
उधर, यातायात के बढ़ते दबाव और स्कूल की छुट्टी होने का समय होने के चलते पुलिस के हाथ पैर फूलने लगे। पुलिस ने आलाधिकारियों से वार्ता का आश्वासन देकर प्रदर्शनकारियों को धरनास्थल भेजकर यातायात सामान्य कराया गया। एसपी ट्रैफिक सभाराज का कहना है कि प्रदर्शन के चलते कुछ देर के लिए जाम लगा था, जिसे जल्द ही संभाल लिया गया।



News Sabhaar : अमर उजाला (10.9.13)


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Shiksha Mitra News : शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने का प्रस्ताव निदेशालय ने भेजा

Shiksha Mitra News : शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने का प्रस्ताव निदेशालय ने भेजा







•उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन का भ्‍ाी दिया है सुझाव

लखनऊ । बेसिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के 1.76 लाख शिक्षामित्रों को दो वर्षीय प्रशिक्षण के बाद परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाने संबंधी प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इसमें उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन का सुझाव भी दिया गया है। शिक्षामित्रों को टीईटी के दायरे में रखने या बाहर किए जाने पर विचार के लिए शासन स्तर पर जल्द ही अफसरों की एक बैठक बुलाई जाएगी। वहीं टीईटी की अनिवार्यता संबंधी हाईकोर्ट के 30 मई के आदेश पर न्याय विभाग से भी राय ली जाएगी
राज्य सरकार शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण के बाद प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाना चाहती है, लेकिन हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना के आधार पर कक्षा 8 तक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी को अनिवार्य कर दिया है। बेसिक शिक्षा निदेशालय के नियमावली में संशोधन के सुझाव में टीईटी आड़े आ रही है। शिक्षामित्र टीईटी देने के लिए तैयार नहीं है
वे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी तक से विरोध दर्ज करा चुके हैं। इसलिए शासन स्तर पर यह तय किया गया है कि नियमावली को संशोधित करने से पहले अधिकारियों से राय ले ली जाए। इसके आधार पर अंतिम निर्णय किया जाएगा।


News Sabhaar : अमर उजाला (10.9.13)



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Wednesday, September 11, 2013

UP-TET 2011 : प्रभा त्रिपाठी के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही समाप्त


UP-TET 2011 : प्रभा त्रिपाठी के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही समाप्त






लखनऊ : फैजाबाद मंडल की संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रभा त्रिपाठी के खिलाफ चल रही अनुशासनिक कार्यवाही समाप्त कर दी गई है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।

वर्ष 2011 में आयोजित हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा के दौरान प्रभा त्रिपाठी यूपी बोर्ड के सचिव पर कार्यरत थीं। उन पर आरोप था कि टीईटी में गड़बड़ी उजागर होने के बाद उन्होंने विभाग को टीईटी 2011 से संबंधित अभिलेख नहीं सौंपे और उन्हें अनधिकृत रूप से अपने पास रखा। उनके खिलाफ तत्कालीन अपर निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) अमरनाथ वर्मा द्वारा की गई जांच में उन पर लगे आरोप सिद्ध नहीं हो पाये। लिहाजा शासन ने उनके खिलाफ चल रही अनुशासनिक कार्यवाही खत्म कर दी है


News Sabhaar : Jagran (10.9.13)
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Tuesday, September 10, 2013

UPTET 2013 / BTC : उर्दू डिग्री धारकों ने किया प्रदर्शन


UPTET 2013 / BTC : उर्दू डिग्री धारकों ने किया प्रदर्शन







लखनऊ  समाजवादी पार्टी द्वारा सहायक अध्यापक उर्दू के पदों पर निकाले गए विज्ञापन में सामान्य बीटीसी को शामिल करने के फैसले पर उर्दू डिग्री धारकों ने नाराजगी जताई है। सोमवार को उर्दू डिग्री धारकों ने मोअल्लिम-ए-उर्दू एसोसिएशन के बैनर तले विधान भवन के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हेसामुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी द्वारा अब तक आश्वासन दिया जाता रहा है कि सभी मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धाकरों की भर्ती बगैर टीईटी के कराई जाएगी। मगर, मौजूदा वक्त में लगभग पांच हजार मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारक टीईटी उत्तीर्ण कर चुके हैं और 4 हजार 280 को उर्दू अध्यापक पद पर तैनात किया जा चुका है। अब इन पदों पर सामान्य बीटीसी प्रशिक्षकों को शामिल करके मोअल्लिमानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है


News Sabhaar : Amar Ujala (10.9.13)

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