क्या बीमारी के कारण कुर्सी छोड़ देंगे चौटाला
नयी दिल्ली: कोर्ट ने बीमारी के आधार पर उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाने से साफ इन्कार करते हुए कहा कि क्या सत्ता में आने पर वह बीमारी के कारण कुर्सी छोड़ देंगे? पीठ ने कहा कि वह अस्पताल में नहीं रह सकते। वह बिल्कुल ठीक हैं और उन्हें जेल जाना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रभावी और अमीर लोगों के विशेष सुविधाएं लेने पर कड़ी टिप्पणियां भी कीं। हालांकि कोर्ट ने चौटाला को समर्पण करने के लिए छह दिन का और समय दे दिया
उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की अवधि बढ़ाने के लिये दायर याचिका आज खारिज कर दी. न्यायालय ने कहा कि उच्च स्तरीय मेडिकल बोर्ड की राय में स्पष्ट है कि अब उनके अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं है.न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने चौटाला की याचिका खारिज करने के साथ ही उन्हें जेल प्रशासन के समक्ष समर्पण के लिये 23 सितंबर तक का वक्त दिया है. पहले उन्हें 17 सितंबर तक समर्पण करना था. न्यायालय ने कहा कि चौटाला को हर कीमत पर 23 सितंबर तक समर्पण कर देना चाहिए.
न्यायालय ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि आवश्यकता पड़ने पर चौटाला को उचित, प्रभावी और दक्षता प्राप्त चिकित्सा सहायता उपलब्ध करायी जाये.इंडियन नेशनल लोकदल के 78 वर्षीय नेता ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की अवधि बढाने से उच्च न्यायालय के इंकार के बाद शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय ने 6 सितंबर को उनकी याचिका खारिज करते हुये उन्हें 17 सितंबर तक जेल प्रशासन के समक्ष समर्पण का निर्देश दिया था. उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर चौटाला की जमानत की अवधि बढ़ाने से इंकार कर दिया था. बोर्ड ने कहा था कि अब चौटाला के अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं है.
पीठ ने सजा के खिलाफ दाखिल चौटाला की अपील पर हाई कोर्ट के शीघ्र सुनवाई करने पर टिप्पणियां भी कीं। कहा कि उनकी अपील तो जनवरी में दाखिल हुई और उस पर सुनवाई भी होने लगी जबकि यहां (सुप्रीम कोर्ट) में वर्ष 2005 में मौत की सजा के केस अभी लंबित हैं।
दिल्ली की विशेष अदालत ने 22 जनवरी को शिक्षक भर्ती घोटाले में चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला को दस दस साल की तथा 53 अन्य दोषियों को अलग अलग अवधि की सजा सुनायी थी. इनमें से 44 दोषियों का चार चार साल की और एक दोषी को पांच साल की कैद की सजा सुनायी गयी है. चौटाला ने दस साल की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है
गौरतलब है कि चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला और 53 अन्य जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षक भर्ती घोटाले में अलग अलग समय के लिए जेल में सजा काट रहे हैं